जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : अंतर जनपदीय काउंसिलिंग प्रक्रिया समाप्त होने और गड़बड़ी की शिकायत पर शुरू हुई जांच के बाद शनिवार को बीएसए दफ्तर में सन्नाटा पसरा रहा। अधिकांश लिपिक और कर्मचारी नदारत दिखे। काउंसिलिंग प्रक्रिया में शामिल कर्मियों को कार्रवाई का भय सताने लगा है। नियुक्ति पत्र की जानकारी करने पहुंचे शिक्षकों को मायूस होकर लौटना पड़ा।
जिले में स्थानांतरित होकर 323 शिक्षकों की काउंसिलिंग प्रक्रिया की डीएम ने पत्रवलियां तलब कर जांच शुरू कराने की बात कही है। इसको लेकर विभागीय कर्मचारियों में कार्रवाई का भय सता रहा है। डीएम के निर्देश पर अंतर जनपदीय काउंसिलिंग के पटल सहायक को शुक्रवार देर शाम बीएसए ने कार्यमुक्त कर मामले से किनारा कर लिया। अब उन कर्मचारियों को कार्रवाई का भय सता रहा है, जिनकी संलिप्तता काउंसिलिंग प्रक्रिया में रही है। शनिवार को दफ्तर समय से खुल गया था लेकिन बीएसए संगीता सिंह सहित कई लिपिक और कर्मचारी नदारत रहे। इसके कारण अन्य पटल पर मौजूद कर्मचारी भी कुछ देर दफ्तर में रुके और फिर कहां चले गए, यह बताने वाला कोई नहीं था। वहीं काउंसिलिंग कराने के बाद नियुक्त पत्र संबंधी जानकारी करने पहुंचे शिक्षकों को कोई जानकारी हासिल नहीं हो सकी। इसके चलते उन्हें मायूस होकर लौटना पड़ा।
कर्मचारियों से मांगा स्पष्टीकरण: काउंसिलिंग प्रक्रिया को लेकर की गई शिकायत पर अफसर विभागीय कर्मियों की संलिप्तता मान रहे हैं। डीएम ने पत्रवलियां तलब की तो विभाग में संबद्ध व्यायाम शिक्षिका को विद्यालयों में खेलकूद का स्तर गिरने और क्षेत्र भ्रमण न करने की बात कह नोटिस थमा दी गई। दोनों महिला कर्मचारियों से तीन दिन में स्पष्टीकरण तलब किया गया है।
No comments:
Write comments