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Tuesday, October 3, 2023

परिषदीय विद्यालयों में अनुचरों की तैनाती अधर में पड़ी

परिषदीय विद्यालयों में अनुचरों की तैनाती अधर में पड़ी


परिषदीय विद्यालयों में अनुचर की तैनाती अब तक नहीं की जा सकी है। करीब दो वर्ष पूर्व स्कूल शिक्षा महानिदेशक ने स्कूल की सुरक्षा के मद्देनजर परिषदीय स्कूलों में अनुचर की तैनाती का प्रस्ताव शासन को भेजा था। शासन को भेजे गए प्रस्ताव में कहा गया था कि मानदेय पर स्कूलों में अनुचर की तैनाती की जाएगी जो स्कूल सम्पत्ति एवं सफाई व्यवस्था को सुनिश्चित करेगा। प्रस्ताव में अनुचरों की चयन व्यवस्था का निर्धारण भी किया गया था।


प्रदेश के परिषदीय स्कूलों में सफाई एवं सुरक्षा के लिए अनुचरों की तैनाती फिलहाल होती नहीं दिख रही है। इस समय सभी परिषदीय विद्यालयों में अनुचरों की तैनाती नहीं है। कुछ उच्च प्राथमिक स्कूलों में ही अनुचरों की तैनाती हुई जिनमें से अधिकतर मृतक आश्रित कोटे से हैं।


यही स्थिति पूरे उत्तर प्रदेश में है । इसे देखते हुए स्कूल शिक्षा महानिदेशक ने शासन को एक प्रस्ताव भेजा था जिसमें कहा गया था कि सभी स्कूलों में सफाई एवं सुरक्षा के लिए अनुचरों की तैनाती की जाएगी। प्रस्ताव में तैनाती की शर्तों व कार्यों का भी विवरण दिया गया था। जिसके मुताबिक अनुचर के लिए आवेदन करने वाले व्यक्ति को कम से कम कक्षा पांच उत्तीर्ण होना अनिवार्य होगा । विद्यालय के छात्र छात्राओं के अभिभावकों को चयन में वरीयता दी जानी थी।

प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों का एकल स्थानांतरण पांच की बजाय अब तीन साल में

प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों का एकल स्थानांतरण पांच की बजाय अब तीन साल में 


प्रयागराज : प्रदेश के 331 अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों का एकल स्थानांतरण पांच की बजाय अब तीन साल में होगा। नियमावली में बदलाव की तैयारी शुरू हो गई है। शासन के संयुक्त सचिव प्रेम कुमार पांडेय ने उच्च शिक्षा निदेशक प्रो. ब्रह्मदेव से नए सिरे से स्थानांतरण नियमावली का प्रस्ताव मांगा है।


शासन ने निदेशक से नवगठित शिक्षा सेवा चयन आयोग की धारा 27 की शक्ति का प्रयोग करते हुए चयनित शिक्षकों के लिए आसन (पदस्थापन) व्यवस्था और कार्यरत शिक्षकों के एकल स्थानांतरण नियमावली दोनों को सम्मिलित करते हुए एकीकृत नियमावली का प्रस्ताव हिन्दी व अंग्रेजी में तैयार कर मांगा है।


 कैबिनेट से 23 अगस्त 2023 को उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग अधिनियम 2023 पास होने के बाद उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग अधिनियम 1980 निरस्त हो गया है।

अब बायोमीट्रिक हाजिरी के बिना नहीं मिलेगी छात्रवृत्ति, चरणबद्ध तरीके से कॉलेजों को इसे लागू करना होगा

अब बायोमीट्रिक हाजिरी के बिना नहीं मिलेगी छात्रवृत्ति, चरणबद्ध तरीके से कॉलेजों को इसे लागू करना होगा


लखनऊ ।  राज्य सरकार छात्रवृत्ति के नाम पर होने वाले फर्जीवाड़े को रोकने के लिए आधार आधारित बायोमेट्रिक उपस्थिति अनिवार्य करने जा रही है। अगले साल से सभी स्कूल और कॉलेजों में इसे अनिवार्य रूप से लागू करने की तैयारी है। समाज कल्याण विभाग इस संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जल्द जारी करने जा रहा है।


समाज कल्याण विभाग के एक अधिकारी ने सोमवार को बताया कि राज्य सरकार पात्र छात्रों को हर संभव सुविधा देना चाहती है इसीलिए छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए बायोमेट्रिक उपस्थिति की व्यवस्था की जा रही है। इसे चरणबद्ध तरीके से लागू  करने के लिए दो साल का समय दिया गया है। इसे लागू करने के लिए समय सारिणी जारी कर दी गई है।


राज्य सरकार हर साल करीब 50 लाख छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति प्रदान करती है। दशमोत्तर कक्षा 11 से ऊपर) छात्रवृत्ति पाने के लिए समाज कल्याण विभाग ने कक्षाओं में विद्यार्थियों की 75 प्रतिशत से अधिक उपस्थिति अनिवार्य है। इससे कम उपस्थिति पर छात्रवृत्ति का लाभ नहीं मिलता है। पहले चरण में सभी बड़े सरकारी व निजी विश्वविद्यालयों में यह व्यवस्था लागू होगी।




कक्षा 9 - 10 के एससी-एसटी छात्रों को मिलेगी 3500 रुपये सालाना छात्रवृत्ति, सरकार ने 500 रुपये बढ़ाई छात्रवृत्ति, 31 मार्च तक करें आवेदन

स्वच्छता कार्यों से जुड़े परिवारों के बच्चों को भी मिलेगी सहायता

हाईस्कूल के एससी-एसटी छात्रों को अब 3500 रुपये सालाना छात्रवृत्ति

नई नियमावली को मंजूरी, कक्षा-9 व 10 में लाभ के लिए आयुसीमा भी लागू

अब तक था 3000 रुपये सालाना वजीफा, अस्वच्छ पेशे वालों के बच्चे भी दायरे में



लखनऊ : प्रदेश में अनुसूचित जाति व जनजाति के कक्षा 9 व 10 के विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति अब 3000 रुपये से बढ़ाकर 3500 रुपये सालाना कर दी गई है। इन छात्रों को लाभ देने के लिए आयुसीमा भी 12-20 वर्ष तक निर्धारित कर दी गई है। वहीं, दशमोत्तर कक्षाओं (दस से ऊपर) में योजना का लाभ लेने के लिए छात्र तभी पात्र माने जाएंगे, जब पिछली कक्षा में उनके न्यूनतम 50 फीसदी अंक हों। 


राज्य सरकार ने छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति योजना की नई नियमावली को मंजूरी दे दी है। केंद्र सरकार कक्षा 9 व 10 में एससी- एसटी छात्रों की छात्रवृत्ति पहले ही बढ़ाकर 3500 रुपये सालाना कर चुकी है। उन्हीं दरों को यूपी ने भी स्वीकार कर लिया गया है। पहली बार एससी-एसटी छात्रों के साथ अस्वच्छ पेशे में शामिल रहे परिवारों के छात्रों को भी एक श्रेणी के तहत इस लाभ के दायरे में लाया गया है। योजना का लाभ हर वर्ष करीब 50 लाख से ज्यादा छात्र पाते हैं। 

दशमोत्तर कक्षाओं में 40 साल से अधिक आयु के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति और शुल्क भरपाई योजना का लाभ नहीं मिलेगा। हालांकि, यह आयुसीमा शोध छात्रों पर लागू नहीं होगी। कोई भी अकादमिक पाठ्यक्रम (बीए, बीएससी, बीकॉम) बीच में छोड़कर उसी के समकक्ष दूसरे व्यावसायिक पाठ्यक्रम (बीटेक, एमबीबीएस आदि) में दाखिला लेने पर योजना का लाभ दिया जाएगा, बशर्ते दूसरे पाठ्यक्रम में वैधानिक प्रवेश परीक्षा के जरिये दाखिला लिया हो अब तक दूसरे पाठ्यक्रम में दाखिला लेने पर पहले वर्ष में लाभ नहीं मिलता था।

मैनेजमेंट कोटे वालों को नहीं मिलेगा लाभ

प्रवेश परीक्षा के बिना मैनेजमेंट कोटे में दाखिला लेने वालों को छात्रवृत्ति या शुल्क भरपाई नहीं होगी। बायोमीट्रिक हाजिरी की व्यवस्था को चरणबद्ध ढंग से लागू किया जाएगा। यह व्यवस्था वर्ष 2025 से अनिवार्य की जाएगी।

नई शिक्षक भर्ती का विज्ञापन जारी कराने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन

नई शिक्षक भर्ती का विज्ञापन जारी कराने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन


🆕 अपडेट @ 02 अक्टूबर 2023
प्रयागराज। नई शिक्षक भर्ती का विज्ञापन जारी किए जाने की मांग को लेकर सोमवार को पत्थर गिरजा घर स्थित धरना स्थल पर अभ्यर्थियों ने धरना प्रदर्शन किया। अभ्यर्थियों का कहना था कि प्राथमिक शिक्षक के 1.26 लाख पद रिक्त होने के बाद भी बेसिक विभाग की ओर से कोई भी रिक्त पदों का डाटा सरकार को मुहैया नहीं कराया जा रहा है। इसमें डीएलएड प्रशिक्षण पूर्ण किए 8 लाख से ज्यादा प्रशिक्षित 5 वर्षों से प्राथमिक शिक्षक भर्ती की राह देख रहे हैं। राज्यसभा में भी सदस्य द्वारा शिक्षकों के रिक्त पदों का उत्तर मांगा गया था।


डीएलएड बीटीसी संयुक्त प्रशिक्षित मोर्चा के अध्यक्ष विनोद पटेल ने बताया कि प्रदेश सरकार 69 हजार शिक्षक भर्ती कट ऑफ प्रकरण पर 51 हजार 112 अगली शिक्षक भर्ती देने का हलफनामा लगाया था, लेकिन पांच वर्ष के लंबे अंतराल के बाद भी बेसिक विभाग भर्ती नहीं कर रहा है। प्रदर्शन में रजत सिंह यादव, लकी पाल, शिवम सिंह, विशू यादव, हर्षित शर्मा, ज्ञानेंद्र वर्मा मौजूद रहे। संवाद



01 अक्टूबर 2023
डीएलएड प्रशिक्षितों ने मांगी प्राथमिक शिक्षक भर्ती

 प्रयागराज ।  प्रदेश में प्राथमिक शिक्षक के 1.26 लाख पद रिक्त होने के बाद भी बेसिक विभाग से रिक्त पदों का विवरण सरकार को मुहैया नहीं कराने से डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजूकेशन (डीएलएड) प्रशिक्षितों में नाराजगी है।


 डीएलएड प्रशिक्षण पूरा करने वाले आठ लाख से ज्यादा प्रशिक्षित पांच वर्ष से प्राथमिक शिक्षक भर्ती की राह देख रहे हैं, लेकिन 2018 की 69000 शिक्षक भर्ती के बाद कोई भर्ती नहीं आई। डीएलएड प्रशिक्षित मोर्चा के अध्यक्ष रजत सिंह की ओर मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर बताया गया है कि प्राथमिक शिक्षक भर्ती की मांग के लिए दो अक्टूबर को प्रयागराज में धरना दिया जाएगा।


कुछ प्रतियोगियों ने शिक्षामित्रों और अनुदेशकों को सहायक अध्यापक की तरह मानकर शिक्षक छात्र अनुपात मानक के अनुरूप बताने के बेसिक शिक्षा मंत्री के जवाब को गलत बताया है।


नई शिक्षक भर्ती के लिए सीएम को लिखा पत्र

प्रयागराज । प्रदेश में प्राथमिक शिक्षक के 1.26 लाख पद रिक्त होने के बाद भी बेसिक विभाग की ओर से कोई भी रिक्त पदों का डाटा सरकार को मुहैया नहीं कराया जा रहा है। इसमें डीएलएड प्रशिक्षण पूर्ण किए आठ लाख से द्वि प्रशिक्षित पांच वर्षों से प्राथमिक शिक्षक भर्ती की राह देख रहे हैं।


राज्यसभा में भी सदस्य द्वारा शिक्षकों के रिक्त पदों का डाटा मांगा गया था। डीएलएड संयुक्त प्रशिक्षित मोर्चा के अध्यक्ष रजत सिंह ने बताया कि प्रदेश सरकार 69 हजार शिक्षक भर्ती कटऑफ़ प्रकरण पर 51 हजार 112 अगली शिक्षक भर्ती देने का हलफ़नामा लगाया था, लेकिन पांच वर्ष के लंबे अंतराल के बाद भी बेसिक विभाग भर्ती नहीं कर रहा है। इसको लेकर प्रशिक्षित मानसिक तनाव से जूझ रहे हैं और उसी के संबंध में सीएम को पत्र लिखने के साथ दो अक्तूबर को धरना- प्रदर्शन होगा।

Monday, October 2, 2023

आज से बदल जाएगा परिषदीय विद्यालयों का समय

आज से बदल जाएगा परिषदीय विद्यालयों का समय


प्रदेश के सभी परिषदीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों के खुलने और बंद होने का समय अब बदल जाएगा।  हर साल एक अक्टूबर से यह बदलाव होता है। ठंड और गर्मी के मौसम में स्कूलों के खुलने और बंद होने के साथ ही भोजनावकाश का समय भी बदल जाता है। 


एक अप्रैल से 30 सितंबर तक स्कूलों की टाइमिंग सुबह आठ से अपराह्न दो बजे तक रहती है। एक अक्तूबर से 31 मार्च तक सुबह नौ बजे  से दोपहर तीन बजे तक स्कूलों का संचालन होता है। 


स्कूल खुलने के बाद 15 मिनट में प्रार्थना सभा व योगाभ्यास होता है। गर्मी में सुबह 10:30 से 11 बजे तक जबकि जाड़े में 12 से 12:30 बजे तक भोजन अवकाश होता है।

पेंशन शंखनाद रैली : पुरानी पेंशन की मांग पर कर्मियों ने रामलीला मैदान में भरी हुंकार, 'वोट की चोट' के लिए तैयार

पेंशन शंखनाद रैली : पुरानी पेंशन की मांग पर कर्मियों ने रामलीला मैदान में भरी हुंकार, 'वोट की चोट' के लिए तैयार

पेंशन शंखनाद रैली : देखें प्रिंट मीडिया की रिपोर्ट और कवरेज 


एनपीएस में कर्मियों जो पेंशन मिल रही है, उतनी तो बुढ़ापा पेंशन ही है। एनपीएस स्कीम में शामिल कर्मी, 18 साल बाद रिटायर हो रहे हैं, उन्हें क्या मिला है। एक कर्मी को एनपीएस में 2417 रुपये मासिक पेंशन मिली है, दूसरे को 2506 रुपये और तीसरे कर्मी को 49 सौ रुपये प्रतिमाह की पेंशन मिली है।



पुरानी पेंशन बहाली के लिए देशभर से आए लाखों कर्मियों ने रविवार को दिल्ली के रामलीला मैदान में हुंकार भरी है। केंद्र और राज्य सरकारों के कर्मचारी संगठनों के नेताओं ने 'पेंशन शंखनाद महारैली' में कहा, अगर सरकार अपनी जिद नहीं छोड़ती है तो 'वोट की चोट' के आधार पर 'पुरानी पेंशन' बहाल कराएंगे। सरकारी कर्मियों, पेंशनरों और उनके रिश्तेदारों को मिलाकर यह संख्या दस करोड़ के पार चली जाती है। 


चुनाव में बड़ा उलटफेर करने के लिए यह संख्या निर्णायक साबित होगी। इस रैली में केंद्र एवं राज्यों के कर्मचारी संगठनों ने भाग लिया। हालांकि रैली का आयोजन नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम (एनएमओपीएस) के बैनर तले हुआ है। एनएमओपीएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बंधु ने कहा कि पुरानी पेंशन, कर्मियों का अधिकार है। वे इसे लेकर ही रहेंगे। दिल्ली का रामलीला मैदान, सरकारी कर्मियों से खचाखच भरा हुआ था। 


दो-तीन दिन पहले ही दिल्ली पहुंचने लगे थे कर्मचारी

बता दें कि इस रैली की तैयारियां, करीब एक वर्ष से जा रही थी। कई राज्यों के कर्मचारी दो-तीन दिन पहले ही दिल्ली पहुंच गए थे। रेल, बस और दूसरे वाहनों में बैठकर कर्मचारी दिल्ली पहुंचे हैं। अनेक कर्मियों को रेल की तत्काल टिकट लेनी पड़ी। रविवार सुबह 11 बजे रामलीला मैदान पूरी तरह भर चुका था। रामलीला मैदान के चारों तरफ की सड़कों पर कर्मियों के जत्थे चल रहे थे। कर्मियों के द्वारा 'पेंशन' का नारा लगाया जा रहा था।


 इससे पहले केंद्रीय कर्मचारी संगठनों ने 10 अगस्त को रामलीला मैदान में एक विशाल रैली आयोजित की थी। अब नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम (एनएमओपीएस) द्वारा पेंशन शंखनाद महारैली आयोजित की गई है। विजय कुमार बंधु ने रैली की सफलता के लिए विभिन्न राज्यों का दौरा किया था। बंधु ने कहा, 'पुरानी पेंशन' बहाली का मुद्दा, अब जीवन मरण का प्रश्न बन चुका है। जब पांच राज्यों में पुरानी पेंशन बहाल हो सकती है तो पूरे देश में क्यों नहीं।


 देश की आंतरिक और सीमा की सुरक्षा में तैनात सीएपीएफ जवानों को भी पुरानी पेंशन से वंचित रखा जा रहा है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को भारत संघ के शस्त्र बल मानते हुए उन्हें पुरानी पेन्शन का फायदा देने का फैसला सुनाया था। केंद्र सरकार ने उसे लागू करने की बजाए सुप्रीम कोर्ट में स्थगन आदेश ले लिया।


एनपीएस में रिटायर्ड कर्मियों को मिली इतनी पेंशन

एनपीएस में कर्मियों जो पेंशन मिल रही है, उतनी तो बुढ़ापा पेंशन ही है। एनपीएस स्कीम में शामिल कर्मी, 18 साल बाद रिटायर हो रहे हैं, उन्हें क्या मिला है। एक कर्मी को एनपीएस में 2417 रुपये मासिक पेंशन मिली है, दूसरे को 2506 रुपये और तीसरे कर्मी को 49 सौ रुपये प्रतिमाह की पेंशन मिली है। अगर यही कर्मचारी पुरानी पेंशन व्यवस्था के दायरे में होते तो उन्हें प्रतिमाह क्रमश: 15250 रुपये, 17150 रुपये और 28450 रुपये मिलते। 

एनपीएस में कर्मियों द्वारा हर माह अपने वेतन का दस प्रतिशत शेयर डालने के बाद भी उन्हें रिटायरमेंट पर मामूली सी पेंशन मिलती है। इस शेयर को 14 या 24 प्रतिशत तक बढ़ाने का कोई फायदा नहीं होगा। एआईडीईएफ के महासचिव सी.श्रीकुमार के मुताबिक, एनपीएस में पुरानी पेंशन व्यवस्था की तरह महंगाई राहत का भी कोई प्रावधान नहीं है। जो कर्मचारी पुरानी पेंशन व्यवस्था के दायरे में आते हैं, उन्हें महंगाई राहत के तौर पर आर्थिक फायदा मिलता है। एनपीएस में सामाजिक सुरक्षा की गारंटी भी नहीं रही। रिटायरमेंट के बाद सरकारी कर्मियों को जानबूझकर कष्टों में धकेला जा रहा है।

परिभाषित एवं गारंटी वाली 'ओपीएस' बहाली

एनएमओपीएस की महाराष्ट्र इकाई के सोशल मीडिया इंचार्ज, विनायक चौथे ने कहा, दिल्ली के रामलीला मैदान में देश के कौने कौने से सरकारी कर्मचारी पहुंचे हैं। ओपीएस की मांग को लेकर अभी तक की यह सबसे बड़ी रैली है। यह विशाल रैली, केवल पुरानी पेंशन बहाली के लिए है। केंद्र सरकार ने जो कमेटी गठित की है, उसमें ओपीएस का तो कहीं पर जिक्र ही नहीं है। वह तो एनपीएस में सुधार के लिए है, जबकि कर्मचारी पहले ही कह चुके हैं कि उन्हें ओपीएस से कम कुछ भी मंजूर नहीं है। सरकारी कर्मियों का केवल एक ही मकसद है, बिना गारंटी वाली 'एनपीएस' योजना को खत्म किया जाए और परिभाषित एवं गारंटी वाली 'पुरानी पेंशन योजना' को बहाल किया जाए। ओपीएस में हर दस साल में वेतन और पेंशन रिवाइज होते हैं। नया वेतन आयोग, अपनी सिफारिशें देता है। ये सब बातें एनपीएस में शामिल नहीं हैं।  

भाजपा को उठाना पड़ सकता है सियासी नुकसान

ओपीएस के लिए गठित नेशनल ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्शन (एनजेसीए) की संचालन समिति के राष्ट्रीय संयोजक एवं स्टाफ साइड की राष्ट्रीय परिषद 'जेसीएम' के सचिव शिवगोपाल मिश्रा ने कहा था, लोकसभा चुनाव से पहले पुरानी पेंशन लागू नहीं होती है तो भाजपा को उसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। कर्मियों, पेंशनरों और उनके रिश्तेदारों को मिलाकर यह संख्या दस करोड़ के पार चली जाती है। चुनाव में बड़ा उलटफेर करने के लिए यह संख्या निर्णायक है। 

केंद्र के सभी मंत्रालय/विभाग, रक्षा कर्मी (सिविल), रेलवे, बैंक, डाक, प्राइमरी, सेकेंडरी, कालेज एवं यूनिवर्सिटी टीचर, दूसरे विभागों एवं विभिन्न निगमों और स्वायत्तशासी संगठनों के कर्मचारी, ओपीएस पर एक साथ आंदोलन कर रहे हैं। केंद्र सरकार द्वारा एनपीएस में चाहे जो भी सुधार किया जाए, कर्मियों को वह मंजूर नहीं है। कर्मियों का केवल एक ही मकसद 'पुरानी पेंशन योजना' को बहाल कराना है।  


पेंशन न तो एक इनाम है और न ही अनुग्रह

भारत के सर्वोच्च न्यायालय की पांच सदस्यीय पीठ, जिसमें मुख्य न्यायाधीश बीडी चंद्रचूड, जस्टिस बीडी तुलजापुरकर, जस्टिस ओ. चिन्नप्पा रेड्डी एवं जस्टिस बहारुल इस्लाम शामिल थे, के द्वारा भारत के संविधान के अनुच्छेद 32 के अंतर्गत रिट पिटीशन संख्या 5939 से 5941, जिसको डीएस नाकरा एवं अन्य बनाम भारत गणराज्य के नाम से जाना जाता है, में दिनांक 17 दिसंबर 1981 को दिए गए प्रसिद्ध निर्णय का उल्लेख करना आवश्यक है। इसके पैरा 31 में कहा गया है, चर्चा से तीन बातें सामने आती हैं। एक, पेंशन न तो एक इनाम है और न ही अनुग्रह की बात है जो कि नियोक्ता की इच्छा पर निर्भर हो। यह 1972 के नियमों के अधीन, एक निहित अधिकार है जो प्रकृति में वैधानिक है, क्योंकि उन्हें भारतीय संविधान के अनुच्छेद 148 के खंड '50' का प्रयोग करते हुए अधिनियमित किया गया है। पेंशन, अनुग्रह राशि का भुगतान नहीं है, बल्कि यह पूर्व सेवा के लिए भुगतान है। यह उन लोगों के लिए सामाजिक, आर्थिक न्याय प्रदान करने वाला एक सामाजिक कल्याणकारी उपाय है, जिन्होंने अपने जीवन के सुनहरे दिनों में, नियोक्ता के इस आश्वासन पर लगातार कड़ी मेहनत की है कि उनके बुढ़ापे में उन्हें ठोकरें खाने के लिए नहीं छोड़ दिया जाएगा।


भीड़ अपनी चरम पर देखें फोटो वीडियो 






Sunday, October 1, 2023

उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय में 20 अक्तूबर तक प्रवेश

उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय में 20 अक्तूबर तक प्रवेश


प्रयागराज। उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज के सत्र जुलाई 2023- 24 के प्रवेश की अंतिम तिथि 20 अक्तूबर तक बढ़ा दी गई है।


कुलसचिव कर्नल विनय कुमार के अनुसार विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के दूरस्थ शिक्षा ब्यूरो ने जुलाई सत्र की प्रवेश तिथि 30 सितंबर से बढ़ाकर 20 अक्तूबर तक कर दी है। कुलपति प्रो. सीमा सिंह का कहना है कि प्रवेश तिथि बढ़ने से विश्वविद्यालय की छात्र संख्या में आशातीत वृद्धि होगी।

प्रवेश प्रभारी प्रोफेसर जेपी यादव ने बताया कि जुलाई सत्र में प्रवेश की शनिवार को अंतिम तिथि होनें से विश्वविद्यालय के सर्वर पर काफी दबाव बना रहा। प्रवेश कीं अंतिम तिथि बढ़ने से प्रवेशार्थियों को मौका मिला है।

स्कूली बच्चों को उम्र के अनुसार यौन शिक्षा अनिवार्य करने की विधि आयोग ने की सिफारिश

स्कूली बच्चों को उम्र के अनुसार यौन शिक्षा अनिवार्य करने की विधि आयोग ने की सिफारिश



नई दिल्ली। विधि आयोग ने बच्चों के लिए स्कूली पाठ्यक्रम में यौन शिक्षा को अनिवार्य करने की सिफारिश की है। केंद्र सरकार को भेजी रिपोर्ट में आयोग ने बच्चों को यौन उत्पीड़न और इसके विभिन्न रूपों के बारे में जानकारी देने और जागरूकता अभियान चलाने का सुझाव दिया है।


विधि आयोग के अध्यक्ष जस्टिस ऋतुराज अवस्थी की अगुवाई में तैयार रिपोर्ट में कहा गया कि बच्चों को शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक विकास के लिए जरूरी है कि उनको बाल यौन शोषण के बारे में जागरूक किया जाए।


शारीरिक-मनोवैज्ञानिक परिवर्तनों के बारे में बताएं: आयोग ने कहा है है। कि पाठ्यक्रम में बच्चों को उनके द्वारा अनुभव किए जाने वाले विभिन्न शारीरिक और मनोवैज्ञानिक परिवर्तनों के बारे में जानकारी देने की जरूरत है । आयोग ने कहा कि राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम जैसे सरकारी योजनाओं के उपयोग देश के किशोर आबादी को बाल यौन उत्पीड़न और इस विभिन्न रूपों के बारे में जानकारी देने में किया जाना चाहिए।


पॉक्सो अधिनियम में कुछ राहत का प्रस्तावः यदि किशोरों के रोमांटिक संबंधों के मामलों में पॉक्सो अधिनियम के तहत आरोपी को कुछ राहत देने की प्रास्ताव किया गया है, जैसा कि इस रिपोर्ट में सिफारिश की गई है। लिहाजा आईपीसी की धारा 376 के तहत दंडनीय धारा 375 में संशोधन के बिना यह अर्थहीन होगा ।

डीएलएड की 60,841 सीटें आवंटित, पांच अक्टूबर तक भरें विकल्प

डीएलएड की 60,841 सीटें आवंटित, पांच अक्टूबर तक भरें विकल्प

🆕 update 
प्रयागराज ।  प्राथमिक शिक्षक भर्ती के लिए अनिवार्य डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजूकेशन (डीएलएड) में प्रवेश के लिए प्रथम चरण की काउंसिलिंग में संस्थान का विकल्प चुनने का अंतिम दौर शनिवार से शुरू हो गया। इसमें स्टेट रैंक 1,50,001 से 2,40,00 रैंक तक के अभ्यर्थियों को सम्मिलित होने का मौका दिया गया है। इसके साथ ही स्टेट रैंक एक से 1,50,000 रैंक वाले जाएगा। वह अभ्यर्थी भी विकल्प भर सकेंगे, जो अब तक विकल्प नहीं भर पाए हैं या जिन्हें प्रशिक्षण संस्थान आवंटित नहीं हुआ है। अब तक तीन चक्र में कुल 2,26,350 सीटों के सापेक्ष 60,841 अभ्यर्थियों को संस्थान आवंटित किए जा चुके हैं।

उत्तर प्रदेश परीक्षा नियामक प्राधिकारी (पीएनपी) सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी के अनुसार प्रथम चरण के तीसरे चक्र की काउंसिलिंग तक जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) की कुल 10,600 सीटों के सापेक्ष 9089 अभ्यर्थियों को सीट आवंटित की जा चुकी है। इसके अलावा निजी संस्थानों में 51,752 अभ्यर्थियों को सीटों का आवंटन हो चुका है। शेष बची सीटों के लिए अभ्यर्थी पांच अक्टूबर तक विकल्प आनलाइन भर सकेंगे, जिन्हें छह अक्टूबर को संस्थान आवंटित किया

इस तरह चौथे चक्र तक जिन अभ्यर्थियों को संस्थान आवंटित कर दिया जाएगा, वह सभी आवंटित संस्थान में 15 अक्टूबर तक अभिलेखों की जांच कराने के साथ प्रवेश प्रक्रिया पूर्ण करा सकेंगे। प्रवेश की प्रक्रिया 25 सितंबर से शुरू है। इस तरह प्रशिक्षण संस्थान द्वारा प्रवेश लेने वाले अभ्यर्थियों की आनलाइन रिपोर्ट updeled.gov.in पर 17 अक्टूबर तक लाक की जा सकेगी।



डीएलएड प्रशिक्षण 2023 में प्रवेश के लिए  तीसरे राउंड में 28517 को कॉलेज आवंटित


🆕 update 
प्रयागराज : डीएलएड प्रशिक्षण 2023 में प्रवेश के लिए तीसरे राउंड का कॉलेज आवंटन शनिवार को जारी हो गया। एक से 1.5 लाख तक की रैंक वाले 29890 अभ्यर्थियों ने कॉलेज का विकल्प दिया था।


 इनमें से 28517 अभ्यर्थियों को कॉलेज आवंटित किया और 1373 के आवेदन निरस्त कर दिए गए। प्रथम चरण के तीन राउंड में अब तक जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) की 9089 व निजी कॉलेजों की 51752 कुल 60841 सीटें आवंटित हो चुकी हैं। दूसरे राउंड में 22685 व पहले राउंड में 9639 सीटें आवंटित हुई थीं।


22 सितंबर 2023
पहले चरण में डीएलएड में 9639 ने लिया प्रवेश, दूसरे चरण की काउंसिलिंग शुरू

प्रयागराज ।  डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजूकेशन (डीएलएड)- 2023 में प्रवेश के लिए प्रथम चरण की काउंसिलिंग बुधवार को पूरी हो गई थी। गुरुवार को 9639 अभ्यर्थियों को उनके भरे गए विकल्प के क्रम में कालेज आवंटित कर दिया गया है। अब संबंधित कालेज में वे प्रवेश ले सकते हैं।

 ये अभ्यर्थी एक से 20 हजार तक की रैक के हैं। इनकी काउंसिलिंग 18 सितंबर से शुरू हुई थी। इस दौरान 10,088 अभ्यर्थियों ने कालेज का विकल्प भरा था। इसमें से 449 अभ्यर्थियों का पंजीकरण निरस्त कर दिया गया है। प्रथम चरण की काउंसिलिंग के बाद 216711 सीटें अभी खाली हैं। गुरुवार से दूसरे चरण की काउंसिलिंग शुरू हो गई है।


उत्तर प्रदेश परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी ने बताया कि दूसरे चरण की काउंसिलिंग 24 सितंबर तक चलेगी। इसमें 20,001 से 80,000 रैंक तक के अभ्यर्थी कालेज का विकल्प भरेंगे। प्रथम काउंसिलिंग में जो हिस्सा नहीं ले सके, वे भी इसमें हिस्सा ले सकते हैं। 


25 सितंबर को इन अभ्यर्थियों को कालेज आवंटित कर दिया जाएगा। उसके बाद तीसरे चरण की काउंसिलिंग 26 से 29 सितंबर तक होगी । उसमें 80,001 से 1,50,000 रैंक तक के अभ्यर्थी भाग ले सकेंगे। फिर इनको 30 सितंबर को कालेज आवंटित किया जाएगा। 


चौथे चरण की काउंसिलिंग 30 सितंबर से पांच अक्टूबर तक होगी। उसमें 1,50,001 से 2,40,000 रैंक तक के अभ्यर्थियों को मौका दिया जाएगा। उनको छह अक्टूबर को कालेज आवंटित किया जाएगा। जिनको संस्थान आवंटित हो चुका है, वे 15 अक्टूबर तक प्रवेश प्रक्रिया पूर्ण करा लें।

अंकपत्र संशोधन पर परीक्षार्थी से सीधे बात करेगा यूपी बोर्ड

अंकपत्र संशोधन पर परीक्षार्थी से सीधे बात करेगा यूपी बोर्ड


प्रयागराज ।  हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट के अंकपत्र / प्रमाणपत्रों में त्रुटि संशोधन के प्रदेश भर में लंबित 59860 मामलों को निस्तारित कराने के बाद यूपी बोर्ड अब नए मामले भी लंबित नहीं रहने देगा।


यूपी बोर्ड के सचिव दिव्यकांत शुक्ल का मानना है कि त्रुटि में संशोधन के लिए दूर जिलों से क्षेत्रीय कार्यालय आकर विद्यार्थी व उनके अभिभावक परेशान होते हैं। इस परेशानी को खत्म करने के लिए संशोधन की प्रक्रिया आनलाइन की जा रही है, ताकि किसी को क्षेत्रीय कार्यालय न आना पड़े।


 इसके साथ ही संशोधन के लिए आवेदन करने वाले परीक्षार्थी से उनके मोबाइल नंबर पर यूपी बोर्ड से सीधे बात कर परखा जाएगा कि निस्तारण में कोई अड़चन तो नहीं आई। बोर्ड सचिव आवेदन के निस्तारण को लेकर सीधे पूछताछ भी करेंगे। महानिदेशक (डीजी) विजय किरन आनन्द ने अंकपत्र / प्रमाणपत्र के पुराने मामलों के निस्तारण के लिए बोर्ड के प्रयास की सराहना की।

स्कूल-कॉलेजों में उपद्रवी छात्रों की रुकेगी छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति, नई नियमावली में आचरण संबंधी कड़े प्रावधान

स्कूल-कॉलेजों में उपद्रवी छात्रों की रुकेगी छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति, नई नियमावली में आचरण संबंधी कड़े प्रावधान 



लखनऊ । स्कूल व कॉलेजों में अराजकता रोकने के लिए नई व्यवस्था लागू करते हुए उपद्रव करने वाले छात्रों की छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति रोकने की व्यवस्था की गई है। इस संबंध में जारी नई नियमावली में आचरण संबंधी कड़े प्रावधान किए गए हैं। संबंधित प्राधिकारियों को छात्रवृत्ति की सुविधा रद्द करने तक का अधिकार दिया गया है।


संस्थान प्रमुख अगर यह बताता है कि कोई अभ्यर्थी खुद के आचरण या चूक के कारण संतोषजनक प्रगति करने में असफल रहा है, तो उसे दुर्व्यवहार जैसे हड़ताल करने या उसमें भाग लेने या संबंधित प्राधिकारियों की अनुमति के बगैर उपस्थिति में अनियमितता आदि का दोषी पाए जाने पर छात्रवृत्ति रद्द किया जा सकता है या फिर इसे रोक है सकता है। 


अनुसूचित जाति के हाईस्कूल के छात्र-छात्राओं के माता पिता के जीवित न होने पर अगर कोई छात्रवृत्ति अभ्यर्थी की संतोषजनक संस्था या संभ्रांत व्यक्ति उन्हें पढ़ाई प्रगति व आचरण पर निर्भर करने की करवाने के उद्देश्य से गोद लेता है तो भी व्यवस्था नई नियमावली में की गई है। उन्हें छात्रवृत्ति योजना का लाभ मिलेगा।

बीएड वालों को हटाने पर अड़ गए डीएलएड प्रशिक्षु, याचियों ने सचिव बेसिक शिक्षा परिषद को दिया प्रत्यावेदन, हाईकोर्ट-सुप्रीम कोर्ट में हो चुकीं याचिकाएं

बीएडवालों को हटाने पर अड़ गए डीएलएड प्रशिक्षु, याचियों ने सचिव बेसिक शिक्षा परिषद को दिया प्रत्यावेदन, 
हाईकोर्ट-सुप्रीम कोर्ट में हो चुकीं याचिकाएं



प्रयागराज : कक्षा एक से पांच तक के स्कूलों की शिक्षक भर्ती में बीएड को मान्य करने वाली राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की 28 जून 2018 की अधिसूचना सुप्रीम कोर्ट से खारिज होने के बाद डीएलएड और बीएड अभ्यर्थियों में तल्खी बढ़ गई है। राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में संभल के बीटीसी (अब डीएलएड) 2015 बैच के प्रशिक्षु राजवसु आर्य की भी याचिका संबद्ध थी।



पिछले महीने 11 अगस्त को सर्वोच्च न्यायालय का फैसला आने के बाद राजवसु ने बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों को पत्र लिखकर बीएड चयनितों को बाहर करने की मांग की है। निदेशक एससीईआरटी लखनऊ और सचिव बेसिक शिक्षा परिषद प्रयागराज को भेजे पत्र में परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय की ओर से 69000 भर्ती के लिए पांच दिसंबर 2018 को जारी विज्ञापन रद्द करने की मांग की है। राजवसु का कहना है कि एनसीटीई ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अनुपालन करने की सूचना सभी राज्यों को भेज दी है। लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से न तो अब तक कोई अधिकारिक बयान आया और न ही कोई कार्रवाई की गई है।


हाईकोर्ट-सुप्रीम कोर्ट में हो चुकीं याचिकाएं

प्रयागराज : परिषदीय प्राथमिक स्कूलों की 69000 सहायक अध्यापक भर्ती से बीएड अभ्यर्थियों को बाहर करने की मांग को लेकर हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक याचिकाएं हो चुकी है। इस भर्ती में मामूली अंकों से वंचित डीएलएड (बीटीसी) अभ्यर्थियों ने चयनित बीएड डिग्रीधारी शिक्षकों को छह महीने का अनिवार्य ब्रिज कोर्स न करवाने को लेकर पिछले दिनों हाईकोर्ट में याचिका की थी। उससे पहले शिक्षामित्रों की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका की गई थी।

Saturday, September 30, 2023

05 अक्टूबर 2023 को आयोजित निपुण भारत मिशन शैक्षिक गुणवत्ता सेमिनार एवं एडुलीडर्स सम्मान कार्यक्रम के संबंध में 75 शिक्षकों की सूची जारी

05 अक्टूबर 2023 को आयोजित निपुण भारत मिशन शैक्षिक गुणवत्ता सेमिनार एवं एडुलीडर्स सम्मान कार्यक्रम के संबंध में 75 शिक्षकों की सूची जारी

अत्यधिक गर्मी होने के कारण प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में स्कूलों के खुलने तथा बन्द होने का समय 31 अक्टूबर तक यथावत रखे जाने के सम्बन्ध में जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ का पत्र

अत्यधिक गर्मी होने के कारण प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में स्कूलों के खुलने तथा बन्द होने का समय 31 अक्टूबर तक यथावत रखे जाने के सम्बन्ध में जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ का पत्र 


बेसिक शिक्षकों को छह साल से जिले के अन्दर तबादले का इंतजार

बेसिक शिक्षकों को छह साल से जिले के अन्दर तबादले का इंतजार

 
प्रयागराज : परिषदीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों को छह साल से जिले के अंदर तबादले का इंतजार है। शिक्षकों का पद जिले का कैडर होने के बावजूद तबादला न होने और अंतरजनपदीय स्थानान्तरण से आने वाले शिक्षकों को शहर के आसपास के स्कूलों में तैनाती मिलने से जिले में मौलिक नियुक्ति पाने वाले शिक्षकों में रोष है।


इन शिक्षकों का कहना है कि प्रदेश सरकार 2017 से अब तक तीन बार अंतरजनपदीय स्थानांतरण कर चुकी है । लेकिन छह साल में एक बार भी ओपन ट्रांसफर नहीं किया गया।


 सन 2017, 2019 और 2023 में अंतर्जनपदीय स्थानांतरण का लाभ पाने वाले कई हजार शिक्षकों ने विभिन्न जिलों में तैनाती सीधे सामान्य ब्लॉक में प्राप्त कर ली। 


जबकि जिन पुरुष शिक्षकों ने नियमानुसार जिले के अंदर पिछड़े ब्लॉक में तैनाती के पांच वर्ष तथा शिक्षिकाओं ने दो वर्ष पूरे कर लिए, उनके तबादले पर कोई विचार नहीं किया जा रहा है।

शिक्षामित्रों को जल्द मानदेय देने की मांग, अगस्त माह का मानदेय नहीं मिला और सितंबर भी बीतने वाला

शिक्षामित्रों को जल्द मानदेय देने की मांग, अगस्त माह का मानदेय नहीं मिला और सितंबर भी बीतने वाला


लखनऊ। प्रदेश के लगभग 1.37 लाख शिक्षामित्रों को अगस्त माह का मानदेय नहीं मिला और सितंबर भी बीतने को है। किंतु केंद्र से बजट न मिलने के कारण अभी तक मानदेय नहीं जारी हुआ है। वहीं जुलाई का मानदेय जिलों के बजट से दिया गया था लेकिन बस्ती, सीतापुर, बांदा आदि कई जिलों में बजट न होने से यहां जुलाई का भी मानदेय शिक्षामित्रों को नहीं मिल पाया है। 


उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के प्रदेश मंत्री कौशल कुमार सिंह ने कहा कि इस बारे में जब अधिकारियों से बात की जाती है तो वह कहते हैं कि बजट संबंधी फाइल वरिष्ठ अधिकारी के पास भेज दी गई है।



शिक्षामित्रों को दो माह से नहीं मिला मानदेय, जल्द भुगतान की उठाई मांग

उप्र बीटीसी शिक्षक संघ की बैठक में जल्द भुगतान की उठाई गई मांग


लखनऊ। प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत 1.30 लाख शिक्षामित्रों को दो माह से मानदेय नहीं मिला है। इससे उनके सामने भरण-पोषण का संकट खड़ा हो गया है। उप. बीटीसी शिक्षक संघ की प्रांतीय कार्यालय पर बृहस्पतिवार को हुई बैठक में प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव ने सरकार से मांग की कि शिक्षामित्रों के मानेदय का अविलंब भुगतान किया जाए। उन्होने बताया कि कुछ जिलों में जुलाई तो कुछ जगह अगस्त का भुगतान नहीं हुआ है, जबकि सितंबर भी समाप्त होने वाला है।


उन्होंने कहा कि नियमित शिक्षकों को एक-दो तारीख को वेतन जारी हो जाता है। लेकिन शिक्षामित्र मात्र 10 हजार रुपये पाते हैं, उनको दो-तीन महीने बाद भी भुगतान नहीं किया जा रहा है। उन्होंने जल्द मानदेय भुगतान करते हुए बिहार, राजस्थान की भांति शिक्षामित्रों को भी समायोजित करने की मांग की। 


अनिल ने कहा कि आए दिन शिक्षक निदेशालय पर जिले के अंदर पारस्परिक तबादले के लिए ज्ञापन दे रहे हैं, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हो रही है। इसे जल्द पूरा किया जाए। महामंत्री संदीप दत्त ने कहा कि विद्यालय अवधि के बाद शिक्षकों की बीआरसी की बैठकों पर रोक लगाई जाए। बैठक में विनय सिंह यादव, धर्मेंद्र यादव, अमित सिंह, अजित सिंह, श्याम सिंह, विद्या निवास, राकेश पांडेय आदि शामिल हुए।

कोटा में बढ़ती आत्महत्याओं को देखते हुए राज्य सरकार के निर्देश, टॉपर्स का बखान नहीं कर सकेंगे कोचिंग संस्थान, टेस्ट के नतीजे भी रखने होंगे गोपनीय

कोटा में बढ़ती आत्महत्याओं को देखते हुए राज्य सरकार के निर्देश, टॉपर्स का बखान नहीं कर सकेंगे कोचिंग संस्थान, टेस्ट के नतीजे भी रखने होंगे गोपनीय


जयपुर। देश के कोचिंग हब कोटा में छात्रों के आत्महत्या करने की घटनाएं बढ़ने के बीच राजस्थान सरकार ने कोचिंग संस्थानों के लिए कई दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत ये संस्थान टॉपर्स छात्रों का बखान नहीं कर सकेंगे। यही नहीं, संस्थानों को नियमित टेस्ट के नतीजे गोपनीय रखने का निर्देश भी दिया गया है। 


राज्य सरकार ने कोचिंग संस्थानों और अन्य हितधारकों के परामर्श के बाद शिक्षा सचिव भवानी सिंह | देथा की अध्यक्षता में 15 सदस्यीय समिति गठित की थी। इसके कुछ दिन बाद अब नौ पन्नों के दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इसमें इजी एग्जिट एवं हेल्पलाइन सेवाओं के अलावा 24 घंटे निगरानी व्यवस्था सुचारू रखने को भी कहा गया है। इसके अलावा संस्थानों की ओर से रिफंड पॉलिसी अपनाने पर भी जोर दिया गया।


काउंसलिंग एवं ट्रेनिंग संबंधित दिशा-निर्देश के तहत छात्रों पर मानसिक दबाव घटाने के कई उपाय सुझाए गए हैं। सरकार की ओर से जिला कलेक्टर और जिला पुलिस अधीक्षक को भी जिले के कोचिंग संस्थानों में दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। गौरतलब है कि कोटा शहर में इस साल 23 छात्रों ने आत्महत्या की है, जो अब तक की सबसे ज्यादा संख्या है। पिछले साल यह आंकड़ा 15 था।


नौवीं कक्षा से पहले प्रवेश नहीं : दिशा-निर्देशों के मुताबिक, नौंवी कक्षा से पहले छात्रों को कोचिंग संस्थानों में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। छात्रों में मानसिक दबाव दूर करने की जिम्मेदारी कोचिंग संस्थानों की होगी। इसके अलावा छात्रों को हर हफ्ते डेढ़ दिन का अवकाश देना और बच्चों और शिक्षकों का अनुपात संतुलित रखने पर भी जोर दिया गया है।

Friday, September 29, 2023

गृह जिले में तबादले के लिए दिव्यांग शिक्षकों का प्रदर्शन

गृह जिले में तबादले के लिए दिव्यांग शिक्षकों का प्रदर्शन


लखनऊ। परिषदीय विद्यालयों में तैनात दिव्यांग शिक्षकों ने गृह जिले में तैनाती की मांग को लेकर बृहस्पतिवार को प्रदर्शन किया और बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह के आवास के घेराव का प्रयास किया। मंत्री के आवास पर न होने से उनकी मुलाकात नहीं हो पाई।


शिक्षकों ने बताया कि कई ऐसे हैं जिनके पति या पत्नी दोनों दिव्यांग हैं, ऐसे में उनका तबादला जिले में किया जाए। अन्य जिले में तैनाती से दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इन शिक्षकों ने शिक्षण कार्य में छूट देने और असाध्य रोगियों से भी अधिक 25 अंक का भारांक देने की मांग की। 


शिक्षकों के प्रदर्शन की सूचना पर पुलिस पहुंची और जानकारी दी कि मंत्री आवास पर नहीं हैं। इसके बाद पुलिस ने उन्हें बस से ईको गार्डन भेज दिया। शिक्षकों ने कहा कि जल्द उनकी मांग नहीं मानी गई तो वे फिर प्रदर्शन करेंगे। प्रदर्शन में सुनील कुमार, रजनीश शुक्ला, अरुण कनौजिया, प्रमोद कुमार, मनीष कुमार, रोहित कुमार समेत कई शिक्षक शामिल हुए। 


राष्ट्रीय छात्रवृत्ति योजना के लिए आवेदन एक अक्तूबर से

राष्ट्रीय छात्रवृत्ति योजना के लिए आवेदन एक अक्तूबर से


लखनऊ। राष्ट्रीय छात्रवृत्ति योजना वर्ष 23- 24 के लिए नेशनल स्कालरशिप पोर्टल एक अक्तूबर से खोल दिया जाएगा। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने इस संबंध में सभी राज्यों को विवरण भेज दिया है। 


राष्ट्रीय मेधावी छात्रवृत्ति योजना के तहत लाभार्थियों के खाते में सीधे छात्रवृत्ति आती है। आवेदन के लिए एक अक्तूबर से पोर्टल खुलेगा। आवेदन करने की आखिरी तारीख 30 नवंबर है। 


आवेदकों का पहले चरण का सत्यापन 15 दिसंबर तक किया जाएगा। दूसरे चरण का सत्यापन 30 दिसंबर तक पूरा कर लिया जाएगा। आवेदकों का पंजीकरण आधार से ही किया जाएगा।


 18 वर्ष से कम आवेदकों के लिए भी आधार से पंजीकरण होगा। आधार न होने की स्थिति में उनके माता-पिता या वैधानिक परिजन के आधार से पंजीकरण किया जाएगा। 

Thursday, September 28, 2023

उमस और गर्मी के चलते परिषदीय विद्यालयों के समय को लेकर PSPSA का सीएम योगी को पत्र

उमस और गर्मी के चलते परिषदीय विद्यालयों के समय को लेकर PSPSA का सीएम योगी को पत्र 


निर्देश : तबादला पाए बेसिक शिक्षकों का वेतन और एरियर जल्द जारी करें

निर्देश : तबादला पाए बेसिक शिक्षकों का वेतन और एरियर जल्द जारी करें


लखनऊ। अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा दीपक कुमार ने कहा है कि एक से दूसरे जिले में तबादला पाए शिक्षकों के वेतन व एरियर का भुगतान नियमानुसार किया जाए। साथ ही निपुण भारत मिशन के लक्ष्यों को समय तय समय में पूरा करें। 


बुधवार को योजना भवन में हुई विभागीय समीक्षा बैठक में उन्होंने यह निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन कायाकल्प के अंतर्गत विद्यालयों में सभी निर्धारित मानक बिंदुओं पर आवश्यक कार्यवाही की जाए। 


विद्यालयों व शौचालयों की साफ-सफाई, विद्युत व्यवस्था, निपुण लक्ष्य एप पर आंकलन, शिक्षक संकुल, एसआरजी व एआरपी की ओर से निपुण विद्यालय की कार्यवाई तेज की जाए। 

एक नंबर से नियुक्ति से वंचित अभ्यर्थियों ने अब किया शिक्षा निदेशालय का घेराव, नियुक्ति की मांग को लेकर लगातार विभाग व अधिकारियों के चक्कर काट रहे

एक नंबर से नियुक्ति से वंचित अभ्यर्थियों ने अब किया शिक्षा निदेशालय का घेराव, नियुक्ति की मांग को लेकर लगातार विभाग व अधिकारियों के चक्कर काट रहे 



लखनऊ। 69000 शिक्षक भर्ती में एक नंबर से नियुक्ति से वंचित रह गए अभ्यर्थी लगातार विभाग व अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं। बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह के आवास के घेराव के बाद बुधवार को अभ्यर्थियों ने फिर से बेसिक शिक्षा निदेशालय का घेराव किया। प्रदर्शन कर उन्होंने एक अंक के विवाद को जल्द निस्तारित कर नियुक्ति देने की मांग उठाई।


 दोपहर में अभ्यर्थियों की महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद से वार्ता हुई। उन्होंने बताया कि अंतिम कट ऑफ गुणांक निर्धारित ना होने में एक अंक मामले में समस्या आ रही है। विभाग इस पर काम कर रहा है, अभ्यर्थी थोड़ा इंतजार करें।



शिक्षक भर्ती अभ्यर्थियों ने घेरा बेसिक शिक्षामंत्री का आवास, मिला जल्द हल निकालने का आश्वासन 




लखनऊ : प्राथमिक विद्यालयों की 69000 शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों ने मंगलवार को बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह का आवास का घेराव कर प्रदर्शन किया। एक घंटे बाद मंत्री ने अभ्यर्थियों के तीन सदस्यीय दल को वार्ता के लिए बुलाया। अन्य को पुलिस ने बस से इको गार्डन भेज दिया। मंत्री ने अभ्यर्थियों को भरोसा दिलाया जल्द ही इसका हल निकालेंगे। यह अभ्यर्थी 50 दिन से इको गार्डन में धरना दे रहे हैं।


100 अभ्यर्थी मंगलवार सुबह नौ बजे बेसिक शिक्षा मंत्री के आवास के बाहर पहुंचे। आवास के बाहर प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने नौ नवंबर 2022 को एक अंक बढ़ाते हुए मेरिट के अनुसार चयन करने का अंतिम आदेश दिया था। 11 माह बाद सरकार की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई। अभ्यर्थियों में से तीन को बुलाकर बेसिक शिक्षामंत्री ने वार्ता की।


अभ्यर्थी शिवानी शर्मा, रजनीश कुमार, शुभांशु सिंह ने बताया कि एक अंक मामले में नियुक्ति की लिखित कार्यवाही होने तक धरना प्रदर्शन जारी रहेगा। दुर्गेश शुक्ला, सूरज वर्मा, शैलेंद्र वर्मा, रॉकी सिंह, अभिषेक, कुलदीप, विजय भारती, पूजा श्रीवास्तव, शिखा तिवारी, लक्ष्मी, संध्या मिश्रा, काजोल सिन्हा, अल्का यादव सहित सैकड़ों अभ्यर्थियों ने नाराजगी जतायी।


महिला अभ्यर्थी बेहोश हुई

मंत्री आवास के बाहर प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों में से सिद्धार्थनगर निवासी एक महिला अभ्यर्थी अनीता चौधरी की तबीयत बिगड़ गई। अभ्यर्थी गर्मी से गश खाकर गिर गईं। पुलिस की मदद से महिला को सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया। प्राथमिक उपचार के बाद महिला को छुट्टी दे दी गई। अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया है कि वह घर छोड़कर 50 दिन से लखनऊ में धरना दे रहे हैं। उनकी कोई सुनवायी नहीं हो रही है।



मांग पूरी करने को लेकर 69000 शिक्षक भर्ती में एक नंबर से वंचित अभ्यर्थियों ने किया सुंदरकांड का पाठ


लखनऊ। 69000 शिक्षक भर्ती में एक अंक से नियुक्ति से वंचित रहे अभ्यर्थियों ने रविवार को सुंदरकांड का पाठ किया। साथ ही शिक्षक बनने के लिए 48 दिन से ईको गार्डेन में धरना प्रदर्शन भी जारी रखा। पाठ और प्रदर्शन में अंजनी कुमार पाण्डेय, राकेश कुमार, सूरज वर्मा, मनोज शुक्ला, स्वाति, शोभा पांडेय, अल्का, शिवानी शर्मा, अनीता चौधरी, पूजा श्रीवास्तव, शिखा, संध्या आदि शामिल रहे।



69000 शिक्षक भर्ती में एक नंबर से नियुक्ति से वंचित अभ्यर्थियों ने दी अब भूख हड़ताल की चेतावनी


🆕 अपडेट
लखनऊ। 69000 शिक्षक भर्ती परीक्षा में एक नंबर से नियुक्ति से वंचित अभ्यर्थियों में सुनवाई न होने से नाराजगी बढ़ रही है। ईको गार्डन में 47 दिन से धरना दे रहे अभ्यर्थियों ने भूख हड़ताल की चेतावनी दी है। 


उच्चतम न्यायालय के आदेश के 11 माह बाद भी संशोधित परिणाम जारी न होने से ये अभ्यर्थी नियुक्ति से वंचित हैं। मांग को लेकर इन अभ्यर्थियों ने शनिवार शाम को प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री से न्याय की 69 हजार अभ्यर्थियों ने शनिवार को प्रदर्शन कर सीएम से मांगा न्याय स्रोत संगठन गुहार लगाई। 


अभ्यर्थियों का नेतृत्व कर रहे दुर्गेश शुक्ला ने बताया कि बेसिक शिक्षा विभाग के अड़ियल रवैये से हजारों अभ्यर्थियों का भविष्य अधर में है। प्रदर्शन में सूरज वर्मा, शैलेंद्र, रॉकी सिंह, अभिषेक, कुलदीप, पूजा श्रीवास्तव समेत बड़ी संख्या में अभ्यर्थी शामिल रहे। 



41 दिन से धरना दे रहे एक नंबर से वंचित शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थी, सुनवाई न होने से धैर्य रहा टूट 


लखनऊ। प्रदेश में 69000 शिक्षक भर्ती परीक्षा में एक नंबर से नियुक्ति से वंचित अभ्यर्थियों का ईको गार्डेन में धरना रविवार को 41वें दिन भी जारी रहा।


अभ्यर्थियों ने इस दौरान विभागीय अधिकारियों के साथ-साथ उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य समेत कई को भी इस मामले में  ज्ञापन दिया, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। ऐसे में उनका धैर्य अब टूट रहा है।


 धरने में शामिल हरदोई के नवीन पटेल ने कहा कि विभागीय अधिकारियों से मिलकर कई बार सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन की मांग की गई है।


धरने में शामिल दुर्गेश शुक्ला, प्रसून दीक्षित, सूरज वर्मा, अल्का यादव, पूजा श्रीवास्तव ने एक नंबर के लिए पात्र अभ्यर्थियों की चयन सूची जारी करने की मांग की। कहा कि नियुक्ति चयन सूची जारी होने तक उनका धरना-प्रदर्शन जारी रहेगा।

परिषदीय स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति में वाराणसी शीर्ष पर, ललितपुर सबसे नीचे

परिषदीय स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति में वाराणसी शीर्ष पर, ललितपुर सबसे नीचे 



लखनऊ। प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति के मामले में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी टॉप पर है। निपुण भारत योजना के तहत मुख्य सचिव को प्रेषित सर्वे रिपोर्ट में यह तथ्य सामने आया है। वाराणसी के प्राइमरी स्कूलों में प्रतिदिन औसतन 60 प्रतिशत तक बच्चों की उपस्थिति दर्ज की गई है। वहीं ललितपुर में छात्रों की उपस्थिति सबसे खराब पाई गई है। जहां छात्रों की उपस्थिति 44 फीसदी तक ही दर्ज की गई है।



रिपोर्ट के अनुसार स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति के मामले में वाराणसी के बाद सुलतानपुर दूसरे नम्बर पर है जहां 59 प्रतिशत उपस्थिति दर्ज की गई है। खराब स्थिति वाले जिलों ललितपुर, चंदौली, फिरोजाबाद, गोण्डा, सीतापुर, रामपुर, जालौन, कौशाम्बी तथा संभल के स्कूलों में उपस्थिति बढ़ाने को अभियान चलाने की संस्तुति की गई है। महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद के मुताबिक ऑनलाइन मॉनिटरिंग ने छात्रों की संख्या के नाम पर होने वाले फर्जीवाड़े पर लगाम लगा दी है।



एक अंक विवाद मामले में अवमानना की सुनवाई 11 अक्टूबर को

एक अंक विवाद मामले में अवमानना की सुनवाई 11 अक्टूबर को 


लखनऊ : 69000 शिक्षक भर्ती परीक्षा के एक अंक विवाद मामले में याची सुरंगमा शुक्ला की अवमानना याचिका पर हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अगली सुनवाई के लिए 11 अक्तूबर की तिथि नियत की है। साथ ही न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि यदि मामले में रिट कोर्ट के आदेश का अक्षरश पालन नहीं होता है तो सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी व सचिव बेसिक शिक्षा परिषद को कोर्ट के समक्ष पुन हाजिर होना होगा।


 यह आदेश न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान की एकल पीठ ने सुरंगमा शुक्ला की याचिका पर दिया है। याची का कहना है कि भर्ती परीक्षा के शैक्षिक परिभाषा के एक प्रश्न पर एक अंक बढ़ाते हुए मेरिट कट ऑफ गुणांक के अनुसार अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने का आदेश पारित किया गया था। इस आदेश के विरुद्ध सरकार ने उच्चतम न्यायालय में अपील दायर की थी लेकिन 9 नवंबर 2022 को अपील खारिज हो गई।



69 हजार शिक्षक भर्ती में एक अंक विवाद में हाईकोर्ट सख्त, राज्य सरकार को अवमानना मामले में कारवाई का ब्योरा पेश करने को दिया मौका


लखनऊ। प्रदेश में 69 हजार शिक्षक भर्ती में एक अंक विवाद मामले में दाखिल अवमानना याचिका पर हाईकोर्ट ने मामले में राज्य सरकार को पहले दिए गए रिट कोर्ट के आदेश का अनुपालन कर इसका ब्योरा पेश करने को और समय दिया है।


इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने बेसिक शिक्षा के प्रमुख सचिव दीपक कुमार व अन्य पक्षकारों से, रिट कोर्ट के 20 दिसंबर 2021 के फैसले के तहत प्रस्तावित कारवाई का ब्योरा मांगा था। जो, सरकार की ओर से पेश नहीं किया गया। सरकारी वकील ने इसके लिए और समय देने का आग्रह किया। जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया।


 साथ ही सख्त रुख अपनाकर तकीद किया था कि तत्परता से पहले के आदेश के पालन का हलफ़नामा दाखिल न होने पर पक्षकार दो अफसरों सचिव - बेसिक शिक्षा प्रताप सिंह भगेल और परीक्षा नियामक प्राधिकरण के सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी को कोर्ट में पेश होंगें। आदेश पालन हलफ़नामा सोमवार को दाखिल न होने पर यह दोंनो अफसर कोर्ट में पेश हुए।


न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान की एकल पीठ ने यह आदेश अभ्यर्थी सुरंगमा शुक्ला की अवमानना याचिका पर दिया।

पांच साल की सेवा अब हुई पूरी, तबादले से शिक्षक वंचित, 68500 भर्ती में चयनित पुरुष शिक्षकों का हाल

पांच साल की सेवा अब हुई पूरी, तबादले से शिक्षक वंचित, 68500 भर्ती में चयनित पुरुष शिक्षकों का हाल



प्रयागराज : परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में 68500 सहायक अध्यापक भर्ती में चयनित हजारों शिक्षक पांच साल की सेवा पूरी होने के बावजूद अंतर जनपदीय पारस्परिक तबादले से वंचित हो रहे हैं। शासन ने शिक्षकों के तबादले के लिए न्यूनतम पांच साल जबकि शिक्षिकाओं के लिए दो साल सेवा की अनिवार्यता रखी है। 68500 में चयनित पुरुष शिक्षकों को सात सितंबर 2018 को नियुक्ति पत्र वितरित किए गए थे।


अब सेवा की न्यूनतम समयसीमा पूरी होने पर ये शिक्षक अपर मुख्य सचिव बेसिक दीपक कुमार, महानिदेशक विजय किरन आनंद, सचिव बेसिक शिक्षा परिषद प्रताप सिंह बघेल आदि से मिलकर तबादले का अनुरोध कर रहे हैं। लेकिन सुनवाई नहीं हो रही। इस बीच पारस्परिक अंतरजनपदीय स्थानांतरण के लिए सचिव ने सभी बीएसए को पांच से 12 अक्तूबर तक जोड़ा (पेयर) बनाने की कार्यवाही पूरी करने के निर्देश दिए हैं।


68500 में चयनित और पांच साल की सेवा पूरी कर चुके हंडिया ब्लॉक में तैनात संजीव त्रिपाठी अपने गृह जनपद प्रतापगढ़ के लिए पारस्परिक साथी भी ढूंढकर बैठे हैं। इनका कहना है नौ माह से पारस्परिक अंतर्जनपदीय स्थानांतरण पूरा नहीं हो सका है। अभी 12 अक्तूबर तक जोड़ा बनाने की प्रक्रिया चलेगी तो 68500 के पुरुष शिक्षकों को बाहर करना अनुचित है। 


68500 में चयनित शिक्षक सत्येंद्र शुक्ल व हिमांशु मिश्र कहते हैं कि तय मानक पूरा करने के बावजूद अंतर्जनपदीय स्थानांतरण और पदोन्नति दोनों से बाहर कर दिया गया जो अनुचित है। शिक्षक भास्कर द्विवेदी का आरोप है कि अधिकारियों से शिक्षक हित जैसे स्थानांतरण, निशुल्क चिकित्सा, पदोन्नति की बात की जाए तो वह सालों साल लटकाने का काम करते है। जबकि विभागीय आदेश मनवाने के लिए जबरजस्ती से भी पीछे नहीं हटते।

अल्पसंख्यक छात्रों को मेरिट के आधार पर मिलेगी छात्रवृत्ति

अल्पसंख्यक छात्रों को मेरिट के आधार पर मिलेगी छात्रवृत्ति

लखनऊ : राज्य सरकार ने अल्पसंख्यक छात्रों को छात्रवृत्ति देने के लिए मेरिट आधारित व्यवस्था लागू की है। फर्जीवाड़ा रोकने के लिए आधार प्रमाणीकरण और डीबीटी के माध्यम से अब ऑनलाइन भुगतान किया जाएगा। शिक्षण संस्थाओं के लिए शिक्षा के लिए एकीकृत जिला सूचना प्रणाली (यूडायस) और उच्च शिक्षा पर अखिल भारतीय सर्वेक्षण (एआईएसएचई) कोड की अनिवार्य की गई है। अपर मुख्य सचिव अल्पसंख्यक कल्याण मोनिका एस गर्ग ने बुधवार को संशोधित नियमावली जारी की।


अल्पसंख्यक कल्याण, वक्फ एवं हज मंत्री धर्मपाल सिंह ने बताया कि मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थानों में पूर्व दशम कक्षाओं के छात्रों को छात्रवृत्ति देने के लिए मौजूदा जरूरतों को देखते हुए संशोधन किया गया है। नई व्यवस्था में पाठ्यक्रम के आधार पर बजट का अनुपातिक रूप से निर्धारण किया गया है। पूर्व व्यवस्था से नए आवेदकों को प्राथमिकता व वरीयता देने से उच्च मेधा वाले नए आवेदकों का लाभ नहीं मिल पाता था। अल्पसंख्यक छात्रों की उच्च मेधा को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से मेरिट व्यवस्था लागू की गई है। छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए आवेदक का आधार प्रमाणीकरण कराते हुए ऑनलाइन सीधे खाते में भेजने की व्यवस्था की गई है।


उन्होंने कहा है कि इससे फर्जी, अस्तित्वहीन और गैर संचालित शिक्षण संस्था अब योजना का अनुचित लाभ नहीं ले पाएंगे। पारदर्शिता सुनिश्चित करने तथा उत्तरदायित्व निर्धारित करने के उद्देश्य से शिक्षण संस्थाओं के संस्थान के प्रमुख और नोडल अधिकारी को डिजिटल सिग्नेचर से अभ्यर्थियों का सत्यापन करना होगा।

राजकीय विद्यालयों में बढ़ेंगे शिक्षकों के 1298 पद

राजकीय विद्यालयों में बढ़ेंगे शिक्षकों के 1298 पद

प्रयागराज : प्रदेश के नवनिर्मित राजकीय विद्यालयों में शिक्षकों के 1298 पद बढ़ेंगे। वर्तमान सत्र 2023-24 में खुले 71 राजकीय इंटर कॉलेज और 13 हाईस्कूलों में प्रवक्ता और सहायक अध्यापकों के कुल 1298 पदों के सृजन का प्रस्ताव शिक्षा निदेशालय की ओर से शासन को भेजा गया है। मंजूरी मिलने के बाद रिक्त पदों का अधियाचन उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग को भेजा जाएगा, ताकि इन पदों पर नियमित शिक्षकों की नियुक्ति हो सके।


फिलहाल यहां दूसरे स्कूलों के शिक्षकों को संबद्ध कर पढ़ाई कराई जा रही है। इस सत्र से विभिन्न जिलों में 53 राजकीय इंटर कॉलेज, एक पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय मॉडल इंटर कॉलेज और 17 प्रधानमंत्री जनविकास कार्यक्रम के तहत कुल 71 इंटर कॉलेज खुले हैं। इनमें से प्रत्येक विद्यालय में प्रवक्ता के 10-10 कुल 710 और सहायक अध्यापक के सात-सात कुल 497 शिक्षकों की नियुक्ति होनी है।


इसके अलावा 13 राजकीय हाईस्कूलों में से प्रत्येक में सात-सात के हिसाब से कुल 91 सहायक अध्यापकों की आवश्यकता है। इस प्रकार प्रवक्ता और सहायक अध्यापक के 1298 पद सृजित होने हैं। इसके अलावा इंटर कॉलेज में 71 प्रधानाचार्य और हाईस्कूल में 13 प्रधानाध्यापक की भी नियुक्ति होगी।

536 बाबू और चपरासी की भी भर्ती होगी इन स्कूलों में बाबू और चपरासी के 536 पदों पर भी भर्ती होगी। चतुर्थ श्रेणी या स्वीपर के 381, जबकि 71 वरिष्ठ सहायक और 84 कनिष्ठ सहायकों की नियुक्ति का प्रस्ताव भेजा गया है। चतुर्थ श्रेणी की भर्ती आउटसोर्स से, जबकि लिपिक के पदों पर अधीनस्थ सेवा आयोग के माध्यम से नियुक्ति होती है।

2020 के बाद से नहीं हुई शिक्षकों की भर्ती

राजकीय विद्यालयों में आखिरी बार 2020 में प्रवक्ता की भर्ती हुई थी। उस समय बालक वर्ग में 991 व बालिका वर्ग में 482 पदों पर नियुक्ति हुई थी। वहीं सहायक अध्यापकों (एलटी ग्रेड) की भर्ती 2018 के बाद से नहीं हुई। उस समय आयोग ने बालक वर्ग में 5364 व बालिका वर्ग में 5404 कुल 10768 पदों पर भर्ती के लिए आवेदन मांगे थे।

Wednesday, September 27, 2023

पदों के घालमेल से घट रहे राजकीय पुरुष शिक्षकों के पद

पदों के घालमेल से घट रहे राजकीय पुरुष शिक्षकों के पद

प्रयागराज : सभी विभागों के रिक्त पदों को भरने के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के पुरुष संवर्ग के शिक्षक पदों पर घालमेल से असमंजस है। राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में भर्ती व्यवस्था से लेकर पदोन्नति एवं निदेशालय में पटल निर्धारण पुरुष और महिला संवर्ग के लिए अलग-अलग है। इसके विपरीत पुरुष संवर्ग के विद्यालयों में महिलाओं की तैनाती किए जाने से स्वीकृत पद तो भरे दिखते हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि वह पद पुरुष संवर्ग के हैं। ऐसे में पुरुष संवर्ग के विद्यालयों में पुरुष शिक्षकों की तैनाती की जाए, जिससे पद रिक्त दिखें और उन पर पुरुषों को नियुक्ति मिल सके। इसी तरह कुछ और समस्याओं के समाधान की मांग को लेकर राजकीय शिक्षक संघ ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजा है।


भेजे पत्र में राजकीय शिक्षक संघ के अध्यक्ष रामेश्वर प्रसाद पाण्डेय एवं महामंत्री सत्यशंकर मिश्र ने संयुक्त रूप से बताया है कि प्रदेश के लगभग सभी जनपद मुख्यालयों के पुरुष संवर्ग के राजकीय विद्यालयों में काफी संख्या में महिला संवर्ग की शिक्षकाएं कार्यरत हैं, जबकि बालिका विद्यालयों में पद रिक्त पड़े हैं। पुरुष विद्यालयों में महिलाओं की तैनाती से पुरुषों के सृजित पद घट रहे हैं। इसे स्पष्ट कर लिखा है कि जब विभाग रिक्ति की सूचना सौंपता है तो पुरुष संवर्ग के विद्यालयों में महिलाओं के होने के कारण पद भरे दिखाए जाते हैं, जबकि वह पद पुरुषों के हैं और उसे रिक्त दिखाया जाना चाहिए। आरोप लगाया है कि यह स्थिति अधिकारियों के अदूरदर्शी निर्णय से उत्पन्न हुई है। इसके अलावा 10 विषयों में एलटी से प्रवक्ता की पदोन्नति करीब 14 वर्ष से नहीं हुई है। इसके विपरीत 21 मई को हुई डीपीसी में पदोन्नत शिक्षकों की पदस्थापना टुकड़ों - टुकड़ों में की जा रही है। उसमें भी शिक्षक जो विकल्प भर कर देते हैं, उसके विपरीत दूर जिले में मनमाने तरीके से विद्यालय आवंटन कर दिया जाता है। वरिष्ठता का निर्धारण भी समय से नहीं किया जा रहा। वर्ष 2000 से अद्यतन एलटी ग्रेड (स्नातक वेतनक्रम) के शिक्षकों की अंतिम ज्येष्ठता सूची जारी नहीं की गई है।

3.75 लाख युवाओं को मुफ्त मिलेंगे स्मार्टफोन, योजना के तहत 25 लाख युवाओं को मिलेंगे स्मार्टफोन

3.75 लाख युवाओं को मुफ्त मिलेंगे स्मार्टफोन

लखनऊ : स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तिकरण योजना के तहत योगी सरकार अगले महीने से 25 लाख युवाओं को निशुल्क स्मार्टफोन बांटने जा रही है।


इसके लिए सरकार ने चार कंपनियों को आपूर्ति किए जाने वाले स्मार्टफोन की संख्या तय कर दी गई है और इसके लिए 371.90 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम भी जारी कर दी है।


इस संबंध में औद्योगिक विकास विभाग ने आदेश जारी किया है। पहले चरण में 25 लाख स्मार्टफोन का 15 प्रतिशत वितरण होना है। इस हिसाब से 375000 स्मार्टफोन का वितरण होगा। सरकार ने कंपनी से 9972 रुपये प्रति दर से स्मार्टफोन खरीदे हैं। यह स्मार्टफोन सैमसंग व लावा कंपनियों के हैं। इसके लिए विजन डिस्ट्रब्यूशन 784314, सेलकॉन इम्पेक्स 686275, एनएफ इंफ्राटेक 588235 व इंस्टेंट प्रिक्योरमेंट 441176 कंपनियों को स्मार्टफोन बांटने हैं। आदेश में कहा गया है कि आपूर्ति, टेस्टिंग, वारंटी व अन्य शर्तों का पालन आपूर्तिकर्ता फर्मों को करना है।

यूपी बोर्ड से मान्यता के लिए NOC भी मिलेगी ऑनलाइन

यूपी बोर्ड से मान्यता के लिए NOC भी मिलेगी ऑनलाइन




प्रयागराज। यूपी बोर्ड से स्कूलों की मान्यता से जुड़े सभी काम अब ऑनलाइन होंगे। इसके लिए एनआईसी लखनऊ की टीम अलग पोर्टल तैयार कर रही है।


पोर्टल की खास बात है कि इसके जरिये सभी विभागों से एनओसी भी ऑनलाइन ली जा सकेगी। बोर्ड सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने सभी जिलों के जिला विद्यालय निरीक्षकों को पत्र भेजकर विभिन्न विभागों के सक्षम अधिकारियों की ई-मेल आईडी मंगवा ली है। इन मेल आईडी पर ही सत्यापन के लिए कागजात भेज और मंगाए जाएंगे।


लखनऊ NIC की टीम तैयार कर रही अलग पोर्टल

बोर्ड की तरफ से मान्यता की संपूर्ण प्रक्रिया को ऑनलाइन किए जाने के लिए मेल आईडी को पोर्टल से इंटीग्रेट कराया जाएगा। मान्यता के लिए भवनों का निर्माण नेशनल बिल्डिंग कोड (एनबीसी) 2005 में निर्धारित मानकों के अनुसार होने और अग्निशमन यंत्र की समुचित व्यवस्था होने संबंधी अनापत्ति प्रमाणपत्र आवश्यक होता है।


 इसके लिए आवेदित संस्थाओं को चक्कर न लगाना पड़े, इसलिये ऑनलाइन व्यवस्था की जा रही है। बोर्ड सचिव ने सभी डीआईओएस से अग्निशमन और एनबीसी के लिए सक्षम अधिकारी का पदनाम, ई-मेल आईडी, मोबाइल नंबर और विभाग की वेबसाइट का यूआरएल भेजने को कहा है। 


बोर्ड सचिव ने बताया कि इसके लिए तेजी से तैयारी चल रही है। पोर्टल पर ऑनलाइन व्यवस्था के संचालन के बाद लोगों को बोर्ड या फिर क्षेत्रीय कार्यालय का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। पोर्टल पर मान्यता को लेकर समय भी निर्धारित किया जाएगा।