DISTRICT WISE NEWS

अंबेडकरनगर अमरोहा अमेठी अलीगढ़ आगरा इटावा इलाहाबाद उन्नाव एटा औरैया कन्नौज कानपुर कानपुर देहात कानपुर नगर कासगंज कुशीनगर कौशांबी कौशाम्बी गाजियाबाद गाजीपुर गोंडा गोण्डा गोरखपुर गौतमबुद्ध नगर गौतमबुद्धनगर चंदौली चन्दौली चित्रकूट जालौन जौनपुर ज्योतिबा फुले नगर झाँसी झांसी देवरिया पीलीभीत फतेहपुर फर्रुखाबाद फिरोजाबाद फैजाबाद बदायूं बरेली बलरामपुर बलिया बस्ती बहराइच बागपत बाँदा बांदा बाराबंकी बिजनौर बुलंदशहर बुलन्दशहर भदोही मऊ मथुरा महराजगंज महोबा मिर्जापुर मीरजापुर मुजफ्फरनगर मुरादाबाद मेरठ मैनपुरी रामपुर रायबरेली लखनऊ लख़नऊ लखीमपुर खीरी ललितपुर वाराणसी शामली शाहजहाँपुर श्रावस्ती संतकबीरनगर संभल सहारनपुर सिद्धार्थनगर सीतापुर सुलतानपुर सुल्तानपुर सोनभद्र हमीरपुर हरदोई हाथरस हापुड़

Tuesday, January 30, 2018

बोर्ड परीक्षा : एलआइयू को जिला विद्यालय निरीक्षकों को रिपोर्ट देने का निर्देश, 2087 परीक्षा केंद्रों की होगी विशेष निगरानी

यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा में नकल माफिया का कितना दखल है, इसका अंदाजा सिर्फ इसी से लगाया जा सकता है कि परीक्षा के लिए तय केंद्रों में से एक चौथाई (2087) को नकल के मामले में संवेदनशील व अति संवेदनशील घोषित किया गया है। इन केंद्रों पर नकल पर अंकुश लगाना सरकार, बोर्ड व जिला प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती होगी। यह भी सवाल उठ रहा है कि आखिर ऐसे कालेजों को परीक्षा केंद्र बनाया ही क्यों गया, जो नकल के लिए कुख्यात थे?

माध्यमिक शिक्षा परिषद यानी यूपी बोर्ड की परीक्षाएं छह फरवरी से शुरू हो रही हैं। इसके लिए प्रदेश भर में 8549 परीक्षा केंद्रों का निर्धारण हुआ है, जहां पर 60 लाख से अधिक परीक्षार्थी इम्तिहान देंगे। प्रदेश सरकार ने इस बार परीक्षा केंद्र निर्धारण में पारदर्शिता व नकल माफियाओं पर अंकुश लगाने के लिए बोर्ड मुख्यालय पर साफ्टवेयर का प्रयोग किया। केंद्र तय करने के पहले फेज में सही से कार्य हुआ लेकिन, बाद में शासन ने परीक्षा की जिला समितियों का हस्तक्षेप यह कहकर बढ़वा दिया कि परीक्षा नकल विहीन कराने का दायित्व उन्हीं का है। ऐसे में बड़ी संख्या में ऐसे कालेज भी केंद्र बन गए हैं, जो नकल के मामले में खासे कुख्यात हैं। बोर्ड ने सभी जिलों व क्षेत्रीय कार्यालयों से रिपोर्ट लेने के बाद संवेदनशील व अति संवेदनशील परीक्षा केंद्रों की संख्या जारी की है। इसमें 1521 संवेदनशील व 566 अति संवेदनशील केंद्र चिन्हित हुए हैं, यह आंकड़ा कुल परीक्षा केंद्रों का एक चौथाई है। इसी से साफ है कि नकल माफिया अपने चहेते कालेजों को केंद्र बनवाने में सफल हो गए हैं। सरकार ने नकल रोकने के लिए इस बार सख्त निर्देश दिए हैं। अति संवेदनशील केंद्रों की निगरानी एसटीएफ से कराने को कहा गया है, वहीं स्थानीय खुफिया एजेंसियों एलआइयू को भी जिला विद्यालय निरीक्षकों को रिपोर्ट देने का निर्देश है। इसके लिए चिह्न्ति केंद्रों पर अतिरिक्त केंद्र व्यवस्थापक व स्टेटिक मजिस्ट्रेट तैनात करने को कहा गया है। जिलों में यह सब भारी भरकम इंतजाम इसलिए करना पड़ रहा है, क्योंकि दागी कालेजों को केंद्र बनने का मौका मिल गया है। जिला प्रशासन के साथ ही बोर्ड मुख्यालय के अफसर भी चिह्न्ति केंद्रों के लिए विशेष रणनीति बनाने में जुटे हैं।रा

No comments:
Write comments