व्यावसायिक रूप से दक्ष बनेंगे माध्यमिक के छात्र, पाठ्यक्रम होगा लागू, कक्षा नौ से शुरुआत
व्यावसायिक रूप से दक्ष बनेंगे माध्यमिक के छात्र, पाठ्यक्रम होगा लागू, कक्षा नौ से शुरुआत
राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत प्रदेश के माध्यमिक विद्यालयों के बच्चों को व्यवसाय और स्वरोजगार में दक्ष बनाने के लिए व्यावसायिक शिक्षा कार्यक्रम लागू किया जाएगा। शैक्षिक सत्र 2022-23 से कक्षा 9 से इसकी शुरुआत कर चरणबद्ध तरीके से कक्षा 12 तक लागू किया जाएगा। वर्ष 2024-25 तक माध्यमिक के 50 प्रतिशत विद्यार्थियों को व्यावसायिक शिक्षा पाठ्यक्रम से जोड़ा जाएगा।
व्यावसायिक शिक्षा में सेवा, निर्माण और कृषि सेक्टर पर फोकस करते हुए बच्चों को प्रशिक्षण के लिए आईटीआई, पॉलीटेकिभनक सहित अन्य संस्थानों के प्रशिक्षक तैनात किए जाएंगे। वहीं, बच्चों के लिए इंटर्नशिप और साल में दो से तीन बार कॅरिअर काउंसिलिंग की भी व्यवस्था की जाएगी। पहले चरण में राजकीय विद्यालयों के साथ उन माध्यमिक विद्यालयों को शामिल किया जाएगा, जहां पहले से व्यावसायिक शिक्षा संचालित है और संसाधन उपलब्ध हैं।
जिला स्तर पर विद्यार्थियों को व्यावसायिक शिक्षा से जोड़ने के लिए सत्र 2021-22 से सर्वे किया जाएगा। स्थानीय मांग और आवश्यकता के अनुसार विद्यालयों में ट्रेड्स का निर्धारण किया जाएगा। ट्रेड्स का चयन सर्वे, रोजगार कार्यालय और स्थानीय इंडस्ट्री से प्राप्त सूचना का विश्लेषण करने के बाद किया जाएगा। व्यावसायिक शिक्षा को व्यावसायिक प्रशिक्षण संस्थानों में सामान्य शिक्षा और सामान्य शैक्षिक संस्थानों में व्यावसायिक प्रशिक्षण का विकल्प उपलब्ध कराया जाएगा, ताकि बच्चों में रोजगार के लिए आवश्यक न्यूनतम दक्षता विकसित हो।
सेवाए निर्माण और कृषि सेक्टर पर होगा फोकस
विद्यालयों में ट्रेड्स के निर्धारण में सेवा, निर्माण और कृषि सेक्टर पर फोकस किया जाएगा। जिन ग्रामीण क्षेत्रों में उद्योग नहीं हैं, वहां कृषि से संबंधित ट्रेड्स को प्रमुखता से लागू किया जाएगा। व्यावसायिक शिक्षा के लिए स्थानीय पॉलीटेकिभनक, आईटीआई, इंजीनियरिंग कॉलेज, किसान सेवा केंद्र, खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग, स्किल इंडिया मिशन, यूपी स्किल डेवलपमेंट मिशन के साथ चिकित्सा, पशुपालन, कृषि और फलोत्पादन विभाग का भी सहयोग लिया जाएगा।
व्यावसायिक शिक्षा को नए रूप में लागू करने के लिए विद्यार्थियों को भाषा की दक्षता, उद्यमिता का ज्ञान और पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता की जानकारी भी दी जाएगी। विद्यार्थियों को हिंदी और अंग्रेजी भाषा के प्रयोग में दक्ष बनाया जाएगा। कक्षा 6 से 8 तक में व्यावसायिक शिक्षा में समाजोपयोगी उत्पादन कार्य, कार्यानुभव के प्रशिक्षण के माध्यम से विद्यार्थियों को हस्तकौशल और कार्यानुभव के प्रति जागरूक किया जाएगा।