यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा में फर्जी परीक्षार्थियों के कारण प्रवेशपत्र वितरण में देरी हुई है, फिर भी बोर्ड प्रशासन इस माह के अंत तक यह कार्य पूरा करने का दावा कर रहा है। यही नहीं उन परीक्षार्थियों को भी इम्तिहान में शामिल होने का मौका मिलेगा, जिन्होंने जांच के दौरान अपना सत्यापन पूरा करा लिया है। यह कार्य इसी सप्ताह पूरे होने के आसार हैं।
यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटर की परीक्षा के लिए कई ऐसे अभ्यर्थियों ने आवेदन कर दिया है, जिनका पंजीकरण और किस विद्यालय या जिले से आए हैं इसका स्पष्ट ब्योरा नहीं है। बोर्ड प्रशासन ऐसे अभ्यर्थियों को फर्जी मान रहा है। इस बार मेरठ क्षेत्रीय कार्यालय में बड़ी संख्या में और अन्य जिलों में भी परीक्षार्थी पकड़ में आए हैं। उन सभी की क्षेत्रीय कार्यालय के स्तर पर विस्तृत जांच चल रही है।
साथ ही इससे शासन को भी अवगत कराया गया है। यह प्रकरण सामने आने पर पिछले वर्ष का प्रकरण भी खुल गया है, जिसमें अलीगढ़, आगरा आदि में करीब 17 हजार अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हो गए थे। इस पर शासन खासा गंभीर हुआ। अफसर ऐसे जिलों को चिह्न्ति करके वहां के जिला विद्यालय निरीक्षकों पर कड़ी कार्रवाई करने की तैयारी में हैं। कहा जा रहा है कि ऑनलाइन आवेदन और तमाम सुरक्षा उपाय होने के बाद भी आखिर इतनी तादाद में परीक्षार्थी आवेदन करके परीक्षा में शरीक कैसे हो गए? शासन ने ही कड़े निर्देश दिए हैं कि सभी आवेदकों की विस्तृत जांच कराकर फर्जी अभ्यर्थियों की छंटनी की जाए और उन्हें किसी भी दशा में परीक्षा में शामिल न होने दिया जाए।
बोर्ड प्रशासन की मानें तो अब तक करीब पचास अभ्यर्थी फर्जी बताए जा रहे हैं, जांच पूरी होने पर सही तस्वीर सामने आएगी। पश्चिमी जिलों में यह संख्या अधिक है, जबकि मध्य व पूरब में भी फर्जी अभ्यर्थी मिल रहे हैं। वहीं, अगले वर्षो में ऐसे अभ्यर्थी दावेदारी ही न कर सके इसके लिए रणनीति बनाई जा रही है। राहत की बात यह है कि जिन अभ्यर्थियों ने अपने अभिलेख दिखाएं हैं उन्हें परीक्षा में शामिल किया जाएगा। यूपी बोर्ड की सचिव नीना श्रीवास्तव ने बताया कि यह कार्य इसी सप्ताह पूरा होगा।
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