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Tuesday, August 31, 2021

नवोदय स्कूलों के 10 हजार शिक्षकों को इग्नू करेगा ट्रेंड, छह महीने का कराया जाएगा विशेष सर्टिफिकेट कोर्स

नवोदय स्कूलों के 10 हजार शिक्षकों को इग्नू करेगा ट्रेंड 


नई शिक्षा नीति और सामाजिक संवेदना के तहत पढ़ाई पर आधारित छह महीने का विशेष सर्टिफिकेट कोर्स कराया जाएगा

नई दिल्ली : देश के सभी 638 जिलों में स्थापित 661 नवोदय स्कूलों के 10 हजार शिक्षकों को नई शिक्षा नीति और सामाजिक संवेदना के तहत विशेष ट्रेनिंग मिलेगी। इन शिक्षकों को इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी (इग्नू) ट्रेनिंग और पढ़ाई करवाएगी। इसके लिए छह महीने का विशेष सर्टिफिकेट कोर्स तैयार किया जाएगा। खास बात यह है कि शिक्षकों को छात्रों को पढ़ाई के अलावा भविष्य में रोजगार के मौके देने वाले क्षेत्र चुनने में मदद करने की भी ट्रेनिंग मिलेगी।

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, नवोदय स्कूल केंद्र सरकार के आवासीय स्कूल हैं। यहां पर छठीं कक्षा में दाखिला लेने और 12वीं कक्षा पास करने के बाद ही छात्र बाहर निकलता है। बेहद पिछड़े और दूर दराज के इलाकों के छात्र यहां पढ़ते हैं। ऐसे छात्रों के पास बेहतर भविष्य में किस प्रकार के कोर्स आदि से रोजगार में मौके मिलेंगे या अन्य जानकारियां नहीं होती है। एक तरह से सामाजिक रूप से यह अन्य छात्रों से कट जाते हैं। इसी के चलते इन शिक्षकों को विशेष ट्रेनिंग और कोर्स करवाया जाएगा।

UPSESSB Principal Recruitment 2011: यूपी के एडेड माध्यमिक स्कूलों में जल्द हो सकेगी 1453 पदों पर प्रधानाचार्य भर्ती

UPSESSB Principal Recruitment 2011: यूपी के एडेड माध्यमिक स्कूलों में जल्द हो सकेगी 1453 पदों पर प्रधानाचार्य भर्ती



 यूपी के एडेड माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाचार्य पद पर भर्ती का इंतजार करने वाले अभ्यर्थियों के लिए अच्छी खबर है। यूपीएसईएसएसबी को 1453 पदों के लिए अधियाचन मिला है। अब इन खाली पदों को भरने के लिए आवेदन लिया जाएगा।

प्रयागराज । UPSESSB Principal Recruitment 2011: उत्तर प्रदेश के अशासकीय सहायताप्राप्त (एडेड) माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाचार्य पद पर भर्ती का इंतजार करने वालों के लिए यह खुश करने वाली खबर है। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड (यूपीएसईएसएसबी) को 1453 पदों के लिए अधियाचन मिला है। अब इन खाली पदों को भरने के लिए आवेदन लिया जाएगा। इस भर्ती से कार्यवाहक के भरोसे चल रहे विद्यालयों को स्थाई प्रधानाचार्य मिल जाएंगे।


वर्ष 2011 में उत्तर प्रदेश के सभी 17 मंडलों (तब 17 मंडल थे) में रिक्त पदों पर प्रधानाचार्य की भर्ती शुरू हुई थी, लेकिन छह मंडलों में रिजल्ट आने के 21 दिन के भीतर ही इंटरव्यू कर लिया गया, जो कि नियम विरुद्ध था। ऐसे में माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की सुचिता पर सवाल उठने लगे तो चयन बोर्ड ने इन छह मंडलों का इंटरव्यू निरस्त करके शेष 11 मंडलों की भर्ती प्रक्रिया पूरी की। छह मंडलों में रिक्त पदों की भर्ती निरस्त करने के चयन बोर्ड के फैसले के खिलाफ कई अभ्यर्थी कोर्ट चले गए, जिसमें अभी निर्णय नहीं हुआ है। इस बीच कई विद्यालय प्रभारी प्रधानाचार्य के भरोसे चल रहे हैं। इससे प्रशासनिक व शैक्षिक कार्य विद्यालयों में प्रभावित हो रहे हैं।


उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड अभी 2021 की प्रवक्ता संवर्ग (पीजीटी) और प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (टीजीटी) की भर्ती प्रक्रिया में व्यस्त है, जो कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 31 अक्टूबर तक पूरी करनी है। इसके चलते चयन बोर्ड का पूरा जोर इस भर्ती को पूरी करने पर है, ताकि सुप्रीम कोर्ट में उसे असहज स्थिति का सामना न करना पड़े।


उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के सचिव नवल किशोर ने बताया कि प्रधानाचार्य के रिक्त 1453 पदों के लिए मिले अधियाचन पर भर्ती प्रक्रिया अक्टूबर में शुरू की जाएगी। फिलहाल, पिछली भर्ती पूरी करने की प्रक्रिया के साथ इस भर्ती के लिए भी तैयारी की जा रही है।

उच्च शिक्षा संस्थानों में शिक्षकों के खाली पदों को भरने के लिए छिड़ेगा अभियान

उच्च शिक्षा संस्थानों में शिक्षकों के खाली पदों को भरने के लिए छिड़ेगा अभियान


प्रमुखों के खाली पदों की भरने की कवायद के साथ शिक्षकों के खाली पदों को भरने की बड़े स्तर पर तैयारी है। मौजूदा समय में अकेले केंद्रीय विश्वविद्यालयों में ही शिक्षकों के छह हजार से ज्यादा पद खाली हैं।


नई दिल्ली । नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में उच्च शिक्षण संस्थानों को भले ही ज्ञान और विज्ञान के क्षेत्र में नालंदा और तक्षशिला जैसी ऊंचाई पर ले जाने का सपना बुना गया है, लेकिन बिना गुरु के यह संभव नहीं है। यही वजह है कि सरकार ने इस दिशा में अहम कदम उठाया है, जिसमें केंद्रीय विश्वविद्यालय सहित उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों के खाली पदों को तेजी से भरने की पहल की गई है। यह कदम इसलिए भी अहम हैं, क्योंकि मौजूदा समय में अकेले केंद्रीय विश्वविद्यालयों में ही शिक्षकों के छह हजार से ज्यादा पद खाली हैं। इनमें दिल्ली विश्वविद्यालय, इलाहाबाद विश्वविद्यालय सहित कई ऐसे विश्वविद्यालय भी हैं, जहां शिक्षकों के आधे से ज्यादा पद खाली हैं।


अकेले केंद्रीय विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के छह हजार से ज्यादा पद हैं खाली

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अमल में पूरी शिद्दत से जुटे शिक्षा मंत्रालय ने इससे पहले उच्च शिक्षण संस्थानों के प्रमुखों के खाली पदों को भरने की देशव्यापी मुहिम चला रखी है। इसमें अब तक दर्जन भर से ज्यादा विश्वविद्यालयों में कुलपति की नियुक्ति की गई है। साथ ही कुलपति और निदेशकों के बाकी खाली पड़े पदों को भरने की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। वैसे तो उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों के पदों का खाली होना और भरना एक सतत प्रक्रिया है। लेकिन कुछ अड़चनों के चलते ये पद लंबे समय से खाली पड़े हैं, जिन्हें भरने के लिए मंत्रालय ने पहल की है। सभी उच्च शिक्षण संस्थानों से शिक्षकों के खाली पड़े पदों को जल्द चिह्नित कर उन्हें भरने के लिए कहा गया है। साथ ही इसे लेकर उठाए गए कदमों से शिक्षा मंत्रालय को भी अवगत कराने के निर्देश दिए गए हैं।


आइआइटी व आइआइएम में भी शिक्षकों के करीब 34 फीसद पद हैं रिक्त

मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों के करीब 34 फीसद पद खाली हैं। इनमें अकेले केंद्रीय विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के करीब 63 सौ पद खाली हैं, जबकि विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के स्वीकृत पदों की कुल संख्या करीब 19 हजार है। इनमें दिल्ली विश्वविद्यालय, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, हरी सिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर (मध्य प्रदेश), केंद्रीय विश्वविद्यालय ओडिशा, केंद्रीय विश्वविद्यालय कश्मीर, केंद्रीय विश्वविद्यालय हरियाणा आदि की स्थिति कुछ ज्यादा ही दयनीय है। यहां स्वीकृत पदों के मुकाबले शिक्षकों के करीब आधे पद खाली हंै। वैसे भी देश में कुल 45 केंद्रीय विश्वविद्यालय हैं और सभी में शिक्षकों के पद बड़ी संख्या में खाली हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्रीय विश्वविद्यालयों जैसी ही स्थिति कमोबेश आइआइएम, आइआइटी और एनआइटी की भी है, जहां औसतन 34 फीसद पद खाली है।


इसलिए भी अहम है यह पहल
केंद्रीय विश्वविद्यालयों सहित उच्च शिक्षण संस्थानों के खाली पदों को भरने की यह पहल उस समय तेज की गई है, जब सरकार की कोशिश उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाने वाले छात्रों को देश में ही वैसी शिक्षा देने की है। इस दिशा में विदेशी उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए संयुक्त डिग्री कोर्स शुरू किए जा रहे हैं। हालांकि इस मुहिम को मजबूती देने के लिए उच्च शिक्षण संस्थानों को विश्वस्तरीय संस्थानों के लिए तय मापदंडों पर खरा भी उतरना होगा। इसमें शिक्षकों की उपलब्धता भी एक बड़ा आधार है।


कुछ प्रमुख विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के स्वीकृत और खाली पद

● दिल्ली विश्वविद्यालय- 1,706--- 846
● इलाहाबाद विश्वविद्यालय--863---598
● डा हरी सिंह गौर विवि सागर--413---227
● जेएनयू---926----308
● हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विवि-478---211
● सेंट्रल यूनिवर्सिटी ओडिशा--157---137
● सेंट्रल यूनिवर्सिटी हरियाणा--266--125
● सेंट्रल यूनिवर्सिटी कश्मीर--195--114

फिरोजाबाद : डेंगू और वायरल बुखार के चलते जनपद के कक्षा आठवीं तक के स्कूल छह सितंबर तक बंद

फिरोजाबाद : डेंगू और वायरल बुखार के चलते जनपद के कक्षा आठवीं तक के स्कूल छह सितंबर तक बंद



■ सतर्कता

● डेंगू और वायरल के प्रकोप को देखते हुए डीएम ने दिए निर्देश
● एक सितंबर से नहीं खुलेंगे पांचवीं तक के स्कूल, सात दिन की छुट्टी

फिरोजाबाद :  कोरोना संक्रमण के बाद डेंगू और वायरल के प्रकोप से कक्षा छह से आठवीं तक के स्कूल एक सप्ताह के लिए बंद कर दिए हैं। वहीं कक्षा एक से पांचवीं तक के एक सितंबर से खुलने वाले स्कूलों की तारीख आठ दिन के लिए बढ़ा दी गई है। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ के दौरे के बाद डीएम ने निर्देश जारी कर दिए हैं।



वर्ष 2020 का पूरा शैक्षिक सत्र कोरोना संक्रमण की भेंट चढ़ गया था। कोरोना की चाल थमने के बाद 16 अगस्त से माध्यमिक स्कूलों में और 23 अगस्त से कक्षा छह से आठवीं तक के छात्र-छात्रओं को स्कूल बुलाया जा रहा है। लेकिन पिछले दो सप्ताह से जिले में डेंगू और वायरल तेजी से फैल रहा है। जिसकी चपेट में आने से कई बच्चों की मौत हो चुकी है। इसके बाद डीएम चंद्र विजय सिंह ने कक्षा आठवीं तक के सभी स्कूलों में छह सितंबर तक अवकाश घोषित कर दिया है। वहीं एक सितंबर से खुलने वाले स्कूल छह सितंबर तक नहीं खुलेंगे।


बीएसए अंजली अग्रवाल ने बताया कि छात्र-छात्रओं के स्वास्थ्य को देखते हुए अवकाश किया गया है। यदि किसी स्कूल संचालक द्वारा इसकी अवहेलना की जाएगी, तो संबंधित के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

यूपी बोर्ड की अंक सुधार परीक्षा 18 सितंबर से छह अक्टूबर तक, शामिल होंगे 79,286 छात्र

यूपी बोर्ड : तीन हफ्ते की तैयारी में अंक सुधार की परीक्षा देंगे छात्र, परीक्षा 18 सितंबर से 

यूपी बोर्ड की अंक सुधार परीक्षा 18 सितंबर से छह अक्टूबर तक, शामिल होंगे 79,286 छात्र


 प्रयागराज : यूपी बोर्ड-2021 में बिना परीक्षा के प्रोन्नत किए जाने पर मिले अंक से असंतुष्ट हाईस्कूल और इंटर मीडिएट के विद्यार्थी अंक सुधार के लिए 18 सितंबर से परीक्षा देंगे। इस परीक्षा में शामिल होने के लिए कुल 79,286 विद्यार्थियों ने आवेदन फार्म भरे हैं। इसमें हाईस्कूल के 37,931 और इंटरमीडिएट के 41,355 परीक्षार्थी शामिल हैं। छह अक्टूबर तक चलने वाली परीक्षा दो पालियों में होगी। इस परीक्षा में मिले अंक ही अंतिम रूप से मान्य होंगे। प्रोन्नत किए जाने पर मिले अंक अमान्य हो जाएंगे। यानी कि इस अंक सुधार परीक्षा में फेल होने पर परीक्षार्थी फेल माने जाएंगे।

कोरोना संक्रमण के चलते यूपी बोर्ड ने 2021 की बोर्ड परीक्षा नहीं कराई थी। ऐसे में हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के 56 लाख से अधिक विद्यार्थियों को प्रोन्नत करने की योजना बनाई गई। प्रोन्नत करने के लिए पूर्व में कक्षावार मिले अंकों के तय प्रतिशत के आधार पर अंक प्रदान कर 31 जुलाई को हाईस्कूल व इंटर का परिणाम घोषित किया गया था। उस समय कहा गया था कि जो विद्यार्थी अंक से असंतुष्ट हैं, वह अंक सुधार के लिए अगली बोर्ड परीक्षा में शामिल हो सकेंगे। उनका परीक्षाफल 2021 ही माना जाएगा। ऐसे में हजारों छात्र-छात्रओं ने मिले अंकों पर आपत्ति जताई। अंक सुधार के लिए यूपी बोर्ड में आवेदन किया।


इस बीच यूपी बोर्ड ने अंक सुधार के लिए परीक्षा कराने की अलग से तिथि घोषित कर दी। इसके लिए इच्छुक विद्यार्थियों से बिना शुल्क के आवेदन फार्म भरने को कहा और अंतिम तिथि 27 अगस्त तय कर दी। यूपी बोर्ड की वेबसाइट पर 29 अगस्त तक परीक्षार्थियों के आवेदन फार्म अपलोड करने की समय सीमा तय की थी। यूपी बोर्ड के सचिव दिब्यकांत शुक्ल ने बताया कि अंतिम तिथि तक 29,286 छात्रओं ने अंक सुधार परीक्षा में शामिल होने के लिए आवेदन फार्म भरा है। हाईस्कूल की परीक्षा 12 कार्यदिवस में और इंटरमीडिएट की परीक्षा 15 दिनों में पूरी कराई जाएगी।

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यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की अंक सुधार परीक्षा के लिए आवेदन की अंतिम समाप्त हो गई। परीक्षा 18 सितंबर से 6 अक्तूबर के मध्य संपन्न होगी। हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के छात्र सिर्फ तीन सप्ताह की तैयारी में अंक सुधार परीक्षा देंगे। हालांकि ग्रीवांस सेल में अंक सुधार के लिए आईं शिकायतों की तुलना में परीक्षा के लिए आवेदन करने वालों की संख्या कम बताई जा रही है। हालांकि अभी यूपी बोर्ड की ओर से यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि कितने विद्यार्थियों ने अंक सुधार परीक्षा के लिए आवेदन किया है। 


यूपी बोर्ड की ओर हाईस्कूल और इंटरमीडिएट का परीक्षाफल 31 जुलाई को घोषित किया गया था। परीक्षा परिणाम के  बाद बड़ी संख्या में विद्यार्थियों ने बोर्ड के फार्मूले पर आपत्ति जताते हुए कम नंबर मिलने का आरोप लगाया था। यूपी बोर्ड ने विद्यार्थियों की परीक्षाफल से जुड़ी खामियों को दूर करने के लिए ग्रीवांस सेल और ऑनलाइन माध्यम से शिकायत ली थी। बाद में बोर्ड ने अंक सुधार परीक्षा कराने का निर्णय लिया। बोर्ड की ओर इसके लिए 17 अगस्त से ऑनलाइन आवेदन लिया गया। छात्रों को प्रधानाचार्य के पास आवेदन के लिए 27 अगस्त तक मौका दिया गया था। जबकि प्रधानाचार्यों को कॉलेज की वेबसाइट के माध्यम से  बोर्ड की वेबसाइट पर आवेदन अपलोड करने के लिए 29 अगस्त तक क ा समय दिया गया था।


बोर्ड की चूक, अंक सुधार परीक्षा देने को मजबूर छात्र 

यूपी बोर्ड ने  हाईस्कूल और इंटरमीडिएट 2021 की परीक्षा परिणाम जारी होने के बाद बड़ी संख्या में छात्रों के अंक पत्र में गड़बड़ी रही। नंबर कम मिलने की शिकायत के साथ ही सूबे में तकरीबन एक लाख विद्यार्थियों के अंकपत्र में नंबर की जगह पर ट्रिपल एक्स लिखा हुआ है। जबकि, उन्हें अगली कक्षा में प्रमोट कर दिया गया है। अंकपत्र में नंबर गायब होने की शिकायत लेकर विद्यार्थी प्रधानाचार्य के पास पहुंचे। प्रधानाचार्योँ ने बोर्ड के अफसरों से संपर्क किया तो कहा गया कि ग्रीवांस सेल में शिकायत करें। अंकपत्र में जो भी कमी है, दूर कर दी जाएगी। प्रधानाचार्यों का कहना है कि बाद में बोर्ड की ओर से कहा गया कि ऐसे विद्यार्थी भी अंकसुधार परीक्षा के लिए आवेदन करें। तभी अंकपत्र में नंबर चढ़ेगा। 

बेसिक शिक्षा परिषद के कक्षा एक से पांच तक के विद्यालय बच्चों के लिए आज से रहें खुल, कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन कराने का निर्देश

बेसिक शिक्षा परिषद के कक्षा एक से पांच तक के विद्यालय बच्चों के लिए आज से रहें खुल, कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन कराने का निर्देश

रसोइयों को देना होगा स्वस्थ होने का प्रमाण पत्र, कक्षा एक से पांच तक के सभी स्कूल आज से खुल रहे


■ संबंधित आदेश 👇



बेसिक शिक्षा परिषद के कक्षा एक से पांच तक के विद्यालय बुधवार से खुल रहे हैं। कई महीनों के बाद स्‍कूल में कदम रखने वाले बच्‍चों के स्‍वागत के लिए स्‍कूल भी तैयार हैं। स्‍कूल के गेट पर पहले बच्‍चों की थर्मल स्‍कैनिंग होगी। महानिदेशक बेसिक शिक्षा की ओर से सभी बीएसए को निर्देश दिए गए है कि स्‍कूलों में कोविड प्रोटोकॉल का सख्‍ती से पालन कराया जाए।


मुख्‍यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर कक्षा छह से आठ तक के स्‍कूल खुल चुके हैं। एक सितंबर से कक्षा एक से पांच तक के विद्यालय भी खुल जाएंगे। इससे पहले मार्च में चंद दिनों के लिए स्‍कूल खुले थे लेकिन कोरोना के बढ़ते प्रकोप के चलते बंद कर दिए गए थे। कक्षाओं में सेनेटाइजर की व्‍यवस्‍था की जाएगी।


उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा परिषद के कक्षा एक से पांच तक के स्कूल बुधवार से खुल जायेंगे। इसके लिए सरकारी स्तर पर विशेष तैयारी की जा रही है। स्कूल के गेट पर पहले बच्चों की थर्मल स्कैनिंग होगी फिर उनका स्वागत किया जाएगा। करीब डेढ़ साल बाद बच्चे स्कूल आएंगे। पिछले साल मार्च में स्कूल बंद होने के बाद पहली बार छोटे बच्चों के स्कूल एक सितंबर से खुलेंगे।


मुख्यमंत्री के निर्देश पर कक्षा 6 से 8 तक के स्कूल खुल चुके हैं। एक सितम्बर से कक्षा एक से के विद्यालय भी खुल जाएंगे। प्राथमिक स्कूलों में कोविड प्रोटोकॉल पालन के लिए महानिदेशक बेसिक शिक्षा की ओर से प्रदेश के सभी बीएसए को दिशा निदेर्श जारी कर दिए गए हैं। 


बच्चों की थर्मल स्कैनिंग के बाद उनको स्कूल प्रवेश दिया जाएगा। बच्चों को दो मास्क लेकर आना होगा। मिड डे मील खाने के लिए अपने बर्तन साथ में लाना होंगे ताकि बच्चे एक दूसरे के बर्तनों का प्रयोग न कर सकें। बच्चों को अपनी पानी की बोतल साथ लाना होगी। ऑफलाइन कक्षा के लिए अभिभावकों की अनुमति जरूरी होगी। जो बच्चें ऑफलाइन नहीं पढ़ना चाहते वह ऑनलाइन कक्षा में शामिल हो सकते हैं।


 परिषदीय स्कूलों में मिड डे मील बनाने वाले रसोइयों को अपने व परिवार के सभी सदस्यों के कोरोना मुक्त होने का प्रमाण पत्र देना होगा। यदि पूर्व में परिवार के सदस्य कोरोना की जद में आए हैं तो उसकी भी जानकारी देनी होगी। 

शिक्षक नहीं करेंगे किताबों की ढुलाई का कार्य, मैनपुरी में शिक्षक संघ ने किया एलान

शिक्षक नहीं करेंगे किताबों की ढुलाई का कार्य, मैनपुरी में शिक्षक संघ ने किया एलान


मैनपुरी। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ की बैठक रविवार को शहर स्थित संघ कार्यालय पर हुई। बैठक में निशुल्क पाठ्य पुस्तकों के उठान के मुद्दे पर चर्चा हुई। शिक्षकों ने किसी भी हाल में पाठ्य पुस्तकों का उठान बीआरसी अथवा संकुल केंद्रों से नहीं करने का निर्णय लिया। जिलाध्यक्ष राजीव यादव ने कहा कि शिक्षक अब किसी कीमत पर बीआरसी और संकुल से पाठ्यपुस्तकें उठाने के लिए नहीं जाएंगे


जिलाध्यक्ष ने बताया कि हर वर्ष की भांति इस बार भी शिक्षको को स्वयं के खर्चे पर नि:शुल्क पाठ्य पुस्तकों का उठान बीआरसी से करना पड़ रहा है जबकि शासन से बजट का अनुमोदन विद्यालय स्तर तक का किया गया है। संगठन ने निर्णय लिया है कि विभाग की इस कार्यशैली को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जिला मंत्री महेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि जिम्मेदार अधिकारी टेंडर न होने का बहाना बनाकर अपनी जिम्मेदारी से अब बच नहीं सकेंगे। नि:शुल्क पाठ्य पुस्तकों को हर हाल में विद्यालय तक पहुंचाना ही होगा। शिक्षक किसी भी स्थिति में बीआरसी अथवा संकुल केंद्रों से किताबों का उठान नहीं करेंगे। हरिओम दुबे ने कहा कि बीआरसी केंद्र पर भीड़ के बीच शिक्षक पुस्तकें उठाने पहुंच रहे हैं। पिछले साल कई शिक्षक- शिक्षिकाएं कोरोना की चपेट में आए थे।


बैठक में सत्यवीर सिंह, कमलेश यादव, केपी सिंह, हरिओम दुबे, सत्यप्रकाश, प्रदीप यादव, जितेंद्र कुमार, कमलेश यादव, योगेश कुमार, कौशल गुप्ता, दलवीर कठेरिया, डॉ. आलोक शाक्य अशोकपाल, राजीव गुप्ता आदि मौजूद रहे।

मनमानी - स्कूलों तक नहीं पहुंच रही किताबें, शिक्षक ढो रहे किताबें, शिक्षक संगठनों ने किया विरोध

मनमानी - स्कूलों तक नहीं पहुंच रही किताबें, शिक्षक ढो रहे किताबें, शिक्षक संगठनों ने किया विरोध



फिरोजाबाद। बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षाधिकारियों की मनमानी सामने आ रही है। सत्र शुरु होने के पांच माह बाद तक किताबें नहीं पहुंची हैं। दूसरी ओर शासन से स्कूलों तक किताबें पहुंचाने का बजट दिए जाने के बाद भी शिक्षाधिकारी शिक्षकों से किताबें ढोने का दबाव बना रहे हैं। इसका शिक्षक संगठन विरोध करने पर उतर आए हैं। शिक्षाधिकारी और शिक्षक संगठन की आपसी खींचतान के बीच जूनियर स्कूलों में बच्चे बिना किताबों के पढ़ने को मजबूर हो रहे हैं। एक सितंबर से प्राइमरी कक्षाएं भी शुरू होने जा रही हैं।


एक अप्रैल से नया शैक्षणिक सत्र शुरु हो गया था। ऑफलाइन कक्षाओं के नाम पर खानापूर्ति चलती रही। अब जूनियर विद्यालयों में ऑफलाइन कक्षाओं की शुरुआत हुई है। इसके बाद भी शिक्षा का माहौल नहीं मिल पा रहा है। क्योंकि किताबें अभी तक अधिकांश स्कूलों में नहीं पहुंची हैं। शिक्षक संगठनों के मुताबिक आठ लाख रुपये का बजट किताबें स्कूलों तक पहुंचाने के लिए शासन ने बेसिक शिक्षा विभाग को भेजा है। हर साल इस बजट को खपा दिया जाता है, मगर किताबें शिक्षकों को ही ढोने पर मजबूर किया जाता है।


नगर क्षेत्र के कुछ स्कूलों में किताबें बेसिक शिक्षा विभाग ने पहुंचाई है। मगर ब्लॉक संसाधन केंद्रों से ही किताबें उठाने का दबाव शिक्षकों पर बनाया जा रहा है। विरोध करते हुए उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला उपाध्यक्ष कमलकांत पालीवाल ने कहा कि शिक्षाधिकारी बैठकों में कह रहे हैं कि शिक्षक ब्लाकों से किताबें उठाएं। लेकिन हम इस बात का विरोध करते हैं। क्योंकि शासन के आदेश का पालन नहीं किया जा रहा है।


किताबों को स्कूलों तक ही पहुंचाया जा रहा है। हम खंड शिक्षाधिकारियों से रिपोर्ट मांगेंगे कि कितने स्कूलों में किताबें पहुंच गइ हैं। जिन स्कूलों में किताबें नहीं पहुंची हैं, उनमें आखिर दिक्कतें क्या आ रही हैं। -अंजलि अग्रवाल, बीएसए

Monday, August 30, 2021

लगातार दूसरे साल नहीं बंटेंगे उच्च शिक्षा विभाग के राज्य पुरस्कार

लगातार दूसरे साल नहीं बंटेंगे उच्च शिक्षा विभाग के राज्य पुरस्कार


प्रदेश में ऐसा पहली बार होगा जब उच्च शिक्षा विभाग की तरफ से दिए जाने वाले राज्य पुरस्कार लगातार दूसरी बार नहीं दिए जाएंगे। प्रदेश सरकार ने इस बार तो आवेदन ही आमंत्रित नहीं किया है। शिक्षक दिवस के मौके पर दिए जाने वाले इन पुरस्कारों के लिए आवेदन न मांगे जाने पर शिक्षक संगठनों की कड़ी प्रतिक्रिया सामने आ रही है ।


राज्य विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों के कुल नौ शिक्षकों को उनकी विशिष्ट उपलब्धियों के आधार पर प्रतिवर्ष  शिक्षकों को 'सरस्वती' और शिक्षक श्री पुरस्कार दिया जाता है

 
सरस्वती पुरस्कार के लिए तीन और शिक्षक श्री पुरस्कार के लिए छह शिक्षक चुने जाते हैं। ये पुरस्कार बसपा के शासनकाल में शुरू किए गए थे। वर्ष 2019-20 में पुरस्कारों के लिए आवेदन मांगे गए थे और चयन प्रक्रिया भी पूरी की गई थी लेकिन पुरस्कारों की घोषणा रोक दी गई थी। वर्ष 2020-21 में तो इन पुरस्कारों के लिए आवेदन ही नहीं मांगे गए।

यूपी : मदरसों में भी भौतिक कक्षाएं एक सितंबर से

यूपी : मदरसों में भी भौतिक कक्षाएं एक सितंबर से


प्रयागराज : सभी मदरसों में एक सितंबर से भौतिक कक्षाएं शुरू होंगी। इस दौरान कोविड 19 के प्रोटोकाल का सख्ती से पालन करना होगा। यह निर्देश अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री नंद गोपाल गुप्त नंदी ने दिया है।

प्रयागराज प्रवास के दौरान उन्होंने बताया कि बेसिक शिक्षा विभाग के परिषदीय विद्यालयों, मान्यता प्राप्त विद्यालयों व अन्य बोर्ड के स्कूलों में कक्षा छह से आठ तक के बच्चों के लिए शिक्षण कार्य 23 अगस्त से शुरू हो चुका है। कक्षा एक से पांच तक के बच्चों के लिए भी भौतिक कक्षाएं एक सितंबर से शुरू होंगी।


इसी क्रम में मदरसा शिक्षा परिषद से मान्यता/ सहायता प्राप्त मदरसों में भी भौतिक कक्षाओं का संचालन शुरू कराने का निर्णय लिया गया है। मदरसों में सुनिश्चित करना होगा कि कोविड से बचाव संबंधी निर्देशों का पालन हो। प्रत्येक शिक्षक और विद्यार्थी को मास्क लगाना अनिवार्य होगा। साबुन से हाथ धुलने और सैनिटाइजेशन की व्यवस्था भी मदरसों में करनी होगी।

यूनीफार्म, बैग, किताबों के बिना पढ़ाई, आधे अधूरी तैयारियों के बीच परिषदीय स्कूलों में आएंगे बच्चे

यूनीफार्म, बैग, किताबों के बिना पढ़ाई, आधे अधूरी तैयारियों के बीच परिषदीय स्कूलों में आएंगे बच्चे


प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में पांच माह बाद पढ़ाई शुरू होनी है। स्कूल सुसज्जित हैं और शिक्षक जुलाई से ही छात्र-छात्रओं का नामांकन करा रहे हैं लेकिन, बच्चों की पढ़ाई कराने का इंतजाम अधूरा है। उन्हें यूनीफार्म, बैग, जूता-मोजा अब तक नहीं मिला है, किताबें भी ब्लाक मुख्यालयों से स्कूल भिजवाई जा रही हैं। यह जरूर है कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए विस्तृत निर्देश जारी हुए हैं। एक सितंबर से बच्चों के विद्यालय आने व पढ़ाई कराने पर किसी का ध्यान नहीं है।


सूबे के 1.59 लाख प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में छह से आठवीं तक के विद्यालय 24 अगस्त को ही खुल चुके हैं। अब बारी पहली से पांचवीं तक के छात्र-छात्रओं के आने की है। शासन ने जुलाई में ही शिक्षकों को इसी आधार पर विद्यालय आने का आदेश दिया था, ताकि बच्चों के बुलाने के लिए सारे इंतजाम पूरे किए जा सकें।

ज्ञात हो कि उनकी आनलाइन पढ़ाई जून से ही चल रही थी। दो माह में बच्चों को मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने के इंतजाम नहीं हो पाए हैं। यूनीफार्म देने का प्रकरण शासन में लंबित है।


मंत्री जता चुके नाराजगी: बेसिक शिक्षा मंत्री डा. सतीश द्विवेदी किताबों के वितरण की धीमी प्रगति पर गंभीर नाराजगी जता चुके हैं। उन्होंने सात अगस्त को निदेशालय में सभी अफसरों की बैठक करके स्कूल खोलने की समीक्षा करके कड़े निर्देश दिए लेकिन हालात नहीं बदले हैं।

68500 शिक्षक भर्ती : आवेदन लेकर नियुक्ति पत्र जारी करना भूल गया बेसिक शिक्षा विभाग

68500 शिक्षक भर्ती : आवेदन लेकर नियुक्ति पत्र जारी करना भूल गया बेसिक शिक्षा विभाग


प्रयागराज: परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में 68500 शिक्षक भर्ती के तहत पुनर्मूल्यांकन के दौरान चयनित 139 अभ्यर्थियों की नियुक्ति के लिए आवेदन तो ले लिए लेकिन बेसिक शिक्षा परिषद निर्धारित कार्यक्रम के तहत इन अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र जारी नहीं कर सका। 


68500 शिक्षक भर्ती में तमाम अभ्यर्थी चयन न होने पर कोर्ट चले गए थे। कोर्ट के आदेश पर पुनर्मूल्यांकन हुआ, जिसमें 139 अभ्यर्थियों को चयनित कर लिया गया। बेसिक शिक्षा परिषद ने इन अभ्यर्थियों से 13 से 19 अगस्त तक ऑनलाइन आवेदन मांगे परिषद की ओर से जारी कार्यक्रम के अनुसार आवेदन के बाद डाटा प्रोसेसिंग का काम 20 अगस्त को होना था, 23 अगस्त तक सूची परिषद कार्यालय को उपलब्ध कराई जानी थी और 26 एवं 27 अगस्त की काउंसलिंग कराके नियुक्ति पत्र निर्गत किए जाने थे। 


अभ्यर्थियों का कहना है कि आवेदन लेने के बाद परिषद ने अब तक न तो काउंसलिंग कराई और न ही नियुक्ति पत्र निर्गत किए। परिषद को ओर से स्थिति भी स्पष्ट नहीं की जा रही है।

बैठक में शामिल न होना पड़ा भारी, 24 BEO का प्रयागराज BSA ने रोका वेतन

प्रयागराज : बार-बार निर्देश देने के बावजूद बैठक से अनुपस्थित रहने वाले दो दर्जन खंड शिक्षा अधिकारियों का बीएसए ने रोका वेतन

बैठक में शामिल न होना पड़ा भारी, 24 BEO का प्रयागराज BSA ने रोका वेतन


प्रयागराज :  बैठक में उपस्थित न होने पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने दो दर्जन खंड शिक्षा अधिकारियों (बीईओ) के एक दिन का वेतन तत्काल प्रभाव से रोक दिया है। बैठक के लिए जो समय निर्धारित किया गया था, उस वक्त बीईओ ने उपस्थित होने पर असमर्थता जाहिर की थी। उनकी समस्या को ध्यान में रखते हुए बैठक का समय बदला गया, इसके बावजूद दो दर्जन बीईओ बैठक में शामिल नहीं हुए।



मुख्य विकास अधिकारी ने 28 अगस्त को विकास भवन सभागार में सुबह 11 बजे बेसिक में शिक्षा विभाग के तहत संचालित कार्यक्रमों/योजनाओं की समीक्षा के लिए बैठक बुलाई थी। इसी क्रम में बीएसए ने एक दिन पूर्व 27 अगस्त को सुबह 10 बजे समस्त सूचनाओं सहित अपने कार्यालय में सभी जिला समन्वयकों एवं खंड शिक्षा अधिकारियों की बैठक बुला ली कुछ खंड शिक्षा अधिकारियों की ओर से अवगत कराया गया कि 27 को ही सुबह 11 बजे डायट प्राचार्य की अध्यक्षता में भी बैठक बुलाई गई है। बीईओ की समस्या को ध्यान में रखते हुए बीएसए ने बैठक का समय शाम चार बजे निर्धारित किया।

शाम छह बजे तक बैठक में खंड शिक्षा अधिकारी मुख्यालय, नगर शिक्षा अधिकारी शिव अवतार, खंड शिक्षा अधिकारी फूलपुर एवं सभी जिला समन्वयक ही उपस्थित हुए। बार-बार निर्देशों के बावजूद बिना सूचना के बाकी खंड शिक्षा अधिकारी बैठक में शामिल नहीं हुए। बीएसए प्रवीण कुमार तिवारी की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि यह स्थिति आपत्तिजनक है और उच्चाधिकारियों की ओर से दिए गए निर्देशों की अवहेलना है।

उन्होंने सभी अनुपस्थित खंड शिक्षा अधिकारियों के एक दिन का वेतन तत्काल प्रभाव से रोक दिया है। बैठक में अनुपस्थिति को अनुशासनहीनता मानते हुए कार्रवाई के लिए उच्चाधिकारियों को पत्र लिखा जाएगा।



शाम छह बजे तक बैठक में खंड शिक्षा अधिकारी मुख्यालय, नगर शिक्षा अधिकारी शिव अवतार, खंड शिक्षा अधिकारी फूलपुर एवं सभी जिला समन्वयक ही उपस्थित हुए। बार-बार निर्देशों के बावजूद बिना सूचना के बाकी खंड शिक्षा अधिकारी बैठक में शामिल नहीं हुए।

बैठक में उपस्थित न होने पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने दो दर्जन खंड शिक्षा अधिकारियों (बीईओ) के एक दिन का वेतन तत्काल प्रभाव से रोक दिया है। बैठक के लिए जो समय निर्धारित किया गया था, उस वक्त बीईओ ने उपस्थित होने पर असमर्थता जाहिर की थी। उनकी समस्या को ध्यान में रखते हुए बैठक का समय बदला गया, इसके बावजूद दो दर्जन बीईओ बैठक में शामिल नहीं हुए।

मुख्य विकास अधिकारी ने 28 अगस्त को विकास भवन सभागार में सुबह 11 बजे बेसिक शिक्षा विभाग के तहत संचालित कार्यक्रमों/योजनाओं की समीक्षा के लिए बैठक बुलाई थी। इसी क्रम में बीएसए ने एक दिन पूर्व 27 अगस्त को सुबह 10 बजे समस्त सूचनाओं सहित अपने कार्यालय में सभी जिला समन्वयकों एवं खंड शिक्षा अधिकारियों की बैठक बुला ली। कुछ खंड शिक्षा अधिकारियों की ओर से अवगत कराया गया कि 27 को ही सुबह 11 बजे डायट प्राचार्य की अध्यक्षता में भी बैठक बुलाई गई है। बीईओ की समस्या को ध्यान में रखते हुए बीएसए ने बैठक का समय शाम चार बजे निर्धारित किया।

शाम छह बजे तक बैठक में खंड शिक्षा अधिकारी मुख्यालय, नगर शिक्षा अधिकारी शिव अवतार, खंड शिक्षा अधिकारी फूलपुर एवं सभी जिला समन्वयक ही उपस्थित हुए। बार-बार निर्देशों के बावजूद बिना सूचना के बाकी खंड शिक्षा अधिकारी बैठक में शामिल नहीं हुए। बीएसए प्रवीण कुमार तिवारी की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि यह स्थिति आपत्तिजनक है और उच्चाधिकारियों की ओर से दिए गए निर्देशों की अवहेलना है। उन्होंने सभी अनुपस्थित खंड शिक्षा अधिकारियों के एक दिन का वेतन तत्काल प्रभाव से रोक दिया है। बैठक में अनुपस्थिति को अनुशासनहीनता मानते हुए कार्रवाई के लिए उच्चाधिकारियों को पत्र लिखा जाएगा।

Navodaya Vidyalaya : 50 फीसदी छात्रों के साथ जानिए कब खुलेंगे नवोदय विद्यालय

Navodaya Vidyalaya : 50 फीसदी छात्रों के साथ जानिए कब खुलेंगे नवोदय विद्यालय


नवोदय विद्यालय समिति की तरफ से जारी नोटिस के मुताबिक पहले चरण में कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों के लिए स्कूल स्थानीय राज्य सरकारों के निर्देशों के अनुरूप खोले जाएंगे. जहां पर भी स्कूल खुलेंगे वे राज्य/केंद्र शासित प्रदेश की सरकार की ओर से जा दिशा-निर्देशों का पूरी तरह से पालन करेंगे.


नई दिल्ली.  : कोरोना वायरस संक्रमण की दर में कमी आने के बाद स्कूल और कॉलेज खोले जा रहे हैं. इसी बीच नवोदय स्कूलों को भी खोलने को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है. जिसके मुताबिक नवोदय विद्यालय को 50 फीसदी क्षमता के साथ चरण बद्ध तरीके से 31 अगस्त से खोला जाएगा. हालांकि इस दौरान केंद्र शासित प्रदेशों और राज्य सरकार की तरफ से जारी गाइडलाइंस का ध्यान रखा जाएगा.  


नवोदय विद्यालय समिति की तरफ से जारी नोटिस के मुताबिक पहले चरण में कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों के लिए स्कूल स्थानीय राज्य सरकारों के निर्देशों के अनुरूप खोले जाएंगे. जहां पर भी स्कूल खुलेंगे वे राज्य/केंद्र शासित प्रदेश की सरकार की ओर से जा दिशा-निर्देशों का पूरी तरह से पालन करेंगे.

इसके अलावा समिति की तरफ से छात्रों को अभिभावकों की अनुमति से ही स्कूल आने दिया जाएगा और हॉस्टल में ठहरने की अनुमति दी जाएगी. वहीं, जो छात्र स्कूल नहीं आना चाहेंगे उनपर दबाव नहीं डाला जाएगा. साथ ही पहले तरह ऑनलाइन क्लासेज भी संचालित होती रहेंगी.

हाईटेक होंगे मदरसे, धार्मिक शिक्षा के साथ आधुनिक विषयों की भी होगी पढ़ाई

हाईटेक होंगे मदरसे, धार्मिक शिक्षा के साथ आधुनिक विषयों की भी होगी पढ़ाई


मदरसों में धार्मिक शिक्षा के साथ आधुनिक विषयों की भी पढ़ाई होगी। आधुनिक शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए जल्द ही नयी कार्ययोजना लागू होगी। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष आतिफ रशीद ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मदरसों में धार्मिक शिक्षा के साथ-साथ अंग्रेजी, साइंस, गणित के अलावा कम्प्यूटर साइंस, सोशल साइंस, इतिहास, मनोविज्ञान, हिन्दी आदि आधुनिक विषयों की शिक्षा को प्रोत्साहित किये जाने की योजना है। 


केन्द्र सरकार की मदरसा आधुनिक शिक्षा योजना इस साल केन्द्रीय मानव संसाधान विकास मंत्रालय से हटाकर केन्द्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय के पास आ गयी है। इस बारे में इसी महीने दस अगस्त को जारी होगी। कार्ययोजना के बारे में यूपी समेत कई राज्यों से सुझाव मांगे गए हैं। रशीद ने दो दिन पहले लखनऊ में मुलाकात की थी, साथ ही उ.प्र.अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव न्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी। उन्होंने बताया कि अगले सप्ताह राष्ष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग लखनऊ आएगा और यहां मुख्य सचिव तथा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अफसरों के साथ योजनाओं की समीक्षा की।


 उन्होंने कहा कि इस नयी कार्य योजना में आधुनिक शिक्षा मदरसों में शिक्षकों की नियुक्ति मदरसों के प्रबंधक नहीं करेंगे बल्कि राज्य सरकार का अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ही करे और वही इन शिक्षकों के मानदेय का भुगतान करे। 


शिक्षकों को अन्य शिक्षा बोर्ड की ही तरह वेतन  
उ.प्र. में 7, 742 से अधिक आधुनिक शिक्षा योजना के मदरसे हैं। इनमें करीब 21 हजार 216 शिक्षक हैं। यह मदरसे उ.प्र.मदरसा शिक्षा बोर्ड से मान्यता प्राप्त हैं मगर इन्हें अनुदान नहीं मिलता। प्रदेश सरकार से अनुदान प्राप्त मदरसों की संख्या 560 है। इनके शिक्षकों को अन्य शिक्षा बोर्ड की ही तरह वेतन मिलता है।

Sunday, August 29, 2021

बेसिक शिक्षा विभाग, गोरखपुर द्वारा आयोजित शैक्षिक गुणवत्ता सेमिनार व एडुलीडर्स यूपी अवार्ड 2021 हेतु चयनित शिक्षकों को प्रतिभाग कराने विषयक

बेसिक शिक्षा विभाग, गोरखपुर द्वारा आयोजित शैक्षिक गुणवत्ता सेमिनार व एडुलीडर्स यूपी अवार्ड 2021 हेतु चयनित शिक्षकों को प्रतिभाग कराने विषयक।

राज्य स्तरीय सेमिनार व एडूलीडर्स अवार्ड में प्रतिभाग करेंगे प्रदेश के 148 बेसिक शिक्षक


● दो सितंबर को एनेक्सी भवन सभागार में होगा कार्यक्रम

● बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री डा.सतीश द्विवेदी होंगे मुख्य अतिथि


गोरखपुर: बेसिक शिक्षा विभाग गोरखपुर के तत्वावधान में दो सितंबर को एनेक्सी भवन सभागार में राज्य स्तरीय शैक्षिक गुणवत्ता सेमिनार तथा एडूलीडर्स अवार्ड 2021 का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें प्रदेश के 75 जनपदों के 148 चयनित उत्कृष्ट शिक्षक प्रतिभाग करेंगे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा.सतीश चंद्र द्विवेदी होंगे।


जिलाधिकारी विजय किरन आनंद ने बताया कि सेमिनार के संयोजन का दायित्व बस्ती जनपद के राष्ट्रपति पदक प्राप्त शिक्षक डा.सर्वेष्ट मिश्र को सौंपा गया है। कार्यक्रम में प्रदेश के सभी 75 जनपदों के 148 चयनित उत्कृष्ट शिक्षकों द्वारा अपने उल्लेखनीय कार्यों व सफलता की कहानियों को पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से प्रस्तुत किया जाएगा। चयनित शिक्षकों ने अपने छोटे-छोटे प्रयासों, मिशन प्रेरणा की गतिविधियों के कुशल क्रियान्वयन, नवाचारों, सामुदायिक सहभागिता, स्मार्ट क्लास जैसी नई तकनीकों का प्रयोग कर विद्यालयों को नई पहचान प्रदान की है। 


उन्होंने बताया कि कार्यक्रम में शामिल होने वाले शिक्षकों का चयन प्रदेश के स्वप्रेरित नवाचारी शिक्षकों के समूह एडूलीडर्स यूपी द्वारा आनलाइन प्राप्त आवेदनों के माध्यम से किया गया है। प्राप्त आवेदन पत्रों में से शिक्षकों का चयन वर्ष 2018, 2019, 2020 व 2021 नेशनल अवार्ड प्राप्त शिक्षकों सर्वेष्ट मिश्र बस्ती, आशुतोष आनंद अवस्थी बाराबंकी, इशरत अली मैनपुरी व मनीष कुमार औरैया की ज्यूरी द्वारा स्वैच्छिक रूप से किया गया है।


वर्ष 2021-22 के अन्तर्गत अल्पसंख्यक समुदायों हेतु तीनों केन्द्रीय छात्रवृत्ति योजनाओं (प्री-मैट्रिक, पोस्ट मैट्रिक एवं मेरिट-कम-मीन्स) के आनलाइन आवेदनों में विभिन्न स्तरों पर अपनायी जाने वाली प्रक्रिया का समयान्तर्गत पालन सुनिश्चित किये जाने के सम्बन्ध में।

वर्ष 2021-22 के अन्तर्गत अल्पसंख्यक समुदायों हेतु तीनों केन्द्रीय छात्रवृत्ति योजनाओं (प्री-मैट्रिक, पोस्ट मैट्रिक एवं मेरिट-कम-मीन्स) के आनलाइन आवेदनों में विभिन्न स्तरों पर अपनायी जाने वाली प्रक्रिया का समयान्तर्गत पालन सुनिश्चित किये जाने के सम्बन्ध में।


शिक्षकों के अवकाश में परेशानी के बाद वेतन के मामले में भी मानव संपदा पोर्टल हुआ फेल, सर्वर सुस्त होने से वेतन का संकट

शिक्षकों के अवकाश में परेशानी के बाद वेतन के मामले में भी मानव संपदा पोर्टल हुआ फेल,  सर्वर सुस्त होने से वेतन का संकट


कभी अवकाश लेने के मामले में शिक्षकों को परेशान करने वाला मानव सम्पदा पोर्टल अब वेतन के मामले में भी फेल साबित हो रहा है। मानव संपदा पोर्टल का सर्वर लड़खड़ाने से बेसिक शिक्षकों का वेतन फंस सकता है। अब वेतन सिर्फ पोर्टल पर हाजिरी फीड कर निकल सकता है। फीडिंग नहीं होने पर वेतन के स्थान पर आगे एरियर का भुगतान होगा।


मानव संपदा पोर्टल को हर महीने की 20 से 25 तारीख तक खोला जाता है। इस दौरान सभी शिक्षकों की हाजरी और छुट्टी अपडेट कर वेतन प्रक्रिया पूरी होती है। 25 को बंद होने के बाद पोर्टल लॉक हो जाता है। सुस्त सर्वर से इस बार पोर्टल पर हाजिरी अपडेट नहीं हुई। इसके बाद 27 तक मौका दिया गया पर पोर्टल की तकनीकी समस्या नहीं दूर हुई।



शिक्षकों में बढ़ रहा रोष

 प्रदेश के पांच लाख शिक्षकों के लिए पांच दिन में फीडिंग कराई जाती है, जिससे सर्वर बैठ जाता है। अफसरों और शिक्षकों की कोई कमी न होने के बाद भी वेतन रुकेगा और फिर एरियर भुगतान के लिए शिक्षकों को भटकना होगा। इससे शिक्षकों में रोष बढ़ रहा है।


किसी के वेतन पर संकट नहीं

विभागीय सूत्रों के अनुसार, सर्वर में तकनीकी गड़बड़ी के कारण पूरे प्रदेश में शिक्षकों के वेतन को लेकर संकट जैसी स्थिति बनी हुई है। इसमें सुधार किया जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि इसमें सुधार हो जाएगा और किसी के वेतन पर संकट नहीं आएगा।

डीएलएड 2021 प्रवेश हेतु आवेदन में 2 दिन शेष, सीटें भरना मुश्किल होगा इस बार

डीएलएड 2021 प्रवेश हेतु आवेदन में 2 दिन शेष, सीटें भरना मुश्किल होगा इस बार 


प्रयागराज: डीएलएड 2021 प्रशिक्षण के आवेदन के लिए सिर्फ दो दिन का समय बचा है और सीटें भरना मुश्किल नजर आ रहा है। प्रदेशभर के डायट और निजी कॉलेजों में डीएलएड की 2,43,200 सीटों पर प्रवेश के लिए रजिस्ट्रेशन की अंतिम तिथि 30 अगस्त है। 31 अगस्त को ऑनलाइन फीस जमा होगी और एक सितंबर को पूर्ण फॉर्म का प्रिंट आउट लेने की आखिरी तारीख है।

शनिवार तक 1.68 लाख अभ्यर्थियों ने ही अंतिम रूप से आवेदन किया था। ये स्थिति तब है जबकि फॉर्म कम भरने के कारण परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय एक बार पहले ही आवेदन की अंतिम तिथि बढ़ा चुका है। डीएलएड के लिए 20 जुलाई से ऑनलाइन पंजीकरण शुरू हुआ था।

अंतिम तिथि 10 अगस्त रखी गई थी, लेकिन आवेदन कम होने के कारण रजिस्ट्रेशन की आखिरी तारीख बढ़ाकर 30 अगस्त कर दी गई थी। विशेष सचिव आरवी सिंह की ओर से 16 जून को जारी शासनादेश के अनुसार डीएलएड प्रशिक्षण 7 सितंबर से शुरू होना था जो अब संभव नहीं है।


अभी वर्गवार/श्रेणीवार मेरिट के क्रम में राजकीय एवं निजी संस्थानों में आवंटित सीटों के सापेक्ष चयन के लिए अभ्यर्थियों से संस्थान का विकल्प लेते हुए संस्था आवंटन होना है। अभिलेखीय जांच के बाद प्रवेश की औपचारिकता पूरी होने में कम से कम दो से तीन सप्ताह का समय लगेगा।

Saturday, August 28, 2021

महराजगंज : एमडीएम खातों का संचालन पूर्व की भांति सम्बन्धित विद्यालय के प्रधानाध्यापक एवं ग्रामप्रधान के संयुक्त हस्ताक्षर से करने के सम्बन्ध में बीएसए ने जारी किया आदेश

महराजगंज : मध्याह्न भोजन निधि खातों का संचालन तत्काल प्रभाव से पूर्व की भांति सम्बन्धित विद्यालय के प्रधानाध्यापक एवं ग्रामप्रधान के संयुक्त हस्ताक्षर से करने के सम्बन्ध में बीएसए का आदेश जारी।

हाथरस : विकास खण्ड करेक्शन आईडी से अवशेष अवकाश विवरण में वृद्धि किये जाने की जांच के सम्बन्ध में

हाथरस : विकास खण्ड करेक्शन आईडी से अवशेष अवकाश विवरण में वृद्धि किये जाने की जांच के सम्बन्ध में






 

डीएलएड (बीटीसी) प्रशिक्षण परीक्षा वर्ष 2021 हेतु परीक्षा केन्द्रों की मांगी गई सूची

डीएलएड (बीटीसी) प्रशिक्षण परीक्षा वर्ष 2021 हेतु परीक्षा केन्द्रों की मांगी गई सूची


प्रयागराज : डीएलएड (बीटीसी) प्रशिक्षण 2021 की सेमेस्टर परीक्षाएं 12 सितंबर से 23 सितंबर तक प्रदेश के सभी जिलों में होनी हैं। इसके लिए परीक्षा नियामक प्राधिकारी (पीएनपी) सचिव ने प्रदेश के सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को परीक्षा केंद्र निर्धारित कर उसकी सूची दो सितंबर तक भेजने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि परीक्षार्थियों के आवागमन की सुविधा को ध्यान में रखकर परीक्षा केंद्र निर्धारित किए जाने हैं। फार्मेट में केंद्र का नाम-पता, केंद्राध्यक्ष का नाम, केंद्र की ईमेल आइडी सहित सात बिंदुओं का विवरण देना है। 


बाराबंकी : फोन स्विच ऑफ रहने पर वेतन काटने के मामले में शिक्षक संघ का विरोध

बाराबंकी : फोन स्विच ऑफ रहने पर वेतन काटने के मामले में शिक्षक संघ का विरोध


बाराबंकी : जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ जनपद बाराबंकी के जिला अध्यक्ष पवन कुमार वर्मा  के नेतृत्व में जनपद के समस्त पदाधिकारी एवं सैकड़ों शिक्षकों सहित जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा जारी फोन काल के माध्यम से उपस्थिति देने के विरोध में ज्ञापन दिया गया।


वार्ता के क्रम में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के साथ वार्ता सार्थक बताते हुए अध्यक्ष ने कहा कि फोन कॉल के माध्यम से किसी भी शिक्षक की उपस्थिति नहीं चेक की जाएगी ना ही कोई अनुचित कार्रवाई की जाएगी उनके द्वारा कहा गया कि यदि कोई स्थली निरीक्षण में या रजिस्टर में अनुपस्थित पाया जाता है जिसका कोई स्पष्ट कारण नहीं है उसी स्थिति में कार्यवाही की जाएगी।  फोन कॉल के माध्यम से किसी भी शिक्षा का शोषण नहीं किया जाएगाम  बिना स्पष्टीकरण के भी वेतन किसी भी शिक्षक का अवरुद्ध नहीं किया जाएगा। वेतनमान के संबंध में मृतक आश्रित पेंशन  फाइल निस्तारण के संबंध में जल्द ही आदेश पारित किया जाएगा।


 इस अवसर पर जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष अरुणेंद्र कुमार वर्मा , यूटा के जिला अध्यक्ष आशुतोष बैसवार , एससी एसटी संघ के जिला अध्यक्ष रामकिशन बौद्ध  के साथ जिला मंत्री प्राथमिक शिक्षक संघ विजेंद्र सिंह जूनियर हाई स्कूल मंत्री देवेंद्र सिंह धर्मेंद्र वर्मा ब्लॉक अध्यक्ष सिद्धौर जंग बहादुर वर्मा  अरविंद अनजान इरशाद अली मोहम्मद आसिफ देवेंद्र मुमताज अहमद वरिष्ठ उपाध्यक्ष पुष्पेंद्र कुमार वर्मा वरिष्ठ उपाध्यक्ष बंकी मनोज वर्मा देवा ब्लॉक अध्यक्ष विजय प्रताप सिंह भूपेंद्र सिंह सूरतगंज जितेंद्र कुमार त्रिवेदीगंज ब्लॉक अध्यक्ष हरख कुलदीप कुमार पटेल मसौली ब्लाक अध्यक्ष सुरेश आज के साथ सैकड़ों शिक्षक जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में उपस्थित रहे।


तीन शिक्षा अधिकारियों के तबादले

तीन शिक्षा अधिकारियों के तबादले


लखनऊ। प्रदेश सरकार ने तीन शिक्षा अधिकारियों के तबादले किए हैं। अयोध्या के मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक अरविंद कुमार पांडेय का तबादला मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक मुरादाबाद के पद पर किया गया है।


 मुरादाबाद के मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक मनोज कुमार द्विवेदी का तबादला प्रभारी मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक अयोध्या के पद पर किया है। द्विवेदी को देवीपाटन के मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक का भी अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। वहीं, पत्राचार शिक्षा संस्थान प्रयागराज के सहायक निदेशक सत्येंद्र कुमार सिंह का तबादला डीआईओएस मिर्जापुर के पद पर किया गया है।


बीएड प्रवेश परीक्षा परिणाम जारी, जाने टॉप टेन टॉपर्स कौन? ऐसे देखें परिणाम

बीएड प्रवेश परीक्षा परिणाम जारी, जाने टॉप टेन टॉपर्स कौन?  ऐसे देखें परिणाम 





लखनऊ : संयुक्त बीएड प्रवेश परीक्षा के नतीजे शुक्रवार को लखनऊ विश्वविद्यालय ने जारी कर दिए। कुलपति आलोक कुमार राय ने बताया इस बार लखनऊ के आशु राणा ने बीएड परीक्षा में टाप किया है।


दूसरे नंबर पर एजाज अहमद (कुशीनगर), तीसरे पर अजय गौड़ (गोरखपुर), चौथे पर सक्षम पटेरिया (महोबा), पांचवें पर अक्षय मिश्र (सीतापुर), छठे पर उमेश कुमार (बिजनौर), सातवें पर युवराज सिंह (हाथरस), आठवें पर शिवम चतुर्वेदी (झौंसी), नौवें पर देवेश कुमार पटेल (मीरजापुर) और दसवें पर राघवेंद्र सिंह (फरुखाबाद) रहे।


छात्रओं में झांसी की भावना मिश्र ने टॉप किया है। दूसरे स्थान पर प्रज्ञा गुप्ता (उन्नाव), तीसरे स्थान पर कृतिका गुप्ता (गाजियाबाद), चौथे स्थान पर अनमोल चौधरी (सहारनपुर), पांचवें स्थान पर निधि बंसल (बुलंदशहर) रहीं। अभ्यर्थी परिणाम विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर देख सकते हैं। कुलपति ने बताया कि अभ्यर्थी वेबसाइट पर लागिन करके (जहां से अभ्यर्थियों ने अपना आनलाइन आवेदन पत्र भरा था) अपना प्राप्तांक, स्टेट रैंक, कैटेगरी रैंक प्राप्त कर सकेंगे।

यूपी बोर्ड के 1.44 लाख छात्र बिना मार्क्स हुए थे प्रोन्नत, अब दाखिले में परेशानी

यूपी बोर्ड के 1.44 लाख छात्र बिना मार्क्स हुए थे प्रोन्नत, अब दाखिले में परेशानी

UP Board Result 2021: बिना अंकों के प्रोन्नत हुए तो स्नातक में दाखिला कैसे हो? यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षा में बिना अंकों के प्रोन्नत विद्यार्थियों के सामने आगे प्रवेश लेने में समस्या आ रही है। अब माध्यमिक शिक्षा विभाग इन्हें अंक देने पर विचार कर रहा है ताकि आगे प्रवेश में दिक्कत न आ सके। 1.44 लाख विद्यार्थियों को बिना अंकों के प्रोन्नत किया गया है।



हाईस्कूल में 82,238 और इंटरमीडिएट में 62,506 विद्यार्थी ऐसे हैं जिन्हें बिना अंकों के सामान्य प्रोन्नति दी गई है। माध्यमिक शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला ने बीते दिनों निर्देश जारी किए हैं कि यह सुनिश्चित किया जाए कि जिन विद्यार्थियों को बिना अंकों के सामान्य प्रोन्नति दी गई है, उनका प्रवेश सुनिश्चित किया जाए। उन्हें आगे पढ़ने में किसी तरह की दिक्कत न हो। इसमें सबसे बड़ी दिक्कत इंटरमीडिएट पास करके उच्च शिक्षा में दाखिला लेने वाले विद्यार्थियों के सामने आ रही है क्योंकि जिन पाठ्यक्रमों में कट ऑफ के आधार पर प्रवेश होने हैं वहां ये विद्यार्थी पात्र हीं नहीं होंगे और ज्यादातर पाठ्यक्रमों में इसी पर प्रवेश दिया जाता है। वहीं हाईस्कूल में प्रोन्नत विद्यार्थी यदि दूसरे शहर या दूसरे स्कूल में दाखिला लेंगे तो उन्हें वहां भी दिक्कत आ रही है। लिहाजा अब  अंकों को देने पर विचार किया जा रहा है और इसके फार्मूले पर मंथन किया जा रहा है।

लगभग 70 हजार विद्यार्थियों को अब भी रिजल्ट का इंतजार-
हाईस्कूल में 14015 और इंटरमीडिएट में 55555 ऐसे विद्यार्थी हैं जिनका रिजल्ट विदहेल्ड हैं। उनकी आपत्तियां शुक्रवार तक ली गई हैं। हालांकि इसकी धीमी गति पर भी विद्यार्थी नाराज हैं क्योंकि स्नातक स्तर पर प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो गई हैं। इंटरमीडिएट में ज्यादातर वे विद्यार्थी हैं जिन्होंने हाईस्कूल दूसरे बोर्ड से किया था लेकिन उनके नंबर बोर्ड को नहीं भेजे गए या फिर त्रुटिवश चढ़ना रह गए।

यूपी बोर्ड ने जिलों को भेजे हाईस्कूल इंटर के अंकपत्र

यूपी बोर्ड ने जिलों को भेजे हाईस्कूल इंटर के अंकपत्र


प्रयागराज: कोरोना संक्रमण के चलते बिना परीक्षा दिए प्रोन्नत हुए यूपी बोर्ड के हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के विद्यार्थियों को अंकपत्र मिलने शुरू हो गए हैं। यूपी बोर्ड ने क्षेत्रीय कार्यालयों के माध्यम से जिलों को अंकपत्र भेज दिए हैं। अंक को लेकर जिन विद्यार्थियों को दिक्कत हो वह बोर्ड की कम्पार्टमेंट परीक्षा में शामिल हो सकते हैं, जो कि 18 सितंबर से शुरू होगी और छह अक्टूबर तक चलेगी।

वर्ष 2021 में हाईस्कूल में 29.94 लाख व इंटर में 26.1 लाख छात्र-छात्रएं पंजीकृत थे। कोरोना संक्रमण के कारण परीक्षा नहीं हुई और पहली बार बिना परीक्षा के विद्यार्थियों को प्रोन्नत करते हुए परिणाम जारी किया गया। सचिव दिब्यकांत शुक्ल ने बताया कि कई जिलों में विद्यार्थियों को अंकपत्र मिल गए हैं। जिन जिलों में विद्यालयों में अंकपत्र नहीं पहुंचे हैं, वहां भी क्षेत्रीय कार्यालयों के माध्यम से जल्द पहुंच जाएंगे, जहां से विद्यार्थी अंकपत्र ले सकेंगे। अंक को लेकर जिन विद्यार्थियों को समस्या हो वह कम्पार्टमेंट परीक्षा में शामिल होकर अंक सुधार कर सकते हैं। उन्हें बिना परीक्षा शुल्क दिए एक या अधिक विषयों में शामिल होने का अवसर दिया गया है। विद्यार्थियों को यह ध्यान रखना होगा कि कम्पार्टमेंट परीक्षा के मूल्यांकन में मिले अंक ही माने जाएंगे। जुलाई में घोषित उनका रिजल्ट मान्य नहीं रह जाएगा।

डिजिलॉकर में अंकपत्र न रखने पर रोकी जाएगी शुल्क प्रतिपूर्ति

डिजिलॉकर में अंकपत्र न रखने पर रोकी जाएगी शुल्क प्रतिपूर्ति


आर्थिक रूप से कमजोर मेधावियों को मिलने वाली शुल्क प्रतिपूर्ति पर कोरोना का ग्रहण न लगे, इसके लिए समाज कल्याण विभाग  सभी  संस्थानों का मास्टर डाटा तैयार कर रहा है। आनलाइन डाटा में फीस से लेकर कोर्स और शिक्षकों की पूरी जानकारी देनी होगी। इसके साथ ही अगले 15 दिनों में  प्रदेश के सभी शिक्षण संस्थानों को डीजी लाकर में सभी के अंकपत्र रखने होंगे, जिससे उनकी पड़ताल में दिक्कत न हो। ऐसा न करने पर संस्थान के विद्यार्थियों को प्रतिपूर्ति रुक जाएगी।



समाज कल्याण विभाग की ओर से आर्थिक रूप से कमजोर मेधावियों की फीस शुल्क प्रतिपूर्ति के रूप में दी जाती है। 2021-22 वित्तीय वर्ष में शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए सामान्य वर्ग के लिए 52,500 लाख रुपये और अनुसूचित जाति व जनजाति की शुल्क प्रतिपूर्ति व छात्रवृत्ति के लिए 98,012 लाख रुपये का बजट स्वीकृत है। इससे पूर्व दशम कक्षा नौ और 10 व दशमोत्तर कक्षा 12 के ऊपर विद्यार्थियों को पैसा दिया जाएगा। विद्यार्थी वेबसाइट https://scholarship.up.gov.in/ पर जाकर जानकारी ले सकते हैं। पालीटेक्निक और आइटीआइ की प्रवेश प्रक्रिया अभी चल रही है। काउंसिलिंग के बाद प्रवेश होंगे।


हर साल 60 लाख को मिलती है शुल्क प्रतिपूर्ति : हर साल करीब 27 लाख अनुसूचित जाति व जनजाति और सामान्य वर्ग के विद्यार्थियों को शुल्क प्रतिपूर्ति दी जाती है। पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक विभाग को मिलाकर प्रदेश के 60 लाख विद्यार्थियों को हर साल शुल्क प्रतिपूर्ति व छात्रवृत्ति का लाभ मिलता है। कोरोना के चलते सामान्य वर्ग की छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति का बजट कम कर दिया गया है। इसके चलते सामान्य वर्ग के विद्यार्थियों को शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए इंटर में 60 फीसद अंक अनिवार्य है। परास्नातक स्तर के कोर्स में प्रवेश के बाद शुल्क प्रर्तिपूर्ति के लिए आवेदन करने के लिए स्नातक में 55 फीसद अंक अनिवार्य है।


शिक्षण संस्थानों को देना है आनलाइन डाटा, परास्नातक में प्रवेश के लिए शुल्क प्रर्तिपूर्ति के लिए 55 फीसद अंक जरूरी


समाज कल्याण विभाग की संशोधित नियमावली के तहत मैनेजमेंट कोटे के विद्यार्थियों को शुल्क प्रतिपूर्ति नहीं दी जाएगी। जीरो फीस की व्यवस्था भी खत्म हो गई है। सामान्य वर्ग के इंटर में 60 फीसद और स्नातक में 55 फीसद वाले को ही शुल्क प्रतिपूर्ति मिलेगी। मास्टर डाटा न देने वाले संस्थानों के विद्यार्थियों को शुल्क प्रतिपूर्ति का लाभ नहीं मिलेगा। डीजी लाकर में अंकपत्र रखना अनिवार्य है। ऐसा न होने पर संस्थान जिम्मेदार होंगे।- डा.अमरनाथ यती, जिला समाज कल्याण अधिकारी

UP Polytechnic JEECUP 2021 : पॉलिटेक्निक की प्रवेश परीक्षाएं 31 अगस्त से

UP Polytechnic JEECUP 2021 : पॉलिटेक्निक की प्रवेश परीक्षाएं 31 अगस्त से

UP Polytechnic JEECUP 2021 : प्रदेश में स्थित सभी राजकीय, एडेड व निजी क्षेत्र की पालीटेक्निक संस्थाओं में आनलाइन/सीबीटी प्रवेश परीक्षाएं 31 अगस्त से चार सितम्बर तक तीन पालियों में होंगी। यह जानकारी संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद के प्रभारी सचिव राम रतन ने दी है। 


उन्होंने बताया कि अभ्यर्थियों के लिए आनलाइन मॉक टेस्ट की सुविधा/प्रक्रिया के साथ ही प्रवेश-पत्र भी परिषद की वेबसाइट पर हैं मॉक टेस्ट में आने वाली परेशानियों के लिए हेल्पलाइन नम्बर-7829207426, 7829207346 पर सम्पर्क कर अपनी परेशानियों का निराकरण कर रहे हैं। 

परीक्षार्थी को अपने आवंटित केन्द्र पर परीक्षा प्रारम्भ होने से डेढ़ घण्टे पहले पहुंचना होगा। अभ्यर्थी को अपने साथ परीक्षा केन्द्र पर फेस मास्क, प्रवेश-पत्र और एक फोटोयुक्त आईडी मूल रूप में लाना होगा।

यूपी : विश्वविद्यालयों में बदलेगी छात्र मूल्यांकन प्रणाली, शासन ने सुझाईं ये छह विधियां

यूपी : विश्वविद्यालयों में बदलेगी छात्र मूल्यांकन प्रणाली, शासन ने सुझाईं ये छह विधियां



लखनऊ : प्रदेश के राज्य व निजी विश्वविद्यालयों में छात्र मूल्यांकन प्रणाली बदलेगी। यह बदलाव नई शिक्षा नीति 2020 के तहत होना है। शासन ने विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों को छात्र मूल्यांकन की छह विधियां भी सुझाई हैं। इन्हीं के अनुरूप मूल्यांकन के मानक, उनका वेटेज और प्रक्रिया तय की जानी है। निर्देश है कि एकेडमिक व एक्जीक्यूटिव काउंसिल में चर्चा करके जल्द मूल्यांकन प्रणाली तय की जाए।


उच्च शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए छात्रों का समयबद्ध व सतत मूल्यांकन जरूरी है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में भी इस ओर विशेष जोर दिया गया है। इसीलिए सूबे के राज्य व निजी विश्वविद्यालयों में छात्रों की मूल्यांकन की प्रणाली तय होने जा रही है। शासन ने छह सांकेतिक सिद्धांत विश्वविद्यालयों को भेजे हैं, ताकि उन्हीं के अनुरूप छात्र मूल्यांकन की विधियां बनाई जा सकें। 


किस मानक को कितना वेटेज दिया जाना चाहिए और छात्रों का आकलन करने के लिए क्या प्रक्रिया बनाई जानी चाहिए, ऐसे ¨बदुओं का जल्द समाधान करने के भी निर्देश दिए गए हैं। अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा मोनिका एस गर्ग ने कुलसचिवों व उच्च शिक्षा निदेशक को सुझाया है कि विश्वविद्यालय छह मानकों पर मूल्यांकन कर सकते हैं।


प्रक्रिया भी तय : शासन ने शैक्षणिक मूल्यांकन को दो हिस्सों सतत आंतरिक व बाहरी मूल्यांकन में बांटा है। आंतरिक मूल्यांकन में शैक्षणिक गतिविधियों से संबंधित कार्य कराए जाएंगे। जैसे, प्रोजेक्ट, सेमिनार, रोल प्ले, क्विज आदि। राष्ट्रीय पर्वो व अन्य महत्वपूर्ण दिवसों पर सामाजिक कार्यो में सहभागिता को शामिल किया जा सकता है। बाहरी मूल्यांकन परीक्षा के माध्यम से हो सकता है। कौशल मूल्यांकन में प्रशिक्षण का महत्व है। इसमें संबंधित कार्य में 60 प्रतिशत व परीक्षा में 40 फीसद के आधार पर मूल्यांकन किया जा सकता है। इसे भी दो भागों में बांटा गया है।


व्यक्तित्व मूल्यांकन भाषा, साफ्ट स्किल व खास मौकों पर प्रतियोगिता से होगा। इसी तरह शारीरिक मूल्यांकन खेल, योग, स्वास्थ्य परीक्षण व मनोवैज्ञानिक क्षमता से होगी, जबकि बहिमरुखी मूल्यांकन के लिए छात्रों को एक्स्ट्रा करिकुलर गतिविधियों में प्रोत्साहित कर इसके परिणाम को अंकपत्र में शामिल करने को कहा गया है। स्वमूल्यांकन में छात्रों का आत्मबल बढ़ाने का प्रयास होना चाहिए। यानी छात्र स्वेच्छा से जब कोई ई-कंटेट पढ़ता है तो उसे चार-पांच सवालों का जवाब देना होगा, तब वह अगला चैप्टर पढ़ सकता है।


■ नई शिक्षानीति 2020 के तहत शासन ने विश्वविद्यालयों को सुझाईं छह विधियां


■ एकेडमिक व एक्जीक्यूटिव काउंसिल माध्यम से प्रणाली तय करने के निर्देश


★ यह हैं छह मानक

1. शैक्षणिक मूल्यांकन
2. कौशल मूल्यांकन
3. शारीरिक मूल्यांकन
4. व्यक्तित्व मूल्याकंन
5. बहिर्मुखी मूल्यांकन
6. स्वमूल्यांकन

बीएसए कानपुर देहात आदेश का पालन करें या हाजिर हों, ग्रेच्युटी भुगतान मामले में हाईकोर्ट का आदेश

बीएसए कानपुर देहात आदेश का पालन करें या हाजिर हों, ग्रेच्युटी भुगतान मामले में हाईकोर्ट का आदेश


इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कानपुर देहात सुनील दत्त को आदेश का पालन करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने याची के पति सहायक अध्यापक की ग्रेच्युटी का 8फीसदी ब्याज के साथ तीन माह में भुगतान करने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने कहा है कि यदि आदेश का पालन नहीं करते तो 8सितंबर को अवमानना आरोप निर्मित करने के लिए कोर्ट में हाजिर हों।


यह आदेश न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने कुंती देवी की अवमानना याचिका पर दिया है। याची के अधिवक्ता का कहना है कि सेवाकाल में याची के पति की मृत्यु हो गई। 60 साल में सेवानिवृत्ति लेने का विकल्प नहीं भरने के कारण ग्रेच्युटी देने से इंकार कर दिया। हाईकोर्ट ने कहा सेवानिवृत्ति से पहले मृत्यु हो गई। ऐसे में विकल्प नहीं भरने के कारण ग्रेच्युटी देने से इंकार नहीं कर सकते। भुगतान करने के आदेश का पालन नहीं किया गया तो यह अवमानना याचिका दायर की गई है। सुनवाई आठ सितंबर को होगी।

Friday, August 27, 2021

हाथरस : अधिक छात्र संख्या के चलते दो पालियों में चलने वाले विद्यालयों की सूची एवं कार्ययोजना जारी, देखें

हाथरस : अधिक छात्र संख्या के चलते दो पालियों में चलने वाले विद्यालयों की सूची एवं कार्ययोजना जारी, देखें

 







हाथरस : प्रेरणा पोर्टल पर माह अगस्त, 2021 का डी०सी०एफ० दिनांक 10 सितम्बर, 2021 तक भरे जाने के सम्बन्ध में।

प्रेरणा पोर्टल पर माह अगस्त, 2021 का डी०सी०एफ० दिनांक 10 सितम्बर, 2021 तक भरे जाने के सम्बन्ध में।


 

उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय की बीएड प्रवेश परीक्षा 28 अगस्त को

उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय की बीएड प्रवेश परीक्षा 28 अगस्त को



उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय की एबीएड एवं बीएड (विशिष्ट शिक्षा) की प्रवेश परीक्षा 28 अगस्त को सुबह दस से दोपहर एक बजे तक आयोजित की जाएगी। यह प्रवेश परीक्षा प्रदेश के दस 10 शहरों आगरा, अयोध्या, बरेली, गोरखपुर, झांसी, कानपुर, लखनऊ, मेरठ, प्रयागराज और वाराणसी में होगी।


बीएड  एवं  बीएड  (विशिष्ट शिक्षा) प्रवेश परीक्षा-2021 के संयोजक प्रोफेसर पीके पांडेय के अनुसार प्रवेश परीक्षा में 8142 परीक्षार्थी शामिल हो रहे हैं। परीक्षा निर्धारित केंद्रों पर कोविड-19 गाइडलाइन का अनुपालन कराते हुए आयोजित की जाएगी। कुलपति प्रो. सीमा सिंह ने बृहस्पतिवार को प्रवेश परीक्षा समिति एवं कोर कमेटी के सदस्यों के साथ समीक्षा बैठक भी की। प्रवेश परीक्षा को सकुशल संपन्न कराने के लिए पुलिस प्रशासन से परीक्षा केंद्रों के आसपास सुरक्षा व्यवस्था चुस्त दुरुस्त कराने के लिए आग्रह किया गया है। 


प्रयागराज में 1600  से अधिक अभ्यर्थी प्रवेश परीक्षा में शामिल होंगे। सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए प्रयागराज में चार परीक्षा केंद्र विश्वविद्यालय के सरस्वती परिसर एवं गंगा परिसर के अतिरिक्त राजकीय इंटर कॉलेज एवं भारत स्काउट एंड गाइड कॉलेज में बनाए गए हैं। परीक्षा नियंत्रक डीपी सिंह के अनुसार प्रवेश परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों के प्रवेश पत्र ऑनलाइन जारी कर दिए गए हैं। विश्वविद्यालय की वेबसाइट से प्रवेश पत्र डाउनलोड किए जा सकते हैं।