DISTRICT WISE NEWS

अंबेडकरनगर अमरोहा अमेठी अलीगढ़ आगरा इटावा इलाहाबाद उन्नाव एटा औरैया कन्नौज कानपुर कानपुर देहात कानपुर नगर कासगंज कुशीनगर कौशांबी कौशाम्बी गाजियाबाद गाजीपुर गोंडा गोण्डा गोरखपुर गौतमबुद्ध नगर गौतमबुद्धनगर चंदौली चन्दौली चित्रकूट जालौन जौनपुर ज्योतिबा फुले नगर झाँसी झांसी देवरिया पीलीभीत फतेहपुर फर्रुखाबाद फिरोजाबाद फैजाबाद बदायूं बरेली बलरामपुर बलिया बस्ती बहराइच बागपत बाँदा बांदा बाराबंकी बिजनौर बुलंदशहर बुलन्दशहर भदोही मऊ मथुरा महराजगंज महोबा मिर्जापुर मीरजापुर मुजफ्फरनगर मुरादाबाद मेरठ मैनपुरी रामपुर रायबरेली लखनऊ लख़नऊ लखीमपुर खीरी ललितपुर वाराणसी शामली शाहजहाँपुर श्रावस्ती संतकबीरनगर संभल सहारनपुर सिद्धार्थनगर सीतापुर सुलतानपुर सुल्तानपुर सोनभद्र हमीरपुर हरदोई हाथरस हापुड़

Sunday, December 10, 2017

विश्वविद्यालयों में प्रोफेसर बनने के लिए चयन का आधार अब अकेले शोध या डिग्रियां ही नहीं, नेतृत्व क्षमता भी हो चयन का आधार

विश्वविद्यालयों में प्रोफेसर बनने के लिए चयन का आधार अब अकेले शोध या डिग्रियां ही नहीं होगी, बल्कि इसके लिए प्रशासनिक और नेतृत्व क्षमता की भी परख होगी। मानव संसाधन विकास मंत्रलय जल्द ही विश्वविद्यालयों में नियुक्त होने वाली फैकेल्टी के चयन में इसे अनिवार्य कर सकता है। फिलहाल मंत्रलय ने हाल ही में देश के चुनिंदा विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ चर्चा में यह राय साझा की है। कुलपतियों को इस पर अमल करने की सलाह भी दी गई है। मंत्रलय ने विश्वविद्यालयों को यह सलाह ऐसे समय दी है, जब मौजूदा समय में अकेले केंद्रीय विश्वविद्यालयों में ही प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर और सहायक प्रोफेसर के करीब छह हजार पद खाली पड़े हैं। जिन्हें भरने की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। मंत्रलय ने विश्वविद्यालयों को खाली पड़े पदों को जल्द भरने के निर्देश भी दिए हैं। माना जा रहा है कि विश्वविद्यालयों में खाली पड़े इन पदों के चयन में इस सलाह को अजमाया जा सकता है। देशभर के चुनिंदा 75 विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ 7 और 8 दिसंबर को हुई ‘लीडरशिप डेवेलपमेंट इन हायर एजुकेशन’ विषय पर चर्चा के दौरान मंत्रलय ने सभी से विश्वस्तरीय बनने की दिशा में आगे बढ़ने की पहल की

No comments:
Write comments