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Wednesday, November 6, 2019

उच्च शिक्षा : केंद्रीय विश्वविद्यालय की तर्ज पर नियुक्त होंगे रजिस्ट्रार व वित्त अधिकारी, पांच वर्ष का होगा कार्यकाल, शासन ने उच्च शिक्षा विभाग से मांगी रिपोर्ट

उच्च शिक्षा : केंद्रीय विश्वविद्यालय की तर्ज पर नियुक्त होंगे रजिस्ट्रार व वित्त अधिकारी, पांच वर्ष का होगा कार्यकाल, शासन ने उच्च शिक्षा विभाग से मांगी रिपोर्ट।



केंद्रीय विवि की तर्ज पर नियुक्त होंगे रजिस्ट्रार व वित्त अधिकारी

  • November 06, 2019

राज्य ब्यूरो, लखनऊ : राज्य विश्वविद्यालयों में अब रजिस्ट्रार, वित्त अधिकारी व परीक्षा नियंत्रक के पद पर केंद्रीय विश्वविद्यालयों के तर्ज पर नियुक्ति की जाएगी। इन अधिकारियों की नियुक्ति विश्वविद्यालय स्तर पर पांच-पांच वर्ष के लिए होगी और कार्यपरिषद इतना ही कार्यकाल बढ़ा सकती है। अभी उत्तर प्रदेश में राज्य सरकार इन पदों पर प्रशासनिक अधिकारियों को नियुक्त करती है।

कई बार ऐसे प्रकरण सामने आते हैं जिसमें यह अधिकारी कुलपति से तालमेल व सामंजस्य नहीं बैठा पाते, इसके कारण विवाद होते हैं। अब विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के दिशा-निर्देशों को लागू करने की तैयारी की जा रही है। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से उच्च शिक्षा विभाग से इस पर रिपोर्ट मांगी गई है। अभी राज्य विश्वविद्यालयों में राज्य सरकार की ओर से रजिस्ट्रार पद पर पीसीएस अधिकारी या फिर रजिस्ट्रार सेवा संवर्ग के अधिकारी नियुक्त होते हैं। वहीं वित्त अधिकारी के पद पर वित्त एवं लेखा सेवा के अधिकारियों को नियुक्त किया जाता है।

परीक्षा नियंत्रक पद पर भी प्रशासनिक अधिकारी नियुक्त होते हैं। कई बार कुलपति व इन अधिकारियों के बीच सामंजस्य न होने से कार्य प्रभावित होता है। राज्य सरकार भी कई बार स्थानांतरण के बाद इन पदों के खाली होने पर लंबे समय तक अधिकारियों को तैनात नहीं करती, ऐसे में काम प्रभावित होता है। वहीं केंद्रीय विश्वविद्यालयों में पांच-पांच साल के लिए इन पदों पर विज्ञापन जारी कर नियुक्ति की जाती है। रजिस्ट्रार पद के लिए एसोसिएट प्रोफेसर पद पर कार्य करने वाले शिक्षक या फिर 15 वर्ष का प्रशासनिक पद पर काम करने का अनुभव और उसमें सात वर्ष डिप्टी रजिस्ट्रार के पद पर कार्य किया हो वह नियुक्त किया जाता है। इन्हें प्रोफेसर पद का वेतन मिलता है।

इसी तरह वित्त अधिकारी व परीक्षा नियंत्रक की भी पांच वर्ष के लिए नियुक्ति होती है। फिलहाल इससे विवाद होने की संभावना कम रहती है और अच्छा काम करने पर उसे अगले पांच वर्ष का सेवा विस्तार भी मिल जाता है।

उप्र विश्वविद्यालय-महाविद्यालय शिक्षक महासंघ (फुपुक्टा) के अध्यक्ष डॉ. वीरेंद्र सिंह चौहान कहते हैं कि यूजीसी रेग्यूलेशन का अगर अक्षरश : पालन कर लिया जाए तो तमाम विसंगतियां दूर हो जाएंगी। फिलहाल सीएम कार्यालय से रिपोर्ट राजभवन भेजी जाएगी।






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