फतेहपुर: परिषदीय शिक्षा की गिरती साख और विभागीय खामियों की पड़ताल को डीएम कुमार प्रशांत एडीएम जेपी गुप्ता संग बुधवार को अचानक बीएसए दफ्तर पहुंच गए। बीएसए श्रवस्ती माडल ड्यूटी पर थे, कार्यालय में मूल प्रमाण पत्र लेने वालों की भीड़, गंदगी वह भड़क उठे। करीब डेढ़ घंटे रूक कर एक एक पटल की पड़ताल कर मौके पर बीएसए को बुलाया। शिक्षामित्र मानदेय, शिक्षक फिक्सेशन, ऐरियर वितरण, अवकाश स्वीकृत की अनियमित कार्यशैली पर वित्त एवं लेखा अधिकारी तथा बीएसए को चेतावनी देकर सब कुछ दुरस्त करने का निर्देश दिया।
बीएसए दफ्तर के अंदर घुसते ही डीएम ने सुरक्षा कर्मियों से गेट बंद कराकर एक एक पटल की पड़ताल शुरू कर दी। सबसे पहले उपस्थित रजिस्टर मंगाकर बीएसए कक्ष में कर्मचारियों की परिचय परेड की। हिंदी व अंग्रेजी माध्यम की मान्यता पत्रवलियों व नियमित निरीक्षण की आख्या में कमियां खोजी।
एबीएसए व एबीआरसी द्वारा सप्ताह में कम से कम 20 स्कूलों के निरीक्षण को घर बैठे निरीक्षण करार दिया। उन्होंने कहा निरीक्षण के दौरान वेतन रोकने का आदेश होता है, अगले माह में वह वेतन भी कट के मिलता है। लेकिन सर्विस बुक में इसका अंकन न होना विभागीय कार्यशैली पर सवाल है। उन्होंने कहा जिनके मूल प्रमाण पत्र जमा हैं तुरंत दिए जाए किसी को दौड़ाया न जाए। जिन स्कूलों में एमडीएम नहीं बन रहा उसकी सूचना सीडीओ को भी दी जाए। शिक्षामित्रों मानदेय बिल चार चार माह भेजने के लिए दोषी खंड शिक्षा अधिकारियों का वेतन रोकने की भी घुड़की दी।
No comments:
Write comments