
Sunday, August 11, 2019
Saturday, June 29, 2019
Tuesday, April 9, 2019
Saturday, March 30, 2019
Saturday, October 27, 2018

लखनऊ : बीएसए ने अक्षय पात्र फाउंडेशन को जारी किए निर्देश, अभिनव और मॉडल स्कूल में बंटेगा मिड-डे-मील
अभिनव विद्यालय करोरा और पं. दीन दयाल उपाध्याय राजकीय इंटर कॉलेज थावर में जल्द ही बच्चों को मिड-डे-मील बांटा जाएगा। इसके लिए अक्षय पात्र को निर्देश जारी कर दिए हैं। - डॉ. अमरकांत सिंह, बीएसए, लखनऊ•एनबीटी, लखनऊ : पं. दीन दयाल उपाध्याय राजकीय मॉडल इंटर कॉलेज थावर और अभिनव विद्यालय करौरा मोहनलालगंज में बच्चों को मिड-डे-मील देने का रास्ता साफ हो गया है। इन स्कूलों में कक्षा छह से आठ तक सभी बच्चों को अक्षय पात्र फाउंडेशन मिड-डे-मील देगा। इसके लिए बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ. अमरकांत सिंह ने अक्षय पात्र फाउंडेशन के महाप्रबंधक को निर्देश जारी कर दिए हैं। इन स्कूलों में भी मिड-डे-मील बांटने को लेकर एनबीटी ने बीते 19 अक्टूबर के अंक में खबर प्रकाशित की थी।
बीते अप्रैल से काकोरी के पं. दीन दयाल उपाध्याय राजकीय मॉडल इंटर कॉलेज थावर का संचालन शुरू हो गया था। यहां कक्षा छह, नौ और 11 की कक्षाएं चल रही हैं। कक्षा छह में 154 बच्चे
Thursday, July 5, 2018

मथुरा : अक्षयपात्र संस्था द्वारा अधूरा मिल रहा मिड-डे मील, पटरी से उतरी मिड डे मील व्यवस्था
संवाद सूत्र, सुरीर: गर्मी की छुट्टी खत्म हो गई हैं और बच्चे स्कूलों में पहुंच गए हैं मगर मिड डे मील की व्यवस्था पटरी से उतरी हुई है। बीते तीन दिन से सुरीर इलाके के स्कूलों में आधा-अधूरा मिड डे मील मिल रहा है। छात्रों की संख्या से कम भोजन दिया जा रहा है। यहां के स्कूलों में अक्षयपात्र से मिड डे मील आता है।सुरीर स्थित प्राथमिक विद्यालय द्वितीय में 126 छात्र-छात्रओं में से करीब 80 छात्र-छात्र विद्यालय आ रहे हैँ। कार्रदाई संस्था अक्षय पात्र द्वारा बमुश्किल 10 छात्र-छात्रओं के लिए मिड डे मील भेजा जा रहा है। प्रधानाध्यापक विनीत सिंह ने बताया कि पिछले तीन दिन से यही स्थिति है। उन्होंने अक्षय पात्र समेत अधिकारियों से शिकायत की है। प्राथमिक विद्यालय नगला गड़रिया के तेजवीर ने बताया कि स्कूल में 152 छात्र-छात्रएं पंजीकृत हैं, जिनमें से 90 स्कूल आ रहे है। अक्षय पात्र की ओर से भेजे जा रहे मध्याह्न भोजन से 20 छात्र-छात्रओं का भी पेट नहीं भर पा रहा है । यही स्थिति सरकारी इंटर कॉलेजों में आठवीं कक्षा तक के छात्र-छात्रओं को मिलने वाले मध्याह्न भोजन की है। राष्ट्रीय इंटर कालेज सुरीर के प्रधानाचार्य डॉ. शिवाजी सिंह ने बताया कि दो जुलाई से स्कूल खुलने के बाद से अभी तक उनके स्कूल में छात्र-छात्रओं के लिए मध्याह्न भोजन नहीं आया है। जमुना प्रसाद श्रीराम इंटर कालेज सुरीर के प्रधानाचार्य मुकुट सिंह ने बताया कि तीन दिन से मध्याह्न भोजन न मिलने की शिकायत अक्षय पात्र के अधिकारियों से की है। बताया गया है कि अक्षय पात्र की ओर से अभी तक इंटर कॉलेजों में पढ़ने वाले आठवीं कक्षा तक के छात्र-छात्रओं को मिड डे मील नहीं भेजा गया है
Wednesday, December 6, 2017
Friday, December 1, 2017
Monday, October 30, 2017

कानपुर : अक्षयपात्र पर फिर होगी कवायद, मांगेंगे बजट, सरकार-अक्षयपात्र में पिछले साल हो चुका है समझौता
’ बजट की दरकार, टास्क फोर्स नहीं भेज रहीं जांच रिपोर्ट
500 से ज्यादा ब्लॉकों से रिपोर्ट नहीं आई
जनपदस्तरीय टास्कफोर्स ऑनलाइन रिपोर्ट नहीं भेज रही हैं। 500 से अधिक ब्लॉकों से भी रिपोर्ट नहीं आई हैं। परिवर्तन लागत और रसोइया मानदेय समय से उपलब्ध नहीं कराया जा पा रहा है। कानपुर नगर में केवल 32 फीसदी तक ही परिवर्तन लागत आदि पहुंच पाई। अब नोडल अफसर प्रतिदिन समीक्षा करेंगे। वहीं, रिपोर्ट में इस बात पर भी नाराजगी जताई है कि मां समितियों के रजिस्टरों में टिप्पणी नहीं होती है। 50 फीसदी से ज्यादा में तो समितियों के बारे में जानकारी ही नहीं दी गई है।
कानपुर में अक्षयपात्र के माध्यम से परिषदीय स्कूलों के बच्चों को गरम भोजन उपलब्ध कराने के लिए फिर से कवायद की जाएगी। मध्यान्ह भोजन प्राधिकरण की समीक्षा में यह मुद्दा फिर उठाया गया। कानपुर नगर उन पांच जनपदों में है, जहां स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों और अक्षयपात्र के बीच आपसी सहमति पर हस्ताक्षर हो चुके हैं। शहर में केंद्रीय किचन के लिए स्थान पर चिह्न्ति हो चुका है। मध्यान्ह भोजन से जुड़े विभिन्न ¨बदुओं की समीक्षा के दौरान यह बात सामने आई कि वर्ष 2016 में कानपुर नगर समेत 11 जनपदों में अक्षयपात्र को गरम भोजन उपलब्ध कराने का जिम्मा देने का निर्णय लिया गया था। इनमें से पांच जनपदों आगरा, कानपुर नगर, वाराणसी, इलाहाबाद और अंबेडकर नगर के लिए आपसी समझौते पर हस्ताक्षर हो गए। यह समझौता जिलाधिकारी और नगर आयुक्तों ने अक्षयपात्र के साथ किया था। अक्षयपात्र शुरू नहीं कर सका काम : परमपुरवा स्थित पंडित रतनलाल शुक्ल इंटर कॉलेज के सामने खाली पड़ी जगह पर अक्षयपात्र को केंद्रीय किचन बनाने के लिए जगह दी गई थी। अक्षयपात्र ने भी इसके लिए तैयारी कर ली थी। पर जो बजट पास हुआ वह खातों में नहीं आया। अक्षयपात्र यहां से करीब एक लाख बच्चों को गरम भोजने देने की तैयारी में था। 25 अक्तूबर को लखनऊ में हुई बैठक के दौरान बताया गया कि 23 जनपदों में 132 एजेंसियां हैं। लखनऊ में 12 सौ विद्यालयों के 1.25 लाख बच्चों को अक्षयपात्र ही भोजन उपलब्ध करा रहा है। जुलाई में शासन को सूचना भेजी गई थी। अब फिर जानकारी दी जा रही है।
Sunday, May 21, 2017

इलाहाबाद : एक लाख बच्चों का खाना चार घंटे में होगा तैयार, अक्षयपात्र फाउंडेशन के आधुनिक किचन में ही बनेगा बच्चों का मिड डे मील
इलाहाबाद : अक्षयपात्र फाउंडेशन एक लाख बच्चों के लिए हाइजीनिक खाना चार घंटे में तैयार करेगा। जी हां, बेसिक एवं माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा एक से आठ तक के बच्चों के लिए मिड-डे-मील अब आधुनिक किचन में ही बनेगा। आधुनिक किचन के निमार्ण में 10 से 12 माह का समय लगेगा।
प्रशासनिक स्तर पर प्लांट लगाने के लिए तीन एकड़ भूमि आवंटित कर दी है। इसका निर्माण फूलपुर में बहरिया ब्लॉक के कुसुमपुर गांव में किया जाएगा। भोजन विशेष इंसुलेटेड वैन के माध्यम से गर्म खाना नगर और अंचल के क्षेत्र में निर्धारित समय पर पहुंचा भी दिया जाएगा। बेसिक शिक्षा कार्यालय में मिड-डे-मील समन्वयक राजीव त्रिपाठी ने बताया कि प्रदेश सरकार की इस योजना के अंतर्गत एक लाख बच्चों का खाना मात्र चार घंटे में तैयार करने की योजना का अमली जामा पहना दिया गया है। अक्षयपात्र फाउंडेशन के माध्यम से आधुनिक किचन घर स्थापित किया जाएगा।
आधुनिक किचन घर की परिकल्पना के अंतर्गत हाइटेक मशीनों का प्रयोग किया जाएगा। इसमें रोटी मेकर से एक घंटे में 25 हजार रोटियां तैयार होंगी। आटा गूथने के लिए वृहद संयत्र, दाल-चावल के लिए ब्वॉयलर और सब्जी-खीर आदि के लिए काफी अधिक क्षमता वाले कुकर आदि उपस्कर का प्रयोग किया जाएगा। खास बात ये होगी कि किचन में अधिकतर मशीनों का संचालन मानव रहित होगा। प्रमुख इंपुट प्वाइंट की बात छोड़ दें तो किचन का समस्त मेकेनिकज्म ऑटोमेटिक होगा।
Friday, March 31, 2017

लखनऊ : मिड-डे मील में कीड़ा निकला, शिक्षकों ने अक्षयपात्र संस्था के कर्मचारियों को दी जानकारी
सरोजनीनगर इलाके के लोनहां गांव स्थित पूर्व माध्यमिक विद्यालय के विद्यार्थियों को गुरुवार को वितरित किए गए मिड-डे-मील में बड़ा कीड़ा निकलने पर हड़कंप मच गया। इसकी सूचना शिक्षकों ने अक्षय पात्र के कर्मचारियों को दी। उस समय तक विद्यालय के आधे विद्यार्थी भोजन कर चुके थे। तभी एक छात्र के थाली में बड़ा सा हरे रंग का कीड़ा निकल आया। कीड़ा देखते ही बच्चों ने खाना छोड़ दिया।
सरोजनीनगर इलाके के न्याय पंचायत पिपरसंड के लोनहां गांव मे संचालित पूर्व माध्यमिक विद्यालय में करीब 58 विद्यार्थी पंजीकृत हैं। इनमें करीब 28 विद्यार्थी ही स्कूल में उपस्थित रहे। जिन्हें अक्षयपात्र द्वारा भेजा गया। मिड-डे-मील में गुरुवार को रोटी व आलू मटर की सब्जी आई थी। विद्यालय के आधे बच्चों द्वारा भोजन खाना शुरू कर दिया था। आधे विद्यार्थियों को परोसा ही जा रहा था कि छात्र हिमांशु पाल की थाली में एक बड़ा सा हरे रंग का कीड़ा निकल आया। इसे देख कर बच्चों मे हड़कंप मच गया। विद्यार्थियों ने आनन-फानन इसकी सूचना शिक्षकों को दी। विद्यालय के प्रधानाध्यापक सुरेश कुमार व अन्य शिक्षकों ने देखा और इसकी सूचना अमौसी गांव स्थित बने अक्षय पात्र के प्रभारी को दी। जानकारी पाकर मौके पर पहुंचे अक्षय पात्र प्रभारी ने देखा तो इसे कोई और चीज बताकर मामले को टाल दिया।
Monday, December 26, 2016

सीएम अखिलेश ने अक्षयपात्र के किचेन का किया लोकार्पण, बच्चों को खुद अपने हाथ से परोसा खाना
लखनऊ-CM @yadavakhilesh ने बच्चों को परोसा खाना,अक्षयपात्र किचेन से बना खाना बच्चो को परोसा, लोकभवन में शिलान्यास कार्यक्रम के बाद खाना खिलाया
लखनऊ-CM @yadavakhilesh ने बच्चों को परोसा खाना, अक्षयपात्र किचेन से बना खाना बच्चों को परोसा @CMOfficeUP @samajwadiparty
लखनऊ-CM @yadavakhilesh ने बच्चों को परोसा खाना, लोकभवन में शिलान्यास कार्यक्रम के बाद खाना खिलाया @CMOfficeUP

रामपुर : जनपद के प्रधानों और शहरी क्षेत्र में खाना दे रहे एनजीओ को बड़ा झटका लगा, जिले में मिड-डे मील देने का जिम्मा अक्षयपात्र को
जनपद के प्रधानों और शहरी क्षेत्र में खाना दे रहे एनजीओ को बड़ा झटका लगा है। अब शासन ने बच्चों को खाना देने के लिए अक्षयपात्र एनजीओ का चयन किया है। अक्षयपात्र 12 जिलों में बच्चों को खाना देगी, जिसमें रामपुर भी शामिल है। शहरी क्षेत्र में खाना देने वाले 18 एनजीओ का चयन निरस्त किया जाएगा। बेसिक शिक्षा विभाग स्कूलों में बच्चों को शिक्षा के साथ खाना भी दे रहा है। बच्चों को दोपहर का गर्म खाना दिया जाता है। गांव में प्रधान और प्रधानाध्यापक बच्चों को खाना दे रहे हैं, जबकि शहरी क्षेत्र में एनजीओ खाना दे रहे हैं, लेकिन अब शासन ने बड़ी संस्था अक्षयपात्र का चयन किया है। उसे प्रदेश के 12 जिले दिए गए हैं, जिसे रामपुर की जिम्मेदारी भी दी गई है। शासनादेश प्राप्त हो गया है, जिस पर जल्द ही अमल किया जाएगा। शहरी क्षेत्र के बच्चों को खाना दे रहे एनजीओ भी हटा दिए जायेंगे। अक्षयपात्र के पास खाना बनाने की बड़ी मशीने हैं, जिनसे गुणवत्तायुक्त जल्दी खाना बनता है। जिले में साल भर में करीब दस करोड़ रुपये खाने पर खर्च हो रहे हैं। डीएम अमित किशोर ने बताया कि शासनादेश प्राप्त हो गया है।
Monday, October 31, 2016

मुंबई की एक कंपनी ग्रीन सोल प्रॉडक्ट के सहयोग से अक्षयपात्र संस्था ने उठाया कदम, दस हजार बच्चों को मिलेंगी मुफ्त चप्पलें
कुछ माह पहले अक्षय पात्र की ओर से शहर के एक लाख बच्चों को जूतो बांटने का काम शुरू किया गया था। लगभग 80 हजार बच्चों को जूते बांट दिए गए। सुनील मेहता ने बताया कि साइज के कुछ इश्यू के कारण बच्चों में वितरण कार्य बाधित हो रहा है। हालांकि यह दिक्कत भी दूर कर ली गई है। नवंबर में जूतों के वितरण का कार्य पूरी तरह खत्म कर दिया जाएगा। इसके बाद चप्पलों का वितरण शुरू किया जाएगा।
जूतों के वितरण के बाद बंटेंगीं चप्पलें
अक्षय पात्र द्वारा 100 स्कूलों के बच्चों को मिलेगी सुविधा
अब बच्चों को मिलेंगी चप्पलें• एनबीटी, लखनऊ : खाने और जूतों के बाद अब अक्षय पात्र ने जिले के प्राथमिक और जूनियर स्कूलों के दस हजार बच्चों को चप्पल देने की घोषणा की है।
अक्षय पात्र के जीएम सुनील कुमार मेहता ने बताया कि स्कूलों में काफी ऐसे बच्चे हैं, जिनके पास पहनने के लिए चप्पल तक नहीं है। इसलिए हमने ऐसे सभी बच्चों को चप्पल देने का निर्णय लिया है। दीवाली के बाद चप्पलों का वितरण कार्य शुरू होगा। यह पूरी तरह से नि:शुल्क होगा और सरकार से इसका कोई भी भुगतान नहीं लिया जाएगा।
मुंबई से आएंगी चप्पलें
सुनील मेहता ने बताया कि चप्प्ल के वितरण में मुंबई की एक कंपनी ग्रीन सोल प्रॉडक्ट सहयोग कर रही है। यह कंपनी पुराने जूतों को रिसाइकल कर चप्पल बना रही है। संस्था की ओर यह चप्पलें हमें मुहैया करवाई जाएंगी। इसके बाद बच्चों में वितरण कार्य अक्षयपात्र की ओर से किया जाएगा। यह वितरण ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों के बच्चों में होगा।
Wednesday, October 26, 2016
Saturday, September 17, 2016

लखनऊ : एक साल बाद शुरू हुआ मिड-डे-मिल, तमाम काउंसलिंग व प्रेरणा के बाद लोग हुए राजी, अब रोज बंटेगा मिड-डे-मील, मिड-डे-मील खाकर बीमार पड़े थे 80 छात्र
लखनऊ। चिनहट के जुग्गौर में एक साल बाद फिर से मिड डे मील का वितरण शुरू हुआ। एक साल पहले कुछ बच्चों के मिड डे मील खाने से बीमार होने का आरोप लगा था जिसके बाद से आक्त्रोशित लोगों ने मिड डे मील बंटवाना बंद करवा दिया था। शुक्रवार को अधिकारियों ने बच्चों के साथ बैठकर खाना खाया जिसके बाद फिर से मिड डे मील की सप्लाई शुरू हुई।
सीडीओ प्रशांत शर्मा ने बताया कि दो सितंबर 2015 को मिड डे मील खाकर कई बच्चों के बीमार होने का आरोप लगा था। यह मिड डे मील अक्षय पात्र ने सप्लाई किया था। हालांकि वही खाना दूसरे डेढ़ हजार बच्चों ने भी खाया लेकिन किसी को कुछ नहीं हुआ था। जुग्गार प्राथमिक विद्यालय प्रथम, द्वितीय और जूनियर हाई स्कूल तीनों स्कूलों में इस घटना के बाद लोगों ने मिड डे मील का वितरण बंद करवा दिया था। तब से लगातार यहां प्रयास किए गए लेकिन लोग मिड डे मील बांटने को राजी नहीं हुए।
सीडीओ ने बताया कि उस घटना के बाद से लगातार प्रयास किए गए कि तीनों स्कूलों में मिड डे मील का वितरण फिर से शुरू हो सके लेकिन यह संभव नहीं हो पा रहा था। लोगों में इतना गुस्सा था कि वह कोई बात सुनने को तैयार नहीं थे। बीडीओ विजय कुमार ने लगातार लोगों की काउसंलिंग की। लोगों को डर था कि कहीं उनके बच्चे फिर से बीमार न पड़ जाएं। शुक्रवार को मिड डे मील में बच्चों को खाने के लिए सोयाबीन वाली तहरी का वितरण किया गया। मिड डे मील आने के बाद कई लोग बच्चों को खाना देने से हिचकने लगे। उसके बाद बीडीओ ने सबसे पहले खाना खाया। उसके बाद टीचर्स ने और उपस्थित सभी अधिकारियों और प्रधान ने भी खाना खाया। उसके बाद लोगों की हिचक हटी और उन्होंने बच्चों को खाने दिया।
सीडीओ ने बताया कि अब रोज मिड डे मील का वितरण होगा। स्कूल के टीचर्स भी वही खाकर दिखाएंगे। लोगों को अगर कोई समस्या होगी तो वह सीधे अधिकारियों से संपर्क करेंगे।
Tuesday, August 30, 2016
Tuesday, July 26, 2016
Tuesday, May 31, 2016

उत्तर भारत के सबसे बड़े किचेन को 2 एकड़ आवंटित, परिषदीय विद्यालय के बच्चों को शुद्ध व गुणवत्तायुक्त भोजन जल्द, दोपहर के भोजन का जिम्मा अक्षय पात्र फाउंडेशन के हवाले
🔵2,10,000 बच्चे पंजीकृत जनपद में 1367 परिषदीय विद्यालयों में करीब 190,000 विद्यार्थी पंजीकृत हैं। इसमें 1013 प्राइमरी व 354 उच्च प्राथमिक विद्यालय हैं। इसके अलावा छह कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, तीन आश्रम पद्धति के विद्यालय व 75 अनुदानित विद्यालयों के विद्यार्थियों को भी दोपहर का भोजन मुफ्त उपलब्ध कराया जा रहा है। इस प्रकार जनपद में कुल 210,000 बच्चों को मध्याह्न् भोजन मिल रहा है। वर्तमान में विद्यालय प्रबंध समिति के माध्यम से मध्याह्न् भोजन के वितरण की व्यवस्था चल रही है।
🔴 परिषदीय विद्यालयों के बच्चों को मध्याह्न् भोजन जल्द ही गुणवत्तायुक्त व शुद्ध मिलेगा। ‘मिड डे मील’ के लिए अक्षय पात्र फाउंडेशन से काफी पहले समझौता हो चुका है। केंद्रीयकृत किचेन बनाने के लिए फाउंडेशन को अर्दली बाजार स्थित एलटी कालेज में दो एकड़ भूमि भी आवंटित की जा चुकी है। खास बात यह है कि प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में ‘मिड डे मील’ के लिए उत्तर भारत की सबसे बड़ा किचेन बनने का प्रस्ताव है। आधुनिक मशीनों के माध्यम से इस केंद्रीयकृत किचेन में एक साथ करीब चार लाख बच्चों लिए खाना भोजन बनाने की सुविधा होगी। पचास करोड़ की लागत से बनेगा किचेन :अक्षय पात्र फाउंडेशन ने करीब 50 करोड़ की लागत से केंद्रीयकृत किचेन बनाने निर्णय लिया है। इस क्रम में चावल व दाल बनाने के लिए नीदरलैंड्स से बेहद आधुनिक मशीन मंगाई जाएगी। एक मशीन की कीमत करीब पांच करोड़ रुपये है। वहीं चावल व दाल बनाने के लिए तीन-तीन मशीनें लगाई जाएंगी। इसी प्रकार रोटी बनाने की मशीन की कीमत करीब पचास लाख बताई जा रही है। यह मशीन एक घंटे में करीब एक लाख रोटी बनाएगी। 1150 इंसूलेटर वैन : अर्दली बाजार से जनपद के 1372 स्कूलों में बना बनाया दोपहर का खाना इंसूलेटर वैन के माध्यम से भेजा जाएगा। फाउंडेशन इसके लिए करीब 150 वैन मंगाने का निर्णय किया है। एक वैन की कीमत लगभग 40 लाख रुपये बताई जा रही है।