
Friday, November 1, 2019

अल्पसंख्यक इलाकों में खुलेंगे आवासीय बालिका इंटर कॉलेज, सरकार ने पहले चरण में 47 जनपदों को किया चिन्हित
November 01, 2019
राज्य ब्यूरो, लखनऊ : प्रदेश सरकार अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में आवासीय बालिका इंटर कॉलेज खोलने जा रही है। इसे प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के तहत बनाया जाएगा। सरकार ने पहले चरण में उन 47 जिलों को चुना है जिनमें अल्पसंख्यक आबादी ज्यादा है। बालिका इंटर कॉलेजों को तेलंगाना, असम, कर्नाटक आदि राज्यों की तर्ज पर बनाया जाएगा।
दरअसल, प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम से पहले अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में एमएसडीपी कार्यक्रम संचालित था। इसमें अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किए जाते हैं। इसके तहत इंटर कॉलेजों के भवन भी बनाए जाते थे। भवन बनाने के बाद इसे शिक्षा विभाग को संचालन के लिए स्थानांतरित कर दिया जाता था। लेकिन अब प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के तहत प्रदेश सरकार पहली बार आवासीय बालिका इंटर कॉलेज बनाने जा रही है।
प्रत्येक कॉलेज के लिए करीब 25 करोड़ रुपये का बजट रखा है। इसमें भवन निर्माण के साथ ही फर्नीचर से लेकर दूसरी व्यवस्थाएं तक अल्पसंख्यक कल्याण विभाग खुद करेगा। हालांकि इसका संचालन शिक्षा विभाग करेगा या फिर अल्पसंख्यक कल्याण विभाग खुद अपने संसाधनों से इसे संचालित करेगा इस पर अंतिम निर्णय अभी नहीं हुआ है। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग इन आवासीय बालिका इंटर कॉलेजों को मॉडल के रूप में विकसित करना चाहता है। इसके लिए तेलंगाना, असम, कर्नाटक व केरल जैसे राज्यों के आवासीय इंटर कॉलेजों का अध्ययन किया जा रहा है। इन प्रदेशों की व्यवस्थाएं देखने के बाद अल्पसंख्यक कल्याण विभाग प्रदेश में भी उन्हें लागू करेगा। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के इस प्रस्ताव को जल्द ही प्रदेश सरकार मंजूरी देने के बाद केंद्र भेजेगी। वहां से हरी झंडी मिलने के बाद बालिका इंटर कॉलेज बनने शुरू हो जाएंगे।
’>>सरकार ने पहले चरण में 47 जिलों को किया चिह्न्ति
’>>इन कॉलेजों में कक्षा छह से 12 तक की होगी पढ़ाई
सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, मुरादाबाद, रामपुर, अमरोहा, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, बुलंदशहर, बदायूं, बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर, खीरी, सीतापुर, रायबरेली, प्रतापगढ़, बाराबंकी, सुलतानपुर, बहराइच, श्रवस्ती, बलरामपुर, गोण्डा, सिद्धार्थनगर, बस्ती, संतकबीरनगर, आजमगढ़, गाजीपुर, कासगंज, गौतमबुद्धनगर, हरदोई, उन्नाव, फरूखाबाद, कन्नौज, इटावा, कानपुर, फतेहपुर, फैजाबाद, अंबेडकरनगर, मऊ, जौनपुर, भदोही, संभल, हापुड़, शामली व अमेठी।

Monday, September 2, 2019
Friday, August 9, 2019
Wednesday, June 26, 2019
Friday, February 22, 2019
Monday, February 11, 2019
Thursday, February 15, 2018
Wednesday, January 31, 2018

बजट पूर्वानुमान : उच्च शिक्षा के क्षेत्र में महिला सशक्तिकरण के लिए हर राज्य में खुल सकता है महिला विश्वविद्यालय
नई दिल्ली : महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने में जुटी सरकार बजट में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में उनकी भागीदारी बढ़ाने के लिए कुछ बड़े ऐलान कर सकती है। इसमें सभी राज्यों में महिलाओं के लिए अलग से विश्वविद्यालय खोलने जैसी घोषणा हो सकती है। इसके अलावा इंजीनियरिंग संस्थानों में प्रवेश के लिए भी उन्हें कुछ सहूलियत दी जा सकती है। इसके तहत उनकी सीटें तय की जा सकती हैं। मौजूदा समय में देश में महिलाओं के लिए अलग से 10 विश्वविद्यालय संचालित हैं। इनमें एक निजी क्षेत्र का भी है।
उच्च शिक्षा में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने को लेकर सरकार ने हाल ही में उच्च शिक्षा को लेकर जारी एक रिपोर्ट के बाद यह कदम उठाया है। इसमें पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की भागीदारी काफी कम है। इंजीनियरिंग क्षेत्र में यह हिस्सेदारी और भी कम है। रिपोर्ट के मुताबिक अंडर ग्रेजुएट लेवल पर महिलाओं का प्रतिशत कुल नामांकन होने वाले छात्रों में 47 फीसद ही है। जबकि पुरुषों की भागीदारी 53 फीसद है। इंजीनियरिंग के क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी मात्र नौ फीसद ही है। सरकार की कोशिश आने वाले तीन सालों में इंजीनियरिंग के क्षेत्र में उनकी हिस्सेदारी बढ़ाकर बीस फीसद तक पहुंचना है।
सूत्रों के मुताबिक मानव संसाधन विकास मंत्रलय ने वित्त मंत्रलय को हर राज्य में महिलाओं के लिए अलग से विश्वविद्यालय खोलने का प्रस्ताव दिया है। सरकार का मानना है कि महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए उच्च शिक्षा में उनकी भागीदारी बढ़ाना जरूरी है। देश में महिलाओं के लिए अलग से पहला विश्वविद्यालय मुंबई में खोला गया था, इसे एसएनडीटी (श्रीमती नाथीबाई दामोदर ठाकेरसाय) विश्वविद्यालय के नाम से जाना जाता है। इसके अलावा देश में महिलाओं के लिए करीब 188 कालेज भी हैं।
इनमें 61 महिला कालेज अकेले पश्चिम बंगाल में हैं, जबकि 27 तमिलनाडु और 17 उत्तर प्रदेश में हैं।
■ बजट में किया जा सकता है एलान, मंत्रलय दे चुका है सुझाव।
■ मौजूदा समय में महिलाओं के लिए अलग से दस विश्वविद्यालय ही।
Thursday, December 28, 2017
Thursday, November 23, 2017
Thursday, September 21, 2017

पहली बार सैनिक स्कूल में मिलेगा बेटियों को दाखिला, फार्म 25 सितंबर से ऑनलाइन भरा जाएगा
लखनऊ : देश का पहला सैनिक स्कूल अब एक नया इतिहास रचने जा रहा है। अब तक बेटों को सेना के तीनों अंगों का अफसर बनाने वाले यूपी सैनिक स्कूल में अप्रैल से बेटियों के एडमिशन होंगे। उनको चार साल तक विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। यूपी सैनिक स्कूल में इस साल कक्षा नौ में बेटियों को एडमिशन मिलेगा। इसका फार्म 25 सितंबर से ऑनलाइन भरा जाएगा, जबकि शैक्षिक सत्र अप्रैल, 2018 से शुरू होगा।
1960 में यूपी सैनिक स्कूल की स्थापना हुई थी। उस समय यह देश का पहला सैनिक स्कूल था। आज देश में 25 सैनिक स्कूल हैं। इनमें यूपी सैनिक स्कूल ही एकमात्र संस्थान है जो राज्य सरकार के अधीन है। जबकि अन्य सैनिक स्कूलों पर रक्षा मंत्रलय और केंद्र सरकार का नियंत्रण है। यूपी सैनिक स्कूल से पढ़ने के बाद अब तक 1500 छात्र कैडेट देश की सेना के तीनों अंगों में अफसर बन चुके हैं।
■ ऑनलाइन मिलेंगे प्रवेश फार्म : यूपी सैनिक स्कूल में बालकों के लिए कक्षा सात और बालिकाओं के लिए कक्षा नौ से प्रवेश के फार्म 25 सितंबर से ऑनलाइन उपलब्ध होंगे। विद्यालय की वेबसाइट पर आवेदन फार्म भरना होगा। आवेदन फार्म भरने की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर है।
Thursday, July 13, 2017
Wednesday, September 7, 2016

महराजगंज : बालिका शिक्षा धन में गबन को लेकर बीएसए, सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी तथा जिला समन्वयक में टकराव
महराजगंज : बालिका शिक्षा योजना में गबन को लेकर सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी व जिला समन्वयक में टकराव तेज हो गया है। तीनों के बीच बंद कमरे की लड़ाई बाहर आ गयी है। बीएसए ने पावर का उपयोग कर सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी को कार्यमुक्त कर दिया तो लेखाधिकारी ने भी गबन के खेल का भंडाफोड़ करते हुए बीएसए व जिला समन्वयक के खिलाफ कार्रवाई के लिए डीएम को पत्र लिखा है। सर्व शिक्षा अभियान के सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी वाचस्पति द्विवेदी द्वारा बालिका शिक्षा योजना में चल रहे गबन के खेल का काला चिट्ठा खोलने वाला डीएम को लिखा गया पत्र वायरल हो चुका है। इसके वायरल होने से शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है। क्योंकि तीन अधिकारियों के बीच गबन को लेकर होने वाले टकराव में कई कर्मचारियों को भी अब अपनी गर्दन फंसती हुई महसूस होने लगी है। सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी वाचस्पति द्विवेदी ने डीएम को भेजे पत्र में लिखा है कि तथ्यों को छिपाकर बीएसए ने हमें कार्यमुक्त कराया है। गत 15 जून 16 के निदेशक आन्तरिक परीक्षा लखनऊ जिस पत्र हमें कार्यमुक्त कराया गया वह आदेश हमारे लिए नहीं है। यह आदेश वाचस्पति द्विवेदी सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान देवरिया के लिए है। इस आदेश के दो दिन बाद यानी 17 जून से राज्य परियोजना निदेशक के आदेश से सर्व शिक्षा अभियान महराजगंज में सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी के पद पर कार्य कर रहा हूं। बकौल वाचस्पति द्विवेदी अलग-अलग विभाग व कार्यालय होने के बाद भी नाम में समानता होने का फायदा बीएसए महराजगंज ने उठाया और डीएम महराजगंज को गुमराह कर हमें कार्यमुक्त करा दिया। क्योंकि हमने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी महराजगंज व बालिका शिक्षा के जिला समन्वयक महेन्द्र यादव के षडयंत्र में शामिल होने से इंकार कर दिया था। बीएसए व जिला समन्वयक कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में लाखों रुपये के फर्जी बिलों के भुगतान पर मुझसे हस्ताक्षर करने हेतु दबाव बना रहे थे जिसे भुगतान करने से मना कर दिया था। पिछले 22 जून को कार्यभार ग्रहण करने के बाद बालिका शिक्षा योजना में वित्तीय अराजकता की स्थिति संज्ञान में आयी। 16 जुलाई को डीएम से मिलकर पूरी वास्तविकता से अवगत कराया तो डीएम ने निर्देश दिया था कि वित्त के अधिकारी तुम हो, निर्भय होकर बिल परीक्षण के बाद ही भुगतान करना। कोई समस्या हो तो बताना। इसी निर्देश का पालन करते हुए कार्य करने लगा तो जिला समन्वयक बालिका शिक्षा महेन्द्र यादव व जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी महराजगंज ने जो लाखों रुपये के गबन की योजना बनायी थी वह असफल हो गयी। लेखाधिकारी ने डीएम को भेजे पत्र में स्पष्ट लिखा है कि कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में छात्रओं की उपस्थिति 25 से तीस फीसद ही है। इसके बावजूद बीएसए व जिला समन्वयक फ्राड करते हैं और 90 से 95 फीसद छात्रओं की फर्जी उपस्थिति कागज में बनवाते हैं तथा फर्जी बिलों का भुगतान कराने के लिए सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी पर दबाव बनाते हैं। इस तरह आपूर्ति प्रक्रिया का सरासर उल्लंघन दोनो अधिकारियों द्वारा किया जाता है। इस संबंध में आप ने जांच कमेटी भी गठित की है पर इसकी रिपोर्ट आनी शेष है। यह गबन काफी दिनों से कराया जा रहा है इसलिए इसकी ठीक से जांच कराकर सरकारी धन का गबन करने में लिप्त लोगों के खिलाफ कार्रवाई कराया जान जनहित में जरूरी है।
Wednesday, December 30, 2015

श्रावस्ती : बालिका शिक्षा पर ज़ोर, बाल विवाह पर चोट
देहात संस्था की ओर से जमुनहा के प्राथमिक विद्यालय असनी में हुआ कार्यक्रम
जागरण संवाददाता, श्रवस्ती: मंगलवार को जमुनहा विकास क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय असनी में जन-संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसकी अध्यक्षता जिलाधिकारी राघवेंद्र विक्रम सिंह ने की। देहात संस्था की ओर से आयोजित कार्यक्रम में बालिका शिक्षा का समर्थन व बाल विवाह पर चोट करते हुए लोगों को परिवार नियोजन व स्वास्थ्य संबंधी अन्य जानकारी दी गई। 1जिलाधिकारी ने कहा कि समाज के उत्थान के लिए बेटियों को शिक्षित करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि बेटा-बेटी में बिना भेदभाव किए उन्हें स्कूल भेजना चाहिए। बेटियों की शिक्षा आगे बढ़ाने के लिए शासन की ओर से भी उनकी मदद की जाती है। डीएम ने कहा कि बाल विवाह समाज के लिए अभिशाप है। खेलने-कूदने व पढ़ने-लिखने की उम्र में बच्चों की शादी कर देना पाप है। इससे बचना चाहिए। देहात संस्था के डॉ. जीतेंद्र चतुर्वेदी ने महिला सशक्तीकरण व दहेज उत्पीड़न पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि महिलाएं अपने अधिकारों का प्रयोग करें। समाज में सबको बराबरी का अधिकार है। इसे समङो बिना देश की उन्नति नहीं हो सकती है। कार्यक्रम में परिवार नियोजन व स्वास्थ्य सेवाओं संबंधी जानकारी भी दी गई। इस दौरान सीएमओ डॉ. आशीष दास, तहसीलदार जमुनहा विजय कुमार, खंड शिक्षा अधिकारी जगतनरायन पटेल के अलावा खंड विकास अधिकारी व बाल विकास परियोजना अधिकारी समेत अन्य ग्रामीण मौजूद रहे।विकास क्षेत्र जमुनहा के प्राथमिक विद्यालय असनी में आयोजित जन-संवाद कार्यक्रम को संबोधित करते डीएम राघवेंद्र विक्रम सिंह व मौजूद देहात संस्था के डॉ. जीतेंद्र चतुर्वेदी जागरण
Monday, December 21, 2015
Wednesday, December 2, 2015

देवरिया : कैमरे की जद में रहेंगी 'बा' की बेटियां
कैमरे की जद में रहेंगी 'बा' की बेटियां
देवरिया: कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में होने वाली हर गतिविधियों पर अब अधिकारियों की पैनी नजर रहेगी। बीएसए के प्रयास से जल्द ही जनपद के सभी 13 कस्तूरबा विद्यालय सीसी टीवी कैमरे से लैस हो जाएंगे। पहले चरण में बनकटा व भाटपार रानी कस्तूरबा विद्यालय सीसी टीवी कैमरे से लैस हो चुके हैं। यानी अब विद्यालय में पढ़ाई हो रही है या नहीं। सभी प्रकार की गतिविधियों को बीएसए, जिला समन्वयक तथा सहायक वित्त व लेखाधिकारी अपने मोबाइल के जरिए सजीव देख सकेंगे।
वर्तमान में जनपद में तेरह कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय सदर ब्लाक, देसही देवरिया, भाटपार रानी, भटनी, बनकटा, गौरीबाजार, रामपुर कारखाना, बैतालपुर, रुद्रपुर, भलुअनी, बरहज, भाटपार रानी तथा लार में संचालित हैं, जिनमें 6 से 14 वर्ष तक की छात्राएं पढ़ती हैं। विद्यालय में वार्डेन के अतिरिक्त चार पूर्णकालिक व चार अंशकालिक शिक्षिकाएं, एक चौकीदार, एक चतुर्थ श्रेणी कर्मी, एक रसोइया, दो सहायक रसोइया तथा एक लेखाकार कार्यरत हैं। इन विद्यालयों में पठन-पाठन के स्तर की गुणवत्ता तथा अन्य व्यवस्थाओं को लेकर काफी दिनों से शिकायतें मिल रही थीं, जिसे गंभीरता से लेते हुए बीएसए मनोज कुमार मिश्र ने कई बार इन विद्यालयों में औचक निरीक्षण कराया। वार्डेन, शिक्षकों व कर्मचारियों को कड़ी चेतावनी भी दी। थोड़ा-बहुत सुधार हुआ, लेकिन समस्या जड़ से खत्म नहीं हुई। अंतत: बीएसए ने जनपद के सभी कस्तूरबा विद्यालयों को सीसी टीवी कैमरे से लैस करने का निर्णय लिया, जिससे कार्यालय में बैठे विद्यालयों की सभी गतिविधियों की जानकारी हो सके। योजना के प्रथम चरण में बनकटा व भाटपाररानी कस्तूरबा विद्यालय सीसी टीवी कैमरे से लैस हो चुके हैं। शेष विद्यालयों में कार्य प्रगति पर है।
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''पठन-पाठन की गुणवत्ता व व्यवस्था में सुधार के लिए कस्तूरबा विद्यालयों को सीसी टीवी कैमरे से लैस किया जा रहा है। बनकटा व भाटपाररानी कस्तूरबा विद्यालय आनलाइन हो चुके हैं। इन दोनों विद्यालयों की सभी गतिविधियां हम कार्यालय में बैठे अपने स्मार्ट फोन के जरिए देख सकते हैं। जल्द ही शेष विद्यालय भी सीसी टीवी कैमरे से लैस हो जाएंगे।''
-मनोज कुमार मिश्र
जिला बेसिक शिक्षाधिकारी
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''जिला बेसिक शिक्षाधिकारी के प्रयास से यह कार्य संभव हो सका है। पूरी योजना पर लगभग सात लाख रुपये खर्च हो रहे हैं। इससे जहां विद्यालयों की व्यवस्था में सुधार होगा वहीं पठन-पाठन का स्तर भी ठीक होगा।''
-शिव शंकर मल्ल
जिला समन्वयक, बालिका शिक्षा
सर्वशिक्षा अभियान
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साभार-दैनिक जागरण
Saturday, November 28, 2015

मैनपुरी : पंचायत चुनाव से टला जूड़ो-कराटे प्रशिक्षण , बालिकाओं को दिसंबर के दूसरे पखवाड़े तक करना होगा इंतजार
> जिले में तीन कस्तूरबा स्कूलों और ब्लाकों में होना है प्रशिक्षण
> स्कूली बालिकाओं को शिक्षा के साथ-साथ सुरक्षा के तौर-तरीकों से रूबरू कराने के लिए शासन द्वारा शुरू की गई जूड़ो-कराटे प्रशिक्षण योजना का मामला
> पहले भी पंचायत चुनाव के कारण कार्यक्रम हुआ था लंबित , अब चुनाव व मतगणना के बाद जिले में एक साथ सभी ब्लाकों पर प्रशिक्षण शिविर शुरू करने पर किया जा रहा है विचार