मुस्लिम समाज में लड़कियों को बराबरी का हक देने की दिशा में कदम बढ़े हैं। मौलवी, आलिम व कारी जैसे पदों पर अब मुस्लिम लड़कियां भी नजर आएंगी। बरेलवी मदरसा संचालकों ने तय किया है कि प्रत्येक जिले में ज्यादा से ज्यादा गल्र्स मदरसे खोले जाएं। मदरसों में लड़कियों को आलिम, फाजिल, कामिल जैसी डिग्री देने का काम शुरू हो चुका है।1कानपुर के गद्दियाना में लड़कियों के लिए अल जामिया अशरफुल बनात निसवां नाम से मदरसा स्थापित किया गया है। इस तरह के अन्य गल्र्स मदरसे भी ज्यादा से ज्यादा खोलकर कुरआन, हदीस, अंग्रेजी, हंिदूी, उर्दू, अरबी की शिक्षा दी जाएगी। योजना है कि कोर्स पूरा करने के बाद लड़कियों को मदरसों में शिक्षिका के तौर पर नौकरी दे दी जाए। शरीयत से जुड़े किसी मसले पर वे भी अपनी राय या पक्ष रखेंगी। इन लड़कियों को यह भी इजाजत होगी कि वे अपने घर में खुद भी मदरसा खोल सकेंगी।कानपुर के गद्दियाना में लड़कियों के लिए बना मदरसा’>>कानपुर में खुला मदरसा, आलिम और कारी की भी दी जाएगी शिक्षा1’>>दीनी शिक्षा के साथ ग्रेजुएट तक की पढ़ाई कराई जाएगीशिक्षित लड़की पूरे खानदान को संवार सकती है। लड़कियों में शरीयत की जानकारी कम होने की वजह से दिक्कत आ रही थी। इसे दूर करने के लिए गल्र्स मदरसे खोले जा रहे हैं। - मौलाना हाशिम अशरफी, डायरेक्टर, अल जामिया इस्लामिया अशरफुल बनात निसवां
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