
Monday, September 2, 2019
Friday, April 5, 2019
Tuesday, July 24, 2018

महराजगंज : प्रेरकों ने 40 माह से बकाया मानदेय के भुगतान की मांग को लेकर सौंपा ज्ञापन, विभागीय अधिकारियों पर शासन को सूचना समय से प्रेषित नहीं करने का लगाया आरोप
Monday, July 9, 2018

मुरादाबाद : प्रेरकों का मानदेय नहीं मिलने से प्रौढ़ शिक्षा अभियान पर ब्रेक, साक्षरता मिशन के लक्ष्य 85 के सापेक्ष 72 फीसद है साक्षरता दर
जागरण संवाददाता, मुरादाबाद: प्रौढ़ शिक्षा का मकसद उन प्रौढ़ व्यक्तियों को शैक्षिक विकल्प देना है, जिन्होंने यह अवसर गंवा दिया और वे शिक्षा ग्रहण करने की आयु को पार कर चुके हैं। मुरादाबाद व सम्भल की 2013 में 960 ग्राम पंचायतों में लोक शिक्षा केंद्र (प्रौढ़ शिक्षा केंद्र) खोले गए थे लेकिन राष्ट्रीय साक्षरता मिशन केंद्र 31 मार्च 2018 को बंद होने के कारण ये भी अस्तित्व में नहीं रहे। दरअसल ये केंद्र नाम के लिए खोले गए। प्रेरकों को पिछले चार साल से मानदेय नहीं मिला। इसी महीने से अब राष्ट्रीय साक्षरता मिशन की जगह पढ़ो और पढ़ाओ योजना शुरू होने जा रही है। पिछले पांच सालों में साक्षरता की बात करें तो इन पांच सालों में साक्षरता दर पांच फीसद ही बढ़ी।
राष्ट्रीय साक्षरता मिशन का लक्ष्य 85 फीसद है। मुरादाबाद में करीब 72 फीसद पुरुष और 65 फीसद महिलाएं ही साक्षर हैं। पुरुष और महिलाओं की साक्षरता दर में दस फीसद का अंतर साक्षरता मिशन प्राधिकरण के अनुसार होनी चाहिए मौजूद साक्षरता में अंतर 10 फीसद से कम है लेकिन देश की कुल साक्षरता दर 85 फीसद से हम पीछे हैं। 14 वर्ष से ज्यादा की आयु वाले जो पढ़ना-लिखना नहीं जानते, उनको साक्षर करने में सरकारें जुटी हुईं हैं लेकिन यह महत्वपूर्ण योजना बजट न मिलने से परवान नहीं चढ़ पाई। अभी पुरुष की अपेक्षा महिलाओं की साक्षरता दर कम है। महिलाओं में साक्षरता दर वर्ष 2001 में 64.84 फीसद से बढ़कर 2011 में 72.98 फीसद हो गई।
अप्रैल में कराई गई साक्षरता ही आखिरी परीक्षा : साक्षरता की आखिरी परीक्षा अप्रैल 2018 में हुई। इसका परिणाम अभी लंबित है। कुंदरकी व सम्भल के ही कुछ ब्लाक के परिणाम की सीडी आई है।
इसमें कक्षा तीन स्तर की परीक्षा हुई थी। कक्षा तीन पास करने के बाद कक्षा पांच की पढ़ाई होती और इसकी परीक्षा पास करने पर कक्षा आठ की पढ़ाई करनी पड़ती है। इसमें 40 फीसद अंक पाने वालों को सी ग्रेड मिलता है।
साक्षरता दर जिस तेजी से बढ़नी चाहिए थी वह नहीं बढ़ सकी। पिछले चार सालों से प्रेरकों का मानदेय नहीं मिला, इससे राष्ट्रीय साक्षरता मिशन कार्यक्रम प्रभावित हुआ है। -अशोक गुप्ता, वरिष्ठ जिला समन्वयक, साक्षरता मिशन कार्यक्रम
Sunday, June 10, 2018

शिक्षा प्रेरकों ने ईको गार्डन स्थल पर लगाया पकौड़ा कॉर्नर, ब्रेड पकौड़े बेचकर जताया विरोध, लगाएं नारे : 'मोदी-योगी आओ, पकौड़े खाओ'
• एनबीटी, लखनऊ : आदर्श लोक शिक्षा प्रेरक वेलफेयर असोसिएशन ने शनिवार को ईको गार्डन स्थल पर प्रदेश अध्यक्ष सतेन्द्र यादव की अगुआई में ब्रेड पकौड़ा बनाकर बेचा। यहां प्रेरकों ने 'राजनाथ सिंह वादा निभाओ', 'कौशल किशोर वादा निभाओ', 'मोदी आओ पकौड़े खाओ', 'योगी जी आओ पकौड़ी खाओ' के नारे भी लगाए। ईको गार्डन में प्रेरक पकौड़ा कॉर्नर पर दस रुपये में पचास से अधिक पकौड़े दिए गए।
यादव ने बताया कि सोमवार से शुरू हुए प्रदर्शन की शासन कोई सुध नहीं ले रहा है, वहीं दूसरी ओर प्रदर्शनकारी गर्मी और बारिश में भी डटे हुए हैं। उनकी मांग है कि 31 मार्च 2018 के बाद समाप्त हुई योजना को नियमित रूप से चलाने के लिए पंचवर्षीय योजना में विस्तार किया जाए। साथ ही अवशेष मानदेय 665 करोड़ रुपये का एक मुश्त भुगतान किया जाए। प्रशिक्षित एवं टैट क्वालिफाइड शिक्षा प्रेरकों को परिषदीय विद्यालय में शिक्षणेत्तर कर्मचारी के पद पर समायोजित किया जाए। समायोजन न होने पाने तक मासिक मानदेय दो हजार रुपये से बढ़ाकर श्रम मंत्रालय द्वारा निर्धारित न्यूनतम मानदेय दिया जाए।