फतेहपुर : सिलाई करेंगी सहायता समूह की महिलाएं, गुणवत्ता खराब होने पर नपेंगे बीईओ और हेडमास्टर।
फतेहपुर: मंगलवार को डीएम आंजनेय कुमार सिंह ने परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले 2.51 लाख छात्र छात्रओं के लिए ड्रेस वितरण की समीक्षा कलेक्ट्रेट के गांधी सभागार में की। ड्रेस वितरण के लिए उन्होंने जिम्मेदारी तय करते हुए कहा कि अगर बच्चों की ड्रेस की गुणवत्ता खराब हुई तो स्कूल के ¨प्रसिपल और ब्लाक के बीईओ को जिम्मेदार मानते हुए उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।
बीएसए शिवेंद्र प्रताप सिंह को निर्देश दिए कि वह स्कूलों में बच्चों की उपस्थित पर ध्यान दें। ड्रेस वितरण समिति की बैठक में डीएम ने तय किया कि जून माह में ही ड्रेस वितरण की तैयारी की जाए। प्रत्येक दशा में दो जुलाई से दस जुलाई के मध्य ड्रेस वितरण कराया जाए। उन्होंने कहा कि कोई भी बच्चा तीन दिन स्कूल आता है तो चौथे दिन से हर हाल में ड्रेस दी जाए। बीएसए ने बताया कि ड्रेस का पैसा आ चुका है। जिसे स्कूलों के खाते में भेजा गया है। ड्रेस बनवाने की जिम्मेदारी स्कूल की प्रबंध समिति का होता है। जबकि इसकी देखरेख बीईओ द्वारा की जाती है।
डीएम ने तय किया कि करीब 120 महिला समूह ऐसे हैं जो सिलाई का प्रशिक्षण ले चुके है। इनसे जुड़ी 1200 महिलाएं है। इन्हें जुलाई से पहले ही ड्रेस वाले बच्चों की सूची दी जाए। ताकि यह बच्चों से संपर्क करके इसी माह में ड्रेस तैयार कर ले। जहां समूहों की पहुंच नहीं है वहां स्कूल ही ड्रेस तैयार कराए। लेकिन गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखा जाए। आनंद विक्रम सिंह, सभी बीईओ व जिला समन्वयक मौजूद रहे।
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