■ बेसिक शिक्षा में शिक्षकों की कमी नहीं, गैर जिलों से आएंगे गुरुजी
फतेहपुर : बीते सालों की तरह बेसिक शिक्षा में तबादलों के चलते बेसिक शिक्षा में शिक्षकों की कमी की दिक्कत नहीं उठानी पड़ेगी। शासन के नए नियम से गैर जिलों से शिक्षक-शिक्षिकाएं तबादले पर तो आएंगे लेकिन जिले से एक भी शिक्षक-शिक्षिका तबादले पर नहीं जाएगा। सूबे के 9 पिछड़े जनपदों में जिला के शामिल होने के चलते गैर जनपद स्थानांतरण का लाभ पाने वाले शिक्षक-शिक्षिकाओं के चेहरे मुरझा गए हैं।
गैर जनपद स्थानांतरण में जिले का नुकसान ही होता आया है। पड़ोसी जनपद कानपुर, इलाहाबाद, लखनऊ, रायबरेली सहित अन्य जनपदों के शिक्षक-शिक्षिकाएं अपना तबादला करा लेते रहे हैं। स्थानांतरण के तहत जिले में आने वालों की संख्या कमतर ही रहती रही है। पिछड़े जनपद में जिले का नाम शुमार हो जाने से शासन ने साफ कर दिया है कि गैर जिलों से शिक्षक आ सकेंगे लेकिन जिले से एक भी शिक्षक नहीं जा सकेगा। बीएसए शिवेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि शासनादेश का पालन हो रहा है। जिसके चलते गैर जनपद से आने वाले शिक्षक-शिक्षिकाओं को 7 जुलाई तक ज्वाइनिंग करानी है। ब्लाकों से रिक्त स्कूलों में सीटों का ब्यौरा मांगा गया है।
■ पिछड़े जनपदों में जिला भी शामिल होने से लगी रोक
फतेहपुर : फरवरी माह में आन लाइन आवेदन करने वाले शिक्षक-शिक्षिकाओं के तबादले शासन ने थोक भाव से कर दिए हैं। इस तबादले की चाहत में करीब 300 अध्यापक-अध्यापिकाओं ने आवेदन कर रखा था। शासन से तबादला होने की सूचना से इनके चेहरे खिल उठे। विभाग में पता करने पर जानकारी हुई कि आन लाइन आदेश डाउनलोड किए जा सकेंगे। आन लाइन सिस्टम की प्रक्रिया अपनाने के बाद पता चला कि स्थानांतरित जिले का नाम रिक्त है तो शिक्षकों के चेहरे की हवाईयां उड़ने लगी। कार्यालय से संपर्क किया तो पता चला कि पिछड़े जनपद में जिले का चयन होने के चलते स्थानांतरण पर रोक लगा दी गई है।
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