गोरखपुर : शहर से सटे या मुख्य मार्ग पर स्थित विद्यालयों पर आवश्यकता से अधिक शिक्षक कार्यरत हैं। जनपद के भीतर समायोजन व परस्पर स्थानांतरण (म्यूचुअल ट्रांसफर) के द्वारा शिक्षकों के विद्यालय बदलने की सुगबुगाहट शुरू होने के साथ सात ब्लॉकों में करीब 795 शिक्षकों को अपने पुराने विद्यालय छोड़ने पड़ेंगे। इस बार स्पष्ट निर्देश है कि कोई भी विद्यालय एकल व बंद नहीं होगा। 30 सितंबर 2017 की छात्र संख्या को आधार बनाकर शिक्षकों की संख्या निर्धारित की जाएगी। एक शिक्षक पर अधिकतम 40 छात्र होने चाहिए। प्राथमिक व जूनियर स्तर पर मानक अलग-अलग है। 40 छात्रों पर एक शिक्षक को आधार मानें तो जिन विद्यालयों में ढाई सौ छात्र होंगे, वहां छह शिक्षकों की जरूरत होगी। ढाई सौ की संख्या वाले गिने-चुने विद्यालय ही हैं। खोराबार, चरगांवा, भटहट क्षेत्र के कई विद्यालयों पर शिक्षक संख्या 10 से अधिक है और यहां छात्र काफी कम हैं। अब मानक से अधिक संख्या होने की दशा में कनिष्ठ अध्यापकों को विद्यालय से अन्यत्र जाना होगा। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी भूपेंद्र नारायण सिंह का कहना है कि अभी आधिकारिक पत्र प्राप्त नहीं हुआ है लेकिन तैयारी शुरू कर दी गई है। विभिन्न विकास खंडों में सरप्लस शिक्षकों की संख्या जुटाई जा रही है।
कहां कितने शिक्षक सरप्लस-
प्राथमिक विद्यालय खोराबार में 45, चरगांवा में 15, भटहट में 13, जंगल कौड़िया में 18, पिपरौली में 36, पिपराइच में 59, और कैम्पियरगंज में 251जूनियर विद्यालय 1 खोराबार में 131, चरगांवा में 94, भटहट में 89, कैम्पियरगंज में 48, पिपराइच में 59, जंगल कौड़िया में 88 व पिपरौली में 75।
कहां कितने शिक्षक सरप्लस-
प्राथमिक विद्यालय खोराबार में 45, चरगांवा में 15, भटहट में 13, जंगल कौड़िया में 18, पिपरौली में 36, पिपराइच में 59, और कैम्पियरगंज में 251जूनियर विद्यालय 1 खोराबार में 131, चरगांवा में 94, भटहट में 89, कैम्पियरगंज में 48, पिपराइच में 59, जंगल कौड़िया में 88 व पिपरौली में 75।
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