DISTRICT WISE NEWS

अंबेडकरनगर अमरोहा अमेठी अलीगढ़ आगरा इटावा इलाहाबाद उन्नाव एटा औरैया कन्नौज कानपुर कानपुर देहात कानपुर नगर कासगंज कुशीनगर कौशांबी कौशाम्बी गाजियाबाद गाजीपुर गोंडा गोण्डा गोरखपुर गौतमबुद्ध नगर गौतमबुद्धनगर चंदौली चन्दौली चित्रकूट जालौन जौनपुर ज्योतिबा फुले नगर झाँसी झांसी देवरिया पीलीभीत फतेहपुर फर्रुखाबाद फिरोजाबाद फैजाबाद बदायूं बरेली बलरामपुर बलिया बस्ती बहराइच बागपत बाँदा बांदा बाराबंकी बिजनौर बुलंदशहर बुलन्दशहर भदोही मऊ मथुरा महराजगंज महोबा मिर्जापुर मीरजापुर मुजफ्फरनगर मुरादाबाद मेरठ मैनपुरी रामपुर रायबरेली लखनऊ लख़नऊ लखीमपुर खीरी ललितपुर वाराणसी शामली शाहजहाँपुर श्रावस्ती संतकबीरनगर संभल सहारनपुर सिद्धार्थनगर सीतापुर सुलतानपुर सुल्तानपुर सोनभद्र हमीरपुर हरदोई हाथरस हापुड़

Sunday, January 7, 2018

बलिया : गुरुजनों की उपस्थिति जांचेंगे ग्राम प्रधान, प्रतिमाह प्रधान विभाग को देंगे रिपोर्ट

नई पहल  स्थानीय जनप्रतिनिधियों को महत्व देने व शिक्षकों की उपस्थिति में सुधार के लिए हुई पहल शिक्षा के स्तर में सुधार के लिए शासन ने लिए निर्णय,

परिषदीय स्कूलों में उपस्थिति को लेकर शिक्षकों की चली आ रही मनमानी अब संभव नहीं हो सकेगी। जी हां शासन ने शिक्षकों की विद्यालयों में समय से उपस्थिति सुनिश्चित कराने व उनकी मनमानी पर नकेल कसने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। शासन ने शिक्षकों की उपस्थिति देखने व जांचने के लिए ग्राम प्रधानों को जिम्मेदारी दी है। ग्राम प्रधान अब शिक्षकों की पूरे माह की उपस्थिति जांचेंगे और इसकी रिपोर्ट विभाग को प्रेषित करेंगे। शासन ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों को महत्व देने व शिक्षकों की उपस्थिति को सुधारने के लिए यह पहल की है। अभी तक तमाम प्रयासों के बाद भी विद्यालयों में शिक्षकों की उपस्थिति को लेकर कोई सुधार संभव नहीं हो पा रहा है। जनपद में आज भी बहुतेरे विद्यालय ऐसे हैं जिनमें शिक्षक मनमाने तौर पर ही आने-जाने का काम करते हैं। इसमें कई जगह तो स्थिति है कि शिक्षक स्थानीय खंड शिक्षाधिकारियों से मिलीभगत कर पूरे माह में एकाध बार ही स्कूल में बस दर्शन देने मात्र के लिए आते हैं और वेतन नियमित रूप से उठाते हैं। ग्रामीण इलाकों में इस तरह के हालात कुछ अधिक ही हैं। खासकर द्वाबा क्षेत्र व गंगा व घाघरा किनारे बने स्कूलों में इस तरह की स्थिति ज्यादा है। बड़ी बात है कि इसे लेकर विभागीय स्तर पर तमाम कवायदें भी की जाती हैं लेकिन धरातल पर इसका असर दिखाई नहीं देता है। इसमें अभी हाल-फिलहाल में विभागीय स्तर पर पड़ताल कर ऐसे दर्जनों ऐसे शिक्षकों का वेतन भी रोका गया तो कई निलंबित हुए फिर भी कई जगह आज भी शिक्षकों की मनमानी बदस्तूर जारी है। ऐसे में तमाम पहलुओं व गतिविधियों के बाद शासन ने अब शिक्षकों की स्थिति में सुधार लाने के लिए यह निर्णय लिए हैं। इसके तहत ग्राम प्रधान अपने ग्राम पंचायत स्थित परिषदीय स्कूलों में प्रतिदिन समय से शिक्षकों की उपस्थिति को देखेंगे और महीने में इसकी पूरी रिपोर्ट तैयार कर विभागीय अधिकारी को सौंपेंगे। ऐसे में फरमान आने के बाद विभाग भी इसके कवायद में जुट गया है।

बीएसए संतोष कुमार राय ने कहा कि इसे पूरे जिले में लागू कराने के लिए मंडलायुक्त ने फरमान जारी किए थे। इसके लागू हो जाने के बाद निश्चित तौर पर शिक्षकों की उपस्थिति में सुधार होगा। कहा यदि ग्राम प्रधान मिले इस दायित्व का सही ढंग से निर्वहन करेंगे तो काफी बड़ी समस्या का समाधान हो जाएगा। फिलवक्त इसके अनुपालन की कवायद शुरू कर दी गई है।

No comments:
Write comments