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Monday, September 17, 2018

आंगनबाड़ी केंद्रों में बढ़ेगा लाभार्थियों का दायरा, घर-घर जाकर पात्र लाभार्थियों का होगा पंजीकरण, सरकार इसी माह करा रही है विशेष सर्वेक्षण

आंगनबाड़ी केंद्रों में बढ़ेगा लाभार्थियों का दायरा, घर-घर जाकर पात्र लाभार्थियों का होगा पंजीकरण, सरकार इसी माह करा रही है विशेष सर्वेक्षण


■ आधार कार्ड न होने पर भी मिलेगा लाभ

पहली बार सरकार आधार कार्ड न होने पर भी पात्र लाभार्थियों को योजना का लाभ देने जा रही है। हालांकि पात्रता की जांच मुख्य सेविका व ग्राम प्रधान करेंगे। बाल विकास परियोजना अधिकारी व जिला कार्यक्रम अधिकारी ऐसे लोगों की सूची संकलित कर उनका रैंडम सत्यापन करेंगे। अंत में लाभार्थियों से जनवरी 2019 तक आधार कार्ड बनवाने का आश्वासन लेकर उन्हें योजना में शामिल किया जाएगा। 



लखनऊ : 1प्रदेश सरकार वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले आंगनबाड़ी केंद्रों के लाभार्थियों का दायरा बढ़ाने जा रही है। इसके लिए गांव-गांव अभियान चलाकर पात्र लाभार्थियों का पंजीकरण किया जाएगा। सरकार इसके लिए इसी माह विशेष सर्वेक्षण कराने जा रही है। इसमें घर-घर जाकर नए लाभार्थियों को जोड़ने के साथ ही फर्जी लाभार्थियों को बाहर किया जाएगा। 



समन्वित बाल विकास कार्यक्रम के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों में छह वर्ष तक के बच्चों व गर्भवती महिलाओं को पोषाहार वितरित किया जाता है। इन्हें हॉट एंड कुक्ड फूड भी दिया जाता है। इसमें हाल ही में मां बनने वाली महिलाओं के साथ ही 11 से 14 वर्ष की स्कूल न जाने वाली किशोरियों को भी का लाभ दिया जाता है। यूं तो सरकार साल में दो बार अप्रैल व अक्टूबर में लाभार्थियों का सत्यापन कराती है लेकिन, वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए प्रदेश सरकार इस बार विशेष सर्वेक्षण व सत्यापन सितंबर में ही कराने जा रही है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि सर्वेक्षण में जो पात्र मिलें उन्हें भी इस का लाभ दिया जा सके। यदि विलंब से सर्वेक्षण होगा तो उन्हें में शामिल नहीं किया जा सकेगा। इसलिए सरकार ने 20 सितंबर तक घर-घर जाकर सर्वेक्षण करने का समय दिया है। 



बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार के निदेशक शत्रुघ्न सिंह ने सर्वेक्षण के बाद सत्यापन कर निर्धारित प्रारूप में लाभार्थियों की संख्या 10 अक्टूबर तक देने के निर्देश दिए हैं। 



■ सर्वेक्षण का अफसर करेंगे सत्यापन

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के सर्वेक्षण का मुख्य सेविका सत्यापन करेंगी। इसके बाद बाल विकास परि अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी व यूनीसेफ के डिवीजनल कोआर्डिनेटर भी आंगनबाड़ी केंद्रों का भ्रमण कर सूची का सत्यापन करेंगे। टाटा ट्रस्ट के स्वस्थ भारत प्रेरक, पीरामल फाउंडेशन के प्रतिनिधि भी इसी माह सर्वेक्षण में तैयार सूची का सत्यापन करेंगे।



■ आधार कार्ड न होने पर भी मिलेगा लाभ

पहली बार सरकार आधार कार्ड न होने पर भी पात्र लाभार्थियों को का लाभ देने जा रही है। हालांकि पात्रता की जांच मुख्य सेविका व ग्राम प्रधान करेंगे। बाल विकास परि अधिकारी व जिला कार्यक्रम अधिकारी ऐसे लोगों की सूची संकलित कर उनका रैंडम सत्यापन करेंगे। अंत में लाभार्थियों से जनवरी 2019 तक आधार कार्ड बनवाने का आश्वासन लेकर उन्हें में शामिल किया जाएगा। 


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