Friday, July 31, 2020
नई शिक्षा नीति : देश में विदेशी विवि के आने का रास्ता साफ
नई शिक्षा नीति : देश में विदेशी विवि के आने का रास्ता साफ
नई दिल्ली। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में विदेश विश्वविद्यालयों के लिए भी भारत में आने के दरवाजे खोले गए हैं। यह मुद्दा लंबे समय से केंद्र सरकारों के विचाराधीन रहा है, लेकिन इस पर अभी तक कोई ठोस नीति नहीं बन पाई है। लेकिन नीतिगत स्तर पर पहली बार इसे शामिल किया गया है।
सूत्रों का कहना है कि इसमें विदेशी विश्वविद्यालयों को भी भारत में परिसर स्थापित करने की अनुमति देने की बात कही गई है। लेकिन इसकी प्रक्रिया क्या होगी, यह नीति में स्पष्ट नहीं है। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि इसके लिए सरकार को पहले एक कानून पारित करना होगा। दरअसल यूपीए सरकार में इस मुद्दे पर एक विधेयक तैयार हुआ था, लेकिन निजी विश्वविद्यालयों के विरोध के चलते वह संसद में नहीं लाया जा सका।
यूपी बोर्ड : हिंदी, अंग्रेजी व विज्ञान ने बिगाड़ा रिजल्ट का गणित, हाईस्कूल व इंटर का परिणाम सुधारने को इन विषयों की स्क्रूटनी
यूपी बोर्ड : हिंदी, अंग्रेजी व विज्ञान ने बिगाड़ा रिजल्ट का गणित, हाईस्कूल व इंटर का परिणाम सुधारने को इन विषयों की स्क्रूटनी
आमतौर पर विज्ञान, गणित और अंग्रेजी जैसे कठिन कहे जाने वाले विषय रिजल्ट खराब करते रहे हैं। इस मर्तबा भी इन्हीं विषयों ने रिजल्ट बिगाड़ा, वरना यूपी बोर्ड में हाईस्कूल व इंटर का कुल सफलता प्रतिशत और अधिक होता। अनिवार्य विषय मातृभाषा हंिदूी ने उत्तीर्ण प्रतिशत व फेल-पास में अहम भूमिका निभाई। हाईस्कूल में सामाजिक विज्ञान और इंटर में नागरिक शास्त्र जैसे आसान कहे जाने वाले विषयों का भी रिजल्ट में बड़ा रोल रहा है। अब फेल व कम अंक पाने वाले अभ्यर्थी अंक सुधार की रेस में हैं।
यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटर परीक्षा 2020 का परिणाम 27 जून को आया। हाईस्कूल में 83.31 व इंटर में 74.63 फीसद परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुए। कम परिणाम इसलिए आया, क्योंकि गणित, अंग्रेजी व विज्ञान जैसे विषयों में सफलता प्रतिशत अपेक्षा के अनुरूप नहीं रहा। वहीं, अनिवार्य विषय हंिदूी में 7,97,826 परीक्षार्थी उत्तीर्ण लायक अंक अर्जित नहीं कर सके थे। बोर्ड प्रशासन ने अंक सुधार यानी स्क्रूटनी के लिए ऑनलाइन आवेदन मांगे तो रिजल्ट की तस्वीर साफ हुई। हाईस्कूल में कुल 7813 और इंटर में 24291 सहित कुल 34084 परीक्षार्थियों ने आवेदन किया। भले ही स्क्रूटनी कराने वालों की तादाद 34 हजार है लेकिन परीक्षार्थियों ने कई विषयों में आवेदन कर रखा है। इसीलिए हाईस्कूल में 12628 और इंटर में 43019 के विषयवार आवेदन आए हैं।
संयोग है कि हाईस्कूल में 4084 व इंटर में 9060 सहित दोनों में सबसे अधिक आवेदन गणित विषय के लिए हुए हैं। हाईस्कूल में दूसरे नंबर पर विज्ञान 1752 तो इंटर में अंग्रेजी 8332 के परीक्षार्थी स्क्रूटनी करा रहे हैं। हाईस्कूल में तीसरे स्थान पर अंग्रेजी 1658 तो इंटर में भौतिक विज्ञान 8116 है। सामाजिक विज्ञान के लिए 1609 आवेदन हुए हैं। वहीं, इंटर में चौथे नंबर पर रसायन विज्ञान 6642 रहा है। हाईस्कूल के 15 व इंटर के 56 विषयों में स्क्रूटनी के आवेदन आए हैं। इनमें से कई विषय सरल कहे जाते हैं। यूपी बोर्ड सचिव दिव्यकांत शुक्ल का कहना है कि इसका परिणाम जल्द घोषित कराने की तैयारी है।
अभ्यर्थी ने कई विषयों में अंक सुधार के लिए किया आवेदन
दोनों में पांचवें नंबर पर हंिदूी
यूपी बोर्ड में अंक सुधार के लिए हाईस्कूल व इंटर में समान रूप से पांचवें नंबर पर हंिदूी विषय रहा है। हाईस्कूल में 1419 और इंटर सामान्य हंिदूी में 3566 परीक्षार्थियों ने आवेदन किया है। यदि इंटर के हंिदूी विषय के परीक्षार्थियों की संख्या सामान्य हंिदूी में जोड़ दी जाए तो यह संख्या 4015 तक पहुंच जाती है।
यूजीसी : अन्तिम वर्ष की परीक्षा को रोक नहीं सकते, शीर्ष न्यायालय में आयोग ने जवाब किया दाखिल
यूजीसी : अन्तिम वर्ष की परीक्षा को रोक नहीं सकते, शीर्ष न्यायालय में आयोग ने जवाब किया दाखिल।
अंतिम वर्ष की परीक्षाएं 30 सितंबर तक करवाने का मकसद छात्रों का भविष्य संभालना है, ताकि अगले कोस्टो की पढ़ाई में विलंब न हो। यह बात विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने उच्चतम न्यायालय में दाखिल जवाब में कही है। कोरोना महामारी के मद्देनजर परीक्षाएं करवाने के आदेश के खिलाफ दायर याचिकाओं पर अदालत ने यूजीसी से जवाब मांगा था। मामले में शुक्रवार को सुनवाई होगी।
याचिकाओं में छात्रों के स्वास्थ्य हित को लेकर परीक्षाएं आयोजित नहीं करने और छह जुलाई को जारी किए गए यूजीसी के दिशा निर्देश रद्द करने की मांग की गई है। दिशा-निर्देशों में विश्वविद्यालयों को 30 सितंबर तक अंतिम वर्ष की परीक्षाएं लेने का निर्देश दिया गया था।
सफाई • यूजीसी ने शीर्ष न्यायालय जवाब दाखिल किया में कहा, परीक्षा लेने का मकसद छात्रों का भविष्य संभालना है।
अंतिम वर्ष की परीक्षाएं 30 सितंबर तक करवाने का मकसद छात्रों का भविष्य संभालना है, ताकि अगले कोस्टो की पढ़ाई में विलंब न हो। यह बात विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने उच्चतम न्यायालय में दाखिल जवाब में कही है। कोरोना महामारी के मद्देनजर परीक्षाएं करवाने के आदेश के खिलाफ दायर याचिकाओं पर अदालत ने यूजीसी से जवाब मांगा था। मामले में शुक्रवार को सुनवाई होगी।
याचिकाओं में छात्रों के स्वास्थ्य हित को लेकर परीक्षाएं आयोजित नहीं करने और छह जुलाई को जारी किए गए यूजीसी के दिशा निर्देश रद्द करने की मांग की गई है। दिशा-निर्देशों में विश्वविद्यालयों को 30 सितंबर तक अंतिम वर्ष की परीक्षाएं लेने का निर्देश दिया गया था।
सफाई • यूजीसी ने शीर्ष न्यायालय जवाब दाखिल किया में कहा, परीक्षा लेने का मकसद छात्रों का भविष्य संभालना है।
नई शिक्षा नीति : जब चाहो और जो चाहो वहीं पढ़ने की व्यवस्था, उच्च शिक्षा में ड्रापआउट खत्म होने की उम्मीद
नई शिक्षा नीति : जब चाहो और जो चाहो वहीं पढ़ने की व्यवस्था, उच्च शिक्षा में ड्रापआउट खत्म होने की उम्मीद।
नई दिल्ली : नई शिक्षा नीति में वैसे तो कई बदलाव किए गए हैं, लेकिन उच्च शिक्षा में क्रेडिट ट्रांसफर का विकल्प उपलब्ध कराने से छात्रों को 'जब चाहो और जो चाहो' पढ़ने की सुविधा मिलेगी। इससे उच्च शिक्षा में ड्रॉपआउट खत्म होने की उम्मीद है और सकल प्रवेश दर (जीईआर) में इजाफा होगा।
नई व्यवस्था के अनुसार यदि कोई व्यक्ति किसी डिग्री कोर्स में प्रवेश लेता है और एक सेमेस्टर या दो सेमेस्टर के बाद छोड़ना चाहता है तो उसे दो फायदे मिलेंगे। एक, जितनी पढ़ाई उसने की है, उसका सर्टिफिकेट या डिप्लोमा मिल जाएगा। दूसरा, उसके द्वारा हासिल किए गए क्रेडिट आगे ट्रांसफर किए जा सकेंगे। मसलन यदि किसी छात्र ने बीटेक की एक साल की पढ़ाई की है और दो सेमेस्टर पूरे किए हैं, लेकिन इसके बाद वह बीकॉम करना चाहता है तो वह सीधे दूसरे वर्ष में एडमिशन ले सकेगा। हो सकता है कि उसे कोई ऑनलाइन ब्रिज कोर्स जैसा कुछ करना पड़े।लेकिन उसे नए सिरे से बीकॉम नहीं पढ़ना होगा। उसके एक साल के क्रेडिट दूसरे कोर्स में समायोजित हो जाएंगे।
नीति बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले एआईसीटीई के चैयरमैन अनिल डी. सहस्रबुद्धे ने कहा कि मौजूदा समय में छात्रों के पास ऐसा कोई विकल्प नहीं है। वे बीच में पढ़ाई छोड़ते हैं तो उनके सारे क्रेडिट भी बेकार होते हैं और साल भी। लेकिन आगे ऐसा नहीं होगा। वे कहते हैं कि नई व्यवस्था में छात्रों को वापस आने का भी मौका मिलेगा। आजकोई कोर्स छोड़कर जाता है और दो-चार साल बाद उसी कोर्स या किसी अन्य कोर्स में वापस लौटाता है, तो उसके हासिल किए हुए क्रेडिट का इस्तेमाल होगा।
बदलाव : एक कोर्स में हासिल क्रेडिट का दूसरे कोर्स में भी हो सकेगा समायोजन एक बार पढ़ाई छोड़कर गए छात्रों को मिलेगा दोबारा पढ़ने का मौका
नई दिल्ली : नई शिक्षा नीति में वैसे तो कई बदलाव किए गए हैं, लेकिन उच्च शिक्षा में क्रेडिट ट्रांसफर का विकल्प उपलब्ध कराने से छात्रों को 'जब चाहो और जो चाहो' पढ़ने की सुविधा मिलेगी। इससे उच्च शिक्षा में ड्रॉपआउट खत्म होने की उम्मीद है और सकल प्रवेश दर (जीईआर) में इजाफा होगा।
नई व्यवस्था के अनुसार यदि कोई व्यक्ति किसी डिग्री कोर्स में प्रवेश लेता है और एक सेमेस्टर या दो सेमेस्टर के बाद छोड़ना चाहता है तो उसे दो फायदे मिलेंगे। एक, जितनी पढ़ाई उसने की है, उसका सर्टिफिकेट या डिप्लोमा मिल जाएगा। दूसरा, उसके द्वारा हासिल किए गए क्रेडिट आगे ट्रांसफर किए जा सकेंगे। मसलन यदि किसी छात्र ने बीटेक की एक साल की पढ़ाई की है और दो सेमेस्टर पूरे किए हैं, लेकिन इसके बाद वह बीकॉम करना चाहता है तो वह सीधे दूसरे वर्ष में एडमिशन ले सकेगा। हो सकता है कि उसे कोई ऑनलाइन ब्रिज कोर्स जैसा कुछ करना पड़े।लेकिन उसे नए सिरे से बीकॉम नहीं पढ़ना होगा। उसके एक साल के क्रेडिट दूसरे कोर्स में समायोजित हो जाएंगे।
नीति बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले एआईसीटीई के चैयरमैन अनिल डी. सहस्रबुद्धे ने कहा कि मौजूदा समय में छात्रों के पास ऐसा कोई विकल्प नहीं है। वे बीच में पढ़ाई छोड़ते हैं तो उनके सारे क्रेडिट भी बेकार होते हैं और साल भी। लेकिन आगे ऐसा नहीं होगा। वे कहते हैं कि नई व्यवस्था में छात्रों को वापस आने का भी मौका मिलेगा। आजकोई कोर्स छोड़कर जाता है और दो-चार साल बाद उसी कोर्स या किसी अन्य कोर्स में वापस लौटाता है, तो उसके हासिल किए हुए क्रेडिट का इस्तेमाल होगा।
बदलाव : एक कोर्स में हासिल क्रेडिट का दूसरे कोर्स में भी हो सकेगा समायोजन एक बार पढ़ाई छोड़कर गए छात्रों को मिलेगा दोबारा पढ़ने का मौका
यूपी बोर्ड : गणित अंग्रेजी और विज्ञान के नम्बर से संतुष्ट नहीं छात्र
यूपी बोर्ड : गणित अंग्रेजी और विज्ञान के नम्बर से संतुष्ट नहीं छात्र।
प्रयागराज : यूपी बोर्ड की हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट परीक्षा का परिणाम 27 जून को घोषित किए जाने के बाद परीक्षार्थियों से स्क्रूटनी के लिए आवेदन मांगे गए।
जारी आंकड़े के अनुसार गणित, अंग्रेजी और विज्ञान के छात्र ज्यादा संख्या में नंबर से असंतुष्ट हैं। हाईस्कूल में 12628 और इंटर में 43019 ने स्क्रूटनी के लिए आवेदन आए हैं। हाईस्कूल में गणित विषय के लिए 4048, अंग्रेजी के 658 और विज्ञान के 1752 छात्र-छात्राओं ने स्क्रूटनी के लिए फार्म भरे हैं। वहीं इंटरमीडिएट में गणित के लिए 9060, अंग्रेजी के लिए 8332 और भौतिक विज्ञान के लिए 8116 ने आवेदन किए हैं।
प्रयागराज : यूपी बोर्ड की हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट परीक्षा का परिणाम 27 जून को घोषित किए जाने के बाद परीक्षार्थियों से स्क्रूटनी के लिए आवेदन मांगे गए।
जारी आंकड़े के अनुसार गणित, अंग्रेजी और विज्ञान के छात्र ज्यादा संख्या में नंबर से असंतुष्ट हैं। हाईस्कूल में 12628 और इंटर में 43019 ने स्क्रूटनी के लिए आवेदन आए हैं। हाईस्कूल में गणित विषय के लिए 4048, अंग्रेजी के 658 और विज्ञान के 1752 छात्र-छात्राओं ने स्क्रूटनी के लिए फार्म भरे हैं। वहीं इंटरमीडिएट में गणित के लिए 9060, अंग्रेजी के लिए 8332 और भौतिक विज्ञान के लिए 8116 ने आवेदन किए हैं।
माध्यमिक : राज्य अध्यापक पुरस्कार को आवेदन की तिथि बढ़ी
माध्यमिक : राज्य व मुख्यमंत्री अध्यापक पुरस्कार के लिए आवेदन तिथि बढ़ी।
लखनऊ : माध्यमिक शिक्षा के राज्य व मुख्यमंत्री अध्यापक पुरस्कार के लिए आखिरी तारीख बढ़ा दी है। अब 4 अगस्त तक ऑनलाइन आवेदन किया जा सकेगा। राज्य अध्यापक पुरस्कार के लिए जनपदीय समिति मंडलीय समिति को 13 अगस्त तक आवेदन बढ़ाएगी।
माध्यमिक : राज्य अध्यापक पुरस्कार को आवेदन की तिथि बढ़ी
प्रयागराज : राज्य अध्यापक पुरस्कार के लिए आवेदन की तिथि बढ़ा दी गई है। इच्छुक प्रधानाचार्य, प्रधानाध्यापक, प्रवक्ता एवं सहायक अध्यापक चार अगस्त तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
सभी राजकीय, अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालय एवं संस्कृत माध्यमिक विद्यालय में कार्यरत प्रधानाचार्य, प्रधानाध्यापक, प्रवक्ता एवं सहायक अध्यापक इसके लिए आवेदन कर सकते हैं। पहले आवेदन की तारीख 30 जुलाई तय की गई थी अब इसे परिवर्तित कर चार अगस्त कर दिया गया है।
लखनऊ : माध्यमिक शिक्षा के राज्य व मुख्यमंत्री अध्यापक पुरस्कार के लिए आखिरी तारीख बढ़ा दी है। अब 4 अगस्त तक ऑनलाइन आवेदन किया जा सकेगा। राज्य अध्यापक पुरस्कार के लिए जनपदीय समिति मंडलीय समिति को 13 अगस्त तक आवेदन बढ़ाएगी।
Thursday, July 30, 2020
मानव सम्पदा पोर्टल की तकनीकी खामियों एवं डाटा अपलोडिंग में समस्याओं के सम्बन्ध में शिक्षा निदेशक (उच्च शिक्षा) का पत्र
शिक्षक व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के लिए परेशानी खड़ी कर रहा ‘मानव संपदा’ पोर्टल
प्रयागराज : मानव संपदा पोर्टल में राज्य विद्यालय, राजकीय व अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) डिग्री कालेजों में कार्यरत शिक्षक व शिक्षणोतर कर्मचारियों के दस्तावेजों का सत्यापन करके अपलोड करने का निर्देश है। यह काम 24 जुलाई तक पूरा हो जाना था। लेकिन, वेबसाइट के सही से काम न करने के कारण अभी तक ब्योरा अपलोड नहीं हो पाया। उच्च शिक्षा निदेशक ने विशेष सचिव उच्च शिक्षा को इस संबंध में पत्र भी लिखा है।
शासन के निर्देशानुसार शिक्षक व कर्मचारियों पोर्टल व वेबसाइट में शिक्षक व कर्मचारियों का समस्त अंक पत्र, प्रमाणपत्र, आधार व पैन नंबर, जीपीएफ नंबर, नियुक्ति की तारीख, कहां और किस रूप में कार्यरत हैं जैसे डाटा को अपलोड करना है। लेकिन वेबसाइट की काम न करने से ब्योरा अपलोड नहीं हो पा रहा है।
उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. वंदना शर्मा का कहना है कि शिक्षक व कर्मचारियों का ब्योरा अपलोड करने में थोड़ी दिक्कत आ रही है। लेकिन, सारा काम जल्द पूरा कर लिया जाएगा।
मानव सम्पदा पोर्टल की तकनीकी खामियों एवं डाटा अपलोडिंग में समस्याओं के सम्बन्ध में शिक्षा निदेशक (उच्च शिक्षा) का पत्र।
मानव संपदा पोर्टल पर विवरण संसोधन व दस्तावेज अपलोड करने की तिथि बढ़ाने की मांग
लखनऊ। प्रदेश के महाविद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों व कर्मचारियों का डाटा मानव संपदा पोर्टल पर अपलोड किए जाने की अंतिम तिथि बढ़ाने के लिए निदेशक उच्च शिक्षा ने शासन को पत्र लिखा है। महाविद्यालयों के शिक्षकों व कर्मियों का डाटा मानव संपदा पोर्टल पर अपलोड करने के लिए 31 जुलाई की तिथि निर्धारित की गई थी। निदेशक ने अपने पत्र में पोर्टल पर डाटा अपलोड करने में आ रही सभी दिक्कतों का उल्लेख करते हुए लिखा है कि इन समस्याओं के कारण निर्धारित तिथि तक कार्य कराने में कठिनाई आ रही है।
कंपोजिट ग्रांट घोटाले में उन्नाव के पूर्व डीएम से पूछताछ
कंपोजिट ग्रांट घोटाले में उन्नाव के पूर्व डीएम से पूछताछ
लखनऊ : बहुचर्चित कंपोजिट ग्रांट घोटाले की जांच कर रही आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने उन्नाव के तत्कालीन जिलाधिकारी देवेंद्र कुमार पांडेय से लंबी पूछताछ की है। जांच एजेंसी ने कई बिंदुओं पर सवाल-जवाब के दौरान उनके बयान दर्ज किए हैं। घोटाले में आरोपित आईएएस अधिकारी देवेंद्र कुमार पांडेय को शासन ने निलंबित कर दिया था।
सूत्रों के मुताबिक पांडव से बाजार में सस्ती दर पर उपलब्ध सामान को महंगी दरों पर खरीदे जाने और नियमों को दरकिनार कर जौनपुर की फर्म को कार्य आवंटित किए जाने सहित कई बिंदुओं पर सवाल किए गए। माना जा रहा है कि ईओडब्ल्यू मामले की जांच रिपोर्ट जल्द शासन को सौंपने की तैयारी में है।
आगरा : आगरा विवि के फर्जी घोषित करने के बाद फर्जी प्रमाणपत्र वाले 171 शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई का रास्ता साफ
आगरा : आगरा विवि के फर्जी घोषित करने के बाद फर्जी प्रमाणपत्र वाले 171 शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई का रास्ता साफ
आगरा। जिले के परिषदीय प्राथमिक और उप प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत और एसआईटी की सूची में शामिल 171 और शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई का रास्ता साफ हो गया है। डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय की ओर से अपना पक्ष रखने वाले 12 अभ्यर्थियों को फर्जी घोषित किए जाने से बेसिक शिक्षा विभाग का काम आसान हो गया है। अब सूची प्राप्त होने का इंतजार है। बेसिक शिक्षा विभाग ने विवि के बीएड सत्र 2004-05 को एसआईटी की ओर से तैयार फर्जी एवं टेम्पर्ड प्रमाण पत्रों की सूची से जिले में 249 शिक्षकों को चिह्नित किया था।
इसमें से 195 का नाम फर्जी प्रमाणपत्र और फर्जी घोषित किए सूची में शामिल गए 812 अभ्यर्थियों की सूची में नाम प्रशासन ने सात होने की उम्मीद 54 का नाम टेपर्ड प्रमाणपत्रों की फरवरी 2020 को एसआईटी की सूची में शामिल 2823 अभ्यर्थियों को फलों घोषित कर दिया इन अभ्यर्थियों में बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से ललित 195 में से 24 शिक्षकों के नाम थे। इनको बर्खास्त कर दिया गया है। का 171 अभ्यर्थियों का वेतन रोका गया है। इनके खिलाफ खस्तगी की कार्रवाई के लिए विवि में अपना पक्ष रखने वाले 814 अभ्यर्थियों पर निर्णय लिए जाने का इंतजार किया जा रहा था। बेसिक शिक्षा अधिकारी राजीव कुमार यादव ने सूची के लिए विवि के अधिकारियों से संपर्क भी किया था। इनका कहना है कि सूची मिलने के साथ बाकी चिन्हित शिक्षकों के नाम से मिलान करने के बाद बास्तगी की कार्रवाई की जाएगी।
फतेहपुर : अंग्रेजी माध्यम शिक्षकों को मिलेगा ऑनलाइन प्रशिक्षण
फतेहपुर : अंग्रेजी माध्यम के समस्त परिषदीय प्राथमिक/उच्च प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों को सम्पर्क फाउंडेशन बैठक एप डाउनलोड कराने के सम्बंध में।
फतेहपुर : अंग्रेजी माध्यम शिक्षकों को मिलेगा ऑनलाइन प्रशिक्षण।
फतेहपुर : परिषदीय विद्यालयों में उत्कृष्ट स्कूलों को अंग्रेजी माध्यम से विभाग संचालित कर रहा है। इन विद्यालयों का शैक्षिक स्तर मजबूत किए जाने के लिए अब समग्र शिक्षा अभियान के तहत संपर्क फाउंडेशन शिक्षक शिक्षकों को प्रशिक्षण देकर दक्ष करेगा।
राज्य शैक्षिक और अनुसंधान परिषद-एससीइआरटी ने अंग्रेजी माध्यम के चयनित प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों की शैक्षिक दशा सुधारने के लिए हाथ मिलाया है। जिले में 139 अंग्रेजी माध्यम के स्कूल संचालित हो रहे हैं। इन विद्यालयों में तैनात शिक्षक-शिक्षिकाओं को एप डाउनलोड किए जाने के निर्देश बीएसए ने दिए हैं। प्ले स्टोर से एप डाउनलोड होने के बाद अक्टूबर माह में अंग्रेजी और गणित की नवाचारी पद्धतियों के प्रशिक्षण से शिक्षकों को लैस किया जाएगा।
बीएसए देवेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि निदेशक समग्र शिक्षा और एससीईआरटी के निर्देश पर सभी खंड शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों के शिक्षक-शिक्षिकाओं 1. को एप लोड कराने के निर्देश दिए गए हैं। एप डाउनलोड करने वाले सभी अध्यापकों के नाम और स्कूल की सूची बनाकर खंड शिक्षा अधिकारी देंगे। इसकी सूचना फाउंडेशन को भेजी जाएगी। अक्टूबर माह में प्रशिक्षण शुरू होगा और कार्ययोजना के मुताबिक इन सभी शिक्षक शिक्षकों को जुड़ना होगा।
फतेहपुर : अंग्रेजी माध्यम शिक्षकों को मिलेगा ऑनलाइन प्रशिक्षण।
फतेहपुर : परिषदीय विद्यालयों में उत्कृष्ट स्कूलों को अंग्रेजी माध्यम से विभाग संचालित कर रहा है। इन विद्यालयों का शैक्षिक स्तर मजबूत किए जाने के लिए अब समग्र शिक्षा अभियान के तहत संपर्क फाउंडेशन शिक्षक शिक्षकों को प्रशिक्षण देकर दक्ष करेगा।
राज्य शैक्षिक और अनुसंधान परिषद-एससीइआरटी ने अंग्रेजी माध्यम के चयनित प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों की शैक्षिक दशा सुधारने के लिए हाथ मिलाया है। जिले में 139 अंग्रेजी माध्यम के स्कूल संचालित हो रहे हैं। इन विद्यालयों में तैनात शिक्षक-शिक्षिकाओं को एप डाउनलोड किए जाने के निर्देश बीएसए ने दिए हैं। प्ले स्टोर से एप डाउनलोड होने के बाद अक्टूबर माह में अंग्रेजी और गणित की नवाचारी पद्धतियों के प्रशिक्षण से शिक्षकों को लैस किया जाएगा।
बीएसए देवेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि निदेशक समग्र शिक्षा और एससीईआरटी के निर्देश पर सभी खंड शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों के शिक्षक-शिक्षिकाओं 1. को एप लोड कराने के निर्देश दिए गए हैं। एप डाउनलोड करने वाले सभी अध्यापकों के नाम और स्कूल की सूची बनाकर खंड शिक्षा अधिकारी देंगे। इसकी सूचना फाउंडेशन को भेजी जाएगी। अक्टूबर माह में प्रशिक्षण शुरू होगा और कार्ययोजना के मुताबिक इन सभी शिक्षक शिक्षकों को जुड़ना होगा।
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