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Tuesday, January 2, 2018

तमाम तरह की ऑनलाइन सुविधाएं मिलेंगी यूपी बोर्ड परीक्षा के बाद, अभ्यर्थियों और अभिभावकों की दौड़ धूप होगी कम

■  अगस्त से अंक व प्रमाणपत्र अपलोड करने की चल रही प्रक्रिया
■  अक्टूबर में ही तीन वर्ष के रिकॉर्ड वेबसाइट पर होने के अपलोड


इलाहाबाद : प्रदेश सरकार की मंशा है कि आम लोगों को हर तरह की सुविधा आसानी से मुहैया हो, उन्हें अनायास भागदौड़ न करनी पड़ी। इसी सिलसिले में यूपी बोर्ड के अंक व प्रमाणपत्र को वेबसाइट पर ऑनलाइन अपलोड करने के निर्देश दिए गए हैं। यह प्रक्रिया अगस्त से चल रही है लेकिन, पहले निकाय चुनाव की आचार संहिता से विलंब हुआ और अब बोर्ड परीक्षाओं की रोड़ा बनी हैं। ऐसे में परीक्षाओं के बाद ही सुविधाएं शुरू होंगी।


माध्यमिक शिक्षा परिषद यानी यूपी बोर्ड के मुख्यालय और सभी क्षेत्रीय कार्यालयों में हर दिन अंक व प्रमाणपत्र की प्रति के लिए लोगों को समय और धन खर्च करना पड़ रहा है। इसके लिए तमाम जिलों के अभ्यर्थी व अभिभावक लंबी दूरी भी तय करते हैं। यही नहीं गलत लोगों के संपर्क में आकर वह सुविधा शुल्क भी देते हैं। इस पर अंकुश लगाने के लिए शासन ने निर्देश दिया है चरणबद्ध तरीके से पिछले वर्षो के अंक व प्रमाणपत्रों को ऑनलाइन अपलोड कर दिया जाए, ताकि अभ्यर्थी व अभिभावक घर बैठे इसकी प्रति प्राप्त कर लें।


इसके लिए अगस्त से बोर्ड मुख्यालय व क्षेत्रीय कार्यालयों पर अंक व प्रमाणपत्रों को स्कैन करने का कार्य चल रहा है। शासन का निर्देश रहा है कि 30 अक्टूबर तक तीन वर्षो के रिकॉर्ड ऑनलाइन अपलोड हो जाएं। इस दिशा में तेजी से कार्रवाई हुई और विभागीय मंत्री से इसका शुभारंभ कराने की रणनीति भी बनी लेकिन, नगर निकाय चुनाव की आचार संहिता के कारण उसे रोकना पड़ा। उसके बाद से बोर्ड में प्रायोगिक परीक्षाएं शुरू हुई और अब उत्तरपुस्तिकाएं और प्रश्नपत्र भेजने का सिलसिला शुरू हो गया है। ऐसे में ऑनलाइन सुविधा देने की प्रक्रिया बोर्ड परीक्षा के बाद ही शुरू हो सकेगी। बोर्ड सचिव नीना श्रीवास्तव ने बताया कि शासन ने 26 जनवरी 2018 तक दस वर्षो के रिकॉर्ड अपलोड करने का लक्ष्य तय किया था। यह प्रक्रिया चल रही है। मार्च में इसका शुभारंभ कराने की है।


अभिलेख सत्यापन में मिलेगी सहूलियत : बोर्ड सचिव ने बताया कि इस कार्य से सिर्फ अभ्यर्थी व अभिभावकों को ही नहीं बल्कि सरकारी महकमों को भी अभिलेखों के सत्यापन के लिए बोर्ड या फिर क्षेत्रीय कार्यालय वाहक नहीं भेजना होगा। साथ ही अभिलेखों की हेराफेरी पर भी विराम लग जाएगा। ज्ञात हो कि इलाहाबाद क्षेत्रीय कार्यालय में पिछले वर्षो में कई बार अभिलेखों से छेड़छाड़ के मामले सामने आ चुके हैं।

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