आज से शुरू हो रहीं परीक्षाओं से ठीक पहले लखनऊ विश्वविद्यालय का सख्त फैसला
आईटी कॉलेज ने बीएड में गलत तरीके से दाखिले लिए थे। कॉलेज
पर अनुशासनहीनता की भी कार्रवाई होगी। फर्जी एडमिशन के लिए एलयू जिम्मेदार नहीं है। - प्रो. एसपी सिंह, एलयू-वीसी
वीसी प्रो.एसपी सिंह ने एडमिशन रद करने के साथ ही रजिस्ट्रार राजकुमार सिंह को आदेश दिया है कि आईटी कॉलेज की बीएड की सम्बद्धता रद करने या जुर्माना लगाने में से जो भी, नियमों के मुताबिक सही हो, किया जाए।
सम्बद्धता जाएगी या जुर्माना लगेगा
10 साल से चल रहा था फर्जीवाड़ा• 2011 के रेगुलेशन के तहत, माइनॉरिटी कॉलेजों को बीएड में आधे दाखिले राज्य प्रवेश परीक्षा से लेने होते हैं। विश्वविद्यालय का कहना है कि कॉलेज ने इस रेगुलेशन का पालन नहीं किया।• आधी सीटों पर अपने स्तर से प्रवेश के लिए कॉलेज को एलयू से अप्रूवल लेना होता है। आईटी कॉलेज 10 साल से बीएड प्रवेश प्रक्रिया अप्रूव नहीं करवा रहा है। • 2007 में माइनॉरिटी स्टेटस को लेकर दायर एक याचिका पर हाई कोर्ट ने आईटी कॉलेज को सिर्फ उसी सत्र में बीएड में दाखिले लेने की छूट दी थी। कॉलेज उसके आधार पर दस साल से दाखिले ले रहा है। विश्वविद्यालय का मानना है कि आईटी कॉलेज ने इस आदेश को गलत तरह से पेश कर दस साल तक एलयू को अंधेरे में रखा गया।
एडमिशन गलत थे तो एलयू को पहले कार्रवाई करनी चाहिए थी। एग्जाम से एक दिन पहले एडमिशन रद करना सही नहीं है। - विनीता प्रकाश, प्रिंसिपल-आईटी
ने लगातार नोटिस भेजकर स्पष्टीकरण मांगा लेकिन कॉलेज ने जवाब नहीं दिया। गुरुवार को विश्वविद्यालय की जांच समिति के सामने आईटी की प्रिंसिपल विनीता प्रकाश और मैनेजर ई.चार्ल्स भी कॉलेज पर लगे आरोपों को गलत नहीं साबित कर पाईं। शुक्रवार को दाखिले रद करने का आदेश जारी हो गया।
सम्बद्धता जाएगी या जुर्माना लगेगा
10 साल से चल रहा था फर्जीवाड़ा• 2011 के रेगुलेशन के तहत, माइनॉरिटी कॉलेजों को बीएड में आधे दाखिले राज्य प्रवेश परीक्षा से लेने होते हैं। विश्वविद्यालय का कहना है कि कॉलेज ने इस रेगुलेशन का पालन नहीं किया।• आधी सीटों पर अपने स्तर से प्रवेश के लिए कॉलेज को एलयू से अप्रूवल लेना होता है। आईटी कॉलेज 10 साल से बीएड प्रवेश प्रक्रिया अप्रूव नहीं करवा रहा है। • 2007 में माइनॉरिटी स्टेटस को लेकर दायर एक याचिका पर हाई कोर्ट ने आईटी कॉलेज को सिर्फ उसी सत्र में बीएड में दाखिले लेने की छूट दी थी। कॉलेज उसके आधार पर दस साल से दाखिले ले रहा है। विश्वविद्यालय का मानना है कि आईटी कॉलेज ने इस आदेश को गलत तरह से पेश कर दस साल तक एलयू को अंधेरे में रखा गया।
एडमिशन गलत थे तो एलयू को पहले कार्रवाई करनी चाहिए थी। एग्जाम से एक दिन पहले एडमिशन रद करना सही नहीं है। - विनीता प्रकाश, प्रिंसिपल-आईटी
ने लगातार नोटिस भेजकर स्पष्टीकरण मांगा लेकिन कॉलेज ने जवाब नहीं दिया। गुरुवार को विश्वविद्यालय की जांच समिति के सामने आईटी की प्रिंसिपल विनीता प्रकाश और मैनेजर ई.चार्ल्स भी कॉलेज पर लगे आरोपों को गलत नहीं साबित कर पाईं। शुक्रवार को दाखिले रद करने का आदेश जारी हो गया।
8...तो आईटी में पिछले साल हुए एडमिशन भी रद होंगे : पेज 12• एनबीटी संवाददाता, लखनऊ : ईसाबेला थॉबर्न कॉलेज (आईटी कॉलेज) में इस साल बीएड के लिए एडमिशन लेने वाली छात्राएं शनिवार से शुरू हो रही सेमेस्टर परीक्षाओं में नहीं बैठ पाएंगी। लखनऊ विश्वविद्यालय ने शुक्रवार को कहा कि आईटी कॉलेज के 2017-18 सत्र के बीएड के सभी 60 दाखिले गलत हैं। शनिवार से होने वाली सेमेस्टर परीक्षाओं में आईटी की स्टूडेंट्स को एलयू परीक्षा नहीं दिलवाएगा। एलयू ने इन छात्राओं से न फीस ली है न एडमिशन लिया है, इसलिए छात्राएं और कॉलेज आपस में मामला सुलझाएं। एलयू का इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है।
एलयू और आईटी कॉलेज के बीच बीएड को लेकर विवाद दाखिलों के समय से ही शुरू हो गया था। आईटी कॉलेज ने अपनी बीएड की सीटें एलयू की काउंसलिंग में नहीं जुड़वाईं। राज्य प्रवेश परीक्षा के अभ्यर्थियों को न लेकर बीएड में सभी एडमिशन खुद ही कर लिए थे। अधिकारियों के अनुसार, विश्वविद्यालय
आईटी में बीएड के सभी दाखिले रद
आईटी में बीएड के सभी दाखिले रद
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