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Monday, February 28, 2022

NISHTHA FLN 3.0 : निष्ठा प्रशिक्षण के मार्च माह के कोर्स माड्यूल 11 और 12 के प्रशिक्षण लिंक जारी, एक क्लिक में करें ज्वाइन

NISHTHA FLN 3.0 : निष्ठा प्रशिक्षण के मार्च माह के कोर्स माड्यूल 11 और 12 के प्रशिक्षण लिंक जारी, एक क्लिक में करें ज्वाइन 


🔴  निष्ठा FLN प्रशिक्षण, उत्तर प्रदेश  Module 11 & 12 Launch 

Start Date : 01 मार्च 2022    
End Date:    31 फरवरी 2022

आप अवगत है कि, निष्ठा FLN प्रशिक्षण प्रदेश में 15 October 2021 से  दीक्षा पोर्टल के माध्यम से शुरू किया गया है। इसी क्रम मे Module 11 एवं 12,   1 मार्च 2022 से Live किये जा रहें हैं।



👇  प्रशिक्षण लिंक व अन्य सहायतार्थ लिंक  👇







महत्वपूर्ण

1. प्रशिक्षण से पहले सभी users अपना दीक्षा ऐप playstore से अनिवार्य रूप से update कर लें ।

 2.अपनी दीक्षा प्रोफाइल में district, block, school का चयन कर update कर लें । ( https://youtu.be/8sHuHUrkBxQ  वीडियो लिंक का प्रयोग कर प्रोफाइल अपडेट करने की प्रक्रिया को समझ सकते हैं)

 3. मोड्यूल 9 एवं 10 का डैशबोर्ड 6 फरवरी 2022 से Live किया जाएगा।





⚫ Nishtha FLN प्रशिक्षण क्या है और इसको कैसे करें:

यूपी बोर्ड : हाईस्कूल और इंटर की परीक्षा में कम हो गए 14000 छात्र

यूपी बोर्ड : हाईस्कूल और इंटर की परीक्षा में कम हो गए 14000 छात्र


लखनऊ । कोरोना महामारी की वजह से यूपी बोर्ड वर्ष 2021 की परीक्षाएं नहीं हो पाईं और पंजीकृत छात्र-छात्राओं को प्रमोट किया गया। अब वर्ष 2022 की परीक्षाओं की तैयारियां चल रही हैं। लेकिन पिछले साल की तुलना में 13 हजार 972 छात्र इस साल यूपी बोर्ड की परीक्षा में कम हो गए हैं। बोर्ड की ओर से कई बार पंजीकृरण की तारीख बढ़ाई लेकिन हाईस्कूल और इंटर की बोर्ड परीक्षा में छात्रों की संख्या पिछले वर्ष से कम रहीं।


यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटर की वर्ष 2022 की परीक्षाएं मार्च अन्तिम सप्ताह या अप्रैल प्रथम सप्ताह से हो चुकी है। हाईस्कूल और इंटर की परीक्षाओं में पंजीकृत छात्र-छात्राओं को ब्योरा जारी कर दिया गया है। वर्ष 2022 में हाईस्कूल और इंटर में कुल 92113 विद्यार्थी पंजीकृत हुए हैं। इस वर्ष पंजीकृत छात्र-छात्राओं की संख्या पिछले वर्ष की तुलना में 13 हजार 972 विद्यार्थी कम हो गए है।


 वर्ष 2021 में यूपी बोर्ड हाईस्कूल और इंटर की परीक्षा के लिए 106085 छात्र-छात्राएं पंजीकृत थे। जिसमें हाईस्कूल में 55100 एवं इंटर में 50985 छात्र-छात्राएं पंजीकृत थे। वहीं वर्ष 2022 में हाईस्कूल और इंटर दोनो में पंजीकृत छात्र-छात्राओं की संख्या घटी है। वर्ष 2022 की परीक्षा के लिए प्राइवेट फार्म भरने वाले 2707 विद्यार्थियों समेत कुल 92113 विद्यार्थी पंजीकृत हैं। जिसमें हाईस्कूल में 47075 एवं इंटर में 42331 छात्र ही पंजीकृत हो सके हैं।

मानव सम्पदा लॉगिन में बदलाव, अब OTP के जरिए ही कर पाएंगे लॉगिन

मानव सम्पदा लॉगिन में बदलाव, अब OTP के जरिए ही कर पाएंगे लॉगिन


01 मार्च से मानव संपदा पोर्टल पर पूर्व की भांति लॉगइन ओटीपी बेस्ड कर दी जाएगी कृपया सुनिश्चित करें कि मानव संपदा पर आपका रजिस्टर्ड मोबाइल अपडेटेड है अगर मोबाइल नम्बर सही नहीं है तो पोर्टल पर लॉगिन करके जनरल ऑप्शन में जाकर कांटेक्ट डिटेल के माध्यम से अपडेट कर लें अन्यथा की स्थिति में मानव संपदा पोर्टल पर लॉगिन संभव नहीं होगा।



ओटीपी आधारित लॉगइन का प्रावधान समस्त प्रधानाध्यापक, सहायक अध्यापक, शिक्षामित्र, अनुदेशक तथा चतुर्थ श्रेणी कार्मिकों पर भी 01 मार्च से ही लागू किया जा रहा है।

अतः कृपया उन्हें भी मोबाइल नंबर सही है या नहीं सुनिश्चित करने हेतु सूचित कर दें।



🔴 जानिए मानव संपदा पोर्टल पर  मोबाइल नंबर अपडेट करने का तरीका


👉 01 मार्च के पहले समस्त शिक्षक, शिक्षा मित्र, अनुदेशक व चतुर्थ श्रेणी कर्मी कर ले अपडेट।

👉 सर्वप्रथम ehrms.upsdc.gov.in के माध्यम से मानव संपदा पोर्टल पर जाये।

👉 तत्पश्चात अपनी मानव संपदा पोर्टल पर अपना पासवर्ड व अन्य चीजें डालते हुए लॉगिन करें।

👉 मानव संपदा पोर्टल खोलने पर बाएं तरफ GENERAL के ऑप्शन पर क्लिक करें।

👉 GENERAL के ऑप्शन पर क्लिक करने पर कई ऑप्शन खुल कर आयेगे।

👉 उसमे से UPDATE CONTACT DETAIL पर क्लिक करें।

👉 अब आपका मोबाइल नंबर और Email का कॉलम खुल कर आ जायगा।

👉 अब चेक कर लें। यदि दोनों डिटेल न भरी हो तो भर दीजिए, यदि भरी हो तो चेक कर लीजिए।

👉 मोबाइल नंबर व ईमेल भरने के बाद अपडेट पर क्लिक कर दी

👉 अब आपका मोबाइल नंबर व ईमेल अपडेट हो गया है।

University Exam 2022: महाविद्यालयों में सीसीटीवी कैमरों की होगी जांच

University Exam 2022: महाविद्यालयों में सीसीटीवी कैमरों की जांच होगी

University Exam 2022: प्रदेश के सभी राज्य विश्वविद्यालयों से संबंधित महाविद्यालयों में सीसीटीवी कैमरों की जांच होगी। सेमेस्टर परीक्षाएं सीसीटीवी की निगरानी में कराने के निर्देश के तहत यह जांच कराई जाएगी। कुछ विश्वविद्यालयों ने परीक्षाओं में ई-सर्विलांस के प्रयोग की तैयारी भी की है।


मौजूदा सत्र में नई शिक्षा नीति के तहत सेमेस्टर प्रणाली के तहत परीक्षाएं होनी हैं। कुछ विश्वविद्यालयों में यह व्यवस्था पहले से भी थी, जबकि कुछ विश्वविद्यालयों में वार्षिक परीक्षा प्रणाली ही चल रही थी। अब नव प्रवेशार्थियों के लिए च्वायस बेस्ट क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) पर आधारित सेमेस्टर प्रणाली अनिवार्य कर दी गई है। विश्वविद्यालयों में सेमेस्टर परीक्षाएं या तो शुरू हो गई हैं या फिर शुरू होने वाली हैं। ऐसे में परीक्षाओं की शुचिता व पवित्रता बनाए रखने के लिए सीसीटीवी से निगरानी पर जोर दिया जा रहा है।

विश्वविद्यालयों से संबद्ध महाविद्यालयों में लगे सीसीटीवी कैमरे खराब होने की शिकायतों को देखते हुए शासन ने उसकी जांच कराकर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। इसके बाद विश्वविद्यालयों के स्तर से परीक्षा केंद्र बनाए गए सभी महाविद्यालयों के प्राचार्यों को पत्र लिखकर सीसीटीवी कैमरे ठीक कराने को कहा जा रहा है। एक विश्वविद्यालय ने तो महाविद्यालयों को चेताया है कि परीक्षा काल में सीसीटीवी कैमरे बंद पाए जाने और विश्वविद्यालय से उनकी कनेक्टिविटी स्थापित न होने पर संबंधित परीक्षा केंद्र को अनुचित साधन प्रयोग (यूएफएम) की श्रेणी में रखते हुए कार्रवाई की जाएगी।

New National Education Policy : बच्चों के मन से स्कूल जाने का डर होगा दूर, स्कूल जाने से पहले बच्चे सीखेंगे खेलना, उठना-बैठना

New National Education Policy : बच्चों के मन से स्कूल जाने का डर होगा दूर, स्कूल जाने से पहले बच्चे सीखेंगे खेलना, उठना-बैठना


इसके तहत पहली कक्षा में दाखिला लेने वाले प्रत्येक बच्चे को अब शुरुआत में तीन महीने का विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसमें उन्हें दूसरे बच्चों के साथ खेलने और उठने-बैठने आदि का प्रशिक्षण दिया जाएगा। साथ ही उनमें सीखने की प्रवृत्ति को विकसित किया जाएगा।


नई दिल्ली,  New National Education Policy: स्कूली शिक्षा के नए ढांचे में अब बच्चों को स्कूल में दाखिला देने से पहले विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसमें उन्हें स्कूली माहौल के लिहाज से तैयार किया जाएगा। इस पहल को सरकार ने विद्या प्रवेश नाम दिया है। इसके तहत पहली कक्षा में दाखिला लेने वाले प्रत्येक बच्चे को अब शुरुआत में तीन महीने का विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसमें उन्हें दूसरे बच्चों के साथ खेलने और उठने-बैठने आदि का प्रशिक्षण दिया जाएगा। साथ ही उनमें सीखने की प्रवृत्ति को विकसित किया जाएगा। शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक, यह पहल नए शैक्षणिक सत्र से सभी स्कूलों में लागू होगी।


एनसीईआरटी की ओर से इसको लेकर एक माड्यूल भी विकसित किया गया है। इसमें शिक्षकों और अभिभावकों के लिए कुछ जरूरी टिप्स भी दिए गए हैं। सभी राज्यों को माड्यूल भेज दिया गया है। साथ ही इसे प्राथमिकता से लागू करने का सुझाव दिया गया है। माना जा रहा है कि इससे स्कूलों के प्रति पैदा होने वाली अरुचि से बच्चों को बचाया जा सकेगा। देश में मौजूदा समय में बड़ी संख्या में बच्चे शुरुआत में स्कूल जाने से डरते हैं। इसके चलते वे जल्द स्कूल छोड़ भी देते हैं। मंत्रालय का मानना है कि यदि बच्चों में शुरू से ही स्कूलों और पढ़ाई के प्रति रुचि पैदा कर दी जाए तो वे काफी निपुण हो जाते हैं।


गौरतलब है कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में स्कूली शिक्षा को 10 प्लस 2 के बंधन से निकालकर चार श्रेणियों में बांट दिया गया है। इसमें पहली श्रेणी फाउंडेशन, दूसरी श्रेणी प्राइमरी, तीसरी श्रेणी मिडिल और चौथी श्रेणी सेकेंडरी है। फिलहाल विद्या प्रवेश की जो पहल है, वह फाउंडेशन स्तर पर की गई है। इस श्रेणी में तीन से नौ वर्ष तक के बच्चों को शिक्षा दी जानी है। इनमें शुरू के तीन साल प्री-प्राइमरी के होते हैं, जिसकी शिक्षा आंगनबाड़ी और बालवाटिका के जरिये दी जाएगी। बाकी के तीन साल की पढ़ाई स्कूलों के माध्यम से होगी।

Saturday, February 26, 2022

केंद्रीय विद्यालय में दाखिले के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू, जानिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया और आवेदन की समय सारिणी

KVS Admission 2022 : केंद्रीय विद्यालय के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन 28 फरवरी से

केंद्रीय विद्यालयो में प्रवेश के लिए अब छह साल की उम्र हुई जरूरी

केंद्रीय विद्यालय में दाखिले के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू, जानिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया और आवेदन की समय सारिणी



लखनऊ, स्कूलों में बच्चे का एडमिशन करवाने वाले अभिभावकों के लिए अच्छी खबर है। केंद्रीय विद्यालयों के नए सत्र 2022-23 में दाखिले के लिए आनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रकिया आज यानि 28 फरवरी से शुरू हो गई है। पैरेंट्स अपने बच्चों के दाखिले के लिए केवीएस की वेबसाइट kvsonlineadmission.kvs.gov.in पर विजिट कर सकते हैं।


केंद्रीय विद्यालय संगठन द्वारा स्कूलों में एडमिशन के लिए जारी शेड्यूल के अनुसार कक्षा 1 के लिए 3 बार लिस्ट जारी की जाएगी। एडमिशन के लिए 21 मार्च तक अप्लीकेशन फार्म भरे जा सकेंगे। नई शिक्षा नीति के अनुसार सत्र 2022-23 में कक्षा 1 में एडमिशन के लिए बच्चे की उम्र 1 मार्च 2022 को 6 साल पूरी होनी चाहिए। पहले यह उम्र सीमा पहले पांच वर्ष थी।


केंद्रीय विद्यालयों कक्षा 1 में दाखिले के लिए 28 फरवरी सुबह 10 बजे से रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू हो गई है, जो कि 21 मार्च शाम 7 बजे तक चलेगी। वहीं कक्षा 2 और उससे ऊपर की कक्षाओं के लिए 8 से 16 अप्रैल शाम 4 बजे तक रजिस्ट्रेशन होगा। दाखिला चयन की पहली लिस्ट 25 मार्च को, दूसरी लिस्ट 1 अप्रैल और तीसरी लिस्ट 8 अप्रैल को जारी की जाएगी। तीसरी सूची तभी जारी की जाएगी, यदि दूसरी लिस्ट के एडमिशन होने के बाद सीटें खाली रहती हैं।


ऐसे कर सकते हैं रजिस्ट्रेशन : केंद्रीय विद्यालय में किसी भी कक्षा में रजिस्ट्रेशन करने के लिए आप इसकी आफिशियल वेबसाइट kvsonlineadmission.kvs.gov.in जाएं। पेज पर ‘click here to registration’ पर क्लिक करें। यहां जाकर मांगी गई जानकारियां भरकर जरूरी डॉक्यूमेंट सब्मिट कर प्रोसेस पूरा करें।



केंद्रीय विद्यालयों में प्रवेश के लिए इस बार आयु सीमा बढ़ाई गई है। अब इन स्कूलों में प्रवेश के लिए छह साल की उम्र जरूरी कर दी गई है. इन स्कूलों में कक्षा 1 से लेकर कक्षा 9 तक के लिए एडमिशन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। केंद्रीय विद्यालय संगठन द्वारा इसके लिए गाइडलाइन भी जारी कर दी गई है।


KVS Admission 2022: केंद्रीय विद्यालय संगठन ने नये सत्र 2022-23 के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की तिथि जारी कर दी है। कक्षा एक के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन 28 फरवरी से शुरू किया जाएगा। अभिभावक ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन केवीएस वेबसाइट पर जाकर कर सकते हैं। इसके अलावा मोबाइल एप से भी ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा दी गई है। कक्षा एक के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन 21 मार्च तक किया जायेगा। 


ज्ञात हो कि कोरोना संक्रमण के कारण 2020 और 2021 में नामांकन काफी देरी से हुआ था, लेकिन इस बार संक्रमण कम होने के कारण बोर्ड ने मार्च में नामांकन प्रक्रिया शुरू की है।
केंद्रीय विद्यालय संगठन ने नयी शिक्षा नीति के तहत कक्षा एक में नामांकन की उम्र एक साल बढ़ा दी है। सत्र 2022-23 में कक्षा एक में नामांकन लेने के लिए बच्चे की उम्र एक मार्च 2022 को छह साल पूरी होनी चाहिए। पहले यह उम्र पांच साल थी। लेकिन नयी शिक्षा नीति के तहत एक साल बढ़ायी गई है।


कक्षा एक में नामांकन के लिए तीन बार जारी होगी लिस्ट
कक्षा एक के नामांकन की पहली लिस्ट 25 मार्च को जारी की जायेगी। वहीं दूसरी और तीसरी लिस्ट एक अप्रैल और आठ अप्रैल को जारी की जायेगी। चयनित बच्चों की सूची शिक्षा के अधिकार के तहत जारी की जाएगी।


⚫ ये है नामांकन का शेड्यूल


👉 कक्षा एक
ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन - 28 फरवरी से 21 मार्च तक

👉 पहली से तीसरी चयन सूची - 25 मार्च से आठ अप्रैल के बीच
कक्षा दो के लिए रजिस्ट्रेशन - आठ से 16 अप्रैल

👉 कक्षा दो से आगे की कक्षाओं के लिए सूची जारी - 21 से 28 अप्रैल

👉 कक्षा नौंवीं तक के लिए प्रवेश की अंतिम तिथि - 30 जून
 

नई शिक्षा नीति : अब आपदा प्रबंधन की अनिवार्य पढ़ाई, शैक्षणिक सत्र 2022-23 से लागू करने की तैयारी

नई शिक्षा नीति : अब आपदा प्रबंधन की अनिवार्य पढ़ाई, शैक्षणिक सत्र 2022-23 से लागू करने की तैयारी



शैक्षणिक सत्र (2022-23) में अब स्नातक (यूजी) और स्नातकोत्तर (पीजी) प्रोग्राम में आपदा प्रबंधन विषय की पढ़ाई अनिवार्य होगी। केंद्रीय गृहमंत्रालय के अधीनस्थ राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान ने 18 विश्वविद्यालयों के विशेषज्ञों की टीम के साथ नई शिक्षा नीति 2020 और यूजीसी दिशा-निर्देशों के तहत स्नातक और स्नातकोत्तर प्रोग्राम के लिए मॉडल पाठ्यक्रम तैयार किया है। दरअसल , प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विजन है कि 2030 तक देश को आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में सुरक्षित करना है। इसमें युवाओं को इस क्षेत्र में कौशल विकास कर रोजगार से जोड़ना है।


विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के सचिव प्रो. रजनीश जैन की ओर से सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को यूजी व पीजी का हाईब्रीड मॉडल पाठ्यक्रम भेजा है। शैक्षणिक सत्र 2022-23 के तहत अन्य डिग्री प्रोग्राम की तरह इस कोर्स में भी पहले, दूसरे और तीसरे वर्ष के छात्रों को एंट्री-एग्जिट की सुविधा मिलेगी। यानी पहले वर्ष की पढ़ाई पूरी करने के बाद छात्र को सर्टिफिकेट कोर्स तो दूसरे वर्ष में डिप्लोमा दिया जाएगा। यहां भी अकेडमिक बैंक क्रेडिट (एबीसी) की सुविधा होगी। इसमें छात्र के क्रेडिट जुड़ते रहेंगे।


पहले वर्ष में आपदा जोखिम को कम करने का पाठ पढ़ेंगे
स्नातक प्रोग्राम के मानविकी, साइंस, कॉमर्स, इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट कोर्स में पहले वर्ष में छात्रों को आपदा जाखिम को कम करने का प्रबंधन  (डिजास्टर रिस्क रिडक्शन एंड मैनेजमेंट) पर सर्टिफिकेट कोर्स करवाया जाएगा। इस पाठ्यक्रम ऐसे तरीके से तैयार किया गया है, ताकि इस पढ़ाई व कौशल विकास से वे इस क्षेत्र में अपना भविष्य बना सकें।


यह कोर्स इसलिए जरूरी
उच्च शिक्षा में 3.73,99,388 करोड़ छात्र पंजीकृत है। इसमें स्रे 2.98, 29, 075 करोड़ छात्र विभिन्न स्नातक प्रोग्राम में पंजीकृत हैं। यह संख्या भारतीय सशस्त्र सेनाओं से अधिक है। जोकि दुनिया की सबसे बड़ी सशस्त्र सेना मानी जाती है। यदि इतने युवा आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में पढ़ाई करके अपना भविष्य बनाते हैं तो फिर आपदा प्रबंधन में बड़ी सहायता मिलेगी।


40 फीसदी स्थानीय आपदाओं की मिलेगी जानकारी
भारत एक विशाल देश है। यहां भुगोलिक क्षेत्र के आधार पर पहाड़ों के दरकने, समुद्री तुफान, बाढ़ से लेकर अन्य आपदाएं आती रहती है। ऐसे में हर क्षेत्र की आपदा अलग-अलग है। इसलिए इसमें 60 फीसदी पाठ्यक्रम आपदा प्रबंधन के विभिन्न विषयों पर एक समान होगा। जबकि 40 स्थानीय भूगोलिक क्षेत्र के आधार पर शामिल किया जाएगा, ताकि आपदा प्रबंधन से जुड़े लोगों को स्थानीय आपदा में आम लोगों की मदद के लिए सक्षम बनाया जा सके।


ऐसा होगा यूजी व पीजी कोर्स का प्रारूप


फाउंडेशन कोर्स: चौथे सेमेस्टर में आपदा जोखिम कम करने का प्रबंधन विषय की अनिवार्य पढ़ाई होगी। इसमें तीन क्रेडिट और सौ अंक का पेपर होगा, जिसमें 60 फीसदी अंक एक्सटर्नल और 40 फीसदी अंक इंटरनल होंगे। इसमें 20 अंक का फील्ड वर्क भी होगा। जबकि इस पूरे कोर्स में 45 घंटे की लैक्चर लगेंगे।


सर्टिफिकेट प्रोग्राम: आपदा जोखिम कम करने का प्रबंधन विषय की पढ़ाई होगी। इसमें किताबी ज्ञान के साथ कौशल विकास भी किया जाएगा। इस प्रोग्राम में दाखिले की योग्यता 55 फीसदी अंकों के साथ 12वीं पास होना जरूरी होगा। इसमें प्रशिक्षित पेशेवर तैयार किए जाएंगे। यह प्रोग्राम दो सेमेस्टर पर आधारित 38 क्रेडिट का होगा। इस प्रोग्राम को एक साल में पूरा करने पर सर्टिफिकेट कोर्स मिलेगा।


पीजी डिप्लोमा प्रोग्राम: इसमें भी पहले साल की पढ़ाई पूरी करने पर पीजी सर्टिफिकेट तो दो साल के बाद पीजी डिप्लोमा मिलेगा। इसमें किसी भी स्ट्रीम में 45 फीसदी अंकों के साथ स्नातक डिग्री वाले दाखिला ले सकेंगे। यह दो सेमेस्टर में चलने वाला प्रोग्राम कुल 45 क्रेडिट का होगा।

Friday, February 25, 2022

यूपी बोर्ड परीक्षा : अब पारिश्रमिक के लिए शिक्षकों को नहीं लगानी होगी अब दौड़, बैंक खाते में ऑनलाइन जाएगी धनराशि

यूपी बोर्ड परीक्षा : अब पारिश्रमिक के लिए शिक्षकों को नहीं लगानी होगी अब दौड़, बैंक खाते में ऑनलाइन जाएगी धनराशि


परीक्षा में कक्ष निरीक्षक की ड्यूटी करने वाले शिक्षकों के लिए अच्छी खबर है। अब उन्हें पारिश्रमिक के लिए न तो चक्कर लगाना पड़ेगा और न ही देर होगी, क्योंकि अब बोर्ड की ओर से सीधे शिक्षकों के बैंक खाते में धनराशि भेजी जायेगी। 


इस व्यवस्था से शिक्षकों को लाभ होगा माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से आयोजित होने वाली बोर्ड परीक्षा की तिथि अभी भले ही घोषित नहीं हुई है लेकिन विभागीय तैयारी तेज हो गई है। हाईस्कूल और इंटरमीडियट की परीक्षा मार्च माह के आखिरी सप्ताह में संभावित है। 


आपत्तियां मांगी गई हैं, उसकी जांच रिपोर्ट के बाद फाइनल सूची जारी होगी। बोर्ड परीक्षा में कक्ष निरीक्षक की ड्यूटी करने वाले शिक्षकों को पारिश्रमिक मिलने में दिक्कत  होती थी। उन्हें कार्यालय और प्रधानाचार्य के यहां चक्कर लगाना पड़ता था बजर आने के बाद शिक्षकों को धनराशि दी जाती थी, मगर इस बार व्यवस्था में बदलाव कर दिया गया है।


 विद्यालय से शिक्षकों का डाटा एकत्र किया जा रहा है। इसके बाद बोर्ड को भेजा जाएगा। वहीं से उनकी ऑनलाइन ड्यूटी भी लगेगी। परीक्षा में ड्यूटी करने वाले शिक्षकों का डाटा मांगा गया है। 

यूपी : मतदान के अंतिम समय में गरमाया पुरानी पेंशन का मुद्दा

यूपी : मतदान के अंतिम समय में गरमाया पुरानी पेंशन का मुद्दा


मतदान के अंतिम समय में कर्मचारियों और शिक्षकों ने पुरानी पेंशन का मामला गरमा दिया है। राजस्थान सरकार के पुरानी पेंशन लागू करने से अब शिक्षकों और कर्मचारियों की मांग प्रबल हो गई है। सोशल मीडिया पर इन दिनों और मुद्दे गौड़ हो गए हैं । सिर्फ पुरानी पेंशन की बहाली पर चर्चा छिड़ी है।


राजस्थान की अशोक गहलौत सरकार के बुधवार को पुरानी पेंशन बहाल करने और एक जनवरी 2004 के बाद नियुक्त सभी शिक्षकों और कर्मचारियों को पुरानी पेंशन का तोहफा देने से कर्मचारी और शिक्षक नेता खुश हैं। जिले के शिक्षकों और कर्मचारियों के व्हाट्सएप ग्रुप में राजस्थान के मुख्यमंत्री को शाबासी मिल रही है, वहीं यूपी में भी पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग तेज हो गई है। सोशल मीडिया पर कर्मचारी और शिक्षक नेता पुरानी पेंशन पर तीखी प्रक्रिया प्रकट कर रहे हैं।


बुधवार को शिक्षकों और कर्मचारियों के व्हाट्सएप ग्रुप में जुबानी जंग होती रही। कुछ लोग नई पेंशन तो कुछ लोग पुरानी पेंशन की मांग पर अपनी प्रतिक्रिया प्रकट करते रहे। हालांकि अधिकांश कर्मचारी और शिक्षक पुरानी पेंशन की मांग को जायज ठहरा रहे हैं। चुनाव के अंतिम समय में कर्मचारी अपनी सभी मांगों को पीछे छोड़ते हुए सिर्फ पुरानी पेंशन बहाल करने की वकालत कर रहे हैं।

विद्यालयी MDM और SMC खातों को लेकर जारी आदेशों पर जूनियर शिक्षक संघ ने उठाए सवाल, एक ही बैंक में खाते खोले जाने की रखी मांग

विद्यालयी MDM और SMC खातों को लेकर जारी आदेशों पर जूनियर शिक्षक संघ ने उठाए सवाल, एक ही बैंक में खाते खोले जाने की रखी मांग



UPTET : यूपीटीईटी रिजल्ट के लिए अभी करना होगा इंतजार

UPTET : शासन से अनुमति न मिलने पर नहीं जारी हुई उत्तर माला

UPTET : यूपीटीईटी परिणाम अब चुनाव बाद, शासन ने नहीं दी अनुमति

UPTET : यूपीटीईटी रिजल्ट के लिए अभी करना होगा इंतजार

⚫ पीएनपी के प्रस्ताव को शासन की समिति ने नहीं दी अनुमति 

⚫ आचार संहिता समाप्त होने के बाद भेजा जाएगा नया प्रस्ताव



प्रयागराज : अंतत: उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपीटीईटी)-2021 का परिणाम चुनाव आचार संहिता में अटक गया। पूर्व घोषित कार्यक्रम के मुताबिक उत्तर प्रदेश परीक्षा नियामक प्राधिकारी (पीएनपी) सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी ने परिणाम घोषित करने के लिए शासन से अनुमति मांगी थी, जिसे शासन की समिति ने गुरुवार को स्थगित कर दिया। इस कारण 25 फरवरी को घोषित किया जाने वाला परिणाम अब जारी नहीं किया जाएगा। परिणाम जारी करने के लिए आचार संहिता खत्म होने के बाद नई तिथि तय की जाएगी। 


पर्चा लीक होने पर 28 नवंबर, 2021 की रद की गई यूपीटीईटी नया परीक्षा कार्यक्रम घोषित कर 23 जनवरी को प्रदेश भर में दो पालियों में कराई गई। कार्यक्रम में निर्धारित तिथि पर उत्तरमाला जारी करने, अभ्यर्थियों से आपत्तियां लेने और उनके निस्तारण की प्रक्रिया पूरी की गई। इस परीक्षा का कार्यक्रम जब जारी किया गया था, तब चुनाव आचार संहिता नहीं लगी थी। ऐसे में अब आचार संहिता लागू होने पर पीएनपी सचिव ने 25 फरवरी को परिणाम के लिए अनुमति मांगी थी।


 सचिव ने बताया कि परिणाम घोषित करने के प्रस्ताव को शासन की समिति ने अनुमति नहीं दी। इसे स्थगित कर दिया गया है। अनुमति न मिलने के कारण ही 23 फरवरी को संशोधित उत्तरमाला भी जारी नहीं की गई। उनके मुताबिक आचार संहिता खत्म होने पर परिणाम घोषित करने के लिए नई तिथि शासन को प्रस्तावित की जाएगी।



UPTET : शासन से अनुमति न मिलने पर नहीं जारी हुई उत्तर माला


प्रयागराज:उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपी-टीईटी) की अंतिम उत्तरकुंजी शासन की अनुमति न मिलने से बुधवार को जारी नहीं हो सकी। 


इसके साथ 25 फरवरी को परिणाम घोषित होने की उम्मीद भी खत्म हो गई है। विधानसभा चुनाव के मद्देनजर परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय ने शासन से यूपी-टीईटी का परिणाम जारी करने की अनुमति मांगी थी। लेकिन अनुमति नहीं मिल सकी। 


ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि अब 10 मार्च को विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद ही अंतिम उत्तरकुंजी जारी हो सकेगी। 23 जनवरी को आयोजित प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्तर की टीईटी में 18 लाख से अधिक अभ्यर्थी सम्मिलित हुए थे।

Thursday, February 24, 2022

राजस्थान में बड़ा निर्णय : वर्ष 2004 के बाद नियुक्त सभी कर्मियों को पुरानी पेंशन देने का एलान, पुरानी पेंशन योजना को बताया - सामाजिक व आर्थिक सुरक्षा कवच

पुरानी पेंशन योजना : सामाजिक - आर्थिक सुरक्षा कवच


🆕

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme) को सामाजिक-आर्थिक सुरक्षा का कवच करार दिया है. उन्होंने उम्मीद जतायी है कि राज्य में इसे फिर से लागू करने के उनके निर्णय से भविष्य में अधिक संख्या में प्रतिभाशाली युवा राजकीय सेवा की तरफ आकर्षित होंगे.



राजस्थान में बड़ा निर्णय : वर्ष 2004 के बाद नियुक्त सभी कर्मियों को पुरानी पेंशन देने का एलान


Rajasthan Budget 2022: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपनी सरकार का बजट पेश करते हुए 2004 के बाद के सभी सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन देने का ऐलान किया है। 


उन्होंने ट्वीट किया, “हम सभी जानते हैं सरकारी सेवाओं से जुड़े कर्मचारी भविष्य के प्रति सुरक्षित महसूस करें तभी वे सेवाकाल में सुशासन के लिए अपना अमूल्य योगदान दे सकते हैं। अतः 1 जनवरी 2004 और उसके पश्चात नियुक्त हुए समस्त कार्मिकों के लिए मैं आगामी वर्ष से पूर्व पेंशन योजना लागू करने की घोषणा करता हूं।”



UPTET Result : अटक सकता यूपीटीईटी का परिणाम, तय समय पर नहीं जारी हो सकी संशोधित उत्तरमाला

UPTET Result : अटक सकता यूपीटीईटी का परिणाम, तय समय पर नहीं जारी हो सकी संशोधित उत्तरमाला


उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपीटीईटी) 2021 एक बार फिर चर्चा में है। पहले यह परीक्षा पर्चा लीक होने पर रद होने के कारण थी, अब तय समय पर परिणाम जारी न होने की आशंका को लेकर सुर्खियों में है। आशंका जताई जा रही है कि तय तारीख पर रिजल्ट जारी नहीं हो सकता है।


उत्तर प्रदेश परीक्षा नियामक प्राधिकारी (पीएनपी) सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी ने जब परीक्षा का कार्यक्रम जारी किया था, तब चुनाव आचार संहिता नहीं लगी थी। ऐसे में पूर्व घोषित कार्यक्रम के मुताबिक 25 फरवरी को परिणाम घोषित करने के लिए शासन से अनुमति मांगी, लेकिन बुधवार शाम तक अनुमति नहीं मिली थी। ऐसे में बुधवार को जारी होने वाली संशोधित उत्तरमाला (आंसर की) भी जारी नहीं हो सकी। अंतिम उत्तर कुंजी डाउनलोड करने के लिए अभ्यर्थियों को पीएनपी की आधिकारिक वेबसाइट updeled.gov.in पर जाना होगा।


पीएनपी ने पूर्व घोषित कार्यक्रम के मुताबिक यह परीक्षा 23 जनवरी को दो पालियों में कराई। इसके बाद निर्धारित समय पर उत्तरमाला जारी कर अभ्यर्थियों से आपत्तियां मांगी गई। इसके बाद विषय विशेषज्ञों की समिति के माध्यम से आपत्तियों का निस्तारण कर संशोधित उत्तरमाला तैयार की गई। परीक्षा कार्यक्रम के अनुसार संशोधित उत्तरमाला वेबसाइट पर 23 फरवरी को जारी की जानी थी।


अब प्रदेश में विधानसभा चुनाव के कारण आचार संहिता लगी है। वैसे तो यह पात्रता परीक्षा है, लेकिन आचार संहिता के चलते कोई प्रश्न न खड़ा हो, इस कारण सचिव ने शासन से परिणाम घोषित करने के लिए अनुमति मांगी। शासन में अनुमति की फाइल विचाराधीन है। समाचार लिखे जाने तक अनुमति नहीं मिल सकी थी। सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी ने बताया कि शासन से अनुमति मिलने पर परिणाम घोषित किया जाएगा।

केंद्रीय शिक्षण संस्थानो में आरक्षित श्रेणी की खाली सीटें अब ओपन कैटेगरी में नहीं होगी तब्दील

केंद्रीय शिक्षण संस्थानो में आरक्षित श्रेणी की खाली सीटें अब ओपन कैटेगरी में नहीं होगी तब्दील


नई दिल्ली । आइआइटी सहित देश भर के केंद्रीय शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षित श्रेणी की खाली सीटें अब ओपन कैटेगरी में तब्दील नहीं होगी,बल्कि जिस वर्ग के लिए आरक्षित है उनसे ही भरी जाएंगी। शिक्षा मंत्रालय ने पीएमओ के दखल के बाद इसे लेकर सभी केंद्रीय शिक्षण संस्थानों को स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए हैं। साथ ही कहा है कि आरक्षित श्रेणी की खाली सीटों को भरने के लिए जरूरत पड़ने पर कटआफ को भी नीचे रखने जैसे कदमों को उठाने पर विचार किया जाना चाहिए।


शिक्षा मंत्रालय ने दिए निर्देश

शिक्षा मंत्रालय ने इसके साथ ही सभी केंद्रीय शिक्षण संस्थानों से ऐसे कदम तत्काल रोकने के भी निर्देश दिए हैं जहां आरक्षित श्रेणी की खाली सीटों को ओपन या अनरिजर्व कैटेगरी में तब्दील करके भरा जा रहा था। इसके साथ ही सभी संस्थानों से अमल की रिपोर्ट भी मांगी है। जानकारों की मानें तो ऐसे कदम उठाने वालों में गिने चुने ही केंद्रीय शैक्षणिक संस्थान शामिल थे।


प्रतिभाशाली छात्रों को मौका दिया जाए

हालांकि इसके पीछे उनका तर्क था कि खाली सीटों के बेकार चले जाने से बेहतर है कि इन सीटों को ओपन कैटेगरी में डाल अन्य प्रतिभाशाली छात्रों को मौका दिया जाए। खास बात यह है कि सैद्धांतिक तौर पर तो यह पहल ठीक थी, लेकिन कानूनी रूप से गलत थी।


शिक्षा मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने बताया था गलत

शिक्षा मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने संवैधानिक आधार पर आरक्षित श्रेणी की खाली सीटों को ओपन या अनरिजर्व कैटेगरी में तब्दील करने के कदम को गलत बताया और कहा कि इस पर तत्काल रोक लगाई जाए। साथ ही यह निर्देश भी दिया कि इन खाली आरक्षित सीटों को उसी श्रेणी से भरने की हरसंभव कोशिश की जाए।


दूसरे विकल्‍पों पर किया जाए विचार

खासकर ओबीसी (नान क्रीमीलेयर) और सामान्य ईडब्लूएस श्रेणी की ऐसी सीटों को भरने के दूसरे विकल्पों पर भी विचार किया जाए। जिसमें प्रवेश परीक्षा की तैयारी करने वाले इस श्रेणी के बच्चों को कोचिंग प्रदान करने, कम अंक होने पर दाखिले के नियत कटआफ को कम करने, ऐसे छात्रों को दाखिला देने के बाद एक साल तक पूरक शिक्षा देने ताकि उन्हें उस स्तर पर लाया जा सके जैसे कदमों को उठाने का सुझाव दिया।


हर साल आइआइटी में रह जाती हैं पांच हजार से ज्यादा सीटें खाली

शिक्षा मंत्रालय ने हाल ही में संसद में सौंपी गई एक रिपोर्ट में बताया है कि अकेले आइआइटी में ही हर साल पांच हजार से ज्यादा सीटें खाली रह जाती हैं। यह सभी आरक्षित श्रेणी की होती हैं। वर्ष 2021-22 में ही आइआइटी में अलग-अलग कोर्सो की 5,296 सीटें खाली थीं। इनमें बीटेक की 361 सीटें, एमटेक की 3,082 सीटें और पीएचडी की 1852 सीटें शामिल हैं।

Tuesday, February 22, 2022

हाईकोर्ट : मानवीय संवेदना खो चुके अधिकारी, बीमार बेटे की इलाज को बेसिक शिक्षिका ने मांगा था स्थानांतरण, परिषद सचिव तलब

हाईकोर्ट  : मानवीय संवेदना खो चुके अधिकारी, बीमार बेटे की इलाज को बेसिक शिक्षिका ने मांगा था स्थानांतरण, परिषद सचिव तलब


प्रयागराज, अदालत के आदेश के बावजूद शिक्षिका की अंतरजनपदीय आवेदन की अर्जी चार बार मना कर मनमाना आदेश पारित करने पर नाराज इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सचिव बेसिक शिक्षा परिषद प्रयागराज प्रताप सिंह बघेल को तलब कर लिया है। 


अदालत ने अपने आदेश को नजरंदाज करने पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा है कि ऐसा लगता है कि सचिव मानवीय संवेदना खो चुके हैं। न्यायालय ने उनको तलब करते हुए स्पष्ट करने को कहा है कि क्यों न उनके खिलाफ अदालत की अवमानना करने की कार्यवाही की जाए। यह आदेश न्यायमूर्ति सरल श्रीवास्तव ने प्रयागराज के जसरा ब्लाक में नियुक्ति शिक्षिका सैयद रुखसार मरियम रिजवी की याचिका पर दिया है।


याची का बेटा सेलेब्रल पालसी बीमारी से पीडि़त

याची के अधिवक्ता नवीन कुमार शर्मा का तर्क था कि याची ने अपना स्थानांतरण यह कहते हुए प्रयागराज से लखनऊ करने की मांग की थी कि उसका साढ़े पांच वर्ष का बेटा सेलेब्रल पालसी नामक बीमारी से पीडि़त है, जिसका इलाज सिर्फ लखनऊ में संभव है। हालांकि उसका आवेदन इस आधार पर रद की दिया गया कि बेटे की बीमारी के आधार पर अंतरजनपदीय स्थानांतरण की मांग नहीं की जा सकती है। इस आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई।


अवमानना याचिका पर भी आदेश के बाद भी सचिव ने आवेदन निरस्‍त किया

हाई कोर्ट ने सचिव का आदेश रद करते हुए कहा कि बेटे की बीमारी अंतरजनपदीय स्थानांतरण की मांग करने का वैध आधार है। न्यायालय ने सचिव का आदेश रद करते हुए उनकी शिक्षिका के आवेदन पर इस आदेश के आलोक में नए सिरे से आदेश पारित करने के लिए कहा। इसके बावजूद सचिव ने विभिन्न आधारों पर आवेदन रद कर दिया। यहां तक कि अवमानना याचिका पर भी आदेश होने के बावजूद सचिव ने दो बार आवेदन निरस्त कर दिया। हाई कोर्ट के स्पष्ट निर्देश के बाद सचिव ने 27 दिसंबर 2020, 31 मार्च 2021, 16 सितंबर 2021 और 12 फरवरी 22 को शिक्षिका का आवेदन निरस्त कर दिया।


न्‍यायालय ने यह कहा

न्यायालय ने कहा कि याची एक महिला है और पिछले एक वर्ष से अपने तबादले के लिए पिलर टू पोस्ट की तरह चक्कर काट रही है। बेटे की बीमारी को इस अदालत द्वारा अंतरजनपदीय तबादले का वैध आधार बताने के बाद अधिकारी आदेश पर विचार कर सकता है।

यूपी बोर्ड : अब नहीं मिलेगा विद्यालयों को परीक्षा केंद्रों की सूची पर आपत्ति दर्ज कराने का मौका, दस मार्च के बाद टाइम टेबल जारी होने की संभावना

यूपी बोर्ड : अब नहीं मिलेगा विद्यालयों को परीक्षा केंद्रों की सूची पर आपत्ति दर्ज कराने का मौका, दस मार्च के बाद टाइम टेबल जारी होने की संभावना 


यूपी बोर्ड के हाईस्कूल व इंटर की परीक्षाएं अब अप्रैल के प्रथम सप्ताह से शुरू होने की उम्मीद है। बोर्ड ने केंद्रों की अंतिम सूची जारी कर दी है। अब विद्यालयों को आपत्ति दर्ज कराने का मौका नहीं मिलेगा। 

यूपी बोर्ड यूपी बोर्ड के हाईस्कूल व इंटर के परीक्षार्थियों को टाइम टेबल का बेसब्री से इंतजार है। विधान सभा चुनाव के कारण बोर्ड टाइम टेबल अब तक नहीं जारी किया है। आखिरी चरण का चुनाव सात मार्च को होना है वहीं मतगणना दस मार्च से शुरु होगा। ऐसे में अब दस मार्च के बाद टाइम टेबल जारी होने की संभावना है।



UP BOARD : यूपी बोर्ड ने जारी की परीक्षा 10वीं और 12वीं के केंद्रों की सूची


⚫ उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद ने जारी की परीक्षा केंद्रों की सूची
⚫ जिला विद्यालय निरीक्षकों ने 8266 की तुलना में बढ़ाए 107 केंद्र


प्रयागराज : विधानसभा चुनाव के चलते उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) ने बोर्ड परीक्षा की तिथि तो अभी घोषित नहीं की है, लेकिन परीक्षा केंद्र सोमवार को फाइनल कर दिए। वर्ष 2022 की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की बोर्ड परीक्षा 8373 केंद्रों पर कराई जाएगी। 


पूर्व में प्रस्तावित 8266 केंद्रों की तुलना में जिलों ने आवश्यकता को देखते हुए 107 परीक्षा केंद्र बढ़ाए हैं। इसे अनुमोदन देने के साथ परिषद ने परीक्षा केंद्रों की सूची वेबसाइट पर अपलोड कर दी है। मतगणना के बाद बोर्ड परीक्षा कराने की तैयारी यूपी बोर्ड ने तेज कर दी है। परीक्षा केंद्र फाइनल करने के साथ नकलविहीन परीक्षा कराने के लिए कक्ष निरीक्षकों की सूची भी तैयार की जा रही है। 


सचिव दिब्यकांत शुक्ल ने बताया कि पूर्व की तुलना में परीक्षा केंद्र कम बनाए गए हैं। केंद्रों की अधिकतम संख्या करीब साढ़े नौ हजार तक रही है। इस बार केंद्र निर्धारण में विशेष तौर पर इसका भी ध्यान रखा गया है कि कोविड महामारी के दौर में परीक्षार्थियों को दूर न जाना पड़े। अधिक धारण क्षमता वाले विद्यालयों को केंद्र बनाने में प्राथमिकता दी गई है। 


केंद्रों की संख्या अधिक होने पर अधिक मैनपावर की जरूरत होती है। केंद्र कम होने पर व्यवस्थाओं का संचालन बेहतर ढंग से किया जा सकेगा। इधर, अब प्रायोगिक परीक्षा की तैयारी के साथ प्रश्नपत्र और उत्तरपुस्तिका की कार्य भी तेजी से पूरा कराया जाएगा। यूपी बोर्ड, परीक्षा तिथि और समय सारिणी की घोषणा शासन स्तर से किए जाने के पहले परीक्षा संचालन की तैयारी पूरी कर लेने की दिशा में काम कर रहा है। इस परीक्षा में सम्मिलित होने के लिए कुल 51,75,583 परीक्षार्थियों ने फार्म भरा है, जिसमें हाईस्कूल के 27,83,742 और इंटरमीडिएट के 23,91,841 छात्र-छात्राएं हैं।

शिक्षा क्षेत्र में सुधार के लिए PM मोदी ने दिए ये पांच मंत्र, जानिए किन मुद्दों पर हुई बात

शिक्षा क्षेत्र में सुधार के लिए PM मोदी ने दिए ये पांच मंत्र, जानिए किन मुद्दों पर हुई बात


प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने आज सोमवार को बजट 2022 में शिक्षा क्षेत्र के लिए की गई घोषणाओं के जल्द से जल्द क्रियान्वयन के लिए आयोजित वेबीनार में अपना संबोधन दिया। इस वेबिनार का आयोजन केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की ओर से किया गया है।

सत्र को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने शिक्षा क्षेत्र पर इस साल के केंद्रीय बजट के सकारात्मक प्रभाव पर चर्चा की। उन्होंने शिक्षा क्षेत्र को आगे बढ़ाने और इसके विकास के लिए किए गए कई अहम कार्यों के बारे में जानकारी दी और सुझाव दिएं।


पहला – यूनिवर्सलाइजेशन ऑफ क्वालिटी एजुकेशन से हमारी शिक्षा व्यवस्था का विस्तार हो, उसकी क्वालिटी सुधरे और एजुकेशन सेक्टर की क्षमता बढ़े, इसके लिए अहम निर्णय लिए गए हैं।

दूसरा – स्किल डेवलपमेंट (कौशल विकास) के माध्यम से देश में डिजिटल स्किलिंग इकोसिस्टम बने।

तीसरा- अर्बन और डिज़ाइन के माध्यम से से भारत के पुरातन अनुभव और ज्ञान को आज की शिक्षा में समाहित किया जाए।

चौथा- शिक्षा का अंतर्राष्ट्रीयकरण हो जिससे भारत में वर्ल्ड क्लास विदेशी यूनिवर्सिटियां आएं।

पांचवा- AVGC- यानि एनिमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग और कॉमिक्स। पीएम मोदी ने बताया कि इन सभी में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं और यह एक बहुत बड़ा ग्लोबल मार्केट है



PM मोदी बोले : देश में डिजिटल असमानता में तेजी से आ रही कमी, उच्च शिक्षा में सीटों की समस्या खत्म होगी


नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2022-23 के बजट में नेशनल डिजिटल यूनिवर्सिटी की घोषणा को बेहद अहम कदम बताते हुए सोमवार को कहा कि वह इसकी ताकत को देख रहे हैं। इसके चलते देश के उच्च शिक्षण संस्थानों में दाखिले के लिए सीटों की कमी की समस्या खत्म हो जाएगी। किसी भी विषय के लिए सीटें सीमित नहीं होंगी। कल्पना की जा सकती है कि शिक्षा के क्षेत्र में इससे कितना बड़ा परिवर्तन आएगा। 


प्रधानमंत्री मोदी ‘पोस्ट बजट : फोस्टरिंग स्ट्रांग इंडस्ट्री-स्किल लिंकेज’ पर एक वेबिनार में इस क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों, उद्योगों के प्रतिनिधियों, शिक्षकों और आला अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने बजट में फोकस वाले पांच बिंदुओं को सामने रखा जिनमें शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाना, कौशल विकास, अर्बन प्लानिंग एवं डिजाइन, विश्वस्तरीय विदेशी विश्वविद्यालयों के सेंटर खोलने और एवीजीसी (एनिमेशन विजुअल इफेक्ट्स गेमिंग कामिक) आदि शामिल हैं।


 नेशनल डिजिटल यूनिवर्सिटी का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अब शिक्षा मंत्रालय और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) सहित शिक्षा से जुड़ी सभी एजेंसियों की जिम्मेदारी है कि वे इस घोषणा को तेजी से अमल में लाएं। साथ ही यह भी सुनिश्चित हो कि यह डिजिटल यूनिवर्सिटी विश्वस्तरीय मानकों को लेकर चले। 


विश्व मातृ भाषा दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री ने मातृ भाषा में शिक्षा देने की पहल को तेजी से आगे बढ़ाने और कौशल विकास की दिशा में उद्योगों व वैश्विक जरूरत को समझते हुए तेजी से काम करने पर भी बल दिया। प्रधानमंत्री ने कहा, क्या कभी हमने सोचा है कि जिस देश में नालंदा, तक्षशिला जैसे उच्च शिक्षण संस्थान रहे हों, उनके बच्चे आज पढ़ाई के लिए विदेश जाने के लिए मजबूर हैं। क्या यह ठीक है। 


हम देश में ही दुनियाभर की यूनिवर्सिटी को लाकर अपने बच्चों को कम खर्च में पढ़ाई करा सकते हैं। देश के युवाओं और उनसे जुड़े विभागों को बड़ा संदेश देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि युवा देश का भविष्य हैं, इन्हें हमें सक्षम बनाना होगा। इन्हें सक्षम करने का मतलब है, देश के भविष्य को मजबूत करना। सरकार ने वर्ष 2022-23 के बजट में इसी सोच को सामने रखा है। यह बजट राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने में भी मदद करेगा। 


उन्होंने कहा, ‘ई-विद्या हो या वन क्लास वन चैनल, डिजिटल लैब्स या फिर डिजिटल यूनिवर्सिटी, शिक्षा के ऐसे ढांचे युवाओं की काफी मदद करेंगे।’ उन्होंने कहा कि संबंधित विभाग बजट से जुड़ी घोषणाओं पर तेजी से अमल करें। 


प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड संकट आने के पहले से ही वह देश में डिजिटल फ्यूचर की बात कर रहे थे। जब गांवों को आप्टिकल फाइबर से जोड़ा जा रहा था, उस समय कुछ लोग इस पर सवाल उठा रहे थे। लेकिन कोविड महामारी के समय इन प्रयासों की अहमियत सभी की समझ में आई। ये डिजिटल कनेक्टिविटी ही है जिसने इस वैश्विक महामारी में भी हमारी शिक्षा व्यवस्था को बचाए रखा। अब देश में डिजिटल असमानता में तेजी से कमी आ रही है।

निर्णय : दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षा ऑफलाइन होगी - सुप्रीम कोर्ट

निर्णय : दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षा ऑफलाइन होगी - सुप्रीम कोर्ट

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सीबीएसई और अन्य बोर्ड की 10वीं व 12वीं की परीक्षाएं ऑफलाइन ही होंगी। सुप्रीम कोर्ट ने ऑफलाइन परीक्षाएं रद्द करने की मांग से जुड़ी याचिका बुधवार को खारिज कर दी। अदालत ने कहा कि ऐसी याचिकाओं से छात्र-छात्राओं के बीच गलत उम्मीदें बंधती हैं।


फैसला

● सुप्रीम कोर्ट ने ऑफलाइन परीक्षा रद्द करने संबंधी अर्जी खारिज की

● कहा,ऐसी याचिका से छात्रों में झूठी उम्मीदें बंधती हैं और भ्रम फैलता है


जस्टिस एएम खानविल्कर की पीठ ने कहा- ऐसी याचिका दायर करने पर जुर्माना भी लगा सकते हैं। छात्रों और अफसरों को अपना-अपना काम करने देना चाहिए। वे हर चीज पर नजर रखे हुए हैं और उचित समय पर परीक्षा की तिथियां घोषित करेंगे। छात्र पूरी तरह निश्चित रहें। पीठ ने याचिकाकर्ता से कहा, आप प्राधिकरण को काम करने से रोकना चाह रहे हैं।




बोर्ड परीक्षाएं ऑफलाइन होगी या नहीं, सुप्रीम  कोर्ट करेगा फैसला


नई दिल्ली:- 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं ऑफलाइन होंगी या नहीं, इसका फैसला सुप्रीम कोर्ट करेगा। सर्वोच्च अदालत ने छात्रों की याचिका स्वीकार करते हुए कहा कि जस्टिस ए एम खानविलकर की पीठ इस मामले की सुनवाई करेगी।


मुख्य न्यायाधीश एन.वी. रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह आदेश दिया है। याचिका में सभी राज्य बोर्ड सीबीएसई और आईसीएसई की 10वीं और 12वीं बोर्ड की शारीरिक तौर पर परीक्षाओं को रद्द करने की मांग की गई है। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि कोरोना के कारण कक्षाएं ऑनलाइन आयोजित की गई, लिहाजा ऑफलाइन परीक्षा कराना ठीक नहीं। ऑफलाइन परीक्षाएं आयोजित करने से छात्रों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ेगा और वह अपने परिणाम को लेकर बेहद तनाव में आ सकते हैं।


आंतरिक मूल्यांकन से परीक्षा परिणाम जारी हो


याचिकाकर्ता ने दावा किया कि छात्र ऑफलाइन परीक्षाएं कराने के फैसले से दुखी हैं। पिछले शैक्षणिक परिणाम और आंतरिक मूल्यांकन के जरिए परीक्षा के परिणाम जारी किए जाएं।

शर्तों के चलते प्रोजेक्ट अलंकार के अनुदान में रुचि नहीं ले रहे माध्यमिक एडेड स्कूल

शर्तों के चलते प्रोजेक्ट अलंकार के अनुदान में रुचि नहीं ले रहे माध्यमिक एडेड स्कूल



प्रोजेक्ट अलंकार के तहत सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के जीर्णोद्घार मरम्मत पुनर्निर्माण आदि के लिए धनराशि शासन की ओर से दी जानी थी लेकिन संस्था प्रबंधकों की ओर से इसका प्रस्ताव तक नहीं दिया गया। 


बताते हैं कि शासन से मिलने वाली धनराशि के बराबर ही प्रबंधतंत्र की ओर से रकम लगाने के निर्देश और 75 वर्ष संस्था के पुराने होने की शर्त के चलते विद्यालयों ने रुचि नहीं ली है।







प्रोजेक्ट अलंकार के अंतर्गत सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के अवस्थापना सुविधाओं के विकास, जीर्णोद्धार पुनर्निर्माण मरम्मत के लिए सहयोगी अनुदान शासन की ओर से दिया जाना था। जितनी धनराशि का प्रस्ताव संबंधित प्रबंधतंत्र की ओर से भेजा जाता, उतनी ही धनराशि मैनेजमेंट को खुद भी विद्यालय विकास के लिए लगानी थी।


सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में से ज्यादातर ने  इस योजना में रुचि नहीं ली है। जिम्मेदारों ने संस्था प्रधानों को पत्र भेजकर  सूचनाएं अपलोड करने को कहा है। निर्धारित समय में सूचना अपलोड नहीं करने पर यह माना जाएगा कि विद्यालय प्रोजेक्ट अलंकार के लिए इच्छुक नहीं है।

Monday, February 21, 2022

बालिकाओं की ट्यूशन फीस माफ किये जाने सम्बन्धी योजना के क्रियान्वयन को स्थगित किये जाने के संबंध में

बालिकाओं की ट्यूशन फीस माफ किये जाने सम्बन्धी योजना के क्रियान्वयन को स्थगित किये जाने के संबंध में 









बदायूं : परिषदीय विद्यालयों में पुताई हेतु पेंट / डिस्टेंपर के मांगपत्र को लेकर बैकफुट पर विभाग, आदेश तत्काल प्रभाव से निरस्त

बदायूं : परिषदीय विद्यालयों में पुताई हेतु पेंट / डिस्टेंपर के मांगपत्र को लेकर बैकफुट पर विभाग, आदेश तत्काल प्रभाव से निरस्त 


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बदायूं : अब परिषदीय विद्यालयों में पुताई हेतु पेंट/डिस्टेंपर की विकास भवन से होगी सप्लाई, प्रत्येक प्र०अ० को मांग पत्र उपलब्ध कराने का आदेश




निर्णय : बीएड के 12 हजार छात्र अगले सेमेस्टर में प्रोन्नत, पिछले सेमेस्टर में मिले अंक बनेंगे आधार

निर्णय : बीएड के 12 हजार छात्र अगले सेमेस्टर में प्रोन्नत, पिछले सेमेस्टर में मिले अंक बनेंगे आधार


प्रयागराज : प्रोफेसर राजेंद्र सिंह (रज्जू भइया) राज्य विश्वविद्यालय ने शैक्षणिक सत्र 2020-22 के अंतर्गत बीएड द्वितीय सेमेस्टर के छात्रों को तीसरे सेमेस्टर में प्रोन्नत कर दिया गया। यह अहम निर्णय कुलपति डा. अखिलेश कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई परीक्षा समिति की बैठक में लिया गया। खास बात यह है कि प्रोन्नत छात्रों को प्रथम सेमेस्टर में मिले अंक के बराबर ही अंक प्रदान किए जाएंगे।


परीक्षा परिणाम भी विश्वविद्यालय के आधिकारिक वेबसाइट पर जारी कर दिया गया। राज्य विश्वविद्यालय से संबद्ध मंडल के चारों जनपदों (प्रयागराज, कौशांबी, फतेहपुर, प्रतापगढ़) के 652 महाविद्यालयों में सत्र 2020-22 के तहत नवंबर 2021 में करीब 12 हजार छात्र-छात्राओं को बीएड में प्रवेश दिया गया था। 


कोरोना के चलते पहला सत्र प्रभावित हो गया। ऐसे में विश्वविद्यालय प्रशासन केवल प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा करा सका। कोरोना संक्रमण बढ़ने की वजह से प्रवेश के 15 महीनों में द्वितीय सेमेस्टर की परीक्षा नहीं कराई जा सकी। परिणाम को लेकर महाविद्यालयों के प्रबंधतंत्र के अलावा छात्र-छात्राएं लगातार विश्वविद्यालय प्रशासन पर दबाव बना रहे थे। इसे लेकर पिछले दिनों छात्रों ने हंगामा भी किया था। ऐसे में परीक्षा समिति की बैठक बुलाई गई। 


कुलपति डा. अखिलेश कुमार सिंह की अध्यक्षता में यह निर्णय लिया गया कि छात्रों का सत्र प्रभावित न हो। इस लिहाज से उन्हें तीसरे सेमेस्टर में प्रोन्नत कर दिया गया। सर्वसम्मति से पहले सेमेस्टर में मिले अंक को ही आधार बनाए जाने पर सहमति बनी। ऐसे में छात्र-छात्राओं को पहले सेमेस्टर के बराबर अंक दिए जाएंगे।


परीक्षा समिति की बैठक में बीएड द्वितीय सेमेस्टर के छात्र-छात्राओं को तीसरे सेमेस्टर में प्रोन्नत करने का निर्णय लिया गया है। इसका परीक्षा परिणाम भी जारी कर दिया गया है। अब तीसरे सेमेस्टर की परीक्षाएं मई में कराई जाएंगी। - डा. अखिलेश कुमार सिंह, कुलपति, प्रोफेसर राजेंद्र सिंह (रज्जू भइया) राज्य विश्वविद्यालय।

केन्द्र सरकार देश में 15 हजार आदर्श स्कूल की तैयारी में, बजट में 1800 करोड़ रुपये का प्रावधान को वित्त मंत्रालय की मिली मंजूरी

केन्द्र सरकार देश में 15 हजार आदर्श स्कूल की तैयारी में,  बजट में 1800 करोड़ रुपये का प्रावधान को वित्त मंत्रालय की मिली मंजूरी



इस योजना के तहत सरकार 2024 तक प्रत्येक ब्लॉक स्तर पर कम से कम एक आदर्श स्कूल विकसित करना चाहती है। ​शिक्षा मंत्रालय इसे लेकर एक नई योजना लाएगी, जिसके तहत इन स्कूलों को विकसित किया जाएगा। खास बात यह है कि ये सभी स्कूल सरकारी ही होंगे, जिनका चयन राज्यों के साथ मिलकर किया जाएगा।


⚫ केंद्र सरकार देश में 15 हजार आदर्श स्कूल बनाएगी।

⚫ 2024 तक प्रत्येक ब्लॉक स्तर पर एक आदर्श स्कूल।

⚫ स्मार्ट क्लासेस, लाइब्रेरी, लैब समेत होंगी सभी सुविधाएं।


केंद्र सरकार देश में 15,000 स्कूलों को आदर्श स्कूल (एक्जेमप्लर स्कूल) के रूप में विकसित करने जा रही है और इसके लिये वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में 1800 करोड़ रुपये का वित्तीय प्रावधान किया गया है। सूत्रों के मुताबिक इस प्रस्ताव को वित्त मंत्रालय की मंजूरी मिल गई है और अब इस योजना को कैबिनेट की मंजूरी का इंतजार है। वित्त वर्ष 2022-23 के बजटीय दस्तावेज के अनुसार, देश में 15,000 स्कूलों को आदर्श स्कूल के रूप में विकसित करने की योजना के लिये 1800 करोड़ रुपये का वित्तीय प्रावधान किया गया है।


शिक्षा मंत्रालय इसे लेकर एक नई योजना लाएगी, जिसके तहत इन स्कूलों को विकसित किया जाएगा। खास बात यह है कि ये सभी स्कूल सरकारी ही होंगे, जिनका चयन राज्यों के साथ मिलकर किया जाएगा। इस योजना के तहत सरकार 2024 तक प्रत्येक ब्लॉक स्तर पर कम से कम एक आदर्श स्कूल विकसित करना चाहती है। दस्तावेज के अनुसार, इस योजना के तहत विकसित किेये जाने वाले आदर्श स्कूलों में प्रारंभिक स्तर पर 1470 स्कूल तथा प्राथमिक स्तर पर 1470 विद्यालय शामिल हैं। इसके अलावा माध्यमिक स्तर पर 6030 तथा उच्च माध्यमिक स्तर पर 6030 स्कूलों को आदर्श स्कूल के रूप में विकसित किया जाएगा।


गौरतलब है कि पिछले वर्ष के आम बजट में देश में आदर्श स्कूल स्थापित करने की योजना की घोषणा की गई थी। सूत्रों ने बताया कि प्रस्ताव में प्रत्येक ब्लॉक में एक प्रारंभिक (एलीमेंट्री) और एक प्राथमिक (प्राइमरी) स्कूल और प्रत्येक जिले में एक माध्यमिक और एक उच्च माध्यमिक स्कूल को उत्कृष्ट स्कूलों के रूप में विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है।


प्रस्ताव के अनुसार, आदर्श स्कूल में सभी छात्रों के लिए एक सुरक्षित, प्रोत्साहित करने वाले शैक्षिक वातावरण में सीखने एवं विविध अनुभव प्रदान करने वाली अच्छी ढांचागत व्यवस्था एवं समुचित संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने की बात कही गई है । इसमें स्कूलों में उपस्थिति बढाना तथा बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान को प्रोत्साहित करने पर जोर दिया जायेगा तथा शिक्षा तक पहुंच सुगम बनाकर स्कूल बीच में छोड़ने को हतोत्साहित किया जायेगा। सूत्रों ने कहा कि ये स्कूल राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के कार्यान्वयन में मदद करेंगे और अपने-अपने क्षेत्रों में उत्कृष्टता के अनुकरणीय विद्यालयों के रूप में उभरेंगे ।


इन स्कूलों में अपनायी जाने वाली शिक्षा व्यवस्था अधिक प्रायोगिक, समग्र, एकीकृत, वास्तविक जीवन की स्थितियों पर आधारित, जिज्ञासा एवं शिक्षार्थी केंद्रित होगी। इनमें स्मार्ट कक्षा, पुस्तकालय, कौशल प्रयोगशाला, खेल का मैदान, कंप्यूटर प्रयोगशाला, विज्ञान प्रयोगशाला आदि सभी सुविधाएं होंगी।

CTET RESULT 2021 : तनाव में सीटेट अभ्यर्थी, यह कैसी ऑनलाइन परीक्षा जिसका रिजल्ट आने में इतनी देरी

CTET RESULT 2021 : तनाव में सीटेट अभ्यर्थी, यह कैसी ऑनलाइन परीक्षा जिसका रिजल्ट आने में इतनी देरी


CTET Result 2021 : सीटीईटी रिजल्ट के इंतजार का आज छठा दिन है। परीक्षा परिणाम का इंतजार कर रहे अभ्यर्थी पूरे आक्रोश में हैं। रिजल्ट में देरी को लेकर सोशल मीडिया पर लगातार अभ्यर्थी अपनी कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर कर रहे हैं। 


अभ्यर्थियों का कहना है कि अगर रिजल्ट में इतनी देरी करनी थी तो कंप्यूटर बेस्ड ऑनलाइन परीक्षा कराई क्यों थी? अभ्यर्थियों का कहना है कि वह पिछले दो-तीन दिनों से लगातार रिजल्ट सर्च कर रहे हैं, इससे उनका काफी समय जाया हो रहा है। सीबीएसई को नोटिस जारी कर रिजल्ट का समय बताना चाहिए। आपको बता दें कि सीबीएसई ने सीटीईटी रिजल्ट की संभावित तिथि 15 फरवरी बताई थी लेकिन अभी तक (20 फरवरी सुबह तक) इसकी घोषणा नहीं हुई है। गुस्साए अभ्यर्थी तीन दिनों से लगातार सीबीएसई और शिक्षा मंत्रालय को टैग करते हुए सीटीईटी रिजल्ट जारी करने की मांग कर रहे हैं।



दीपक सिंह नाम के अभ्यर्थी ने कहा कि सीबीएसई सबसे बड़ा एजुकेशन बोर्ड है। उससे ऐसी उम्मीद नहीं थी। एक अन्य अभ्यर्थी ने लिखा कि परीक्षा केंद्र में एंट्री के दौरान समय की पाबंदी का बहुत ध्यान रखा जाता है। अभ्यर्थी अगर 5 मिनट लेट हो जाए तो उसे प्रवेश नहीं दिया जाता। सीबीएसई तो रिजल्ट जारी करने में इतने दिन लेट हो गया है।


अनामिका नाम की एक अभ्यर्थी ने कहा, ‘पहले सीटीईटी का रिजल्ट 15 दिन में आ जाता था अब ऑनलाइन परीक्षा में रिजल्ट 1 महीने में भी नहीं आ पा रहा है जब समय पर रिजल्ट नहीं देना था तो ऑनलाइन परीक्षा करवाई क्यों। CBSE को एक नोटिस तो जारी ही कर देनी चाहिए की रिजल्ट कब तक आयेगा।’


आयुषी नाम की अभ्यर्थी ने ट्विटर पर लिखा, ‘प्लीज सीटीईटी रिजल्ट जल्द से जल्द घोषित करें। वरना नोटिस जारी करें कि यह कब जारी होगा। स्टूडेंट्स की भावनाओं के साथ खेलना अच्छी बात नहीं। हम रोजाना कई कई बार वेबसाइट चेक कर रहे हैं।’


एक अभ्यर्थी ने लिखा, ‘इस बार आंसर-की चेक करने के बाद मुझे रिजल्ट का अंदाजा नहीं। आंसर-की चेक करने में तीन घंट से ज्यादा लग गए। हमारा समय कीमती है। प्लीज सीटीईटी रिजल्ट जारी करें। फीलिंग्स से ना खेलें। या फिर डेट की घोषणा करें।’

Sunday, February 20, 2022

कल से खुलेंगे उत्तर प्रदेश के आंगनबाड़ी केंद्र, आदेश जारी

कल से खुलेंगे उत्तर प्रदेश के आंगनबाड़ी केंद्र, आदेश जारी

 

लखनऊ। प्रदेश के आंगनबाड़ी केंद्रों में दो साल बाद सोमवार से छोटे बच्चों की किलकारी फिर गूंजेगी। कोरोना संक्रमण की पहली लहर के साथ बंद हुए आंगनबाड़ी केंद्र तीसरी लहर के नियंत्रित होने के बाद 21 फरवरी से खोले जाएंगे। 



बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के उप निदेशक मो. जफर खां ने कोविड प्रोटोकॉल के तहत आंगनबाड़ी केंद्र खोलने के निर्देश जारी कर दिए हैं। उन्होंने बताया कि सोमवार से सभी आयु वर्ग के लाभार्थी आंगनबाड़ी केंद्रों पर उपस्थित होंगे।

Saturday, February 19, 2022

नई शिक्षा नीति : यूपी के सभी विश्वविद्यालयों के प्री पीएचडी कोर्स वर्क होंगे एक समान

नई शिक्षा नीति : यूपी के सभी विश्वविद्यालयों के प्री पीएचडी कोर्स वर्क एक समान होंगे

उत्तर प्रदेश के सभी राज्य एवं निजी विश्वविद्यालयों में प्री-पीएचडी कोर्स वर्क ( Pre PhD Course Work ) एक समान होगा। शासन ने नई शिक्षा नीति के तहत सत्र 2022-23 से इसे लागू करने का निर्देश दिया है। सभी विश्वविद्यालयों में प्री-पीएचडी कोर्स की संरचना में एकरूपता लाने के लिए इस कोर्स वर्क में दो पेपर मुख्य विषय के छह-छह क्रेडिट के होंगे तथा एक पेपर चार क्रेडिट का होगा, जो उस मुख्य विषय से संबंधित रिसर्च मेथोडोलॉजी का होगा। इस तरह सभी विश्वविद्यालयों को 16 क्रेडिट के तीन पेपरों के पाठ्यक्रम अपनी पाठ्यक्रम समिति (बोर्ड आफ स्टडीज) व विद्वत परिषद (एकेडमिक काउंसिल) से अनुमोदित कराने को कहा गया है। शोध परियोजना से पहले प्री-पीएचडी कोर्स वर्क करना अनिवार्य होता है। 


पाठ्यक्रम पुनर्संरचना की राज्य स्तरीय समिति के सुझावों के आधार पर जारी दिशा-निर्देश में कहा गया है कि प्री-पीएचडी कोर्स वर्क में 16 क्रेडिट अर्जित करने वाले विद्यार्थी को उस मुख्य विषय में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन रिसर्च (पीजीडीआर) की उपाधि दी जाएगी। इस कोर्स वर्क में उत्तीर्ण करने के बाद ही विद्यार्थी को पीएचडी में शोध के लिए पंजीकृत किया जाएगा। 

प्री-पीएचडी कोर्स वर्क में सैद्धांतिक पेपरों के अलावा एक शोध परियोजना भी होगी, जिसका स्वरूप विश्वविद्यालयों की पाठ्यक्रम समिति व विद्वत परिषद करेगी। सेवारत शिक्षकों को यह प्री-पीएचडी कोर्स पूरा करने के लिए भौतिक कक्षाओं के साथ-साथ आनलाइन प्रक्रिया को भी मान्यता दी गई है। इसके लिए प्रारूप व नियम विश्वविद्यालय बना सकते हैं।

Postal Ballot in UP Election : क्या पोस्टल बैलेट तय करेंगे करेंगे जीत हार , जानिए पोस्टल बैलेट से ज्यादा मतदान की वजहें

Postal Ballot in UP Election : क्या पोस्टल बैलेट तय करेंगे करेंगे जीत हार , जानिए पोस्टल बैलेट से ज्यादा मतदान की वजहें


पुरानी पेंशन और अन्य सर्विस मैटर कों लेकर कार्मिकों में पोस्टल बैलट के जरिए तो मतदान का उत्साह है ही लेकिन प्रदेश में हो रहे विधान सभा चुनाव में इस बार ‘नोटा’ के अलावा  उम्मीदवार की जीत-हार पोस्टल बैलेट व सर्विस वोट भी तय कर सकते हैं। कोरोना महामारी के चलते बिहार और पश्चिम बंगाल के विधान सभा चुनावों के बाद उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्य में अब हो रहे चुनावों में कोरोना संक्रमित, 80 साल से अधिक उम्र के बुजुर्ग और दिव्यांग वोटरों को घर से पोस्टल बैलेट के जरिये मतदान की सुविधा मिली है।


इनके अलावा प्रदेश के मूल निवासी अन्य राज्यों या सीमा पर बैनात सैनिकों को सर्विस वोट तथा चुनाव ड्यूटी और आवश्यक सेवाओं में लगे वोटरों को पोस्टल बैलेट से मतदान करने की सुविधा पहले भी थी। प्रदेश विधान सभा चुनाव में पहली दफा कोविड संक्रमित, अस्सी साल से अधिक उम्र के बुजुर्ग और दिव्यांग वोटरों को घर बैठे पोस्टल बैलेट से मतदान की सुविधा मिली है।


2017 के विधान सभा चुनाव के मुकाबले इस बार अब तक हुए पहले व दूसरे चरण के मतदान में औसतन दस से बारह हजार पोस्टल बैलेट प्रत्येक चरण में ज्यादा पड़े हैं। इनके अलावा बड़ी तादाद में यूपी के मूल निवासी वह सैनिक जो अपने गृह जनपद से दूर दूसरे राज्य या सीमा पर तैनात हैं उनको इलेक्ट्रानिक माध्यम से पोस्टल बैलेट भेजे गये हैं। यह पोस्टल व सर्विस वोट इस बार मतगणना में काफी अहम भूमिका निभा सकते हैं।


हालांकि अभी दो चरणों के ईवीएम से हो चुके मतदान के कुल प्रतिशत में इन पोस्टल बैलेट व सर्विस वोट को शामिल नहीं किया गया है। इन्हें मतगणना के समय शामिल किया जाएगा।

कक्ष निरीक्षकों और परीक्षकों की नियुक्ति में फर्जीवाड़ा रोकने की तैयारी


कक्ष निरीक्षकों और परीक्षकों की नियुक्ति में फर्जीवाड़ा रोकने की तैयारी


शासन की बोर्ड परीक्षा की कक्ष निरीक्षक और परीक्षक नियुक्ति में फर्जीवाड़ा रोकने की तैयारी है। इसके लिए नियुक्ति प्रक्रिया में बदलाव किया जा रहा है। अब ऑनलाइन नियुक्ति होगी, अभी तक कक्ष निरीक्षक की ड्यूटी जिला स्तर व परीक्षकों की नियुक्ति बोर्ड कार्यालय होती है। डीआईओएस कार्यालय में विद्यालयवार शिक्षक व शिक्षणेतर कर्मचारियों के डाटा फीडिंग का काम शुरू गया है।


शासन बोर्ड परीक्षा में कक्ष निरीक्षकों व परीक्षकों की नियुक्ति में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए नए सिरे से नीति निर्धारण में लगा है। विद्यालयों को कार्यरत शिक्षकों व शिक्षणेतर कर्मचारियों का डाटा बोर्ड की वेबसाइट पर फीडिंग के निर्देश दिए गए हैं। फीडिंग के बाद सूची सत्यापित होगी। इसके बाद सूची शासन को भेजी जाएगी। अगली प्रक्रिया शासन से होगी। अब तक विद्यालयों से शिक्षकों की सूची डीआईओएस कार्यालय आती थी। 


ये होता है फर्जीवाड़ा

शिक्षकों पर शिक्षा सत्र के बीच में नौकरी छोड़ने के बाद भी परीक्षक बनकर नियम विरुद्ध मूल्यांकन कार्य करने तथा ऐसे शिक्षकों के बारे में विद्यालयों द्वारा बोर्ड कार्यालय को सूचित नहीं करने के आरोप लगते रहे हैं। साथ ही संबंधित विषय की उत्तर पुस्तिकाओं को जांचने का वांछित अनुभव नहीं होने या फिर संबंधित विषय को नहीं पढ़ाने की शिकायत होती रही है। विद्यालयों द्वारा सेवारत शिक्षक का शैक्षिक योग्यता व अनुभव आदि फीड करने के बाद डीआईओएस द्वारा अभिलेखों का सत्यापन होने से तथ्यों की हेराफेरी पकड़ में आ सकेगी।



यूपी बोर्ड परीक्षा में ऑनलाइन लगेगी कक्ष निरीक्षकों की ड्यूटी UP BOARD ONLINE DUTY


यूपी बोर्ड की हाई स्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा में इस बार कक्ष निरीक्षकों की ड्यूटी आनलाइन लगेंगी। इसके लिए विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को ब्यौरा बीस फरवरी तक आनलाइन भरने के लिए कहा गया है।


उप्र माध्यमिक शिक्षा परिषद की हाई स्कूल व इंटर की परीक्षा  को सकुशल सम्पन्न कराने के लिए कक्ष निरीक्षको की सूची फाइनल कराने में लगी है। केन्द्रो पर परीक्षार्थियों की संख्या के आधार पर कक्ष निरीक्षकों को ड्यूटी लगाई जायेगी। इसके पहले परीक्षा केन्द्रो प्रधानाचार्य कक्ष निरीक्षकों की ड्यूटी लगाये जाते थे। लेकिन इस ऐसा नही होगा। 


अब बोर्ड अपने स्तर से ही शिक्षकों की आनलाइन शिक्षको की ड्यूटी लगाई जायेगी।  इस बार परीक्षा केन्द्रो पर कक्ष निरीक्षकों की तैनाती बोर्ड की तरफ से होगी। इसके लिए प्रधानाचार्यो को शिक्षकों का ब्यौरा आनलाइन 20 फरवरी तक फीड कराने को कहा है।