
Wednesday, February 24, 2021

Saturday, October 26, 2019
Monday, September 2, 2019
Friday, April 5, 2019
Tuesday, July 24, 2018

महराजगंज : प्रेरकों ने 40 माह से बकाया मानदेय के भुगतान की मांग को लेकर सौंपा ज्ञापन, विभागीय अधिकारियों पर शासन को सूचना समय से प्रेषित नहीं करने का लगाया आरोप
Monday, July 9, 2018

मुरादाबाद : प्रेरकों का मानदेय नहीं मिलने से प्रौढ़ शिक्षा अभियान पर ब्रेक, साक्षरता मिशन के लक्ष्य 85 के सापेक्ष 72 फीसद है साक्षरता दर
जागरण संवाददाता, मुरादाबाद: प्रौढ़ शिक्षा का मकसद उन प्रौढ़ व्यक्तियों को शैक्षिक विकल्प देना है, जिन्होंने यह अवसर गंवा दिया और वे शिक्षा ग्रहण करने की आयु को पार कर चुके हैं। मुरादाबाद व सम्भल की 2013 में 960 ग्राम पंचायतों में लोक शिक्षा केंद्र (प्रौढ़ शिक्षा केंद्र) खोले गए थे लेकिन राष्ट्रीय साक्षरता मिशन केंद्र 31 मार्च 2018 को बंद होने के कारण ये भी अस्तित्व में नहीं रहे। दरअसल ये केंद्र नाम के लिए खोले गए। प्रेरकों को पिछले चार साल से मानदेय नहीं मिला। इसी महीने से अब राष्ट्रीय साक्षरता मिशन की जगह पढ़ो और पढ़ाओ योजना शुरू होने जा रही है। पिछले पांच सालों में साक्षरता की बात करें तो इन पांच सालों में साक्षरता दर पांच फीसद ही बढ़ी।
राष्ट्रीय साक्षरता मिशन का लक्ष्य 85 फीसद है। मुरादाबाद में करीब 72 फीसद पुरुष और 65 फीसद महिलाएं ही साक्षर हैं। पुरुष और महिलाओं की साक्षरता दर में दस फीसद का अंतर साक्षरता मिशन प्राधिकरण के अनुसार होनी चाहिए मौजूद साक्षरता में अंतर 10 फीसद से कम है लेकिन देश की कुल साक्षरता दर 85 फीसद से हम पीछे हैं। 14 वर्ष से ज्यादा की आयु वाले जो पढ़ना-लिखना नहीं जानते, उनको साक्षर करने में सरकारें जुटी हुईं हैं लेकिन यह महत्वपूर्ण योजना बजट न मिलने से परवान नहीं चढ़ पाई। अभी पुरुष की अपेक्षा महिलाओं की साक्षरता दर कम है। महिलाओं में साक्षरता दर वर्ष 2001 में 64.84 फीसद से बढ़कर 2011 में 72.98 फीसद हो गई।
अप्रैल में कराई गई साक्षरता ही आखिरी परीक्षा : साक्षरता की आखिरी परीक्षा अप्रैल 2018 में हुई। इसका परिणाम अभी लंबित है। कुंदरकी व सम्भल के ही कुछ ब्लाक के परिणाम की सीडी आई है।
इसमें कक्षा तीन स्तर की परीक्षा हुई थी। कक्षा तीन पास करने के बाद कक्षा पांच की पढ़ाई होती और इसकी परीक्षा पास करने पर कक्षा आठ की पढ़ाई करनी पड़ती है। इसमें 40 फीसद अंक पाने वालों को सी ग्रेड मिलता है।
साक्षरता दर जिस तेजी से बढ़नी चाहिए थी वह नहीं बढ़ सकी। पिछले चार सालों से प्रेरकों का मानदेय नहीं मिला, इससे राष्ट्रीय साक्षरता मिशन कार्यक्रम प्रभावित हुआ है। -अशोक गुप्ता, वरिष्ठ जिला समन्वयक, साक्षरता मिशन कार्यक्रम
Sunday, June 10, 2018

शिक्षा प्रेरकों ने ईको गार्डन स्थल पर लगाया पकौड़ा कॉर्नर, ब्रेड पकौड़े बेचकर जताया विरोध, लगाएं नारे : 'मोदी-योगी आओ, पकौड़े खाओ'
• एनबीटी, लखनऊ : आदर्श लोक शिक्षा प्रेरक वेलफेयर असोसिएशन ने शनिवार को ईको गार्डन स्थल पर प्रदेश अध्यक्ष सतेन्द्र यादव की अगुआई में ब्रेड पकौड़ा बनाकर बेचा। यहां प्रेरकों ने 'राजनाथ सिंह वादा निभाओ', 'कौशल किशोर वादा निभाओ', 'मोदी आओ पकौड़े खाओ', 'योगी जी आओ पकौड़ी खाओ' के नारे भी लगाए। ईको गार्डन में प्रेरक पकौड़ा कॉर्नर पर दस रुपये में पचास से अधिक पकौड़े दिए गए।
यादव ने बताया कि सोमवार से शुरू हुए प्रदर्शन की शासन कोई सुध नहीं ले रहा है, वहीं दूसरी ओर प्रदर्शनकारी गर्मी और बारिश में भी डटे हुए हैं। उनकी मांग है कि 31 मार्च 2018 के बाद समाप्त हुई योजना को नियमित रूप से चलाने के लिए पंचवर्षीय योजना में विस्तार किया जाए। साथ ही अवशेष मानदेय 665 करोड़ रुपये का एक मुश्त भुगतान किया जाए। प्रशिक्षित एवं टैट क्वालिफाइड शिक्षा प्रेरकों को परिषदीय विद्यालय में शिक्षणेत्तर कर्मचारी के पद पर समायोजित किया जाए। समायोजन न होने पाने तक मासिक मानदेय दो हजार रुपये से बढ़ाकर श्रम मंत्रालय द्वारा निर्धारित न्यूनतम मानदेय दिया जाए।
Monday, April 2, 2018
Sunday, March 25, 2018

महराजगंज : 30 माह से बकाया मानदेय भुगतान के सम्बन्ध में प्रेरकों ने बैठक कर 25 मार्च से होने वाली साक्षरता परीक्षा के बहिष्कार करने का लिया निर्णय
Saturday, March 24, 2018
Tuesday, March 13, 2018
Friday, March 9, 2018
Wednesday, January 31, 2018

उत्तराखण्ड : शिक्षा प्रेरकों के रोजगार पर कैंची, बंद की केंद्रपोषित ‘साक्षर भारत कार्यक्रम’ योजना, एक जनवरी से योजना समाप्त
देहरादून : राज्य में 5155 शिक्षा प्रेरकों के रोजगार पर कैंची चल गई है। केंद्र सरकार से शिक्षा प्रेरकों के 19 माह के बकाया मानदेय की 17.52 करोड़ राशि का भुगतान नहीं होने पर राज्य सरकार ने यह कदम उठाया है। केंद्र सरकार के सहयोग से संचालित साक्षर भारत कार्यक्रम योजना को बीती एक जनवरी से समाप्त करने के आदेश सरकार ने जारी किए हैं।
राज्य के छह जिलों बागेश्वर, चंपावत, हरिद्वार, टिहरी, ऊधमसिंह नगर और उत्तरकाशी में केंद्रपोषित साक्षर भारत कार्यक्रम योजना संचालित की जा रही थी। इस योजना को केंद्र सरकार ने 31 दिसंबर, 2017 तक बढ़ाया। हालांकि योजना अवधि बढ़ाने के बावजूद केंद्र की ओर से उक्त योजना के तहत राज्य में कार्यरत शिक्षा प्रेरकों के मानदेय का लंबे अरसे से भुगतान नहीं किया गया है। शिक्षा प्रेरकों को बतौर मानदेय तीन हजार रुपये स्वीकृत हैं। इनमें दो हजार रुपये केंद्र सरकार और एक हजार रुपये राज्य सरकार की ओर से दिए जा रहे हैं।
केंद्र सरकार पर जून, 2016 से सितंबर, 2017 यानी कुल 16 माह की अवधि तक शिक्षा प्रेरकों के मानदेय की 16.49 करोड़ की राशि बकाया है। बीते दिसंबर तक कुल तीन माह की विस्तारित अवधि की मानदेय राशि का तकरीबन 1.03 करोड़ राशि और केंद्र पर बकाया है। शिक्षा प्रेरकों की ओर से निरंतर मानदेय के भुगतान की मांग की जा रही है। राज्य सरकार इतना बड़ा आर्थिक बोझ उठाने में खुद को समर्थ नहीं पा रही है। वहीं केंद्र सरकार की ओर से उक्त योजना को आगे भी जारी रखने और बकाया मानदेय पर चुप्पी साधे जाने के चलते राज्य सरकार ने उक्त योजना को एक जनवरी, 2018 से समाप्त कर दी है। इस संबंध में शिक्षा सचिव डॉ भूपिंदर कौर औलख ने आदेश जारी किए हैं। राज्य सरकार के इस फैसले से 5155 शिक्षा प्रेरक रोजगार से वंचित हो गए हैं।
Tuesday, January 9, 2018
Saturday, December 30, 2017
Thursday, December 28, 2017
Friday, December 15, 2017
Saturday, November 4, 2017
