DISTRICT WISE NEWS

अंबेडकरनगर अमरोहा अमेठी अलीगढ़ आगरा इटावा इलाहाबाद उन्नाव एटा औरैया कन्नौज कानपुर कानपुर देहात कानपुर नगर कासगंज कुशीनगर कौशांबी कौशाम्बी गाजियाबाद गाजीपुर गोंडा गोण्डा गोरखपुर गौतमबुद्ध नगर गौतमबुद्धनगर चंदौली चन्दौली चित्रकूट जालौन जौनपुर ज्योतिबा फुले नगर झाँसी झांसी देवरिया पीलीभीत फतेहपुर फर्रुखाबाद फिरोजाबाद फैजाबाद बदायूं बरेली बलरामपुर बलिया बस्ती बहराइच बागपत बाँदा बांदा बाराबंकी बिजनौर बुलंदशहर बुलन्दशहर भदोही मऊ मथुरा महराजगंज महोबा मिर्जापुर मीरजापुर मुजफ्फरनगर मुरादाबाद मेरठ मैनपुरी रामपुर रायबरेली लखनऊ लख़नऊ लखीमपुर खीरी ललितपुर वाराणसी शामली शाहजहाँपुर श्रावस्ती संतकबीरनगर संभल सहारनपुर सिद्धार्थनगर सीतापुर सुलतानपुर सुल्तानपुर सोनभद्र हमीरपुर हरदोई हाथरस हापुड़

Wednesday, April 4, 2018

प्राइवेट स्कूल : तय दुकानों से खरीदारी के लिए नहीं कर सकेंगे बाध्य, पांच साल से पहले स्कूल नहीं बदल सकेंगे यूनिफॉर्म

डॉ़ दिनेश शर्मा ने बताया कि फीस को दो हिस्सों में बांटा गया है। एक तो वह हिस्सा है, जिसे विद्यालय अनिवार्य रूप से ले सकते हैं। दूसरा हिस्सा वह है, जिसकी सेवाएं लेने पर ही संबंधित फीस दी जाएगी। विवरण पुस्तिका, पंजीकरण शुल्क, शिक्षण और परीक्षा शुल्क विद्यालय हर साल अनिवार्य रूप से ले सकेंगे। एडमिशन फीस हर साल नहीं बल्कि एक ही बार प्रवेश के समय ली जाएगी। डॉ़ शर्मा बोले, आम तौर पर शिकायतें आती हैं कि विद्यार्थी बस से नहीं जा रहा है, लेकिन उससे फीस ली जाती थी। कैंटीन का इस्तेमाल नहीं करता था, लेकिन शुल्क देना होता है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। इस तरह के मदों को ऐच्छिक फीस में डाल दिया गया है। आवागमन सुविधाएं, बोर्डिंग, भोजन, शैक्षिक भ्रमण और अन्य सुविधाएं जिसमें छात्र हिस्सा लें, उसी की फीस देनी होगी। इसके अलावा विकास शुल्क कुल संभव और ऐच्छिक फीस का अधिकतम 15% होगा। इसका इस्तेमाल इन्फ्रास्ट्रक्चर में होगा, जिसमें नई ब्रांच खोलना भी शामिल होगा।

• एनबीटी ब्यूरो, लखनऊ : प्रदेश के किसानों की आय दोगुनी करने के लिए राज्य सरकार एग्रो क्लाइमेटिक जोन के हिसाब से हर जिले में एक नई कृषि प्रणाली विकसित करेगी। इसके लिए राज्य सरकार इंटरनैशनल संस्था इंक्रीसैट (इंटरनेशनल क्रॉप रिसर्च इंस्टिट्यूट फॉर द सेमी एरीड ट्रॉपिक्स) के साथ एमओयू साइन करेगी। मंगलवार को कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इंक्रीसैट के वैज्ञानिक बताएंगे कि किसी क्षेत्र में कौन सी खेती की जाए। जिससे किसानों की आय बढ़ सके। यह संस्था बताएगी कि किस तरह किसान अपनी लागत को कम कर सकते हैं। किसानों की आय बढ़ाने के लिए यह संस्था कृषि के साथ पशुपालन, फूलों की खेती, मछली पालन और दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए सुझाव भी देगी। • एग्रो क्लाइमेटिक जोन के हिसाब से होगी खेती : यूपी को नौ एग्रो क्लाइमेटिक जोन में बांटा गया है। इसी एग्रो क्लाइमेटिक जोन के हिसाब से किसानों को खेती की सलाह दी जाएगी। इसमें वेस्टर्न प्लेन जोन में सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, बागपत शामिल हैं। मिड वेस्टर्न प्लेन जोन में बिजनौर, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, बदायूं, पीलीभीत और सहारनपुर हैं। वेस्टर्न सब ट्रॉपिकल जोन में अलीगढ़, मथुरा, आगरा, फिरोजाबाद, एटा, मैनपुरी आएंगे। मिड प्लेन जोन में फर्रुखाबाद, कन्नौज, इटावा, कानपुर नगर, कानपुर देहात, उन्नाव, हरदोई, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, लखनऊ, रायबरेली, फतेहपुर, प्रतापगढ़ और इलाहाबाद को रखा गया है। बुंदेलखंड जोन में ललितपुर, झांसी, जालौन, हमीरपुर, बांदा, चित्रकूट हैं। नॉर्थ ईस्टर्न प्लेन जोन में नौ, ईस्टर्न प्लेन जोन में 10 और विंध्य जोन में दो जिले शामिल हैं। • सत्रावसान को मंजूरी : कैबिनेट ने मंगलवार को विधानसभा और विधान परिषद के बजट सत्र के सत्रावसान करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।
हर जिले में नई कृषि प्रणाली विकसित की जाएगी
कैबिनेट का फैसला•एनबीटी ब्यूरो, लखनऊ : यूपी कैबिनेट ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश स्ववित्तपोषित स्वतंत्र विद्यालय (शुल्क का निर्धारण) अध्यादेश लाने पर सहमति दे दी है। इसे इसी सत्र में लागू किया जाएगा। इसके मुताबिक विद्यालय पांच साल से पहले यूनिफॉर्म नहीं बदल सकेंगे।

उप मुख्यमंत्री डॉ़ दिनेश शर्मा ने कहा कि आम तौर पर शिकायतें आती थीं कि हर साल स्कूल यूनिफॉर्म में कुछ न कुछ बदलाव कर देते हैं। अब ऐसा नहीं चलेगा। एक यूनिफॉर्म कम से कम पांच साल तक चलानी होगी। इसके पहले यूनिफॉर्म में कोई बदलाव करना है तो स्पष्ट और उचित कारण बताते हुए मंडलायुक्त की अध्यक्षता में बनने वाली शुल्क नियामक समिति से मंजूरी लेनी होगी। इसके अलावा विद्यालय अभिभावक को बाध्य नहीं कर सकते कि उन्हें कहां से किताबें-कॉपियां या यूनिफॉर्म लेनी होगी। पाठ्य पुस्तकों पर डॉ़ शर्मा बोले कि माध्यमिक शिक्षा परिषद से मान्यताप्राप्त विद्यालयों में एनसीईआरटी की किताबें चलेंगी। अन्य बोर्डों में बोर्ड द्वारा अधिकृत किताबें चलेंगी।

फीस का स्ट्रक्चर 60 दिन पहले जारी करना होगा : फीस का स्ट्रक्चर सरकार को हर साल 60 दिन पहले जारी करना होगा। इसमें फीस का स्ट्रक्चर, शिक्षकों की तनख्वाह, बीते साल की फीस आदि के बारे में बताना होगा। डॉ़ शर्मा ने बताया कि कुछ जगहों से पूरे साल या दो साल की फीस एक साथ लेने की शिकायतें मिली हैं, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। अधिकतम छमाही या तिमाही की फीस एक साथ ली जा सकेगी। स्कूलों में होने वाली कमर्शल एक्टिविटी की आय को स्कूल की आय में जोड़ा जाएगा।

No comments:
Write comments