लखनऊ : मथुरा में फर्जी दस्तावेजों के जरिये फर्जी शिक्षक भर्ती कर करोड़ों की धांधली का बड़ा मामला पकड़ा गया है। बेसिक शिक्षा विभाग के कनिष्ठ लिपिक महेश शर्मा, 13 शिक्षकों व दो कंप्यूटर ऑपरेटरों को गिरफ्तार कर स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने घोटाले का राजफाश किया है। इनमें एक महिला शिक्षक भी शामिल है।
आरोपित शिक्षक छह माह से विभिन्न स्कूलों में पढ़ा रहे थे। आरोपितों की गिरफ्तारी के बाद मथुरा के तत्कालीन बीएसए संजीव कुमार सिंह व वर्तमान बीएसए चंद्रशेखर सिंह अंडरग्राउंड हो गए हैं। तत्कालीन बीएसए सहित अन्य बड़ों की भूमिका संदेह के घेरे में है। अब तक की जांच में मुख्य आरोपी के तौर पर कनिष्ठ लिपिक महेश की भूमिका सामने आई है। आरोपितों के कब्जे से चार लाख रुपये, कंप्यूटर, पांच मोबाइल, फर्जी नियुक्ति पत्र व अन्य दस्तावेज मिले हैं। आइजी एसटीएफ अमिताभ यश ने बताया कि एक कंडीडेट से शिक्षक पद पर भर्ती के लिए 10 लाख रुपये तक वसूले गए थे।
प्रारंभिक जांच में अब तक करीब 150 शिक्षकों की फर्जी भर्ती किए जाने का मामला सामने आ रहा है। मथुरा के अलावा अन्य जिलों में भी शिक्षक भर्ती में बड़े पैमाने पर धांधली की आशंका है। एडीजी कानून-व्यवस्था आनन्द कुमार का कहना है कि अन्य जिलों में भी पड़ताल की जाएगी। आरोपितों की गिरफ्तारी के बाद बीएसए अपने कार्यालय में ताला बंद कराकर चले गए थे। बीएसए आफिस को सील कर दिया गया है।
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