परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय में खूब हुआ हंगामा, यूपीटीईटी से पहले परीक्षा से इंकार से खफा प्रशिक्षुओं ने बनाया सचिव को बंधक।
इलाहाबाद : बीटीसी 2015 चौथे सेमेस्टर की परीक्षा 20 अक्टूबर से पहले कराने की मांग कर रहे सैकड़ों प्रशिक्षुओं ने गुरुवार को खूब हंगामा काटा। परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय में सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी समेत अन्य कर्मचारियों को दोपहर से देर रात तक बंधक बनाए रखा, कार्यालय के सभी गेट पर डेरा जमाकर नारेबाजी की। सचिव ने यूपीटीईटी से पहले परीक्षा कराने से इन्कार किया तो दोनों पक्षों में तीखी नोकझोंक हुई। आंदोलनकारियों को तितर बितर करने के लिए पुलिस को हल्का बल प्रयोग भी करना पड़ा।
गौरतलब है कि आठ अक्टूबर को कौशांबी में प्रश्नपत्र लीक होने पर परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय ने बीटीसी 2015 चौथे सेमेस्टर की परीक्षा निरस्त कर दी थी। इससे बीटीसी प्रशिक्षु आगामी शिक्षक भर्ती में शामिल नहीं हो पाएंगे। दूसरे दिन नौ अक्टूबर से ही वे धरने पर बैठ गए जो गुरुवार तक जारी रहा।
सचिव चतुर्वेदी कार्यालय पहुंचे तो आंदोलन कर रहे प्रशिक्षुओं का प्रतिनिधिमंडल उनसे मिलने पहुंचा। दो घंटे तक हुई बातचीत में सचिव ने मांग के आधार पर परीक्षा कराने में असमर्थता जताई। सैकड़ों प्रशिक्षुओं ने कार्यालय के सभी गेट पर डेरा जमाकर कर्मचारियों व अधिकारियों का रास्ता रोक दिया। हंगामा बढ़ने पर पुलिस ने लाठी पटक कर शांत कराया। देर रात तक कार्यालय पर दोनों पक्षों में पुलिस की मौजूदगी में ही तकरार चलती रही।
■ यूपीटीईटी पर निर्भर रहेगी परीक्षा : देर रात पुलिस क्षेत्रधिकारी आलोक मिश्र ने सचिव की प्रशिक्षुओं से दूसरे दौर में वार्ता कराई तो बात कुछ बनी। सचिव ने आश्वासन दिया कि यूपीटीईटी की तारीख चार नवंबर प्रस्तावित है। शासन अगर इस तारीख को आगे बढ़ाता है तो बीटीसी की परीक्षा उससे पहले कराई जा सकती है। बोले 15 अक्टूबर को वह इसकी जानकारी देंगे कि परीक्षा कब होगी। इस पर प्रशिक्षु मान गए। बीटीसी संयुक्त प्रशिक्षु मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सर्वेश प्रताप सिंह, अभिषेक सिंह, शशांक पांडेय ‘सत्यम’, अभिषेक सिंह, निखिल यादव आदि ने कहा है कि सचिव के आश्वासन पर धरना स्थगित कर रहे हैं।
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