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Saturday, February 24, 2018

महराजगंज : परित्यक्त और जर्जर विद्यालय भवन से है नौनिहालों की जान का खतरा, मामला संज्ञान में होने के बावजूद अधिकारी गंभीर नहीं

महराजगंज : सरकार परिषदीय विद्यालयों को कान्वेंट विद्यालयों की तर्ज पर माडल स्कूल बनाने के लिए लाखों रुपये खर्च कर रही है। वहीं कुछ ऐसे भी विद्यालय हैं, जिनमें धन खर्च होने के बाद भी छात्रों को तमाम मुसीबतों से दो चार होना पड़ रहा। हम बात कर रहे हैं नौतनवा ब्लाक क्षेत्र के ग्राम सभा मंगलापुर टोला मोहनापुर में स्थित प्राथमिक विद्यालय की। चाहरदिवारी विहीन इस विद्यालय परिसर में वर्षो से जर्जर पड़ा भवन कभी भी ध्वस्त हो सकता है। बावजूद इसके लोगों की शिकायत के बावजूद विभागीय उच्चाधिकारी मामले को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। इस बात से ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है। नौतनवा विकास खंड के ग्राम मंगलापुर के मोहनापुर टोले पर स्थित प्राथमिक विद्यालय का पुराना भवन जर्जर हो चुका है। कई दशक पूर्व बने इस भवन को विभाग परित्यक्त घोषित कर चुका है। फिर भी अब तक इसे हटाया नहीं गया। जर्जर भवन की लटक रही छत व दीवारों को देखकर बगल की सड़क से गुजरने वाले लोग सहम जाते हैं। बावजूद इसके पढ़ने के लिए हर दिन सैकड़ों की संख्या में बच्चों का इसी भवन से होकर परिसर में आना-जाना लगा रहता है। हालांकि छात्र- छात्राओं के पठन-पाठन का कार्य परिसर में ही बने दूसरे भवन में चलता है। फिर भी भोजनावकाश व शिक्षकों की गैर मौजूदगी में बहुत से छात्र खेलते-कूदते जर्जर भवन के नीचे पहुंच जाते हैं, जो उनके लिए कभी भी एक बड़े हादसे का कारण बन सकता है। यही नहीं नव निर्मित भवन तक पहुंचने के लिए दूसरा रास्ता न होने के कारण हर रोज स्कूली बच्चों को जर्जर भवन के बीच सकरे रास्ते से होकर गुजरना एक मजबूरी बन गया है। विद्यालय के प्रधानाध्यापक शिवकांत गुप्ता सहित तमाम अभिभावकों ने जर्जर भवन के बारे में शिक्षा विभाग सहित तहसील प्रशासन को भी अवगत कराया, लेकिन किसी ने समस्या पर ध्यान नहीं दिया।
         जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी जगदीश शुक्ल ने कहा कि जिले भर के जर्जर विद्यालयों की सूची खंड शिक्षा अधिकारियों से मंगवाई जा रही है। इसकी रिपोर्ट विभाग के उच्चाधिकारियों को भेजी जाएगी।


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