अंग्रेजी माध्यम के लिए चुने गए 100 विद्यालयों में अप्रैल महीने में पढ़ाई शुरू करनी है लेकिन अभी तक शिक्षकों का चयन ही पूरा नहीं हो पाया है। बार-बार आवेदन मांगने के बाद भी शिक्षक अंग्रेजी माध्यम के विद्यालयों में जाने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। 500 पदों के सापेक्ष अभी तक 391 आवेदन ही प्राप्त हो सके हैं।
शासन ने हर ब्लाक में पांच विद्यालयों को अंग्रेजी माध्यम के रूप में चयनित करने का निर्णय लिया। गोरखपुर में भी 100 विद्यालयों का चयन किया गया है। करीब एक महीने से इन विद्यालयों में सहायक शिक्षक एवं प्रधानाध्यापक के लिए आवेदन मांगे जा रहे हैं। प्रधानाध्यापक के 100 जबकि सहायक अध्यापक के 400 पद हैं। अभी तक आए आवेदनों में से प्रधानाध्यापक के लिए 145 और सहायक अध्यापक के लिए 246 आवेदन ही प्राप्त हो सके हैं। निदेशक बेसिक शिक्षा ने इस संबंध में वीडियो कांफ्रेसिंग भी की है।
शिक्षकों में क्यों है अरुचि: आवेदन न आने के पीछे शिक्षकों के अपने तर्क हैं। कुछ शिक्षकों का कहना है कि अंग्रेजी माध्यम के स्कूल घोषित कर दिए जा रहे हैं लेकिन सुविधाओं के लिहाज से बहुत बदलाव नहीं आने वाला। इसके साथ शिक्षणोत्तर कार्यो से भी हमें मुक्ति नहीं मिलेगी। पिछली बार हुई चयन परीक्षा के सवालों पर भी उन्हें आपत्ति है। सरकार की प्राथमिकता में होने के कारण सबकी नजर भी उन विद्यालयों पर ही ज्यादा होगी।
बीएसए रामसागर पति त्रिपाठी ने बताया कि शिक्षकों को प्रेरित किया जा रहा है। निर्धारित समय से पढ़ाई शुरू करा दी जाएगी।
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