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Thursday, October 29, 2015

लखनऊ : पढ़ाना छोडकर वोटर लिस्ट बनाएँगे शिक्षक, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के विपरीत प्रशासन के बीएलओ कार्य के फरमान ने स्कूलों की पढ़ाई ठप करने का किया इंतजाम

लखनऊ : बेसिक शिक्षा परिषद के प्राइमरी स्कूलों की हालत शिक्षक की कमी से वैसे ही खराब है, उस पर जिला प्रशासन के नए फरमान ने स्कूलों की पढ़ाई ठप करने का इंतजाम कर दिया है। 23 अक्टूबर को सरोजनीनगर के खंड शिक्षा अधिकारी को जिला प्रशासन की ओर से पत्र भेजकर ब्लॉक के नामित शिक्षकों को दो महीने तक सप्ताह में तीन दिन बीएलओ ड्यूटी करने का निर्देश दिया गया है। ब्लॉक के शिक्षकों को सोमवार, शुक्रवार और शनिवार को बीएलओ ड्यूटी करनी होगी। वहीं, बीकेटी ब्लॉक के शिक्षकों को अपना काम करने के साथ ही बीएलओ की ड्यूटी करने का आदेश दिया गया है। जिले में मतदाता सूची में नाम जोड़ने का काम दो नवंबर से 31 दिसंबर 2015 तक चलेगा। 1300 शिक्षकों की लगी ड्यूटी मतदाता सूची दुरुस्त करने के लिए लखनऊ के प्राइमरी स्कूलों के 1300 शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है। जबकि शहर के 1200 प्राइमरी स्कूलों में लगभग 3,900 शिक्षक हैं। ऐसे में शहर के 33 प्रतिशत शिक्षक सप्ताह में तीन दिन काम नहीं करेंगे। आदेश का पालन न करने वाले शिक्षकों के खिलाफ लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 के तहत कार्रवाई करने का आदेश है। 

बेसिक शिक्षा विभाग में कोर्ट का आदेश ताक पर रखा गया पढ़ाना छोड़कर वोटर लिस्ट बनाएंगे शिक्षक शिक्षकों को तीन दिन बीएलओ का काम करने का फरमान बीएलओ की ड्यूटी लगने से स्कूलों की पढ़ाई ठप होती है। शिक्षकों के लिए एक साथ दो काम करना संभव नहीं होता है। वहीं, बीएलओ का काम करने पर शिक्षकों को स्कूल से गैरहाजिर रहना पड़ता है। -वीरेंद्र सिंह, महामंत्री, प्राथमिक शिक्षक संघ

शिक्षकों को यह नहीं कहा गया कि स्कूल में न पढ़ाएं। बीएलओ का काम पढ़ाई के बाद करें। रविवार को काम का निर्देश दिया गया है। अगर इससे ज्यादा काम करने का कोई निर्देश दिया गया है तो उसे संशोधित किया जाएगा। -राजेश पांडेय, एडीएम प्रशासन

सुप्रीम कोर्ट का है आदेश 
सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व में शिक्षकों को शिक्षण कार्य के अलावा कोई दूसरा काम न करने का निर्णय सुनाया था। इसके बावजूद जिला प्रशासन की ओर ड्यूटी लगाए जाने पर शिक्षकों ने हाई कोर्ट में रिट दायर की थी। याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने भी 8 जुलाई 2015 को शिक्षकों के हक में निर्णय दिया था। इसके बावजूद बीएलओ के काम में शिक्षकों की ड्यूटी लगाई जा रही है।


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