बोले राज्यपाल
राज्य ब्यूरो, लखनऊ : विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के निर्देश के बावजूद कुछ राज्य विश्वविद्यालयों द्वारा शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया जारी रखने को राज्यपाल राम नाईक ने अनुचित बताया है। उन्होंने कहा कि भले ही राज्य विश्वविद्यालय स्वायत्तशासी शिक्षण संस्थान हैं लेकिन, यदि यूजीसी और केंद्र सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रलय की ऐसी मंशा है तो उन्हें शिक्षकों की भर्तियां अग्रिम आदेश तक रोक देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि यूजीसी के निर्देश के बाद भी राज्य विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की भर्तियां जारी हैं तो मैं इसकी जांच कराऊंगा।
नाईक रविवार को राज्यपाल के तौर पर अपने चार साल का कार्यकाल पूरा होने पर राजभवन में मीडिया से रूबरू थे। वह राज्य विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति भी हैं। विश्वविद्यालयों में अनुसूचित जाति/जनजाति के शिक्षकों के आरक्षण की मौजूदा व्यवस्था में बदलाव को लेकर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दाखिल की है। इसके मद्देनजर यूजीसी ने सभी केंद्रीय और राज्य विश्वविद्यालयों को मौजूदा व्यवस्था के तहत हो रहीं शिक्षकों की भर्तियां रोकने के लिए कहा है। यूजीसी के निर्देश के बावजूद प्रदेश के कुछ राज्य विश्वविद्यालय भर्ती प्रक्रिया जारी रखे हैं जिस पर राज्यपाल से सवाल हुआ था।
भगवाकरण से मेरा सरोकार नहीं : राज्य विश्वविद्यालयों के भगवाकरण के सवाल पर राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय स्वायत्तशासी संस्थान हैं और उनके कुलपतियों को काम करने की आजादी है। भगवाकरण के संदर्भ में मेरी ओर से कोई हस्तक्षेप नहीं होता है।
अधिनियम में संशोधन के लिए सरकार को सौंपी रिपोर्ट : राज्यपाल ने बताया कि राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम में संशोधन के लिए उनके विधि परामर्शी की अध्यक्षता में गठित समिति ने कुल 42 बैठकें कर जो रिपोर्ट तैयार की है, वह सरकार को सौंपी जा चुकी है। अब इस पर सरकार कार्यवाही करेगी।
शैक्षिक कैलेंडर पर हो रहा अमल : राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालयों में शैक्षिक कैलेंडर का अनुपालन हो रहा है। इस सत्र में सभी राज्य विश्वविद्यालयों के दीक्षांत समारोह की तारीखें तय हो गई हैं।
तीन भाषाओं में पुस्तक का अनुवाद : राज्यपाल ने बताया कि उनकी किताब चरैवेति! चरैवेति!! का अनुवाद जर्मन, फारसी और अरबी भाषाओं में भी हो रहा है। तीनों भाषाओं में अनूदित संस्करणों का अगस्त अंत तक विमोचन होगा।’यूजीसी के निर्देश के बावजूद भर्ती जारी रहने की कराऊंगा जांच भगवाकरण के आरोपों को किया खारिजविश्वविद्यालयों में अराजकता चिंताजनक
विश्वविद्यालयों में अराजकता और ¨हसा को चिंताजनक बताने के साथ राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश के केंद्रीय विश्वविद्यालयों में बीते दिनों कुछ ऐसी घटनाएं घटीं लेकिन उनके कामकाज से मेरा सीधा संबंध नहीं है। रही बात लखनऊ विश्वविद्यालय में बीते दिनों हुई ¨हसात्मक घटना की, तो अगले दिन मुंबई से लौटते ही मैंने कुलपति, पुलिस अफसरों और सरकार को तलब कर मामले की जानकारी ली थी। उसी दिन हाईकोर्ट ने भी मामले का स्वयमेव संज्ञान ले लिया। अदालत में मामला विचाराधीन होने की वजह से मेरा अब इस मामले में बोलना ठीक नहीं है लेकिन, विश्वविद्यालयों में शांति होना बहुत जरूरी है जिसे बनाये रखने का दायित्व विद्यार्थियों, शिक्षकों, समाज और पत्रकारों पर भी है।
होने चाहिए छात्रसंघ चुनाव
राज्यपाल ने विश्वविद्यालयों में छात्रसंघ चुनाव का फिर समर्थन किया। यह भी जोड़ा कि अभी विश्वविद्यालयों में दाखिले की प्रक्रिया चल रही है। इसके बाद पढ़ाई शुरू होगी। पढ़ाई शुरू होने के बाद ही छात्रसंघ चुनाव होने चाहिए।
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