इलाहाबाद : माध्यमिक शिक्षा परिषद के संस्कृत विषय के मेधावियों का भी अब सम्मान होगा। उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान की ओर से इंटरमीडिएट में संस्कृत विषय के टॉपर को हर वर्ष पुरस्कृत किया जाएगा। यह संभव हुआ है इलाहाबाद विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. हरिदत्त शर्मा के प्रयास से। प्रो. शर्मा बुधवार को उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान की ओर से महर्षि व्यास पुरस्कार से नवाजे गए हैं। उन्हें पुरस्कार स्वरूप दो लाख एक हजार रुपये व सरस्वती की प्रतिमा राज्यपाल रामनाईक व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में आयोजित समारोह में प्रदान किया।
इस पुरस्कार राशि में से एक लाख रुपये प्रो. शर्मा ने उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान के अध्यक्ष को सौंप दी है। सत्र 2018-2019 से इस रुपये के ब्याज से इंटर के टॉपर को 10 हजार रुपये व प्रशस्ति पत्र दिया जाएगा। 1हंिदूी में तो इस तरह के प्रोत्साहन पुरस्कार थे पर संस्कृत पढ़ने वाली युवा प्रतिभाओं के लिए कोई पुरस्कार योजना नहीं थी। इसका नाम ‘प्रो. हरिदत्त शर्मा प्रवर्तित प्रतिभा प्रोत्साहन पुरस्कार’ रखा गया है।
प्रो. शर्मा को मिल चुका है राष्ट्रीय सम्मान : महर्षि व्यास पुरस्कार से नवाजे गए प्रो. हरिदत्त शर्मा 2015 में प्रतिष्ठित राष्ट्रपति सम्मान से भी अलंकृत किए जा चुके हैं। यही नहीं साहित्य अकादमी जैसे कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से भी नवाजे जा चुके हैं। प्रो. शर्मा की आरंभिक शिक्षा हाथरस में व उच्च शिक्षा इलाहाबाद विश्वविद्यालय से हुई।
एमए संस्कृत परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त करने पर उन्हें छह स्वर्ण पदक व रजत पदक से नवाजा गया था। इलाहाबाद विश्वविद्यालय से डीफिल करने के बाद 1972 में उनकी ज्वाइनिंग यहीं प्रवक्ता के तौर पर हुई। उन्होंने अबतक रचनात्मक व आलोचनात्मक क्षेत्र में 12 ग्रंथों का लेखन किया है। इसके अलावा अब तक 60 शोध पत्र प्रकाशित हो चुके हैं। यही नहीं उन्होंने अब तक 16 देशों की सांस्कृतिक यात्र का भी सौभाग्य प्राप्त हो चुका है।
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