Monday, November 30, 2015
कुशीनगर : परिषदीय स्कूलों में नहीं है शीशा, कंघी और तौलिया।
प्राइमरी विद्यालयों में पढ़ने वाले गरीब बच्चों में स्वच्छता की आदत डालने हेतु हुआ एक प्रयोग अफसरों की मनमानी से फ्लॉप हो गया। सरकारी धन से खरीदा साबुन, तौलिया, कंघा और नेलकटर आदि सामान तो कब के गायब हो चुके हैं। स्कूल में पढ़ने आने वाले बच्चों की साफ-सफाई पर भी समुचित ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
साभार : हिंदुस्तान पेपर, पडरौना एडिशन।
मुरादाबाद : आज सभी विद्यालयों में रहेगा अवकाश, परिषदीय से लेकर माध्यमिक तक के सभी बोर्ड में लागू होगा आदेश
📌 पंचायत चुनाव की तैयारियों को लेकर डीएम ने घोषणा
📌 परिषदीय, माध्यमिक और सीबीएसई, आईसीएसई बोर्ड के विद्यालय बंद रहेंगे
मुरादाबाद। पंचायत चुनाव की तैयारियों को लेकर सोमवार को सभी विद्यालय बंद रहेंगे। जिलाधिकारी ने सभी विद्यालयों में अवकाश की घोषणा कर दी है। दूसरे चरण के पंचायत चुनाव मंगलवार को कराए जाएंगे। मुरादाबाद और छजलैट में ग्राम पंचायत के लिए चुनाव डाले जाएंगे। सोमवार को पोलिंग पार्टियां रवाना हाेंगी। चुनाव की तैयारियों को देखते हुए जिलाधिकारी ने अवकाश घोषित कर दिया। जिला विद्यालय निरीक्षक डा. आईपीएस सोलंकी ने बताया कि जिलाधिकारी जुहेर बिन सगीर की ओर से सोमवार को सभी विद्यालयों में अवकाश की घोषणा की है। सोमवार को परिषदीय, माध्यमिक और सीबीएसई, आईसीएसई बोर्ड के विद्यालय बंद रहेंगे।
Sunday, November 29, 2015
बलरामपुर : बीटीसी शिक्षक भर्ती में फर्जी अभिलेख के आधार पर नौकरी लेने वाले 12 शिक्षकों की जांच दबाए बैठे अधिकारी
> पुनः सत्यापन कराए जाने के नाम पर चार माह से अधिक समय से जांच गई ठंडे बस्ते में
> बकौल बीएसए चुनाव समाप्त होते ही होगी आवश्यक कार्रवाई
महराजगंज : नवनियुक्त सहायक अध्यापकों से सम्बन्धित निश्चित प्रारूप में सूचना प्राप्ति हेतु बेसिक का 'अनुस्मारक पत्र'
महराजगंज : जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी महराजगंज ने जिले के सभी खण्ड शिक्षाधिकारियों को नवनियुक्त सहायक अध्यापकों से सम्बन्धित पूर्व में जारी पत्र का सन्दर्भ देते हुए एक अनुस्मारक पत्र जारी किया है। इस पत्र के द्वारा विद्यालयों में दो चरणों में नवनियुक्त सहायक अध्यापकों से सम्बन्धित सूचना निश्चित प्रारूप में तीन दिवस में मांगी गई है।
Saturday, November 28, 2015
बलरामपुर : सिर्फ नाम के बनाए गए माॅडल स्कूल , परवान नहीं चढ़ पा रही परिषदीय स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई की योजना
> शासन की ओर से जिले के दो परिषदीय स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा दिए जाने की योजना जिले में प्रभावी होती नहीं दीख रही
> चिह्नित स्कूलों में न तो पर्याप्त शिक्षक हैं और न ही बच्चों को अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाए जाने का माहौल
> एक स्कूल में छः के सापेक्ष दो , तो दूसरे में सिर्फ एक ही शिक्षक अंग्रेजी पढ़ाने का जिम्मा संभाले हुए हैं
मैनपुरी : पंचायत चुनाव से टला जूड़ो-कराटे प्रशिक्षण , बालिकाओं को दिसंबर के दूसरे पखवाड़े तक करना होगा इंतजार
> जिले में तीन कस्तूरबा स्कूलों और ब्लाकों में होना है प्रशिक्षण
> स्कूली बालिकाओं को शिक्षा के साथ-साथ सुरक्षा के तौर-तरीकों से रूबरू कराने के लिए शासन द्वारा शुरू की गई जूड़ो-कराटे प्रशिक्षण योजना का मामला
> पहले भी पंचायत चुनाव के कारण कार्यक्रम हुआ था लंबित , अब चुनाव व मतगणना के बाद जिले में एक साथ सभी ब्लाकों पर प्रशिक्षण शिविर शुरू करने पर किया जा रहा है विचार
फतेहपुर : बूथ में हार्टअटैक से पीठासीन अधिकारी की मौत , सूचना पर आए छोटे भाई की हालत बिगडी , कराया गया भर्ती
बूथ में हार्टअटैक से पीठासीन अधिकारी की मौत :
बदकी, (फतेहपुर)
मलवां ब्लाक के जाफराबाद ग्राम पंचायत में चुनाव के लिए पोलिंग पार्टी के साथ बूथ पहुंचे पीठासीन अधिकारी की हालत अचानक बिगड़ गई। 108 एंबुलेंस से तुरंत सीएचसी लाया गया, जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया।
कानपुर नगर थाना महराजपुर के गांव नवोदय नगर के रहने वाले मयंक उत्तम (35) फतेहपुर के हस्वा ब्लाक के प्राथमिक पाठशाला मोगरीबाग में प्रधानाध्यापक पद पर तैनात थे। शनिवार को पंचायत चुनाव में उनको पीठासीन अधिकारी के पद पर चुनाव ड्यूटी में मलवां ब्लाक के जाफराबाद गांव में बूथ संख्या 104 में तैनात किया गया।
ब्लाक से पोलिंग पार्टी को गाड़ी बूथ पर छोड़ कर गई। कुछ देर बाद पीठासीन अधिकारी की अचानक तबीयत बिगड़ी और सीने में तेज दर्द के साथ सांस लेने में दिक्कत की शिकायत की। इस पर पोलिंग पार्टी के अन्य कर्मचारियों ने अधिकारियों को सूचना दी। दिक्कत बढ़ने पर पीठासीन अधिकारी को सायं सवा चार बजे गंभीर बेसुध हालत में सीएचसी लाया गया, यहां पर चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार शुरू किया। लेकिन दस मिनट बाद पीठासीन अधिकारी को मृत घोषित कर दिया गया।
सीएचसी के चिकित्साधीक्षक डा. इश्तियाक अहमद ने बताया मौत का कारण प्रथम दृष्टया हार्ट अटैक लग रहा है। स्थिति उस समय असहज हो गई जब सूचना पर आए भाई अभिषेक की हालत बिगड़ गई। भाई का शव देखकर वह बेहोश होकर गिर पड़ा। होश न आने की स्थिति में चिकित्सकों ने भर्ती कर इलाज शुरू किया। अन्य परिजनों के आने पर कोहराम मच गया।
पीठासीन अधिकारी की मौत की सूचना पर डीएम राजीव रौतेला, एसपी राजीव मल्होत्रा, सीडीओ रामाश्रय, एसडीएम जेएन सचान, सीओ रवींद्र वर्मा सहित जिले के अन्य आला अफसर सीएचसी पहुंचे।सूचना पर पीठासीन अधिकारी के परिजन भी पहुंच गए। डीएम ने रात में ही शव का पोस्टमार्टम कराए जाने के सीएमओ को आदेश दिए।
.........
डीएम ने बंधाया ढांढस, दस लाख मिलेगी बीमा राशि ;
बदकी : डीएम राजीव रौतेला ने सीएचसी में बातचीत के दौरान माना कि शिक्षक मयंक उत्तम की मौत चुनाव ड्यूटी के दौरान हुई है। शिक्षक के आश्रितों को चुनाव आयोग से मिलने वाली 10 लाख रुपए की मुआवजा राशि मिलेगी। इसके अलावा अन्य विभागीय जो भी क्षतिपूर्ति मिलनी होगी वह अलग होगी।
कानपुर नगर के थाना महराजपुर के नवोदय नगर के रमेश चंद्र उत्तम की संतानों में मयंक ही सबसे बड़ा था। मयंक के बाद बेटी प्रियंका फिर बेटा अभिषेक है। मयंक वर्ष 2009 शिक्षक बना, तो परिवार के सपने परवान चढ़ने लगे। मंयक की शादी तीन साल पहले जहानाबाद थाने के कलाना गांव निवासी मोती लाल उत्तम की पुत्री अनुभा के साथ हुआ। दोनों से एक डेढ़ वर्ष का बेटा प्रबल उत्तम है।
सीएचसी में मयंक के चाचा सुधीर उत्तम और मां सुशीला ने भी मयंक को कभी किसी प्रकार की कोई दिक्कत न होने की बात बताई।
....
शिक्षा विभाग में शोक की लहर ;
हसवा ब्लाक की प्राथमिक पाठशाला मोगरीबाग में प्रधानाध्यापक पद पर तैनात रहे मयंक उत्तम की चुनाव ड्यूटी दौरान हुई मौत से विभाग में शोक की लहर दौड़ गई। ब्लाक व जिले के शिक्षाधिकारियों समेत कई शिक्षक नेता शिक्षक को देखने सीएचसी बदकी पहुंचे। कानपुर से आए परिजनों को ढांढस बंधाया।
लखनऊ : सरकारी स्कूलों में एलईडी वितरण में हो रहा गोलमाल, कहीं दो तो कहीं चार एलईडी का हुआ बंदरबांट
लखनऊ : स्कूलों में एलईडी वितरण की शुरुआत के साथ ही इसमें घपला होना भी शुरू हो गया है। हाल में ही जिला प्रशासन की ओर से स्कूलों में बल्ब की जगह एलईडी लगाने की पहल की गई। पहले तो अधिकारी जिन स्कूलों मे बिजली नहीं, उसमें एलईडी बांट आए। इसके बाद अब स्कूलों को निर्धारित संख्या से कम एलईडी देना शुरू कर दिया गया है। जिला प्रशासन की ओर से एक कमरे में दो एलईडी देने का मानक तय किया गया है, लेकिन जिम्मेदार कई ब्लॉक्स में पांच कमरों के स्कूलों को भी मात्र दो एलईडी देकर गोलमाल कर रहे हैं।
प्राथमिक विद्यालय लालसा खेड़ा में पांच कमरे हैं, लेकिन यहां के शिक्षकों ने बताया कि उन्हें दो ही एलईडी दी गई हैं। इसके अलावा प्राथमिक विद्यालय गोसालालपुर में चार कमरे हैं। नियमत: यहां आठ एलईडी मिलनी चाहिए, लेकिन यहां सिर्फ दो ही एलईडी दी गई हैं। पूर्व माध्यमिक विद्यालय गोसालालपुर में दो एलईडी देने पर शिक्षकों ने विरोध किया तो उन्हें चार एलईडी दे दी गईं। इसके अलावा मलिहाबाद, काकोरी, माल और सरोजनीनगर समेत कई ब्लॉकों में प्रति कमरा एक एलईडी से ज्यादा नहीं दी गई हैं। मोहनलालगंज ब्लॉक में नियम के मुताबिक प्रति कमरा दो एलईडी दी गई हैं।
शिक्षक से पहले प्रधान के साइन
एलईडी लेने पर रिसीविंग में हेडमास्टर और ग्राम प्रधान दोनों के हस्ताक्षर होते हैं। नियमत: पहले शिक्षक एलईडी लेकर हस्ताक्षर करते हैं, जिसके बाद ग्राम प्रधान के हस्ताक्षर होने चाहिए। हालांकि, शिक्षकों के मुताबिक कई ब्लॉकों में प्रधान से पहले हस्ताक्षर करा लिए गए और उसके बाद उनका साइन लिया गया। इससे शिक्षक मिलीभगत का भी आरोप लगा रहे हैं।
स्कूल में कमरे पांच और एलईडी मिलीं दो
स्कूलों में निर्धारित संख्या से कम एलईडी दी जा रही हैं। कई में तो कमरों की संख्या से भी कम दी गई है। इसका शिक्षक विरोध कर रहे हैं। -वीरेंद्र सिंह, महामंत्री प्राथमिक शिक्षक संघ
Friday, November 27, 2015
रामपुर : प्रशिक्षु शिक्षकों को प्रशिक्षण नौ माह, मानदेय सिर्फ छह माह का
रामपुर । तमाम मुश्किलों के बाद प्रशिक्षु शिक्षकों को स्कूलों में मौलिक नियुक्ति तो मिल गई, लेकिन अभी तक पूरा मानदेय भुगतान नहीं हो पाया है। पहले बैच में मौलिक नियुक्ति पाने वाले प्रशिक्षु शिक्षकों ने नौ माह से भी अधिक समय तक प्रशिक्षण प्राप्त किया। तीन माह तक बीआरसी पर प्रशिक्षण के बाद छह माह से अधिक समय तक स्कूलों में प्रशिक्षण हासिल किया। इसके बावजूद मौलिक नियुक्ति पाने वाले सभी प्रशिक्षु शिक्षकों को अभी तक पूरे मानदेय का भुगतान नहीं हुआ है।
प्रदेश सरकार ने चार साल से पहले 2011 में प्राथमिक विद्यालयों में 72 हजार से अधिक शिक्षकों की भर्ती के लिए प्रक्रिया शुरू की थी। चार साल तक तमाम बाधाओं का सामना करने के प्रशिक्षु शिक्षकों को इस माह परिषदीय स्कूलों में सहायक अध्यापक के पद पर मौलिक नियुक्ति तो मिल गई, लेकिन उनकी मुश्किलें अभी तक खत्म नहीं हुई हैं। जिले में पहले बैच में करीब पांच सौ से अधिक प्रशिक्षु शिक्षकों को स्कूलों में सहायक अध्यापक के रूप में नियुक्ति दी जा चुकी है। अभी तक उन्हें नौ माह के प्रशिक्षण के बदले सिर्फ छह माह के मानदेय का ही भुगतान किया गया है। बीएसए श्याम किशोर तिवारी ने बताया कि प्रशिक्षु शिक्षकों ने जितने समय का प्रशिक्षण किया है उतने समय का मानदेय भुगतान किया जाएगा। वहीं, वित्त एवं लेखाधिकारी श्यामलाल जायसवाल का कहना है कि प्रशिक्षण छह माह का ही था। शासन से उसी समय अवधि के मानदेय भुगतान के निर्देश मिले हैं।
लखीमपुर खीरी : बीएसए ने दिए प्रशिक्षु शिक्षकों को 28 नवंबर तक विद्यालय ज्वाइन करने के सख्त निर्देश
लखीमपुर-खीरी। बेसिक शिक्षा विभाग में मौलिक नियुक्ति पाने वाले जिले के करीब तीन हजार प्रशिक्षु शिक्षकों पर अब जल्द ज्वाइनिंग की तलवार लटक गई है। अखबार में छपी खबर को संज्ञान लेते हुए बीएसए डा. ओपी राय ने सभी प्रशिक्षु शिक्षकों को 28 नवम्बर तक विद्यालय ज्वाइन के सख्त निर्देश दे दिए है। साथ ही 29 नवम्बर को रिपोर्ट मांग कर ज्वाइनिंग न करने वाले प्रशिक्षु शिक्षकों के प्रमाण पत्र निरस्त करने के आदेश दिए है।
ज्ञात हो गत 25 नवम्बर को डेेली न्यूज़ ऐक्टिविस्ट ने मौलिक अधिकार प्रमाण पत्र के संशोधन को लेकर पचास हजार में बेचे जा रहे विद्यालय नामक शीर्षक से खबर का प्रमुखता से प्रकाशन किया था, जिस पर बीएसए डा. ओपी राय ने संज्ञान लेते हुए अविलम्ब प्रशिक्षु शिक्षकों को विद्यालय ज्वाइन के आदेश दे दिए हैं। साथ ही सभी बीईओ को 29 नवम्बर तक रिपोर्ट देने की बात कही है।
बताते चलें कि शिक्षा विभाग में लगभग तीन हजार से ज्यादा प्रशिक्षु शिक्षकों की तैनाती जिले के प्राथमिक विद्यालयों में की गयी थी। जिसमें मुख्यालय से दूरदराज स्थित विद्यालय में तैनाती होने पर शिक्षक मौलिक अधिकार पत्र में संशोधन को लेकर बीएसए आफिस के चक्कर काट रहे थे। जिसमें पता चला था कि बेसिक शिक्षा विभाग में बैठे दलाल प्रशिक्षु शिक्षकों से पचास हजार रुपए लेकर उनके मन माफिक विद्यालयों में नियुक्ति दिलाने का ठेका ले रहे थे। जबकि इसी भारी कमीशन खोरी के चलते जिले में लगभग 60 प्रतिशत शिक्षक विद्यालयों में ज्वाइन ही नहीं किए थे। लेकिन खबर प्रकाशन के बाद मामला उल्टा हो गया। बीएसए डा. ओपी राय ने अविलम्ब ज्वाइन के निर्देश देकर संशोधन का सपना लिए शिक्षकों के मंसूबों पर पानी फेर दिया है।
आगरा : यूपी का हाल : 10वीं से बीएड तक जाली अंकसूची के सहारे बने सहायक अध्यापक, बच्चों को पढ़ा रहे 10 वीं-12 वीं फेल शिक्षक, बर्खास्तगी की तैयारी
•आगरा, अलीगढ़, झांसी और कानपुर मंडल में तैनात हैं ऐसे अध्यापक
•बर्खास्त करने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग को लिखा गया पत्र
आगरा। बेसिक शिक्षा विभाग के प्राथमिक विद्यालयों में ऐसे अध्यापक भी पढ़ा रहे हैं, जो खुद दसवीं पास भी नहीं कर पाए हैं। इन्होंने दसवीं से बीएड तक जाली अंकसूची की बदौलत सहायक अध्यापक की नौकरी हासिल की। डाॅ. बीआर अंबेडकर यूनिवर्सिटी के जाली मार्कशीट घोटाले की जांच कर रही एसआईटी ने दस ऐसे मामले पकड़े हैं जिनकी दसवीं व बारहवीं की अंकसूचियां जाली हैं। इनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने की तैयारी है। रिपोर्ट विभाग को भी दी है।
घोटाले में बीएड की 25 हजार जाली अंकसूचियां बेची गई थीं। इनसे 4500 सहायक अध्यापक नियुक्त हो गए। धीरे-धीरे आगे बढ़ रही जांच में 100 अध्यापकों को आरोपी बनाया जा चुका है। 2700 के नाम-पते मालूम कर लिए गए हैं। 497 को बयान दर्ज कराने के लिए नोटिस जारी किया गया है। इन 497 में उन शिक्षकों के मामले भी आए जिनकी दसवीं, बारहवीं और स्नातक की मार्कशीट भी फर्जी निकली। इन्हें सत्यापन में इसलिए नहीं पकड़ा जा सका क्योंकि इन लोगों ने माध्यमिक शिक्षा परिषद और यूनिवर्सिटी के रिकार्ड में फर्जी मार्कशीट का विवरण दर्ज करा लिया था। विवरण दर्ज कराने के अलावा इनका और रिकार्ड नहीं मिला, जिससे ये एसआईटी जांच के दौरान पकड़ में आ गए। इनके रोल नंबर भी फर्जी मिले। यहां तक कि न तो इनकी परीक्षा कॉपियों का कोई रिकार्ड मिला और न ही किसी स्कूल-कॉलेज में दाखिला हुआ पाया गया। ये सभी आगरा, अलीगढ़, झांसी और कानपुर मंडल में तैनात बताए गए हैं। इन्हें बर्खास्त करने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग के निदेशक को एसआईटी ने खत लिखा है।
आठवीं पास एमबीबीएस डाॅक्टर
यूनिवर्सिटी की जाली डिग्री से दिल्ली में आठवीं पास मनोज साहू नाम का शख्स न केवल एमबीबीएस डाॅक्टर बन गया बल्कि नर्सिंग होम खोलकर प्रैक्टिस भी करता रहा। उसने जाली डिग्री का फर्जी रजिस्ट्रेशन भी करा लिया। पांच नवंबर को यह मामला पकड़ा गया था। यूनिवर्सिटी की जांच में डिग्री फर्जी पाई गई। इसी तरह कंप्यूटर साइंस और एमबीए की डिग्री फर्जी पाई चुकी हैं। ये लोग विदेशों में नौकरी कर रहे हैं।