🔴 गोरखपुर (ब्यूरो)। सप्तक्रांति एक्सप्रेस से गोरखपुर आ रही महिला शिक्षक की तबीयत बिगड़ने से रास्ते में ही मौत हो गई। दिल्ली के आनंद विहार स्टेशन से शनिवार की शाम आठ वर्षीय बेटे को लेकर वह ड्यूटी ज्वाइन करने के लिए महराजगंज जा रही थीं। रविवार सुबह ट्रेन गोरखपुर स्टेशन पहुंची तो यात्रियों की मदद से अचेत महिला शिक्षक को नीचे उतारा गया। मौके पर पहुंचे रेलवे के डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
मथुर के रहने वाले सत्यनारायण दास की पत्नी लक्ष्मीप्रिया (35) महराजगंज, सदर के भिसवा प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक थीं। शनिवार की दोपहर में आनंद विहार स्टेशन से सप्तक्रांति एक्सप्रेस से आठ साल के बेटे नवैद्य प्रियांश के साथ गोरखपुर आने के लिए चलीं। लेकिन लखनऊ पहुंचने से पहले ट्रेन में उनकी तबीयत बिगड़ गई। लोगों ने मामले की जानकारी कंट्रोल रूम को दी। लेकिन लखनऊ में कोई डॉक्टर अटेंड करने नहीं पहुंचा। लखनऊ से आगे बढ़ने पर उनकी हालत और खराब हो गई और वह अचेत हो गईं।
रविवार सुबह पांच बजे ट्रेन जब गोरखपुर पहुंची, तो कंट्रोल रूम की सूचना पर डॉक्टर को लेकर पहुंचे यात्रीमित्र ने अचेत पड़ी महिला शिक्षक को नीचे उतारा। जांच के बाद डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। स्टेशन पर उन्हें रिसीव करने पहुंचे शिक्षक दीपक कुमार ने मामले की जानकारी उनके पति सत्यनारायण को दी। देर शाम वह गोरखपुर पहुंचे। पोस्टमार्टम में मौत की वजह स्पष्ट न होने पर डॉक्टर ने बिसरा सुरक्षित रख लिया है। उन्होंने ठंड लगने से शिक्षक की मौत होने का अंदेशा जताया है।
फाइल फोटो
कम समय में ही छाप छोड़ गईं लक्ष्मी प्रिया
तीसरे चरण की प्रशिक्षु थीं महिला शिक्षक
अमर उजाला ब्यूरो
महराजगंज। प्रशिक्षु शिक्षक लक्ष्मी प्रिया कम ही समय में बच्चों के साथ साथ पूरे स्टाफ पर छाप छोड़ गईं। समय की पाबंद अध्यापिका सोमवार को समय से स्कूल पहुंचने के लिए एक दिन पहले ही सप्तक्रांति एक्सप्रेस ट्रेन से चल दी थीं। कौन जानता था कि बीच सफर में उन्हें मौत मिलेगी।
सदर क्षेत्र के भिसवा में तैनात महिला शिक्षक की आकस्मिक मौत पर लोगों में गहरा दुख है। तीसरे चरण की प्रशिक्षु रहीं लक्ष्मीप्रिया कि तैनाती पहली जनवरी 2016 को हुई थी। समय की पाबंद लक्ष्मी विनोदप्रिय और विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए सजग रहती थीं। मकर संक्रांति पर अपने गांव गोवर्धन जनपद मथुरा से ड्यूटी पर लौट रही थीं। प्राइवेट कंपनी में कार्यरत लक्ष्मी प्रिया के पति सत्यनारायण दास का कहना है कि ऐसी आशंका नहीं थी। महराजगंज चलने से एक दिन पहले उनकी जांच कराई थी। सब कुछ सही था। सेंट जोसेफ स्कूल में पढ़ने वाला आठ साल के बेटे प्रियांश की आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। कभी वह अपने पिता का चेहरा देख रहा है तो कभी मां की लाश की ओर। हर कोई उसे ढांढस बंधा रहा था।
निधन पर शोक सभा हुई
महराजगंज। प्राथमिक विद्यालय भिसवा सदर में नियुक्त सहायक शिक्षक लक्ष्मीप्रिया के आकस्मिक निधन पर रविवार को बीआरसी सदर में शोक सभा हुई। जिलाध्यक्ष महेंद्र वर्मा ने बताया कि लक्ष्मीप्रिया अपने स्वभाव के चलते लोक प्रिय हो गई थीं। टीईटी संघर्ष मोर्चा, प्राथमिक शिक्षक संघ के समस्त शिक्षकों ने गहरा दुख जताया। शोक सभा में महामंत्री सत्य प्रकाश वर्मा, राकेश अग्रहरि, राजू सिंह, मनोज वर्मा, केके मद्धेशिया, आलोक दीक्षित, वीरपाल, नामिका, सरिता, रियाज खान, सुधाकर राय और बेसिक शिक्षा विभाग के सदस्य उपस्थित रहे।
लखनऊ में सूचना पर भी ट्रेन में डॉक्टर ने मरीज को अटेंड नहीं किया
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