
Monday, February 8, 2021

Saturday, November 2, 2019

आश्रम पद्धति विद्यालयों में निर्माण कार्यों की गुणवत्ता खराब होने पर सरकार सख्त, प्रथम दृष्टया सही पाई गई शिकायतें, पैक्सफेड के खिलाफ जांच के दिए आदेश
आश्रम पद्धति विद्यालयों में चल रहे निर्माण कार्यों की गुणवत्ता खराब, गोंडा समेत कई जनपदों में मानक के हिसाब से काम नहीं कर रहीं कार्यदायी संस्थाएं, अनुबंध रद्द करने पर हो रहा विचार।

Sunday, August 4, 2019
Tuesday, April 2, 2019
Saturday, March 9, 2019
लखनऊ : राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय में खाली सीटों पर मिलेगा प्रवेश, 27 मार्च को होगी प्रवेश परीक्षा
लखनऊ: समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय(बालक/बालिका) के कक्षा 6,7,8 और 9 में खाली सीटों के लिए 27 मार्च को प्रवेश परीक्षा होगी। प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले विद्यार्थी ही परीक्षा के लिए पात्र होंगे। वहीं कक्षा 11 में खाली सीट के लिए कक्षा 10 में किसी भी बोर्ड से पास छात्र पात्र होंगे, लेकिन उनका चयन 10वीं उत्तीर्ण कर चुके और उसमें मिले अंकों की मेरिट के आधार पर होगा।
सीडीओ मनीष बंसल ने बताया कि राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय (बालक) में केवल अनुसूचित जाति और स्वच्छकार समुदाय के छात्र ही पात्र होंगे और आवेदन प्रक्रिया में प्रतिभाग कर सकेंगे। वहीं, राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय (बालिका) में अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और सामान्य वर्ग की पात्र छात्राएं आवेदन कर सकेंगी। मोहान रोड स्थित इन दोनों विद्यालयों में प्रवेश के लिए इच्छुक विद्यार्थी विद्यालय के प्रधानाचार्य से सम्पर्क कर प्रवेश सम्बन्धी जानकारियां और प्रवेश परीक्षा हेतु आवेदन पत्र का प्रारूप प्राप्त कर सकते हैं। 18 मार्च तक संबंधित अभिलेख जमा होंगे। आवेदन करने की अंतिम तारीख 18 मार्च है।
■ राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय में प्रवेश परीक्षा 27 को।
Monday, February 25, 2019
Sunday, July 1, 2018
Saturday, June 30, 2018
Monday, May 21, 2018
Thursday, April 5, 2018

आश्रम पद्धति स्कूलों के लिए मिला पांच करोड़ 50 लाख रुपये का बजट, 45 हजार बच्चों की होगी एक ड्रेस, दो सेट मिलेंगे मुफ्त
अब परिषदीय स्कूलों में पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों को बेहतर सुविधा मिलेगी। राजधानी के 50 परिषदीय स्कूलों में से 10 स्कूलों को हाईटेक किया जाएगा। इन स्कूलों में बिजली, पानी, कम्प्यूटर लैब समेत कई सुविधाओं से लैस किया जाएगा। इतना ही नहीं विद्यार्थियों को टीवी पर शैक्षिक कार्यक्रम भी दिखाए जाएंगे। बीएसए प्रवीण मणि त्रिपाठी ने बताया कि चयनित विद्यालयों में कंप्यूटर लैब स्थापित करने का काम किया जा रहा है। जल्द ही बाकी के स्कूलों में भी पूरी तैयारी करके हाईटेक पढ़ाई शुरू करवा ली जाएगी। बता दें कि राजधानी के सांसद और गृहमंत्री राजनाथ सिंह के सहयोग से इन स्कूलों को हाइटेक किया जा रहा है।
इन स्कूलों का हुआ चयन
जिन दस विद्यालयों को चयनित किया गया है। इनमें प्राथमिक विद्यालय भपटामऊ, प्राथमिक विद्यालय गाजीपुर बस्तौली, प्राथमिक विद्यालय खुर्रमनगर, प्राथमिक विद्यालय बटहा सबौली, प्राथमिक विद्यालय चंदन, पूर्व माध्यमिक विद्यालय नौबस्ता, पूर्व माध्यमिक विद्यालय कन्या चिन्हट और पूर्व माध्यमिक विद्यालय गाजीपुर बस्तौली शामिल हैं।
हाईटेक सुविधाओं से लैस होंगे 10 परिषदीय स्कूल
निदेशक समाज कल्याण के मुताबिक प्रदेश में संचालित 93 में से 45 स्कूलों को सीबीएसई बोर्ड से मान्यता मिल चुकी है। जल्द ही शेष स्कूलों की मान्यता करवाने के प्रयास हो रहे हैं। सीबीएसई पैटर्न जैसी सुविधाएं देने के लिए सभी स्कूलों में कम्यूटर लैब, पानी के लिए आरओ सिस्टम लगाना और जिन स्कूलों में बिजली की समस्या हैं वहां सोलर पैनल लगाने समेत कुछ अन्य जरूरी कामों के लिए शासन को 60 करोड़ रुपयों का प्रस्ताव बनाकर भेजा जा चुका है। बजट आवंटित होते ही ये सभी काम शुरू करवा दिए जाएंगे।
इन कामों के लिए मांगा 60 करोड़ का बजट
संविदा शिक्षक होंगे नियमित जगदीश प्रसाद के मुताबिक आश्रम पद्धति स्कूलों में संविदा पर पढ़ाने वाले शिक्षकों में हर वक्त नौकरी गंवाने का डर बना रहता है। लिहाजा विभाग की कोशिश है कि इन 93 स्कूलों के करीब 750 संविदा शिक्षकों को नियमित कर दिया जाए।
खाली पद आउट सोर्सिंग से भरे जाएंगे: निदेशक समाज कल्याण ने बताया कि राजकीय पद्धति आश्रम स्कूलों में अब भी शिक्षकों की कमी है। इस गैप को पूरा करने के लिए संविदा शिक्षकों की भर्ती पर तो रोक लगी है लेकिन आउट सोर्सिंग से भरे जाने की कवायद शुरू कर दी गई है। उन्होंने बताया कि 93 स्कूलों में करीब 400 से 500 शिक्षकों की आउट सोर्सिंग से भर्ती किए जाने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। जल्द से इसे भी प्रमुख सचिव को अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा।• योगेन्द्र अवस्थी, लखनऊ
समाज कल्याण विभाग राजधानी समेत प्रदेश के सभी 93 राजकीय आश्रम पद्धति के विद्यार्थियों को मुफ्त में ड्रेस उपलब्ध करवाएगा। इसके अलावा संविदा पर काम कर रहे शिक्षकों को भी नियमित करने की तैयारी शुरू कर दी गई है। खाली शिक्षकों के पदों पर आउट सोर्सिंग से पद भरे जाने का मसौदा तैयार किया
गया है।
निदेशक समाज कल्याण विभाग जगदीश प्रसाद ने बुधवार को बताया कि नवोदय स्कूलों की तर्ज पर समाज कल्याण विभाग, राजकीय पद्धति आश्रम स्कूलों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए तमाम प्रयास कर रहा है। राजधानी समेत प्रदेश के 75 जिलों में 93 स्कूल चल रहे हैं। अब तक इन स्कूलों में बच्चों की ड्रेस अलग-अलग हुआ करती थी लेकिन इस वित्तीय वर्ष से सभी स्कूलों की ड्रेस एक जैसी होगी। सभी विद्यार्थियों को दो सेटों में यह ड्रेस मुफ्त दी जाएगी। कक्षा आठ से 12वीं तक के छात्रों को फुल पैंट और फुट शर्ट जबकि जूनियर से लेकर कक्षा सात तक के छात्रों को हाफ पैंट और शर्ट दी जाएगी। इसी तरह से छात्राओं को दो सेट में टॉप और स्कर्ट दी जाएंगी। इसके लिए शासन से पांच करोड़ "50 लाख आवंटित हो चुके हैं। प्रदेश के 93 स्कूलों में 45,570 स्टूडेंट्स पढ़ रहे हैं।
Tuesday, March 13, 2018
Tuesday, February 20, 2018

आश्रम पद्धति विद्यालय में प्रवक्ता चयन को साक्षात्कार मार्च में, ढाई साल से इंतजार कर रहे अभ्यर्थियों के लिए राहत भरी खबर
इलाहाबाद : राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय में प्रवक्ता चयन के लिए ढाई साल से इंतजार कर रहे अभ्यर्थियों के लिए राहत भरी खबर है। उप्र लोकसेवा आयोग ने 12 मई, 2015 को स्क्रीनिंग परीक्षा के आधार पर साक्षात्कार की तारीखें घोषित कर दी हैं। प्रवक्ता नागरिक शास्त्र के अभ्यर्थियों के साक्षात्कार आठ मार्च को और प्रवक्ता गणित के अभ्यर्थियों के साक्षात्कार 12 मार्च को होंगे।
आयोग के सचिव जगदीश ने बताया है कि समाज कल्याण विभाग के अधीन प्रवक्ता राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय की स्क्रीनिंग परीक्षा-2009 जिसे आयोग ने 12 मई 2015 को आयोजित कराया था, इसके साक्षात्कार मार्च महीने में तय किए हैं। नागरिक शास्त्र विषय के प्रवक्ता चयन के लिए साक्षात्कार आठ मार्च और गणित के प्रवक्ता चयन के लिए साक्षात्कार 12 मार्च को आयोग परिसर में होंगे। नागरिक शास्त्र विषय संबंधित 60 अभ्यर्थियों और गणित विषय संबंधित 43 अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए बुलावा पत्र भेजा गया है। इन सभी को उनके निजी पते पर आवेदन पत्र, साक्षात्कार के लिए बुलावा पत्र समेत अन्य दस्तावेज भेजे गए हैं। जिन्हें पूरी तरह से भरकर अभ्यर्थियों को साथ ले जाना होगा।
क्षैतिज आरक्षण और सामान्य श्रेणी की सभी महिला अभ्यर्थियों को उप्र का निवासी होने का प्रमाण पत्र पिता पक्ष की ओर से लाने को कहा गया है। आयोग ने यह जानकारी अपनी वेबसाइट पर भी उपलब्ध कराई है।
Sunday, May 7, 2017

हरदोई : योजना को अमली जामा पहनाना शुरू, आश्रम के विद्यार्थी भी करेंगे ऑनलाइन पढ़ाई,
जागरण संवाददाता, हरदोई: अब आश्रम पद्धति विद्यालयों (एटीएस) के बच्चे भी स्मार्ट क्लासेज में पढ़ाई करते नजर आएंगे। इन विद्यालयों में एजूकैंप की ओर से ऑनलाइन स्मार्ट क्लासेज शुरू किए जाने की योजना को अमली जामा पहनाना शुरू कर दिया गया है। यूनिसेफ के सहयोग जिले के दो स्कूलों में पढ़ाई का स्तर उठाने की व्यवस्थाएं जुटाई जा रही हैं।
समाज कल्याण विभाग के माध्यम से जिले में दो आवासीय आश्रम पद्धति विद्यालय चल रहे हैं। इन विद्यालयों में कक्षा 6 से 12 तक की कक्षाएं लगती हैं। वैसे तो इन स्कूलों में शैक्षणिक कार्य को शिक्षक तैनात हैं पर गर्मियों में अवकाश के चलते अधिकतर छात्र घर चले जाते हैं जिससे पढ़ाई लगभग ठप हो जाती है।
इसी को देखते हुए निदेशालय ने छात्रों की अभिरुचि और हाईटेक शिक्षा की व्यवस्था सुनिश्चित कराने की योजना को अमली जामा पहनाना शुरू किया है। जिला समाज कल्याण अधिकारी हर्ष मवार ने बताया कि निदेशालय ने एजूकैंप को स्मार्ट क्लासेज के संचालन की स्वीकृति दे दी है। इसमें ऑनलाइन प्रोजेक्टर से शिक्षा दी जाएगी। स्मार्ट क्लासेज के लिए निदेशालय ने इन विद्यालयों के प्रधानाचार्य और शिक्षकों को प्रशिक्षित करने की भी कार्ययोजना दी है। उन्होंने बताया आश्रम पद्धति विद्यालय कछौना में 300 और चठिया में 270 विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं।
प्रधानाचार्य प्रशिक्षण लेने गए जिला समाज कल्याण अधिकारी ने बताया कि स्मार्ट क्लासेज के लिए वैसे तो सभी को प्रशिक्षित किया जाना है। फिलहाल आश्रम पद्धति विद्यालय कछौना के प्रधानाचार्य रघुवीर प्रसाद और चठिया के प्रधानाचार्य सुशील दत्त दो दिवसीय प्रशिक्षण के लिए निदेशालय गए हुए हैं
Friday, May 5, 2017
Thursday, April 27, 2017
Wednesday, April 5, 2017

इलाहाबाद : आश्रम पद्धति के विद्यालयों पर शासन की खास नजर, आश्रम पद्धति विद्यालय के बच्चे पिएंगे मिनिरल वाटर
आश्रम पद्धति के विद्यालयों पर शासन की खास नजर है। कोशिश यही है कि वहां पढ़ने वाले गरीब बच्चों को किसी प्रकार की दिक्कत न हो। पिछले दिनों कुछ विद्यालयों की शिकायत थी कि वहां पीने के लिए साफ पानी नहीं मिलता। ज्यादा दिक्कत कोरांव व शंकरगढ़ जैसे पहाड़ी इलाके में बनाए गए विद्यालयों में है। इसको देखते हुए शासन ने जिले के चारों विद्यालयों में आरओ लगाए जाने के आदेश दिए हैं।
जिले में आश्रम पद्धति के चार विद्यालय हैं। इसमें एक लड़कियों का व तीन लड़कों के हैं। कोरांव स्थित बगई का पूरा गांव में बनाए गए विद्यालय में 312, शंकरगढ़ के सुरवल साहनी स्थित विद्यालय में 253, करछना के खाई गांव में बने विद्यालय में 308 लड़के हैं जबकि कौड़िहार के जगदीशपुर में बने विद्यालय में 260 लड़कियां हैं। विद्यालयों में बाकायदा हॉस्टल की व्यवस्था है। हर सुविधा यहां बच्चों को मुफ्त मिलती है। विद्यालयों में पानी की व्यवस्था है।
Tuesday, December 20, 2016

शिक्षकों ने समाज कल्याण निदेशक का किया घेराव, विनियमितीकरण की मांग को लेकर धरने पर बैठे
राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालयों में तैनात संविदा शिक्षकों ने सोमवार को प्राग नारायण रोड स्थित समाज कल्याण निदेशालय का घेराव कर निदेशक के विरोध में नारेबाजी की। देर रात तक सभी शिक्षक विनियमितीकरण की मांग को लेकर धरने पर बैठे रहे।
आश्रम पद्धति शिक्षक कल्याण समिति के आह्वान पर जुटे शिक्षकों ने मांग पूरी होने तक धरना जारी रखने का एलान किया। समिति की प्रदेश अध्यक्ष मंजूलता सिंह का कहना है कि जब तक मांगें पूरी नहीं होंगी तब शिक्षक यहीं डटे रहेंगे। राजधानी समेत प्रदेश में 776 संविदा शिक्षकों की तैनाती होनी है। धरने में प्रदेश उपाध्यक्ष ब्रजेश पांडेय अलावा रामबहादुर व सत्येंद्र पांडेय, विनय श्रीवास्तव, प्रज्ञा मिश्र, नमिता, दीपा सिंह, मोनिका चौधरी व मनीष मिश्र सहित के अलावा राजधानी सहित सीतापुर, लखीमपुर खीरी, आजमगढ़, प्रतापगढ़, रायबरेली व सुलतानपुर समेत कई जिलों से आए शिक्षक शामिल हुए। शिक्षक समाज कल्याण मंत्री शंखलाल माझी के आवास पर भी गए, लेकिन देर रात तक मुलाकात नहीं हो सकी।
Tuesday, December 13, 2016

बदल गई राजकीय आश्रम पद्धति स्कूलों की पहचान,उत्तर प्रदेश सरकार ने स्कूलों की बदली पहचान,नया नाम जय प्रकाश नारायण सर्वोदय विद्यालय हुआ
Monday, November 14, 2016

फतेहपुर : आश्रम पद्धति स्कूल : ग्रामीण मेधा की उम्मीदों के साथ धोखा, करोड़ों की आलीशान इमारत में नहीं शुरू हो पा रहीं कक्षाएं
परिषदीय स्कूलों के मेधावी बच्चों की बेहतर शिक्षा के लिए करोड़ों की लागत से तैयार आश्रम पद्धति विद्यालय खासमऊ मेधा की राह में रोड़ा बन गया है। चालू सत्र से कक्षा 6 से 8 तक के प्रवेश के लिए लिखित परीक्षा के बाद कट आफ मेरिट से 210 बच्चों की सूची जारी की गई। भविष्य की उम्मीदों को लेकर इस विद्यालय में प्रवेश लेने वाले 120 छात्रों की कक्षाओं की राह देखते ही सत्र बीतने को है। प्रवेश के बाद यह छात्र फिर प्राइमरी स्कूल में जाने को मजबूर हो गए। अब अगली कक्षा में प्रवेश मिलेगा या नहीं इस पर भी ऊहापोह बना हुआ है। समाज कल्याण विभाग के आवासीय आश्रम पद्धति स्कूल में सीबीएसई बोर्ड से कक्षाएं चलाने की अनुमति पिछले सत्र में मिली थी।करोड़ों की लागत से बनी आलीशान इमारत दो साल से मुंह चिढ़ा रही है। चालू सत्र से कक्षाएं शुरू करने की कवायद में अगस्त माह में प्रवेश परीक्षा कराई करा 210 मेधावी छात्रों का चयन किया गया। छात्र व अभिभावक अच्छी शिक्षा का सपना देखने लगे लेकिन अभी तक कक्षाएं शुरू न होने से निराशा घर कर गई है। शिक्षकों के चयन के लिए आवेदन लिए गए लेकिन चयन प्रक्रिया बीच में ही लटक गई। आवासीय विद्यालय में फर्नीचर सहित कई सामाग्री की खरीद-फरोख्त भी नहीं हो पा रही है। इस सत्र में कक्षाएं शुरू न होने की संभावना से चयनित छात्र व उनके अभिभावक परेशान है। कक्षा, 6, सात और आठ के लिए इस विद्यालय में 70-70 सीटें आवंटित सीटों के लिए आखिर फिर प्रवेश परीक्षा होगी या फिर इस साल चयनित छात्रों को ही अगले सत्र में प्रवेश का मौका दिया जाएगा इसकों लेकर विभाग शासन से निर्देश मांग रहा है।
संचालन के हो रहे प्रयास - समाज कल्याण अधिकारी जितेन्द्र कुमार ने बताया कि स्कूल में सभी व्यवस्थाएं है। नियुक्ति प्रक्रिया को पूरा कर लिया गया है। एक सप्ताह में नियुक्ति करते हुए संचालन शुरू कर दिया जाएगा। जो छात्र हमारे चयनित है उन्हें उन्हीं स्कूलों में पढ़ाया जा रहा है। जिस परिषदीय स्कूल में उन्होंने पिछली कक्षा की पढ़ाई की थी। जैसे ही हमारी क्लासें संचालित होगी उन्हें स्कूल से बुलाकर आवासीय स्कूल में रख लिया जाएगा। किन्ही कारणों से इस सत्र में चालू नहीं हो पाया तो शासन के निर्देशानुसार कार्यवाही की जाएगी।खासमऊ स्थित आश्रम पद्घति विद्यालय।
Wednesday, November 2, 2016

राजकीय आश्रम पद्धति के विद्यालय में सीबीएससी पैटर्न, कायम रहेगी हिंदी की बिंदी,अंग्रेजी संग हिंदी माध्यम में भी होगी पढ़ाई, जुलाई के बजाय अप्रैल से अब शुरू होगा नया सत्र
गरीब बच्चों को समाज की मुख्य धारा में लाने के लिए प्रदेश सरकार की ओर से नई व्यवस्था लागू की जा रही है। अंग्रेजी पैटर्न पर पढ़ने वाले आरक्षित वर्ग व गरीब बच्चों को काफी लाभ होगा। विभाग की ओर से तैयारियां पूरी हो गई है। पिछले वर्ष राजधानी के मोहान रोड स्थित विद्यालयों में नई प्रणाली का परीक्षण सफल होने के बाद इस वर्ष से इसे पूरी तरह लागू कर दिया जाएगा। प्राइमरी में प्रवेश नहीं होंगे। केएस मिश्र, जिला समाज कल्याण अधिकारी
बदलाव :
क्या कहते हैं अधिकारी
जितेंद्र उपाध्याय, लखनऊ1समाज कल्याण विभाग की ओर से संचालित होने वाले राजकीय आश्रम पद्धति इंटर कॉलेज के पैटर्न में बदलाव के बीच अंग्रेजी माध्यम के साथ ही हंिदूी में भी पढ़ाई होगी। कक्षा एक के बजाय छह से प्रवेश होंगे। नए पैटर्न के आधार पर राजधानी समेत प्रदेश के सभी 85 राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालयों में एकअप्रैल से शिक्षण कार्य शुरू हो जाएगा।
समाज कल्याण विभाग की ओर से निर्बल आय वर्ग, वाल्मीकि समाज और अनुसूचित जाति के बच्चों को गुणवत्तायुक्त शिक्षा देने के लिए आश्रम पद्धति विद्यालयों का संचालन किया जाता है। कक्षा एक से इंटर तक मिलने वाली मुफ्त शिक्षा को आधुनिकता के रंग में रंगने के लिए पाठ्यक्रम में बदलाव किया जा रहा है। नए सत्र से सीबीएसई पैटर्न पर न केवल पाठ्यक्रम में बदलाव किया गया है बल्कि बच्चों को अंग्रेजी माध्यम के साथ ही हंिदूी में भी पढ़ाई करने का अवसर देने का निर्णय लिया गया है। जुलाई के बजाय अब एक अप्रैल से नया सत्र शुरू होगा।1प्रवेश प्रणाली में नई व्यवस्था के तहत अब सीधे नहीं मेरिट के आधार पर प्रवेश होगा। ब्लॉक स्तर पर 100 मेधावी बच्चों (60 फीसद एससी, 25 फीसद ओबीसी और 15 फीसद सामान्य बीपीएल) का चयन होगा और उनके बीच प्रवेश परीक्षा होगी। परीक्षा के आधार पर प्राप्त अंकों की मेरिट बनेगी। खंड शिक्षा अधिकारी की ओर से हर श्रेणी के मेधावी बच्चों की सूची तैयार की जाएगी। कक्षा पांच के मेधावियों की सूची तैयार करने के साथ ही फरवरी को प्रवेश परीक्षा होगी।
बंद होंगी प्राइमरी कक्षाएं : नवा दय विद्यालयों की भांति आश्रम पद्धति विद्यालयों में भी अब कक्षा एक के स्थान पर कक्षा छह से प्रवेश होंगे। अगले चार वर्षो में प्राइमरी कक्षाएं पूरी तरह बंद हो जाएंगी। पहले से चल रही कक्षाएं ही चलेंगी। कक्षा एक में इस बार प्रवेश नहीं होगा। हालांकि इसे लेकर प्राइमरी शिक्षकों में रोष है।