नई दिल्ली। देश में पिछले पांच सालों में कुल 140 प्राइवेट विश्वविद्यालय खोले गए हैं। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के आंकड़ों अनुसार, पिछले पांच वर्षों के दौरान गुजरात में 28 प्राइवेट विश्वविद्यालय स्थापित किए गए, जबकि महाराष्ट्र में 15 विश्वविद्यालय खोले गए। इस अवधि के दौरान मध्य प्रदेश और कर्नाटक में क्रमश: 14 और 10 प्राइवेट विश्वविद्यालयों को स्थापित किया गया।



मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्राइवेट विश्वविद्यालय की स्थापना संबंधित राज्य विधानमंडल द्वारा पारित अधिनियम और संबंधित राज्य सरकार की ओर से जारी अधिसूचना से की जाती है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय से संबंधित राज्य की अधिसूचना की प्रतियां मिलने पर यूजीसी विश्वविद्यालयों की सूची में प्राइवेट विश्वविद्यालय का नाम शामिल करता है।


अधिकारी ने कहा कि ऐसे प्राइवेट विश्वविद्यालयों को यूजीसी की विशिष्ट मंजूरी के बिना सामान्य डिग्री पाठ्यक्रम संचालित करने का अधिकार है, लेकिन व्यावसायिक और चिकित्सा पाठ्यक्रम संचालित करने की मंजूरी संबंधित नियामक या वैधानिक निकायों की ओर से दी जाती है। ऐसे पाठ्यक्रम अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद, राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग और भारतीय दंत चिकित्सा परिषद जैसे संबंधित निकायों के नियमों के तहत आते हैं।


कहाँ कितने विश्वविद्यालय खोले गए?

अधिकारी ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में छत्तीसगढ़ में सात प्राइवेट विश्वविद्यालय स्थापित किए गए, जबकि झारखंड और राजस्थान में इस अवधि के दौरान छह-छह निजी विश्वविद्यालय खोल गए हैं। बिहार, ओडिशा, उत्तराखंड और तेलंगाना में पांच-पांच प्राइवेट विश्वविद्यालय स्थापित किए गए, जबकि आंध्र प्रदेश, हरियाणा, मणिपुर, ओडिशा, तमिलनाडु, सिक्किम और उत्तर प्रदेश में चार-चार निजी विश्वविद्यालय खोले गए।

अधिकारी ने कहा कि यूजीसी नियमित रूप से संस्थानों और विश्वविद्यालयों से संवाद करता है और सुनिश्चित करता है कि वे नियमों का पालन करें।