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Friday, October 12, 2018

फतेहपुर : हर बच्चे के लिए खरीदा जाएगा स्वेटर, स्वेटर खरीद से पहले अलग-अलग एजेंसियों से लिया जाए सेम्पल और रेट, डीएम ने बीएसए को दिया निर्देश, गुणवत्ता के साथ नहीं होगा कोई समझौता

दुरुस्त होंगे आंगनबाड़ी केंद्र छात्रों के लिए खरीदेंगे स्वेटर

जागरण संवाददाता, फतेहपुर: गुरुवार को डीएम आंजनेय कुमार सिंह ने कलेक्ट्रेट के गांधी सभागार में बेसिक शिक्षा एवं पोषण मिशन की दो अलग-अलग बैठक करके जिम्मेदार अफसरों के जमकर पेंच कसे। आंगनबाड़ी केंद्रों को दुरस्त करने का अल्टीमेटम देते हुए कहा कि केंद्र में बच्चों की नाप के लिए पेंट से निशान बनाए जाएं, साथ ही हर बच्चे का वजन सुनिश्चित करने के लिए वजन मशीन की खरीद हो।

उधर बेसिक शिक्षा की बैठक में उन्होंने बीएसए को निर्देश दिया कि हर बच्चे के लिए स्वेटर खरीद की जाए लेकिन खरीद से पहले अलग-अलग एजेंसियों से स्वेटर का सेंपल और रेट लिया जाए। बीएसए शिवेंद्र प्रताप ने बैठक दौरान ब्लाक वार छात्र छात्रओं व कस्तूरबा गांधी आवासीय स्कूलों की छात्रओं की संख्या बताई। डीएम स्पष्ट किया कि बच्चों के स्वेटर में किसी भी दशा में गुणवत्ता प्रभावित नहीं होनी चाहिए। स्वेटर आपूर्ति के लिए एक ही एजेंसी को काम नहीं दिया जाए बल्कि कई एजेंसियों से कोटेशन लेकर न्यूनतम दर पर आपूर्ति देने वाली एजेंसी से खरीद की जाए।

उधर डीपीओ जया त्रिपाठी को निर्देश दिया कि 25 किलोग्राम की तौल वाली वजन मशीन हर केंद्र में रखी जाए। मशीनों की खरीद जिला पंचायत राज अधिकारी प्रधानों से समन्वय बनाकर करें।

उन्होंने कुपोषित महिलाओं की संख्या पर नाराजगी जताते हुए हुए आशा और आंगनबाड़ी पर दायित्व निर्वहन के निर्देश दिए। बैठक में सीडीओ चांदनी सिंह सीडीपीओ, बीईओ आदि मौजूद रहे।

36 विद्यालय कक्षों के मानक में फेल : बोर्ड परीक्षा में आन लाइन केंद्र निर्धारण प्रक्रिया परेशानी का सबब बनती जा रही है। पड़ताल में पता चला है कि जिले में 36 शिक्षण संस्थान ऐसे हैं जो केंद्र निर्धारण प्रक्रिया को पूरा नही कर पा रहे हैं। इनके कक्षों की संख्या निर्धारित मानक से कम अथवा ज्यादा है। ऐसे में यह शिक्षण संस्थान केंद्र निर्धारण में परेशानी का सबब बन गए हैं।

केंद्र निर्धारण प्रक्रिया में माध्यमिक शिक्षा विभाग परेशानी ङोल रहा है। जिले के 382 राजकीय, सवित्त एवं वित्तविहीन स्कूलों का डाटा विभाग की वेबसाइट पर लोड किया गया है। इस लोड अपडाटा की पड़ताल की जा रही है। महीनों से चल रहे इस काम में यह तथ्य उभर कर सामने आया है कि परिषद का मानक है कि शिक्षण कक्ष का मानक 836 मीटर और 936 मीटर निर्धारित है। पड़ताल में पता चला कि अधिकांश सवित्त विद्यालयों के कक्ष इस मानक पर खरे नहीं उतर रहे हैं। डीआइओएस महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि कक्षों की निर्धारित लंबाई चौड़ाई का मानक फेल हो गया है। परिषद की जो गाइड लाइन होगी उसका पाल कराया जाएगा।1

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