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Friday, July 31, 2020
Monday, July 27, 2020

समाज कल्याण के स्कूलों के बच्चों को नहीं मिलेगी यूनीफार्म, शासन की तरफ से नहीं दिया गया इस मद में धन
प्रयागराज : समाज कल्याण विभाग की ओर से संचालित स्कूलों के बच्चों को इस बार भी यूनिफॉर्म नहीं मिल पाएगी। शासन की तरफ से इस मद में धन नहीं दिया गया है। परिषदीय विद्यालयों और राजकीय विद्यालयों के बच्चों को यूनीफार्म वितरण करने के लिए धन आ गया है। रकम सभी विद्यालयों की प्रबंध समिति के खातों में भी भेज दी है। प्रधानाध्यापक अपने स्तर से कपड़े के लिए कोटेशन मांग रहे हैं। उसके बाद स्वयं सहायता समूहों की मदद से यूनीफार्म तैयार कराकर विद्यार्थियों को दी जाएगी। प्रत्येक विद्यार्थी को दो सेट यूनीफार्म देनी है। प्रदेश में कुल 571 विद्यालयों में 30 प्रयागराज में हैं।
बेसिक शिक्षा अधिकारी संजय कुशवाहा ने बताया कि सिर्फ परिषदीय और राजकीय विद्यालयों के बच्चों को यूनीफार्म देने के लिए बजट आया है। उसी के अनुरूप कार्य किया जा रहा है। अभी समाज कल्याण विभाग के विद्यालयों के लिए कोई दिशा निर्देश नहीं मिला है।
Sunday, July 26, 2020

यूनीफार्म वितरण : चुनिंदा फर्म को टेंडर दिलाने का ‘खेल’ शुरू, दबी जुबान से शिक्षक कर रहे असंतोष व्यक्त
यूनीफार्म वितरण : चुनिंदा फर्म को टेंडर दिलाने का ‘खेल’ शुरू, दबी जुबान से शिक्षक कर रहे असंतोष व्यक्त
प्रयागराज : परिषदीय विद्यालयों के बच्चों को स्कूल यूनीफार्म वितरित करने के लिए सभी विद्यालय प्रबंध समिति के बैंक खातों में राशि भेजने के साथ चुनिंदा फर्म को टेंडर दिलाने का ‘खेल’ भी शुरू हो गया है।
शासन की तरफ से भेजी रकम से प्रत्येक बच्चे को दो सेट (शर्ट-पैंट) यूनीफार्म उपलब्ध कराना है। एक बच्चे पर 600 रुपये खर्च किये जाने की व्यवस्था है। पिछले दिनों वैचारिक शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से बेसिक शिक्षाधिकारी को भेजे पत्र में आरोप लगाया गया कि यूनीफार्म वितरण का केंद्रीयकरण कर एक निश्चित फर्म से यूनीफार्म वितरण के लिए दबाव बनाया जा रहा है। कौंधियारा, चाका, उरुवा, करछना, जसरा, मांडा आदि के शिक्षकों का कहना है कि मीटिंग बुलाकर एक निश्चित फर्म का कपड़ा लेने को कोटेशन दिलाकर बांटने का दबाव है। हालांकि कोई भी शिक्षक खुलकर सामने नहीं आ रहा है। कुछ यूनीफार्म विक्रेताओं ने शहर उत्तरी के विधायक हर्षवर्धन वाजपेयी से भी मुलाकात की थी। वैचारिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. ज्ञान प्रकाश सिंह ने भी बताया कि उनके पास कई शिकायतें मिली हैं। उन्होंने पत्र लिखकर महानिदेशक स्कूल शिक्षा उत्तर प्रदेश व शिक्षा निदेशक बेसिक से अनुरोध किया है कि स्वेटर, जूता, मोजा, किताबों की तरह यूनीफार्म भी सरकारी टेंडर के जरिए वितरित कराई जाएं।
अभी मेरे पास कोई शिकायत नहीं आई है। यह जरूर है कि कोरोना संकट के चलते शासन की मंशा के अनुरूप स्थानीय स्तर पर महिला समूहों से यूनीफार्म की सिलाई करवाने का निर्देश है। उसके अनुसार कदम भी उठाए जा रहे हैं।
संजय कुशवाहा, बेसिक शिक्षाधिकारी।
Thursday, July 23, 2020

फतेहपुर : स्वयं सहायता समूह की महिलाएं सिलेंगी 56 हजार यूनीफॉर्म, एक लाख या अधिक बजट पर होगा टेंडर
फतेहपुर : स्वयं सहायता समूह की महिलाएं सिलेंगी 56 हजार यूनिफॉर्म, एक लाख या अधिक बजट पर होगा टेंडर।
फतेहपुर :: बेसिक शिक्षा विभाग के प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में निशुल्क यूनीफार्म वितरण की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। इस बार यूनीफार्म की सिलाई की जिम्मेदारी स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को भी दिया गया है। जिले के विभिन्न ब्लाकों में समूह की महिलाओं के हाथों से बनी यूनीफार्म बच्चे पहन सकेंगे।
विभाग के अनुसार अब तक 56 हजार यूनीफार्म बनाने की जिम्मेदारी समूह की महिलाओं को दिया गया है। परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को निशुल्क पुस्तकों के बाद अब यूनीफार्म देने के लिए विभागीय कवायद तेज हो गई है। भले ही विद्यालय संक्रमण काल को देखते हुए बंद चल रहे हों लेकिन बच्चों को दी जाने वाली सुविधाएं एमडीएम, पुस्तक एवं यूनीफार्म वितरण का कार्य तेजी पर है। सरकार की ओर से इस बार कोरोना को लेकर परदेश से लौटी प्रवासी महिलाओं एवं स्वयं सहायता समूह की महिलाओं से यूनीफार्म तैयार करने का आदेश जारी हुआ था। जिसके तहत विभाग ने विभिन्न ब्लाकों में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को करीब 56 हजार यूनीफार्म बनाने का काम सौंपा गया है।
समूह द्वारा सीएलएफ जीएसटी फर्म से कपड़ा खरीदा जाएगा और बच्चों के नाप के मुताबिक ड्रेस तैयार करेंगी। इसके अलावा अन्य यूनीफार्म के लिए खाका तैयार कर दिया गया है। एक लाख से अधिक धनराशि पर पड़ेगा सेंटर-जिले के करीब तीन हजार विद्यालयों में यूनीफार्म वितरण के लिए शासनादेश के तहत बेसिक शिक्षा विभाग ने तय किया है कि जिन विद्यालयों में ड्रेस बनवाने में एक लाख से अधिक की धनराशि होगी, वहां पर टेंडर डाले जाएंगे। ब्लाक स्तर पर पड़ने वाले टेंडर प्रक्रिया के लिए बकायदा अखबारों में विज्ञापन भी प्रकाशि कराया जाएगा। इसके अलावा एक लाख से कम लागत वाले विद्यालयों में कोटेशन के तहत यूनिफॉर्म आपूर्ति कराई जाएगी।
यूनीफार्म वितरण की प्रक्रिया तेजी पर है। सभी बीईओ को निर्देशित किया जा चुका है कि ड्रेस तैयार कराते हुए विद्यालयों में दो से तीन अभिभावकों को एक बार में बुलाकर यूनीफार्म वितरण किया जाए।यूनिफार्म तैयार कराने के लिए स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को भी काम दिया गया है।
शिवेंद्र प्रताप सिंह, बीएसए

फतेहपुर :: बेसिक शिक्षा विभाग के प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में निशुल्क यूनीफार्म वितरण की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। इस बार यूनीफार्म की सिलाई की जिम्मेदारी स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को भी दिया गया है। जिले के विभिन्न ब्लाकों में समूह की महिलाओं के हाथों से बनी यूनीफार्म बच्चे पहन सकेंगे।
विभाग के अनुसार अब तक 56 हजार यूनीफार्म बनाने की जिम्मेदारी समूह की महिलाओं को दिया गया है। परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को निशुल्क पुस्तकों के बाद अब यूनीफार्म देने के लिए विभागीय कवायद तेज हो गई है। भले ही विद्यालय संक्रमण काल को देखते हुए बंद चल रहे हों लेकिन बच्चों को दी जाने वाली सुविधाएं एमडीएम, पुस्तक एवं यूनीफार्म वितरण का कार्य तेजी पर है। सरकार की ओर से इस बार कोरोना को लेकर परदेश से लौटी प्रवासी महिलाओं एवं स्वयं सहायता समूह की महिलाओं से यूनीफार्म तैयार करने का आदेश जारी हुआ था। जिसके तहत विभाग ने विभिन्न ब्लाकों में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को करीब 56 हजार यूनीफार्म बनाने का काम सौंपा गया है।
समूह द्वारा सीएलएफ जीएसटी फर्म से कपड़ा खरीदा जाएगा और बच्चों के नाप के मुताबिक ड्रेस तैयार करेंगी। इसके अलावा अन्य यूनीफार्म के लिए खाका तैयार कर दिया गया है। एक लाख से अधिक धनराशि पर पड़ेगा सेंटर-जिले के करीब तीन हजार विद्यालयों में यूनीफार्म वितरण के लिए शासनादेश के तहत बेसिक शिक्षा विभाग ने तय किया है कि जिन विद्यालयों में ड्रेस बनवाने में एक लाख से अधिक की धनराशि होगी, वहां पर टेंडर डाले जाएंगे। ब्लाक स्तर पर पड़ने वाले टेंडर प्रक्रिया के लिए बकायदा अखबारों में विज्ञापन भी प्रकाशि कराया जाएगा। इसके अलावा एक लाख से कम लागत वाले विद्यालयों में कोटेशन के तहत यूनिफॉर्म आपूर्ति कराई जाएगी।
यूनीफार्म वितरण की प्रक्रिया तेजी पर है। सभी बीईओ को निर्देशित किया जा चुका है कि ड्रेस तैयार कराते हुए विद्यालयों में दो से तीन अभिभावकों को एक बार में बुलाकर यूनीफार्म वितरण किया जाए।यूनिफार्म तैयार कराने के लिए स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को भी काम दिया गया है।
शिवेंद्र प्रताप सिंह, बीएसए

Thursday, July 16, 2020

अनुसूचित जनजाति की छात्राओं को साइकिल और यूनिफॉर्म देगी सरकार
अनुसूचित जनजाति की छात्राओं को साइकिल और यूनिफॉर्म देगी सरकार
लक्ष्य पूरा न करने वाले जिला स्तरीय अधिकारियों पर होगी कार्रवाई
लखनऊ। प्रदेश सरकार अनुसूचित जनजाति (एसटी) की छात्राओं को यूनिफॉर्म और साइकिल देगी। कक्षा 6,9 और 11 में पढ़ने वाली छात्राओं को इस योजना का लाभ मिलेगा। इस मद में प्रति चयनित छात्रा 4000 रुपये का बजट रखा गया है। जनजातीय कल्याण निदेशालय ने सभी जिला स्तरीय अधिकारियों से कहा है कि वे संबंधित जिलों में पात्र छात्राओं का चयन करें।
एक छात्रा को 700 रुपये मूल्य की यूनिफॉर्म और 3300 रुपये की साइकिल दी जाएगी। अभी तक प्रदेश सरकार इस संबंध में राशि का प्रावधान तो करती थी, पर जिला स्तरीय अधिकारियों की लापरवाही के कारण बजट खर्च नहीं हो पाता था। वर्ष 2019-20 में सोनभद्र में इस मद का 40 लाख का बजट सरेंडर किया गया।
इस बार सरकार ने कड़ा रुख अपनाते हुए जिला स्तरीय अधिकारियों से कहा है कि वे समय रहते छात्र-छात्राओं का चयन कर सूची निदेशालय को भेजो। अगर किसी जिले से सूची नहीं आई और वहां जांच में छात्राएं पात्र मिली, तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। जनजातीय कल्याण निदेशालय के मुताबिक, साइकिल और यूनिफॉर्म मद में सरकार ने एक करोड़ रुपये बजट का प्रावधान किया है।
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