DISTRICT WISE NEWS

अंबेडकरनगर अमरोहा अमेठी अलीगढ़ आगरा इटावा इलाहाबाद उन्नाव एटा औरैया कन्नौज कानपुर कानपुर देहात कानपुर नगर कासगंज कुशीनगर कौशांबी कौशाम्बी गाजियाबाद गाजीपुर गोंडा गोण्डा गोरखपुर गौतमबुद्ध नगर गौतमबुद्धनगर चंदौली चन्दौली चित्रकूट जालौन जौनपुर ज्योतिबा फुले नगर झाँसी झांसी देवरिया पीलीभीत फतेहपुर फर्रुखाबाद फिरोजाबाद फैजाबाद बदायूं बरेली बलरामपुर बलिया बस्ती बहराइच बाँदा बांदा बागपत बाराबंकी बिजनौर बुलंदशहर बुलन्दशहर भदोही मऊ मथुरा महराजगंज महोबा मिर्जापुर मीरजापुर मुजफ्फरनगर मुरादाबाद मेरठ मैनपुरी रामपुर रायबरेली लखनऊ लखीमपुर खीरी ललितपुर लख़नऊ वाराणसी शामली शाहजहाँपुर श्रावस्ती संतकबीरनगर संभल सहारनपुर सिद्धार्थनगर सीतापुर सुलतानपुर सुल्तानपुर सोनभद्र हमीरपुर हरदोई हाथरस हापुड़

Tuesday, August 22, 2119

अब तक की सभी खबरें एक साथ एक जगह : प्राइमरी का मास्टर ● इन के साथ सभी जनपद स्तरीय अपडेट्स पढ़ें


 📢 प्राइमरी का मास्टर PKM
      अधिकृत WhatsApp चैनल


व्हाट्सप के जरिये जुड़ने के लिए क्लिक करें।
  • प्राइमरी का मास्टर ● कॉम www.primarykamaster.com उत्तर प्रदेश
  • प्राइमरी का मास्टर करंट न्यूज़ टुडे
  • प्राइमरी का मास्टर करंट न्यूज़ इन हिंदी 
  • प्राइमरी का मास्टर कॉम
  • प्राइमरी का मास्टर लेटेस्ट न्यूज़ २०१८
  • प्राइमरी का मास्टर शिक्षा मित्र लेटेस्ट न्यूज़
  • प्राइमरी का मास्टर खबरें faizabad, uttar pradesh
  • प्राइमरी का मास्टर ● कॉम www.primarykamaster.com fatehpur, uttar pradesh
  • प्राइमरी का मास्टर ट्रांसफर
  • प्राइमरी का मास्टर करंट न्यूज़ इन हिंदी
  • प्राइमरी का मास्टर शिक्षा मित्र लेटेस्ट न्यूज़
  • प्राइमरी का मास्टर लेटेस्ट न्यूज़ २०१८
  • प्राइमरी का मास्टर ● कॉम www.primarykamaster.com उत्तर प्रदेश
  • प्राइमरी का मास्टर ट्रांसफर 2019
  • प्राइमरी का मास्टर अवकाश तालिका 2019
  • प्राइमरी का मास्टर शिक्षा मित्र लेटेस्ट न्यूज़ इन हिंदी लैंग्वेज
  • primary ka master 69000 
  • primary ka master district news 
  • primary ka master transfer 
  • primary ka master app 
  • primary ka master holiday list 2019 
  • primary ka master allahabad 
  • primary ka master 17140 
  • primary ka master latest news 2018 
  • primary ka master 69000 
  • news.primarykamaster.com 2019 
  • news.primarykamaster.com 2020   
  • primary ka master district news 
  • primary ka master transfer 
  • primary ka master app 
  • primary ka master holiday list 2019 
  • primary ka master allahabad 
  • primary ka master 17140 
  • primary ka master transfer news 2019 
  • primary ka master app 
  • primary ka master transfer news 2018-19 
  • primary ka master todays latest news regarding 69000 
  • primary ka master allahabad 
  • primary ka master mutual transfer 
  • up primary teacher transfer latest news 
  • primary teacher ka transfer



स्क्रॉल करते जाएं और पढ़ते जाएं सभी खबरें एक ही जगह। जिस खबर को आप पूरा पढ़ना चाहें उसे क्लिक करके पढ़ सकते हैं।

    Friday, July 11, 2025

    सरकार का दावा, पेयरिंग से स्कूली बच्चों को मिलेंगे बेहतर संसाधन

    सरकार का दावा, पेयरिंग से स्कूली बच्चों को मिलेंगे बेहतर संसाधन

    विलय का असर : शिक्षक बढ़ेंगे, लाइब्रेरी, लैब, खेल मैदान, स्मार्ट क्लास जैसी सुविधाएं मिलेंगी

    निजी स्कूलों की तर्ज पर प्री प्राइमरी से उच्च स्तर तक की पढ़ाई एक ही परिसर में


    लखनऊ। प्रदेश के कम नामांकन वाले परिषदीय विद्यालयों के विलय (पेयरिंग) के बाद बच्चों को और बेहतर संसाधन व गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराई जाएगी। विद्यालयों को आपस में जोड़कर एकीकृत और प्रतिस्पर्धात्मक शैक्षिक वातावरण देने के लिए काम किया जा रहा है।

    बेसिक शिक्षा विभाग के अनुसार इस व्यवस्था से कम नामांकन वाले विद्यालयों को पास के बड़े स्कूलों से जोड़ा जा रहा है। इससे एक ओर शिक्षकों की उपलब्धता बढ़ेगी तो छात्रों को लाइब्रेरी, खेल मैदान, स्मार्ट क्लास जैसी सुविधाएं भी साझा रूप से मिल सकेंगी। यही नहीं निजी स्कूलों की तर्ज पर प्री प्राइमरी से लेकर उच्च कक्षाओं तक की पढ़ाई और गतिविधियां एक ही परिसर में होंगी।


    राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत विद्यालयों की पेयरिंग से सरकार ने संसाधनों का बेहतर प्रयोग और विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण व समावेशी शिक्षा का लाभ दिलाने की मुहिम चलाई है। यह योजना सिर्फ यूपी में ही नहीं लागू की जा रही है। राजस्थान, मध्य प्रदेश, ओडिशा, झारखंड, हिमाचल प्रदेश और असम में इसे पहले ही लागू किया जा चुका है। राजस्थान में 17 हजार से अधिक स्कूलों का एकीकरण किया गया है। वहीं, मध्य प्रदेश में एक परिसर, एक शाला मॉडल के तहत 16076 एकीकृत स्कूल बनाए गए हैं।

    ओडिशा ने 9000 से अधिक विद्यालयों का एकीकरण किया गया है। झारखंड जहां 65 फीसदी स्कूलों में एक या दो शिक्षक थे वहां एकीकरण से शिक्षक छात्र अनुपात में सुधार हुआ है।

    हिमाचल और असम में भी विद्यालयों की पेयरिंग कर संसाधनों की उपलब्धता बढ़ाई गई है। एकीकरण से छात्रों और शिक्षकों दोनों को लाभ होगा। इससे स्वस्थ प्रतिस्पर्धा और पियर लर्निंग से पठन-पाठन भी बेहतर होगा।


    कोई भी स्कूल बंद नहीं होगा

    विभाग ने स्पष्ट किया है कि कोई भी विद्यालय बंद नहीं होगा, बल्कि और बेहतर होगा। एक स्कूल को प्री प्राइमरी तो दूसरे को प्राथमिक या उच्च प्राथमिक के रूप में संचालित किया जाएगा। इन्हें स्मार्ट क्लास, कंप्यूटर लैब, ओपन जिम, बाल सुलभ फर्नीचर, वाई-फाई, स्वच्छ शौचालय जैसी सुविधाओं से युक्त किया जा रहा है। अगले चरण में मुख्यमंत्री अभ्युदय और मॉडल कंपोजिट विद्यालय स्वीकृत किए गए हैं। जहां पर प्री-प्राइमरी से कक्षा-8 तक और प्री-प्राइमरी से कक्षा-12 तक की पढ़ाई की व्यवस्था होगी।


    शिक्षा में सुधार की सार्थक पहल है एकीकरण

    नई शिक्षा नीति केवल पाठ्यक्रम और डिग्री तक सीमित नहीं रखती, बल्कि उसे सामाजिक नवाचार, जीवन कौशल और समावेशन के औजार के रूप में देखती है। प्रदेश में विद्यालयों का एकीकरण इसी नीति के लक्ष्यों की ओर एक प्रयास है। 2017 के पहले विद्यालयों में न बच्चे थे, न संसाधन, न शिक्षक। एक ही शिक्षक से तीन कक्षाओं का संचालन कराया जाता था। कई स्थानों पर विद्यालयों में छात्र संख्या इतनी कम थी कि वहां पढ़ाई का कोई औचित्य ही नहीं था। हमने विद्यालयों की दशा सुधारी, बच्चों को मुफ्त किताबें दीं। ड्रेस आदि के लिए डीबीटी से सीधे खातों में पैसा भेजते हैं। एकीकरण से हर कक्षा और विषय के शिक्षकों की उपलब्धता होगी। साथ ही बच्चों को पठन-पाठन से जुड़ी हर आधुनिक सुविधा दी जाएगी। संदीप सिंह, बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)

    वर्ष 2025 के लिये राष्ट्रीय अध्यापक पुरस्कार हेतु भारत सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार कार्यवाही किये जाने के सम्बन्ध में।

    राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए 15 जुलाई तक होंगे आवेदन


    शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले शिक्षकों को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया जाएगा। इसके लिए माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से माध्यमिक विद्यालयों, सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड के प्रधानाचार्यों और शिक्षकों से आवेदन मांगे गए हैं


    प्रदेश के शिक्षक राज्य व राष्ट्रीय अध्यापक पुरस्कारों में नहीं ले रहे रुचि, अब तक मात्र 16 नामांकन, माध्यमिक शिक्षा विभाग ने प्रचार प्रसार कर आवेदन करवाने के दिए आदेश 



    लखनऊ। प्रदेश के शिक्षक राज्य व राष्ट्रीय अध्यापक पुरस्कारों में अपेक्षाकृत रुचि नहीं ले रहे हैं। वर्तमान में राष्ट्रीय अध्यापक पुरस्कार के लिए आवेदन चल रहे हैं। किंतु यूपी से मात्र 16 नामांकन ही हुए हैं। 

    माध्यमिक शिक्षा विभाग ने संबंधित अधिकारियों को शिक्षकों के आवेदन बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेंद्र देव की ओर से दिए निर्देश में कहा गया है कि शिक्षा मंत्रालय के पोर्टल पर 13 जुलाई तक आवेदन व 15 जुलाई तक फाइनल आवेदन करने की तिथि है। 

    उन्होंने सभी संयुक्त शिक्षा निदेशक, उप शिक्षा निदेशक व डीआईओएस को निर्देश दिया है कि इसका प्रचार-प्रसार करते हुए ज्यादा से ज्यादा शिक्षकों के ऑनलाइन आवेदन कराना सुनिश्चित करें। 



    राष्ट्रीय अध्यापक पुरस्कार, 2025 के चयन के संबंध में





    वर्ष 2025 के लिये राष्ट्रीय अध्यापक पुरस्कार हेतु भारत सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार कार्यवाही किये जाने के सम्बन्ध में।
     















    हर 5 से 10 किमी के दायरे में होंगे पीएम-श्री जैसे स्कूल

    हर 5 से 10 किमी के दायरे में होंगे पीएम-श्री जैसे स्कूल

    पीएम-श्री स्कूलों के जरिये स्कूली शिक्षा में दिख रहे बदलावों के बाद और स्कूल खोलने की तेज हुई मांग


    नई दिल्लीः पीएम-श्री स्कूलों के जरिये स्कूली शिक्षा में सुधार को लेकर जिस तरह का माहौल बना है, उसे देखते हुए और भी पीएम-श्री या उसके जैसे स्कूल विकसित करने की पहल तेज हुई है। आने वाले दिनों में प्रत्येक पांच से 10 किलोमीटर के दायरे में ऐसे और स्कूल खोले जा सकते हैं। शिक्षा मंत्रालय ने राज्यों के रुझान को देखते हुए इस दिशा में पहल तेज की है।


    माना जा रहा है कि इस साल के अंत तक ऐसे और स्कूलों को खोलने का एलान किया जा सकता है। वैसे भी नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत 2025 तक प्रत्येक पांच से 10 किलोमीटर के दायरे में एक स्कूल क्लस्टर या कांप्लेक्स बनाने की सिफारिश की गई है।


    एनईपी में कहा गया है कि यह स्कूल ऐसा होना चाहिए, जिसमें बच्चों के लिए खेलकूद स्मार्ट क्लास रूम, पुस्तकालय, प्रयोगशाला, कला-संगीत आदि व्यवस्थाएं हों। मौजूदा समय में तमिलनाडु, केरल और बंगाल को छोड़ दें, तो सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रत्येक ब्लाक में दो पीएम-श्री स्कूल विकसित किए गए हैं। खास बात यह है कि ये नए स्कूल नहीं हैं, बल्कि पहले संचालित सरकारी स्कूलों को ही पीएम-श्री स्कूल के रूप में विकसित किया गया है। शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक पीएम-श्री स्कूल योजना के तहत देश में कुल 14,500 स्कूल विकसित किए गए हैं।

    Thursday, July 10, 2025

    स्कूलों के विलय के खिलाफ नई PIL दाखिल, सुनवाई आज

    स्कूलों के विलय के खिलाफ नई PIL दाखिल, सुनवाई आज


    लखनऊ। प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों के विलय के खिलाफ नई जनहित याचिका हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ में दाखिल हुई है। यह पीआईएल न्यायमूर्ति एआर मसूदी और न्यायमूर्ति श्रीप्रकाश सिंह की खंडपीठ के समक्ष बृहस्पतिवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है।


    स्थानीय अधिवक्ता ज्योति राजपूत ने याचिका दाखिल कर राज्य सरकार के स्कूलों के विलय या दो स्कूलों को जोड़ने के बीते 16 जून के आदेश को रद्द करने का आग्रह किया है। साथ ही गांवों के दूरदराज इलाकों में रहने वाले गरीब बच्चों को स्कूल जाने के लिए परिवहन की व्यवस्था करने की भी गुजारिश की गई है। याचिका में आरटीई अधिनियम के तहत राज्य सरकार को बच्चों के परिवहन के दिशानिर्देश तय करने के निर्देश देने का भी आग्रह किया गया है।

    राज्य सरकार के मुख्य स्थाई अधिवक्ता शैलेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि सात जुलाई को हाईकोर्ट की एकल पीठ ने विलय के खिलाफ सीतापुर के 51 बच्चों द्वारा दाखिल याचिका समेत एक अन्य याचिका को खारिज कर दिया था। 


    अब 8वीं में छात्र पढ़ेंगे म्यूजिक, डांस मूवमेंट, विजुअल आर्ट व थियेटर

    अब 8वीं में छात्र पढ़ेंगे म्यूजिक, डांस मूवमेंट, विजुअल आर्ट व थियेटर


    नई दिल्ली। शैक्षणिक सत्र 2025-26 से आठवीं कक्षा के छात्र अनिवार्य विषय में आर्ट एजुकेशन की पढ़ाई भी करेंगे। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (एनईपी) और राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा (एनसीएफ) 2023 के आधार पर आठवीं कक्षा की आर्ट एजुकेशन की पाठयपुस्तक कृति तैयार कर ली है।


    इसे चार भारों में थियेटर, म्यूजिक, डांस-मूवमेंट और विजुअल आर्ट को 19 अध्यायों में बांटा गया है। इसमें सभी राज्यों के प्राचीन गाने और नृत्य भी शामिल हैं। एनसीईआरटी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पाठ्यपुस्तक में 10वीं शताब्दी में कश्मीर के दार्शनिक व विद्धान अभिनव गुप्त का भरत मुनि के प्रसिद्ध ग्रंथ नाट्यशास्त्र पर अभिनवभारती नामक टीका और नाट्यशास्त्र के नवम रस यानी शांति रस का भी वर्णन है।

    इसके अलावा ताल, कोन्नाकोल सोलकट्टू और स्वर, हिंदोस्तानी संगीत, सरस्वती प्रणाम, पारंपरिक व आधुनिक वाद्ययंत्र, पांडुलिपि, नाटक-नृत्य, गाने के प्रकार (अकेले और ग्रुप प्रस्तुति) आदि के बारे में बताया गया है।


    भक्ति, सूफी और प्रदेशों के गीत-संगीत : पुस्तक में छठीं शताब्दी में लोगों को धर्म, समाज और शिक्षा से जागरूक करने वाले भक्ति मूवमेंट से जोड़ने वाले भजनों को शामिल किया गया है। इसमें उत्तर भारत से मीराबाई, तुलसीदास के अलावा शास्त्रीय संगीतकार व सखी संप्रदाय के संस्थापक हरिदास पुरानादारा, या स्वामी हरिदास के अलावा दक्षिण भारत के संतधारा संत कनकदास हैं। जबकि मध्यकालीन भारत के सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती, बाबा फरीद शामिल हैं, इसमें पंजाब, पश्चिमी भारत के सूफी गाने व नृत्य शामिल हैं।

    सभी बोर्ड के पाठ्यक्रम को एक समान करने के लिए परख ने की पहल, एक से दूसरे बोर्ड में जाने पर नहीं बदलेगा पाठ्यक्रम

    सभी बोर्ड के पाठ्यक्रम को एक समान करने के लिए परख ने की पहल, एक से दूसरे बोर्ड में जाने पर नहीं बदलेगा पाठ्यक्रम

    रटने की प्रवृत्ति कम करने के लिए प्रश्न पत्र के प्रारूप में भी होगा बदलाव


    प्रयागराज। एक परीक्षा संस्था (बोर्ड) से दूसरी परीक्षा संस्था में पंजीकृत होने पर छात्रों के सीखने के स्तर में विविधता देखने को मिलती है और उन्हें कठिनाई का सामना करना पड़ता है। छात्रों को इस समस्या ने निजात दिलाने के लिए परख ने पहल की है।

    माध्यमिक शिक्षा परिषद व एनएसी परख के संयुक्त तत्वावधान में जीबी पंत संस्थान में आयोजित पांच दिवसीय कार्यशाला के तीसरे दिन परख की सीईओ इंद्राणी भादुड़ी ने क्वेश्चन पेपर टेंपलेट (क्यूपीटी) का विश्लेषण किया।


    उन्होंने बताया कि मॉडल पेपर व ब्लू प्रिंट की आवश्यकता इसलिए महसूस की गई क्योंकि वर्तमान में देश में लगभग 60 परीक्षा संस्थाएं काम कर रहीं हैं। इनके प्रश्नों के प्रकार, उद्देश्य और कठिनाई के स्तर में विविधता पाई जाती है।

    एनएसी परख का मुख्य उद्देश्य सभी बोर्ड की विविधता का सम्मान करते हुए उसे सुसंगत बनाने की कोशिश करने के साथ एक मानकीकृत प्रश्नपत्र ढांचा स्थापित करना है। परीक्षा केंद्रित मानसिकता को कम करना, विभिन्न राज्यों के बोर्ड में मूल्यांकन में छात्रों की रटने की प्रवृत्ति को कम करते हुए उच्चतर चिंतन कौशल, पारदर्शिता, सीखने आदि बिंदुओं पर समझ विकसित करना है।

    कार्यशाला के अंत में प्रतिभागियों द्वारा समूहवार अपने-अपने विषय के प्रश्नपत्रों की समीक्षा कराई गई ताकि कमियों को दूर किया जा सके। इससे पूर्व परख के रिसोर्स पर्सन ने होलिस्टिक प्रोग्रेस कार्ड (एचपीसी) के संबंध में प्रतिभागियों से प्रश्न पूछकर यह जानकारी ली कि उन्होंने कार्यशाला में क्या सीखा। अपर सचिव (शोध) ने बताया कि स्व मूल्यांकन और सहपाठी आकलन में एचपीसी की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण साबित होगी।

    पांच किलोमीटर दूर विद्यालय तो 9वीं-12वी के छात्रों को मिलेगा 6,000 रुपये परिवहन भत्ता

    पांच किलोमीटर दूर विद्यालय तो 9वीं-12वी के छात्रों को मिलेगा 6,000 रुपये परिवहन भत्ता

    बुंदेलखंड के सात जिलों व सोनभद्र के लिए दी जाएगी सहायता, पीएमश्री की छात्राओं को भी लाभ


    लखनऊ। बुंदेलखंड के सात व सोनभद्र के दूर-दराज के छात्रों के लिए विद्यालय जाना अब कष्टकारी नहीं होगा। इन आठ जिलों में पांच किलोमीटर से अधिक दूरी से विद्यालय जाने वाले 9वीं से 12वीं के छात्रों को 6,000 रुपये परिवहन भत्ता दिया जाएगा। माध्यमिक विद्यालयों में छात्र-छात्राओं दोनों को यह लाभ मिलेगा। जबकि पीएमश्री विद्यालयों में सिर्फ छात्राओं को यह दिया जाएगा।

    बुंदेलखंड के सात जिलों जालौन, झांसी, हमीरपुर, ललितपुर, महोबा, बांदा व चित्रकूट और सोनभद्र में पूरे प्रदेश की अपेक्षाकृत  माध्यमिक विद्यालय दूर स्थित हैं।


    शिक्षा मंत्रालय की योजना के अनुसार हर पांच किलोमीटर की दूरी पर एक राजकीय माध्यमिक विद्यालय होना चाहिए। ऐसे में पांच किलोमीटर से ज्यादा दूरी तय कर विद्यालय आने वाले छात्र-छात्राओं को छह हजार रुपये परिवहन भत्ता दिए जाने के लिए मंत्रालय ने बजट देने पर सहमति दी है।

    समग्र शिक्षा के तहत बजट स्वीकृत होने के बाद माध्यमिक शिक्षा विभाग ने इसके लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह राशि डीबीटी के माध्यम से सीधे छात्रों या उनके अभिभावकों के खाते में भेजी जाएगी। पहले चरण में यह राशि दो भाग में भेजने की तैयारी है। क्योंकि इसके माध्यम से संबंधित छात्र-छात्राओं की उपस्थिति भी 10 फीसदी तक बढ़ाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

    माध्यमिक शिक्षा विभाग की ओर से इसके लिए एक प्रोफार्मा तैयार किया गया है। छात्रों को इस योजना का लाभ पाने के लिए प्रोफार्मा भरकर देना होगा। इसमें वह यह बताएंगे कि उनके घर से पांच किलोमीटर के अंदर कोई राजकीय माध्यमिक विद्यालय नहीं है। इस प्रोफार्मा और घोषणा का ग्राम प्रधान और विद्यालय के प्रधानाचार्य से सत्यापन कराना अनिवार्य होगा। शहरी क्षेत्र में पार्षदों से इसका सत्यापन कराया जाएगा।


    24 हजार से ज्यादा छात्र-छात्राओं को मिलेगा लाभ

    समग्र शिक्षा के अपर राज्य परियोजना निदेशक विष्णुकांत पांडेय ने बताया कि इस योजना का उद्देश्य न सिर्फ विद्यार्थियों की आर्थिक मदद करना बल्कि उन्हें नियमित विद्यालय आने के लिए प्रेरित करना भी है। उन्होंने बताया कि एक अनुमान के मुताबिक आठ जिलों में लगभग 24 हजार छात्र-छात्रा इससे लाभांवित होंगे। वहीं 146 पीएमश्री विद्यालयों की 4000 छात्राएं भी प्रभावित होंगी। उन्होंने कहा कि यह योजना छात्र-छात्राओं के ड्रॉप आउट दर को भी कम करने का काम करेगी।

    Wednesday, July 9, 2025

    एटा बीएसए कारण बताएं कि केस चलाकर क्यों न उन्हें दंडित किया जाए : हाईकोर्ट, जानिए क्यों?

    एटा बीएसए कारण बताएं कि केस चलाकर क्यों न उन्हें दंडित किया जाए : हाईकोर्ट, जानिए क्यों? 


    प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एटा के बीएसए (बेसिक शिक्षा अधिकारी) दिनेश कुमार पर अवमानना मामले में आरोप तय कर दिए हैं। कोर्ट ने कहा कि तीन सप्ताह के भीतर कारण बताएं कि जानबूझकर न्यायालय के तीन नवंबर 2017 के आदेश का उल्लंघन करने के लिए उन पर अवमानना के तहत मुकदमा क्यों न चलाया जाए और दंडित क्यों न किया जाए। 


    साथ ही उन्हें 29 जुलाई को कोर्ट में उपस्थित रहने का आदेश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति नीरज तिवारी ने रमेश चंद्र पचौरी की अवमानना अर्जी पर दिया है। 


    एटा के याची रमेश चंद्र पचौरी 30 जून 1980 को उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद में जूनियर क्लर्क के पद पर नियुक्त हुए थे। वहीं, 31 दिसंबर 2016 को सेवानिवृत्त हो गए। - ब्याज सहित अवकाश नकदीकरण की मांग को लेकर उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। 


    कोर्ट ने तीन नवंबर 2027 के आदेश से याचिका स्वीकार कर ली। इसके बाद भी उन्हें अवकाश नकदीकरण का लाभ नहीं दिया गया। इस पर उन्होंने हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की। 

    विलय के खिलाफ शिक्षकों ने किया प्रदेश भर में धरना प्रदर्शन


    विलय के खिलाफ शिक्षकों ने किया प्रदेश भर में धरना प्रदर्शन

    बीएसए कार्यालयों पर शिक्षकों ने 10 सूत्रीय ज्ञापन भी दिया, पुरानी पेंशन बहाली, शिक्षकों की पदोन्नति, सामूहिक बीमा की भी उठाई मांग

    09 जुलाई 2025
    लखनऊ। प्रदेश में कम नामांकन वाले परिषदीय विद्यालयों के विलय (पेयरिंग) को लेकर शिक्षक संगठनों का विरोध जारी है। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के आह्वान पर मंगलवार को प्रदेश भर में बीएसए कार्यालयों पर शिक्षकों ने प्रदर्शन किया। साथ ही ज्ञापन देकर स्कूलों का विलय न करने और जिनका विलय हो चुका है उन्हें निरस्त करने की मांग की।

    प्रदर्शन के बाद शिक्षकों ने जिला प्रशासन के माध्यम से मुख्यमंत्री को संबोधित 10 सूत्रीय ज्ञापन भी दिया। इसके माध्यम से पुरानी पेंशन बहाली, विशिष्ट बीटीसी व उर्दू बीटीसी वाले शिक्षकों को पुरानी पेंशन देने, प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों की पदोन्नति करने, सामूहिक बीमा दस लाख तक करने, शिक्षकों को प्रोन्नत वेतनमान देने और उपार्जित व अध्ययन अवकाश देने की मांग की।

     संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिनेश कुमार शर्मा ने कहा कि यदि हमारी मांगे नहीं मानी गई तो प्रदेश स्तर पर धरना-प्रदर्शन व रैली की जाएगी। उन्होंने कहा कि शिक्षकों का अपनी मांगों के समर्थन में आंदोलन जारी रहेगा। स्कूलों का विलय बच्चों के भविष्य को प्रभावित करेगा।


    आप का स्कूल बचाओ अभियान आज से

    आम आदमी पार्टी (आप) का स्कूल बचाओ अभियान नौ जुलाई को जौनपुर से शुरू हो रहा है। पार्टी के प्रदेश प्रभारी व सांसद संजय सिंह जौनपुर में सिकरारा के प्राथमिक विद्यालय मीरगंज के पास लोगों से संवाद करेंगे। उन्होंने कहा कि स्कूलों के विलय पर पार्टी चुप नहीं बैठेगी। कहा कि हम इस लड़ाई को सुप्रीम कोर्ट ले जाएंगे। उन्होंने कहा कि स्कूलों की खराब व्यवस्था, खराब मिड डे मील की वजह से बच्चे स्कूलों से दूर हो रहे हैं।



    आज प्रदेशभर में बीएसए कार्यालयों पर प्राथमिक शिक्षक संघ का धरना

    08 जुलाई 2025
    उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ विद्यालयों के विलय के विरोध में प्रदेश भर में सभी बीएसए कार्यालयों पर धरना-प्रदर्शन करेगा। संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा ने बताया कि प्रदर्शन के बाद 10 सूत्रीय मांग पत्र भी दिया जाएगा।

     उन्होंने कहा कि प्रदेश में 150 से कम छात्र वाले प्राथमिक विद्यालय व 100 से संख्या वाले उच्च प्राथमिक विद्यालयों को प्रधानाध्यापक विहीन करते हुए काफी प्रधानाध्यापकों को सरप्लस घोषित कर दिया है। 

    वहीं शिक्षकों की सालों से लंबित समस्याओं का समाधान भी नहीं किया जा रहा है। संघ के प्रादेशिक उपाध्यक्ष आरपी मिश्रा ने कहा कि परिषदीय विद्यालयों का विलय गलत है। माध्यमिक के शिक्षक भी धरने में शामिल होंगे।




    पेयरिंग के नाम पर विद्यालयों को बन्द करने पर रसोइयों का भड़का आक्रोश, धरना प्रदर्शन में शिक्षकों के समर्थन में करेंगे प्रतिभाग

    पांच वर्ष पूर्व में भी विद्यालयों को संविलियन कर लगभग 25000 रसोइयों को पद कार्यमुक्त किए जाने का आरोप





    स्कूलों के विलय के विरोध में चरणबद्ध आंदोलन की घोषणा, उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ 8 जुलाई को घेरेगा बीएसए कार्यालय

    तीन को जिलों में जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन छह को चलाएंगे एक्स पर अभियान


    01 जुलाई 2025
    लखनऊ। प्रदेश के परिषदीय स्कूलों के विलय के विरोध में उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने चरणबद्ध आंदोलन की घोषणा की है। इसके विरोध में संघ ने ज्ञापन देने, एक्स पर अभियान चलाने व जिलों में बीएसए कार्यालय पर धरने की घोषणा की है। संघ की ओर से सभी जिलाध्यक्ष व जिला मंत्री को इसके लिए मंगलवार को निर्देश जारी किए गए हैं।

    संघ ने कहा है कि शासन की ओर से हजारों विद्यालयों को पेयरिंग के नाम पर बंद किया जा रहा है। प्रदेश में 150 से कम छात्र संख्या वाले प्राथमिक विद्यालय व 100 से कम छात्र संख्या वाले उच्च प्राथमिक विद्यालयों को प्रधानाध्यापक विहीन करते हुए हजारों प्रधानाध्यापकों को सरप्लस घोषित कर दिया गया है। इसके पूर्व एक ही परिसर में स्थित लगभग 20 हजार विद्यालयों का विलय करके प्राथमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों के पद समाप्त कर दिए गए थे।

    संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिनेश चन्द्र शर्मा व महामंत्री संजय सिंह ने कहा कि विद्यालयों के विलय से छात्रों से विद्यालयों की दूरी अधिक होगी, वहीं हजारों रसोइयों की सेवा समाप्त हो जाएगी। बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी इसे लेकर दबाव बनाकर विद्यालय बंद कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि 30 जून को प्रदेश के 822 ब्लॉकों में अभिभावकों व ग्राम प्रधानों की बैठक के बाद विरोध करने का प्रस्ताव पारित किया है।

    उन्होंने बताया कि 3 व 4 जुलाई को शिक्षकों, अभिभावकों, ग्राम प्रधानों व रसोइयों द्वारा अपने क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों को इसके विरोध में ज्ञापन दिया जाएगा। 6 जुलाई को एक्स पर इसके विरोध में अभियान चलाया जाएगा। 8 जुलाई को जिलों में बीएसए कार्यालय पर धरना देकर जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन भेजा जाएगा।


    एनएसयूआई ने किया विलय के विरोध में प्रदर्शन

    लखनऊ। राष्ट्रीय भारतीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) ने प्रदेश सरकार के स्कूल विलय के फैसले के विरोध में मंगलवार को प्रदर्शन किया। संगठन के कार्यकर्ता प्रदेश मुख्यालय से विधानसभा घेराव के लिए आगे बढ़े थे कि पुलिस ने रोक लिया। इस दौरान पुलिस व कांग्रेस नेताओं से नोकझोंक हुई। एनएसयूआई ने विधानसभा घेराव का एलान किया था।

     सुबह करीब 11 बजे संगठन से जुड़े तमाम छात्र और पदाधिकारी कांग्रेस मुख्यालय पहुंच गए। वे प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए विधानसभा के लिए आगे बढ़े। उनके मुख्य मार्ग पर पहुंचते ही पुलिस ने रोक लिया। इस दौरान वे विधानसभा जाने की जिद करने लगे। कुछ छात्र बैरिकेडिंग लांघने का प्रयास कर रहे थे, जिस पर पुलिस ने बल प्रयोग कर रोक लिया। मौके पर अनस रहमान, रिषभपांडेय, अनुराग त्रिवेदी, आफताब जाफरी, आर्यन मिश्रा, अजय बागी, अहमद आदि मौजूद रहे। 



    शिक्षक और प्रधान बोले, दबाव बनाकर कराया जा रहा है स्कूलों का विलय

    उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने ब्लॉक स्तर पर की बैठक, संघ इस बारे में बैठक कर जल्द लेगा आगे के लिए निर्णय

    30 जून 2025
    लखनऊ। प्रदेश में कम नामांकन वाले स्कूलों के विलय (पेयरिंग) को लेकर चल रही प्रक्रिया के बीच उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने सोमवार को प्रदेशभर में स्कूल प्रबंध समिति, ग्राम प्रधानों के साथ बैठक की। इसमें उन्होंने बताया कि विभाग जबरन स्कूलों का विलय कर रहा है। इसे लेकर अनुचित दबाव बनाया जा रहा है।


    संघ की ओर से हर जिले में सभी विकास खंडों में ब्लॉक अध्यक्ष, मंत्री व ब्लॉक पदाधिकारियों ने विद्यालय प्रबंध समिति के सदस्यों व ग्राम प्रधानों के साथ बैठक की। इसमें स्कूलों के विलय से होने वाले विपरीत प्रभाव पर विचार किया गया। उन्होंने बताया कि विद्यालयों के विलय को लेकर शिक्षकों, एसएससी अध्यक्ष व ग्राम प्रधानों पर दबाव बनाकर सहमति ली जा रही है।

    संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा ने कहा कि स्कूलों का विलय नियम विरुद्ध तरीके से किया जा रहा है। यह शिक्षा का अधिकार अधिनियम के भी खिलाफ है। इस कवायद का असर आने वाले दिनों में स्कूलों में बच्चों के नामांकन में भी दिखेगा। उन्होंने बताया कि संगठन इस मामले में पदाधिकारियों से वार्ता कर आगे का निर्णय लेगा। जल्द ही इसकी घोषणा की जाएगी।


    तीन से सीएम को भिजवाएंगे ज्ञापन

    लखनऊ। परिषदीय विद्यालयों के पेयरिंग के विरोध में उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने आंदोलन के अगले चरण का एलान किया है। इसमें तीन से 15 जुलाई तक प्रदेश के सभी जिला पदाधिकारी व प्रभावित विद्यालय प्रबंध समितियां, संबंधित ग्राम प्रधानों के साथ क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर विद्यालय को बंद करने से रोकने की मांग करेंगे। संघ के प्रदेश अध्यक्ष विनय तिवारी व प्रदेश महामंत्री उमाशंकर सिंह ने बताया कि विद्यालय पेयरिंग के विरुद्ध आर-पार की लड़ाई लड़ी जाएगी। 


    विलय के विरोध में आप का प्रदेशभर में प्रदर्शन दो को

    लखनऊ। प्रदेश के सरकारी स्कूलों को बंद किए जाने के विरोध में आम आदमी पार्टी (आप) दो जुलाई को प्रदेशभर में विरोध-प्रदर्शन करेगी। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता वंशराज दुबे ने बयान जारी कर कहा कि 27 हजार सरकारी स्कूलों को बंद किए जाने के सरकार के फैसले के खिलाफ पूरे प्रदेश के लोगों में गुस्सा है। गांव-गांव में इसके खिलाफ विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गया। उन्होंने कहा कि पिछले चार सालों में 42 लाख बच्चों ने सरकारी स्कूलों की शिक्षा छोड़ी है। 

    यूपी बोर्ड : नए सत्र के तीन माह बीते, अब मिलेंगी एनसीईआरटी पाठ्यक्रम की पुस्तकें

    यूपी बोर्ड : नए सत्र के तीन माह बीते, अब मिलेंगी एनसीईआरटी पाठ्यक्रम की पुस्तकें

    पुस्तकों की जांच के बाद उत्तर प्रदेश बोर्ड ने दी विक्रय की अनुमति

    प्रकाशकों के यहां बोर्ड सचिव ने भेजे अधिकारी, एक दो दिन में दुकानों पर मिलेंगी पुस्तकें


    प्रयागराज : यूपी बोर्ड के 29,000 से ज्यादा माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट के करीब एक करोड़ छात्र-छात्राओं के लिए इस बार राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) के पाठ्यक्रम पर आधारित पाठ्यपुस्तकें छपकर तैयार हो गई हैं। 

    यूपी बोर्ड सचिव भगवती सिंह ने मंगलवार को अधिकारियों को प्रकाशकों के यहां भेजकर पुस्तकों का परीक्षण कराया। इसी के साथ पुस्तकों को विक्रय के लिए बाजार में उपलब्ध कराने की अनुमति दे दी गई। एक-दो दिन में पुस्तकें विक्रय के लिए पुस्तक विक्रेताओं के यहां उपलब्ध हो जाएंगी। 


    पुस्तकें अप्रैल में नया सत्र आरंभ होने के साथ ही उपलब्ध कराई जानी थीं, लेकिन पुरानी रायल्टी के भुगतान और एनसीईआरटी से अनुमति लेकर पुस्तकें छपवाने के लिए टेंडर प्रक्रिया मैं समय लगने के कारण तीन महीने देरी से उपलब्ध हो रही हैं।


    यूपी बोर्ड ने कक्षा नौ से 12 तक में एनसीईआरटी आधारित प्रमुख 36 विषयों की 70 किताबों को पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है। एनसीईआरटी ने बकाए रायल्टी का भुगतान नहीं किए जाने के लिए यूपी बोर्ड को नई पाठ्यपुस्तकें प्रकाशित कराने की अनुमति नहीं दी थी। पिछले दिनों शासन की अनुमति से बोर्ड सचिव ने रायल्टी बकाया का करीब तीन करोड़ रुपये भुगतान करने के बाद पुस्तकें प्रकाशित कराने की पाठ्यपुस्तकें अनुमति एनसीईआरटी से मांगी। अनुमति मिलने पर शासन की अनुमति से टेंडर आमंत्रित किए जाने की प्रक्रिया बोर्ड सचिव ने पूरी कराई। 


    उसके बाद राजीव प्रकाशन प्रयागराज, पीतांबरा प्रकाशन झांसी, सिंहल एजेंसीज आगरा एवं कैला पब्लिकेशन लखनऊ को अलग अलग विषयों की पाठ्यपुस्तकें प्रकाशित करने की अनुमति दी गई। विषयवार पंजीकृत छात्र-छात्राओं के लिए प्रकाशित पाठ्यपुस्तकों का परीक्षण करा लिया गया है। बोर्ड सचिव ने बताया कि एक-दो दिन में पाठ्यपुस्तकें बाजार में उपलब्ध हो जाएंगी। मांग बढ़ने के के अनुरूप प्रकाशक अधिक संख्या में पुस्तकों का प्रकाशन कर विक्रेताओं के यहां उपलब्ध कराएंगे

    एनसीईआरटी की किताब में जोड़ेंगे वैदिक गणित का पाठ, कक्षा छह से आठ तक की किताब में परिवर्तन किए जाने की तैयारी

    एनसीईआरटी की किताब में जोड़ेंगे वैदिक गणित का पाठ, कक्षा छह से आठ तक की किताब में परिवर्तन किए जाने की तैयारी

    राज्य विज्ञान शिक्षा संस्थान को दी गई है अहम जिम्मेदारी


    प्रयागराज । उत्तर प्रदेश के परिषदीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में चरणबद्ध तरीके से राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) लागू की जा रही है। इन किताबों को अपनाने से पहले उत्तर प्रदेश के बच्चों को शैक्षिक आवश्यकतानुसार ढाला जा रहा है।

    इसी क्रम में राज्य विज्ञान शिक्षा संस्थान के विशेषज्ञ एनसीईआरटी की कक्षा छह से आठ तक की गणित की हिन्दी और अंग्रेजी माध्यम की किताबों में वैदिक गणित को भी शामिल करेंगे। इसके लिए एससीईआरटी से निर्देश प्राप्त हो चुके हैं।

    एनसीईआरटी में गणित प्रकाश नाम से कक्षा छह से आठ में चल रही किताब तो बहुत अच्छी है लेकिन उसमें वैदिक गणित नहीं है। बेसिक शिक्षा परिषद की कक्षा छह से आठ तक में गणित मंथन नाम से चल रही किताब में वैदिक गणित का बहुत थोडा हिस्सा है। 

    राज्य विज्ञान शिक्षा संस्थान के निदेशक अनिल भूषण चतुर्वेदी का कहना है कि एनसीईआरटी की किताबों में वैदिक गणित का पाठ अपग्रेड करके जोड़ा जाएगा जिससे बच्चे आधुनिक शिक्षा के साथ प्राचीन भारतीय ज्ञान से भी लाभान्वित हो सकें।




    एनसीईआरटी की किताब में जोड़ेंगे वैदिक गणित का पाठ, 6 से कक्षा आठ तक की किताब में करेंगे बदलाव


    प्रयागराज । उत्तर प्रदेश के परिषदीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में चरणबद्ध तरीके से राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) लागू की जा रही है। इन किताबों को अपनाने से पहले उत्तर प्रदेश के बच्चों को शैक्षिक आवश्यकतानुसार ढाला जा रहा है। इसी क्रम में राज्य विज्ञान शिक्षा संस्थान के विशेषज्ञ एनसीईआरटी की कक्षा छह से आठ तक की गणित की हिन्दी और अंग्रेजी माध्यम की किताबों में वैदिक गणित को भी शामिल करेंगे। इसके लिए एससीईआरटी से निर्देश प्राप्त हो चुके हैं।


    एनसीईआरटी में गणित प्रकाश नाम से कक्षा छह से आठ में चल रही किताब तो बहुत अच्छी है लेकिन उसमें वैदिक गणित नहीं है। बेसिक शिक्षा परिषद की कक्षा छह से आठ तक में गणित मंथन  नाम से चल रही किताब में वैदिक गणित का बहुत थोड़ा हिस्सा है। 


    राज्य विज्ञान शिक्षा संस्थान के निदेशक अनिल भूषण चतुर्वेदी का कहना है कि एनसीईआरटी की किताबों में वैदिक गणित का पाठ अपग्रेड करके जोड़ा जाएगा जिससे बच्चे आधुनिक शिक्षा के साथ प्राचीन भारतीय ज्ञान से भी लाभान्वित हो सकें।

    Tuesday, July 8, 2025

    कक्षा 9 से 12 तक के विद्यार्थियों को दो अक्तूबर को मिलेगी छात्रवृत्ति

    कक्षा नौ से 12 तक के विद्यार्थियों को दो अक्तूबर को मिलेगी छात्रवृत्ति

    समाज कल्याण, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रियों की बैठक में लिया फैसला


    लखनऊ । प्रदेश में कक्षा 9 से 12 तक के सभी विद्यार्थियों के खातों में छात्रवृत्ति दो अक्तूबर को पहुंचेगी। सोमवार को भागीदारी भवन में छात्रवृत्ति प्रणाली में सुधार के लिए समाज कल्याण, पिछड़ा वर्ग कल्याण और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के मंत्रियों की समन्वय बैठक में यह फैसला लिया गया। तय किया गया कि दो अक्तूबर के बाद बच गए अभ्यर्थियों की छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति की रकम अगले कुछ महीनों में उनके खातों में भेजी जाएगी। पहले विद्यार्थियों को दिसंबर में छात्रवृत्ति मिलती थी।

    समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण ने कहा कि तीनों विभागों की छात्रवृत्ति में एकरूपता लाने और पूरी प्रणाली को सुधारने की कवायद शुरू की जा रही है। हमारी मंशा है कि सभी विभागों में छात्रवृत्ति योजना के मानकों में एकरूपता रहे ताकि किसी भी वर्ग को  नुकसान न हो। सभी विद्यार्थियों को समय से छात्रवृत्ति मिले। 

    अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि सरकार का उद्देश्य है कि आर्थिक रूप से कमजोर, वंचित और पिछड़े वर्ग के ज्यादा से ज्यादा विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति का लाभ मिले। 

    पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री नरेंद्र कश्यप ने कहा कि छात्रवृत्ति योजना में सुधार के लिए तीनों विभागों के मंत्री और अधिकारी मिलकर काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप छात्रवृत्ति प्रणाली को हम बेहतर बनाने के लिए प्रयासरत हैं। बैठक में असीम अरुण, नरेंद्र कश्यप, ओम प्रकाश राजभर और दानिश आजाद अंसारी के अलावा तीनों विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।


    मानकों में एकरूपता के लिए समिति

    बैठक में तय हुआ कि मानकों में एकरूपता लाने के लिए तीनों विभागों के चार अधिकारियों की एक टीम गठित की जाएगी। ये सभी अधिकारी मिलकर सभी विभागों के मानक एक जैसे बनाने की कोशिश करेंगे। मानकों में उन बिंदुओं का परीक्षण किया जाएगा, जिनके आधार पर छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए विद्यार्थियों की पात्रता तय की जाती है। अभी तक मानकों में कुछ अंतर है।


    छात्रवृत्ति योजना में सुधार तीन चरणों में

    इसके अलावा बैठक में यह भी तय किया गया है कि छात्रवृत्ति योजना में सुधार तीन चरणों में किया जाएगा। पात्रता की एकरूपता के बाद शैक्षिक संस्थानों के मानकों में एकरूपता लाने के प्रयास होंगे। इसके अलावा वास्तविक लाभार्थियों तक ही योजना का लाभ पहुंचे और इसमें फर्जीवाड़े की गुंजाइश समाप्त करने की दिशा में उठाए जाने वाले कदम भी तय किए जाएंगे।

    स्कूलों के विलय के खिलाफ जारी रहेगा विरोध, RSM ने बेसिक शिक्षा मंत्री से मिलकर विलय को लेकर दर्ज कराई आपत्ति

    स्कूलों के विलय के खिलाफ जारी रहेगा विरोध, RSM ने बेसिक शिक्षा मंत्री से मिलकर विलय को लेकर दर्ज कराई आपत्ति

    लखनऊ। प्रदेश में कम नामांकन वाले परिषदीय विद्यालयों के विलय (पेयरिंग) को लेकर शिक्षक संगठनों का विरोध जारी रहेगा। इस मामले में शिक्षक संगठनों ने बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह से मिलकर अपना विरोध दर्ज कराया है। वहीं जबकि आम आदमी पार्टी (आप) ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही है।

    विद्यालय विलय को लेकर हो रहे विरोध के बीच बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने लखनऊ स्थित आवास पर मान्यता प्राप्त शिक्षक संगठनों के प्रमुख पदाधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के प्रतिनिधिमंडल ने मंत्री को ज्ञापन देकर विद्यालय विलय की नीति के दुष्प्रभावों की चर्चा की। प्रदेश महामंत्री भगवती सिंह ने कहा कि इससे ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों की पढ़ाई बाधित होगी।


    प्रदेशीय संगठन मंत्री शिवशंकर सिंह ने कहा कि विद्यालय विलय से बाल अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है। प्रदेश मंत्री सुनील कुमार रावत ने कहा कि विद्यालयों में कम नामांकन का एक प्रमुख कारण इन विद्यालयों में मूलभूत अवस्थापना सुविधाओं का अभाव व शिक्षकों की कमी से शिक्षा की गुणवत्ता का प्रभावित होना है इसलिए विद्यालयों को बंद करने की जगह उनमें मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जानी चाहिए।

    दूसरी तरफ यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन (यूटा) के प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र सिंह राठौर ने कहा कि विद्यालय विलय आने वाले समय में ड्रॉपआउट भी बढ़ाएगा। यूटा जल्द ही न्यायालय के आदेश के क्रम में विधिक राय लेकर कानूनी लड़ाई के लिए योजना बनाएंगे।



    शिक्षकों व अभिभावकों की सहमति के बिना कर दिया स्कूलों का विलय, अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा के साथ बैठक में शिक्षक संगठनों ने दर्ज कराई आपत्ति

    विभाग बोला, शिक्षकों के पद समाप्त नहीं होंगे गलत तरीके से विलय भी निरस्त होगा

    05 जुलाई 2025
    लखनऊ। प्रदेश में कम नामांकन वाले परिषदीय विद्यालयों के विलय को लेकर चल रहे विरोध के बीच शुक्रवार को बेसिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार ने शिक्षक संगठनों के साथ बैठक की। उन्होंने विभाग की ओर से किए जा रहे प्रयास व इससे होने वाले लाभके बारे में जानकारी दी। वहीं शिक्षक संगठनों ने विलय पर अपनी आपत्ति दर्ज कराई।

    राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उप्र (प्राथमिक संवर्ग) के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष मातादीन द्विवेदी व प्रदेश महामंत्री भगवती सिंह ने कहा कि विद्यालयों के विलय से शिक्षकों में काफी नाराजगी है। इससे छोटे बच्चों को बहुत दूर जाना पड़ेगा, उनकी पढ़ाई प्रभावित होगी। प्रदेशीय संगठन मंत्री शिवशंकर सिंह व प्रदेश मीडिया प्रभारी बृजेश श्रीवास्तव ने कहा कि अधिकारियों द्वारा शिक्षकों व अभिभावकों से परामर्श, प्रस्ताव के बिना ही गलत तरीके से विद्यालय विलय किया जा रहा है।


    वहीं उप्र प्राथमिक शिक्षक संघ के शिक्षक पदाधिकारियों ने बताया कि अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा दीपक कुमार ने कहा, जिला स्तर जिन विद्यालयों के विलय में मानकों का पालन नहीं किया गया है, उसे निरस्त किया जाएगा। हमारा प्रयास है कि सभी विद्यालयों में पर्याप्त शिक्षक और बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। 

    महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने बताया कि अभी शिक्षकों के तबादले समायोजन का पहला चरण हुआ है। विलय के बाद विद्यालय की स्थिति को देखते हुए एक बार फिर आवेदन लेकर शिक्षकों का स्वैच्छिक समायोजन किया जाएगा। उसके बाद यदि आवश्यकता पड़ी तो अनिवार्य समायोजन भी किया जाएगा। उन्होंने आश्वासन दिया कि शिक्षकों के पद समाप्त नहीं किए जाएंगे।

    आलोक मिश्र, वीरेंद्र प्रताप सिंह व डॉ. राकेश सिंह ने कम छात्र संख्या के आधार पर किए जा रहे विलय को तत्काल रोकने की मांग की। विद्यालय विलय के खिलाफ गांव गांव में हो रहे अभिभावकों के विरोध से भी अवगत कराया गया।

    बैठक में विभिन्न शैक्षिक संगठनों के प्रतिनिधि, महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा, बेसिक शिक्षा निदेशक प्रताप सिंह बघेल, अपर शिक्षा निदेशक बेसिक संजय यादव, एडी बेसिक लखनऊ श्याम किशोर तिवारी आदि उपस्थित थे।



    Monday, July 7, 2025

    परिषदीय स्कूलों के मर्जर के खिलाफ दाखिल हुई एक और याचिका, 9 जुलाई को होगी सुनवाई

     मर्जर मामले पर जनपद पीलीभीत की याचिका की सुनवाई दिनांक 9/7/2025 को कोर्ट no 32 जस्टिस चन्द्रधारी की बेंच में सीरियल नंबर 64 पर सुनिश्चित हो गयी है जिसमे इलाहाबाद हाइकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता श्री अशोक खरे पक्ष रखेंगे!!



    परिषदीय स्कूलों के मर्जर के खिलाफ दाखिल हुई एक और  याचिका

    पीलीभीत निवासी याची बोले-विलय से मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार होगा प्रभावित, घर के पास नहीं मिल पाएगी शिक्षा


    प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट में प्रदेश सरकार की ओर से प्राथमिक विद्यालयों के मामला 1 विलय को लेकर 16 जून 2025 को जारी किए गए आदेश के खिलाफ याचिका दाखिल की गई है। यह याचिका पीलीभीत के बिलसंडा ब्लॉक के चांदपुर गांव निवासी सुभाष, यशपाल यादव और अत्येंद्र कुमार ने दाखिल की है। इनका कहना है कि यह आदेश न केवल शिक्षा के अधिकार का उल्लंघन करता है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों की पहुंच से शिक्षा को दूर करता है।


    सरकार के इस आदेश के तहत जिन प्राथमिक विद्यालयों में छात्रों की  संख्या कम है, उन्हें पास के उच्च प्राथमिक या कंपोजिट स्कूलों में मिला दिया जाएगा। याचिकाकर्ताओं का तर्क है कि यह नीति मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 की भावना के विपरीत है। इससे छह से 14 वर्ष तक के बच्चों को उनके निवास स्थान के पास गुणवत्ता युक्त शिक्षा नहीं मिल पाएगी।


     याचिका में यह भी आरोप लगाया गया है कि सरकार ने आदेश में अधिकारियों को अत्यधिक और मनमानी शक्तियां सौंप दी हैं। इससे वे बिना किसी स्पष्ट मापदंड के स्कूलों के विलय का निर्णय ले सकते हैं।


    याचिकाकर्ताओं ने कहा कि चांदपुर गांव के बच्चों को अब एक किलोमीटर से भी अधिक दूर स्थित स्कूल में जाना पड़ेगा, जबकि वहां न तो पर्याप्त कक्षाएं हैं और न ही बुनियादी सुविधाएं।


    अदालत से अनुरोध किया गया है कि सरकार के आदेश को रद्द किया जाए। साथ ही बेसिक शिक्षा अधिकारी के 25 जून 2025 के जारी आदेश को निरस्त करें। चांदपुर जैसे गांवों के बच्चों को उनके स्थानीय स्कूलों में ही पढ़ाई जारी रखने की अनुमति दें। 


    इस मामले में अपर मुख्य सचिव (बेसिक शिक्षा), महानिदेशक (स्कूल शिक्षा), शिक्षा निदेशक (बेसिक), क्षेत्रीय सहायक शिक्षा निदेशक (बरेली मंडल), डीएम, मुख्य विकास अधिकारी, बेसिक शिक्षा अधिकारी और खंड शिक्षा अधिकारी (बिलसंडा) पीलीभीत को पक्षकार बनाया गया है।


    याचिका दाखिल हो चुकी है। केस स्टेटस पर सुनवाई की तिथि अभी दिखाई नहीं पड़ रही है। संभावना है कि दो या तीन दिन में सुनवाई हो सकती है। -कुष्माण्डेय शाही, परिषदीय अधिवक्ता

    मांग : पदोन्नति से इन्कार करने वाले शिक्षकों को दें चयन वेतनमान

    मांग : पदोन्नति से इन्कार करने वाले शिक्षकों को दें चयन वेतनमान


    लखनऊ। प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन ने मांग की है कि बेसिक शिक्षा विभाग से पदोन्नति से इन्कार करने वाले परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों को चयन वेतनमान दिया जाए। 

    एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष विनय कुमार सिंह ने विभाग के अपर मुख्य सचिव व बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव से कहा है कि शिक्षकों को 10 वर्ष के अंदर पदोन्नति का अवसर मिलने व पदोन्नति से इन्कार करने पर स्वेच्छा से चयन वेतनमान मिलना चाहिए। किंतु जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा चयन वेतनमान का लाभ नहीं दिया जा रहा है। इसे लेकर आवश्यक निर्देश जारी किए जाएं। 


    एक्स पर दिनभर ट्रेंड करता रहा जस्टिस फॉर स्कूल चिल्ड्रेन, वर्तमान संग भावी शिक्षकों ने स्कूलों के विलय के खिलाफ चलाया अभियान

    एक्स पर दिनभर ट्रेंड करता रहा जस्टिस फॉर स्कूल चिल्ड्रेन, वर्तमान संग भावी शिक्षकों ने स्कूलों के विलय के खिलाफ चलाया अभियान

    सात लाख से अधिक हुए पोस्ट, इससे जुड़े फोटो-वीडियो भी शेयर किए


    लखनऊ। प्रदेश में कम नामांकन वाले परिषदीय स्कूलों के विलय (पेयरिंग) को लेकर विरोध व्यापक रूप ले रहा है। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के आह्वान पर रविवार को वर्तमान और भावी शिक्षकों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जस्टिस फॉर स्कूल चिल्ड्रेन अभियान चलाया।


    ये दोपहर से देर शाम तक ट्रेंड करता रहा। इसमें सात लाख से अधिक पोस्ट करके शिक्षकों व युवाओं ने स्कूलों का विलय न करने की अपील की। इसके साथ ही अलग अलग हैंडल से इससे जुड़े फोटो व बच्चों के वीडियो शेयर करते हुए स्कूलों के विलय के नुकसान बताए। साथ ही बच्चों ने भावुक अपील भी की। 

    स्कूल बंद होने से काफी रसोइयों की सेवा समाप्त होगी। साथ ही भविष्य में शिक्षक बनने की उम्मीद में तैयारी कर रहे बीटीसी, बीएलएड अभ्यर्थियों को भी झटका लगेगा।

    शिक्षकों की मांग है कि कोई भी विद्यालय बंद न हो। हर क्लास में एक शिक्षक व हर विद्यालय में एक प्रधानाध्यापक जरूर नियुक्त हो। इस निर्णय के विरोध में प्राथमिक शिक्षक संघ आठ जुलाई को बीएसए कार्यालय में धरने की तैयारी कर रहा है। 

    प्राइमरी के प्रधानाध्यापकों के जूनियर में तबादले पर मची रार, पदोन्नति की लड़ाई लड़ रहे शिक्षक विभाग के इस आदेश के खिलाफ उतरे

    प्राइमरी के प्रधानाध्यापकों के जूनियर में तबादले पर मची रार, पदोन्नति की लड़ाई लड़ रहे शिक्षक विभाग के इस आदेश के खिलाफ उतरे


    प्रयागराज । बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों का स्थानांतरण उच्च प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक के पद पर करने को लेकर रार मची है। पदोन्नति में शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) की अनिवार्यता को लेकर लड़ाई लड़ रहे शिक्षकों का कहना है कि बेसिक शिक्षा परिषद के अधिकारियों ने विभागीय नियमों व हाईकोर्ट के आदेशों की अनदेखी कर मनमाने तरीके से ट्रांसफर किया है।


    हाईकोर्ट ने अपने कई आदेशों में निर्देश दिए हैं कि प्राथमिक विद्यालय से उच्च प्राथमिक विद्यालय में शिक्षकों की पदोन्नति या स्थानांतरण करते समय राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की 23 अगस्त 2010, 29 जुलाई 2011 व 12 नवम्बर 2014 की अधिसूचनाओं को ध्यान में रखा जाए। 


    अधिसूचनाओं के अनुसार प्राथमिक से उच्च प्राथमिक विद्यालय में पदोन्नति या स्थानांतरण के लिए बीएड व बीटीसी के साथ कक्षा छह से आठ स्तर का टीईटी पास होना अनिवार्य है। जबकि शिक्षकों के स्थानांतरण के लिए 23 मई 2025 को जारी शासनादेश में भी एनसीटीई के प्रावधानों का पालन करने का जिक्र तो था लेकिन 30 जून को जारी स्थानांतरण सूची में अधिसूचना की पूरी तरह अनदेखी की गई है।


    हजारों शिक्षकों का हुआ नियम विरुद्ध तबादला

    शिकायतकर्ता बलिया के ललित मोहन सिंह के अनुसार 30 जून को जारी सूची में प्रदेशभर के हजारों शिक्षकों का नियम विरुद्ध तबादला हुआ है। प्रयागराज में ही प्राथमिक विद्यालय भटकर बहादुरपुर ब्लॉक के प्रधानाध्यापक जय प्रकाश पांडेय का तबादला कंपोजिट स्कूल जलालपुर सैदाबाद हुआ है। इसी प्रकार बहादुरपुर के ही प्राथमिक विद्यालय छतनाग के प्रधानाध्यापक शौकल हुसैन का स्थानांतरण कंपोजिट विद्यालय तेंदुई बहादुरपुर में हुआ है।


    मद्रास हाईकोर्ट रद्द कर चुका है प्रमोशन

    ऐसे ही एक मामले में तमिलनाडु सरकार की ओर से बिना टीईटी पास शिक्षकों को उच्च प्राथमिक विद्यालयों में पदोन्नत किए जाने की प्रक्रिया को मद्रास उच्च न्यायालय रद्द कर चुका है। कोर्ट ने कहा है कि कक्षा छह से आठ के लिए उच्च प्राथमिक स्तर का टीईटी उत्तीर्ण होना अनिवार्य है। इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है, लेकिन सर्वोच्च न्यायालय ने मद्रास उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक नहीं लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रखा है।

    अनुदानित प्रबंधकीय विद्यालयों में प्रधानाध्यापक, सहायक अध्यापक और लिपिक पद पर नियुक्तियों में फर्जीवाड़ा करने के आरोप में पूर्व बीएसए समेत 18 पर मुकदमा दर्ज

    अनुदानित प्रबंधकीय विद्यालयों में प्रधानाध्यापक, सहायक अध्यापक और लिपिक पद पर नियुक्तियों में फर्जीवाड़ा करने के आरोप में पूर्व बीएसए समेत 18 पर मुकदमा दर्ज

    अभी सुल्तानपुर डायट में तैनात हैं हरिकेश यादव, स्कूलों में फर्जी नियुक्तियां के आरोप में हुई कार्रवाई


    वाराणसी । अनुदानित प्रबंधकीय विद्यालयों में प्रधानाध्यापक, सहायक अध्यापक और लिपिक पद पर नियुक्तियों में फर्जीवाड़ा करने के आरोप में वाराणसी के तत्कालीन बीएसए हरिकेश यादव, चार खंड शिक्षाधिकारियों समेत 18 लोगों पर सतर्कता अधिष्ठान में नामजद केस दर्ज किया गया है।


    आरोपियों में सात विद्यालय प्रबंधक और प्रधानाध्यापक भी शामिल हैं। मामला 2015-16 और 2016-17 शैक्षणिक सत्र का है। हरिकेश यादव वर्तमान में सुल्तानपुर जिले के डायट में तैनात हैं। शासन से सतर्कता अनुभाग को साल 2021 में जांच संबंधी पत्र दिया गया था। इसमें बीएसए और सात विद्यालयों के प्रबंधकों आदि पर प्रधानाध्यापक, अध्यापक एवं लिपिक की नियुक्ति में अनियमितता बरतने, राजकीय धन के अपव्यय और गबन के जांच के आदेश मिले थे।

     जांच में सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप सत्य पाए जाने के बाद उप्र सतर्कता अधिष्ठान, वाराणसी इकाई ने मुकदमा दर्ज किया है। शिक्षा सत्र 2015-16 और 2016-17 में नियुक्ति में तत्कालीन बीएसए हरिकेश यादव ने चयन प्रक्रिया के नियमों का पालन नहीं किया।

    Sunday, July 6, 2025

    अब कक्षा 6 से 12वीं तक छात्र पढ़ेंगे सहकारिता का पाठ, NCERT ने 9वीं व 12वीं कक्षा के लिए भारत में सहकारिता नाम से विशेष मॉड्यूल बनाया

    अब कक्षा 6 से 12वीं तक छात्र पढ़ेंगे सहकारिता का पाठ, NCERT ने 9वीं व 12वीं कक्षा के लिए भारत में सहकारिता नाम से विशेष मॉड्यूल बनाया

    वैकल्पिक विषय के रूप में होगी  पढ़ाई


    नई दिल्ली। पहली बार छठी से 12वीं कक्षा तक के छात्र सहकारिता का पाठ भी पढ़ेंगे। पहले चरण में राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की छठी कक्षा की सामाजिक विज्ञान की पुस्तक में सहकारिता विषय पर एक अध्याय' अमूल' नामक पाठ जोड़ दिया है। जबकि सेकंडरी स्टेज यानी 9वीं और 12वीं कक्षा के लिए' भारत में सहकारिता (कोऑपरेटिव इन इंडिया) नाम से विशेष मॉडयूल तैयार हो गया है। 


    केंद्रीय गृह व सहकारिता मंत्री अमित शाह ने पांच जुलाई को गुजरात के आनंद में पहली त्रिभुवन सहकारी यूनिवर्सिटी के भूमि पूजन मौके पर इस मॉड्यूल को जारी करते हुए कई घोषणाएं भी की। खास बात यह है कि संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2025 को अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष घोषित किया है।


    वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, भारत को तीसरी अर्थव्यवस्था बनाने के लिए प्रति व्यक्ति रोजगार के मौके उपलब्ध करवाने होंगे। इसमें सहकारिता क्षेत्र में सबसे अधिक संभावनाएं हैं। क्योंकि सहकारिता एक विचार नहीं, बल्कि आंदोलन है। देश का विकास सहकारिता के विकास पर निर्भर है और इसी आंदोलन की सफलता के लिए सरकार द्वारा गुजरात के आनंद में त्रिभुवन सहकारी यूनिवर्सिटी (टीएसयू) की स्थापना की जा रही है।


     मार्च-अप्रैल 2025 में टीएसयू बिल पास हुआ था। देश का पहला सहकारी विश्वविद्यालय भारत में श्वेत क्रांति और सहकारी दुग्ध आंदोलन के जनक, अमूल के संस्थापक त्रिभुवनदास किशिभाई पटेल को समर्पित होगा।


    11वीं से सहकारिता वैकल्पिक विषय रख सकेंगे: केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय, केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय के सहयोग से एनसीईआरटी ने कक्षा 6 में सहकारिता विषय पर सामाजिक विज्ञान पुस्तक में एक अध्याय जोड़ दिया है। सरकार की योजना छठी कक्षा से ऊपर सभी कक्षाओं में सहकारिता से संबंधित अध्याय जोड़ने की है, ताकि वे प्राचीन काल से अब तक की सहकारी क्रांति, योजनाओं, उपलब्धियों से लेकर रोजगार के विकल्पों में बारे में जान सकें। इसके बाद, सीबीएसई बोर्ड समेत विभिन्न प्रदेश शिक्षा बोर्ड के स्कूलों में 9वीं और 12वीं कक्षा में सहकारिता एक वैकल्पिक विषय बनाया जाएगा। उसी के तहत, उक्त कक्षाओं के लिए भारत में सहकारिता नाम से विशेष मॉडयूल तैयार किया गया है।


    राव बहादुर श्रीपाद एस तल्मकी से लेकर सरदार पटेल शामिल

    इस सहकार से समृद्धि थीम पर आधारित मॉड्यूल में कुल छह चैप्टर हैं। इसमें छात्रों को 19वीं सदी में भारत में सहकारी आंदोलन के शुरुआती जनक राव बहादुर श्र श्रीपाद सुब्रमण्यम तल्मकी के बारे में जानने का मौका मिलेगा। उन्हें भारत के सहकारी आंदोलन के जनक के रूप में जाना जाता है। इसके अलावा छात्र सरदार वल्लभभाई पटेल, महात्मा गांधी, वी लालूभाई मेहता, त्रिभुवनदास के पटेल, कमलादेवी चट्टोपाद्धाय आदि की कहानियों से रूबरू होंगे। इसके अलावा आजादी से पहले से लेकर वर्ष 2024 तक सहकारिता क्षेत्र में होने वाले रिफॉर्म की जानकारी मिलेगी। इसमें 6 जुलाई, 2021 को केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय के गठन को भी शामिल किया है।

    अब 26 जुलाई को होगी यूपी बोर्ड हाईस्कूल इम्प्रूवमेन्ट / कम्पार्टमेन्ट तथा इण्टरमीडिएट कम्पार्टमेन्ट परीक्षाएं

    अब 26 जुलाई को होगी यूपी बोर्ड हाईस्कूल इम्प्रूवमेन्ट / कम्पार्टमेन्ट तथा इण्टरमीडिएट कम्पार्टमेन्ट परीक्षाएं