अनुदेशकों का कहना है कि 11 महीने बीत जाने के बावजूद प्रदेश सरकार ने शासनादेश जारी नहीं किया और अब भी अनुदेशकों को सिर्फ 8470 रुपये मानदेय ही मिल रहा है.
योगी सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत अनुदेशक शिक्षकों ने धरना-प्रदर्शन किया. अनुदेशकों ने दारुलशफा से बीजेपी कार्यालय की तरफ कूच किया तो पुलिस ने बेरिकेटिंग करके उन्हें रास्ते में रोका. इस पर अनुदेशकों ने दोनों तरफ सड़क जाम कर धरना-प्रदर्शन किया. जिसके बाद पुलिस ने धक्के देकर उन्हें खदेड़ा.
जुलाई, 2013 में प्रदेश के उच्च प्राथमिक विद्यालयों में करीब 31 हजार अंशकालिक अनुदेशकों की नियुक्ति हुई थी. अनुदेशकों का कहना है कि 2017-18 के बजट में केंद्र सरकार ने प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड की बैठक में उनका मानदेय 17 हजार रुपये करने की सैद्धांतिक सहमति दी थी. इतना ही नहीं केंद्र सरकार ने इसकी पहली किश्त भी जारी कर दी. लेकिन 11 महीने बीत जाने के बावजूद प्रदेश सरकार ने शासनादेश जारी नहीं किया और अब भी अनुदेशकों को सिर्फ 8470 रुपये मानदेय ही मिल रहा
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