DISTRICT WISE NEWS

अंबेडकरनगर अमरोहा अमेठी अलीगढ़ आगरा इटावा इलाहाबाद उन्नाव एटा औरैया कन्नौज कानपुर कानपुर देहात कानपुर नगर कासगंज कुशीनगर कौशांबी कौशाम्बी गाजियाबाद गाजीपुर गोंडा गोण्डा गोरखपुर गौतमबुद्ध नगर गौतमबुद्धनगर चंदौली चन्दौली चित्रकूट जालौन जौनपुर ज्योतिबा फुले नगर झाँसी झांसी देवरिया पीलीभीत फतेहपुर फर्रुखाबाद फिरोजाबाद फैजाबाद बदायूं बरेली बलरामपुर बलिया बस्ती बहराइच बागपत बाँदा बांदा बाराबंकी बिजनौर बुलंदशहर बुलन्दशहर भदोही मऊ मथुरा महराजगंज महोबा मिर्जापुर मीरजापुर मुजफ्फरनगर मुरादाबाद मेरठ मैनपुरी रामपुर रायबरेली लखनऊ लख़नऊ लखीमपुर खीरी ललितपुर वाराणसी शामली शाहजहाँपुर श्रावस्ती संतकबीरनगर संभल सहारनपुर सिद्धार्थनगर सीतापुर सुलतानपुर सुल्तानपुर सोनभद्र हमीरपुर हरदोई हाथरस हापुड़

Friday, April 30, 2021

कर्मचारी शिक्षक अधिकारी एवं पेंशनर्स अधिकार मंच ने भी किया पंचायत चुनाव मतगणना के बहिष्कार का एलान

कर्मचारी शिक्षक अधिकारी एवं पेंशनर्स अधिकार मंच ने भी किया पंचायत चुनाव मतगणना के बहिष्कार का एलान 



आगामी 02 मई को पंचायत चुनाव मतगणना स्थगित न हुई तो करेंगे बहिष्कार, शिक्षक महासंघ का बड़ा एलान

आगामी 02 मई को पंचायत चुनाव मतगणना स्थगित न हुई तो करेंगे बहिष्कार,  शिक्षक महासंघ का बड़ा एलान





मतगणना न रोकी तो अटेवा भी करेगा कार्य बहिष्कार, विभिन्न कर्मचारी संगठनों से बहिष्कार में शामिल होने की अपील

मतगणना न रोकी तो अटेवा भी करेगा कार्य बहिष्कार, विभिन्न कर्मचारी संगठनों से बहिष्कार में शामिल होने की अपील


लखनऊ। ऑल टीचर इंप्लाइज वेलफेयर एसोसिएशन (अटेवा) ने कहा है कि अगर पंचायत चुनाव की मतगणना नहीं रोकी गई तो कार्य बहिष्कार किया जाएगा। अटेवा ने विभिन्न कर्मचारी संगठनों से भी कार्य बहिष्कार में शामिल होने की अपील की है। 


अटेवा के प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार बंधु ने इस संबंध में मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और निर्वाचन आयोग को पत्र भेजा है। पत्र में उन्होंने बताया है कि बड़ी संख्या में कर्मचारी और शिक्षक संक्रमित हैं। तमाम कर्मचारियों एवं शिक्षकों की मौत भी हो चुकी है। इसलिए 2 मई को होने वाली मतगणना स्थगित की जाए। जब हालात सामान्य होंगे तब मतगणना कराई जाए। 


उन्होंने चेतावनी दी है कि मतगणना स्थगित नहीं होने पर शिक्षक कर्मचारी संगठन मतगणना का बहिष्कार करेंगे। इसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार और निर्वाचन आयोग की होगी।


निजी स्कूलों की मनमानी शिक्षकों पर पड़ रही भारी

निजी स्कूलों की मनमानी शिक्षकों पर पड़ रही भारी


लखनऊ: निजी अस्पताल हों या निजी स्कूल, पूरी तरह निरंकुश हो चुके हैं। कोरोना काल में निजी अस्पतालों की हकीकत किसी से छिपी न रह गई, तो वहीं रही-सही कसर निजी स्कूल पूरी कर रहे हैं।


प्रदेश सरकार ने कक्षा आठ तक के सभी परिषदीय, मान्यता व सहायता प्राप्त विद्यालयों में 20 मई तक शिक्षक, अनुदेशक व शिक्षा मित्रों के लिए वर्क फ्रॉम होम के आदेश जारी किए हैं। पहले यह अनुमति 30 अप्रैल तक थी, उसे बढ़ाया गया है। सरकार ने संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए यह निर्णय लिया है, मगर निजी स्कूल रोजाना शिक्षकों को बुला रहे हैं। इसके चलते शिक्षक संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं।

गंभीर बात यह है कि स्कूलों के इस तानाशाही रवैये की जानकारी प्रशासनिक अमले को भी है, मगर इनकी ऊंची रसूख के चलते कोई भी अधिकारी इन पर हाथ डालने की हिम्मत नहीं जुटा पाता।


हमारे सभी शिक्षक वर्क फ्रॉम होम पर हैं। सभी घर से ही आनलाइन क्लास ले रहे हैं, किसी शिक्षक को स्कूल नहीं बुलाया जा रहा है। जब तक स्थिति सामान्य नहीं होगी तब तक किसी को बुलाया भी नहीं जाएगा। -डा. जगदीश गांधी, संस्थापक, सिटी मांटेसरी स्कूल (सीएमएस)


किसी भी शाखा में शिक्षकों को नहीं बुलाया जा रहा है। सभी शिक्षक आनलाइन क्लास ले रहे हैं। फीस जमा करने य अन्य ऑफिस वर्क के लिए एक-दो लोग ही अल्टरनेट डेज में बुलाए जा रहे हैं। -अनिल अग्रवाल, एमडी, सेंट जोसफ ग्रुप ऑफ स्कूल्स

UP पंचायत चुनाव में लगे 700 से ज्यादा शिक्षकों की मौत पर गरमाई सूबे की सियासत, सभी शिक्षक संघों ने की एक सुर से मतगणना स्थगित करने की मांग

UP पंचायत चुनाव में लगे 700 से ज्यादा शिक्षकों की मौत पर गरमाई सूबे की सियासत, सभी शिक्षक संघों ने की एक सुर से मतगणना स्थगित करने की मांग


प्रयागराज : प्रदेश में कोरोना संक्रमण की रफ्तार बढऩे का ठीकरा ग्राम पंचायत चुनाव पर फोड़ा गया है। प्राथमिक शिक्षक महासंघ का आरोप है कि पंचायत चुनाव के प्रशिक्षण से लेकर मतदान तक में राज्य निर्वाचन आयोग ने कोरोना गाइडलाइन का ठीक से पालन नहीं कराया, जिससे हालात भयावह बने। महासंघ का दावा है कि चुनाव ड्यूटी करने वाले करीब 706 शिक्षक कोविड संक्रमण से जान गंवा चुके हैं, बड़ी संख्या में शिक्षक बीमारी से जूझ रहे हैं। इसलिए दो मई को होने वाली मतगणना रोकी जाए। महासंघ ने गुरुवार को फिर मृत शिक्षकों की बढ़ी सूची भेजी है।

महासंघ ने राज्य निर्वाचन आयुक्त को भेजे पत्र में लिखा है कि कोरोना महामारी के समय पंचायत चुनाव कराए जा रहे हैं। 12 अप्रैल को ही संघ ने आयोग से अनुरोध किया था कि निर्वाचन से पहले कोविड से बचाव की गाइडलाइन का पालन किया जाए लेकिन, उस अनुरूप व्यवस्था नहीं की गई। शिक्षक-कर्मचारियों को बिना सुरक्षा उपायों के महामारी के समय मतदान कराने के लिए भेजा गया, जिससे बड़ी संख्या में शिक्षक व कर्मचारी संक्रमित हुए। 

अब तक करीब 706 शिक्षक काल के गाल में समा चुके हैं। उन्हीं जिलों में सबसे अधिक मौतें हुई हैं जहां मतदान हो चुका है। अब संक्रमण से जूझ रहे शिक्षकों की मतगणना में ड्यूटी लगा दी गई है और अव्यवस्था के बीच उनका प्रशिक्षण कराया जा रहा है। शिक्षक व कर्मचारियों में भय व्याप्त है। ऐसे में पंचायत चुनाव की मतगणना स्थगित की जाए, अन्यथा संघ मतगणना बहिष्कार का भी निर्णय ले सकता है।

महासंघ अध्यक्ष डा. दिनेश चंद्र शर्मा ने बताया कि राज्य निर्वाचन आयोग को बुधवार को प्रदेश में 577 मृत शिक्षकों की सूची भेजी थी। गुरुवार को फिर 706 शिक्षकों की सूची भेजी गई है, इनमें कर्मचारी शामिल नहीं है। यदि आयोग ने संज्ञान न लिया तो महासंघ अहम निर्णय ले सकता है। ऐसे ही राजकीय शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुनील कुमार भड़ाना, महामंत्री डा. रवि भूषण यादव ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर मतगणना को स्थगित करने व संक्रमित शिक्षकों व कर्मचारियों को आर्थिक सहायता देने की मांग की है।

गौरतलब है कि इस मुद्दे पर हाई कोर्ट ने भी फटकार लगाई थी और राज्य निर्वाचन आयोग से पंचायत चुनाव में ड्यूटी के दौरान कोरोना संक्रमण से मृत सरकारी कार्मिकों की संख्या का ब्यौरा तलब किया है।

पंचायत चुनाव में लगे लगभग 706 शिक्षकों की मौत को लेकर गुरुवार को सियासत गर्मा गई। प्रमुख विपक्षी दल शिक्षकों की लड़ाई में उनके साथ उतर आए हैं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और सपा मुखिया व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इनके परिवारीजनों को 50-50 लाख रुपये के मुआवजे की मांग की है। वहीं शिक्षक दलों ने  चुनाव आयोग से मतगणना टालने की मांग की है। उप्र प्राथमिक शिक्षक संघ ने गुरुवार को राज्य निर्वाचन आयोग को 706 मृत शिक्षकों की जिलावार सूची निर्वाचन आयोग को सौंपी है।


इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पंचायत चुनाव में 135 शिक्षकों की मृत्यु पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया था। इस पर आपत्ति दर्ज करते हुए उप्र प्राथमिक शिक्षक संघ ने दावा किया कि 706 शिक्षकों की अब तक मृत्यु हो चुकी है। संघ के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश शर्मा ने कहा है कि निर्वाचन आयोग से हम लगातार मतगणना टालने की मांग कर रहे हैं। हमारे शिक्षक साथी मर रहे हैं और उनकी गिनती भी नहीं हो रही है। 


उप्र विशिष्ट बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष संतोष तिवारी ने कहा कि आजमगढ़, रायबरेली, खीरी, लखनऊ, गोरखपुर, प्रयागराज आदि जिलों में दो-दो दर्जन शिक्षकों की मौत हो चुकी है। उनका आरोप है कि चुनाव के प्रशिक्षण देते समय अधिकारियों ने खुद कोविड प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया। कई जिलों में चुनाव होने तक शिक्षक संक्रमित हो चुके थे। प्रदेश में 10 हजार से ज्यादा शिक्षक कोरोना संक्रमण से ग्रसित हैं। 


गुरुवार को शिक्षक महासंघ के संयोजक व पूर्व एमएलसी हेम सिंह पुण्डीर नेता शिक्षक दल सुरेश त्रिपाठी, शिक्षक एमएलसी ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने भी निर्वाचन आयोग को परिस्थितियों की जानकारी देते हुए मतमणना टालने की मांग की है। 


शिक्षकों की मृत्यु दुखत और डरावनीः प्रियंका गांधी
यूपी पंचायत चुनावों की ड्यूटी में लगे लगभग 500 शिक्षकों की मृत्यु की खबर दुखद और डरावनी है। चुनाव ड्यूटी करने वालों की सुरक्षा का प्रबंध लचर था तो उनको क्यों भेजा? सभी शिक्षकों के परिवारों को 50 लाख रु मुआवाजा व आश्रितों को नौकरी की माँग का मैं पुरजोर समर्थन करती हूँ। 


मृत शिक्षकों के परिवार को 50 लाख मिलेः अखिलेश यादव
पंचायत चुनावों में इलेक्शन ड्यूटी में जिन अधिकारियों, शिक्षकों व कर्मचारियों की मृत्यु कोरोना संक्रमण से हुई है उनके परिवारों को उप्र सरकार तत्काल 50 लाख की सहायता राशि प्रदान करे। भाजपा सरकार सुरक्षा दे अन्यथा सरकारी कर्मी व शिक्षक मतगणना का बहिष्कार करने पर बाध्य हो जाएंगे।

पंचायत चुनाव प्रक्रिया के दौरान कोरोना महामारी के चलते बेसिक शिक्षा के 700 से अधिक शिक्षकों व कर्मियों की जनपदवार मृतक सूची जारी करते हुए प्राथमिक शिक्षक संघ द्वारा मतगणना स्थगित करने की पुनः मांग। देखें जनपदवार सूची

पंचायत चुनाव प्रक्रिया के दौरान कोरोना महामारी के चलते बेसिक शिक्षा के 700 से अधिक शिक्षकों व कर्मियों की जनपदवार मृतक सूची जारी करते हुए प्राथमिक शिक्षक संघ द्वारा मतगणना स्थगित करने की पुनः मांग। देखें जनपदवार सूची। 

Thursday, April 29, 2021

त्रिस्तरीय पंचायत निर्वाचन-2021 की मतगणना में कोरोना प्रोटोकॉल का पालन न किये जाने की स्थिति में राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश ने दी सामूहिक बहिष्कार की चेतावनी, ज्ञापन देखें


त्रिस्तरीय पंचायत निर्वाचन-2021 की मतगणना में कोरोना गाइडलाइन का पालन न किये जाने की स्थिति में राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश ने दी सामूहिक बहिष्कार की चेतावनी, ज्ञापन देखें

यूपी में कक्षा आठ तक के सभी स्कूल 20 मई तक बंद, टीचर घर से करेंगे काम

कोविड-19 की वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए वर्तमान शैक्षिक सत्र के अंत (20 मई 2021) तक Work From Home की अनुमति, बेसिक शिक्षा मंत्री की  ट्विटर पर घोषणा

यूपी में कक्षा आठ तक के सभी स्कूल 20 मई तक बंद, टीचर घर से करेंगे काम


उत्तर प्रदेश में कोविड-19 संक्रमण की स्थिति के मद्देनजर कक्षा एक से आठ तक के सभी स्कूल अब सत्र के अंत यानी 20 मई तक बंद रहेंगे और शिक्षकों को घर से काम करने की इजाजत होगी। 

राज्य के बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने बृहस्पतिवार को ट्वीट कर इसकी जानकारी देते हुए कहा "कोविड-19 की वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए अब वर्तमान शैक्षिक सत्र के अंत (20 मई 2021) तक बेसिक शिक्षा परिषद के सभी शिक्षकों, शिक्षामित्रों, अनुदेशकों तथा कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की शिक्षिकाओं को घर से कार्य करने की अनुमति होगी।" 

इससे पहले कक्षा एक से आठ तक के सभी परिषदीय /सहायता प्राप्त/ मान्यता प्राप्त व अन्य बोर्डो के विद्यालय को 30 अप्रैल तक शैक्षिक कार्य बंद किए जाने का आदेश जारी किया गया था।


कोविड-19 की वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए अब वर्तमान शैक्षिक सत्र के अंत (20 मई 2021) तक बेसिक शिक्षा परिषद के सभी शिक्षकों, शिक्षामित्रों, अनुदेशकों तथा कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की शिक्षिकाओं को घर से कार्य करने (Work From Home) की अनुमति होगी।
@basicshiksha_up 

साभार : ट्विटर

विश्वविद्यालयों और कॉलेजों की आगामी सभी परीक्षाओं और प्रवेश प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की तैयारी, UGC जारी करेगा गाइडलाइन

विश्वविद्यालयों और कॉलेजों की आगामी सभी परीक्षाओं और प्रवेश प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की तैयारी, UGC जारी करेगा गाइडलाइन


विश्वविद्यालयों और कॉलेजों की आगामी सभी प्रस्तावित परीक्षाओं और प्रवेश प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की तैयारी
Covid Seond Wave देश में कोरोना की दूसरी लहर को देखते हुए विश्वविद्यालयों और कॉलेजों की आगामी सभी प्रस्तावित परीक्षाओं और प्रवेश प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की तैयारी हो रही है। जल्द ही इसके लिए यूजीसी गाइडलाइन जारी करेगा।


नई दिल्ली  ।  देश में कोरोना की दूसरी लहर को देखते हुए विश्वविद्यालयों और कॉलेजों की आगामी सभी प्रस्तावित परीक्षाओं और प्रवेश प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की तैयारी हो रही है। जल्द ही इसके लिए यूजीसी गाइडलाइन जारी करेगा। इसके साथ पाठ्यक्रम में भी कटौती की जा सकती है। इसके अलावा देश के विश्वविद्यालयों के छात्रों और शिक्षकों के काफी संख्या में कोरोना से पीड़ित होने की खबरें आ रही हैं। इससे पहले कई राज्यों की परीक्षाएं रद कर दी गई हैं या निलंबित कर दी गई हैं। इसमें यूपी, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र जैसे राज्य शामिल हैं। पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में सीबीएसई की कक्षा 10 की परीक्षा रद कर दी गई और कक्षा 12 वीं की परीक्षा को रद कर दिया गया है।


उच्च शिक्षा के ज्यादातर कोर्स होंगे ऑनलाइन, यूजीसी ने योजना पर शुरू किया काम

उच्च शिक्षण संस्थानों ने अपने ज्यादा से ज्यादा कोर्सों को आनलाइन या फिर दूरस्थ शिक्षा के माध्यमों से संचालित करने का फैसला किया है। हालांकि यह सुविधा सिर्फ उन्हीं उच्च शिक्षण संस्थानों को हासिल होगी, जो गुणवत्ता के एक तय मानक को पूरा करेंगे। माना जा रहा है कि इस सुविधा को विस्तार मिलने से दाखिले से वंचित रहने के बाद भी छात्र अपनी पसंद के विषयों और पाठ्यक्रमों में पढ़ाई कर सकेंगे।


विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीई) ने फिलहाल इस योजना पर तेजी से काम शुरू कर दिया है। इस बीच एआइसीटीई ने बड़ी संख्या में अपने कोर्सों को ऑनलाइन और दूरस्थ शिक्षा के जरिए पढ़ाने की भी मंजूरी दी है। इनमें आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ), कंप्यूटर एप्लीकेशन, डाटा साइंस, लॉजिस्टिक्स, ट्रेवल एंड टूरिज्म के साथ प्रबंधन और उससे जुड़े कोर्स शामिल हैं।



यूजीसी ने टीकाकरण से जुड़ी रणनीति पर शुरू किया काम

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने टीकाकरण से जुड़ी रणनीति पर काम शुरू कर दिया है। विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों से भी अपने स्तर पर योजना तैयार करने को कहा गया है। यूजीसी के सचिव रजनीश जैन के मुताबिक टीकाकरण के इससे पहले के चरणों में भी सभी विश्वविद्यालयों और कालेजों को तय उम्र के दायरे में आने वाले संस्थान के सभी लोगों का टीकाकरण कराने के लिए कहा गया था। साथ ही इसे लेकर आम लोगों को जागरूक करने को कहा था।
    

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने 20 अप्रैल, 2021 को यूजीसी नेट परीक्षा,दिसंबर 2020 परीक्षा को स्थगित कर दिया था। IIT मद्रास और अन्ना विश्वविद्यालय ने अपनी सेमेस्टर परीक्षाओं और यहां तक कि ऑनलाइन परीक्षाओं को भी स्थगित कर दिया है। द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आइसीएआइ) ने कोविड-19 की दूसरी लहर को देखते हुए मई में प्रस्तावित सीए फाइनल और सीए इंटरमीडिएट परीक्षा स्थगित कर दी है। आइसीएआइ की ओर से जारी महत्वपूर्ण सूचना में बताया गया है कि कोविड-19 की मौजूदा समस्या से छात्रों को बचाना बेहद जरूरी है। इसलिए 21 मई की सीए फाइनल और 22 मई की सीए इंटरमीडिएट की परीक्षा स्थगित की जा रही है।


बुधवार को स्वास्थ्य मंत्रालय के जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, बीते 24 घंटों में 3,60,960 नए मामले आए। पिछले एक सप्ताह से तीन लाख से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। इस दौरान 3,293 लोगों की मौत से देश में कोरोना से अब तक हुई मौतों का आंकड़ा बढ़कर दो लाख से अधिक हो गया। ऐसा पहली बार है जब कोरोना से इतनी तादाद में मौतें हुईं और नए मामले सामने आए।

केंद्रीय विद्यालय : नौवीं में एडमिशन के लिए नहीं होगी लिखित परीक्षा

केंद्रीय विद्यालय :  नौवीं में एडमिशन के लिए नहीं होगी लिखित परीक्षा

वहीं, केंद्रीय विद्यालय संगठन ने शैक्षणिक सत्र 2021-22 के लिए चल रही प्रवेश प्रक्रिया में बदलाव करते हुए एक बड़ी राहत दी है। केंद्रीय विद्यालय संगठन ने कोरोना महामारी को देखते हुए 2021 में कक्षा 9वीं में दाखिलों के लिए होने वाली लिखित परीक्षा को रद्द करने की घोषणा की है।



 कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप की वजह से कई परीक्षाएं रद्द हो चुकी हैं। बुधवार, 28 अप्रैल, 2021 को जारी एक आदेश के अनुसार केंद्रीय विद्यालय संगठन ने एडिमशन प्रक्रिया में कुछ बदलाव करने का फैसला किया है। इससे पहले तक कक्षा 9वीं में लिखित परीक्षा के आधार पर ही दाखिला दिया जाता था। इस बार प्राथमिक श्रेणी के आधार पर दाखिले किए जाएंगे।

कोरोना का असर : स्कूलों में समय से पहले हुईं गर्मी की छुट्टियां, KVS ने भी किया एलान

केंद्रीय विद्यालयों में  03 मई से 20 जून तक गर्मियों की छुट्टियां



 केंद्रीय विद्यालयों में तीन मई से ग्रीष्मकालीन अवकाश की घोषणा कर दी गई है। केंद्रीय विद्यालय संगठन ने सभी विद्यालयों को इसका आदेश जारी किया है। आमतौर पर हर साल केंद्रीय विद्यालयों में 15 मई से ग्रीष्मकालीन अवकाश शुरू होता था। कोरोना को देखते हुए केंद्रीय विद्यालय संगठन ने यह निर्णय लिया है। ग्रीष्मफकालीन अवकाश 20 जून तक रहेगा।

नई दिल्ली : कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए केंद्रीय विद्यालय सहित देश के ज्यादातर स्कूलों में इस बार तय समय से पहले ही गर्मी की छुट्टियां घोषित होनी शुरू हो गई हैं। हालांकि फिजिकल तौर पर संक्रमण के खतरे को देखते हुए यह स्कूल पहले ही बंद कर दिए गए थे, लेकिन आनलाइन पढ़ाई जारी रखी गई थी। जिसके लिए शिक्षकों को हर दिन स्कूल आना होता था। फिलहाल स्कूलों में हर साल गर्मी की छुट्टियां 15 मई के बाद शुरू होती थी, लेकिन स्थिति को देखते हुए इस बार पहले ही घोषित किया जा रहा है।

इस बीच स्कूलों का सबसे बड़ा संगठन केंद्रीय विद्यालय संगठन (केवीएस) ने अपने देश भर के स्कूलों में तीन मई से गर्मी की छुट्टियां का एलान कर दिया है। फिलहाल इन स्कूलों में हर बार यह छुट्टियां 15 मई के बाद होती थी। संगठन ने यह फैसला कोरोना संकटकाल में छात्रों-शिक्षकों को तनाव से राहत देने के लिए किया है। अब यह स्कूल 21 जून के बाद खोले जाएंगे। यानी इन स्कूलों में अब कोई भी शैक्षणिक गतिविधियां 21 जून के बाद ही शुरू होगी। वैसे भी दो मई से प्रस्तावित बोर्ड परीक्षाएं स्थगित या फिर रद हो गई हैं। इसे लेकर कोई भी फैसला एक जून के बाद स्थिति को देखते हुए लिया जाएगा। सीबीएसई ने स्पष्ट किया था, कि बारहवीं की स्थगित बोर्ड परीक्षाओं का जब भी एलान होगा, तो उसके बाद भी छात्रों को कम से कम पंद्रह दिन का समय दिया जाएगा। इसके तहत एक जून को कोई निर्णय होता भी है, तब भी इनकी नई तारीखें 15 जून के बाद की ही होगी।

■ केंद्रीय विद्यालय संगठन ने तीन मई से स्कूल बंद करने का किया एलान

■ हर बार 15 मई के बाद ही होती थी यह छुट्टियां, 21 जून के बाद खुलेंगे


इसके साथ ही केंद्रीय विद्यालयों में तीन मई से 20 जून, 2021 तक गर्मियों की छुट्टियों की घोषणा भी कर दी गई है। बुधवार, 28 अप्रैल, 2021 को जारी एक आदेश के माध्यम से जानकारी दी गई है कि गर्मी वाले स्थानों के लिए ग्रीष्मावकाश की अवधि में बदलाव किए हैं। इसके तहत तीन मई से 20 जून, 2021 तक गर्मी वाले क्षेत्रों के केंद्रीय विद्यालयों में छुट्टियों की घोषणा की जाती है। 




आदेश के तहत, आगरा, चंडीगढ़, कोलकाता, देहरादून, दिल्ली, लखनऊ, जयपुर, जम्मू, पटना, रांची, सिल्चर, तिनसुकिया, गुरुग्राम, चेन्नई, एर्णाकुलम, हैदराबाद, जबलपुर, गुवाहाटी, वाराणसी, रायपुर, भुवनेश्वर, अहमदाबाद, बेंगलुरु, मुंबई और भोपाल में ग्रीष्मावकाश तीन मई से शुरू हो जाएंगे। हालांकि, यह आदेश सर्दी वाले स्थानों, अधिक सर्दी वाले स्थान जैसे- लेह और कारिगल आदि में लागू नहीं होगा। 

केंद्रीय विद्यालय : पहली कक्षा में प्रवेश के लिए होने वाली लॉटरी स्थगित

देशभर में कोरोना संक्रमण के तेजी से बढ़ रहे मामलों के बीच, केंद्रीय विद्यालय संगठन की ओर से केंद्रीय विद्यालयों में प्रवेश प्रक्रिया को स्थगित कर दिया गया है। केंद्रीय विद्यालय संगठन ने शैक्षणिक सत्र 2021-22 के लिए चल रही प्रवेश प्रक्रिया को कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप के कारण फिलहाल टाल दिया है।  


केंद्रीय विद्यालय : पहली कक्षा में प्रवेश के लिए होने वाली लॉटरी स्थगित 

देशभर के केंद्रीय विद्यालयों में अप्रैल में शुरू हुई नए सत्र में प्रवेश के लिए दाखिला प्रक्रिया इसी माह पूरी की जानी थी। हालांकि, अब कोरोना संक्रमण की स्थिति नियंत्रण में आने के उपरांत ही यह प्रक्रिया पूरी की जा सकेगी।


 केंद्रीय विद्यालय संगठन ने दाखिला प्रक्रिया पर औपचारिक तौर पर जानकारी देते हुए कहा, देश में कोविड-19 मामलों में अभूतपूर्व वृद्धि हो रही है। ऐसे में संगठन ने अप्रैल, 2021 में पहली कक्षा में प्रवेश के लिए होने वाली लॉटरी स्थगित कर दी है। केवीएस की ओर से निर्णय किया गया है कि कोरोना संक्रमण का प्रसार कम होने और दोबारा स्कूल खुलने के बाद ही इस प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा। 

UP Board Exam : यूपी बोर्ड के सचिव का ऑनलाइन संवाद, मूल्यांकन में नरमी बरतें, पूरी कॉपी को जरूर पढ़ें शिक्षक

UP Board Exam : यूपी बोर्ड के सचिव का ऑनलाइन संवाद,  मूल्यांकन में नरमी बरतें, पूरी कॉपी को जरूर पढ़ें शिक्षक


यूपी बोर्ड के सचिव ने प्रदेश के सभी जिलों के प्रधानाचार्यों विषय-विशेषज्ञों और डीआइओएस से संवाद में मूल्यांकन को लेकर जरूरी दिशा निर्देश दिए। इसके साथ ही परीक्षार्थियों के हित में अभी से निर्णय लेने की बात कही है।


कानपुर  ।  कोरोना महामारी के बीच यह कोशिश होनी चाहिए कि, मूल्यांकन के दौरान परीक्षार्थियों के साथ नरमी रखें। हिंदी का विशेष ध्यान रखते हुए, अगर परीक्षार्थी ने वर्तनी की कोई गलती नहीं की तो उसे अंक दें। पिछले वर्ष हिंदी में फेल होने वाले परीक्षार्थियों की संख्या सबसे ज्यादा थी। इसलिए इस सत्र में सावधानी के साथ मूल्यांकन करें। यूूपी बोर्ड सचिव डॉ.दिव्यकांत शुक्ला ने यह चर्चा, प्रदेश के हर जिले के प्रधानाचार्यों, विषय- विशेषज्ञों व डीआइओएस से की।


दरअसल, कुछ दिनों पहले यूपी बोर्ड परीक्षा की स्कीम जारी हो गई थी। आठ मई से परीक्षाएं शुरू होनी थीं। हालांकि अचानक से कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ा और परीक्षाएं टाल दी गईं। अब परीक्षाओं पर 20 मई के बाद फैसला होगा। अगर परीक्षाएं होंगी तो मूल्यांकन भी होगा। कोरोन महामारी की इस दूसरी लहर में मूल्यांकन के दौरान परीक्षार्थियों के हित में काफी हद तक फैसला लेने की हिदायत शिक्षकों को अभी से दी गई है।


यूपी बोर्ड सचिव के साथ मूल्यांकन को लेकर हुए ऑनलाइन संवाद में शामिल हुए चाचा नेहरू इंटर कॉलेज गोविंद नगर के प्रधानाचार्य डॉ.अनवेश सिंह ने बताया कि इस सत्र में मूल्यांकन के दौरान यह भी जानकारी दी गई, कि परीक्षार्थी की पूरी कॉपी को पढ़ना है। ऐसा न हो, कि पहले पेज पर ही भद्दा लेखन देखकर उसे शून्य अंक दे दिए जाएं। उन्होंने कहा, कि इस सत्र के मूल्यांकन में परीक्षकों को बहुत अधिक सावधानी के साथ कॉपियां जांचनी होंगी और परीक्षार्थी के प्रति नरम व्यवहार रखते हुए मूल्यांकन कार्य करना होगा।

गोरखपुर : चुनाव ड्यूटी के दौरान संक्रमित 28 शिक्षकों ने गंवाई जान, सैकड़ों परिजनों समेत बीमार, शिक्षक संगठनों ने की 50 लाख मुआवजे की मांग

गोरखपुर : चुनाव ड्यूटी के दौरान संक्रमित 28 शिक्षकों ने गंवाई जान, सैकड़ों परिजनों समेत बीमार,   शिक्षक संगठनों ने की 50 लाख मुआवजे की मांग


गोरखपुर। पंचायत चुनाव की ड्यूटी से लौटे बेसिक और माध्यमिक के 28 शिक्षकों की अलग-अलग तिथियों पर | मौत हो गई है। इस सिलसिले में शिक्षक संघों ने प्रशासनिक अफसरों को ज्ञापन दिया है। उनका कहना है कि 14 से 28 अप्रैल के बीच ही सभी शिक्षकों की मौत हुई है। शिक्षकों के परिजन भी संक्रमित हैं। लिहाजा, मृतकों के परिजनों को 50-50 लाख का मुआवजा दिया जाना चाहिए।


गोरखपुर में पहले चरण का मतदान 15 अप्रैल को हुआ था। इससे पहले मतदान कराने के लिए प्रशिक्षण दिया गया। कई बैठकें भी हुई। इसपर शिक्षक संघों ने आपत्ति की और संक्रमण की तेजी का हवाला देते हुए चुनाव प्रक्रिया स्थगित करने की मांग की लेकिन ऐसा नहीं हो सका।


प्राथमिक शिक्षक संघ, माध्यमिक शिक्षक संघ शर्मा गट और चेतनारायण गुट के पदाधिकारियों का कहना है कि चुनाव ड्यूटी में लगाए गए बेसिक शिक्षा विभाग के 23 शिक्षकों की अब तक मौत हो चुकी है। तमाम शिक्षक व उनके परिजन गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती हैं। अब मतगणना में लगाने की कवायद चल रही है। इससे कई शिक्षकों का परिवार बर्बाद हो सकता है। जब तक कोरोना संक्रमण कम न हो जाए तब तक मतगणना नहीं होनी चाहिए।


जान गंवाने वाले माध्यमिक स्कूलों के शिक्षक
माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ दिग्विजयनाथ पांडेय ने बताया कि भगवती कन्या इंटर कॉलेज के अमर मल्ल, श्री गांधी इंटर कॉलेज हरपुर बुधहट के रामेश्वर, एमएसआई इंटर कॉलेज के अफजाल अहमद, स्वावलंबी इंटर कॉलेज विशुनपुरा के अनिल गौतम, तुलसीदास इंटर कॉलेज के अनिल गौतम का निधन कोरोना संक्रमण की वजह से हुआ है।


परिषदीय स्कूलों के इन शिक्षकों की हुई मृत्यु
उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला मंत्री श्रीधर मिश्र ने बताया कि चरगांवा ब्लॉक से पुष्पा पांडेय, रविंद्र आर्य, विनय तिवारी, खोराबार ब्लॉक से श्रीनारायण धर दुबे, अंजुम फातिमा, रेखा सिंह, इशरावती उपाध्याय, जंगल कौड़िया से अनुराधा, रूखसाना, सोनिया यादव, पिपरौली ब्लॉक दिग्विजय सिंह, बिलकिस फातिमा, खजनी ब्लॉक से रिजवानुल्ला, निशा राय, विजय बहादुर, कौड़ीराम ब्लॉक से रमाशंकर यादव, बड़हलगंज ब्लॉक से विध्यवासिनी राय, राजमती देवी, ब्रह्मपुर से बृजेश त्रिपाठी, भटहट ब्लॉक से दमयंती देवी, नगर क्षेत्र से किरण सिंह, सरदारनगर ब्लॉक से जुबैदा खातून, बॉसगांव ब्लॉक से केशव प्रसाद का निधन कोरोना संक्रमण की वजह से हुआ है।

प्राथमिक शिक्षक संघ (सुशील पांडे गुट) द्वारा शिक्षकों व कार्मिकों की जीवन की सुरक्षा के मद्देनजर मतगणना स्थगित करने हेतु पत्र

प्राथमिक शिक्षक संघ (सुशील पांडे गुट) द्वारा शिक्षकों व कार्मिकों की जीवन की सुरक्षा के मद्देनजर मतगणना स्थगित करने हेतु पत्र





यूपी एजुकेशनल ऑफिसर्स एसोसिएशन ने भी उठाई मतगणना स्थगित करने की मांग

यूपी एजुकेशनल ऑफिसर्स एसोसिएशन ने भी उठाई मतगणना स्थगित करने की मांग



लखनऊ। यूपी एजुकेशनल ऑफिसर्स एसोसिएशन ने भी पंचायत चुनाव की मतगणना को स्थगित करने की मांग की है। 



एसोसिएशन के अध्यक्ष कौस्तुभ कुमार सिंह ने राज्य निर्वाचन आयुक्त को इस संबंध में ज्ञापन भेजा है। इसमें कहा गया है कि जिन मतपत्रों की गिनती की जानी है, उन्हें कई लोगों ने छुआ है। इनमें कई लोग संक्रमित भी रहे होंगे। इससे मतगणना में लगे कर्मियों के संक्रमित होने की आशंका है। 


मतगणना रोकने का फैसला ले राज्य निर्वाचन आयोग, शिक्षक महासंघ ने ज्ञापन देकर कहा बहिष्कार के लिए न करें विवश

मतगणना रोकने का फैसला ले राज्य निर्वाचन आयोग, शिक्षक महासंघ ने ज्ञापन देकर कहा बहिष्कार के लिए न करें विवश

उत्तर प्रदेश के 550 से ज्यादा शिक्षकों की जिंदगी निगल गया कोरोना, शिक्षक महासंघ का दावा


प्रयागराज । पंचायत चुनाव की ड्यूटी से लौटने के बाद कोरोना संक्रमण की वजह से अब तक पूरे प्रदेश में 550 शिक्षकों की मौत हो चुकी है। यह दावा करते हुए उत्तर प्रदेश शिक्षक महासंघ ने प्रदेश सरकार से पंचायत चुनाव की मतगणना स्थगित कराने की मांग की है। 

शिक्षक महासंघ का दावा है कि कोरोना की वजह से उन जिलों में अधिक शिक्षकों की मौत हुई है, जहां पंचायत चुनाव हो चुका है। पहले चरण में चुनाव वाले प्रयागराज जिले में 28 प्राथमिक शिक्षक एवं 10 माध्यमिक शिक्षकों की मौत हुई । उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ का कहना है कि मौत के मुंह में समाने वाले अधिकतर शिक्षक चुनाव ड्यूटी के बाद संक्रमित हुए हैं। जान गंवाने वाले अधिकतर शिक्षक पंचायत चुनाव में मतदान और उससे पहले हुए प्रशिक्षण के बाद बीमार पड़े. जिन्हें इलाज नहीं मिल सका।


लखनऊ। उप्र शिक्षक महासंघ और उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने कोरोना संक्रमण को देखते हुए 2 मई को होने वाली पंचायत चुनाव की मतगणना स्थगित करने की मांग की है।


एमएलसी ध्रुव कुमार त्रिपाठी, विधान परिषद में नेता शिक्षक दल सुरेश कुमार त्रिपाठी और प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष दिनेश चंद्र शर्मा समेत कई नेताओं ने निर्वाचन आयोग को इस संबंध में ज्ञापन भेजा है। इसमें कहा गया है कि प्रदेश में अब तक 577 शिक्षकों व कर्मचारियों की कोरोना संक्रमण से मौत हो चुकी है। वहीं, मतदान कराकर लौटे कई कर्मचारी व शिक्षक संक्रमण से जूझ रहे हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षक व कर्मचारियों के प्रति इस प्रकार की संवेदनहीनता शिक्षक व कर्मचारियों को मतगणना कार्य के बहिष्कार के लिए विवश कर रही है। ज्ञापन में शिक्षक महासंघ के संयोजक हेम सिंह पुंडीर के हस्ताक्षर भी हैं।


मतगणना के बाबत कोई भी निर्णय लेने के लिए निर्वाचन आयोग ही अधिकृत है। वह जो भी फैसला लेगा, उसका हम पालन करेंगे। - राजेंद्र कुमार तिवारी, मुख्य सचिव