Wednesday, October 31, 2018
लखनऊ : कोर्स पढ़ाया नया, परीक्षा में पूछ लिया सवाल पुराना, परिषदीय स्कूलों की अर्द्धवार्षिक परीक्षा में मिला गड़बड़झाला
लखनऊ : सत्र 2018-19 में परिषदीय स्कूलों में नया पाठ्यक्रम पढ़ाया गया। वहीं प्रश्न पत्र पुराने कोर्स के आधार पर बना दिए गए। ऐसे में पेपर मिलते ही छात्र समेत शिक्षक तक चकरा गए। लिहाजा, जिम्मेदारों की लापरवाही से परीक्षा मखौल बन गई।
राजधानी में 1367 प्राथमिक, 472 उच्च प्राथमिक व 192 सहायता प्राप्त व अशासकीय विद्यालय हैं। मंगलवार से दो पालियों में सभी विद्यालयों में परीक्षा शुरू हुई। सुबह साढ़े नौ बजे करीब दो लाख बच्चों को हंिदूी का प्रश्न पत्र थमाया गया। इसमें कक्षा चार व पांच के बच्चे प्रश्न देखकर चकरा गए। इसमें दोनों कक्षाओं में 26 नंबर से अधिक के ऐसे प्रश्न पूछे गए, जिनसे जुड़े पाठ नए पाठ्यक्रम की पुस्तकों में नहीं हैं। वहीं बच्चे जब पेपर हल नहीं कर सके, तो शिक्षकों के कारण तलाशा। ऐसे में पुराने पाठ्यक्रम से प्रश्न पूछे जाने का खुलासा हुआ।
कक्षा पांच के गड़बड़ प्रश्न : कक्षा पांच का हंिदूी पेपर का प्रश्न नंबर सात कविता को पूर्ण किए जाने संबंधी था। इसमें मानव जब..बन जाता है। अब इससे संबंधित पाठ नए कोर्स में नहीं है। वहीं प्रश्न नंबर नौ में अब्राहम लिंकन व ओलंपिक से जुड़े प्रश्न पूछे गए। इन दोनों गत वर्ष पुराने पाठ्यक्रम में पाठ था। इस वर्ष नहीं है। ऐसे ही कई प्रश्न रहे, जिनके बारे में बच्चों ने पढ़ाया नहीं गया था।
यहां झुंड बनाकर दे रहे थे परीक्षा : पूर्व माध्यमिक विद्यालय इटौंजा व प्राथमिक विद्यालय में छात्र एवं छात्रएं झुंड बनाकर परीक्षा दे रहे थे। वहीं शिक्षक कक्ष से गायब मिले। प्राथमिक विद्यालय इटौंजा एक व दो व कन्या पूर्व माध्यमिक विद्यालय में भी अव्यवस्था के बीच में परीक्षा संचालित हो रही थीं।
गोमती नगर उजरियांव प्राथमिक विद्यालय में अर्धवार्षिक परीक्षा देते परीक्षार्थी। जागरणकक्षा चार में अधिक गड़बड़ी1कक्षा चार के हंिदूी का पहला प्रश्न पथ मेरा आलोकित कर दो कविता में वर्णित कवि की क्या मनोकामना है। इसका पाठ ‘पथ मेरा आलोकित कर दो’ अब नहीं रहा। ऐसे ही दूसरा प्रश्न राजा क्यों चिंतित रहा। यह पंच तंत्र की कथा से था, जोकि नए पाठ्यक्रम में नहीं है। तीसरा प्रश्न गांधी जी की माता का स्वभाव कैसा था। यह ‘जब मैं पढ़ता था’ पाठ से है जो कि अब नहीं है। ऐसे ही प्रश्न नंबर चार, प्रश्न पांच, प्रश्न सात व प्रश्न नौ के तीनों खंड पुराने पाठ्यक्रम से आए।
परीक्षा के वक्त खा रहे थे खाना : सरोजनीनगर के मक्खा खेड़ा स्कूल में एक बजे सिर्फ कक्षा पांच की एक छात्र ही प्रश्न पत्र हल कर रही थी, वहीं अन्य बच्चे भोजन करने में मस्त थे। यह द्वितीय पाली का समय था। वहीं प्राथमिक विद्यालय गंगादीन खेड़ा में 31 बच्चे पंजीकृत हैं, वहीं परीक्षा के दिन भी 26 बच्चे ही उपस्थित रहे रहे।मुङो पेपर में गड़बड़ी की शिकायत नहीं मिली है। यदि ऐसा है तो पेपर बनाने वाली समिति से पूछताछ की जाएगी।
डॉ. अमरकांत, बीएसए।
फतेहपुर : प्राथमिक शिक्षा संघ से जिला मंत्री समेत तीन पदाधिकारी संगठन से किये गए निलंबित, अटेवा के कार्यक्रम में शामिल होने से प्रदेश अध्यक्ष ने की कार्यवाई, अन्य पदाधिकारियों पर कार्यवाई के लिए जिलाध्यक्ष को दिए निर्देश, मंत्री के निलंबन पर पांच सौ सदस्यों ने दिया इस्तीफा
जिला मंत्री समेत तीन पदाधिकारी संगठन से किए गए निलंबित
जासं, फतेहपुर : प्राथमिक शिक्षक संघ में पदाधिकारी रहते हुए अटेवा (आल टीचर्स एंड इंपलायी वेल फेयर एसोसिएशन) के द्वारा सांसद आवास पर दिए धरने में प्रतिभाग के आरोप में जिला मंत्री समेत तीन पदाधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। निलंबन का समाचार आते ही प्राथमिक शिक्षकों में खास कर पेंशन विहीन शिक्षकों में रोष फैल गया। व्हाट्स एप ग्रुप में संगठन पर जमकर भड़ास निकाली गई। प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला मंत्री विजय त्रिपाठी, कोषाध्यक्ष शैलेंद्र सिंह भदौरिया, असोथर ब्लाक अध्यक्ष अनुराग कुमार मिश्र को प्रदेश अध्यक्ष ने संगठन से निलंबन की सजा सुना दी। जिलाध्यक्ष को निर्देशित किया है कि इनको नोटिस जारी करते हुए स्पस्टीकरण लिया जाए। साथ ही संगठन विरोधी गतिविधियों में लिप्त प्राथमिक शिक्षक संघ के नेताओं को नोटिस जारी किया जाए। जिलाध्यक्ष राजेंद्र सिंह ने कहाकि तीन पदाधिकारियों को प्रदेश अध्यक्ष द्वारा निलंबित किया गया है। वहीं अन्य प्रतिभाग करने वालों का ब्यौरा वीडियो एवं फोटो के आधार पर भेजने के निर्देश मिले हैं। संगठन विरोधी गतिविधियों में संलिप्त होने के चलते कार्रवाई की गई है। बतातें चलें कि 28 अक्टूबर को जिले की सांसद एवं केंद्रीय राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति के आवास पर अटेवा द्वारा उपवास कार्यक्रम आयोजित किया गया था। जिसमें भारी संख्या में प्राथमिक शिक्षकों ने भाग लिया था
फतेहपुर : अर्द्धवार्षिक परीक्षा में छात्रों ने दिखाया दमखम, जिले के 2650 परिषदीय स्कूलों में शुरू हुई परीक्षा
अर्ध वार्षिक परीक्षा में छात्रों ने दिखाया दमखम
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : परिषदीय विद्यालयों में अर्धवार्षिक परीक्षा का आयोजन किया गया। शासन के निर्देश पर आयोजित परीक्षा में जिले के नामांकित 2,29,398 छात्र-छात्रओं ने परीक्षा दी। परीक्षा की शुचिता के लिए खंड शिक्षा अधिकारियों के सचल दस्तों ने विद्यालयों की परीक्षा जांची।
जिले के 1903 प्राथमिक एवं 747 उच्च प्राथमिक विद्यालयों में मंगलवार को अर्ध वार्षिक परीक्षा का सुबह पहर आयोजित की गई। चेहल्लुम के निबंधित अवकाश के चलते शाम पहर से विद्यालय खुलने न खुलने को लेकर उहापोह रही। विभाग द्वारा अवकाश की घोषणा न किए जाने के चलते विद्यालयों में तैनात शिक्षक-शिक्षिकाएं पहुंचे। विभाग के निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार पर परीक्षा करवाई गई।
शासन के निर्देश पर खंड शिक्षाधिकारी और एबीआरसी एवं एनपीआरसी के सचल दस्तों ने विद्यालयों में आयोजित की गई परीक्षाओं की शुचिता जांची। भिटौरा ब्लाक के खंड शिक्षाधिकारी एके रावत, तेलियानी व हसवा के मुक्तेश गुप्ता, मलवां की खंड शिक्षाधिकारी अनीता शाह, बहुआ के देवेंद्र वर्मा आदि ने परीक्षा जांची। बीएसए शिवेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि उन्होंने कई विद्यालयों का निरीक्षण किया और परीक्षा की शुचिता जांची है। पूरे जिले में आयोजित परीक्षा एवं निरीक्षण आख्या व्हाट्स एप में मंगाई गई है। पूरे जिले में कहीं भी परीक्षा में दिक्कत की जानकारी संज्ञान में नहीं आई है।
Tuesday, October 30, 2018
महराजगंज : अपनी मांगों को लेकर संघर्षरत रसोइयों ने आंदोलन के तीसरे दिन किया भिक्षाटन, 15 नवम्बर से लखनऊ में प्रस्तावित धरने की बनाई रणनीति
महराजगंज : ग्राम प्रधानों के प्रतिनिधिमंडल ने एमडीएम कनवर्जन कास्ट जारी करने के लिए डीएम को सौंपा ज्ञापन-पत्र, चार माह से कनवर्जन कास्ट नहीं मिलने से एमडीएम वितरण प्रभावित
फतेहपुर : बेसिक परीक्षा की निगरानी करेंगे सचल दल, बीएसए ने गठित की सचल दल टीम, आदेश सह देखें खबर
बेसिक परीक्षा की निगरानी करेंगे सचल दल
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : मनमर्जी से होने वाली बेसिक शिक्षा की परीक्षा पर भी अब शासन की नजर सख्त है। शासन ने बेसिक शिक्षा की परीक्षा को नकलविहीन कराने के लिए सचल दल से निगरानी कराने का निर्णय लिया है। शासनादेश को संज्ञान में लेते हुए बीएसए ने 30 अक्टूबर से शुरू होने वाली अर्धवार्षिक परीक्षा के लिए सचल दल की टीम बना दी है।
बेसिक शिक्षा निदेशक ने विभाग की अर्धवार्षिक परीक्षा की शुचिता बनाए रखने और पारदर्शिता के लिए सचल दलों का गठन किया गया है। ये सचल दल परीक्षाओं को नकलविहीन बनाएंगे। प्रत्येक ब्लाक के 200 के करीब विद्यालयों में पहुंचने के लिए खंड शिक्षाधिकारियों ने एबीआरसी एवं एनपीआरसी को जिम्मेदारी से जोड़ा है। बीएसए शिवेंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि अर्धवार्षिक परीक्षा में सचल दलों का गठन किया जा रहा है। प्रश्नपत्रों की शुचिता की जांच ये सचल दल करेंगे।
यूपी बोर्ड में अगले सत्र से पढ़ाई जाएगी वैदिक गणित, जल्द आएंगी किताबें, विद्या भारती संस्था की ओर से भेजा गया था प्रस्ताव
शिक्षा निदेशक ने जारी की परीक्षा केंद्र तय करने की समय सारिणी• केंद्रों की सूचना प्रकाशित किया जाना :10 नवंबर• प्रस्तावित केंद्रों पर आपत्तियां लेना : 15 नवंबर तक• आपत्तियों का निस्तारण कर मंडलीय कमिटी को भेजना : 20 नवंबर तक• मंडलीय कमिटी की मुहर लगना : 26 नवंबर तक• फाइनल सूची उप्र सचिव माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद की मेल upmsplucknow@gmail.com पर भेजी जाएगी।• 91 हजार परीक्षार्थी
देंगे परीक्षाएं• एनबीटी, लखनऊ : वर्ष 2019 की उत्तर प्रदेश माध्यमिक संस्कृत बोर्ड परीक्षाएं फरवरी के दूसरे सप्ताह से शुरू होंगी। इसके लिए परीक्षा केंद्रों का निर्धारण ऑफलाइन मोड से आठ नवंबर तक जिला स्तर पर किया जाएगा। इस संबंध में माध्यमिक शिक्षा निदेशक विनय कुमार पांडेय ने डीआईओएस को समय सारिणी के अनुसार केंद्र बनाने के निर्देश जारी किए हैं। पिछले साल ये परीक्षाएं मार्च में शुरू हुई थीं।
परीक्षाओं के लिए केंद्र बनाने में शिक्षा विभाग ने तीन कैटेगिरी तय की है। सबसे पहले एडेड संस्कृत माध्यमिक स्कूलों अथवा महाविद्यालयों को केंद्र बनाया जाएगा। जहां ऐसे स्कूल नहीं होंगे तो प्राइवेट संस्कृत माध्यमिक स्कूलों को प्राथमिकता दी जाएगी। यदि ये भी न मिलें तो राजकीय व एडेड स्कूलों को केंद्र बनाया जाएगा। केंद्रों का निर्धारण डीआईओएस की अध्यक्षता में बनने वाली कमिटी करेगी। इसमें राजकीय इंटर कॉलेज के वरिष्ठ प्रिंसिपल, बीएसए और एडेड संस्कृत माध्यमिक स्कूल के वरिष्ठ प्रिंसिपल बतौर सदस्य शामिल होंगे।
परीक्षाएं फरवरी में, 8 तक बनेंगे सेंटर• एनबीटी संवाददाता, लखनऊ
यूपी बोर्ड में अब वैदिक गणित पढ़ाई जाएगी। इसके लिए बोर्ड की ओर से सिलेबस पर काम लगभग पूरा हो गया है और जल्द ही बाजार में इसकी किताबें भी आ जाएंगी। अगले सत्र से स्कूलों में इसे लागू कर दिया जाएगा। यह प्रस्ताव विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान की ओर से बोर्ड को भेजा गया था जिस पर बोर्ड ने सहमति जता दी है।
विद्या भारती की ओर से सोमवार को एक प्रेसवार्ता का आयोजन किया गया। इसमें संस्थान के महामंत्री ललित बिहारी गोस्वामी ने बताया कि हमारी शिक्षा राष्ट्र केंद्रित नहीं है, इसमें पश्चिमी सभ्यता की छाप है। इसको दूर करने और अपनी शिक्षा को देश केंद्रित बनाने के लिए बोर्ड को 32 बिंदुओं का प्रस्ताव भेजा था। इसमें वैदिक गणित को बोर्ड ने स्वीकृत कर लिया है। इसके अलावा इतिहास को सही तरीके से प्रस्तुत करने और कई योद्धाओं जिनकी गाथाएं नहीं है उन्हें शामल करने का भी प्रस्ताव है। अब अगले सत्र में जितने बदलाव हो जाएंगे उसके बाद संस्थान फिर से अन्य बदलावों को लागू करने के लिए प्रयास करेगा।
खेलकूद समारोह आज से : विद्या भारती की ओर से मंगलवार से राष्ट्रीय खेलकूद समारोह की शुरुआत होगी। प्रेस वार्ता में पूर्वी यूपी के संगठन मंत्री डोमेश्वर साहू ने बताया कि यह समारोह तीन दिन चलेगा, इसमें सभी प्रदेशों से 785 खिलाड़ी शामिल होंगे। इसमें ज्यादातर एथलेटिक्स की प्रतियोगिताएं होंगी। इसके अलावा
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एनबीटी, लखनऊ : राजधानी में सरकारी प्राइमरी और जूनियर स्कूलों की अर्द्धवार्षिक परीक्षाएं मंगलवार से शुरू होंगी। इसके लिए स्कूलों में प्रश्न पत्र भेजे जा चुके हैं। बीएसए डॉ. अमर कांत सिंह ने बताया कि पहली पाली में कक्षा दो से पांच और छह से आठ में हिन्दी विषय की परीक्षा होगी। इसका समय सुबह 9.30 से 11.30 बजे तक निर्धारित है। वहीं, दोपहर पाली में 12.30 बजे से 2.30 बजे तक संस्कृत/ उर्दू विषय की परीक्षा होगी। कक्षा एक की सभी विषयों की परीक्षाएं मौखिक होंगी।
प्राइमरी, जूनियर स्कूलों की अर्द्धवार्षिक परीक्षाएं आज से
कई ऐसे खिलाड़ी जिन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिनिधित्व किया है उन्हें सम्मानित किया जाएगा। समारोह का उद्घाटन मुख्यमंत्री करेंगे जबकि समापन में ग्रहमंत्री राजनाथ शामिल होंगे।
गणित के शिक्षक डीके सिंह ने बताया कि वैदिक गणित में संस्कृत के सूत्रों से गणित के सूत्रों को पढ़ाया जाता है। इससे कैलकुलेशन काफी आसान हो जाता है। बारह साल पहले भी इसे शुरू किया गया था लेकिन एक दो साल में ही इसे बंद कर दिया गया। हालांकि, अब तक इसका कोई सिलेबस और किताबें नहीं आईं हैं।
प्रयागराज : कुंभ में नगर के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में भी स्नानार्थियों को जाएगा ठहराया, स्वागत को तैयार हो रहे बेसिक विद्यालय
जासं, प्रयागराज : कुंभ में नगर के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में भी स्नानार्थियों को ठहराया जाएगा। उनके स्वागत के लिए विद्यालय तैयार किए जा रहे हैं। संगम के आसपास और जनपद की सीमा से लगे सड़कों से सटे 400 विद्यालयों को चिह्न्ति भी कर लिया गया है जहां पर श्रद्धालुओं के ठहरने की व्यवस्था की जाएगी। एडी बेसिक ने चिह्न्ति किए गए सभी विद्यालयों में कार्य की समीक्षा रिपोर्ट 15 नवंबर तक मांगी है।
नगर को जोड़ने वाले ऐसे विद्यालय जो सड़क के किनारे एवं घनी आबादी में हैं, उसमें कुंभ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को ठहराने की व्यवस्था होगी। वे विद्यालयों में क्लास, रसोई, हैंडपंप एवं शौचालय का भी प्रयोग कर सकेंगे। प्रथम स्नान पर्व से ही विद्यालयों को रंग-रोगन, संसाधनों से युक्त कर दिया जाएगा। प्रशासन की मंशा के अनुसार कुछ विद्यालयों में कार्य भी शुरू कर दिया गया है। इन सभी विद्यालयों की पहचान कुंभ के लोगो से होगी। दरअसल कुंभ के पांच प्रमुख स्नान पर्वो पर करोड़ों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ेगी। ऐसे में जिला प्रशासन के पास भीड़ को ठौर मुहैया कराना भी चुनौती होगी। इसके लिए जिला प्रशासन बेसिक एवं उच्च बेसिक विद्यालयों की भी सहायता लेगा। स्नानार्थियों की सुविधा के लिए मकर संक्राति, मौनी अमावस्या, बसंत पंचमी, माघी पूर्णिमा और महाशिवरात्रि पर एक दिन पूर्व और एक दिन बाद तक विद्यालय बंद रहेंगे। सहायक शिक्षा निदेशक बेसिक रमेश कुमार तिवारी ने बताया दो माह पूर्व इस संबंध में विद्यालयों को आदेश भेज दिया गया था।
Monday, October 29, 2018
महराजगंज : शारीरिक शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने बैठक कर शारीरिक शिक्षक व खेलकूद अनुदेशकों की भर्ती प्रक्रिया बहाली के लिए नवम्बर के तीसरे सप्ताह से आंदोलन करने की बनाई रणनीति
महराजगंज : अटेवा पेंशन बचाओ मंच के बैनर तले शिक्षक व कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन बहाली के लिए सांसद आवास पर प्रदर्शन करते हुए रखा उपवास, सांसद ने सहानुभूतिपूर्वक विचार कर पुरानी पेंशन बहाली हेतु प्रधानमंत्री को लिखा पत्र
शिक्षकों पर मनमानी नहीं कर सकेंगे मदरसा प्रबंधक, चुनाव से पहले मदरसा शिक्षकों को तोहफा देगी योगी सरकार
प्रबंधक अब शिक्षकों पर मनमानी नहीं कर सकेंगे। इसके लिए सरकार नियमावली में संशोधन करने जा रही है। शिक्षकों के हितों का ख्याल रखते हुए यह नियमावली बनाई जा रही है। इसमें शिक्षकों की पदोन्नति, स्थानांतरण, अनुशासनिक कार्रवाई, जीपीएफ भुगतान व अर्जित अवकाश नकदीकरण के लिए विस्तृत नियम बनाए जा रहे हैं। प्रदेश में 560 अनुदानित मदरसे हैं। यहां पर करीब नौ हजार शिक्षक पढ़ाते हैं। मदरसों में शिक्षणोत्तर कर्मचारी भी कार्यरत हैं। इस समय मदरसों के लिए उत्तर प्रदेश अशासकीय अरबी फारसी मदरसा मान्यता, प्रशासन एवं सेवा नियमावली 2016 लागू है। इसमें कई बिंदु स्पष्ट न होने के कारण मदरसा प्रबंधक मनमानी करते हैं।1चुनावी वर्ष में सरकार मदरसा शिक्षकों को इसी शोषण से मुक्त कराने जा रही है। इसमें सहायक अध्यापक भर्ती के लिए न्यूनतम अर्हता के मानक तय किए जा रहे हैं। आलिया के लिए पहले स्नातकोत्तर में 50 फीसद अंकों की अर्हता थी। इसे बढ़ाकर 55 फीसद किया जा रहा है। आलिम, कामिल व फाजिल के लिए भी अर्हता तय की जा रही है। नियमावली शीघ्र कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजी जाएगी
फतेहपुर : फाइलों में स्वेटर, इस बार ठिठुरेंगे नौनिहाल, बीएसए को मिला नोटिस, ग्राम शिक्षा निधि से करनी थी खरीदारी, स्वेटर वितरण को दो दिन रहे शेष, प्रधानाध्यापक कर रहे रुपयों का इंतजार
फाइलों में स्वेटर, इस बार ठिठळ्रेंगे नौनिहाल
बीएसए को मिला नोटिस
ग्राम शिक्षा निधि से करनी थी खरीदारी, स्वेटर वितरण में दो दिन रहे शेष, प्रधानाध्यापक कर रहे रुपयों का इंतजार
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : परिषदीय स्कूलों के बच्चों को इस बार फिर ठंडी में स्वेटर के अभाव में ठिठुरना पड़ेगा। शासन ने समय से बच्चों को स्वेटर मिल जाए इसके लिए 31 अक्टूबर तक का समय दिया था, लेकिन हालात यह है कि जिले में अभी तक स्वेटर खरीदने की प्रक्रिया ही नहीं शुरू हो पाई। प्रधानाध्यापक खाते में पैसा आने का इंतजार कर रहे हैं, जबकि विभाग का कहना है कि ग्राम शिक्षा निधि से खरीदारी कर बिल लगाना है, इसके बाद भुगतान किया जाएगा। जिस मंद गति से काम हो रहा है उससे यह माना जा रहा है कि नवंबर माह के अंत तक ही सभी बच्चों को स्वेटर मिल पाएगी। 12.29 लाख बच्चों को मिलने हैं स्वेटर
जिले के 2 लाख 29 हजार 398 बच्चों को स्वेटर वितरण योजना से लाभान्वित किया जाना है।
खासबात यह है कि अभी तक इस योजना में अभी तक शुरुआत नहीं हो पाई है। कुल 1903 प्राथमिक एवं 747 उच्च प्राथमिक विद्यालयों को इस योजना में शामिल किया गया है। सर्दी से पूर्व स्वेटर बांटकर उसकी उपयोगिता सिद्ध करने की मंशा है। यह मंशा हवा में उड़ती हुई नजर आ रही है। हालात यह है कि चंद दिन शेष हैं और एक भी बच्चे के हाथ में स्वेटर नहीं पहुंच पाया है।1प्राथमिक विद्यालय करैहा की कक्षा में बैठे बच्चे ’ फाइल फोटोएसएमसी क्रय करेगी स्वेटर 1शासन के निर्देश पर स्वेटर वितरण और उनकी उपलब्धता के लिए एसएमसी (विद्यालय प्रबंध समिति) को आदेश दिया गया है। विद्यालय में प्रधानाध्यापक को सचिव और अभिभावक को अध्यक्ष बनाकर इस समिति का गठन किया गया है। शासन ने साफ कर दिया है कि विद्यालय प्रबंध समिति स्वेटरों को क्रय करेगी। बीएसए शिवेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि स्वेटर वितरण योजना के तहत सभी खंड शिक्षाधिकारियों के माध्यम से खरीद करके वितरण के निर्देश दिए गए हैं। समय सीमा के अंदर स्वेटर वितरण को पूरा कर लिया जाएगा।शिक्षा निदेशक बेसिक ने पूरे सूबे की पड़ताल की तो पता चला है कि 41 जिले में स्वेटर वितरण योजना शून्य है। ऐसे बीएसए को वार्षिक रिपोर्ट में प्रतिकूल प्रविष्टि देने के निर्देश दिए हैं। जिले में शून्य की स्थिति होने पर बीएसए को भी नोटिस जारी की गई है। नोटिस मिलने के बाद शिक्षा विभाग सजग हुआ है लेकिन प्रक्रिया पूरी करने में ही हफ्तों का समय लग जाएगा।
Sunday, October 28, 2018
हरदोई : फाइलों में खो गई विज्ञान किट की व्यवस्था, उच्च प्राथमिक विद्यालयों में नहीं खरीदी जा सकीं लाखों की किट, योजना हुई लापरवाही का शिकार
फाइलों में खो गई विज्ञान किट की व्यवस्था
जागरण विशेष
उच्च प्राथमिक विद्यालयों में नहीं खरीदी जा सकीं लाखों की किट
2016-17
शैक्षिक सत्र में शुरू की गई योजना हुई लापरवाही का शिकार
जासं, हरदोई: परिषदीय उच्च प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों की विज्ञान के प्रति रुचि बढ़ाने और उन्हें प्रायोगिक विधि से जानकारी देने के लिए विज्ञान किट की व्यवस्था फाइलों में खो गई है। हालत यह है कि कागजों में विज्ञान किटें खो गई हैं और बच्चे हवा में प्रयोग कर रहे हैं। ऐसा कब तक होगा, जिम्मेदारों को इसकी जानकारी नहीं है।
परिषदीय विद्यालयों में बच्चों को रुचिकर और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए तमाम संसाधन उपलब्ध कराए जाते हैं। इसी व्यवस्था की कड़ी में बच्चों को प्रयोग द्वारा विज्ञान की शिक्षा देने के लिए शैक्षिक सत्र 2016-17 में उच्च प्राथमिक विद्यालयों में विज्ञान किट खरीदने के लिए धनराशि जारी की गई थी। बीएसए कार्यालय के अनुसार पुराने 1014 उच्च प्राथमिक विद्यालयों में प्रति विद्यालय आठ हजार रुपये के हिसाब से धनराशि विद्यालय प्रबंध समिति के खातों में भेजी गई थी। विभागीय जानकारों के अनुसार धनराशि खातों में भेज दी गई, साथ ही किट खरीदने के लिए फर्म निर्धारित कर दी गईं थीं। उन दिनों न कमीशन तय हो पाया और न बात बन सकी। धीरे-धीरे शैक्षिक सत्र बीत गया और किट नहीं खरीदी जा सकी। अब यह धनराशि खातों में ही पड़ी रह गई है। विद्यालयों में किट न खरीदे जाने से करोड़ों की धनराशि खातों में है और हजारों बच्चों को इसका कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है। किट क्यों नहीं खरीदी जा रही और कब खरीदी जाएंगी इसका जिम्मेदारों के पास कोई उत्तर नहीं है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी हेमंत राव ने बताया कि योजना कई सत्र पुरानी है वह पूरी जानकारी लेकर आगे की कार्रवाई करेंगे।
गोण्डा : दिव्यांगता को देंगे मात, जब बच्चे बनेंगे खास, वाणी व दृष्टिबाधित बच्चे कर रहे प्रशिक्षण, शिक्षा सत्र- 2019-20 में परिषदीय स्कूलों में बच्चों को दिलाया जाएगा दाखिला
दिव्यांगता को देंगे मात, जब बच्चे बनेंगे खास
पूरे होंगे सपने
संसू, गोंडा : दिव्यांगता का दंश ङोल रहे जिले के बच्चों के सपनों को जल्द ही पंख लग जाएंगे। वह भी सामान्य बच्चों की तरह ही पढ़ाई लिखाई करके अपनी जिंदगी संवारने में सक्षम बन सकेंगे। शहर के कंपोजिट विद्यालय महाराजगंज में एक्सीलेरेटेड लर्निंग कैंप में 52 बच्चे प्रशिक्षित हो रहे हैं। इन्हें पढ़ाई के लिए जरूरी उपकरण व किताबें दी गयी हैं। आगामी सत्र में इनके नजदीक के परिषदीय स्कूल में दाखिला कराया जाएगा, जहां अन्य नौनिहालों की तरह ये बच्चे में शिक्षा हासिल करेंगे। समग्र शिक्षा अभियान के समेकित शिक्षा की ओर से कैंप आयोजित किया गया है। यह 31 मार्च तक चलेगा। दिव्यांग बच्चों को प्रशिक्षित करने के लिए उनको घरों से बुलाया गया है, कई अभिभावक तैयार नहीं थे। उन्हें प्रेरित किया गया है। अब ये बच्चे प्रशिक्षित हो रहे हैं। आठ महीने इनको सिखाया, पढ़ाया जाएगा। समेकित शिक्षा के तहत तैनात टीचर इनकी देखभाल करते हैं। दृष्टि बाधित बच्चों को ब्रेल बुक, ब्रेल स्लेट, ट्रेलर फ्रेम, स्टाइलस व छड़ी आदि दिया गया है। वहीं, श्रवण बाधित बच्चों को सुनने वाली मशीन दी गयी है। जिला समन्वयक (समेकित शिक्षा) राजेश सिंह ने बताया कि 60 दिव्यांग बच्चों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य मिला है। जिनमें बच्चे प्रशिक्षण ले रहे हैं।
ये मिलती हैं सुविधाएं
>>कैंप पूरी तरह आवासीय है जहां, बच्चे रहकर प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं।
>>उनको भोजन के साथ ही पहनने के लिए कपड़ा भी मिलता है।
>>विभिन्न विषयों के लिए अलग-अलग अध्यापक हैं।
>>बच्चों से मिलने आने वाले अभिभावकों के लिए भी व्यवस्था है।
>>किसी बच्चे के बीमार होने पर इलाज की व्यवस्था है।
>>मनोरंजन के लिए एलसीडी लगाई गई है।
>>बच्चों के खेलकूद के लिए संसाधन हैं।
>>52 श्रवण, वाणी व दृष्टिबाधित बच्चे प्राप्त कर रहे प्रशिक्षण
>>शिक्षा सत्र 2019-20 में परिषदीय स्कूलों में दिलाया जाएगा दाखिला