प्राथमिक विद्यालय परिसर में जर्जर भवन दुर्घटना को दावत देते नजर आ रहे हैं। इन भवनों के आसपास से गुजरते हुए बच्चों पर खतरा बना रहता है। कुछ भवन को विभाग ने भी निष्प्रयोज्य घोषित कर दिया है लेकिन उसे गिराने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया।सरकार परिषदीय विद्यालयों को भी कांवेंट की तर्ज पर विकसित करने की योजनाएं बना रही है लेकिन असुविधाओं के बीच यहां पढ़ने वाले बच्चों की सुरक्षा भी पुख्ता नहीं हो पा रही है। ब्लाक संसाधन केंद्र भटहट के परिसर में स्थित प्राथमिक विद्यालय के बगल में ही स्थित एक पुराना भवन निष्प्रयोज्य पड़ा है। स्कूल में पढ़ने आने वाले बच्चे लंच के समय या स्कूल समय के बाद उस भवन के आस-पास ही खेलते हैं। खेलते- खेलते बच्चे उस भवन में भी पहुंच जाते हैं। भवन के ऊपर विभाग ने बड़े अक्षरों में जर्जर लिखा है। पोखरभिंडा स्थित पूर्व माध्यमिक विद्यालय के परिसर में करीब आठ साल पहले बन रहा महिला सामाख्या का भवन खंडहर की स्थिति में है। इसका निर्माण भी पूरा नहीं हो सका था, जो अब खतरा बना हुआ है। विद्यालय के शिक्षक रविप्रकाश सिन्हा ने बताया कि खेलने के दौरान गेंद आदि भवन के अंदर जाने पर बच्चे जर्जर भवन के अंदर चले जाते हैं, जिससे प्रतिदिन दुर्घटना होने की आशंका बनी रहती है। समदार खुर्द स्थित प्राथमिक विद्यालय के परिसर में भी एक जर्जर भवन स्थित है। प्रधानाध्यापक अरविंद कुमार सिंह ने बताया कि जर्जर भवन को ध्वस्त कराने की मांग उच्चाधिकारियों से की गई है। महरी, घोड़ादेउर में भी स्कूल परिसर में मौजूद जर्जर भवन खतरा बने हुए हैं।
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