प्रिंसिपल ने पूछताछ में क्राइम ब्रांच को बताया था कि जिस दिन मैथ्स का पेपर था, उस दिन उन्होंने सब्जेक्ट टीचर को बच्चों की मदद के लिए भेजा था, लेकिन वह मदद करने की बजाय बहाने से पेपर को अपने साथ सेंटर से बाहर लेकर आ गया। इसी दौरान उसने पेपर की फोटो खींचकर अपने दोस्त ऋषभ के कहने पर ट्यूटर तौकीर को वट्सऐप कर दिया था। तौकीर ने पहले से अपने स्टूडेंट से पांच हजार रुपये में सौदा पक्का किया हुआ था।
• दोनों पेपर स्कूल प्रशासन की घोर लापरवाही की वजह से लीक हुए
नई दिल्ली : बारहवीं क्लास के इकनॉमिक्स और दसवीं क्लास के मैथ्स के पेपर लीक होने से चर्चा में आए बवाना स्थित एमआर कॉन्वेंट स्कूल की मान्यता खतरे में पड़ती नजर आ रही है। दोनों पेपर स्कूल प्रशासन की घोर लापरवाही की वजह से लीक हुए।
पेपर लीक करने के आरोप में क्राइम ब्रांच द्वारा अरेस्ट गया गया टीचर रोहित इस स्कूल में मैथ्स का टीचर है, जबकि ऋषभ फिजिकल टीचर है। सीनियर पुलिस अफसर पूरे मामले को लेकर एक डिटेल रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं। यह रिपोर्ट सीबीएसई के साथ-साथ शिक्षा विभाग को भी भेजी जाएगी, जिससे स्कूल की मान्यता रद्द की जा सके।
पुलिस अफसरों का कहना है कि क्राइम ब्रांच स्कूल के दोनों टीचरों के अलावा उनके ट्यूटर दोस्त तौकीर को अरेस्ट कर चुकी है। इतना ही नहीं, स्कूल के प्रिंसिपल डॉक्टर प्रवीण डागर को भी दो बार पूछताछ के लिए क्राइम ब्रांच के ऑफिस बुलाया गया। हर बार उनसे घंटों पूछताछ की गई। अब जो भी कार्रवाई बनती है वह सीबीएसई और दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा की जानी चाहिए। क्योंकि स्कूल प्रशासन की लापरवाही और सीबीएसई के नियमों का सख्ती के साथ पालन न करने की वजह से ही पेपर लीक हुआ।
इस मामले में बड़ा सवाल सामने आ रहा है। एग्जाम सेंटर के अंदर किसी भी टीचर को मोबाइल साथ लेकर जाने की इजाजत नहीं होती। पहले ही मोबाइल बाहर जमा करा लिए जाते हैं। फिर मैथ्स का टीचर मोबाइल एग्जाम सेंटर के अंदर कैसे लेकर चला गया/
पुलिस अफसरों का कहना है कि तौकीर से मिले क्वेश्चन पेपर को उसके स्टूडेंट ने अपने दोस्तों को भेज दिया। देखते ही देखते पेपर सैकड़ों स्टूडेंट्स के पास पहुंच गया। हालत यह हो गई कि जब स्टूडेंट्स को एग्जाम सेंटर के अंदर मैथ्स का पेपर दिया गया तो बच्चे एक दूसरे से चर्चा करते नजर आए कि जो पेपर उन्हें वट्सऐप पर मिला था, पेपर में भी वही क्वेश्चन आए हैं।
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