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Monday, May 31, 2021

मृतक आश्रित नियुक्ति हेतु समस्त NPRC केंद्र पर एक-एक समूह ग (लिपिक पद) का पद सृजन किये जाने सम्बन्धी PSPSA का मांगपत्र

मृतक आश्रित नियुक्ति हेतु समस्त NPRC केंद्र पर एक-एक समूह ग (लिपिक पद) का पद सृजन किये जाने सम्बन्धी PSPSA का मांगपत्र


जौनपुर : मृतक शिक्षक / शिक्षणेत्तर कर्मचारी के देयकों के संबंध में अतिशीघ्र कार्यवाही करते हुए मृतक आश्रित कोटे के अंतर्गत नियुक्ति हेतु पत्रावली प्रस्तुत करने का निर्देश, आवेदन पत्र का प्रारूप भी देखें।


जौनपुर : मृतक शिक्षक / शिक्षणेत्तर कर्मचारी के देयकों के संबंध में अतिशीघ्र कार्यवाही करते हुए मृतक आश्रित कोटे के अंतर्गत नियुक्ति हेतु पत्रावली प्रस्तुत करने का निर्देश, 

आवेदन पत्र का प्रारूप भी देखें। 


बेसिक शिक्षकों की नई भर्ती के लिए डीएलएड, बीटीसी व बीएड लामबंद, 2 जून को मनाएंगे काला दिवस

बेसिक शिक्षकों की नई भर्ती के लिए डीएलएड, बीटीसी व बीएड लामबंद, 2 जून को मनाएंगे काला दिवस


प्रयागराज : प्रदेश भर के डीएलएड, बीटीसी व बीएड के लाखों प्रशिक्षु लंबे समय से प्राथमिक स्कूल की नई शिक्षक भर्ती निकालने की मांग कर रहे हैं। बेरोजगारों ने निर्णय लिया है कि सरकार की अनसुनी के खिलाफ दो जून को वे काला दिवस मनाएंगे। 


प्राथमिक शिक्षक पद की नई भर्ती के लिए शनिवार को आल बीटीसी वेलफेयर एसोसिएशन उत्तर प्रदेश की वर्चुअल माध्यम से गूगल मीट एप पर कार्यकारिणी के सदस्यों और अन्य सदस्यों की बैठक हुई। तय हुआ कि सभी जिलों में दो जून को बेरोजगार काला दिवस के रूप में मनाएंगे। प्रदेश अध्यक्ष राजपूत विकास सिंह ने दो जून को काली पट्टी बांधकर फोटो इंटरनेट मीडिया में शेयर करके भर्ती की मांग करने का अनुरोध किया जाएगा। 

वेतन कटवाने के विरोध में शिक्षक लामबंद, आश्रितों की सरकार करे मदद

वेतन कटवाने के विरोध में शिक्षक लामबंद, आश्रितों की सरकार करे मदद


प्रयागराज : बेसिक शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन उप्र की शनिवार को वर्चुअल मीटिंग गूगल मीट पर प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र यादव की अध्यक्षता में हुई। सभी शिक्षकों ने एकजुट होकर जिलों में एक दिन का वेतन काटे जाने का विरोध करने का निर्णय लिया। प्रदेश मंत्री रसकेन्द्र गौतम, धर्मेंद्र शर्मा, प्रखर नरेश, रामसुरेश, नरेंद्र, अंकित आदि ने संबोधित किया। 


आश्रितों की सरकार कर रही मदद, वेतन से न हो कटौती

उधर वैचारिक शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष डा. ज्ञान प्रकाश सिंह व महामंत्री यशवंत कुमार चौधरी ने महानिदेशक स्कूल शिक्षा व शिक्षा निदेशक बेसिक शिक्षा परिषद को पत्र लिखा है। ईमेल से भी बताया है कि कुछ शिक्षक संगठनों ने कोरोना से जान गंवाने वाले शिक्षकों के परिवार वालों की मदद के लिए सभी शिक्षकों के एक दिन का वेतन काटने का आह्वान किया है। इसे तुरंत रोका जाए। 

फर्रुखाबाद : कस्तूरबा विद्यालयों में रिक्त पदों को भरने हेतु विज्ञप्ति जारी

फर्रुखाबाद : कस्तूरबा विद्यालयों में रिक्त पदों को भरने हेतु विज्ञप्ति जारी



वित्तविहीन शिक्षकों को राहत पैकेज देने की सरकार से मांग

वित्तविहीन शिक्षकों को राहत पैकेज देने की सरकार से मांग 


लखनऊ। भाजपा एमएलसी उमेश द्विवेदी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर सरकार से वित्तविहीन शिक्षकों को राहत पैकेज देने की मांग की है। द्विवेदी ने कहा कि मौजूदा सरकार में शिक्षक व कर्मचारी हताश और निराश हैं। 


उन्होंने सरकार से वित्तविहीन शिक्षकों के लिए आर्थिक राहत पैकेज देने की मांग की है। द्विवेदी ने कहा है कि कोरोना काल में स्कूल बंद होने से वित्तविहीन शिक्षकों को बेतन या मानदेय का भुगतान नहीं मिल रहा है। इससे उन्हें परिवार पालना मुश्किल हो गया है। उन्होंने कहा कि वित्तविहीन शिक्षकों व कर्मचारियों की मांगों पर ध्यान नहीं देने से उनमें सरकार के प्रति अविश्वास पैदा हो रहा है।

वेतन कटौती पर प्रदेश के शिक्षक तैयार नहीं, आह्वान के खिलाफ शिक्षक लामबंद

मदद के लिए वेतन कटौती पर प्रदेश के शिक्षक तैयार नहीं, अपील करने पर संगठन के खिलाफ हुए हमलावर

वेतन कटौती के लिए कहने पर उत्तर प्रदेशीय शिक्षक संघ के आह्वान के खिलाफ शिक्षक लामबंद


प्रयागराज । कोरोना संक्रमण के दौरान मृत शिक्षक, शिक्षामित्रों व अनुदेशकों की मदद करने का प्राथमिक शिक्षक संघ का दांव उलटा पड़ रहा है। बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षकों ने एक दिन की वेतन कटौती के आह्वान का कड़ा विरोध किया है। उनका कहना है कि संघ यदि आश्रितों की मदद करना चाहता है तो पदाधिकारी एक माह का वेतन दान कर दें। वे शिक्षक संगठन के लिए भी रसीद कटवाएं और एक दिन का वेतन भी दें, ये ठीक नहीं है।

सात करोड़ रुपये सालाना लिए जाते हैं, उससे कर दी जाए मदद
उत्तर प्रदेशीय शिक्षक संघ के अध्यक्ष दिनेश चंद्र शर्मा व महामंत्री संजय सिंह ने शुक्रवार को वर्चुअल बैठक कर शिक्षकों का आह्वान किया था कि वे कोरोना संक्रमण में मृत शिक्षक, शिक्षामित्र व अनुदेशकों के आश्रितों के लिए एक दिन के वेतन की कटौती कराएं। हालांकि, संघ ने यह भी कहा था कि जो शिक्षक न देना चाहें वे वित्त एवं लेखाधिकारी को पत्र लिखकर मना कर दें। 


शिक्षक संजीव त्रिपाठी का कहना है कि हर साल 100 रुपये संगठन की ओर से शिक्षकों से लिया जाता है। प्रदेश में लगभग सात लाख शिक्षक (प्राथमिक, जूनियर) कार्यरत हैं इस हिसाब से वर्ष में सात करोड़ लिए जाते हैं। इस धन से मृत शिक्षकों के परिवार को पांच-पांच लाख रुपये संगठन दे सकता है।


सरकार ने डीए अवरुद्ध कर रखा है, जो लगभग बेसिक विभाग से ही करोड़ों रुपये होता है। ऐसे में कोरोना से प्रभावित प्रत्येक परिवार को बड़े आराम से एक करोड़ की सहायता राशि दी जा सकती है। शिक्षकों ने कहा कि सभी संगठनों के पदाधिकारी हैं, प्रदेश पदाधिकारी तीन माह, जिले का दो माह का व ब्लाक का पदाधिकारी एक माह का वेतन दे, तब आम शिक्षक खुशी से एक दिन के वेतन की कटौती कराएगा।


प्रयागराज में कार्यरत शिक्षक पीयूष शुक्ल, प्रभात शुक्ल, संजीव मिश्र, उमा शंकर तिवारी, सतीश मिश्र, उपवेद सिंह, सिद्धार्थनगर के अभिषेक त्रिपाठी, प्रवीण यादव, आनंद त्रिपाठी, देवरिया के आशुतोष चतुर्वेदी, अमेठी के अंकित तिवारी, बाराबंकी के राज कुवर दुबे, बस्ती के भीम सिंह, प्रतापगढ़ के शुभम सिंह सोमवंशी समेत प्रदेश के हजारों शिक्षकों ने शिक्षक संगठन के आह्वान को अनुचित ठहराया है।

फतेहपुर : जागरूकता के अभाव में बच्चों तक नहीं पहुंच रही शिक्षा

फतेहपुर : जागरूकता के अभाव में बच्चों तक नहीं पहुंच रही शिक्षा

फतेहपुर : कोरोना संक्रमण में शैक्षिक कड़ी को मजबूत बनाने के लिए शासन स्तर पर भले ही जोर दिया जा रहा हो, लेकिन जिम्मेदार सजग नहीं है। बेसिक शिक्षा में ऑनलाइन पढ़ाई भगवान भरोसे ही चल रही है। दूरदर्शन के माध्यम से चलने वाली कक्षाओं की जानकारी बच्चों तक पहुंचाई ही नहीं गई है। जिम्मेदारियों से बच रहे विभाग के पास बच्चों के शैक्षिक ज्ञान को सहेजने के सवाल का कोई जवाब नहीं है। अब बीएसए ने गांव में इसके प्रचार प्रसार करने की योजना बनाई है। बच्चे अधिक से अधिक इस माध्यम से जुड़े इसके लिए जन जागरूकता फैलाई जाएगी।


शासन ने कक्षा एक से आठ तक के लिए वाट्सएप से भी पढ़ाई की व्यवस्था शुरू कराई है। खर्चीली पढ़ाई के चलते इसमें दिक्कतें आ रही हैं। यह बात बीते सत्र में ही सामने आई थी तभी से यह विधि अपनाई गयी थी। इसबार भी इस विधि से पढ़ाई करवाई जा रही है। दूरदर्शन से पढ़ाई सुबह नौ से दोपहर एक बजे तक कक्षावार और तय शेड्यूल के मुताबिक चलती है। जिसमें वीडियो के माध्यम से सुग्राही शिक्षा परोसी जाती है। बीएसए शिवेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि दूरदर्शन की पहुंच हर किसी तक है। हर घर में टेलीविजन है। इसलिए विभाग इसे जागरूकता के बल पर सफलता की सीढ़ी चढ़ाएगा। सभी बीईओ को निर्देशित किया गया है कि वह प्रचार प्रसार के लिए काम करें। बच्चों के वाट्सएप ग्रुप में इसकी जानकारी दें और अभिभावकों से बात जरूर करें। इससे बच्चों में जुड़ाव बढ़ेगा। अभी हाल में यह एक गांव सरकारी कार्य से गए थे उन्होंने उस कार्य के साथ टेलीविजन पर आ रहे पढ़ाई के प्रसारण की जानकारी दी। अभिभावकों को मोबाइल पर पढ़ाई होने की बात दिखाई। जिसे सराहा गया है।


नई शिक्षा नीति में बोर्ड परीक्षा खत्म करने का था प्रस्ताव

नई शिक्षा नीति में बोर्ड परीक्षा खत्म करने का था प्रस्ताव


नई शिक्षा नीति के लिए विख्यात वैज्ञानिक के. कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में गठित ड्राफ्टिंग कमेटी ने बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं खत्म करने का प्रस्ताव दिया था। एक बार में परीक्षा लेने की बजाय सेमेस्टर परीक्षाओं के माध्यम से बच्चों का मूल्यांकन करने का सुझाव था।


ड्राफ्ट के अनुसार सेकेंडरी स्कूल के दौरान प्रत्येक बच्चे को गणित, विज्ञान व व्यावसायिक विषयों में दो-दो सेमेस्टर की बोर्ड परीक्षाएं, भारतीय इतिहास, विश्व इतिहास, वर्तमान भारत के ज्ञान, नीतिशास्त्र व दर्शन, अर्थशास्त्र, वाणिज्य व व्यापार, डिजिटल लिटरेसी/कम्प्युटेशनल थिकिंग, कला व शारीरिक शिक्षा में एक-एक बोर्ड परीक्षाएं कराने का प्रस्ताव था।

कक्षा 9 से 12 तक के विद्यार्थियों से कुल 24 विषय में बोर्ड परीक्षा देने की अपेक्षा थी। चार साल में आठ सेमेस्टर और प्रत्येक सेमेस्टर में औसतन तीन परीक्षाएं। ये परीक्षाएं स्कूल में हाने वाली वार्षिक परीक्षाओं के स्थान पर कराए जाने का सुझाव था ताकि बच्चों पर अतिरिक्त बोझ न आता।

हालांकि सरकार ने इन सुझावों को नहीं माना। माध्यमिक शिक्षक संघ ठकुराई गुट के प्रदेश महामंत्री लालमणि द्विवेदी का सुझाव है कि हाईस्कूल की बोर्ड परीक्षा को हमेशा के लिए समाप्त कर दिया जाना चाहिए तथा विद्यालय स्तर पर ही उनका सतत मूल्यांकन होना चाहिए। विद्यार्थियों के शैक्षिक आकलन की व्यवस्था में गुणात्मक सुधार के साथ केवल इंटर की परीक्षाएं आयोजित की जानी चाहिए।

UP Board 12th Exam 2021 : कोरोना के कारण 12वीं की परीक्षा से वंचित छात्रों को मिलेगा अतिरिक्त अवसर

UP Board 12th Exam 2021 : कोरोना के कारण 12वीं की परीक्षा से वंचित छात्रों को मिलेगा अतिरिक्त अवसर

जुलाई दूसरे सप्ताह से प्रस्तावित यूपी बोर्ड इंटरमीडिएट परीक्षा में जो छात्र कोरोना के कारण सम्मिलित नहीं हो पाएंगे, उन्हें अतिरिक्त अवसर मिलेगा। अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला की ओर से जारी आदेश के मुताबिक कोरोना के कारण जो छात्र 2021 की परीक्षा से वंचित होते हैं उन्हें आगामी शैक्षणिक सत्र की बोर्ड परीक्षा में सम्मिलित होने का अवसर प्रदान किया जाएगा। खास बात यह कि ऐसे छात्रों का परीक्षा वर्ष 2021 की माना जाएगा।


वहीं हाईस्कूल के छात्र छात्राओं को प्रोन्नत करने की विस्तृत प्रक्रिया का प्रस्ताव माध्यमिक शिक्षा निदेशक और यूपी बोर्ड के सभापति विनय कुमार पांडेय शीघ्र शासन को उपलब्ध कराएंगे। उसके बाद प्रक्रिया संबंधी दिशा निर्देश जारी होंगे। यूपी बोर्ड समेत प्रदेश में संचालित किसी भी बोर्ड के कक्षा 9 व 11 के छात्रों को उनके वार्षिक परीक्षाफल के आधार पर अगली कक्षा में प्रोन्नत किया जाएगा।

यदि किसी विद्यालय में अभी तक वार्षिक परीक्षा नहीं हो सकी है तो उस स्कूल के छात्रों को वर्षभर किए गए आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर प्रोन्नत किया जाएगा। किसी भी बोर्ड के कक्षा 6, 7, 8, 9, 10 व 11 में प्रोन्नति के संबंध में छात्र या अभिभावक को यदि कोई शिकायत है तो डीएम की अध्यक्षता में गठित जिला शुल्क नियामक समिति के समक्ष शिकायत प्रस्तुत कर सकते हैं। समिति तीन दिनों में शिकायतकर्ता का पक्ष सुनकर प्रकरण का निस्तारण करेगी।

यूपी बोर्ड : सभी स्कूलों के कक्षा 6, 7, 8, 9 और 11 के छात्रों को प्रोन्नत करने का फैसला

यूपी बोर्ड : सभी स्कूलों के कक्षा 6, 7, 8, 9 और 11 के छात्रों को प्रोन्नत करने का फैसला

9 व 11 के छात्रों को करें प्रोन्नत, माध्यमिक शिक्षा विभाग से आदेश जारी


माध्यमिक शिक्षा की अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि यूपी बोर्ड के साथ ही सभी शिक्षा बोर्डो के स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा 9 व 11 के छात्र-छात्रओं को उनके वार्षिक परीक्षाफल के आधार पर अगली कक्षा में प्रोन्नत किया जाए। यदि किसी स्कूल में वार्षिक परीक्षा नहीं हो पाई है तो स्कूल वर्ष भर के आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर प्रोन्नत करें। यदि आंतरिक मूल्यांकन भी उपलब्ध नहीं है तो सामान्य रूप से छात्रों को प्रोन्नत किया जाए।


यूपी सरकार ने कोरोना संक्रमण के चलते माध्यमिक शिक्षा परिषद की हाईस्कूल (10वीं) की बोर्ड परीक्षा निरस्त करने का फैसला किया है। यूपी बोर्ड के इतिहास में ऐसा पहली बार होने जा रहा। इस परीक्षा के लिए 29,94,312 अभ्यर्थी पंजीकृत थे। इन अभ्यर्थियों को लंबे समय से सरकार के फैसले का इंतजार था। सरकार ने परिस्थितियां अनकूल होने पर इंटरमीडिएट (12वीं) की परीक्षा जुलाई के दूसरे हफ्ते में कराने का फैसला किया है। यह परीक्षा मात्र डेढ़ घंटे की होगी, जिसमें परीक्षार्थी को केवल तीन प्रश्नों के उत्तर देने होंगे।


उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा लिए गए इस महत्वपूर्ण फैसले की घोषणा की। उन्होंने कहा कि कोविड-19 की असाधारण परिस्थितियों को देखते हुए प्रदेश के 56 लाख छात्रों के व्यापक हित में यह फैसला लिया गया। बोर्ड को कक्षा 10 के छात्रों की कक्षा 11 में प्रोन्नति के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश बनाने के आदेश दिए गए हैं।


जल्द जारी किया जाएगा 12वीं का परीक्षा कार्यक्रम

डॉ. शर्मा ने कहा कि कक्षा 12 की परीक्षा के महत्व को देखते हुए यह परीक्षा निरस्त न करने का फैसला लिया गया। हालात सुधरने पर कोविड-19 से बचाव के सभी नियमों का पालन करते हुए वर्ष 2021 की इंटरमीडिएट की परीक्षा को जुलाई के दूसरे हफ्ते में कराए जाने का प्रस्ताव है। इसकी विस्तृत समय सारणी शीघ्र हीसाझा की जाएगा। इस वर्ष भी 15 कार्य दिवसों में यह परीक्षा कराई जाएगी। प्रश्नपत्र की अवधि को मात्र डेढ़ घंटे रखा जाएगा तथा छात्रों को 10 प्रश्नों में किन्हीं तीन प्रश्नों का उत्तर देने की स्वतंत्रता होगी। कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षा के लिए इस वर्ष 26,10,316 छात्रों का पंजीकरण हुआ है।

अगली कक्षाओं में प्रोन्नति देने के निर्देश

उप मुख्यमंत्री ने बताया कि बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित विद्यालयों में कक्षा 6, 7 व 8 के छात्रों को अगली कक्षा में प्रोन्नति देने के फैसला का शासनादेश पूर्व में ही जारी कर दिया गया है। अब यह निर्णय लिया गया है कि यदि किसी बोर्ड विशेष का अन्यथा आदेश न हो तो सभी बोर्ड के सभी विद्यालयों की कक्षा 6, 7 व 8 के छात्रों को अगली कक्षा में प्रोन्नति दी जाए। कक्षा 9 एवं 11 के छात्रों को उनकी वार्षिक परीक्षा के परीक्षाफल के आधार पर अगली कक्षा में प्रोन्नति दी जाए। यदि किसी विद्यालय में वार्षिक परीक्ष नहीं हो पाई है तो वे आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर अगली कक्षा में प्रोन्नति देंगे। यदि आंतरिक मूल्यांकन उपलब्ध नहीं है तो सामान्य रूप से छात्र को प्रोन्नति दी जाए। यदि बोर्ड विशेष का इस संबंध में कोई आदेश होगा तो वह लागू होगा।


पाठ्यक्रम में की थी 30 फीसदी की कटौती
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी देश का प्रथम राज्य है जिसने गत वर्ष 2020 के जुलाई माह में ही कोरोना महामारी के दृष्टिगत पठन-पाठन में हो रहे व्यवधान के कारण पाठ्यक्रम में 30 प्रतिशत की कमी कर दी थी।

Sunday, May 30, 2021

शिक्षकों के एक दिन का वेतन कटौती न किये जाने हेतु उ0प्र0 प्राथमिक शिक्षक संघ (पांडेय गुट) का मांगपत्र

शिक्षकों के एक दिन का वेतन कटौती न किये जाने हेतु उ0प्र0 प्राथमिक शिक्षक संघ (पांडेय गुट) का मांगपत्र





 

यूटेक चलाएगा 1 जून से 15 अगस्त के मध्य चरणबद्ध आंदोलन

यूटेक चलाएगा 1 जून से 15 अगस्त के मध्य चरणबद्ध आंदोलन


लखनऊ: यूनिक टीचर्स एम्प्लॉइज कमिटी (यूटेक) ने 1 जून से 15 अगस्त तक चरणबद्ध आंदोलन की घोषणा की है। यूटेक के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप सरल ने बताया कि 1 जून को कोरोना संक्रमण के कारण दिवंगत हुए प्रदेश के शिक्षकों को श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी। 


इस अवसर पर मांग की जाएगी कि दिवंगत शिक्षकों के परिवारों को प्रदेश सरकार 1 करोड़ की सहायता राशि, परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी, बच्चों की निःशुल्क शिक्षा समयबद्ध रूप से दे।  साथ ही कोरोना जैसी महामारी से निपटने के लिए अभी से दीर्घकालीन वृहद कार्ययोजना तैयार की जाए।


 इस क्रम में 4 जून को ट्विटर पर महंगाई भत्ते की रोकी गई किस्तें देने की मांग की जाएगी। 8 जून को एस्मा के विरोध में ट्वीटर पर अभियान चलाया जाएगा। 15 जुलाई को कोरोना योद्धाओं को समर्पित पौधरोपण किया जाएगा। 15 अगस्त को पेंशन निधि विनियामक एवं विकास प्राधिकरण अधिनियम की प्रतियां जलाकर नई पेंशन योजना का विरोध किया जाएगा।


UPPSS के एक दिन की वेतन कटौती सम्बन्धी पत्र के अनुरूप कटौती न कराने व दिवंगत शिक्षकों को मुआवजा न मिलने पर आंदोलन की चेतावनी सम्बन्धी RSMUP का मुख्य सचिव उ0प्र0 शासन को पत्र

UPPSS के एक दिन की वेतन कटौती सम्बन्धी पत्र के अनुरूप कटौती न कराने व दिवंगत शिक्षकों को मुआवजा न मिलने पर आंदोलन की चेतावनी सम्बन्धी RSMUP का मुख्य सचिव उ0प्र0 शासन को पत्र।

शैक्षिक महासंघ ने किया शिक्षकों की वेतन कटौती का विरोध, कहा मृतक आश्रितों को जल्द मुआवजा व नौकरी नहीं मिली तो होगा आंदोलन


लखनऊ। राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने शिक्षकों के एक दिन का वेतन काटने के प्रस्ताव का विरोध किया है । महासंघ की रविवार को राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री ओमपाल सिंह की मौजूदगी में हुई वर्चुअल बैठक में प्रदेश अध्यक्ष अजीत सिंह ने कहा कि महामारी काल में चुनौतियों का सामना कर रहे शिक्षकों का एक दिन का वेतन काटना गलत है। उनका कहना है कि प्रदेशीय शिक्षक संघ ने एकतरफा निर्णय लेते हुए वेतन कटौती का प्रस्ताव दिया है।


महासंघ के प्रदेश महामंत्री भगवती सिंह ने कहा कि सभी शिक्षक संगठन सरकार के सिर्फ तीन शिक्षकों की मौत के दावे के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं। इसी का परिणाम है कि सरकार ने पंचायत चुनाव की ड्यूटी में कोरोना संक्रमित होकर जान गंवाने वाले शिक्षकों व कर्मचारियों को मुआवजा देने की घोषणा की है। उन्होंने सरकार से मृतक आश्रितों को जल्द 50-50 लाख रुपये मुआवजा, अनुकंपा नियुक्ति और बकाया देय का भुगतान कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यदि शिक्षकों की मर्जी के बिना उनका एक दिन का वेतन काटा गया और मृतक आश्रितों को जल्द राहत नहीं दी गई तो महासंघ आंदोलन करेगा।

वर्चुअल बैठक में मातादीन द्विवेदी, शिवशंकर सिंह, ब्रजेश श्रीवास्तव, वीरेंद्र मिश्रा ने भी विचार रखे। उधर, वेतन कटौती के विरोध में विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन भी आगे आया है। एसोसिएशन की वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष शालिनी मिश्रा ने सरकार से शिक्षकों के लिए विशेष आकस्किम फंड बनाने की मांग की है।




प्राथमिक शिक्षक की भर्ती के लिए 1 जून को बेरोजगार छेड़ेंगे ट्विटर अभियान

प्राथमिक शिक्षक की भर्ती के लिए 1 जून को बेरोजगार छेड़ेंगे ट्विटर अभियान


उत्तर प्रदेश के शिक्षित बेरोजगार छात्र प्राथमिक शिक्षक भर्ती के विज्ञापन को जारी करवाने के लिए सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी बात सरकार तक पहुँचाने के लिए लगातार ट्विटर पर अभियान चला रहे हैं। इस महामारी के बीच युवा बेरोजगार मंच सभी प्रशिक्षुओं की आवाज को ट्विटर अभियान के माध्यम से बुलंद कर रही है। 

अब प्राथमिक शिक्षक भर्ती का विज्ञापन जारी करवाने के लिए 1 जून को सुबह 11 बजे से देश व्यापी ट्विटर अभियान चलाया जायेगा और पूरे देश और प्रदेश के युवा इसमें बढ-चढ कर हिस्सा लेंगे। मंच के संथापक राकेश पाण्डेय उर्फ बंटी पाण्डेय जी ने बताया कि प्रदेश में आरटीआई से प्राप्त डाटा के अनुसार यूपी में प्राथमिक शिक्षकों के 173795 पद रिक्त हैं, लेकिन बेरोजगार युवाओं को अभी तक नौकरी देने में सरकार नाकामयाब साबित हुई है।


बेरोजगार सरकार से मांग कर रहे कि विधानसभा चुनाव के पहले उनको नियुक्ति पत्र मिल जाये। बेरोजगारों को उम्मीद है कि योगी सरकार बेरोजगार युवाओं के दर्द को समझेगी और जल्द 97 हजार पदों पर प्राथमिक शिक्षक भर्ती का विज्ञापन जारी करेगी और विधानसभा चुनाव से पहले रोजगार देकर नियुक्ति प्रदान करे।

शिक्षामित्र कल रखेंगे उपवास, सरकार पर शिक्षामित्रों की उपेक्षा का आरोप

शिक्षामित्र कल रखेंगे उपवास, सरकार पर शिक्षामित्रों की उपेक्षा का आरोप

उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्रों की समस्या के समाधान के संबंध में आज दिया जाने वाला ज्ञापन


लखनऊ। उप्र. दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ ने सरकार पर शिक्षामित्रों की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए 31 मई को सामूहिक उपवास कर सरकार का ध्यान आकर्षित करने का निर्णय लिया है। संघ के अध्यक्ष अनिल यादव ने बताया कि शिक्षामित्र अपने घरों में धरना देंगे।


उन्होंने कहा कि इस दौरान वे पंचायत चुनाव के दौयन संक्रमण से जान गंबाने बाले शिक्षामित्रों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। उन्होंने कहा कि शिक्षामित्र उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा की अध्यक्षता में बनाई गई हाई प्रोफाइल कमेटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक कर उसे लागू करने और जून  का भी मानदेय भुगतान की मांग करेंगे।

सीतापुर : कस्तूरबा विद्यालयों में रिक्त पदों हेतु विज्ञप्ति जारी

सीतापुर :  कस्तूरबा विद्यालयों में रिक्त पदों हेतु विज्ञप्ति जारी


12वीं की परीक्षा से पहले शिक्षकों के वैक्सीनेशन की तैयारी में केंद्र, छात्रों को भी मिलेगी प्राथमिकता, लगेंगे विशेष कैंप

12वीं की परीक्षा से पहले शिक्षकों के वैक्सीनेशन की तैयारी में केंद्र,  छात्रों को भी मिलेगी प्राथमिकता,  लगेंगे विशेष कैंप


नई दिल्ली: राज्यों के सुझावों के बाद 12वीं की बोर्ड परीक्षा से पहले केंद्र सभी शिक्षकों के वैक्सीनेशन की तैयारी में है। इसके लिए स्वास्थ्य मंत्रलय से संपर्क साधा जा रहा है। राज्यों में विशेष कैंप लगाकर वैक्सीन लगाने की योजना बनाई गई है। हालांकि इससे पहले सभी राज्यों में वैक्सीन की उपलब्धता और शिक्षकों की संख्या को जांचा जा रहा है। वैक्सीन की उपलब्धता के आधार पर 18 साल और अधिक उम्र के छात्रों का भी परीक्षा से पहले कैंप लगातार टीकाकरण किया जा सकता है।


शिक्षकों के वैक्सीनेशन को लेकर मंत्रलय इसलिए भी गंभीर है क्योंकि हाल में उत्तर प्रदेश में हुए पंचायत चुनावों में ड्यूटी करने से शिक्षकों की मौत का मामला चर्चा में रहा है। ऐसे में परीक्षा ड्यूटी से पहले शिक्षकों को लेकर अब वह कोई खतरा मोल नहीं लेना चाहती। यही वजह है कि शत-प्रतिशत शिक्षकों के वैक्सीनेशन की योजना पर काम किया जा रहा है। 


जानकारी के मुताबिक, सभी राज्यों में बड़ी संख्या में शिक्षकों ने वैक्सीन लगवा ली है। इस मुहिम में छूटे हुए शिक्षकों को वैक्सीन लगाने की योजना बनाई जा रही है। राज्यों ने बोर्ड और आगामी प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने वाले 18 साल या उससे ज्यादा उम्र के छात्रों के भी वैक्सीनेशन की राय दी है।

जानिए यूपी बोर्ड 10 परीक्षा रद्द किए जाने पर क्या बोले शिक्षा विशेषज्ञ

जानिए यूपी बोर्ड 10 परीक्षा रद्द किए जाने पर क्या बोले शिक्षा विशेषज्ञ

बोर्ड की हाईस्कूल परीक्षा निरस्त करने के सरकार के निर्णय को पूर्व सचिव बिल्कुल सही मानते हैं। उनका कहना है कि विपरीत परिस्थितियों में इसके अलावा कोई विकल्प नहीं है। बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि है। प्रस्तुत है पूर्व सचिवों की राय...


यूपी बोर्ड की पूर्व सचिव नीना श्रीवास्तव ने कहा, 'कोरोना काल में विपरीत परिस्थितियां होने से यह निर्णय लिया गया। बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि है, इसके अलावा कोई विकल्प नहीं था। अभी बच्चों के टीके नहीं हैं। बच्चों का टीकाकरण हो जाता तो बात अलग होती। वर्तमान परिस्थितियों में यह निर्णय उचित है।'

यूपी बोर्ड के पूर्व सचिव और माध्यमिक शिक्षा के पूर्व निदेशक अमरनाथ वर्मा बच्चों का जीवन महत्वपूर्ण है। हमें अच्छा लग रहा है। हाईस्कूल की परीक्षा बहुत मायने नहीं रखती। 12वीं के बच्चों को भी प्रमोट कर देना चाहिए। आज विश्वविद्यालय में दाखिले से लेकर इंजीनियरिंग, मेडिकल हर जगह कंपटीशन होता है। ऐसे में 10वीं या 12वीं की परीक्षा क्या मायने रखती

Saturday, May 29, 2021

यूजीसी ने जुलाई सेशन के लिए UG और PG के 123 कोर्सेज MOOCs किए ऑनलाइन माध्यम से किये ऑफर

यूजीसी ने जुलाई सेशन के लिए UG और PG के 123 कोर्सेज MOOCs किए ऑनलाइन माध्यम से किये ऑफर


देश भर में कोरोना वायरस के चलते विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने एक अहम फैसला लिया है। इसके मुताबिक यूजीसी ने यूजी और पीजी के करीब 123 कोर्सेज को ओपन ऑनलाइन कोर्स (Massive Open Online Courses MOOCs) के माध्यम से ऑफर किया है।

देश भर में कोरोना वायरस के चलते विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने एक अहम फैसला लिया है। इसके मुताबिक यूजीसी ने यूजी और पीजी के करीब 123 कोर्सेज को ओपन ऑनलाइन कोर्स (Massive Open Online Courses, MOOCs) के माध्यम से ऑफर किया है। इसके मुताबिक यूजीसी ने अंडर ग्रेजुएट के 83 पाठ्यक्रमों और पीजी के 40 प्रोगाम में दाखिला दिया जाएगा। इन पाठ्यक्रम में स्टूडेंट्स को SWAYAM प्लेटफॉर्म के माध्यम से आवेदन करना होगा। यूजीसी ने इस संबंध में अपने ट्विटर अकाउंट पर एक घोषणा भी की है।


वहीं विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा जारी नोटिफिकेशन के अनुसार, कोविड -19 की दूसरी लहर के चलते फिलहाल की परिस्थतियों को देखते हुए विश्वविद्यालयों और कॉलेजों से अनुरोध है कि छात्रों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए स्वयं ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का अधिकतम उपयोग करें। इसके अलावा जुलाई से अक्टूबर सेमेस्टर के लिए 83 यूजी और 40 पीजी एमओओसी पाठ्यक्रम की सूची स्वयं प्लेटफॉर्म के साथ-साथ swayam.gov.in पर भी उपलब्ध है। वहीं यूजी और पीजी के इन कोर्सेज में आवेदन के इच्छुक छात्र-छात्राएं आधिकारिक सूचना यूजीसी की साइट ugc.ac.in पर देख सकते हैं।


इसके पहले यूजीसी ने मई में होने वाली परीक्षाओं को टाल दिया था। यूजीसी ने नोटिस जारी कर कहा था कि सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को कहा था कि मई में होने वाली ऑफलाइन परीक्षाएं (University May 2021 Offline exam) न कराने के निर्देश दिए थे। आयोग ने कहा था कि कोविड-19 के चलते मौजूदा हालात की समीक्षा करने के बाद ऑनलाइन परीक्षा आयोजित करने का निर्णय लेने को कहा था। वहीं  परीक्षा से जुड़ी ज्यादा जानकारी के लिए छात्र-छात्राएं आधिकारिक वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं। 

शिक्षकों की वेतन कटौती से फौरी राहत देने का प्रस्ताव वि0बी0टी0सी0 एसोसिएशन ने किया अस्वीकार, सरकार को जिम्मेदारी से मुंह न मोड़ने के लिए लिखा पत्र

शिक्षकों की वेतन कटौती से फौरी राहत देने का प्रस्ताव वि0बी0टी0सी0 एसोसिएशन ने किया अस्वीकार, सरकार को जिम्मेदारी से मुंह न मोड़ने के लिए लिखा पत्र।


प्रयागराज। विशिष्ठ बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन ने चुनाव मृत शिक्षकों के परिवार को सहायता देने के लिए संघ की ओर से एक दिन का वेतन देने के निर्णय का विरोध किया है। एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संतोष तिवारी ने मुख्यमंत्री से मंग की कि सरकार मृत बेसिक कर्मियों के आश्रितों को एक करोड़ की सहायता एवं नौकरी देने की घोषणा करे।





एक दिन का वेतन काटने के प्रा0शि0संघ के प्रस्ताव को जू0हा0 (पूर्व माध्यमिक) शिक्षक संघ ने किया खारिज, मुख्य सचिव को पत्र लिख वेतन कटवाने से किया स्पष्ट इनकार

एक दिन का वेतन काटने के प्रा0शि0संघ के प्रस्ताव को जू0हा0 (पूर्व माध्यमिक) शिक्षक संघ ने किया खारिज, मुख्य सचिव को पत्र लिख वेतन कटवाने से किया स्पष्ट इनकार।

मृत शिक्षकों के आश्रितों की मदद करे सरकार : जू. शिक्षक संघ

शिक्षक संगठनों में आपस में मची खींचतान, संक्रमण से शिक्षकों की मौत पर आर्थिक सहायता देने का मामला


 उत्तर प्रदेशीय जूनियर शिक्षक संघ ने शिक्षक संगठनों के उस प्रस्ताव का विरोध किया है, जिसमें कोरोना संक्रमण काल के दौरान मौत का शिकार हुए शिक्षकों के आश्रितों को शिक्षक एक दिन का वेतन दें। जूनियर शिक्षक संघ ने कहा कि शिक्षक एक दिन का वेतन नहीं देंगे। सरकार कोरोना संक्रमण से मृत शिक्षकों के परिवारों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराएं।


उत्तर प्रदेश जूनियर हाई स्कूल शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष योगेश त्यागी ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि संघ कोरोना संक्रमण के मृत शिक्षकों के परिवारों को आर्थिक सहायता देने की मांग कर रहा है। मगर कुछ शिक्षक संगठनों ने बेसिक शिक्षकों का एक दिन का वेतन दिए जाने का प्रस्ताव दिया है। यह प्रस्ताव शिक्षक विरोधी है। यह शिक्षकों के परिवारों के साथ धोखा और अन्याय है।


उन्होंने शिक्षक संगठन पर आरोप लगाया कि वह ऐसा संगठन है जो पहले घोषणा करता है और बाद में बदल जाता है। वह सरकार को एक दिन का वेतन देकर संघर्ष करना नहीं चाहता है। उन्होंने कहा कि जूनियर शिक्षक संगठन एक दिन का वेतन देने के पक्ष में नहीं है। वह शिक्षकों के आश्रितों को 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दिलाने के लिए संघर्ष करता रहेगा। उन्होंने कहा प्रदेश सरकार एस्मा लगाकर शिक्षक कर्मचारियों का दमन कर रही है। इस काले कानून को वापस लिया जाए।






 

UP Board Exam 2021 : यूपीएमएसपी ने 10वीं की परीक्षा की रद्द, 12वीं परीक्षा टाइम-टेबल पर फैसला जल्द

UP Board Exam 2021 : यूपीएमएसपी ने 10वीं की परीक्षा रद्द की, 12वीं परीक्षा टाइम-टेबल पर फैसला जल्द।

यूपी बोर्ड : फेल हुए चार लाख से ज्यादा छात्र भी 11वीं में पहुंचेंगे, सम्बंधित खबर सबसे नीचे पढ़े।


यूपी बोर्ड : इंटर के 70 प्रतिशत कोर्स की डेढ़ घंटे में होगी परीक्षा

UPMSP UP Board 10th 12th Exam 2021 Date: उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (UPMSP) की हाईस्कूल (कक्षा 10) की परीक्षा को रद्द कर दिया गया है। उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने आज मीडिया को बताया कि सभी छात्रों को 11वीं कक्षा में प्रमोट किया जाएगा।



डॉ दिनेश शर्मा ने बताया कि यूपी बोर्ड 12वीं की परीक्षाएं जुलाई के दूसरे सप्ताह में आयोजित कराई जा सकती हैं। इस बार परीक्षा 3  घंटे की बजाए 1.5 घंटे की होगी जिसमें छात्रों को 10 में से सिर्फ 3 प्रश्नों का उत्तर लिखना होगा।

इस प्रकार से अब यूपी बोर्ड 10वीं का रिजल्ट पिछली परीक्षाओं और आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर घोषित किया जाएगा। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार इंटर (12वीं) परीक्षा टाइम-टेबल पर दो-तीन दिन में जल्द ही फैसला ले सकती है।

उल्लेखनीय है कि पिछले कई दिनों से यूपी बोर्ड 10वीं परीक्षाओं को रद्द कर रिजल्ट तैयार करने की तैयारियों में जुटा है। यूपी बोर्ड 10वीं की परीक्षा इतिहास में पहली बार  रद्द की गई हैं। इससे पहले सीबीएसई, आईसीएससीई , एमपी बोर्ड, पंजाब बोर्ड, हरियाणा बोर्ड आदि बोर्ड ने भी 10वीं की परीक्षा रद्द करने का ऐलान कर चुकी हैं।

डिप्टी सीएम डॉ दिनेश शर्मा ने कहा था कि कोरोना पीक का आकलन समय-समय पर किया जा रहा है। हमारे 19 अधिकारी जो बोर्ड परीक्षाओं से संबंधित हैं, इनमें से 17 अधिकारी संक्रमित हैं। सभी के ठीक व स्वस्थ होने के बाद हम आपस में चर्चा करके मुख्यमंत्री से संवाद करेंगे। इसके बाद ही कुछ निर्णय लिया जाएगा। सीबीएसई बोर्ड में 10 से 15 लाख विद्यार्थी बैठते हैं। यूपी बोर्ड दुनिया का सबसे बड़ा बोर्ड है जिसमें 55-56 लाख विद्यार्थी बैठते हैं। परीक्षा की तैयारियों की मॉनिटरिंग चल रही थी। मुख्यमंत्री खुद परीक्षा की तैयारियों की मॉनिटरिंग कर रहे थे।

UP Board Exam 2021 Dates : यूपी बोर्ड की हाईस्कूल की 2021 की परीक्षा निरस्त, जुलाई में हो सकती है इंटर की परीक्षा।


UP Board Exam 2021 Dates उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की वर्ष 2021 की कक्षा दस की परीक्षा को निरस्त करने के साथ ही सरकार ने कक्षा-12 की परीक्षा कराने की योजना भी बना ली। 6 7 8 9 व 11 के छात्रों को भी प्रोन्नत करने का निर्णय लिया।


लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार ने कोरोना वायरस संमक्रण की सेकेंड स्ट्रेन के कारण उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की हाईस्कूल की परीक्षा को निरस्त कर दिया है। सरकार ने प्रदेश में परिस्थितियां अनुकूल होने पर जुलाई के दूसरे सप्ताह से इंटरमीडिएट की परीक्षा को कराने की योजना भी बनाई है।

प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने बताया कि सरकार ने मंथन के बाद 2021 की हाईस्कूल की परीक्षा को निरस्त कर दिया गया है। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की वर्ष 2021 की कक्षा दस की परीक्षा को निरस्त करने के साथ ही सरकार ने कक्षा-12 की परीक्षा को कराने की योजना भी बना ली है। प्रदेश के माध्यमिक तथा उच्च शिक्षा विभाग के मंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने बताया कि कोरोना वायरस के कहर के कारण आगे की परिस्थितियां अनुकूल होने पर वर्ष 2021 की कक्षा 12 की परीक्षा का आयोजन कराया जाएगा। इसके लिए हमने योजना तैयार की है और जुलाई के द्वितीय सप्ताह में इसका आयोजन भी प्रस्तावित है। कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षा में परीक्षा अवधि को डेढ़ घंटा रखा जाएगा। इसमें परीक्षार्थियों को मात्र तीन प्रश्न का उत्तर देना पड़ेगा। इसके साथ ही समस्त बोर्ड के सभी स्कूलों के कक्षा 6, 7, 8, 9 एवं 11 के छात्रों को भी सरकार ने प्रोन्नत करने का भी निर्णय कर लिया है।

उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्तर पर लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय की शनिवार को घोषणा की। उन्होंने कहा कि प्रदेश के लाखों छात्र-छात्राओं की सुरक्षा हमारे लिए सर्वोपरि है, इसके साथ ही सरकार उनके पठन-पाठन की भी व्यवस्था कर रही है। हमने बेसिक के साथ ही अन्य क्लास के भी बच्चों के लिए ऑनलाइन शिक्षा का इंतजाम किया है। सरकार अब हाईस्कूल के 29,94312 बच्चों को कक्षा 11 में प्रोन्नत करने की प्रक्रिया में लगी है। शिक्षा विभाग के अधिकारी और कर्मचारी इस बड़े अभियान में लगे हैं। इसके साथ ही हम लोग इंटर के 26,30,216 छात्र-छात्राओं के भविष्य को देखते हुए उनकी परीक्षा कराने पर तैयार हैं। इनको आगे उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए अलग-अलग विधा का चयन करना होगा, इसी कारण इनकी परीक्षा जरूरी है। हम परीक्षा में भी इनको पांच के स्थान पर तीन ही प्रश्न करने के लिए देंगे। परीक्षा का समय भी मात्र डेढ़ घंटा का ही होगा। सभी परीक्षा केंद्रों पर सैनिटाइगेशन होगा और शारीरिक दूरी का भी पूरा इंतजाम किया जाएगा।


यूपी बोर्ड : इंटर के 70 प्रतिशत कोर्स की डेढ़ घंटे में होगी परीक्षा

सरकार ने इंटर के 26 लाख से अधिक छात्र छात्राओं की परीक्षा जुलाई के दूसरे सप्ताह से कराने का निर्णय लिया है। इसके लिए पैटर्न भी बदला जाएगा। बोर्ड ने पिछले साल पाठ्यक्रम 30 प्रतिशत कम कर दिया था। बचे हुए 70 फीसदी कोर्स की परीक्षा महज डेढ़ घंटे में कराई जाएगी।

प्रायोगिक परीक्षाएं दूसरी लहर आने के पहले ही हो चुकी है। इस बार बच्चों के पास प्रश्नों के अधिक विकल्प होंगे। उदाहरण के तौर पर पहले 10 में से पांच प्रश्न हल करना होता था तो इस साल तीन प्रश्न ही करना होगा। हालांकि कुछ लोग इस निर्णय के पक्ष में नहीं थे। उनका तर्क है कि जब बच्चे परीक्षा केंद्र तक जाएंगे ही तो डेढ़ घंटे की परीक्षा कराने का क्या औचित्य है।

बोर्ड ने पहले ही पाठ्यक्रम घटा दिया है। ऐसे में प्रश्नों की संख्या घटाने से बच्चे का मूल्यांकन सही से नहीं हो सकेगा। वैसे इंटर की परीक्षा का प्रारूप तय करने के लिए बोर्ड के पास अभी पर्याप्त समय है।

इंटर का परिणाम सितंबर मध्य से पहले आने की संभावना नहीं है। जुलाई के दूसरे सप्ताह में परीक्षा शुरू होने के बाद 15 कार्यदिवस में पूरी होगी। साफ है कि जुलाई परीक्षा कराने में ही निकल जाएगा। उसके बाद 15 दिन कॉपियों के मूल्यांकन में लगता है। उसके बाद कम से कम एक महीने परिणाम तैयार करने में लगेंगे। ऐसे में सितंबर दूसरे सप्ताह से पहले इंटर का रिजल्ट आना मुश्किल है।

यूपी बोर्ड : फेल हुए चार लाख से ज्यादा छात्र भी 11वीं में पहुंचेंगे।

प्रयागराज : यूपी बोर्ड की हाईस्कूल परीक्षा 2021 के लिए पंजीकृत तकरीबन 30 लाख छात्र छात्राओं को प्रोन्नत करने के सरकार के निर्णय से उन्हें भी लाभ होगा जो पिछली परीक्षाओं में सफल नहीं सके थे। अकेले 2020 की परीक्षा में 4.62 लाख विद्यार्थी अनुत्तीर्ण थे। इनमें से अधिकांश ने इस साल की परीक्षा के लिए आवेदन किया था ।

यही नहीं जो बच्चे सख्ती के डर से परीक्षा छोड़ देते थे वे भी 11वीं में प्रोन्नत हो जाएंगे। पिछले साल 2772656 परीक्षार्थी 10वीं की परीक्षा में सम्मिलित हुए थे। इनमें से 2309802 पास हुए।

कुल 462854 परीक्षार्थी उत्तीर्ण नहीं हो सके थे। जबकि हाईस्कूल परीक्षा के लिए पंजीकृत 3024480 छात्र, छात्राओं में से 251824 ने परीक्षा छोड़ दी थी । परीक्षा नहीं होने के कारण ऐसे परीक्षार्थी भी पास हो जाएंगे। बच्चों को प्रमोट करने के निर्णय से स्कूलों में प्रवेश का रास्ता भी खुल गया है।


सीआईएससीई ने 12 वीं प्री बोर्ड के अंकों का ब्योरा मांगा

लखनऊ : यूपी बोर्ड की तर्ज पर काउंसिल फॉर द इंडियन सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन ने 12 वीं कक्षा के छात्रों के इसी साल हुए 12 वीं अर्द्धवार्षिक परीक्षा, प्री बोर्ड और 11 वीं के के अर्द्धवार्षिक और वार्षिक परीक्षाओं के अंक मांग लिए है।

30 लाख हाईस्कूल परीक्षा 2021 में पंजीकृत छात्रों को प्रोन्नत करने का फैसला किया है उत्तर प्रदेश सरकार ने

2.5 लाख से ज्यादा हाईस्कून के उन छात्रों को भी फैसले से होगा लाभ जिन्होने बोर्ड परीक्षा छोड़ दी थी।



महराजगंज : शैक्षिक सत्र 2021-22 हेतु अंशकालिक अनुदेशकों के नवीनीकरण के सम्बन्ध में बीएसए ने गत वर्ष नवीनीकृत अनुदेशकों के सम्बन्ध में मांगी सूचना

महराजगंज : शैक्षिक सत्र 2021-22 हेतु अंशकालिक अनुदेशकों के नवीनीकरण के सम्बन्ध में बीएसए ने गत वर्ष नवीनीकृत अनुदेशकों के सम्बन्ध में मांगी सूचना।




बेसिक शिक्षा विभाग के नवनियुक्त 69000 शिक्षकों को जल्द से जल्द वेतन देने के निर्देश, लेटलतीफी पर होगी कार्रवाई : CM योगी आदित्यनाथ

बेसिक शिक्षा विभाग के नवनियुक्त 69000 शिक्षकों को जल्द से जल्द वेतन देने के निर्देश, लेटलतीफी पर होगी कार्रवाई : CM योगी आदित्यनाथ


उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बेसिक शिक्षा विभाग के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में नवनियुक्त शिक्षकों का वेतन भुगतान समय से किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होने कहा कि नवनियुक्त शिक्षकों के दस्तावेजों का सत्यापन कार्य जल्दी पूरा किए जाए। सत्यापन में देरी होने पर सम्बंधित अधिकारियों पर कार्रवाई किए जाने के निर्देश भी दिए हैं।


प्रदेश में शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए योगी सरकार ने पिछले साल बेसिक शिक्षा विभाग में 69 हजार शिक्षकों की भर्ती की गई थी। इनको प्रदेश के 1.5 लाख से अधिक परिषदीय विद्यालयों में तैनाती दी गई है। दस्तावेजों के सत्यापन की वजह से शिक्षकों का वेतन निकलने में दिक्कत हो रही है। हालांकि बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से करीब 60 प्रतिशत नवनियुक्त शिक्षकों के दस्तावेजनों का सत्यपान कार्य पूरा कर उनको वेतन दिया जा रहा है। शेष शिक्षकों को वेतन दिए जाने की मांग शिक्षक संगठनों ने मुख्यमंत्री से की थी।


इस पर कड़ा रूख अपनाते हुए मुख्यमंत्री ने नवनियुक्त शेष शिक्षकों के दस्तावेजों का सत्यापन जल्द पूरा किए जाने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। उन्होने कहा कि शिक्षकों का समय पर उनके वेतन का भुगतान किया जाए। उन्होंने उच्च अधिकारियों को निर्देश दिए है कि वह जिलेवार शिक्षकों के सत्यापन कार्य की समीक्षा करें। जिन जिलों में सत्यापन कार्य धीरा चल रहा है। वहां संबंधित अधिकारी को समय पर सत्यापन पूरा करने के निर्देश दें। इसके बाद भी लापरवाही करने वाले अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई करें। मुख्यमंत्री ने कोरोना काल में परिषदीय विद्यालयों में पठन पाठन कार्य सुचारू रूप से संचालित किए जाने के निर्देश भी दिए।

बागपत : कस्तूरबा विद्यालयों में रिक्त पदों हेतु विज्ञप्ति जारी

बागपत : कस्तूरबा विद्यालयों में रिक्त पदों हेतु विज्ञप्ति जारी




उन्नाव : कस्तूरबा विद्यालयों में 47 लाख के गोलमाल का अंदेशा, शिक्षा महानिदेशक ने बीएसए और जिला समन्वयक से मांगा जवाब

उन्नाव : कस्तूरबा विद्यालयों में 47 लाख के गोलमाल का अंदेशा, शिक्षा महानिदेशक ने बीएसए और जिला समन्वयक से मांगा जवाब।

उन्नाव जिले के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में 47 लाख रुपये के गोलमाल का अंदेशा जताया जा रहा है। प्रेरणा पोर्टल पर छात्राओं की संख्या व खर्च का ब्योरा न होने से यह आशंका जताई जा रही है। शिक्षा महानिदेशक ने बीएसए व जिला समन्वयक से 15 दिन के भीतर जवाब मांगा है।


जिले के 13 ब्लॉकों में कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय संचालित हैं। इसमें प्रत्येक स्कूल में सौ छात्राओं का पंजीकरण है। आवासीय विद्यालय होने से कक्षा छह से आठ तक की छात्राओं के साथ शिक्षिकाएं व अन्य स्टॉफ स्कूल में ही रहता है। छात्राओं की पढ़ाई के साथ उपभोग के लिए शासन से भोजन, स्टेशनरी, साबुन, तेल व जरूरी सामान के लिए शासन से 47 लाख रुपये का बजट जारी हुआ था। जारी बजट खर्च कर वार्डन को प्रेरणा पोर्टल पर मदवार खर्च की राशि का ब्योरा अपलोड करना था। इधर कोरोना के चलते विद्यालय बंद थे। उसके बाद भी 11 फरवरी से 31 मार्च के बीच छात्राओं के भोजन, सामान व अन्य मदों में 47 लाख रुपये खर्च किए जाने की बात सामने आई है। खाते से पैसा निकल जाने और प्रेरणा पोर्टल पर ऑनलाइन न दिखने पर हड़कंप मच गया। शिक्षा महानिदेशक विजय किरन आनंद ने 15 दिन की मोहलत देते हुए जवाब तलब किया है।

बीएसए बोले

बीएसए प्रदीप कुमार पांडेय ने कहा कि पैसे का गबन नहीं हुआ है। पैसा छात्राओं के खाने के साथ जरूरी सामान की खरीदारी में ही खर्च किया गया है। इसका ब्योरा भी तैयार किया गया था। प्रेरणा पोर्टल की ऑनलाइन फीडिंग में दिक्कत होने से खर्च हुए। धन चढ़ाया नहीं जा सका। इससे यह दिक्कत आई है। प्रत्येक ब्लॉक की वार्डन से खाने में खर्च के साथ खरीदे गए सामान की सूची व खर्च बजट की स्थिति मंगवाई गई है। शासन को वह उपलब्ध करा दी जाएगी।

सेवानिवृत्त कर्मचारी से वेतन वसूली पर रोक, यूपी सरकार से जवाब तलब

सेवानिवृत्त कर्मचारी से वेतन वसूली पर रोक, यूपी सरकार से जवाब तलब



इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सेवानिवृत्त कर्मचारी की नियुक्ति को अवैध करार देते हुए संयुक्त शिक्षा निदेशक मुरादाबाद के आदेश से की जा रही वेतन की वसूली कार्यवाही पर रोक लगा दी है।और राज्य सरकार से याचिका पर जवाब मांगा है। याचिका की सुनवाई 24जून को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति जे जे मुनीर ने ओम पाल सिंह की याचिका पर दिया है।


याची का कहना है कि सहायक लिपिक हरस्वरूप सिंह की प्रोन्नति पर उसकी तदर्थ नियुक्ति की गई।किन्तु हरस्वरूप सिंह को पदावनत करते हुए वापस कर,दिया गया और याची को सेवा से हटा दिया गया। और सिंह के सेवानिवृत्त होने के बाद याची को 18जनवरी 13से दुबारा नियुक्त कर,लिया गया।लगातार सेवा के बाद याची 31अक्तूबर 18को सेवानिवृत्त हो गया।


संयुक्त शिक्षा निदेशक ने 25मार्च 21के आदेश से याची की नियुक्ति को अवैध करार दिया और वसूली आदेश जारी किया है।जिसे चुनौती दी गई  है। याची का कहना है कि उसने कार्य किया है।ऐसे में  वेतन की वसूली संविधान के अनुच्छेद 23का उल्लंघन है।सुशील कुमार पांडेय केस के फैसले का भी हवाला दिया गया।कोर्ट ने विपक्षियों को नोटिस जारी कर  जवाब मांगा है। और आदेश का अनुपालन करने के लिए प्रति संयुक्त शिक्षा निदेशक मुरादाबाद व जिलाधिकारी फिरोजाबाद को भेजने का निर्देश दिया है।

यूपी बोर्ड : बोर्ड खुद अपडेट नहीं कैसे अपलोड हो नंबर, 11वीं में विषय बदलने वाले हजारों छात्रों की समस्या बरकरार

यूपी बोर्ड : बोर्ड खुद अपडेट नहीं कैसे अपलोड हो नंबर, 11वीं में विषय बदलने वाले हजारों छात्रों की समस्या बरकरार


प्रयागराज : यूपी बोर्ड ने वर्ष 2021 की 12वीं बोर्ड परीक्षा के लिए पंजीकृत छात्र-छात्राओं के वर्ष 2020 में हुई 11वीं की वार्षिक परीक्षा के नंबर तो मांग लिए, लेकिन वह खुद ही अपडेट नहीं है। ऐसे में 12वीं में विषय बदलने वाले हजारों विद्यार्थियों को परेशान होना पड़ रहा है। समस्या ये है कि जिन छात्रों ने अपने विषय बदलने को बोर्ड की वेबसाइट के माध्यम से आवेदन किया था, पूर्व के विषय के आगे संशोधित विषय का कोड तो दिखा रहा है लेकिन पूर्णांक पुराने विषय का ही है।


 आतिश पटेल ने गणित (विषयकोड 131) से जीव विज्ञान (विषय कोड 153) कराया। गणित का पूर्णाक 100 होता है लेकिन वर्तमान में उसका विषय जीव विज्ञान है जिसका पूर्णांक 70 है। क्योंकि उसकी 30 अंक की प्रयोगात्मक परीक्षा हो चुकी है। अब प्रश्न ये है कि उनका अंक मौजूदा समय में कितने पूर्णांक में चढ़ाया जाए। अमित पटेल का मामला ठीक उल्टा है। इन्होंने पहले जीव विज्ञान लिया था अब संशोधित विषय गणित है। यदि कोई छात्र अंग्रेजी (पूर्णाक 100) की जगह कंप्यूटर (लिखित परीक्षा का पूर्णांक 60 ) ले ले तो उसका अंक कितने पूर्णांक में दिया जाए। ये समस्या हाईस्कूल में भी है लेकिन 10वीं में सभी विषयों का पूर्णांक समान होने से कोई दिक्कत नहीं हुई।


विसंगति पर उठे सवाल

बोर्ड ने 12वीं के छात्र-छात्राओं के 11वीं के नंबर 28 मई तक अपलोड करने के निर्देश दिए थे। इसमें आ रही कठिनाई पर सहारनपुर के डीआईओएस ने सचिव यूपी बोर्ड को 25 मई को पत्र लिखकर कई बिंदुओं पर मार्गदर्शन मांगा है।


✳️ 2020 में 12वीं विज्ञान वर्ग से परीक्षा फेल होने के कारण 2021 की परीक्षा में कला वर्ग से आवेदन किया है। उसके कक्षा 11 के विषयों में भिन्नता है। ऐसी स्थिति में उनके कक्षा 11 के कौन से अंक चढ़ाए जाएं।


✳️ कक्षा 11 के बाद कक्षा 12 में विषय वर्ग बदला गया है। उसमें कक्षा 11 के अंक कौन से भरे जाएंगे। इसी प्रकार कृषि व पत्राचार शिक्षा के छात्रों की भी समस्या है।