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Thursday, December 8, 2022

तैयारी : पांच साल तक के बच्चों की गिनती होगी, MR की दो डोज सहित अन्य वैक्सीन की छूटी हुई डोज दी जाने का चलेगा अभियान

तैयारी : पांच साल तक के बच्चों की गिनती होगी, MR की दो डोज सहित अन्य वैक्सीन की छूटी हुई डोज दी जाने का चलेगा अभियान



लखनऊ: यूपी में शून्य से पांच साल तक के बच्चों की गिनती की जाएगी। स्वास्थ्य विभाग इसके लिए हेड काउंट सर्वे कराने जा रहा है।


उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने निर्देश दिए हैं कि पांच साल के तक बच्चों को एमआर की दो डोज सहित अन्य वैक्सीन की छूटी हुई डोज दी जानी है। टीकाकरण का आंकड़ा 95 फीसदी से अधिक करना है। इसके लिए आगामी तीन माह में प्रदेश के सभी शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में पांच साल तक के बच्चों का हेड काउंट सर्वे कर उनकी टीकाकरण की स्थित देखनी है। तय प्रारूप पर इसकी रिपोर्ट ई-कवच पोर्टल पर अपडेट की जाएगी। यह काम 17 दिसंबर तक पूरा किया जाना है। 


उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के निर्देश के बाद प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने सभी सीएमओ को इसके लिए आदेश जारी किया है। ऐसा प्रदेश में खसरा और रूबेला के साथ ही नियमित टीकाकरण को ढर्रे पर लाने के लिए किया जा रहा है। टीकाकरण के लिए प्रदेशभर में जनवरी, फरवरी और मार्च में विशेष टीकाकरण पखवाड़े आयोजित किए जाएंगे। कोरोना ने यूपी सहित तमाम राज्यों में नियमित टीकाकरण को बेपटरी कर दिया है। 


नतीजा यह है कि कई राज्यों में खसरा और रूबेला के तमाम केस मिल रहे हैं। संवेदनशीलता के मामले में यूपी देश में सबसे ऊपर है। सिर्फ खसरा और रूबेला ही नहीं बच्चों का बाकी टीकाकरण भी तय समय पर नहीं हो पा रहा। अब इसे सुधारने के लिए विशेष टीकाकरण अभियान चलाने का फैसला किया गया है।


आशा, आंगनबाड़ी, शहरी मोबिलाइजर, लिंक वर्कर यह सर्वे घर-घर जाकर करेंगे। हर घर पर मार्किंग की जाएगी। फिर छूटे हुए बच्चों का माइक्रो प्लान के हिसाब से टीकाकरण किया जाएगा।


तीन विशेष टीकाकरण पखवाड़े होंगे छूटे हुए बच्चों के लिए प्रदेशभर में तीन विशेष टीकाकरण पखवाड़े आयोजित किए जाएंगे। इनमें पहला पखवाड़ा 9 से 20 जनवरी के मध्य, दूसरा 13 से 24 फरवरी के बीच और तीसरा 13 से 24 मार्च तक आयोजित होगा। यह विशेष पखवाड़े टीकाकरण के नियमित आयोजित होने वाले सत्रों से अलग होंगे।

प्रदेशभर में स्कूलों के बकाया करोड़ों रुपये, RTE के तहत निजी स्कूल बच्चों को प्रवेश देने के बदले मिलती है फीस प्रतिपूर्ति


प्रदेशभर में स्कूलों के बकाया करोड़ों रुपये, RTE के तहत निजी स्कूल बच्चों को प्रवेश देने के बदले मिलती है फीस प्रतिपूर्ति




प्रयागराज : निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत निजी स्कूलों में प्रवेश पाने वाले 3031 बच्चों की फीस का 2.81 करोड़ फंस गया है। दो साल से शासन की ओर से बजट जारी नहीं होने के कारण निजी स्कूलों को फीस का प्रतिपूर्ति नहीं की जा सकी है। स्कूल प्रबंधन बेसिक शिक्षा विभाग से तकादा कर रहे हैं।


प्रयागराज से 30 सितंबर को शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए मांगपत्र शासन को भेजा गया था, लेकिन दो महीने बाद भी धन आवंटित नहीं हुआ है। जिलेभर के कुल 172 निजी स्कूलों की बकाया फीस का भुगतान होना है। अधिकांश स्कूलों का 2019-20, 2020-21 और 2021-22 सत्र का बकाया है।


किताब-ड्रेस का भी 1.5 करोड़ से अधिक नहीं मिलानिजी स्कूलों में दाखिला पाने वाले वंचित वर्ग के बच्चों की फीस भुगतान के साथ ही सरकार प्रति वर्ष प्रत्येक बच्चे को पांच हजार रुपये किताब-कॉपी और यूनिफॉर्म आदि के लिए देती है।


प्रयागराज जिले में पंजीकृत 3031 नौनिहालों को इस मद में मिलने वाली वित्तीय सहायता का भी इंतजार है।


3031 बच्चों का ही पांच हजार रुपये के हिसाब से 1.5 करोड़ से अधिक पड़ता है, जबकि सैकड़ों बच्चों का पुराना भी बकाया है।


प्रदेशभर में यही स्थिति, स्कूलों के बकाया करोड़ों रुपये

पूरे प्रदेश में यही स्थिति बनी हुई है। दो साल से शुल्क प्रतिपूर्ति न होने के कारण स्कूलों का करोड़ों रुपया बकाया है। कुछ जिलों में प्रति छात्र पांच हजार वित्तीय सहायता की राशि पहुंच गई है। लेकिन प्रयागराज समेत तमाम जिलों में अब तक न तो शुल्क प्रतिपूर्ति हुई है और न ही किताब-यूनिफॉर्म का रुपया मिला है।


आरटीई में प्रवेश पाने वाले बच्चों की शुल्क प्रतिपूर्ति के संबंध में निजी स्कूलों से प्राप्त मांगपत्र का सत्यापन कराने के बाद शासन को रिपोर्ट भेजी गई है। बजट मिलते ही स्कूलों को भुगतान की कार्यवाही की जाएगी। -प्रवीण कुमार तिवारी बेसिक शिक्षा अधिकारी

21 वीं शताब्दी के कौशलों से लैस होंगे यूपी बोर्ड के छात्र, संवाद, तर्कपूर्ण चिंतन रचनात्मकता को देंगे बढ़ावा

21 वीं शताब्दी के कौशलों से लैस होंगे यूपी बोर्ड के छात्र, संवाद, तर्कपूर्ण चिंतन रचनात्मकता को देंगे बढ़ावा



प्रयागराज । यूपी बोर्ड से संबद्ध 28 हजार से अधिक स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा नौ से 12 तक के एक करोड़ से अधिक छात्र- छात्राएं 21 वीं शताब्दी के कौशलों से लैस होंगे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुपालन में यूपी बोर्ड की ओर से जल्द ही प्रदेशस्तरीय कार्यशाला आयोजित कर 21 वीं शताब्दी कौशलों का चिह्नीकरण करते हुए उन पर आधारित गतिविधियों का निर्धारण किया जाएगा।


निर्धारित गतिविधियों को सत्र 2023-24 के एकेडमिक कैलेंडर में शामिल करेंगे जिससे सभी विद्यार्थी लाभान्वित हो सकें। यूपी बोर्ड के सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने कहा कि छात्र-छात्राओं को वर्तमान परिस्थितियों  संवाद, तर्कपूर्ण चिंतन की चुनौतियों के लिए तैयार करते हुए जिम्मेदार एवं सफल नागरिक बनाने के उद्देश्य से कौशल विकास की रूपरेखा तैयार की जाएगी।


संवाद, तर्कपूर्ण चिंतन रचनात्मकता को देंगे बढ़ावा
 रचनात्मकता को देंगे बढ़ावा

21वीं शताब्दी कौशलों से अभिप्राय ऐसी दक्षताओं से है जो वर्तमान समय के प्रत्येक विद्यार्थी में होनी चाहिए जिससे वे अपने समय एवं परिवेश से बेहतर समायोजन स्थापित कर सकें और जीवन में सफलतापूर्वक आगे बढ़ सकें। कुछ प्रमुख 21वीं शताब्दी कौशलों में संवाद स्थापित करने का कौशल, तर्कपूर्ण चिन्तन, रचनात्मकता, नेतृत्व करना, पहल करना, सहयोगपूर्ण व्यवहार, टीमवर्क आदि हैं।



बिना टीईटी पास अल्पसंख्यक संस्थानों के टीचरों को वेतन नहीं, हाईकोर्ट ने एकल जज के आदेश पर लगाई रोक

बिना टीईटी पास अल्पसंख्यक संस्थानों के टीचरों को वेतन नहीं

हाईकोर्ट ने एकल जज के आदेश पर लगाई रोक, सुनवाई 21 जनवरी को


प्रयागराज । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सहायता प्राप्त अल्पसंख्यक विद्यालय के टीचरों की बगैर टीईटी पास की गई नियुक्ति को प्रथमदृष्टया सही न मानते हुए वेतन देने के एकल न्यायाधीश के आदेश पर रोक लगा दी है। प्रबंधक की ओर से बिना टीईटी अर्हता के सहायता प्राप्त अल्पसंख्यक विद्यालय में दो टीचरों की नियुक्ति वर्ष 2012 में की गई थी।


एकल जज ने इन दोनों शिक्षकों की नियुक्ति को सही मानते हुए उनकी नियुक्ति की तिथि अगस्त 2012 से साढ़े सात प्रतिशत ब्याज के साथ भुगतान करने का निर्देश दिया था। यह भी कहा था कि भुगतान न करने पर बकाया राशि की वसूली साढ़े बारह फीसदी ब्याज के साथ की जाए।


यह आदेश जस्टिस मनोज मिश्रा एवं जस्टिस विकास बुधवार की खंडपीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से दाखिल विशेष अपील पर पारित किया है। विशेष अपील दायर करके प्रदेश सरकार ने एकल जज के 20 जून 2022 के आदेश को चुनौती दी थी। प्रदेश सरकार की ओर से अपर मुख्य स्थाई अधिवक्ता रामानंद पांडेय का तर्क था कि देना भी है। निःशुल्क बाल शिक्षा अधिकार कानून 2009 की धारा 23 के अंतर्गत एकेडमिक अथॉरिटी ने प्राइमरी स्कूलों में टीचरों की शैक्षिक अर्हता निर्धारित कर दी है।


एनसीटीई ने 20 अगस्त 2010 को अधिसूचना जारी कर पूरे देश में प्राइमरी स्कूलों में टीचरों की नियुक्ति के लिए टीईटी पास होने की शैक्षिक अर्हता निर्धारित कर दी। इस अधिसूचना के अनुसार 20 अगस्त 2010 के बाद प्राइमरी स्कूलों के टीचरों की नियुक्ति के लिए टीईटी अर्हता रखना अनिवार्य कर दिया गया।


सरकार की ओर से कहा गया कि मुरादाबाद के फलाह-ए-दरेन इंटर कॉलेज कनथ दरवाजा स्ट्रीट विद्यालय के दो टीचरों, मुशाहिद अली खान तथा मोहम्मद नाजिम की नियुक्ति प्रबंधक ने अगस्त 2012 में की है। नियुक्ति की तिथि पर यह दोनों टीचर टीईटी पास नहीं थे । इस कारण इनकी नियुक्तियां अवैध हैं और एकल जज की ओर से इनके वेतन भुगतान का आदेश देना है।


टीचरों की ओर से अधिवक्ता जेपी सिंह का कहना था कि अल्पसंख्यक विद्यालयों में निःशुल्क बाल शिक्षा अधिकार कानून 2009 लागू नहीं होता। ऐसी स्थिति में इन टीचरों के लिए टीईटी की अर्हता जरूरी नहीं है। हाईकोर्ट ने इन टीचरों के वेतन भुगतान आदेश को लेकर पारित एकल जज के आदेश पर रोक लगा दी है।

यूपी बोर्ड परीक्षा की कॉपियों पर होगा बार कोड-मोनोग्राम

यूपी बोर्ड परीक्षा की कॉपियों पर होगा बार कोड-मोनोग्राम

प्रयागराज : यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा 2023 की कॉपियों पर बार कोड और मोनोग्राम भी रहेगा। परीक्षा के दौरान मेधावी छात्र-छात्राओं की उत्तरपुस्तिकाओं में हेरफेर की गुंजाइश को समाप्त करने के उद्देश्य से बोर्ड ने यह पहल की है। 10वीं-12वीं के परीक्षार्थियों के लिए बोर्ड ने गर्वनमेंट प्रेस को तीन करोड़ से अधिक कॉपियों को छापने का ऑर्डर दिया है। बोर्ड परीक्षा के लिए जनवरी अंत से सभी जिलों को कॉपियां भेजी जाएंगी।


बोर्ड ने इसी साल से सभी जिलों को सिलाई वाली कॉपियां भी भेजने का निर्णय लिया है। यूपी बोर्ड के सचिव दिब्यकांत शुक्ल ने बताया कि पारदर्शी परीक्षा सुनिश्चित करने के लिए अहम कदम उठाए गए हैं। इस परीक्षा में कॉपियों पर बार कोड व माध्यमिक शिक्षा परिषद का मोनोग्राम भी रहेगा।

21वीं शताब्दी के कौशलों से लैस होंगे बोर्ड के छात्र

यूपी बोर्ड से संबद्ध स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा नौ से 12 तक के एक करोड़ से अधिक छात्र-छात्राएं 21वीं शताब्दी के कौशलों से लैस होंगे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुपालन में बोर्ड की ओर से जल्द ही प्रदेशस्तरीय कार्यशाला आयोजित कर 21वीं शताब्दी कौशलों का चिह्नीकरण करते हुए उन पर आधारित गतिविधियों का निर्धारण किया जाएगा।

मेधावी ओबीसी छात्रों को मिलेगा मुख्यमंत्री पुरस्कार, प्रतियोगी परीक्षाओं की भी कराई जाएगी तैयारी

मेधावी ओबीसी छात्रों को मिलेगा मुख्यमंत्री पुरस्कार

 
● प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी कराई जाएगी

● कंप्यूटर प्रशिक्षण का लाभ बच्चों को दिलाने के निर्देश



लखनऊ : राज्य सरकार यूपी बोर्ड के मेधावी ओबीसी छात्रों के लिए जल्द मुख्यमंत्री पुरस्कार योजना शुरू करने जा रही है। इसके साथ ही प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी डिजिटल रूप से कराई जाएगी।

दिव्यांगजन सशक्तीकरण एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेंद्र कश्यप ने बुधवार को समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों को ये निर्देश दिए। उन्होंने पिछड़ा वर्ग कल्याण की कंप्यूटर प्रशिक्षण योजना से रोजगार पाने वाले या आत्मनिर्भर बनने वाले युवाओं की सूची बनाई जाए। कंप्यूटर प्रशिक्षण योजना का लाभ अधिक से अधिक बच्चों को मिले इसके लिए बजट का प्रस्ताव भेजा जाए। दिव्यांगजनों के द्वारा बनाए गए उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई जाए और उन्हें प्रोत्साहित भी किया जाए। उन्होंने कहा कि डा. शकुंतला मिश्रा पुनर्वास विश्वविद्यालय लखनऊ में दिव्यांगजनों छात्रों का अधिक से अधिक पंजीकरण कराने पर जोर दिया।

Wednesday, December 7, 2022

ऑनलाइन अप्लीकेशन फॉर्म में शिक्षामित्र सम्बन्धी त्रुटिपूर्ण जानकारी देने के कारण सहायक अध्यापक के पदों पर नियुक्ति निरस्त करने का आदेश खारिज

ऑनलाइन अप्लीकेशन फॉर्म में शिक्षामित्र सम्बन्धी त्रुटिपूर्ण जानकारी देने के कारण सहायक अध्यापक के पदों पर नियुक्ति निरस्त करने का आदेश खारिज



लखनऊ । हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने ऑनलाइन अप्लीकेशन फॉर्म में शिक्षामित्र सम्बन्धी त्रुटिपूर्ण जानकारी देने के कारण सहायक अध्यापक के पदों पर नियुक्त किए गए, अभ्यर्थियों की नियुक्ति व कुछ अभ्यर्थियों की उम्मीदवारी निरस्त करने वाले राज्य सरकार के आदेश को खारिज कर दिया है। न्यायालय ने बेसिक शिक्षा विभाग को अभ्यर्थियों के मामलों पर पुन विचार का आदेश दिया है।


यह आदेश न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की एकल पीठ ने विजय गुप्ता व अन्य अभ्यर्थियों की ओर से दाखिल दर्जनों याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करते हुए पारित किया। याचियों का कहना था कि सहायक अध्यापक परेक्षा 2019 में उनका चयन हुआ था परंतु बाद में ऑनलाइन अप्लीकेशन फॉर्म में गलत जानकारी भरने के आधार पर उनका चयन व उम्मीदवारी निरस्त करते हुए, वसूली का आदेश दिया गया। याचियों की ओर से दलील दी गई कि निरस्तीकरण का आदेश पारित करने से पूर्व विभाग को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए निर्णयों के आलोक में यह देखना चाहिए था कि तथाकथित गलत जानकारी से अभ्यर्थी को कोई लाभ हो रहा था अथवा नहीं. कहा गया कि इस तथ्य को देखे बिना मात्र त्रुटिपूर्ण अप्लीकेशन फॉर्म भरे जाने के आधार पर उनकी नियुक्ति निरस्त कर दी गई।

कोर्ट आर्डर

आगरा विवि बीएड फर्जीवाड़े के गुम चार्ट खोजेगी समिति, छह सत्रों की आपत्तियों का होगा ऑडिट

आगरा विवि बीएड फर्जीवाड़े के गुम चार्ट खोजेगी समिति, छह सत्रों की आपत्तियों का होगा ऑडिट


डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में बीएड 2012-13 के गुम चार्ट की आंतरिक जांच शुरू हो गई है। कुलपति ने कुलसचिव की निगरानी में समिति बनाई है। ये समिति चार्ट और फॉइल की खोज करेगी, जिसे मामले की जांच कर रहे सेवानिवृत्त जज के सुपुर्द किया जाएगा।


कुलपति प्रो. आशु रानी ने बताया कि बीएड 2012-13 फर्जीवाड़े की जांच सेवानिवृत्त जज कर रहे हैं। उनकी रिपोर्ट बीते दिनों कार्य परिषद की बैठक में रखी थी। इसमें सेवानिवृत्त जज ने बीएड के इस सत्र के गोपनीय चार्ट और फॉइल न मिलने के कारण कुछ बिंदु जांच से रह जाने के बारे में जानकारी दी थी। इससे उनकी जांच अधूरी है। ऐसे में इन चार्ट को खोजने के लिए समिति बनाई गई।


 ये चार्ट कहां हैं, उस दौरान गोपनीय-चार्ट रूम में किसकी जिम्मेदारी थी। इन तमाम पहलुओं पर जांच करते हुए समिति रिपोर्ट देगी। चार्ट और फॉइल मिलने के बाद सेवानिवृत्त जज के सुपुर्द किए जाएंगे। अगर चार्ट और फॉइल नहीं मिलते हैं, तो इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ विभागीय और कानूनी कार्रवाई की जाएगी।



प्राप्तांक से अधिक दर्ज कर दिए थे अंक

बीएड के 2012-13 सत्र में 200 कॉलेजों के 18 हजार से अधिक छात्रों का मूल्यांकन हुआ। इसमें निजी कॉलेजों से सांठगांठ करने के बाद पैनल में शामिल वरिष्ठ प्रोफेसरों ने अधिकारियों की मिलीभगत से साढ़े छह हजार से अधिक छात्रों को प्राप्तांकों के मुकाबले दोगुना तक अंक दे दिए। फर्जीवाड़ा पकड़ में न आए, इसके लिए चार्ट और फॉइल भी गायब कर दिए थे। मामला खुलने पर 2015-16 में सेवानिवृत्त जज इसकी जांच कर रहे हैं।


छह सत्रों की आपत्तियों का ऑडिट करेगी समिति 

आगरा। डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय ने समपरीक्षा वर्ष 2014-15 से 2020-21 तक की आपत्तियों के निस्तारण और ऑडिट करने के लिए समिति बनाई है। इसमें पांच सदस्य हैं, जो भुगतान समेत अन्य समस्याआें का निस्तारण करेगी। इस समिति का गठन करने का निर्णय कार्य समिति की बैठक में हुआ था। कुलसचिव डॉ. विनोद कुमार सिंह ने बताया कि समिति में वित्त अधिकारी सत्येंद्र कुमार, सहायक कुलसचिव ममता सिंह, डॉ. रोशन लाल, प्रो. मनुप्रताप सिंह और चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं। लेखा विभाग इनका सहयोग करेगा।

Tuesday, December 6, 2022

प्रॉजेक्ट अलंकार : एडेड कॉलेजों में सूरत संवारने का रास्ता होगा साफ, स्कूल प्रबंधतंत्र को नहीं देनी होगी 50 फीसदी मैचिंग ग्रांट !

प्रॉजेक्ट अलंकार : एडेड कॉलेजों में सूरत संवारने का रास्ता होगा साफ, स्कूल प्रबंधतंत्र को नहीं देनी होगी 50 फीसदी मैचिंग ग्रांट !



लखनऊ: जल्द ही एडेड माध्यमिक विद्यालयों की सूरत संवारने का रास्ता साफ होगा। प्रॉजेक्ट अलंकार के तहत मरम्मत और निर्माण कार्य के अव प्रबंधतंत्र को 50 फीसदी मैचिंग ग्रांट नहीं देनी होगी। उच्च स्तरीय वैठकों में सहमति बनने के बाद माध्यमिक शिक्षा विभाग से इसके लिए प्रस्ताव मांगा गया है। मैचिंग ग्रांट के कारण ही प्रबंधतंत्र आवेदन नहीं कर रहे थे। कुछ ने आवेदन किए, उन्होंने भी निर्माण में रुचि नहीं ली।


₹300 करोड़ बजट : कई राजकीय और एडेड कॉलेजों के भवन बहुत पुराने हैं। इनमें से कई तो काफी जर्जर हालत में हैं। खासतौर से एडेड कॉलेजों में शिक्षकों के वेतन के अलावा कोई अन्य अनुदान सरकार नहीं देती थी। फीस इतनी कम है कि उससे भी निर्माण और मरम्मत करवाना मुश्किल है। इसे देखते हुए विद्यालयों की सूरत संवारने के लिए सरकार ने प्रॉजेक्ट अलंकार की शुरुआत की पिछले वजट सत्र में प्रॉजेक्ट अलंकार के लिए 300 करोड़ रुपये के वजट का भी प्रावधान किया। इसमें से 100 करोड़ राजकीय विद्यालयों के लिए और 200 करोड़ एडेड विद्यालयों के लिए रखे गए थे। 


एडेड कॉलेजों के लिए यह शर्त रखी गई कि जितने का निर्माण कार्य होगा, उसका 50 फीसदी धनराशि सरकार देगी और 50 फीसदी कॉलेज प्रबंधतंत्र वहन करेंगे। राजकीय में चूंकि प्रबंधन खुद सरकार का ही होता है, इसलिए वहां पूरी धनराशि देने का प्रावधान किया गया।



मांगा गया प्रस्ताव

इस समस्या को ध्यान में रखते हुए हाल ही में स्कूल शिक्षा महानिदेशक, प्रमुख सचिव और शिक्षा मंत्री के स्तर से हुई बैठकों में मैचिंग ग्रांट को खत्म करने पर सहमति बनी। बैठक कहा गया कि या तो मैचिंग ग्रांट पूरी तरह खत्म कर दी जाए या फिर नाम मात्र की टोकन के तौर पर ली जाए। शिक्षा निदेशालय को इस बाबत प्रस्ताव बनाने के लिए कहा गया है।


 प्रॉजेक्ट अलंकार के काम में तेजी लाने के लिए स्कूल शिक्षा महानिदेशक ने सात दिसंबर को शिक्षा विभाग के अफसरों के साथ ही सभी सीडीओ के साथ एक बैठक भी बुलाई है। इसके लिए माध्यमिक शिक्षा निदेशक महेंद्र देव का कहना है कि मैचिंग ग्रांट के कारण एडेड कॉलेज रुचि नहीं ले रहे हैं। जल्द ही शासन स्तर से इस पर कोई निर्णय लिया जाएगा ।



45 आवेदन आए, वे भी तैयार नहीं

इसी सत्र की शुरुआत से निर्माण कार्य और मरम्मत के काम के लिए आवेदन मांगे। करीब 150 राजकीय कॉलेजों ने आवेदन किए। इनको 20-20 लाख रुपये की पहली किस्त जारी भी की गई। वहीं, एडेड विद्यालयों ने इसमें रुचि नहीं दिखाई। कई बार निर्देश देने और प्रधानाचार्यों के साथ बैठकें करने के बावजूद महज 45 विद्यालयों ने आवेदन किए। बाद में उन्होंने भी 50 फीसदी मैचिंग ग्रांट देने में आनाकानी की और कहीं भी निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका।

यूपी बोर्ड : 10वीं के छात्रों को हल करने होंगे अधिक सवाल, जानिए क्यों?

यूपी बोर्ड : 10वीं के छात्रों को हल करने होंगे अधिक सवाल, जानिए क्यों? 


यूपी बोर्ड की परीक्षा में हाईस्कूल के छात्र-छात्राओं को पहले से अधिक प्रश्नों के जवाब देने होंगे। बोर्ड ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत 10वीं की परीक्षा पैटर्न में व्यापक परिवर्तन किया है। बोर्ड परीक्षा में पहली बार ओएमआर शीट का भी इस्तेमाल होने जा रहा है। यूपी बोर्ड की ओर से वेबसाइट पर जारी मॉडल पेपर पर गौर करें तो प्रश्नपत्र में प्रश्नों की संख्या पहले की तुलना में काफी बढ़ गई है।



उदाहरण के तौर पर हाईस्कूल विज्ञान के प्रश्नपत्र में पहले जहां 20 प्रश्न (11 बहुविकल्पीय, 06 लघु उत्तरीय और 03 दीर्घ उत्तरीय) पूछे जाते थे। इस बार 20 बहुविकल्पीय, 08 लघु उत्तरीय और 03 दीर्घ उत्तरीय कुल 31 प्रश्न होंगे। संस्कृत विषय के प्रश्नपत्र में भी 31 प्रश्न पूछे जाएंगे। पहले 18 प्रश्न रहते थे। इसी प्रकार अन्य विषयों में भी प्रश्नों की संख्या बढ़ी है।


विज्ञान विषय में पहले दीर्घ उत्तरीय प्रश्नों के लिए सात अंक निर्धारित था। इस बार छह नंबर ही मिलेंगे। लघु उत्तरीय प्रश्न पहले दो-दो अंक के थे। अब दो व चार अंक निर्धारित हैं।


प्रश्नपत्र का लगभग 30 प्रतिशत भाग 20 अंक का विकल्पीय प्रश्न (मल्टीपल च्वॉयस क्वेश्चन) पर आधारित होगा जिसका उत्तर ओएमआर शीट पर देना होगा। दूसरा लगभग 70 प्रतिशत भाग 50 नंबर का वर्णनात्मक प्रश्नों का होगा जिसके उत्तर पहले की तरह उत्तर पुस्तिकाओं पर लिखना होगा।

Monday, December 5, 2022

तमाम कोशिशों के बाद भी पूरी नहीं हो पा रही शिक्षक साथियों की तलाश, जानिए क्यों? पूरी प्रक्रिया के धड़ाम होने से विभाग पर लग रहे हैं सवालिया निशान!

तमाम कोशिशों के बाद भी पूरी नहीं हो पा रही शिक्षक साथियों की तलाश, जानिए क्यों? पूरी प्रक्रिया के धड़ाम होने से विभाग पर लग रहे हैं सवालिया निशान!



झांसी : परिषदीय के स्कूलों के क्रियाकलापों पर निगरानी करने आदि के लिए शिक्षक साथियों को नियुक्त करना था। लेकिन विभाग के तमाम कोशिशों के बावजूद भी शिक्षा विभाग को शिक्षक साथी नहीं मिल पा रहे। इस पूरी प्रक्रिया के धड़ाम होने से विभाग पर लग रहे हैं सवालिया निशान?



बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और कस्तूरबा आवासीय बालिका विद्यालय में शैक्षिक सहयोगात्मक पर्यवेक्षण प्रदान करने के लिए शिक्षक साथी नियुक्त किए जाने थे। जिले में लगभग चार हजार से अधिक सेवानिवृत्त शिक्षक पेंशन ले रहे हैं। इन सेवानिवृत्त शिक्षकों को शिक्षक साथी के रूप में परिषदीय स्कूलों में अपनी सेवाएं देना हैं। लेकिन 30 नवंबर तक सिर्फ 15 आवेदन ही शिक्षक साथी के पद के लिए विभाग के पास पहुंचे हैं।


70 वर्ष की आयु के सेवानिवृत्त शिक्षकों का तीन चरणों की परीक्षा के आधार पर चयन किया जाना है। हिंदी, गणित, विज्ञान, सामाजिक अध्ययन और अंग्रेजी विषय के लिए चयनित शिक्षक साथियों को 2500 रुपये मानदेय भी प्रतिमाह दिया जाएगा। इन शिक्षक साथियों का उत्कृष्टता के आधार पर नवीनीकरण एक साल में किया भी जाएगा।


जिला समन्वयक, प्रशिक्षण आरके समेले ने बताया कि शिक्षक साथी के लिए आए आवेदनों का जल्द ही परीक्षा करवाकर चयन किया जाएगा।



आवेदन कम आने के कारण

शिक्षक साथी को कम से कम 30 स्कूलों का पर्यवेक्षण करना है। जिसके लिए उनको प्रतिमाह 2500 रुपये मानदेय भी दिया जाएगा। कम मानदेय और अधिक जिम्मेदारी के कारण शिक्षक इस काम के लिए आगे नहीं आ रहे हैं। वहीं शिक्षक साथी के चयन की नियम और शर्त भी आवेदन में कमी का एक कारण बनी हुई है।

नियमावली संशोधन में फंसी संस्कृत शिक्षक भर्ती, संशोधन के चयन बोर्ड के प्रस्ताव पर शासन का रुख स्पष्ट नहीं

नियमावली संशोधन में फंसी संस्कृत शिक्षक भर्ती, संशोधन के चयन बोर्ड के प्रस्ताव पर शासन का रुख स्पष्ट नहीं



प्रयागराज : प्रदेश के संस्कृत विद्यालय एक तरफ शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हैं तो दूसरी तरफ अधियाचन भेजे जाने के बाद भी भर्ती नहीं हो पा रही है। संस्कृत विद्यालयों की भर्ती उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड से कराए जाने के लिए नियमावली संशोधन के प्रस्ताव पर शासन ने अब तक कुछ स्पष्ट नहीं किया है। इस कारण चयन बोर्ड के पास सहायक अध्यापक और प्रधानाध्यापक पदों पर भर्ती के लिए मिला अधियाचन लंबित है।

संस्कृत विद्यालयों में शिक्षकों का चयन विद्यालय अब तक प्रबंध समिति करती रही है, लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहली बार की सरकार में इन शिक्षकों की भर्ती माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के माध्यम से कराए जाने की योजना बनी। 


उद्देश्य यह कि योग्य शिक्षकों का चयन हो सके, जिससे विद्यालयों में बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल सके। इसके लिए चयन बोर्ड को अपनी नियमावली में संशोधन करना जरूरी था, जिसके लिए चयन बोर्ड ने संशोधन का प्रस्ताव मंजूरी के लिए शासन को भेजा। काफी समय तक स्थिति स्पष्ट नहीं किए जाने पर चयन बोर्ड ने दो बार स्मरण ( रिमाइंडर ) पत्र भी भेजा, लेकिन शासन ने कोई स्पष्ट उत्तर नहीं मिल सका है। 



इधर, संस्कृत विद्यालयों में भर्ती करने के लिए उप शिक्षा निदेशक (संस्कृत) सीएल चौरसिया ने सहायक अध्यापक के 978 और प्रधानाध्यापक के 304 पदों के लिए अधियाचन भेजा था, चयन बोर्ड को अब तक भर्ती करने के संबंध में शासन के निर्णय की प्रतीक्षा है। शिक्षक भर्ती प्रक्रिया अवरुद्ध है और विद्यालयों में शिक्षकों की कमी से पढ़ाई प्रभावित हो रही है।

पहले गुरुजी पढ़ेंगे, फिर बच्चों को पढ़ाएंगे NCERT का पाठयक्रम

पहले गुरुजी पढ़ेंगे, फिर बच्चों को पढ़ाएंगे NCERT का पाठयक्रम 


लखनऊ। परिषदीय स्कूलों में NCERT का कोर्स लागू करने से पहले शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके लिए राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) की ओर से शिक्षकों को प्रशिक्षित करने की योजना बनाई जा रही है।


अधिकारियों के अनुसार बीते साल एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू करने पर कई जगह शिक्षकों को पढ़ाने में दिक्कत हुई थी। उसी से सबक लेते हुए इस बार प्रशिक्षण पर जोर दिया जा रहा है। 


एससीईआरटी की निदेशक शुभा सिंह के अनुसार नए सत्र में कक्षा तीन तक एनसीईआरटी की किताबें लागू करने की योजना है। कैबिनेट से प्रस्ताव को हरी झंडी मिलने पर आगे की कार्यवाही शुरू होगी। फिलहाल चौथी से आठवीं कक्षा तक की किताबों की छपाई की तैयारी चल रही है। उन्होंने कहा कि कोई बड़ी अड़चन न आई तो इस बार समय से किताबें उपलब्ध करा दी जाएंगी।

अब विद्यार्थियों का प्रदर्शन भी तय करेगा माध्यमिक स्कूलों की ग्रेडिंग

अब विद्यार्थियों का प्रदर्शन भी तय करेगा माध्यमिक स्कूलों की ग्रेडिंग


सरकारी माध्यमिक स्कूलों की नए शैक्षिक सत्र 2023 से ग्रेडिंग की जाएगी। इस ग्रेडिंग में 50 प्रतिशत नंबर विद्यार्थियों के त्रैमासिक, अर्द्ध वार्षिक व वार्षिक परीक्षा के अंकों के होंगे। यानी शैक्षिक गुणवत्ता जितनी बेहतर होगी स्कूलों की ग्रेडिंग उतनी ही अच्छी होगी। बाकी 50 प्रतिशत अंक स्कूल में उपलब्ध संसाधनों व प्रशासनिक व्यवस्था के होंगे। स्कूलों में संसाधन कैसे हैं और वहां अनुशासन के साथ-साथ क्या नव प्रयोग किए जा रहे हैं, इसे भी आंका जाएगा।



महानिदेशक, स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद की ओर से निर्देश दिए गए हैं कि सरकारी माध्यमिक स्कूलों की ग्रेडिंग के लिए तय किए गए मानकों में परिवर्तन किया जाए। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार ही ग्रेडिंग की व्यवस्था की जाए। उन्होंने विद्यालयों में होने वाली परीक्षाओं में सख्ती के साथ-साथ मजबूत निगरानी के भी आदेश दिए हैं।


गुणवत्तापरक शिक्षा और बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर वाले स्कूलों को उच्च ग्रेडिंग दी जाएगी। इसके माध्यम से स्कूलों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा दिया जाएगा। गुणवत्तापरक शिक्षा में सुधार के लिए तैयार किए गए परख पोर्टल को विद्या समीक्षा केंद्र से लिंक किया जाएगा। विद्यार्थियों को बेहतर पाठ्य सामग्री उपलब्ध कराने पर पूरा जोर दिया जाएगा। अंग्रेजी, विज्ञान व गणित के लिए हर जिले में विशेषज्ञ शिक्षक तैयार किए जाएंगे और उनके माध्यम से जिले में इन विषयों की बेहतर पढ़ाई पर जोर दिया जाएगा।


ग्रेडिंग के लिए पहले विद्यालय की बिल्डिंग, पढ़ाई और अन्य गतिविधियों के अलग-अलग नंबर तय किए जा रहे थे लेकिन अब 50 प्रतिशत अंक केवल विद्यार्थियों के प्रदर्शन के होंगे।

Sunday, December 4, 2022

राज्य एवं मुख्यमंत्री अध्यापक पुरस्कार के चयन में इस साल से साक्षात्कार की अहमियत बढ़ी, जानिए क्यों?

राज्य एवं मुख्यमंत्री अध्यापक पुरस्कार के चयन में इस साल से साक्षात्कार की अहमियत बढ़ी, जानिए क्यों? 



प्रयागराज । राज्य एवं मुख्यमंत्री अध्यापक पुरस्कार के चयन में इस साल से साक्षात्कार की अहमियत बढ़ गई है। पहले साक्षात्कार और प्रस्तुतिकरण पर पांच अंक मिलते थे। अब आवेदकों को 20 अंक मिलेंगे। 



20 अंकों में आठ-आठ नंबर विषय / सामान्य ज्ञान और अभिव्यक्ति की योग्यता जबकि चार अंक व्यक्तित्व परीक्षण के लिए रखे गए हैं। पहले जिला, मंडल और राज्य स्तर पर चयन समिति गठित होती थी, इस साल शिक्षा निदेशालय स्तर पर भी कमेटी का गठन किया गया है। 


कुल 18 पुरस्कारों में दो-दो प्रधानाचार्य व प्रधानाध्यापक के लिए जबकि 14 शिक्षकों के लिए निर्धारित हैं।

माध्यमिक स्कूलों के गणित, विज्ञान व अंग्रेजी के शिक्षक होंगे प्रशिक्षित

माध्यमिक स्कूलों के गणित, विज्ञान व अंग्रेजी के शिक्षक होंगे प्रशिक्षित


लखनऊ। पढ़ाई के स्तर में सुधार के लिए अब माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों के लिए भी विशेष प्रशिक्षण अभियान चलेगा। विज्ञान, गणित व अंग्रेजी के शिक्षकों को अलग-अलग प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके लिए हर जिले से मास्टर ट्रेनर चुनकर उन्हें इसी महीने प्रशिक्षित किया जाएगा। ये मास्टर ट्रेनर जनवरी से जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) में सामान्य शिक्षकों को प्रशिक्षित करेंगे।


महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने इसके लिए अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी है। अंग्रेजी विषय का प्रशिक्षण आंग्ल भाषा शिक्षण संस्थान, प्रयागराज कराएगा। इसके लिए अपर शिक्षा निदेशक (राजकीय) को प्रत्येक जिले के दो मास्टर ट्रेनर्स की सूची व कुल शिक्षकों की संख्या संस्थान को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।


विज्ञान व गणित के शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए राज्य विज्ञान शिक्षा संस्थान, प्रयागराज को जिम्मेदारी मिली है। इन विषयों के भी प्रत्येक जिले से दो मास्टर ट्रेनर्स व कुल शिक्षकों की सूची उपलब्ध कराने के निर्देश अपर शिक्षा निदेशक को दिए गए हैं।

खेलकूद प्रतियोगिताओं के लिए स्टेडियम का निःशुल्क आवंटन किये जाने के संबंध में

खेलकूद प्रतियोगिताओं के लिए स्टेडियम का निःशुल्क आवंटन किये जाने के संबंध में।



Saturday, December 3, 2022

मानव संपदा पोर्टल से ऑनलाइन होगी तैनाती, माध्यमिक शिक्षा विभाग ने तय किए मानक

प्रोन्नत प्रधानाचार्य, प्रवक्ता की ऑनलाइन होगी तैनाती

 
● मानव संपदा पोर्टल से ऑनलाइन होगी तैनाती

● माध्यमिक शिक्षा विभाग ने तय किए मानक


लखनऊ : प्रदेश के राजकीय इंटर कॉलेजों व हाईस्कूल में प्रोन्नत प्रधानाचार्य, प्रधानाध्यापक, प्रवक्ता समेत समकक्ष पदों पर तैनाती ऑनलाइन होगी। इसके लिए माध्यमिक शिक्षा विभाग ने मानक तय कर दिए हैं। तैनाती की प्रक्रिया मानव संपदा पोर्टल के माध्यम से होगी। माध्यमिक शिक्षा निदेशक महेन्द्र देव ने इस संबंध में शुक्रवार को आदेश जारी कर दिया है।


शिक्षक के खुद कैंसर, एचआईवी, किडनी, लिवर के गंभीर रोगों से ग्रस्त प्रधानाचार्य, प्रधानाध्यापक, प्रवक्ता समेत समकक्ष शिक्षक को वरीयता दी जाएगी। इसके लिए प्रतिष्ठित चिकित्सालाय जैसे एम्स, पीजीआई, राज्य चिकित्सा महाविद्यालय या चिकित्सा बोर्ड द्वारा जारी प्रमाणपत्र मान्य होगा।



इसके अलावा स्वयं दिव्यांग की श्रेणी में होने पर अलग-अलग अंक दिए जाएंगे। इसके लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा जारी प्रमाण पत्र मान्य होगा। पति या पत्नी के सरकारी सेवा में होने पर ही एक ही जिले या स्थान पर मानक के तहत गुणांक का लाभ दिया जाएगा।


छात्रों की उपस्थिति बढ़ाएं

खण्ड शिक्षा अधिकारी शिक्षकों व विद्यार्थियों की उपस्थिति को बेहतर करने के साथ कक्षा में पठन-पाठन को बेहतर बनाएंगे। निपुण भारत पोर्टल पर उपलब्ध डैशबोर्ड के माध्यम से पांच बिन्दुओं पर मिशन मोड में अगले तीन महीने तक काम किया जाएगा। महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने शुक्रवार को आदेश जारी कर दिया है।

पहचान’ पर क्लिक करें और पहुंच जाएं किसी स्कूल में, यूपी बोर्ड से जुड़े 28 हजार राजकीय, सहायता प्राप्त और वित्तविहीन स्कूलों की कुंडली एक क्लिक पर उपलब्ध

पहचान’ पर क्लिक करें और पहुंच जाएं किसी स्कूल में, यूपी बोर्ड से जुड़े 28 हजार राजकीय, सहायता प्राप्त और वित्तविहीन स्कूलों की कुंडली एक क्लिक पर उपलब्ध


प्रयागराज। यूपी बोर्ड से जुड़े प्रदेशभर के लगभग 28 हजार राजकीय, सहायता प्राप्त और वित्तविहीन स्कूलों की कुंडली एक क्लिक पर उपलब्ध है। माध्यमिक विद्यालय नवीनीकरण मिशन के तहत प्रदेश सरकार के निर्देश पर बोर्ड ने स्कूलों का वेब पेज अपनी वेबसाइट पर पहचान नाम से अपलोड कर दिया है। इसका उद्देश्य लोगों को उनके क्षेत्र के स्कूलों के विषय में जानने-पहचानने का अवसर देने के साथ ही उसके उत्कर्ष में योगदान के लिए प्रेरित करना भी है। स्कूलों के वेब पेज बनवाने का काम मुख्यमंत्री की 100 दिन की कार्य योजना में भी शामिल था।



स्कूल से जुड़ी हर जानकारी उपलब्ध पोर्टल पर स्कूल से जुड़ी एक-एक सूचनाएं उपलब्ध हैं। स्कूल की मान्यता का वर्ष, गूगल लोकेशन, जिला मुख्यालय से दूरी, सुविधाएं, छात्रों-शिक्षकों के आंकड़े, पांच साल की बोर्ड परीक्षा के आंकड़े, दस साल के रिजल्ट और पंजीकरण की ग्राफ प्रस्तुति, स्कूल की उपलब्धियां, पुरा छात्रों के पंजीकरण की सुविधा, महत्वपूर्ण अवस्थापना सुविधा, महत्वपूर्ण हाइपर लिंक आदि सूचनाएं उपलब्ध हैं।


पहचान रिपोर्ट कार्ड में दी राज्य व जिले स्तर पर रैंकिंग खास बात यह है कि पोर्टल पर प्रत्येक स्कूल का पहचान रिपोर्ट कार्ड भी उपलब्ध है। इसमें स्कूल की राज्य और जिले स्तर पर रैंकिंग के साथ ही सात स्टार में से रेटिंग, छह बिन्दुओं पर स्कूल की ग्रेडिंग आदि दी गई है।


सीबीएसई से आगे निकला यूपी बोर्ड हाल के वर्षों में सीबीएसई पैटर्न पर आगे बढ़ने वाला यूपी बोर्ड स्कूलों की पहचान बताने में दूसरे बोर्डों से आगे निकल गया है। बोर्ड ने पहचान लिंक के जरिए स्कूलों की जितनी जानकारी उपलब्ध कराई उतनी सूचनाएं सीबीएसई या सीआईएससीई के स्कूलों की वेबसाइट पर उपलब्ध नहीं है।



स्कूलों के वेब पेज पर कैसे जाएं

यूपी बोर्ड के पोर्टल https://upmsp.edu.in/ के होम पेज पर बाईं ओर सबसे ऊपर पहचान नाम से लिंक दिया है। उस पर क्लिक करने के बाद जनपद, तहसील, ब्लॉक, स्कूल के प्रकार और फिर स्कूल के नाम पर क्लिक करेंगे तो संबंधित विद्यालय की सभी सूचनाएं फोटो के साथ स्क्रीन पर आ जाएंगी।


यूपी बोर्ड से जुड़े स्कूल


2332 राजकीय
4528 सहायता प्राप्त
20875 वित्तविहीन

Friday, December 2, 2022

सुल्तानपुर : वित्त एवं लेखाधिकारी, सहायक लेखाकार समेत 3 के खिलाफ FIR, बेसिक शिक्षा में क्वॉलिटी कंट्रोल मैनेजर इंटरव्यू में परीक्षार्थियों से पैसे की डिमांड करना पड़ा मंहगा

सुल्तानपुर : वित्त एवं लेखाधिकारी, सहायक लेखाकार समेत 3 के खिलाफ FIR, बेसिक शिक्षा में क्वॉलिटी कंट्रोल मैनेजर इंटरव्यू में परीक्षार्थियों से पैसे की डिमांड करना पड़ा मंहगा



बेसिक शिक्षा विभाग में क्वॉलिटी कंट्रोल मैनेजर पद के लिए हुए इंटरव्यू में परीक्षार्थियों से पैसे की डिमांड करना वित्त एवं लेखाधिकारी राम यश यादव, सहायक लेखाकार समेत एक अन्य को महंगा पड़ा है। सीडीओ द्वारा कराई गई जांच में दो परीक्षार्थियों के आरोप से इसकी पुष्टि हुई। जिस पर एबीएसए दूबेपुर बलदेव प्रसाद यादव की तहरीर पर आरोपियों के विरुद्ध कोतवाली नगर में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज हुआ है।


सुलतानपुर: वित्त एवं लेखाधिकारी , सहायक लेखाकार के खिलाफ मुकदमासीडीओ की कराई गई जांच में दो परीक्षार्थियों ने की आरोपों की पुष्टि


सीडीओ की कराई गई जांच में दो परीक्षार्थियों ने की आरोपों की पुष्टि

बेसिक शिक्षा विभाग में क्वॉलिटी कंट्रोल मैनेजर पद के लिए इंटरव्यू



सुलतानपुर। बेसिक शिक्षा विभाग में क्वॉलिटी कंट्रोल मैनेजर पद के लिए हुये इंटरव्यू में परीक्षार्थियों से पैसे की डिमांड करना वित्त एवं लेखाधिकारी राम यश यादव, सहायक लेखाकार समेत एक अन्य को महंगा पड़ा है। सीडीओ की कराई गई जांच में दो परीक्षार्थियों के आरोप से इसकी पुष्टि हुई। इस पर एबीएसए दूबेपुर बलदेव प्रसाद यादव की तहरीर पर आरोपियों के विरुद्ध कोतवाली नगर में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है।


गोंडा जिले के मनकापुर स्थित संचार विहार आईटीआई निवासी सौरभ तिवारी पुत्र श्रीकृष्ण तिवारी ने बेसिक शिक्षा विभाग में क्वॉलिटी कंट्रोल मैनेजर पद के लिये 16 नवंबर को इंटरव्यू दिया था। उसका रोल नंबर 43 था। सौरभ का आरोप है कि इंटरव्यू के बाद 25 नवंबर की शाम 7:41 पर उसे मोबाइल नंबर ********** से कॉल आया। ट्रू कॉलर पर नाम राम यश यादव एएओ प्रदर्शित हुआ। उसे 26 नवंबर को सुबह विकास भवन पर आने को बोला गया। सुबह जब 10:45 पर पीड़ित ने विकास भवन पहुंचकर उसी नंबर पर कॉल किया तो पास में तिराहे पर मिलने को उसे बोला गया।


सौरभ के अनुसार मैने देखते ही उस व्यक्ति को पहचान लिया वो सीडीओ सर के साथ इंटरव्यू में मौजूद एएओ राम यश ही थे। उनके साथ ड्राइवर समेत दो व्यक्ति और थे। उन्होंने बोला आपका इंटरव्यू बहुत अच्छा गया है लेकिन एक्सल में आपके नंबर कम आये हैं। बाकी की बात दूसरा व्यक्ति बता देगा। दूसरे व्यक्ति ने बताया कि एक्सल पास करवा दूंगा उसके लिये 70 हजार रुपए लगेंगे। 


सौरभ ने बताया कि 29 नवंबर को विनोद कुमार सहायक लेखाकार सर्व शिक्षा अभियान ने सीडीओ को दिये पत्र में लिखा है कि मैने वित्त एवं लेखाधिकारी के कहने पर पैसे की मांग की थी।
परीक्षार्थी सियाराम बिंद को भी 25 नवंबर को पांच बजे उसी नंबर से फोन गया। 26 नवंबर को सुबह उसे भी विकास भवन पर आने को बोला गया कि 11 से 12 बजे के बीच विकास भवन आ जाओ। उससे 75 हजार रुपए की मांग की गई थी। 


इन दोनों मामले की जांच सीडीओ ने जिला विकास अधिकारी से कराया। बुधवार को इसकी पुष्टि होने के बाद वे सीधे एसपी सोमेन बर्मा से मिले और कार्रवाई के लिये बात किया। अब एएओ, सहायक लेखाकार व एक अज्ञात के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम समेत कई धाराओं में केस दर्ज हुआ है। इसकी विवेचना क्षेत्राधिकारी नगर को दी गई है।

माध्यमिक शिक्षा : 11 वर्षों से प्रधानाचार्य भर्ती नहीं, आधे से ज्यादा पद खाली

11 वर्षों से प्रधानाचार्य भर्ती नहीं, आधे से ज्यादा पद खाली

वर्ष 2013 की प्रधानाचार्य भर्ती अब तक नहीं हो सकी पूरी

1,800 से ज्यादा पदों का अधियाचन चयन बोर्ड में लंबित



प्रयागराज  :  प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाचार्यों की बड़ी संख्या में कमी है, लेकिन 11 वर्षों से प्रधानाचार्य पद पर भर्ती नहीं हुई है। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने वर्ष 2013 में 632 पदों के लिए प्रधानाचार्य भर्ती निकाली जरूर, लेकिन अब तक पूरी नहीं हो सकी है। वर्तमान में 1800 से ज्यादा पदों के लिए माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने चयन बोर्ड को अधियाचन भेजा है, लेकिन विज्ञापन अटका हुआ है। 2011 में निकाली गई भर्ती फिलहाल पूरी हो गई है।


प्रदेश के 4512 एडेड माध्यमिक विद्यालयों में आधे से ज्यादा में चयनित प्रधानाचार्य नहीं हैं। विद्यालय प्रबंधतंत्र तदर्थ प्रधानाचार्यों से काम ले रहे हैं। चयनित प्रधानाचार्यों के विद्यालय प्रबंधन की मंशा के अनुरूप कार्य नहीं करने से प्रायः खींचतान रहती है। ऐसे में कई विद्यालय प्रबंधतंत्र चयन बोर्ड से चयनित प्रधानाचार्य नहीं चाहते। दुर्भाग्य से उनकी यह मंशा पूरी भी हो रही है।


 सच्चाई यह है कि चयन बोर्ड ने वर्ष 2013 में प्रधानाचार्य के 632 पढ़ें के लिए भर्ती विज्ञापन निकाला था, लेकिन लगभग नौ वर्षों में भी यह भर्ती पूरी नहीं हो सकी है। हाई कोर्ट के आदेश पर चयन बोर्ड ने परिणाम तो घोषित कर दिया, लेकिन अब तक पैनल जिलों में नहीं भेजे जाने से विद्यालयों को प्रधानाचार्य नहीं मिल सके। इधर, विद्यालयों में प्रधानाचार्य के रिक्त पदों पर भर्ती के लिए माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने 1800 से ज्यादा पदों का अधियाचन चयन बोर्ड को भेजा है, लेकिन भर्ती विज्ञापन जारी नहीं हुआ है।


 इनके अलावा कई विद्यालय हैं, जिनका अधियाचन ही नहीं भेजा गया है। इधर, चयन बोर्ड ने इस भर्ती में साक्षात्कार से पहले लिखित परीक्षा कराने का प्रस्ताव तैयार किया है, चयन बोर्ड की नियमावली में संशोधन करना होगा, जिसका प्रस्ताव शासन को भेजा, लेकिन कोई निर्णय नहीं लिया है।


तबादलों और नियुक्तियों के लिए अरबी फारसी सेवा नियमावली में होगा बदलाव, मदरसा बोर्ड से जुड़े अधिकारियों- पदाधिकारियों की बैठक में कई बिंदुओं पर बनी सहमति

तबादलों और नियुक्तियों के लिए अरबी फारसी सेवा नियमावली में होगा बदलाव, मदरसा बोर्ड से जुड़े अधिकारियों- पदाधिकारियों की बैठक में कई बिंदुओं पर बनी सहमति


लखनऊ। मदरसों में तबादलों, नियुक्तियों एवं अन्य मामलों को लेकर उप्र अशासकीय अरबी और फारसी मान्यता प्रशासन एवं सेवा नियमावली- 2016 में संशोधन होगा। मदरसों से जुड़े अधिकारियों व पदाधिकारियों की बृहस्पतिवार को इस संबंध में हुई बैठक में कई बिंदुओं पर सहमति बनी है।


मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. इफ्तिखार अहमद जावेद की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में तबादला, अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति, नए पाठ्यक्रमों को शामिल करने के लिए नियमावली में संशोधन पर सहमति बनी। अब तक नियमावली में इन बिंदुओं का स्पष्ट उल्लेख नहीं है। इससे इन बिंदुओं से संबंधित कई प्रकरणों में आदेश तो हो गए हैं, लेकिन लागू करने में अड़चन आ रही है। इसलिए यह कवायद हो रही है। 


उन्होंने कहा कि इसके लिए जल्द ही बोर्ड की बैठक होगी। बोर्ड बैठक में बीएड की तर्ज पर मदरसों में भी कोर्स शुरू करने का अहम प्रस्ताव रखा जाएगा। साथ ही वैकल्पिक अध्यापकों की नियुक्ति में शैक्षणिक योग्यता बीएड, के साथ एमएससी, गणित, बॉयोलाजी तथा इंटर तक उर्दू की अनिवार्यता होगी। इसी तरह से अवकाश लेने की प्रक्रिया को भी नियमावली में शामिल किया जाएगा।


बैठक में तय किया गया कि संशोधन प्रस्ताव शिक्षक, कर्मचारियों के परस्पर स्थानांतरण की व्यवस्था तो होगी, लेकिन प्रबंधक, प्रबंध समिति तथा प्रधानाचार्य के सगे संबंधियों का स्थानांतरण नहीं हो सकेगा। बोर्ड की बैठक में इन बिंदुओं पर फिर चर्चा करके प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा।


यूपी में 1440 छात्रों को अटल आवासीय विद्यालयों में मिलेगा प्रवेश (Admission in Atal Residential Schools)

यूपी में 1440 छात्रों को अटल आवासीय विद्यालयों में मिलेगा प्रवेश  (Admission in Atal Residential Schools)


लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की योगी सरकार (Yogi Government) ने गरीब और वंचित छात्रों को शिक्षा से जोड़ने की जो मुहिम शुरू की है, उसमें दिन पर दिन नए मुकाम जुड़ते जा रहे हैं। इसी क्रम में पूरे प्रदेश में आगामी एकेडमिक सेशन में 1,440 छात्रों को अटल आवासीय विद्यालयों में प्रवेश दिया जाएगा। प्रत्येक विद्यालय में 2 सेक्शन में कुल 80 छात्रों को प्रवेश दिए जाने की तैयारी है। 



इसके लिए प्रदेश के विभिन्न 18 मंडलों में अटल आवासीय विद्यालय (Atal Residential Schools) तैयार किए जा रहे हैं। इनमें से 7 बनकर पूरी तरह तैयार हैं। यदि किसी वजह से समय पर बाकी विद्यालय तैयार नहीं हो सके तो बाकी बच्चों को करीब के फंक्शनल आवासीय विद्यालय में प्रवेश दिलाया जाएगा। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र के समक्ष हुई हाई लेवल मीटिंग में यह जानकारी दी गई है। प्रिंसिपल और स्टॉफ की नियुक्ति की प्रक्रिया भी जल्द शुरू कर दी जाएगी। 


उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में कहा था कि अटल आवासीय विद्यालय के निर्माण की बड़ी कार्रवाई को सरकार ने अपने हाथों में लिया है। प्रदेश के सभी मंडलों में अटल आवासीय विद्यालय स्थापित किए जाने की कार्रवाई राज्य सरकार द्वारा की जा रही है। प्रथम चरण में प्रदेश की 18 कमिश्नरी में 18 अटल आवासीय विद्यालय प्रदेश में स्थापित करने जा रहे हैं। प्रदेश की 18 कमिश्नरी मुख्यालय पर 12 से 15 एकड़ के क्षेत्रफल में ये विद्यालय बनेंगे। 


जून 2023 तक पूरी होगी प्रवेश प्रक्रिया 

छात्रों का चयन स्टेट रिजर्वेशन पॉलिसी के अनुसार किया जाएगा। शुरुआती वर्षों में छात्रों का चयन सीबीएसई के द्वारा किया जाएगा, जबकि बाद में मंडल संचालन समिति छात्रों का चयन करेगी। फिलहाल एडमिशन पॉलिसी का प्रॉसेस पूरा हो चुका है। शासन से अप्रूवल मिलने के बाद नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा और फिर एग्जाम के जरिए चुनिंदा छात्रों की काउंसिलिंग के माध्यम से फाइनल एडमिशन किया जाएगा। संभावना है कि मई 2023 में एग्जाम कंडक्ट कराया जा सकता है और जून 2023 में फाइनल एडमिशन की प्रक्रिया पूर्ण कर ली जाएगी।




सीबीएसई के जरिए सेलेक्ट होगा परमानेंट स्टॉफ
 

आगामी सेशन के लिए स्टॉफ का सेलेक्शन भी जल्द किया जाएगा। परमानेंट स्टॉफ का का सेलेक्शन सीबीएसई के जरिए होगा। प्रत्येक स्कूल में एक प्रिंसिपल, एक एडमिन और 11 टीचर्स का स्टॉफ होगा। टेंपरेरी स्टॉफ के लिए प्रिंसिपल की जो अर्हता रखी गई है, उसके अनुसार अभ्यर्थी नवोदय या सैनिक स्कूल के प्रिंसिपल पद से रिटायर हुआ हो। 60 से 65 की उम्र के बीच अभ्यर्थी का स्वास्थ्य भी अच्छा होना चाहिए। इसी तरह एडमिन के लिए एक्स आर्मी गजटेड ऑफिसर होना अनिवार्य है। उम्र 50 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। इसी तरह टीचर्स के लिए नवोदय, सैनिक स्कूल, केवी स्कूल या माध्यमिक के टीचर पद से रिटायर अभ्यर्थी को ही योग्य माना जाएगा। इनकी उम्र भी 60 से 65 के बीच होनी चाहिए। एड-हॉक रिक्रूटमेंट अप्रैल के पहले सप्ताह तक पूर्ण होने की संभावना है। 


मंडल संचालन समिति में कमिश्नर होंगे अध्यक्ष

अटल आवासीय विद्यालयों का संचालन शुरू होने के बाद छात्रों का चयन और स्कूलों का संचालन और निगरानी मंडल संचालन समिति के जरिए होगी। यह एक तरह से डिस्ट्रिक्ट लेवल मॉनीटरिंग कमेटी होगी जो जनपदों में प्रवेश प्रक्रिया को देखेगी। इस कमेटी में जनपद के कमिश्नर अध्यक्ष होंगे, जबकि डीएम उपाध्यक्ष होंगे। डिप्टी लेबर कमिश्नर सदस्य सचिव होंगे तो बीएसए, डीआईओएस, एडी बेसिक, नवोदय के प्रिंसिपल, अटल आवासीय विद्यालय के प्रिंसिपल एवं एडिशनल कमिश्नर फाइनेंस या चीफ ट्रेजरी ऑफीसर (कमिश्नर द्वारा नॉमिनेटेड) समिति के सदस्य होंगे।


गरीब छात्रों को मिलेगा सहारा 

उत्तर प्रदेश में निर्माण श्रमिकों और गरीब बच्चों के लिए योगी सरकार ने अटल आवासीय विद्यालय योजना शुरू की है। कई निर्माण श्रमिकों की गरीबी और साधनहीनता के कारण उनके बच्चे स्कूलों में प्रवेश नहीं ले पाते हैं या प्रवेश लेने के बाद अपनी शिक्षा जारी नहीं रख पाते हैं। निर्माण-श्रमिकों के ऐसे बच्चों के लिए ही राज्य सरकार अटल आवासीय विद्यालय बना रही है। पंजीकृत निर्माण-श्रमिकों के बच्चों को प्राथमिक-जूनियर हाईस्कूल और माध्यमिक स्तर की शिक्षा की सुविधा उपलब्ध कराते हुए उन्हें गुणवत्तापरक शिक्षा प्रदान करना इस योजना का उद्देश्य है।


शासन की ओर से मिलेंगी सभी प्रकार की सुविधाएं  

सभी विद्यालय अत्याधुनिक शिक्षा देंगे, वहीं अगर किसी बच्चे की रुचि खेल में है तो स्पोर्ट्स गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए कार्य किया जाएगा। अगर किसी बच्चे को पढ़ाई के इतर किसी क्षेत्र में अपना हुनर दिखाने को कोई मंच चाहिए तो उसके लिए भी स्किल डेवलपमेंट के तहत इस संस्थान में उस प्रकार की सुविधा दी जाएगी। विद्यालय में रहने-खाने और सभी प्रकार की सुविधाओं की व्यवस्था शासन द्वारा की जाएगी।

Thursday, December 1, 2022

अनुदेशकों के मानदेय को लेकर आज बड़े फैसले का दिन, उच्च प्राथमिक विद्यालय में कार्यरत अनुदेशकों को 17000₹ मानदेय दिए जाने का मामले में हाईकोर्ट सुनाएगा फैसला

अनुदेशकों के मानदेय को लेकर आज बड़े फैसले का दिन, उच्च प्राथमिक विद्यालय में कार्यरत अनुदेशकों को 17000₹ मानदेय दिए जाने का मामले में हाईकोर्ट सुनाएगा फैसला




प्रयागराज  : उच्च प्राथमिक विद्यालय में कार्यरत अनुदेशकों को 17000 मानदेय दिए जाने का मामला,

राज्य सरकार की स्पेशल अपील पर हाईकोर्ट कल सुनाएगी फैसला,

स्पेशल अपील पर सुनवाई पूरी होने के बाद कोर्ट ने 8 सितंबर 2022 को फैसला किया था रिजर्व,

चीफ जस्टिस राजेश बिंदल और जस्टिस जे जे मुनीर की डिवीजन बेंच सुनाएगी फैसला,

प्रदेश के लगभग 27 हजार अनुदेशकों का मानदेय 2017 में केंद्र सरकार ने बढ़ाकर 17000 रुपये कर दिया था, जिसको यूपी सरकार ने लागू नहीं किया था।

मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर अनुदेशकों ने हाईकोर्ट में रिट दाखिल की थी,

3 जुलाई 2019 को जस्टिस राजेश चौहान की सिंगल बेंच ने दिया था आदेश,

सिंगल बेंच ने अनुदेशकों को 17 हजार मानदेय देने का आदेश दिया था,

अनुदेशकों को 2017 से 17000 मानदेय 9%व्याज के साथ देने का आदेश दिया था,

सिंगल बेंच के फैसले को राज्य सरकार ने स्पेशल अपील दाखिल कर दी है चुनौती।



NAT : NIPUN Assessment Test सम्बन्धी निर्देश एवं 'सरल ऐप' के प्रभावी संचालन हेतु महत्त्वपूर्ण लिंक्स एवम जरूरी जानकारी

NAT : NIPUN Assessment Test सम्बन्धी निर्देश एवं 'सरल ऐप' के प्रभावी संचालन हेतु महत्त्वपूर्ण लिंक्स एवम जरूरी जानकारी




1. प्ले स्टोर से Saral App डाउनलोड करें।



2.  YouTube लाइव को पुनः देखना सुनिश्चित करें : https://bit.ly/SaralAppTrainingYTLIVE




3. सभी निम्नलिखित YouTube लाइव की manual एवं ट्रेनिंग वीडियो लिंक शिक्षकगण देखे:






🔴 Class 1 to 3 (Saral App Training Video) https://bit.ly/SaralAppClass1-3Training


🔴 Class 4 to 8 (Saral App Training Video) https://bit.ly/SaralAppClass4-8Training


🔴 How to use Saral App (Class 1-3) https://bit.ly/HowToUseSaralAppClass1-3


🔴 How to use Saral App (Class 4-8) https://bit.ly/HowToUseSaralAppClass4-8


🔴 Saral App Do's & Don'ts 





BEd. काउंसिलिंग प्रक्रिया पूरी, 21700 सीटें रह गईं खाली

BEd.  काउंसिलिंग प्रक्रिया पूरी, 21700 सीटें रह गईं खाली


बरेली। रुहेलखंड विव की ओर से चल रही बीएड काउंसिलिंग पूरी हो गई है। प्रदेश के 149 अल्पसंख्यक कॉलेजों में करीब दो हजार विद्यार्थियों ने बीएड में दाखिला लिया है। कॉलेजों में इस बार 21700 सीटें खाली रह गईं हैं।


प्रथम चरण में 1.17 लाख ने दाखिले लिए इसमें पूल काउंसलिंग का आंकड़ा 13 हजार तक पहुंचा था। सीधी काउंसलिंग में 1.04 लाख ने एडमिशन लिए। अल्पसंख्यक कॉलेजों में तीन दिन काउंसलिंग में दो हजार विद्यार्थियों ने दाखिले लिए । राज्य समन्वयक प्रो. पीबी सिंह का कहना है कि अल्पसंख्यक कॉलेजों में बीएड के दाखिले के बाद खाली बची सीटें तभी भरी जा सकेंगी जब कॉलेज इसकी मांग करेंगे और शासन इसके लिए अनुमति देगा

13 जिलों में खाली हैं DIOS के पद, पदस्थापन का लंबे समय से है इंतजार

13 जिलों में खाली हैं DIOS के पद, पदस्थापन का लंबे समय से है इंतजार


लखनऊ। प्रदेश के 13 जिलों में कई माह से जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआईओएस) के पद खाली हैं। वहीं, दिसंबर में दो और जिलों में यह पद खाली हो जाएंगे।



वाराणसी व अलीगढ़ में 30 जून 2022, प्रयागराज (द्वितीय) में 31 जुलाई, लखीमपुरी खीरी में 8 अगस्त, कानपुर में 25 अगस्त, बहराइच में अगस्त, 31 बुलंदशहर में 9 सितंबर, सीतापुर व ललितपुर में 30 सितंबर और चंदौली व अंबेडकरनगर में 31 अक्तूबर से डीआईओएस का पद खाली है। मुरादाबाद व आगरा में भी यह पद काफी समय से खाली है। हालांकि डीआईओएस की गैरमौजूदगी में उनका कार्यभार संबंधित जिले के बीएसए या राजकीय इंटर कॉलेज के प्राचार्य को दिया गया है। उधर, कानपुर देहात के डीआईओएस अरविंद कुमार द्विवेदी और हमीरपुर के डीआईओएस रतन सिंह 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त हो जाएंगे।


सूत्रों का कहना है कि डीआईओएस की तैनाती का प्रस्ताव शासन को गया था लेकिन मामला अटका हुआ है। डीआईओएस की तैनाती नहीं होने से बोर्ड परीक्षा की तैयारी से जुड़े कामकाज प्रभावित हो रहे हैं। परीक्षा केंद्र के निर्धारण के साथ विद्यालयों की मान्यता के मामलों के निस्तारण, शिक्षकों की पदोन्नति सहित अन्य विभागीय कामकाज में देरी हो रही है।

रिटायर बेसिक शिक्षक तीन हजार, ढाई हजार मानदेय में ‘शिक्षक साथी’ बनने को कोई तैयार नहीं, प्रयागराज जिले का हाल

रिटायर बेसिक शिक्षक तीन हजार, ढाई हजार मानदेय में  ‘शिक्षक साथी’ बनने को कोई तैयार नहीं, प्रयागराज जिले का हाल



प्रयागराज : बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक, उच्च प्राथमिक स्कूलों और कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में शैक्षिक सहयोगात्मक पर्यवेक्षण प्रदान करने के लिए कोई शिक्षक साथी बनने को तैयार नहीं है। जिले में तीन हजार से अधिक सेवानिवृत्त परिषदीय शिक्षक पेंशन ले रहे हैं लेकिन किसी ने भी शिक्षक साथी बनने के लिए आवेदन नहीं किया।



अंतिम तारीख 25 नवंबर तक आवेदन नहीं मिलने के कारण बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रवीण कुमार तिवारी ने शिक्षक साथी चयन के लिए अब 30 दिसंबर तक आवेदन मांगे हैं। प्रमुख सचिव शासन दीपक कुमार ने 28 सितंबर को सभी बीएसए को एक महीने में शिक्षक साथी चयन के आदेश दिए थे।


 70 साल तक के सेवानिवृत्त शिक्षकों का तीन चरणों की परीक्षा के आधार पर चयन होना है। हिन्दी, गणित, विज्ञान, सामाजिक अध्ययन और अंग्रेजी विषय के लिए चयनित शिक्षक साथियों को 2500 रुपये प्रतिमाह मानदेय मिलेगा। एक साल के लिए चयनित शिक्षक साथियों का हर साल प्रदर्शन के आधार पर नवीनीकरण होगा।


खास-खास

● शिक्षक साथी हर महीने न्यूनतम 30 स्कूलों का सहयोगात्मक पर्यवेक्षण करेंगे।

● दीक्षा और रीड एलांग एप के प्रयोग के लिए बच्चों-अभिभावकों को प्रेरित करेंगे।

● प्रिंटरिच सामग्री, टीएलएम, मैथ्स एवं साइंस किट्स, लाइब्रेरी बुक्स आदि का प्रयोग सुनिश्चित कराएंगे।

● जेंडर, समता-समानता, जीवन कौशल शिक्षा, पर्यावरण, आत्मरक्षा, आपदा प्रबंधन जैसे मुद्दों पर शिक्षकों को संवेदनशील बनाएंगे।

शिक्षक साथी चयन के लिए 25 नवंबर तक आवेदन मांगे गए थे। कोई आवेदन न मिलने के कारण अंतिम तिथि 30 दिसंबर तक बढ़ाई गई है। -डॉ. विनोद मिश्र, जिला समन्वयक प्रशिक्षण, समग्र शिक्षा

UP CM योगी बोले- स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल हो आपदा प्रबंधन, बढ़ाएं जागरूकता

UP CM योगी बोले- स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल हो आपदा प्रबंधन, बढ़ाएं जागरूकता


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को लखनऊ में आयोजित आपदा प्रबंधन के तीसरे क्षेत्रीय सम्मेलन को संबोधित किया और इसे और भी प्रभावी बनाने के सुझाव दिए।


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विभिन्न आपदाओं से बचाव के लिए सतर्कता और जागरूकता को बढ़ाये जाने की जरूरत बताई है। आपदा प्रबंधन को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने पर बल देते हुए उन्होंने कहा है कि अगर लोगों को यह पता होगा कि बाढ़, भूकम्प, आकाशीय बिजली, अग्निकांड आदि के समय उन्हें कैसी सावधानियां बरतनी चाहिए तो निश्चित ही बड़ी जनहानि से बचा जा सकता है।


राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा आयोजित विभिन्न राज्यों के आपदा प्रबंधन प्रधिकरणों के इस दो दिनी तृतीय क्षेत्रीय सम्मेलन में आपदा प्रबंधन विशेषज्ञों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने मिर्जापुर और सोनभद्र जैसे जिलों में आकाशीय बिजली से होने वाली जनहानि की जानकारी देते हुए इसे रोकने के लिए अलर्ट सिस्टम को और बेहतर करने की आवश्यकता भी जताई। मुख्यमंत्री ने आपदाओं की रोकथाम में आपदा मित्रों की भूमिका की सराहना करते हुए इस कार्य में ग्राम पंचायतों को जोड़ने और आपदा मित्रों की संख्या बढ़ाने पर भी बल दिया।

MDM रसोईया मानदेय में खेल : कौशांबी जिले के मिड-डे-मील जिला समन्वयक समेत सात की संविदा समाप्त, FIR दर्ज, 6 BEO के खिलाफ कार्यवाही हेतु संस्तुति

MDM रसोईया मानदेय में खेल : कौशांबी जिले के  मिड-डे-मील जिला समन्वयक समेत सात की संविदा समाप्त, FIR दर्ज, 6 BEO के खिलाफ कार्यवाही हेतु संस्तुति 

लाखो रुपए गबन के आरोप में 5 शिक्षा कर्मचारियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने के निर्देश

छह खण्ड शिक्षा अधिकारियों के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही करने के लिए महानिदेशक को भेजा पत्र

लाखो रुपए के शिक्षा विभाग में गबन के आरोप में सात संविदा कर्मियों की सेवाएं समाप्त


कौशाम्बी : जिले के विभिन्न विकास खण्ड के विद्यालयों में रसोइयां के रूप कार्यरत न होने के बावजूद सुनियोजित तरीके से स्वयं तथा अपने सगे सम्बन्धियों जान पहचान के व्यक्तियों के खाते में प्रथमद्ष्ट्या लाखो रुपए मानदेय के प्रेषण करके शासकीय धनराशि के व्यपहरण का मामला प्रकाश में आया है।


मामले की जांच जिलाधिकारी ने कराई थी जॉंच में दोषी पाये गये पंकज कुमार, जिला समन्वयक-एम0डी0एम0 विनय कुमार गुप्ता, तत्कालीन कम्प्यूटर ऑपरेटर एम0डी0एम0 पटल प्रभारी सिराथू सम्प्रति कम्प्यूटर ऑपरेटर विकास खण्ड सरसवां राजकुमार चौरसिया, तत्कालीन कम्प्यूटर ऑपरेटर एम0डी0एम0 पटल प्रभारी-मूरतगंज सम्प्रति कम्प्यूटर ऑपरेटर विकास खण्ड-कड़ा मो0 नाशिद, अनुदेशक उच्च प्राथमिक विद्यालय पिण्डरा/एम0डी0एम0 पटल प्रभारी विकास खण्ड मंझनपुर नीरज जायसवाल, कम्प्यूटर ऑपरेटर एम0डी0एम0 के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराने के निर्देश जिला अधिकारी ने जिला बेसिक शिक्षाधिकारी को दिये है।


 उपरोक्त पॉंचोें कर्मचारियों एवं 02 अन्य कम्प्यूटर ऑपरेटर प्रदीप सिंह, सरसवां एवं आलेप कुमार, सिराथू कुल 07 संविदा कर्मचारियों की सेवायें तत्काल प्रभाव से समाप्त करने के निर्देश जिला बेसिक शिक्षाधिकारी कौशाम्बी को दिये गये


पर्यवेक्षणीय कार्यों में शिथिलता बरतने के लिए दोषी बताये गये खण्ड शिक्षाधिकारियों राजेश कुमार, तत्कालीन खण्ड शिक्षाधिकारी सिराथू सम्प्रति खण्ड शिक्षाधिकारी जनपद चित्रकूट जवाहर लाल यादव, तत्कालीन खण्ड शिक्षाधिकारी सिराथू सम्प्रति खण्ड शिक्षाधिकारी मुख्यालय कौशाम्बी चन्द्रमोहन सिंह, खण्ड शिक्षाधिकारी मंझनपुर श्रीमती किरन पाण्डेय, तत्कालीन खण्ड शिक्षाधिकारी मूरतगंज सम्प्रति खण्ड शिक्षाधिकारी कड़ा मुकेश नारायण मिश्र तत्कालीन खण्ड शिक्षाधिकारी मूरतगंज सम्प्रति निलम्बित खण्ड शिक्षाधिकारी सम्बद्ध जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान मंझनपुर मिथिलेश कुमार, तत्कालीन खण्ड शिक्षाधिकारी सरसवां सम्प्रति खण्ड शिक्षाधिकारी जनपद चित्रकूट के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही करने के लिए महानिदेशक, स्कूल शिक्षा एवं राज्य परियोजना निदेशक, उत्तर प्रदेश लखनऊ को जिलाधिकारी द्वारा रिपोर्ट प्रेषित की गयी है



कौशांबी : मिड-डे-मील योजना में एक बड़े फर्जीबाड़े का खुलासा हुआ है। बीएसए कार्यालय में तैनात एमडीएम के जिला समन्वयक समेत सात कर्मचारी फर्जी रसोइयां बन खुद व रिश्तेदारों के खाते में मानदेय का 7.42 लाख रुपया भेजकर खा गए। जांच में खुलासा होने के बाद डीएम सुजीत कुमार ने सातों कर्मचारियों की संविदा समाप्त करने के साथ ही पांच के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी है। इसके अलावा पर्यवेक्षण में लापरवाही बरतने वाले छह खंड शिक्षाधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए महानिदेशक स्कूल शिक्षा को संस्तुति कर दी गई। एकमुश्त इतनी बड़ी कार्रवाई से बेसिक शिक्षा विभाग में खलबली है।


पिछले दिनों रसोइयों को मानदेय मुहैया कराने के लिए शासन से बजट आवंटित हुआ तो बीएसए ने सभी खंड शिक्षाधिकारियों से रिपोर्ट मांगी। खंड शिक्षाधिकारी सिराथू सुरेंद्र पटेल ने हाजिरी सत्यापन कराने के लिए रसोइयों की सूची व्हाट्सएप ग्रुप पर डालकर स्कूलों के प्रधानाचार्यों से जानकारी मांगी। इस दौरान कुछ विद्यालयों से जानकारी मिली कि सूची में दर्ज रसोइयां उनके यहां नियुक्ति ही नहीं हैं।


बीएसए की जांच में हुआ खुलासा

एबीएसए ने इसकी जानकारी बीएसए प्रकाश सिंह को दी। मामला जिलाधिकारी के संज्ञान में आया तो उन्होंने बीएसए के साथ ही वित्त एवं लेखाधिकारी विनय प्रजापति की दो सदस्यीय टीम गठित कर प्रकरण की जांच करने का निर्देश दिया। अफसरों ने अभिलेखों को खंगाला तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ।


बीएसए ने बताया कि वर्ष 2019 से 22 के बीच 45 फर्जी रसोइयों के नाम से कार्यालय में तैनात जिला समन्वयक एमडीएम पंकज जायसवाल समेत पांच कर्मचारी अपने व अपने रिश्तेदारों के खाते में मानदेय भेज रहे थे।


अब तक इन लोगों ने 7.42 लाख रुपये की धनराशि का गबन किया है। इस कार्यालय में दो अन्य कर्मचारी भी सहयोग करते थे। इसके अलावा संबंधित खंड शिक्षाधिकारियों ने भी पर्यवेक्षण में लापरवाही की। 


जांच रिपोर्ट के आधार पर डीएम ने बुधवार को सभी सातों कर्मचारियों की संविदा समाप्त करते हुए जिन पांच कर्मचारियों के खाते में धनराशि जा रही थी उनके खिलाफ एफआईआर कराने का निर्देश दिया। इंस्पेक्टर विनोद सिंह ने बताया कि देर रात सभी पांचों कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है।


इनकी हुई संविदा समाप्त

पंकज कुमार जायसवाल-जिला समन्वयक एमडीएम

विनय कुमार गुप्ता, तत्कालीन कम्प्यूटर ऑपरेटर/एमडीएम पटल प्रभारी सिराथू (वर्तमान तैनाती कम्प्यूटर ऑपरेटर सरसवां ब्लॉक)

राजकुमार चौरसिया, तत्कालीन कम्प्यूटर ऑपरेटर/एमडीएम पटल प्रभारी मूरतगंज (वर्तनाम तैनाती कम्प्यूटर ऑपरेटर कड़ा ब्लॉक)

मो. नाशिद, अनुदेशक उच्च प्राथमिक विद्यालय पिंडरा/एमडीएमपटल प्रभारी मंझनपुर ब्लॉक

नीरज जायसवाल, कम्प्यूटर ऑपरेटर-एमडीएम

प्रदीप सिंह, कम्प्यूटर ऑपरेटर सरसवां

आलेप कुमार कंप्यूटर आपरेटर सिराथू

इनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए शासन को भेजा गया पत्र

राजेश कुमार, तत्कालीन एबीएस सिराथू (वर्तमान तैनाती एबीएसए जनपद चित्रकूट)

जवाहर लाल यादव, तत्कालीन एबीएसए सिराथू (वर्तमान तैनाती एबीएसए मुख्यालय कौशाम्बी)

चंद्रमोहन सिंह, एबीएसए मंझनपुर

किरन पांडेय, तत्कालीन एबीएसए मूरतगंज (वर्तमान तैनाती एबीएसए कड़ा)

मुकेश नारायण मिश्र, तत्कालीन एबीएसए मूरतगंज (वर्तमान निलम्बित एबीएसए सम्बद्ध डायट मंझनपुर)

मिथिलेश कुमार, तत्कालीन एबीएसए सरसवां (वर्तमान तैनाती एबीएसए जनपद चित्रकूट)


फर्जी रसोइयों के नाम पर मानदेय आहरित करने के आरोप में सात कर्मचारियों की संविदा समाप्त करने के साथ ही एमडीएम समन्वयक समेत पांच के खिलाफ एफआई दर्ज करा दी गई है। साथ ही पर्यवेक्षण में लापरवाही बरतने वाले छह खंड शिक्षा अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए महानिदेशक को संस्तुति की गई है।
सुजीत कुमार, जिलाधिकारी कौशांबी