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Tuesday, August 22, 2119

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    Thursday, January 16, 2025

    CBSE : व्यावसायिक विषय शुरू कर कौशल प्रयोगशाला स्थापित करें स्कूल, देशभर के हर जिले में जिला कौशल समन्वयक नियुक्त किया जाएगा

    सीबीएसई स्कूलों में कक्षा छह से स्किल कोर्स कर सकेंगे विद्यार्थी


    लखनऊः केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के स्कूलों में अब कक्षा छठी से बच्चों को कौशल आधारित कोर्स करने का मौका मिलेगा। सीबीएसई ने स्कूल शिक्षा में स्किल एजुकेशन को अनिवार्य रूप से शामिल करने के लिए सभी स्कूलों को निर्देश दिया है। इससे छात्रों को भविष्य की चुनौती और अवसरों के लिए तैयार किया जाएगा।

    राष्ट्रीय शिक्षा नीति और राष्ट्रीय पाठ्यचर्या ढांचे (एनसीआरएफ) के तहत स्किल एजुकेशन शुरू किया जाएगा। इसमें कक्षा 6 से 12 तक के छात्रों के लिए स्किल माड्यूल्स बनाए गए हैं। छात्र एक या अधिक माड्यूल चुन सकते हैं, जो प्रोजेक्ट आधारित मूल्यांकन के तहत होंगे। कक्षा 9-10 में 22 स्किल विषय और कक्षा 11-12 में 43 स्किल विषय होंगे। स्कूल इन विषयों को बिना किसी अलग अनुमति या शुल्क के शामिल कर सकते हैं। सभी स्कूलों को अगले तीन वर्ष में कंपोजिट स्किल लैब स्थापित करनी होगी। इसके लिए जरूरी उपकरणों और संरचना की जानकारी जल्द ही उपलब्ध कराई जाएगी।

    छात्रों की शैक्षणिक और व्यावसायिक शिक्षा के बीच तालमेल बैठाने के लिए एनसीआरएफ लागू किया गया है, जिसमें क्रेडिट ट्रांसफर और मल्टीपल एंट्री एग्जिट की सुविधा होगी। इसके स्किल एजुकेशन लागू करने में मार्गदर्शन के लिए हर जिले में जिला कौशल समन्वयक (डीएससी) नियुक्ति किए जाएंगे। शिक्षकों और प्रधानाचार्यों को भी इसमें प्रशिक्षित किया जाएगा।

    सभी कार्यक्रम उद्योगों और सेक्टर स्किल काउंसिल के साथ आयोजित किए जाएंगे। छात्रों को व्यावहारिक अनुभव प्रदान करने के लिए स्किल एक्सपो, करियर गाइडेंस, हैकाथन, बूटकैंप, ओलिंपियाड और इंडस्ट्री एंगेजमेंट कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। स्कूल इन पहल को लागू करने के लिए सीबीएसई के दिए गए पोर्टल और फार्म का उपयोग कर सकते हैं।

    सीबीएसई स्कूल सहोदय कांप्लेक्स की ज्वाइंट सेक्रेटरी डा. प्रेरणा मित्रा ने बताया स्किल आधारित कोर्स बच्चों के लिए उपयोगी होंगे। इससे करियर के नए अवसर खुलेंगे। हालांकि सभी स्कूलों में सभी तरह के पाठ्यक्रम शुरू करने में चुनौती भी आ सकती है।


    प्रमुख स्किल माड्यूल्स

    आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस, डेटा साइंस (केवल कक्षा 8 के लिए), ब्लू पाटरी, डिजिटल सिटीजनशिप, फूड प्रिजर्वेशन, कोडिंग, यात्रा और पर्यटन, फोटोग्राफी आदि हैं।



    CBSE : व्यावसायिक विषय शुरू कर कौशल प्रयोगशाला स्थापित करें स्कूल, देशभर के हर जिले में जिला कौशल समन्वयक नियुक्त किया जाएगा

    14 जनवरी 
    नई दिल्ली। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड स्कूलों में कौशल शिक्षा को बढ़ाने के लिए लगातार कदम उठा रहा है। अब बोर्ड ने इस सत्र से व्यावसायिक विषयों को शुरू करने के  इच्छुक स्कूलों से इन्हें जल्द से जल्द शुरू कर कौशल प्रयोगशाला स्थापित करने के लिए कहा है।


    स्कूलों को किसी भी स्तर पर कौशल मॉड्यूल या कौशल विषय शुरू करने के लिए बोर्ड से अलग से कोई अनुमति लेने व कोई शुल्क देने की आवश्यकता नहीं है। इसके अलावा बोर्ड देशभर के हर जिले में एक जिला कौशल समन्वयक नियुक्त करेगा।

    सीबीएसई की ओर से शैक्षणिक ज्ञान और वास्तविक दुनिया के बीच की खाई को पाटने के लिए लिए कौशल शिक्षा को लेकर कई बड़े फैसले लिए जा चुके हैं। बोर्ड स्कूलों में लगातार कौशल शिक्षा को बढ़ाने के लिए प्रयासरत है।

    अब 18 जनवरी तक भर सकेंगे मदरसा परीक्षाओं के ऑनलाइन फॉर्म

    अब 18 जनवरी तक भर सकेंगे मदरसा परीक्षाओं के ऑनलाइन फॉर्म

    15 जनवरी 2025
    लखनऊ। मदरसा शिक्षा परिषद की मुंशी/मौलवी (सेकेंड्री), आलिम (सीनियर सेकेंड्री) की परीक्षाओं के ऑनलाइन आवेदन फार्म अब 18 जनवरी तक भरे जा सकेंगे। मदरसा बोर्ड ने अंतिम तिथि में तीसरी बार इजाफा कर परीक्षार्थियों को फार्म भरने और परीक्षा शुल्क जमा करने का आखिरी मौका दिया है। बोर्ड की परीक्षाओं का शुल्क भी 18 जनवरी तक ही जमा किया सकेगा।

    मदरसा शिक्षा परिषद की वर्ष 2025 की परीक्षा के आवेदन पत्र मदरसा बोर्ड के पोर्टल पर ऑनलाइन भरवाने की प्रक्रिया 13 दिसंबर से शुरू हुई थी। परीक्षा के आवेदन पत्र मदरसा पोर्टल पर ऑनलाइन भरने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर तय की गई थी, जबकि राजकीय कोष में परीक्षा शुल्क चालान के जरिये जमा करने की अंतिम तिथि 28 दिसंबर थी। 




    अब छह जनवरी तक भरें मदरसा परीक्षाओं के ऑनलाइन फॉर्म

    31 दिसंबर 2024
    लखनऊ। मदरसा शिक्षा परिषद की मुंशी/मौलवी (सेकेंडरी), आलिम (सीनियर सेकेंडरी) की परीक्षाओं के ऑनलाइन आवेदन फॉर्म अब छह जनवरी तक भरे जा सकेंगे। मदरसा बोर्ड ने आवेदन पत्र भरने की सुस्त रफ्तार को देखते हुए फॉर्म भरने और परीक्षा शुल्क जमा करने की अंतिम तिथि बढ़ा दी है। बोर्ड की परीक्षाओं का शुल्क अब चार जनवरी तक जमा किया सकेगा। मदरसा शिक्षा परिषद की वर्ष 2025 की परीक्षा के आवेदन पत्र मदरसा बोर्ड के पोर्टल पर ऑनलाइन भरवाने की प्रक्रिया 13 दिसंबर से शुरू हुई थी। 



    अब 31 दिसंबर तक जमा कर सकेंगे मदरसा बोर्ड परीक्षा का शुल्क

    28 दिसंबर 2024
    लखनऊ। मदरसा शिक्षा परिषद की मुंशी/मौलवी (सेकेंडरी), आलिम (सीनियर सेकेंडरी) की परीक्षाओं का शुल्क अब 31 दिसंबर तक जमा किया जा सकेगा।

    मदरसा बोर्ड ने आवेदन पत्र भरने की सुस्त रफ्तार और अंतिम तिथि में बैंक बंद होने पर परीक्षा शुल्क जमा करने की अंतिम तिथि को बढ़ा दिया है। मदरसा शिक्षा परिषद की वर्ष 2025 की परीक्षा के आवेदन पत्र मदरसा बोर्ड के पोर्टल पर ऑनलाइन भरवाने की प्रक्रिया 13 दिसंबर से शुरू हुई थी। परीक्षा के आवेदन पत्र मदरसा पोर्टल पर ऑनलाइन भरने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर तय की गई थी। 



    मदरसा बोर्ड परीक्षा के लिए आवेदन 31 दिसंबर तक

    16 दिसंबर 2024
    लखनऊ। मदरसा शिक्षा परिषद की मुंशी/मौलवी (सेकेंड्री), आलिम (सीनियर सेकेंड्री) की परीक्षा के आवेदन पत्र मदरसा पोर्टल पर शनिवार से ऑनलाइन भरे जाएंगे। मदरसा बोर्ड ने परीक्षा फार्म भरने की प्रक्रिया शुक्रवार को शुरू कर दी है। बोर्ड ने आवेदन करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर तय की है। 

    बोर्ड के रजिस्ट्रार आरपी सिंह ने बताया कि राजकीय कोष में परीक्षा शुल्क चालान के जरिये 28 दिसंबर तक जमा किया जा सकेगा। मदरसों के प्रधानाचार्य आवेदन पत्रों को नियमानुसार मदरसा पोर्टल पर 2 जनवरी 2025 तक लॉक करेंगे। इसके बाद जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी परीक्षा आवेदन पत्रों को ऑनलाइन मदरसा पोर्टल पर संदेहास्पद डाटा को सम्मिलित करते हुए 6 जनवरी तक लॉक करेंगे। 



    मदरसा शिक्षा बोर्ड परीक्षा 2025 की आवेदन प्रक्रिया शुरू, परीक्षा फार्म भरने को लेकर दिशानिर्देश जारी

    ट्रेजरी चालान के माध्यम से भरा जाएगा परीक्षा शुल्क

    8 दिसम्बर 2024
    लखनऊ : उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड की मुंशी/ - मौलवी (सेकेंड्री फारसी एवं अरबी), आलिम (सीनियर सेकेंड्री फारसी - एवं अरबी) परीक्षा-2025 के परीक्षा फार्म भरने को लेकर दिशानिर्देश - जारी कर दिए गए हैं। यह दिशानिर्देश बोर्ड के रजिस्ट्रार ने सभी जिला -अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी को भेज दिए हैं।

    परीक्षा शुल्क मदरसा से परीक्षा - वर्ष 2025 की गाइडलाइन जारी होने की तिथि से ट्रेजरी चालान के माध्यम से जमा किया जाएगा। शिक्षा, खेलकूद, कला एवं संस्कृति - विषय का परीक्षा शुल्क 0202 लेखाशीर्षक से जमा किया जाएगा। इसके अलावा सामान्य शिक्षा का 01, प्रारंभिक शिक्षा का 101 और अरबी फारसी मदरसों का मान्यता शुल्क व - अन्य शुल्क लेखाशीर्षक 10 होगा। - मदरसे परीक्षार्थियों से आफलाइन आवेदन प्राप्त करके निर्धारित शुल्क जमा करने के उपरांत पोर्टल - के माध्यम से आनलाइन भरेंगे।


    मदरसा बोर्ड से वर्ष 2018 से 2024 के बीच परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले परीक्षार्थियों को आवंटित स्टूडेंट आइडी आनलाइन फार्म भरते समय उपलब्ध कराने पर अपना व्यक्तिगत विवरण भरने की आवश्यकता नहीं होगी। मुंशी/मौलवी (सेकेंड्री फारसी एवं अरबी) पाठ्यक्रम के लिए न्यूनतम आयु 14 वर्ष निर्धारित की गई है। राज्यानुदानित/सहायता प्राप्त मदरसों के लिए व्यक्तिगत परीक्षा फार्म भरवाने की अधिकतम संख्या 500 होगी। वहीं, गैर अनुदानित मान्यता प्राप्त मदरसों के लिए व्यक्तिगत परीक्षा फार्म भरवाने की अधिकतम संख्या 400 होगी।


    संस्थागत बालकों के मुंशी मौलवी की परीक्षा के लिए परीक्षा शुल्क 120 और अंक पत्र शुल्क 50 रुपये होगा। आलिम के लिए परीक्षा शुल्क 180 और अंक पत्र शुल्क 50 रुपये होगा। संस्थागत बालिकाओं का मुंशी/मौलवी का परीक्षा शुल्क 60 और अंक पत्र शुल्क 50 रुपये, आलिम की परीक्षा के लिए परीक्षा शुल्क 80 और अंक पत्र शुल्क 50 रुपये होगा। इसी तरह मुंशी/मौलवी की व्यक्तिगत परीक्षा देने वाले बालकों का परीक्षा शुल्क 240 रुपये और अंक पत्र शुल्क 50 रुपये, आलिम की परीक्षा का परीक्षा शुल्क 280 और अंक पत्र शुल्क 50 रुपये होगा। मुंशी/मौलवी की व्यक्तिगत परीक्षा देने वाली बालिकाओं का परीक्षा शुल्क 130 रुपये और अंक पत्र शुल्क 50 रुपये, आलिम की परीक्षा का शुल्क 160 और अंक पत्र 50 रुपये होगा।

    सभी वर्गों के लिए छात्रवृत्ति के नियम बनाए जाएंगे एक जैसे, नियमावली में होगा संशोधन, शासनस्तर पर तैयार हो रहा प्रस्ताव

    सभी वर्गों के लिए छात्रवृत्ति के नियम बनाए जाएंगे एक जैसे, नियमावली में होगा संशोधन, शासनस्तर पर तैयार हो रहा प्रस्ताव


    लखनऊ। प्रदेशों में सभी वर्गों के लिए छात्रवृत्ति और शुल्क भरपाई के नियमों में एकरूपता लाई जाएगी। इसके लिए शासनस्तर पर प्रस्ताव तैयार हो रहा है। शीघ्र ही नियमावली में संशोधन किया जाएगा।

    प्रदेश में ढाई लाख रुपये तक सालाना आय वाले अनुसूचित जाति व जनजाति के छात्रों और दो लाख रुपये तक सालाना आय वाले अन्य वर्गों के छात्रों के लिए इस योजना का लाभ देने का प्रावधान है। इसमें छात्रवृत्ति के साथ शुल्क की भरपाई की जाती है।


    योजना के तहत अनुसूचित जाति व सामान्य छात्रों को समाज कल्याण विभाग, अनुसूचित जनजाति को जनजाति कल्याण और ओबीसी छात्रों को पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग भुगतान करता है। सामान्य व एससी-एसटी छात्रों और ओबीसी छात्रों को भुगतान के अलग-अलग नियम हैं। समाज कल्याण विभाग पहले सरकारी व सहायता प्राप्त संस्थानों के विद्यार्थियों को भुगतान करता है। धनराशि बचने पर निजी संस्थानों के विद्यार्थियों का नंबर आता है।

    अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग तीनों तरह के संस्थानों के विद्यार्थियों की एक साथ वरीयता सूची तैयार करता है। यह सूची पिछली कक्षा के अंकों के आधार पर तैयार होती है। अब शासन ने तय किया है कि सभी वर्गों के विद्यार्थियों को लाभ देने के लिए वरीयता सूची तैयार करने के नियम में समानता लाई जाएगी। इसके लिए उच्चस्तर पर मंथन चल रहा है। इसके बाद सभी वर्गों के छात्रों के लिए एक ही नियमावली जारी होगी, सिर्फ सालाना आय के मानक अलग-अलग होंगे।


    सभी विभागों में एक साथ बायोमीट्रिक अटेंडेंस सिस्टम लागू करने पर विचार

    पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग ने ग्रुप ए (बीटेक आदि) के छात्रों के लिए इस साल से बायोमीट्रिक अटेंडेंस लागू की थी, लेकिन सूत्रों का कहना है कि फिलहाल यह प्रयोग सफल नहीं हुआ। किसी एक विभाग में इसे लागू करने से प्रयोग सफल नहीं होगा। इसके लिए जरूरी है कि सभी विभाग एक साथ बायोमीट्रिक अटेंडेंस की व्यवस्था लागू करें।

    Wednesday, January 15, 2025

    तदर्थ शिक्षकों के प्रकरण में लापरवाही बरत रहे अधिकारियों पर होगी कार्रवाई, सवा साल बाद भी विनियमितिकरण पर स्थिति नहीं हुई साफ

    तदर्थ शिक्षकों के प्रकरण में लापरवाही बरत रहे अधिकारियों पर होगी कार्रवाई, सवा साल बाद भी विनियमितिकरण पर स्थिति नहीं हुई साफ

    लखनऊ : अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक स्कूलों के तदर्थ शिक्षकों के विनियमितिकरण के प्रकरण में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ अब कार्रवाई शुरू की जाएगी। शासन की ओर से माध्यमिक शिक्षा निदेशक डा. महेन्द्र देव को पत्र लिखकर इस मामले में सख्त नाराजगी जताई गई है। मंडलीय समितियों में शामिल शिक्षाधिकारियों को चिह्नित कर कार्रवाई शुरू करने का आदेश दिया गया है।

    विशेष सचिव, माध्यमिक शिक्षा कृष्ण कुमार गुप्त की ओर से भेजे गए पत्र में लिखा गया है कि शासन के संज्ञान में आया है कि विनियमितिकरण के कतिपय प्रकरणों पर मंडलीय समिति ने अभी तक कोई विचार नहीं किया है। ऐसे में कई तदर्थ शिक्षकों को लगातार वेतन का भुगतान किया जा रहा है। शिक्षकों के प्रत्यावेदन को एक महीने के भीतर निस्तारित करने के निर्देश दिए गए थे। करीब सवा साल बीतने के बावजूद भी कोई निर्णय नहीं लिया गया।

     ऐसे में मंडलीय अपर शिक्षा निदेशकों की जवाबदेही तय करते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू की जाए। ऐसे अपर निदेशकों की सूची मांगी गई है। दरअसल नौ नवंबर 2023 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर तदर्थ शिक्षकों की सेवाएं समाप्त की गईं थी। ऐसे योग्य तदर्थ शिक्षक जिनकी वर्ष 2000 से पूर्व

    एडेड माध्यमिक स्कूलों में भर्ती हुई थी उनका विनियमितिकरण कर दिया था। ऐसे 1,164 शिक्षकों को नियमित किया गया था। यह खाली पदों के सापेक्ष नियमित हुए थे। वहीं दूसरी ओर वर्ष 2000 के बाद प्रबंधकों द्वारा मनमाने ढंग से भर्ती करीब 946 शिक्षकों में से कई को बाहर कर दिया गया है, लेकिन तमाम ऐसे भी हैं जो लगातार वेतन पा रहे हैं। ऐसे में अभी तक स्थिति स्पष्ट न होने से ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है और तमाम शिक्षक प्रदर्शन कर रहे हैं। वरिष्ठ शिक्षक नेता ओम प्रकाश त्रिपाठी ने मांग की है कि सभी तदर्थ शिक्षकों को नियमित किया जाए। क्योंकि यह वर्षों से स्कूलों में सेवाएं दे रहे हैं।



    तदर्थ शिक्षकों के मामले में लापरवाही पर शासन सख्त, नियमितीकरण व वेतन भुगतान के लिए काफी दिनों से संघर्ष कर रहे शिक्षक

    लखनऊ। प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक विद्यालयों में वर्ष 2000 तक के नियुक्त तदर्थ शिक्षकों के नियमितीकरण व वेतन भुगतान करने के मामले में लापरवाही पर शासन सख्त है। शासन ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक से इस मामले में लापरवाही बरतने वाले मंडलीय समिति के अधिकारियों को चिह्नित कर उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही का प्रस्ताव मांगा है।

    माध्यमिक शिक्षा विभाग के विशेष सचिव कृष्ण कुमार गुप्त ने वर्ष 2000 तक के तदर्थ शिक्षकों को जो नियमानुसार नियुक्त किए गए हैं के मामले में नियमितिकरण के प्रकरणों के निस्तारण के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही प्रकरण के निस्तारण की तिथि तक उनका वेतन भुगतान करने का निर्देश दिया गया है।

    शासन के संज्ञान में आया है कि इस प्रकरणों में मंडलीय समिति द्वारा अभी तक विचार नहीं किया गया है। कार्यवाही न होने से संबंधित तदर्थ शिक्षकों को राजकोष से लगातार भुगतान किया जा रहा है। इससे संबंधित मामले एक महीने में निस्तारित हो जाना चाहिए था। ऐसे में क्यों न लापरवाही करने वाली मंडलीय समिति से ही वेतन की वसूली की जाए। उन्होंने जल्द से जल्द नियमितीकरण के लंबित प्रकरणों के बारे में जानकारी मांगी है।

    उन्होंने कहा कि वेतन कार्य सत्यापन के साथ ही आहरित होने के बाद भी अभी तक क्यों नहीं किया गया, इसकी भी जानकारी दी जाए। साथ ही इसमें लापरवाही करने वाले अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही का भी प्रस्ताव दिया जाए। शासन के इस पत्र से विभागीय अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है। 



    माध्यमिक शिक्षा: विनियमितीकरण के अनिस्तारित समस्त प्रकरणों को सम्यक् विचारोपरांत प्रत्येक दशा में 25 दिवस के अन्दर निस्तारित करने तथा संस्था में उनकी कार्यरतता के सत्यापन के पश्चात विनियमितीकरण प्रकरण के निस्तारण की तिथि तक वेतन भुगतान किये जाने के संबंध में 


    माध्यमिक शिक्षा : विनियमितीकरण के प्रकरणों के सम्बन्ध में कोर्ट आर्डर के अनुपालन के सम्बंध में  


    महीनों से लंबे अवकाश पर हैं शिक्षामित्र, अवैतनिक अवकाश के सहारे चल रही नौकरी, जानिए क्यों?

    महीनों से लंबे अवकाश पर हैं शिक्षामित्र, अवैतनिक अवकाश के सहारे चल रही नौकरी, जानिए क्यों? 


    लखनऊ। सरकारी स्कूलों में तैनात शिक्षामित्र लंबे समय तक अवैतनिक अवकाश लिए हैं। इससे विद्यालयों में स्टाफ की भी कमी रहती है। लखनऊ सहित हरदोई, सीतापुर, लखीमपुर, उन्नाव, रायबरेली सभी जगह एक जैसी स्थिति है। इस संबंध में प्रधानाध्यापकों की ओर से विभाग में सूचना भी दी गई है, लेकिन कोई ठोस नतीजा नहीं निकला। इसका सीधा असर विद्यालय की व्यवस्था पर पड़ रहा है।


    पूरे मंडल में करीब 12 हजार शिक्षामित्र हैं। इसमें 270 लंबे समय से अवकाश पर हैं। जानकारों का कहना है कि लंबे समय तक अवैतनिक अवकाश पर रहने वाले शिक्षामित्र दूसरे कामों में लगे हैं। इनका मानना है कि किसी तरह से नौकरी चलती रहे, ताकि आगे सरकार उनके लिए कोई बेहतर विकल्प निकाले या फिर मानदेय में बढ़ोतरी करे तो उसका लाभ उन्हें मिल सके। मौजूदा समय में उन्हें जो मानदेय मिलता है, उससे ज्यादा वह दूसरे काम करके कमा लेते हैं।

    नहीं बढ़ा मानदेय, मजबूर हैं शिक्षामित्र

    25 जुलाई 2017 को शिक्षा मित्रों को कोर्ट के आदेश से सहायक अध्यापक पद से मूल पद पर भेज दिया गया था। तब से अब तक ये 10 हजार रुपये महीने मानदेय पा रहे हैं। इस बारे में प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के महामंत्री कौशल कुमार सिंह कहते हैं कि शिक्षामित्र मजबूरी में अवैतनिक अवकाश पर जाकर दूसरे कार्य करने के लिए मजबूर हैं।


    अवकाश पर गए जनपदवार शिक्षामित्र


    मंडल के सभी जनपदों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों से स्कूल व शिक्षामित्रों के नाम से सूची मांगी गई है, जो शिक्षामित्र इस तरह से बार-बार अवकाश ले रहे हैं उनकी सेवा समाप्त की जाएगी। - श्याम किशोर तिवारी, एडी बेसिक लखनऊ मंडल


    यूपी : ठंड तो नहीं पर खत्म हुईं जाड़े की छुट्टियां... आज से खुल रहे हैं परिषदीय स्कूल; छुट्टियां बढ़ाने से विभाग का इंकार, डीएम अपने स्तर पर तय कर सकेंगे अवकाश

    यूपी : ठंड तो नहीं पर खत्म हुईं जाड़े की छुट्टियां... आज से खुल रहे हैं परिषदीय स्कूल;  छुट्टियां बढ़ाने से विभाग का इंकार, डीएम अपने स्तर पर तय कर सकेंगे अवकाश


    लखनऊ : प्राथमिक स्कूलों में चल रहीं छुट्टियां मंगलवार से समाप्त हो गईं। हालांकि जिलाधिकारी अपने स्तर पर अवकाश दे सकते हैं। 

    प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में जाड़े की छुट्टियां मंगलवार को समाप्त हो गईं। बेसिक शिक्षा विभाग ने छुट्टियों को आगे बढ़ाया नहीं है। इसके साथ ही विद्यालय बुधवार से निर्धारित समय पर खुलेंगे और पठन-पाठन होगा। परिषदीय विद्यालयों में जाड़े की छुट्टियां 31 दिसंबर से 14 जनवरी तक थीं। इसके साथ ही 15 जनवरी बुधवार से विद्यालय पूर्व निर्धारित समय सुबह नौ से दोपहर तीन बजे तक चलेंगे।

    (प्रतीकात्मक चित्र)


    बेसिक शिक्षा निदेशक प्रताप सिंह बघेल ने कहा कि निदेशालय की ओर से छुट्टियों को लेकर कोई बदलाव नहीं किया गया है। आवश्यकतानुसार जिला स्तर पर डीएम इसके लिए निर्णय ले सकेंगे। वहीं बुधवार से माध्यमिक विद्यालय भी पूर्व निर्धारित समय सुबह 9.30 से दोपहर 3.30 बजे तक चलेंगे। बता दें कि पूर्व में ठंड को देखते हुए मकर संक्रांति तक विद्यालयों का समय सुबह 10 से दोपहर तीन बजे तक कर दिया गया था। इसमें भी माध्यमिक शिक्षा विभाग ने आगे कोई बदलाव नहीं किया है।

    Academic Resource Person (ARP) : देखें एआरपी चयन विज्ञप्ति

    Academic Resource Person (ARP) : देखें एआरपी चयन विज्ञप्ति

    (सभी जनपदों से निकलने वाली आगामी ARP भर्ती विज्ञप्तियां इसी पोस्ट में अपडेट की जाएंगी।)


    बलरामपुर 

    जनपद:  झांसी



    Monday, January 13, 2025

    सामूहिक बीमा की प्रीमियम कटौती का हिसाब अब तक नहीं, सामूहिक बीमा बंद होने के बावजूद आठ साल कटा प्रीमियम

    सामूहिक बीमा की प्रीमियम कटौती का हिसाब अब तक नहीं, सामूहिक बीमा बंद होने के बावजूद आठ साल कटा प्रीमियम

    शिक्षकों ने सीएम और पीएम तक को लिखा पत्र


    लखनऊ । बेसिक शिक्षकों का सामूहिक बीमा अगस्त 2014 में बंद कर दिया गया था। इसके बावजूद शिक्षकों के खाते से हर माह 87 रुपये कटते रहे। जब 2022 में मुद्दा उठा तो शिक्षकों के खाते से यह कटौती बंद हुई।  इस दौरान शिक्षकों के खाते से 208 करोड़ रुपये ज्यादा की जो कटौती हो गई, जिसका हिसाब विभाग ने अब तक नहीं दिया। 


    शिक्षक लगातार हिसाब मांग रहे हैं। इसके लिए वे सभी अधिकारियों से लेकर मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री तक को पत्र लिख चुके हैं। प्राथमिक शिक्षक संघ बाराबंकी के जिलाध्यक्ष निर्भय सिंह कहते हैं कि कटौती बंद हुए भी दो साल बीत गए। विभाग अब तक हिसाब नहीं कर पाया है। कोविड काल में शिक्षकों की मौतें भी हुईं, लेकिन किसी को कोई क्लेम नहीं दिया गया। इस पर शिक्षकों ने मुद्दा उठाया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।


    नई पॉलिसी में रुचि नहीं

    शिक्षकों ने आठ साल तक हुई इस कटौती की रकम वापसी की मांग की तो विभाग ने नई बीमा पॉलिसी लाने की बात कही। उसी में इस राशि के समायोजन की बात हुई। इसके लिए बीमा कंपनी से करार भी किया लेकिन उसमें प्रीमियम ज्यादा होने के कारण शिक्षकों ने रुचि नहीं दिखाई। प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक असोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष विनय कुमार सिंह कहते हैं कि विभाग या तो कम प्रीमियम में कोई योजना लाए या फिर मय ब्याज शिक्षकों से कटौती की रकम वापस करे।


    शिक्षकों से कटौती की राशि सुरक्षित है। वित्त नियंत्रक से वार्ता कर इस पर जल्द निर्णय लिया जाएगा। - सुरेंद्र तिवारी, सचिव, बेसिक शिक्षा परिषद

    Sunday, January 12, 2025

    बेसिक शिक्षकों के ग्रेच्युटी भुगतान में देरी पर हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी, देखें कोर्ट ऑर्डर और समझें पूरा मामला (लगातार अपडेटेड)

    बेसिक शिक्षकों के ग्रेच्युटी भुगतान में देरी पर हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी, देखें कोर्ट ऑर्डर और समझें पूरा मामला (लगातार अपडेटेड) 

    (नोट: प्रकरण पर जानकारियां एकत्र करने का प्रयास जारी है, इसलिए पोस्ट / न्यूज में कुछ बदलाव हो सकता है) 


    अलीगढ़। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सेवानिवृत  बेसिक शिक्षकों के बकाए भुगतान में देरी को लेकर राज्य सरकार और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, अलीगढ़ पर सख्त टिप्पणी की है। मामले की सुनवाई माननीय न्यायमूर्ति विक्रम डी. चौहान की एकल पीठ ने की।  

    मामला सेवानिवृत्त शिक्षक सैयद मोहम्मद असलम और अन्य से जुड़ा है, जिन्होंने 2020 में बकाया ग्रेच्युटी राशि के भुगतान का आदेश प्राप्त किया था। इस आदेश को अपील में भी 2022 में पुष्टि मिली। बावजूद इसके, संबंधित विभाग ने अब तक उक्त आदेश को चुनौती देने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया।  


    सुनवाई के दौरान, राज्य सरकार की ओर से पेश स्थायी अधिवक्ता ने अदालत को सूचित किया कि जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, अलीगढ़ के तीन बैंक खातों को 26 अक्तूबर 2024 को अटैच कर दिया गया है। इस पर कोर्ट ने सवाल किया कि विभाग 2020 से अब तक निष्क्रिय क्यों रहा। अदालत ने टिप्पणी करते हुए कहा कि अधिकारी "गहरी नींद से जागे हैं" और अब आदेश को चुनौती देने की बात कर रहे हैं।  


    अदालत ने विभाग की निष्क्रियता पर असंतोष प्रकट किया और आदेश दिया कि 10 लाख रुपये की बकाया राशि दो सप्ताह के भीतर हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल के पास जमा की जाए। यह धनराशि राष्ट्रीयकृत बैंक में फिक्स्ड डिपॉजिट के रूप में रखी जाएगी। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 5 फरवरी 2025 की तिथि तय की है।  


    कोर्ट ऑर्डर 👇 

    खबर 

    यूपी बोर्ड इण्टरमीडिएट प्रयोगात्मक परीक्षा वर्ष 2025 के संबंध में निर्देश जारी

    यूपी बोर्ड इण्टरमीडिएट प्रयोगात्मक परीक्षा वर्ष 2025 के संबंध में निर्देश जारी 


    बेसिक शिक्षकों का डाटा अपडेट अब तबादले की समय सारिणी का इंतजार, जिले के अंदर व एक से दूसरे जिले में म्यूचुअल ट्रांसफर का मामला

    बेसिक शिक्षकों का डाटा अपडेट अब तबादले की समय सारिणी का इंतजारजिले के अंदर व एक से दूसरे जिले में म्यूचुअल ट्रांसफर का मामला

    14 जनवरी को खत्म हो रही हैं परिषदीय स्कूलों में जाड़े की छुट्टियां


    लखनऊ। परिषदीय विद्यालयों में जिले के अंदर व एक से दूसरे जिले में परस्पर तबादले का शासनादेश जारी होने के साथ ही शिक्षकों का डाटा अपडेट कर दिया गया, लेकिन तबादले की समय सारिणी नहीं जारी की गई है। इसे लेकर शिक्षकों में ऊहापोह है। क्योंकि जाड़े की छुट्टियां भी 14 जनवरी को समाप्त हो रही हैं। 


    परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों की तबादला प्रक्रिया जाड़े व गर्मी की छुट्टियों में करने की व्यवस्था है। इसी के तहत 31 दिसंबर को छुट्टी शुरू होते ही परस्पर तबादले का शासनादेश जारी किया गया। इसके बाद बेसिक शिक्षा परिषद सचिव ने 10 जनवरी तक डाटा अपडेट करने का निर्देश सभी बीएसए को दिया था।


    तबादला प्रक्रिया में विलंब को देखते हुए शिक्षकों ने जल्द से जल्द विस्तृत कार्यक्रम जारी करने की मांग की है ताकि वे छुट्टियों में आवेदन कर दें। दोबारा स्कूल खुलने पर वह पूरा समय पठन-पाठन में दे सकें। 


    उप्र. बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव ने कहा कि विभाग शिक्षकों से जुड़े मामले को अनावश्यक लटकाए है। जब पूर्व में तय है कि जाड़े व गर्मी की छुट्टियों में ही तबादला होगा। तो एक छुट्टी में कार्यक्रम जारी कर रहे हैं और फिर दूसरी छुट्टी में इसकी प्रक्रिया पूरी करेंगे। यह न्यायोचित नहीं है। उन्होंने मांग की कि तबादले से जुड़ी समय सारणी जल्द घोषित हो।

    Saturday, January 11, 2025

    माध्यमिक शिक्षा विभाग के स्कूलों में यूपी दिवस 24 से 26 जनवरी तक मनेगा, सर्कुलर जारी

    दिनांक 24 से 26 जनवरी की अवधि में उत्तर प्रदेश दिवस – 2025 को समारोहपूर्वक आयोजित किए जाने के संबंध में

    माध्यमिक शिक्षा विभाग के स्कूलों में यूपी दिवस 24 से 26 जनवरी तक मनेगा, सर्कुलर जारी


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    लखनऊ। पिछले वर्षों की भांति इस वर्ष भी प्रदेश में माध्यमिक शिक्षा के स्कूलों में 24 से 26 जनवरी तक उत्तर प्रदेश दिवस-2025 का आयोजन किया जाएगा। इस बार उत्तर प्रदेश दिवस-2025 के आयोजन की थीम ‘‘विकास व विरासत प्रगति पथ पर उत्तर प्रदेश’’ है। समस्त माध्यमिक स्कूलों द्वारा इसी थीम पर प्रदर्शनियों, संगोष्ठियों, सम्मेलनों, सांस्कृतिक कार्यक्रमों, प्रतियोगिताओं, रोड शो इत्यादि का आयोजन किया जायेगा।

    इस संबंध में माध्यमिक शिक्षा निदेशक डा. महेन्द्र देव की ओर से सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों के नाम सर्कुलर जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि उत्तर प्रदेश दिवस-2025 के आयोजन के तहत 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चन्द्र बोस जयन्ती, 24 जनवरी को उत्तर प्रदेश दिवस-2025, 25 जनवरी को राष्ट्रीय पर्यटन दिवस, मतदाता जागरूकता दिवस तथा 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के अवसर पर सभी स्कूलों में भव्यपूर्ण ढंग से कार्यक्रमों का आयोजन किया जाए। 

    तिथिवार विस्तृत कार्यक्रम जारी कर यह भी कहा गया है कि 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चन्द्र बोस जयन्ती के उपलक्ष्य में देश की स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान के बारे में विद्यार्थियों को अवगत कराया जाए। वहीं 24 जनवरी को उत्तर प्रदेश दिवस पर विद्यार्थियों के मध्य उत्तर प्रदेश दिवस-2025 के आयोजन की थीम ‘विकास व विरासत प्रगति पथ पर उत्तर प्रदेश’ पर आधारित निबन्ध प्रतियोगिता का आयोजन किया जाए।

    वहीं इसके अगले दिन 25 जनवरी को मतदाता जागरूकता दिवस की महत्ता बताते हुए विद्यार्थियों को मतदान का महत्व भी बताया जाए। साथ ही शिक्षकों, शिक्षणेत्तर कर्मियों व विद्यार्थियों को मतदाता शपथ दिलायी जाए। 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रध्वज फहराया जाए और राष्ट्रगान ‘जन-गण-मन’ का सामूहिक गायन किया जाए। प्रधानाचार्य / प्रधानाध्यापकों तथा शिक्षकों द्वारा विद्यार्थियों को स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास बताया जाए तथा देशभक्तों के जीवन के प्रेरक प्रसंगों पर प्रकाश डाला जाय।

    इसी प्रकार से विद्यालयों में शिक्षकों व विद्यार्थियों के मध्य सुशासन के सिद्धान्तों (पारदर्शिता, उत्तरदायित्व, अनुक्रियता, विधि का शासन, भागीदारी, समानता व समावेशिता, प्रभावशीलता और दक्षता) पर चर्चा परिचर्चा की जाए। सर्कुलर में यह भी निर्देश दिए गए हैं कि इन पूरे कार्यक्रमों के वीडियों जीओ टैग्ड फोटोग्राफ्स निदेशालय के ई-मेल पर उपलब्ध कराते हुए निर्धारित लिंक में गतिविधि आयोजन की तिथि को अपरान्ह 4 बजे तक फीड जरूर करा दें।


    IGRS के जरिए परिषदीय अध्यापकों की पदोन्नति किये जाने सम्बन्धी अनुरोध पर मिला यह जवाब, देखें

    IGRS के जरिए परिषदीय अध्यापकों की पदोन्नति किये जाने सम्बन्धी अनुरोध पर मिला यह जवाब, देखें 


    परिषदीय स्कूलों के अवकाश विसंगतियों को दूर करने की मांग

    परिषदीय स्कूलों के अवकाश विसंगतियों को दूर करने की मांग 


    गोरखपुर 10 जनवरी। उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाई स्कूल (पूमा) शिक्षक संघ ने सचिव बेसिक शिक्षा परिषद को मांगपत्र भेजकर पिछले साल की छुट्टियों को बहाल करते हुए अवकाश विसंगति दूर करने की मांग की है। 

    संगठन के मण्डल अध्यक्ष ज्ञानेश्वर पांडेय के निर्देश पर जिलाध्यक्ष बाल विनोद शुक्ल द्वारा सचिव को भेजे गए मांग पत्र में कहा गया है कि विगत वर्षों में प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के नियन्त्रणाधीन संचालित विद्यालय एवं मान्यताप्राप्त बेसिक विद्यालयों में बसन्त पंचमी, चेटीचंद जयंती, परशुराम जयंती तथा महाराजा अग्रसेन जयन्ती का अवकाश हुआ था। राज्य सरकार द्वारा घोषित वर्तमान वर्ष के अवकाश तालिका में उक्त अवकाश शामिल है परंतु बेसिक शिक्षा परिषद की अवकाश तालिका में इन छुट्टियों को शामिल नहीं किया गया है। 

    इसके अतिरिक्त इस वर्ष मौनी अमावस्या पर केंद्र और राज्य सरकार द्वारा राज्य के प्रयागराज में विश्वस्तरीय महाकुंभ का आयोजन किया जा रहा है। परंतु दुर्भाग्य से यह भी परिषद की अवकाश तालिका में शामिल नहीं है। मौनी अमावस्या पर अवकाश नहीं होने से बेसिक शिक्षा परिषद के अधीन विद्यालयों में कार्यरत लाखों श्रद्धालु महाकुंभ का पुण्यलाभ लेने से वंचित हो जाएंगे। 

    संघ ने वर्तमान सत्र में बसन्त पंचमी, चेटीचंद जयंती, परशुराम जयंती, अग्रसेन जयंती तथा मौनी अमावस्या पर अवकाश घोषित कर अवकाश विसंगति दूर करने की मांग की है। 



    प्रमुख पर्वों की छुट्टियां फिर से बहाल करने की मांग

    27 दिसम्बर 2025
    लखनऊ। प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर परिषदीय विद्यालयों में भारतीय संस्कृति से संबंधित प्रमुख पर्वों की छुट्टियां फिर से बहाल करने की मांग की है। 

    संघ के प्रांतीय अध्यक्ष विनय कुमार सिंह ने बताया है कि मौनी अमावस्या, भैयादूज, जमात उल विदा (अलविदा), नाग पंचमी, अनंत चतुर्दशी, पितृ विसर्जन और नवरात्र के पहले दिन की छुट्टी पूर्व में होती थी लेकिन अधिकारियों ने बिना इन पर्वों का महत्व जाने की संबंधित छुट्टियों को रद्द कर दिया। इसके कारण सरकार की छवि सनातन विरोधी बन रही है।

     उन्होंने कहा कि शिक्षक व बच्चे भी अपने पारिवारिक, सामाजिक व धार्मिक दायित्वों का निर्वहन नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में जांच की जानी चाहिए कि इन बड़े पर्वो के अवकाश को क्यों समाप्त किया गया। उन्होंने बेसिक शिक्षा परिषद की 2025 की अवकाश तालिका में इन पर्वो पर अवकाश घोषित करने की मांग की। 



    महत्वपूर्ण धार्मिक महत्व के पर्वों के अवकाश रद्द किए जाने पर सवाल उठाते सीएम योगी से PSPSA ने ज्ञापन के जरिए पर्वों के महत्त्व को रेखांकित करते हुए अवकाश की पुनः बहाली की मांग की

    लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बेसिक शिक्षा परिषद के अंतर्गत घोषित अवकाशों में कई महत्वपूर्ण धार्मिक पर्वों के अवकाश रद्द किए जाने पर समाज और शिक्षकों में गहरा असंतोष व्याप्त है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को संबोधित PSPSA के ज्ञापन में शिक्षकों और अभिभावकों ने इन पर्वों के महत्त्व को रेखांकित करते हुए इन पर अवकाश की पुनः बहाली की मांग की है।  

    ज्ञापन में यह बताया गया कि मौनी अमावस्या, होली भैयादूज, नाग पंचमी, अनंत चतुर्दशी, और पितृ विसर्जन अमावस्या जैसे पर्वों पर पहले अवकाश घोषित किए जाते थे। हालांकि, वर्तमान में इन पर्वों के अवकाश रद्द कर दिए गए हैं, जिसके कारण शिक्षक और विद्यार्थी अपने धार्मिक, पारिवारिक और सामाजिक दायित्वों का निर्वहन करने में असमर्थ हो रहे हैं।  

    शिक्षकों का कहना है कि इन पर्वों के माध्यम से बच्चों को भारतीय संस्कृति और परंपराओं से जोड़ा जाता था। मौनी अमावस्या जैसे पर्वों पर गंगा स्नान, दान और मौन व्रत की प्रथा सदियों से चली आ रही है। वहीं, पितृ विसर्जन अमावस्या पर पिंडदान और नवरात्रि के प्रथम दिन कलश स्थापना जैसे महत्वपूर्ण अनुष्ठानों के लिए समय चाहिए।  

    अधिकारियों द्वारा इन अवकाशों को रद्द करने को समाज सरकार की "सनातन विरोधी" छवि से जोड़ रहा है। शिक्षकों ने यह सवाल भी उठाया कि जब एक संत मुख्यमंत्री की सरकार में धार्मिक पर्वों की उपेक्षा हो रही है, तो इसे दुर्भावना के सिवाय और क्या कहा जा सकता है?  

     
    संगठन ने यह भी आरोप लगाया कि अधिकारियों ने अवकाश रद्द करने से पहले न तो पर्वों का महत्व समझा और न ही समाज के सुझाव लिए। ज्ञापन में मांग की गई है कि इन अधिकारियों की पृष्ठभूमि की जांच होनी चाहिए और यह देखा जाए कि कहीं यह निर्णय सरकार की छवि खराब करने की साजिश तो नहीं।  


    शिक्षकों ने 2025 की अवकाश तालिका में इन पर्वों को पुनः शामिल करने की मांग की है। साथ ही, 2015 से 2019 और 2024 की अवकाश तालिकाओं को आधार बनाकर इन छुट्टियों की महत्ता को रेखांकित किया है।  




    परिषदीय विद्यालयों में भारतीय संस्कृति से संबंधित प्रमुख पर्वों के अवकाश को पुनः घोषित करने के संदर्भ में PSPSA ने सीएम योगी से की मांग



    निदेशक से वार्ता के बाद दो फरवरी तक तदर्थ शिक्षकों का धरना स्थगित

    निदेशक से वार्ता के बाद दो फरवरी तक तदर्थ शिक्षकों का धरना स्थगित

    11 जनवरी 2025
    लखनऊ। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय पर 23 दिन से धरने पर बैठे तदर्थ शिक्षकों ने शुक्रवार को माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेंद्र देव से वार्ता हुई। वार्ता में मिले आश्वासन के बाद दो फरवरी तक के लिए धरना स्थगित कर दिया है। साथ ही चेतावनी दी है कि इस महीने में कार्यवाही न होने पर वे दोबारा धरना-प्रदर्शन और तेज करेंगे। 

    माध्यमिक तदर्थ शिक्षक संघर्ष समिति 2000 के बाद तैनात शिक्षकों की बहाली व वेतन जारी करने के लिए 18 दिसंबर से निदेशालय में धरने पर बैठे हैं। इसी क्रम में आज माध्यमिक शिक्षा निदेशक से तदर्थ शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल की वार्ता हुई। इसके बाद निदेशक धरना स्थल पर आए और उन्होंने आश्वासन दिया कि हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन को लेकर सरकार गंभीर है। 



    धरना दे रहे तदर्थ शिक्षकों से आज निदेशक करेंगे वार्ता, 22 दिन से कर रहे प्रदर्शन

    10 जनवरी 2025
    लखनऊ। प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक विद्यालयों में तैनाती व वेतन देने के लिए 22 दिन से धरना दे रहे तदर्थ शिक्षकों की चेतावनी पर माध्यमिक शिक्षा विभाग के सुर बदले हैं। माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेंद्र देव शुक्रवार को धरने पर बैठे शिक्षकों से वार्ता करेंगे। इसमें कुछ रास्ता निकलने की उम्मीद भी बढ़ गई है।

     माध्यमिक तदर्थ शिक्षक संघर्ष समिति के बैनर तले शिक्षक 22 दिन से निदेशालय में धरने पर बैठे हैं। वह विभिन्न मामलों में हाईकोर्ट द्वारा दिए गए निर्णय के अनुपालन करने, बचे हुए तदर्थ शिक्षकों के समायोजन, बकाया वेतन देने आदि की मांग कर रहे हैं। इस कड़कड़ाती ठंड में भी शिक्षकों का धरना जारी है। किंतु माध्यमिक शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अधिकारी उनके वार्ता तक के लिए तैयार नहीं हो रहे थे। 


    तदर्थ शिक्षक माध्यमिक शिक्षा निदेशालय पर जड़ेंगे ताला,  ठोस निर्णय न होने पर दी चेतावनी, 21 दिन से निदेशालय में धरने पर बैठे हैं शिक्षक

    9 जनवरी 2025
    लखनऊ। प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक विद्यालयों में तैनात रहे तदर्थ शिक्षक लगातार 21 दिन से निदेशालय में धरने पर बैठे हैं। इसके बाद भी वेतन भुगतान व तैनाती नहीं हो रही है। बुधवार को शिक्षकों ने चेतावनी दी कि इस हफ्ते अगर उनके मामले में कोई ठोस निर्णय न हुआ तो वह निदेशालय पर ताला लगाने के लिए बाध्य होंगे।

    माध्यमिक तदर्थ शिक्षक संघर्ष समिति की ओर से अपनी नियुक्ति व वेतन भुगतान के लिए निदेशालय पर 21 दिन से याचना कार्यक्रम कर रहे हैं। इस कड़कड़ाती ठंड में भी काफी संख्या में शिक्षक धरने में शामिल हो रहे हैं लेकिन उनकी मांग पर कोई कार्यवाही नहीं हो रही है। शिक्षकों ने कहा कि विभिन्न रिट में उच्च न्यायालय शिक्षकों के पक्ष में ही निर्णय दे रहा है।

    समिति के संयोजक राजमणि सिंह ने कहा कि इसके बाद भी विभाग व शासन के अधिकारी मौन साधे हुए हैं। ऐसे में शिक्षकों का धैर्य अब जवाब दे रहा है। इस हफ्ते में ठोस निर्णय न होने पर निदेशालय के कार्यालयों पर तालाबंदी के लिए बाध्य होंगे। साथ ही सोशल मीडिया पर भी अभियान तेज करेंगे। धरने में प्रदेश महामंत्री प्रभात त्रिपाठी, प्रदेश उपाध्यक्ष प्रेम शंकर मिश्रा, राजेश पांडेय आदि शामिल थे।



    वेतन के भुगतान की मांग को लेकर कड़ाके की ठंड में 19 दिन से धरने पर बैठे हैं तदर्थ शिक्षक

    7 जनवरी 2015
    लखनऊ। माध्यमिक शिक्षा निदेशक के शिविर कार्यालय में कड़ाके की ठंड के बीच 19 दिन से तदर्थ शिक्षक धरने पर बैठे हैं। करीब डेढ़ वर्ष से वेतन का भुगतान न होने से इनके आगे आर्थिक संकट गहरा गया है। धरने पर बैठे तदर्थ शिक्षकों ने सोमवार को सरकार से मांग की है कि बकाया वेतन के भुगतान के लिए डीआईओएस को निर्देशित किया जाए। साथ ही उनकी सेवा सुरक्षा पर सरकार फैसला ले। शिक्षकों ने कहा कि कोई अधिकारी उनसे मिलने तक नहीं आया।


    माध्यमिक तदर्थ शिक्षक संघर्ष समिति के संयोजक अध्यक्ष राजमणि सिंह और प्रदेशीय महामंत्री प्रभात कुमार त्रिपाठी ने बताया कि कोर्ट के आदेश के बावजूद डीआईओएस तदर्थ शिक्षकों के वेतन का भुगतान नहीं कर रहे हैं। यह शिक्षक डीआईओएस कार्यालय के चक्कर लगाकर थक गए हैं। कोई राहत नहीं मिलने पर 18 दिसंबर से निदेशालय पर धरना दे रहे हैं। 

    Friday, January 10, 2025

    यूपी बोर्ड परीक्षा में नकल कराने पर आजीवन कारावास, एक करोड़ तक का जुर्माना, वर्ष 2024 का अधिनियम होगा लागू

    यूपी बोर्ड परीक्षा में नकल कराने पर आजीवन कारावासएक करोड़ तक का जुर्माना, वर्ष 2024 का अधिनियम होगा लागू

    शुचिता प्रभावित करने, पेपर लीक कराने, नकल पर कड़ा दंड

    नकल माफिया व सात्वरों पर शिकंजा कसने की तैयारी

    24 फरवरी से 12 मार्च के मध्य होगी बोर्ड परीक्षा,54.38 लाख छात्र- छात्राओं ने परीक्षा के लिए कराया है पंजीकरण


    प्रयागराज : यूपी बोर्ड की हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट परीक्षा में भी अब उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) अधिनियम 2024 लागू होगा। इसमें परीक्षा की शुचिता प्रभावित करने, प्रश्नपत्र लीक कराने, प्रश्नपत्र हल कराने की कोशिश आदि पर साल्वरों एव साल्वर गिरोह को आजीवन कारावास एवं एक करोड़ रुपये तक के जुर्माने से दंडित किया जाएगा। इस संबंध में यूपी बोर्ड सचिव भगवती सिंह की ओर से सभी क्षेत्रीय अपर सचिवों एवं जिला विद्यालय निरीक्षकों को जल्द निर्देश जारी किए जाएंगे।


    नकलविहीन और शुचितापूर्ण परीक्षा संपन्न कराने की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप वर्ष 2025 की हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट की परीक्षा की तैयारी यूपी बोर्ड कर रहा है। यूपी बोर्ड की परीक्षा अर्हकारी होने के कारण इसमें अनुचित साधनों का निवारण अधिनियम 2024 लागू किया जा रहा है। अभी तक यूपी बोर्ड परीक्षा में उप्र सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) अधिनियम 1998 के तहत कार्रवाई की जा रही थी। इसमें परीक्षा के निष्पक्ष संचालन में प्रश्नपत्र या उसके किसी भाग या प्रश्नपत्र की फोटोकापी कराकर नकल कराने की कोशिश करने पर अधिकतम एक वर्ष कारावास या पांच हजार रुपये जुर्माना अथवा दोनों से दंडित किए जाने का प्रविधान था।


    नए अधिनियम में कोई व्यक्ति या साल्वर गिरोह यदि प्रथम बार परीक्षा प्रभावित करेगा तो तीन से 14 वर्ष तक कारावास तथा 10 लाख से 25 लाख रुपये तक जुर्माने से दंडित किया जाएगा। यदि इस अपराध की साल्वर गिरोह द्वारा पुनरावृत्ति की जाती है तो आजीवन कारावास एवं 50 लाख से एक करोड़ रुपये तक जुर्माने से दंडित किया जाएगा। नकलविहीन परीक्षा संपन्न कराने के लिए यूपी बोर्ड परीक्षाएं सीसीटीवी की निगरानी में तो कराएगा, परीक्षा केंद्रों के स्ट्रांग रूमों में प्रश्नपत्रों की निगरानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से कराने की योजना पर भी काम कर रहा है।


    सोशल मीडिया पर भी समस्या का समाधान बता रहा यूपी बोर्ड, फेसबुक, एक्स हैंडल, यूट्यूब व इंस्टाग्राम पर भी बढ़ी यूपी बोर्ड की सक्रियता

    सोशल मीडिया पर भी समस्या का समाधान बता रहा यूपी बोर्ड, फेसबुक, एक्स हैंडल, यूट्यूब व इंस्टाग्राम पर भी बढ़ी यूपी बोर्ड की सक्रियता

    हेल्प डेस्क के टोल फ्री नंबर पर 44 परीक्षार्थियों व अभिभावकों ने किया संपर्क

    प्रयागराज। यूपी बोर्ड ने परीक्षार्थियों की समस्याओं के समाधान के लिए एक तरफ हेल्प डेस्क शुरू कर दी है तो दूसरी ओर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से भी परीक्षार्थियों की समस्याओं का समाधान कर रहा है। बृहस्पतिवार को हेल्प डेस्क के टोल फ्री नंबर पर 44 परीक्षार्थियों ने संपर्क किया।

    यूपी बोर्ड की परीक्षाएं 24 फरवरी से शुरू होंगी। इस बार बोर्ड ने डेढ़ माह पहले ही अपनी सोशल मीडिया टीम को सक्रिय कर दिया है, ताकि अधिक से अधिक परीक्षार्थियों को उनकी समस्याओं का समाधान मिल सके। यूपी बोर्ड के सचिव भगवती सिंह ने उप सचिव डॉ आनंद त्रिपाठी, ऋचा श्रीवास्तव व डॉ शालिनी यादव को इन तमाम गतिविधियों के लिए नोडल अधिकारी के रूप में जिम्मेदारी सौंपी है।

    डॉ. आनंद त्रिपाठी ने बताया कि फेसबुक व इंस्टाग्राम के माध्यम से परीक्षाओं की तैयारी को लेकर परीक्षार्थियों की ओर से तमाम सवाल पूछे जा रहे हैं। किसी को विषय संबंधी समस्या है तो कोई परीक्षा को लेकर डरा हुआ है। परीक्षार्थियों के सवाल आने पर उनके मैसेज या कमेंट बॉक्स पर समस्या का समाधान बताया जा रहा है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के माध्यम से प्रयास कि जा रहे हैं कि छात्र-छात्राओं को पर्याप्त अकादमिक सामग्री प्राप्त हो सके। यूपी बोर्ड के एक्स हैंडल पर समय-समय पर जारी होने वाली सूचनाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। वर्चुअल लैब व पढ़ाई के चैनर। भी शेयर किए जा रहे हैं।

    परीक्षार्थी इन नंबरों पर करें संपर्क
    परीक्षार्थियों को अपने विषय में कोई दिक्कत है या मनोवैज्ञानिक समस्या है तो वे यूपी बोर्ड हेल्प डेस्क के टोल फ्री नंबर 18001805310 और 18001805312 पर सुबह 11 से शाम चार बजे संपर्क कर सकते हैं।

    वहीं, यू-ट्यूब के माध्यम से परीक्षार्थियों को बताया जा रहा है कि मॉडल प्रश्नपत्र कैसे हल करें, प्रश्नों के उत्तर कैसे लिखें, तनाव से कैसे बचें। कुछ नए क्रिएटिव वीडियो भी अपलोड किए गए हैं, जिनके माध्यम से परीक्षार्थी अपने-अपने विषय की बेहतरी तरीके से तैयारी कर सकते हैं। इसके अलावा यूपी बोर्ड की वेबसाइट के माध्यम से भी परीक्षार्थी अपनी तमाम समस्याओं का समाधान प्राप्त कर सकते हैं।

    ■ सोशल मीडिया के इन प्लेटफॉमों पर सक्रिय यूपी बोर्ड : अभ्यर्थी ई-मेल आईडी
    ई-मेल आईडी upmspprayagraj@gmail.com, एक्स हैंडल : @upboardpry, फेसबुक पेज : Madhyamik Shiksha Parishad Uttar Pradesh, यूट्यूब चैनल : Madhyamik Shiksha Parishad, UP, Prayagraj (www.youtube.com/@upboardpryj) एवं इंस्टाग्राम आईडी : @upboardpryj से भी समस्याओं का समाधान पा सकेंगे।



    परीक्षा नजदीक आते ही पहाड़ जैसी लगने लगी विज्ञान व गणित की पढ़ाई, हेल्प डेस्क पर सबसे अधिक आईं भौतिकी, रसायन व गणित विषय से जुड़ी समस्याएं, 

    परीक्षा फोबिया से बचाने के लिए मनोविज्ञानशाला ने भी जारी किया टोल फ्री नंबर 

    इन नंबरों पर करें संपर्क

    परीक्षार्थियों को अपने विषय में कोई दिक्कत है या मनोवैज्ञानिक समस्या है तो वे यूपी बोर्ड हेल्प डेस्क के टोल फ्री नंबर 18001805310 और 18001805312 पर सुबह 11 से शाम चार बजे संपर्क कर सकते हैं।


    प्रयागराज। यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षाएं 24 फरवरी से शुरू होने जा रही हैं, इसके लिए परीक्षार्थी तैयारी में जुट गए हैं। विद्यार्थियों के लिए विज्ञान की पढ़ाई पहाड़ चढ़ने जैसी हो गई है। हेल्प डेस्क के टोल फ्री नंबर से संपर्क करने वाले विद्यार्थियों में से 70 फीसदी की समस्याएं भौतिकी, रसायन और गणित विषय से संबंधित हैं।

    हेल्प डेस्क के सक्रिय होने के बाद दूसरे दिन मंगलवार को 79 परीक्षार्थियों ने टोल फ्री फोन नंबर पर संपर्क किया। - परीक्षार्थियों के साथ उनके अभिभावकों ने भी पूछताछ की। कई अभिभावकों ने पूछा कि हेल्प डेस्क के जरिये आप परीक्षार्थियों की मदद कैसे कर रहे हैं। उन्हें बताया गया कि बच्चों की समस्याओं के अनुरूप उन्हें गाइड किया जाता है।

    बच्चों को बताया जाता है कि वे बोर्ड की वेबसाइट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिये अपनी समस्याओं का निराकरण कर सकते हैं। कुछ विद्यार्थियों की समस्याओं का समाधान मौके पर ही कर दिया जा रहा है। हेल्प डेस्क से सोमवार को जहां 37 छात्र-छात्राओं ने संपर्क किया था, वहीं मंगलवार को यह संख्या बढ़कर 79 हो गई। ज्यादातर विद्यार्थियों ने विज्ञान विषय से जुड़ी समस्याएं रखीं।

    खासतौर पर भौतिक व रसायन विज्ञान में परीक्षार्थियों को ज्यादा समस्याएं हैं। उन्हें रसायन के समीकरण याद करने में दिक्कत आ रही है। वहीं, जीव विज्ञान में डाइग्राम बनाने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। विज्ञान के बाद गणित विषय में सबसे अधिक समस्याएं बताई गई। गणित में सूत्र ठीक से याद नहीं हो पा रहे। परीक्षार्थियों ने पूछा, इसके लिए क्या करें। उन्हें बताया गया कि बार बार लिखकर सवालों को हल करें, सूत्र अपने आप याद हो जाएंगे।

    चार अभ्यर्थियों ने अंग्रेजी विषय को लेकर भी समस्याएं बताईं। एक छात्र ने प्रश्नपत्र के पैटर्न के बारे में पूछा तो उसे बताया गया कि वेबसाइट पर मॉडल प्रश्नपत्र का प्रारूप उपलब्ध है, व एक बार उसे देख लें। वहीं, अन्य विद्यार्थियों ने समस्या बताई कि जो पढ़ते हैं, उसे भूल जाते हैं। कैसा याद रखा जाए। उन्हें बताया गया कि सवालों के उत्तर बार-बार क लिखिए। नियमित अभ्यास करने से भूलने की समस्या खत्म हो जाएगी।


    परीक्षा फोबिया से बचाएगा मनोविज्ञानशाला

    प्रयागराज। परीक्षा के कारण मनोवैज्ञानिक समस्याओं से जूझ रहे परीक्षार्थियों की मदद के लिए प्रयागराज स्थित उत्तर प्रदेश मनोविज्ञानशाला ने भी टोल फ्री नंबर (1800-180-5311) जारी किया है। परीक्षार्थी व अभिभावक सुबह 11 से शाम पांच बजे तक संपर्क कर सकते हैं। 

    मनोविज्ञानशाला की निदेशक ऊषा चंद्रा ने बताया कि बोर्ड की परीक्षा का विद्यार्थियों पर काफी दबाव रहता है। कुछ विद्यार्थियों को परीक्षा नाम से डर लगता, अच्छे अंक लाने का दबाव होता है। 10वीं विषय से संबंधित अंग्रेजी व गणित एवं 12वीं में विज्ञान वर्ग में टेक्निकल नाम याद करने की समस्या होती है। परीक्षार्थी समय सारणी का सही से निर्धारण नहीं कर पाने, बेहतर प्रदर्शन का दबाव, अभिभावकों का ज्यादा से ज्यादा अंक लाने का दबाव भी उन्हें परेशान करता है।

    तनाव के कारण पढ़ाई में मन न लगना, नींद न आना, मुंह सूखना, भूख न लगना, उल्टी होना, वार-बार बाथरूम जाना, सिरदर्द करना, चक्कर आना, अनावश्यक भय, वार-हाथ धोना जैसी मनोवैज्ञानिक समस्याएं भी होती हैं। टोल फ्री नंबर पर इन सभी समस्याओं का समाधान मिलेगा। 


    पढ़ा हुआ भूल जाते हैं, परीक्षा में अच्छे अंक कैसे आएंगे? यूपी बोर्ड की हेल्प डेस्क हुई सक्रिय, जानिए! कैसे करें संपर्क? 

    बोर्ड के टोल फ्री नंबर 18001805310 और 18001805312 नंबर पर परीक्षार्थी सुबह 11 से चार बजे तक अपने विषय और मनोवैज्ञानिक समस्या का समाधान प्राप्त कर सकेंगे।

    ई-मेल आईडी upmspprayagraj@gmail.com, एक्स हैंडल : @upboardpry, फेसबुक पेज : Madhyamik Shiksha Parishad Uttar Pradesh, यूट्यूब चैनल : Madhyamik Shiksha Parishad, UP, Prayagraj (www.youtube.com/@upboardpryj) एवं इंस्टाग्राम आईडी : @upboardpryj से भी समस्याओं का समाधान पा सकेंगे।


    प्रयागराज। जो भी पढ़ते हैं, भूल जाते हैं। परीक्षा में अच्छे अंक कैसे मिलेंगे? रसायन विज्ञान से डर लगता है, क्या करें? ऐसे ही कई सवालों और - समस्याएं सोमवार से शुरू हुई यूपी बोर्ड की हेल्प डेस्क के सामने आईं। दिनभर फोन घनघनाते रहे। 37 परीक्षार्थियों और उनके अभिभावकों ने हेल्प डेस्क से संपर्क किया। फोन पर ही परीक्षार्थियों की समस्याओं का समाधान किया गया।

    यूपी बोर्ड कार्यालय में शुरू हुई हेल्प डेस्क 12 मार्च को परीक्षा के आखिरी दिन तक सक्रिय रहेगी। हाईस्कूल व इंटर की परीक्षाएं 24 फरवरी से होंगी, ऐसे में परीक्षार्थियों के पास समस्याओं के समाधान के लिए डेढ़ माह का वक्त है। बोर्ड के सचिव भगवती सिंह के निर्देश पर हेल्प डेस्क का संचालन अभी से इसीलिए शुरू किया गया है, ताकि परीक्षार्थियों को तैयारी में आ रही समस्याओं के समाधान के लिए पर्याप्त समय मिल सके। 

    प्रयागराज के अतुल कुशवाहा ने बताया, जो पढ़ते हैं, वह भूल जाते हैं। काउंसलर ने सलाह दी कि प्रश्न के उत्तर को बार-बार लिखकर याद करें। मैनपुरी की 12वीं की दीक्षा ने कहा, 'रसायन विज्ञान में डर लगता है, क्या करें?'। जवाब मिला कि नर्वस न हों और अपने शिक्षक से मिलें। उन्हें अपनी समस्याएं बताएं, वह मदद करेंगे। दीक्षा ने काउंसर के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आपसे बात करके मन हल्का हो गया। 



    यूपी बोर्ड की चालू होगी हेल्पडेस्क, विषय विशेषज्ञ और काउंसलर परीक्षार्थियों को दिखाएंगे राह

    6 जनवरी 2024


    प्रयागराज : 24 फरवरी से शुरू हो रही यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा से डेढ़ महीने पहले सोमवार से यूपी बोर्ड की हेल्पडेस्क सक्रिय होगी। बोर्ड के टोल फ्री नंबर 18001805310 और 18001805312 नंबर पर परीक्षार्थी सुबह 11 से चार बजे तक अपने विषय और मनोवैज्ञानिक समस्या का समाधान प्राप्त कर सकेंगे।


    पूर्व के वर्षों में परीक्षा के दौरान हेल्पलाइन चालू होती थी। बोर्ड सचिव भगवती सिंह ने इस बार डेढ़ महीने ही हेल्पडेस्क शुरू करने के निर्देश दिए हैं ताकि परीक्षा की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों की और अच्छे से मदद की जा सके। बोर्ड के उपसचिव आनंद त्रिपाठी ने बताया कि बोर्ड मुख्यालय में विषय विशेषज्ञों के साथ ही मनोविज्ञानशाला के दो काउंसलर भी मौजूद रहेंगे जो तत्काल समस्या का समाधान करेंगे। 


    यदि किसी विषय के विशेषज्ञ उपस्थित नहीं हैं तो संबंधित छात्र को बाद में फोन करके उसकी समस्या का समाधान करेंगे। यह हेल्पडेस्क 12 मार्च को परीक्षा समाप्त होने तक चालू रहेगी। बोर्ड सचिव ने मुख्यालय के साथ ही क्षेत्रीय कार्यालय और मंडल मुख्यालय स्तर पर भी हेल्पडेस्क बनाने के निर्देश दिए हैं। बोर्ड परीक्षा से पूर्व छात्र-छात्राओं में अध्ययन के लिए एकाग्र न हो पाना, परीक्षा से भय, अच्छे अंक न लाने का भय, परीक्षा से संबंधित दबाव आदि की समस्या आम है। इससे विद्यार्थी परीक्षा में अपनी क्षमता के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर पाते।

    परीक्षा पे चर्चा : पीएम मोदी संग परीक्षा का तनाव दूर करने को रिकॉर्ड 2.5 करोड़ छात्र पंजीकृत

    परीक्षा पे चर्चा : पीएम मोदी संग परीक्षा का तनाव दूर करने को रिकॉर्ड 2.5 करोड़ छात्र पंजीकृत

    परीक्षा पे चर्चा के 8वें संस्करण के लिए अभी तक कुल 2.79 लोगों ने कराया पंजीकरण

    10 जनवरी 2025
    नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संग परीक्षा का तनाव दूर करने के वार्षिक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए रिकॉर्ड 2.5 करोड़ छात्रों ने पंजीकरण करवाया है। ''परीक्षा पे चर्चा" (पीपीसी) के आठवें संस्करण के लिए भारत और विदेशों से अभी तक कुल 2.79 करोड़ पंजीकरण हुए हैं। इसमें 2.5 करोड़ छात्र, 3,99,597 अभिभावक और 16,46,365 शिक्षक शामिल हैं। इस वार्षिक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए लोग 14 फरवरी तक innovateindia1.mygov.in पर ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते हैं।

    केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि "परीक्षा पे चर्चा वार्षिक कार्यक्रम अब सीखने और जश्न के पर्व में परिवर्तित होकर एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन बन गया है। कार्यक्रम के दौरान परीक्षा का तनाव दूर करने के साथ परीक्षाओं के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण को प्रोत्साहन दिया जाता है। शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग की ओर से हर वर्ष पीपीसी आयोजित किया जाता है।



    परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम का आठवां संस्करण नई दिल्ली के भारत मंडपम में होगा आयोजित, 14 जनवरी 2025 तक कर सकेंगे आवेदन

    06 जनवरी 2025
    उत्तर प्रदेश। परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसी महीने कक्षा छह से 12वीं तक के विद्यार्थियों से संवाद करेंगे। कार्यक्रम में शामिल होने के लिए विद्यार्थी, अभिभावक व शिक्षक 14 जनवरी तक ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे।  बोर्ड परीक्षा की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों के मानसिक दबाव को कम करने के लिए पीएम परीक्षा संबंधी समस्याओं, तैयारी एवं अच्छे अंक लाने के विषय में छात्रों से चर्चा करेंगे। 

    पोर्टल पर जाकर विद्यार्थी व शिक्षक ऑनलाइन पंजीयन कर सकेंगे। इसके बाद बहुविकल्पीय प्रश्न आधारित जवाब विद्यार्थी व शिक्षक देंगे। चयनित विद्यार्थी व शिक्षक नई दिल्ली में होने वाले कार्यक्रम में शिरकत करेंगे।


    ऐसे करें आवेदन

    परीक्षा पे चर्चा में शामिल होने के लिए पोर्टल पर आवेदक को अपना ब्योरा दर्ज करना होगा। पांच प्रश्न पूछे जाएंगे, चार विकल्प दिए जाएंगे। सही उत्तर का चयन करने के बाद इसे सबमिट करना होगा। 


    Pariksha Pe Charcha: पीएम मोदी के साथ 'परीक्षा पे चर्चा' में शामिल होने का मौका, ऐसे करें अपना रजिस्ट्रेशन

    02 जनवरी 2025
    Pariksha Pe Charcha 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी "परीक्षा पे चर्चा 2025" की एक बार फिर अध्यक्षता करने के लिए तैयार हैं। इसके लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू हो गई है। जो छात्र, माता-पिता और शिक्षक इस खास कार्यक्रम का हिस्सा बनना चाहते हैं, वे ऑनलाइन माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। आवेदन प्रक्रिया के लिए ऑनलाइन विंडो 14 जनवरी 2025 तक खुली रहेगी।

    परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को परीक्षा के तनाव से निपटने के लिए प्रोत्साहित करना है। इसके जरिए प्रधानमंत्री सीधे बच्चों से संवाद करते हैं। इस कार्यकर्म का ऑनलाइन प्रसारण भी किया जाता है। यह कार्यक्रम साल 2018 में शुरू किया गया था तब से निरंतर हर साल इसका आयोजन किया जा रहा है।


    आवेदन प्रक्रिया केवल आधिकारिक वेबसाइट innovateindia1.mygov.in पर उपलब्ध है। इच्छुक लोग वेबसाइट पर जाकर या दिए गए डायरेक्ट लिंक का उपयोग कर आसानी से रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। परीक्षा पे चर्चा में शामिल होने का यह सुनहरा मौका है, जहां प्रधानमंत्री छात्रों, माता-पिता और शिक्षकों से जुड़कर उनके सवालों का जवाब देंगे। ऐसे में इस कार्यकर्म का हिस्सा बनने के लिए आवेदन करने में देरी न करें।


    'परीक्षा पे चर्चा' के लिए रजिस्ट्रेशन करने के आसान स्टेप्स (Pariksha Pe Charcha Registration)

    'परीक्षा पे चर्चा 2025' रजिस्ट्रेशन करने के लिए सबसे पहले इसकी वेबसाइट innovateindia1.mygov.in पर विजिट करें।
    वेबसाइट के होम पेज पर 'Participate Now' ऑप्शन पर क्लिक करें।

    अपनी कैटेगरी के अनुसार 'Student (Self Participation), Student (Participation through Teacher login), Teacher, Parent' सेलेक्ट करें।

    कैटेगरी सेलेक्ट करने के बाद नीचे 'क्लिक टू पार्टिसिपेट' पर क्लिक करें।

    अपना पूरा नाम, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी भर कर रजिस्टर करें।

    इस प्रक्रिया को मांगे गेय अन्य डिटेल को भरकर पूरा करें।


    मोबाइल नंबर/ ईमेल के जरिए करें आवेदन
    परीक्षा पे चर्चा में रजिस्ट्रेशन करने के लिए ज्यादा डॉक्युमेंट की जरूरत नहीं है। आवेदनकर्ता को रजिस्ट्रेशन के लिए बस मोबाइल नंबर या ईमेल आईडी की जरूरत होगी। रजिस्ट्रेशन प्रोसेस पूरा होएं का बाद केवल आवेदक को अपना पूरा नाम और मोबाइल नंबर/ ईमेल आईडी दर्ज करना होगा।


    84 लाख से अधिक रजिस्ट्रेशन
    बता दें, परीक्षा पे चर्चा के लिए अब तक 84 लाख से भी अधिक पंजीकरण किए जा चुके हैं। ऑफिशियल वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक अब तक 84 लाख से अधिक स्टूडेंट्स/ पेरेंट्स/ टीचर्स 'परीक्षा में चर्चा 2025' में शामिल होने के लिए खुद को रजिस्टर कर चुके हैं। वेबसाइट पर उपलब्ध डाटा के अनुसार 30 दिसंबर 2024 तक 76.37+ लाख स्टूडेंट्स, 6.65+ लाख टीचर्स और 1.12+ लाख माता पिता ने 'परीक्षा पे चर्चा' के इस सत्र में शामिल होने के लिए पंजीकरण किया है। ऐसा अनुमान है कि लास्ट डेट तक 1 करोड़ से भी अधिक रजिस्ट्रेशन इस सत्र के लिए प्राप्त हो सकते हैं।

    Thursday, January 9, 2025

    Vice Chancellor : 10 साल तक सक्रिय पेशेवर बन सकेंगे कुलपति, UGC ने बगैर 10 साल के शिक्षण अनुभव वालों के लिए भी खोली विश्वविद्यालयों में राह

    Vice Chancellor : 10 साल तक सक्रिय पेशेवर बन सकेंगे कुलपति, UGC ने बगैर 10 साल के शिक्षण अनुभव वालों के लिए भी खोली विश्वविद्यालयों में राह

    • एमई-एमटेक करने वाले छात्र अब सीधे बन सकेंगे असिस्टेंट प्रोफेसर, मिलेगी नियुक्ति


    नई दिल्लीः विश्वविद्यालयों सहित देशभर के उच्च शिक्षण संस्थानों में पढ़ाने वाले असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर व प्रोफेसर जैसे पदों पर भर्ती से जुड़े नियमों में बदलाव के साथ ही विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने विश्वविद्यालय के कुलपति की नियुक्ति से जुड़े नियमों में भी बड़ा बदलाव किया है। कुलपति के लिए अब 10 साल का शिक्षण अनुभव अनिवार्य नहीं होगा। इसे लचीला बनाते हुए इसके लिए अब शिक्षण कार्य के साथ शोध, शैक्षणिक संस्थान, उद्योग व लोक प्रशासक आदि क्षेत्रों में भी 10 साल का अनुभव रखने वाले लोग इसके पात्र होंगे। अब तक कुलपति पद पर नियुक्ति के लिए 10 साल का शिक्षण अनुभव जरूरी था। 


    यूजीसी के मुताबिक इस बदलाव के लागू होने के बाद देशभर के विश्वविद्यालयों को अब दूरदर्शी और नेतृत्व क्षमता वाले कुलपति मिल सकेंगे। फिलहाल यूजीसी ने इन बदलावों से जुड़ा मसौदा जारी कर विश्वविद्यालयों और देशभर के उच्च शिक्षण संस्थानों से राय मांगी है। आयोग ने इसके साथ ही कुलपति के चयन से जुड़ी सर्च कमेटी में बदलाव की भी सिफारिश की है। इसमें यूजीसी के प्रतिनिधि भी अब अनिवार्य रूप से शामिल होंगे। कुलपति को एक संस्थान में अधिकतम दो कार्यकाल ही मिलेगा, जो पांच-पांच साल का होगा। हालांकि, इस पद पर उन्हें सिर्फ 70 साल की उम्र तक ही तैनाती दी जाएगी। इस दौरान जो पहले समाप्त हो जाएगा, वह माना जाएगा। 


    यूजीसी ने मसौदे में प्रस्ताव किया है यदि नए नियमों के तहत किसी भी संस्थान में कुलपति की तैनाती नहीं दी जाएगी, तो उसे शून्य घोषित माना जाएगा। यूजीसी ने विश्वविद्यालय सहित उच्च शिक्षण संस्थानों में बगैर पीएचडी व नेट के सिर्फ मास्टर डिग्री करने वालों को भी असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर नियुक्ति देने की सिफारिश की है। इनमें एमई और एमटेक जैसी डिग्री हासिल करने वाले छात्र शामिल होंगे। यूजीसी ने छह जनवरी को जारी भर्ती नियमों से जुड़े इसको लेकर पांच फरवरी तक सुझाव देने को कहा है।

    बेसिक शिक्षकों ने की सामान्य स्थानांतरण करने की मांग, परस्पर तबादले में भी एक जैसा नियम बनाने की मांग

    परस्पर तबादले में एक जैसा नियम बनाने की मांग

    9 जनवरी 2025
    लखनऊ। बेसिक शिक्षा के विद्यालयों के शिक्षकों के लिए हाल ही में जिले के अंदर व एक से दूसरे जिले में तबादले के लिए शासन ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं। प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन ने इसमें अलग-अलग नियम बनाने पर आपत्ति की है। एसोसिएशन ने दोनों तबादलों के लिए एक जैसे नियम बनाने की मांग की है। एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष विनय कुमार सिंह ने कहा कि एक जिले से दूसरे जिले में तबादले के लिए प्राथमिक विद्यालय का प्रधानाध्यापक अपने विषय के उच्च प्राथमिक विद्यालय के सहायक अध्यापक से परस्पर तबादला ले सकता है। वहीं, जिले के अंदर ऐसा नहीं हो सकता है। यह बड़ी विसंगति है। उन्होंने कहा कि जो नियम एक से दूसरे जिले में तबादले के लिए किया जाए, वही जिले के अंदर भी परस्पर तबादले में भी लागू होना चाहिए। ब्यूरो



    बेसिक शिक्षकों ने की सामान्य स्थानांतरण करने की मांग 

    9 जनवरी 2025
    लखनऊ : परिषदीय प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों ने सामान्य स्थानांतरण की प्रक्रिया भी शुरू करने की मांग की है। वर्ष 2020 के बाद खाली पदों के सापेक्ष शिक्षकों को स्थानांतरित नहीं किया गया है। सिर्फ पारस्परिक तबादले की प्रक्रिया ही चल रही है जिसमें एक से दूसरे विद्यालय में जाने के लिए शिक्षकों को खुद जोड़े बनाने होते हैं। बीते दिनों जिले के अंदर व बाहर शिक्षकों के पारस्परिक स्थानांतरण की नीति जारी की गई है। अब शिक्षक सामान्य स्थानांतरण की मांग कर रहे हैं।

    उत्तर प्रदेश बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव का कहना है कि वर्ष 2020 में जिले के बाहर सामान्य स्थानांतरण हुए थे। उन्होंने पत्र लिखकर बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह से सामान्य स्थानांतरण की प्रक्रिया शुरू करने की मांग की है। उस समय जिले के अंदर तबादले की प्रक्रिया नहीं की गई थी। पारस्परिक स्थानांतरण के लिए शिक्षकों को जोड़े बनाने में बड़ी कठिनाई होती है। 

    बीते वर्ष जिले के अंदर 23,690 शिक्षकों के और जिले के बाहर 2,403 शिक्षकों के पारस्परिक स्थानांतरण हुए थे। प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों की कुल संख्या 4,59,450 है। वहीं 1.33 लाख स्कूलों में कुल 1.46 करोड़ विद्यार्थी पढ़ते हैं। ज्यादा शिक्षकों वाले विद्यालयों से कम शिक्षकों वाले विद्यालय में अध्यापकों के मनमाने ढंग से समायोजन की प्रक्रिया शुरू की गई थी। इसमें अधिक शिक्षक वाले स्कूलों से कम शिक्षक वाले विद्यालय में सबसे कनिष्ठ शिक्षक को समायोजित किया जाना था लेकिन गलत नीति के कारण कोर्ट ने इसे रद कर वरिष्ठ शिक्षक का तबादला करने का आदेश दिया था। अभी यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है।



    बेसिक शिक्षा मंत्री से परिषदीय विद्यालयों में सामान्य तबादला प्रक्रिया शुरू करवाने की मांग

    8 जनवरी 2025
    लखनऊ। प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह से उनके निवास पर मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल ने साल 2012, 2013, 2016 और 2020 की भांति सामान्य तबादला प्रक्रिया शुरू करने की मांग की है।

    एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष विनय कुमार सिंह ने इसके साथ ही जिले के अंदर भी सामान्य तबादले (विकास खंड स्तर पर) की स्थानांतरण नीति जारी करने की मांग की है। उन्होंने मंत्री को बताया कि परस्पर तबादले में काफी शिक्षक जोड़ा (पेयर) न बना पाने के कारण तबादले से वंचित रह जाते हैं। ऐसे कई शिक्षक तो 10 साल से भी ज्यादा से इंतजार कर रहे हैं। ऐसे में विभाग को इनके बारे में भी सोचना चाहिए। 

    उन्होंने बताया कि मंत्री ने इस पर सकारात्मक कार्रवाई का आश्वासन दिया। विनय सिंह ने मंत्री से यह भी कहा कि परिषदीय विद्यालयों में जिले के अंदर व एक से दूसरे जिले में तबादले के लिए जारी शासनादेश के क्रम में प्रक्रिया भी जल्द शुरू की जाए। प्रतिनिधिमंडल में दिनेश सिंह, सौरभ चतुर्वेदी, मनोज यादव, उदय प्रताप सिंह, रूपम सलूजा आदि शामिल थे। 

    Wednesday, January 8, 2025

    विश्वविद्यालयों के शिक्षक अधिकार के रूप में नहीं कर सकेंगे छुट्टी का दावा, यूजीसी रेग्यूलेशन 2025 के मसौदे में शिक्षकों के लिए दिशा-निर्देश

    बार-बार मेडिकल लीव के नाम पर छुट्टी पर जाने वाले शिक्षकों पर होगी सख्ती  

    विश्वविद्यालयों के शिक्षक अधिकार के रूप में नहीं कर सकेंगे छुट्टी का दावा, यूजीसी रेग्यूलेशन 2025 के मसौदे में शिक्षकों के लिए दिशा-निर्देश


    नई दिल्ली । अब विश्वविद्यालयों के शिक्षक छुट्टी का अधिकार के रूप में दावा नहीं कर सकेंगे। जब सेवा की अनिवार्यता की आवश्यकता हो, तो छुट्टी स्वीकृत करने वाले प्राधिकारी के पास किसी भी प्रकार की छुट्टी को अस्वीकार करने या रद्द करने का विवेकाधिकार सुरक्षित है। हालांकि, अनुशासनात्मक आधार को छोड़कर शिक्षक को छुट्टी पर जाने के लिए बाध्य भी नहीं किया जाएगा। 


    खास बात यह है कि बार-बार मेडिकल लीव के नाम पर छुट्टी पर जाने वाले शिक्षकों पर सख्ती होने वाली है। यदि कोई थोड़े- थोड़े अंतराल पर बीमारी के नाम पर छु‌ट्टी मांगता है तो उसे मेडिकल अथॉरिटी से शारीरिक जांच के लिए भेजा जाएगा, ताकि बीमारी का सही पता लग सके। इसके आधार पर तय होगा कि संबंधित शिक्षक को अभी घर पर आराम करना है या फिर ड्यूटी के लिए फिट है। 

    विवि अनुदान आयोग (यूजीसी) ने यूजीसी रेग्यूलेशन 2025 के ड्रॉफ्ट के साथ पहली बार दिशा-निर्देश भी बनाए हैं। इसमें पहली बार शिक्षकों के लिए पांच बिंदुओं पर सामान्य कर्तव्य भी निर्धारित किए थे। नए दिशा-निर्देशों के मुताबिक, शिक्षक को केवल उनके अनुरोध पर ही छुट्टी दी जा सकती है। 

    सक्षम प्राधिकारी शिक्षक के अनुरोध/सहमति के बिना, आवेदित छुट्टी को मंजूरी दे सकता है। इसके अलावा छुट्टी की प्रकृति में कोई बदलाव नहीं करेगा। छुट्टी के दौरान शिक्षक किसी अन्य रोजगार, व्यापार या व्यवसाय में खुद को शामिल नहीं करेगा, चाहे वह पूर्णकालिक हो या अंशकालिक। इसमें आकस्मिक प्रकृति की सार्वजनिक सेवा या ऐसे अन्य कार्य में छूट दी गई है।

    आश्रम पद्धति के स्कूलों में 1831 पदों पर जल्द भर्ती


    आश्रम पद्धति के स्कूलों में 1831 पदों पर जल्द भर्ती


    07 जनवरी 2025
    लखनऊ । प्रदेश के आश्रम पद्धति के स्कूलों में खाली पड़े एक तिहाई पदों को जल्द भरा जाएगा। सरकार ने रिक्त पदों को भरने के लिए अतिशीघ्र अधियाचन तैयार करने के निर्देश दिए हैं।

    वर्तमान में प्रदेश भर में आश्रम पद्धति के स्कूलों में स्वीकृत 4753 पदों में से 1831 पद रिक्त पड़े हैं। इनमें प्रवक्ता एवं सहायक अध्यापक के करीब 1000 पद भी खाली पड़े हैं जबकि प्रधानाचार्य एवं उप प्रधानाचार्य के सैकड़ो पद भी खाली है। इसके अलावा शिक्षणेत्तर कर्मियों के पद भी बड़ी संख्या रिक्त हैं। 

    प्रदेश भर में आश्रम पद्धति के 109 स्कूलों में प्रवक्ता के 431 और सहायक अध्यापक के 409 पद रिक्त हैं जबकि प्रधानाचार्य के 3 और उप प्रधानाचार्य के 4 पद खाली हैं। वहीं, लाइब्रेरियन के 97, वरिष्ठ सहायक के 58, कनिष्ठ सहायक के 149, छात्रवास सहायक के 61 फार्मासिस्ट तथा नर्स के 37 पदों के अलावा पत्रवाहक या माली के सभी 194 पद खाली हैं।




    आश्रम पद्धति विद्यालयों में एक तिहाई से ज्यादा पद खाली, प्रदेश में कुल 109 विद्यालयों में 431 प्रवक्ता और 409 सहायक अध्यापकों की कमी

    21 दिसंबर 2024
    लखनऊ। प्रदेश में जय प्रकाश नारायण सर्वोदय विद्यालयों (आश्रम पद्धति) में एक तिहाई से ज्यादा पद खाली हैं। प्रवक्ता के 431 और सहायक अध्यापक के 409 पद रिक्त चल रहे हैं। वहीं, पत्रवाहक या माली के सभी 194 पद खाली हैं।


    यूपी में वर्तमान में 109 आश्रम पद्धति विद्यालय हैं। विभागीय रिकॉर्ड के मुताबिक, प्रधानाचार्य के 3 और उप प्रधानाचार्य के 4 पद खाली हैं। लाइब्रेरियन के 97, वरिष्ठ सहायक के 58, कनिष्ठ सहायक के 149, छात्रवास सहायक के 61, फार्मासिस्ट या नर्स के 37 पद खाली चल रहे हैं। वहीं, मेस हेल्पर के सभी 194 और चौकीदार सह स्वीपर के भी सभी 194 पद रिक्त हैं। अलबत्ता कंप्युटर ऑपरेटर और चतुर्थ श्रेणी (संविदा के आधार पर) के सभी पद भरे हुए हैं।


    आश्रम पद्धति विद्यालयों में कुल 4753 पद स्वीकृत हैं, जिनमें से 1831 रिक्त हैं। विभागीय सूत्रों का कहना है कि इन पदों को शीघ्र भरे जाने की आवश्यकता है।

    यूपी बोर्ड के विद्यार्थी दिलचस्प तरीके से पढ़ सकेंगे अंग्रेजी, ELTI ने कक्षा 9 से 12 तक के लिए बनाई हैं चार टीचर्स गाइड

    यूपी बोर्ड के विद्यार्थी दिलचस्प तरीके से पढ़ सकेंगे अंग्रेजीELTI ने कक्षा  9 से 12 तक के लिए बनाई हैं चार टीचर्स गाइड

    लेखन समूह में असिस्टेंट प्रोफेसर केंद्रीय विद्यालयों के शिक्षक ईएलटीआई प्रयागराज हैं शामिल


    प्रयागराज। प्रयागराज के आंग्ल भाषा शिक्षण केंद्र ने शिक्षण अंग्रेजी भाषा शिक्षण के लिए कक्षा नौ से 12 तक के लिए चार टीचर्स गाइड बनाई हैं। इनकी मदद से शिक्षक अंग्रेजी भाषा के विभिन्न हिस्सों को सुगमता, नवीनता व दिलचस्पी के साथ विद्यार्थियों को पढ़ा सकेंगे।


    माध्यमिक स्तर पर अंग्रेजी विषय के शिक्षण में आ रहीं समस्याओं व शिक्षकों ने मांग उठाई थी। महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा, माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेंद्र देव व आंग्ल भाषा शिक्षण संस्थान के प्राचार्य डॉ. स्कंद शुक्ला के दिशानिर्देशन में इनका निर्माण किया गया है। यूपी बोर्ड ने हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की पढ़ाई के लिए एनसीईआरटी की किताबों को शामिल किया है। ये अभी तक पढ़ाई जा रहीं किताबों से एकदम अलग हैं।


    गाइड के लेखन समूह में असिस्टेंट प्रोफेसर, केंद्रीय विद्यालयों के शिक्षक, ईएलटीआई प्रयागराज और डायट रामपुर व मुरादाबाद में कार्यरत प्रवक्ता शामिल रहे। गाइड के प्रति शिक्षकों की समक्ष को विकसित करने के उद्देश्य से प्रदेश के प्रत्येक जनपद के अंग्रेजी भाषा के तीन-तीन सहायक अध्यापकों व प्रवक्ताओं के लिए आंग्ल भाषा शिक्षण केंद्र में प्रशिक्षण भी संचालित किया जा रहा है।

    यूपी : अत्यधिक ठंड व शीत लहर के दृष्टिगत समस्त बोर्ड के समस्त माध्यमिक विद्यालयों के संचालन के समय में बदलाव, देखें आदेश

    शीतलहर के चलते माध्यमिक विद्यालय सुबह 10 बजे से खुलेंगे, मकर संक्रांति पर्व तक समय में बदलाव, सुबह 10 से दोपहर 3 बजे तक होगी पढ़ाई

    लखनऊ। प्रदेश में अत्यधिक ठंड व शीत लहर को देखते हुए माध्यमिक विद्यालयों के समय में भी मकर संक्रांति पर्व (14 जनवरी) तक बदलाव किया गया है। अब माध्यमिक विद्यालय सुबह दस बजे से खुलेंगे। विद्यालयों का सुबह और शाम मिलाकर एक घंटे का समय कम किया गया है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेंद्र देव ने सभी डीआईओएस को भेजे निर्देश में कहा है कि मकर संक्रांति पर्व (14 जनवरी) सभी बोर्ड के माध्यमिक विद्यालय सुबह 9.30 बजे के स्थान पर सुबह दस बजे से चलेंगे। वहीं दोपहर 3.30 बजे की जगह तीन बजे ही छुट्टी हो जाएगी। 15 जनवरी को माध्यमिक विद्यालयों में पहले से छुट्टी घोषित है। जबकि बेसिक के विद्यालयों में 31 दिसंबर से 14 जनवरी तक जाड़े की छुट्टियां चल रही हैं। 


    यूपी : अत्यधिक ठंड व शीत लहर के दृष्टिगत समस्त बोर्ड के समस्त माध्यमिक विद्यालयों के संचालन के समय में बदलाव, देखें आदेश 



    शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाने पर क्या कर रही सरकारः हाईकोर्ट

    शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाने पर क्या कर रही सरकारः हाईकोर्ट

    06 जनवरी 2025
    प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सरकार से करीब डेढ़ लाख शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाने पर लिए गए फैसले की 27 जनवरी तक जानकारी तलब की है। यह आदेश न्यायमूर्ति सलिल कुमार राय की अदालत ने वाराणसी के विवेकानंद की अवमानना याचिका पर दिया है।

    अब तक समिति का गठन व मानदेय बढ़ाए जाने पर सरकार ने कोई फैसला नहीं लिया। यह आरोप लगा याची ने अवमानना याचिका दाखिल की है। अधिवक्ता सत्येंद्र चंद्र त्रिपाठी ने दलील दी कि 2023 में याची ने समान कार्य के लिए समान वेतन के आधार पर मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर याचिका दाखिल की थी। इस पर कोर्ट ने समिति गठित कर निर्णय लेने का आदेश दिया था।

    स्थायी अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि आदेश के अनुपालन में शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति बनाई गई थी। समिति ने रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। वित्तीय बोझ को देखते हुए रिपोर्ट वित्त विभाग को भेजी गई है। साथ ही विस्तृत जानकारी देने के लिए मोहलत की मांग की। इस पर कोर्ट ने इजाजत दे दी।



    शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाने पर हाईकोर्ट ने यूपी सरकार से मांगी जानकारी

    06 जनवरी 2025
    प्रयागराज : प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत लगभग डेढ़ लाख शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाए जाने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सरकार से जानकारी मांगी है। कोर्ट ने मानदेय बढ़ाने पर लिए गए निर्णय के बारे में 27 जनवरी तक जानकारी मांगी है। यह आदेश न्यायमूर्ति सलिल कुमार राय ने वाराणसी के विवेकानंद की अवमानना याचिका पर दिया है। इसके पहले याची ने मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर याचिका दाखिल की थी। इस पर कोर्ट ने सम्मानजनक मानदेय निर्धारित करने के लिए सरकार को समिति गठित करने का आदेश दिया था।

    प्रदेश सरकार द्वारा समिति का गठन व मानदेय बढ़ाए जाने पर सरकार के कोई फैसला नहीं लेने पर अवमानना याचिका दाखिल की गई। अधिवक्ता सत्येंद्र चंद्र त्रिपाठी ने कहा कि 2023 में शिक्षामित्रों ने समान कार्य के लिए समान वेतन की मांग कर याचिका दाखिल की थी। कोर्ट ने शिक्षामित्रों के मानदेय को न्यूनतम मानते हुए राज्य को समिति का गठन कर एक सम्मानजनक मानदेय निर्धारित करने का निर्देश दिया था। 

    अवमानना याचिका पर राज्य के वकील ने न्यायालय को बताया था कि आदेश के अनुपालन में शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति बनाई गई थी। समिति ने रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। कोर्ट ने वित्त विभाग और राज्य सरकार के ओर लिए गए निर्णय के संबंध में 27 जनवरी तक जानकारी मांगी है।




    शिक्षामित्रों को सम्मानजनक मानदेय देने के लिए वित्त विभाग की सहमति का इंतजार 

    डेढ़ लाख शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाएगी सरकार, हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान प्रदेश सरकार की ओर से दी गई जानकारी

    ■ अवमानना याचिका पर एकल पीठ कर रही सुनवाई 

    ■ बढ़े मानदेय के लिए वित्त विभाग को भेजी रिपोर्ट


    20 नवम्बर 2024
    प्रयागराज। प्रदेश के परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में काम कर रहे लगभग डेढ़ लाख शिक्षामित्रों का मानदेय सरकार बढ़ा सकती है। राज्य सरकार की ओर से वित्त विभाग को इस संबंध में पत्र भेजा गया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट में शिक्षामित्रों को सम्मानजनक मानदेय दिए जाने को लेकर दाखिल अवमानना याचिका पर सरकार की ओर से यह जानकारी दी गई है।


    मंगलवार को सुनवाई के दौरान राज्य के वकील ने कोर्ट को बताया कि लगभग एक लाख पचास हजार शिक्षामित्रों के मानदेय वृद्धि से सरकारी खजाने पर काफी भार पड़ेगा इसलिए वित्त विभाग को सहमति के लिए रिपोर्ट भेजी गई है। वाराणसी के विवेकानंद की अवमानना याचिका पर न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की पीठ सुनवाई कर रही है।


    याची के अधिवक्ता सत्येंद्र चंद्र त्रिपाठी ने बताया कि 2023 में शिक्षामित्रों को समान कार्य के समान वेतन की मांग करते हुए एक याचिका दाखिल की गई थी। याचिका निस्तारित करते हुए न्यायालय ने कहा था कि शिक्षामित्रों को दिया जाने वाला मानदेय काफी कम है। कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया था कि एक समिति का गठन किया जाए। वित्तीय इंडेक्स के अनुसार जीवन जीने के लिए एक सम्मानजनक मानदेय निर्धारित किया जाए। इस आदेश का पालन नहीं किए जाने पर अवमानना याचिका दाखिल की गई है। 


    सरकारी वकील ने कोर्ट को अवगत कराया कि कोर्ट के 12 जनवरी 2024 के आदेश के अनुपालन में शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति बनाई गई थी। समिति ने अपनी रिपोर्ट सरकार को नौ अगस्त 2024 को सौंप दी है। वित्तीय बोझ को देखते हुए वित्त विभाग को रिपोर्ट भेजी गई है।




    शिक्षामित्रों को सम्मानजनक गुजारा भत्ता नहीं देने संबंधी अवमानना याचिका पर आज होगी सुनवाई

    14 नवंबर 2024
    प्रयागराज। हाईकोर्ट में शिक्षामित्रों को सम्मानजनक गुजारा भत्ता न देने संबंधी अवमानना याचिका पर बृहस्पतिवार को सुनवाई होगी। 


    न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की अदालत वाराणसी के विवेकानंद की अवमानना याचिका पर सुनवाई कर रही है। याची के अधिवक्ता सत्येंद्र चंद्र त्रिपाठी ने बताया कि 2023 में शिक्षामित्रों को समान कार्य के समान वेतन की मांग करते हुए एक याचिका दाखिल की गई थी। 


    याचिका निस्तारित करते हुए न्यायालय ने कहा था कि शिक्षामित्रों को भुगतान की जाने वाली मानदेय राशि न्यूनतम है। राज्य को निर्देश दिया था कि एक समिति का गठन किया जाए। वित्तीय इंडेक्स के अनुसार जीवन जीने के लिए एक सम्मान जनक मानदेय निर्धारित किया जाए। इस आदेश का पालन नहीं किए जाने पर अवमानना याचिका दाखिल की गई है।