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Friday, March 9, 2018

फतेहपुर : बेसिक स्कूलों में कंप्यूटर शिक्षा औंधे मुंह गिरी, बच्चे नहीं सीख पाए तो निपटाया गया प्रशासनिक काम 20 विद्यालयों फिर हुए कम्प्यूटर शिक्षा के लिए चयनित


नौ विद्यालयों का सामान हो गया चोरी
जिले भर में लगे कंप्यूटरों में नौ विद्यालयों में चोरों की निगाह टिक गई। स्कूलों का ताला तोड़कर कंप्यूटर सहित स्कूल का सामान चोर चुरा ले गए। असुरक्षित स्कूलों में रखे कंप्यूटरों की चोरी के चलते इन्हें बाक्स में ताले के अंदर रख दिया गया। संबंधित स्कूलों के प्रधानाध्यापकों ने अपनी गर्दन बचाने के लिए पुलिस में एफआइआर भी कराते हुए विभाग को कॉपी भेज कर इतिश्री कर ली।

■ 2010-11 से शुरू हुई थी कंप्यूटरीकरण की योजना

■ शिक्षकों के कंप्यूटर ज्ञान न होने से योजना खटाई में



20 उच्च प्राथमिक स्कूल फिर हुए चयनित :
चालू सत्र में 20 उच्च प्राथमिक स्कूलों को कंप्यूटरीकृत किए जाने की योजना के लिए चयनित किया गया है। योजना के तहत शासन ने प्रत्येक विद्यालय को सवा लाख रुपए के हिसाब से धन आवंटित किया है। जिले के अच्छे स्कूलों का चयन करके शासन को भेज दिया गया है। बीएसए शिवेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि नई योजना का अभी क्रियान्वयन बाकी है। टेंडर के माध्यम से स्कूलों में कंप्यूटर और उसके सहायक उपकरणों की सामान की खरीद की जाएगी।



फतेहपुर : बेसिक शिक्षा के नौनिहालों को कंप्यूटर शिक्षा से लैश कराने के लिए शासन ने बारी-बारी से खेप भेजी। कंप्यूटरों की यह खेप झंझावतों में ऐसी उलझी कि बच्चे इसके ज्ञान से लाभान्वित नहीं हो पाए। वर्ष 2010-11 से कंप्यूटरीकरण के क्रम में 84 स्कूलों को लाभान्वित किया गया था। शासन की योजना धरातल पर फलीभूत नहीं हुई है कहना अतिशयोक्ति न होगी। 1बेसिक शिक्षा के कंप्यूटर का ज्ञान देने की योजना धरातल पर कभी दिखाई नहीं दे पाई तो यह क्रम अभी भी जारी है।


जिन 84 विद्यालयों को कंप्यूटर दिए गए थे उनका अता पता नहीं है। बच्चों को लाभ देने के लिए विभाग संजीदा नहीं रहा है। यही वजह है कि विभाग को सही मायने में यह पता नहीं है कि शासन से आए हुए कंप्यूटर किस दशा में और कहां पर हैं। मामला शासन से जुड़ा होने के चलते विभाग पर्दा डालने की कोशिश करने लगता है। शासन ने भी योजना के लागू कर देने के बाद सुधि नहीं ली है।



बीएसए शिवेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि नए लक्ष्य में 20 उच्च प्राथमिक स्कूल चयनित हुए हैं। इन स्कूलों में कंप्यूटरीकृत शिक्षा देने से पूर्व के विद्यालयों की दशा की पड़ताल की जाएगी। अगर कंप्यूटर स्कूल के सिवा कहीं दूसरी जगह लगे हैं तो उन्हें विद्यालय को वापस कराया जाएगा।


बच्चे नहीं सीख पाए निपटाया गया प्रशासनिक काम
बेसिक शिक्षा के स्कूलों में भेजे गए कंप्यूटर बच्चों के ज्ञान बढ़ाने में सहायक नहीं हो सके हैं। यह कंप्यूटर तमाम अड़चनों के चलते क्रियाशील नहीं हो पाए अलबत्ता चुनाव के समय इन कंप्यूटरों से चुनावी काम जमकर लिया गया। वर्ष 2010 में आपूर्ति के बाद यह अड़चनों में घिरे तो उनके उपयोग की बात याद आ गई। प्रशासन ने आनन फानन में बेसिक शिक्षा विभाग से इन कंप्यूटरों की खेप को मंगवा लिया। इसके बाद यह ज्यादातर समय प्रशासनिक काम ही निपटाते रहे हैं।

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