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Wednesday, August 15, 2018

गोरखपुर : खतरों से भरी है स्कूल की डगर, जोखिम में जान


पिपराइच क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय बसंतपुर में पढ़ने जाते बच्चेपिपराइच क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय बसंतपुर में पढ़ने जाते बच्चे’जनपद के सैकड़ों परिषदीय विद्यालयों पर पहुंचने का रास्ता ही नहीं  बरसात में गिरते-पड़ते स्कूल पहुंचते हैं बच्चेनंगे पांव बढ़ जाता है खतरा

सरकार की ओर से सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को यूं तो जूते व मोजे दिए जाते हैं, लेकिन दूर-दराज के विद्यालयों पर इनका वितरण समय से नहीं हो पाता है। पिछले साल अधिकतर बच्चों को मिले जूते फट गए हैं और इस साल अभी कुछ जगहों पर ही जूता वितरण की शुरुआत ही हुई है। ऐसे में बहुत से बच्चे नंगे पांव विद्यालय जाने को मजबूर हैं। कच्चे रास्ते से नंगे पांव जाना खतरे को और बढ़ाता है। बरसात में ये रास्ते पूरी तरह से पानी में डूब जाते हैं। कुछ दिनों पूर्व गगहा क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय लगुनही में खराब रास्ते के कारण अधिकारी भी निरीक्षण करने नहीं पहुंच सके थे।

इसी रास्ते से पिपरौली क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय कटका तक पहुंचना होता हैजागरण संवाददाता, गोरखपुर : जर्जर भवनों की दिक्कत ङोल रहे परिषदीय विद्यालयों के विद्यार्थियों का विद्यालय तक पहुंचना भी काफी कठिन है। जनपद में ऐसे सैकड़ों विद्यालय हैं, जहां तक पहुंचने के लिए रास्ते नहीं हैं। उन्हें केवल पगडंडियों का ही सहारा है। बरसात में ये रास्ते और भी खतरनाक हो जाते हैं। विद्यार्थी किसी तरह गिरते-पड़ते स्कूल तक पहुंचते हैं। खेतों के बीच से गुजरने वाले इन रास्तों पर विषैले जीवों से भी खतरा बना रहता है। निश्शुल्क शिक्षा का अधिकार अधिनियम में हर बच्चे को शिक्षा देने के साथ उनकी सुरक्षा का प्रावधान भी है। एक ओर जहां जर्जर भवनों में बैठकर बच्चे रोज जान जोखिम में डालकर पढ़ने को मजबूर होते हैं, वहीं इन विद्यालयों तक पहुंचना भी कम जोखिम भरा नहीं होता। किसी विद्यालय पर पहुंचने के लिए गड्ढे में से होकर गुजरना पड़ता है तो कहीं खेतों के बीच बड़ी-बड़ी घासों के बीच से चलकर जाना पड़ता है।’पिपराइच क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय बसंतपुर तक जाने के लिए खड़ंजा है, लेकिन बीच में 35 से 40 मीटर गड्ढे से होकर गुजरना होता है। प्रधानाध्यापक की ओर से इसकी जानकारी जिम्मेदारों को दी गई, लेकिन स्थिति जस की तस है। ’पादरी बाजार में स्थित ब्लाक संसाधन केंद्र (बीआरसी) चरगांवा का हाल काफी खराब है। यहां रास्ता कीचड़ से भरा है। इसी परिसर में प्राथमिक विद्यालय एवं पूर्व माध्यमिक विद्यालय सालिकराम भी मौजूद है। ’सहजनवां के भीटी रावत क्षेत्र में करीब एक दर्जन परिषदीय विद्यालयों े की रास्त ठीक नहीं है। प्राथमिक विद्यालय भरपुरवा तक जाने के लिए पगडंडियों से गुजरना पड़ता है। प्राथमिक विद्यालय चकिया में भी जाने के लिए पगडंडी का ही विकल्प है। उच्च प्राथमिक विद्यालय कसरवल पर पहुंचने का रास्ता भी काफी खराब है।ब्लाक संसाधन केंद्र चरगांवा का हाल कुछ इस तरह है।प्राथमिक विद्यालय बेलाकांटा तक पहुंचने के लिए यही एक रास्ता है

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