प्रदेश के सभी गांवों में खुलेंगी संस्कार की पाठशाला
पढ़ाई के साथ बच्चों को संस्कृत और संस्कार की जानकारी देने के लिए राजधानी समेत प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों में संस्कृत पाठशालाएं खोली जाएंगी। इसके लिए गांव की इंटर पास छात्रओं की तैनाती होगी। आवेदन प्रक्रिया इस महीने के अंत तक शुरू होगी।
उप्र संस्कृत संस्थानम् की पहल पर शुरू होने वाली पाठशाला में कक्षा पांच के नीचे पढ़ने वाले बच्चों को संस्कृत भाषा में मंत्रोच्चारण के साथ ही नैतिक शिक्षा और संस्कारों के बारे में पढ़ाया जाएगा। सुबह उठने पर माता-पिता का चरण स्पर्श करना, धरती मां को प्रणाम करना, अनाज और फलों की जानकारी के साथ ही संस्कृत में श्लोकों को सिखाने और उनके महत्व के बारे में भी बच्चों को बताया जाएगा। ‘चुन्नू-मुन्नू संस्कार पाठशाला’ के नाम से खुलने वाली पाठशाला में इंटर पास छात्रओं को प्रशिक्षण के बाद तैनात किया जाएगा। उप्र संस्कृत संस्थानम् के अध्यक्ष डॉ.वाचस्पति मिश्र ने बताया कि प्रदेश के सभी 817 ब्लॉकों के 58,909 ग्राम पंचायतों की इंटर पास छात्रओं से आवेदन मांगे जाएंगे।
जिला स्तर पर बनेंगे प्रशिक्षण केंद्र : प्रदेश के सभी जिलों में खुलने वाले प्रशिक्षण केंद्र में चयनित छात्रओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा। केंद्रों के स्थापना के लिए शिक्षकों का प्रशिक्षण छह अप्रैल को पूरा हो गया। संस्कृत प्रशिक्षण के बाद अब परीक्षा में पास होने वाले शिक्षकों की तैनाती जिलों में की जाएगी।
No comments:
Write comments