विशिष्ट बीटीसी 2004 बैच के प्रशिक्षुओं का आखिरकार विभाग को मानदेय देना ही पड़ रहा है। वर्षों से विभाग उनकी धनराशि पर कुंडली मारे बैठा था। मामला उच्च न्यायालय तक पहुंचा तो न्यायालय ने कड़ा रुख अख्तियार किया। हालांकि फिर भी विभाग सोता रहा अब अवमानना की कार्रवाई की नौबत आई है तो मानदेय जारी करने का आदेश दिया गया है।
बीटीसी 2004 प्रशिक्षण के दौरान काफी संख्या में प्रशिक्षुओं को मानदेय नहीं दिया गया था। वैसे तो प्रशिक्षुओं को मात्र 2500 रुपये दिए जाते हैं, लेकिन उस पर भी विभाग ने कुंडली मार ली थी। मई 2005 से दिसंबर 2005 तक के मानदेय की मांग को लेकर प्रशिक्षु लड़ाई लड़ते रहे। हालांकि उन्हें नौकरी भी मिल गई, लेकिन हक की लड़ाई जारी रखी। विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष व वर्तमान में भरावन विकास खंड में तैनात संतोष तिवारी ने मामला उच्च न्यायालय तक पहुंचाया। जैसा कि बताया कि न्यायालय ने तो दिसंबर 2014 में ही आदेश जारी कर दिया था, लेकिन विभाग ने ध्यान नहीं दिया था। जिस पर अवमानना याचिका दाखिल की गई और उसी पर बेसिक शिक्षा सचिव की तरफ से आदेश जारी किया गया है और अविलंब भुगतान की बात कही गई है
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