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Wednesday, August 12, 2020
Wednesday, July 8, 2020

बाराबंकी : बीएसए समेत 20 पुलिसकर्मी कोरोना पॉजिटिव
बाराबंकी:बीएसए समेत 20 पुलिसकर्मी कोरोना पॉजिटिव
कोरोना का संक्रमण सरकारी दफ्तरों तक पहुंच गया है। बेसिक शिक्षा अधिकारी के अलावा 20 पुलिस कर्मचारी पॉजिटिव पाए जाने से हड़कंप मच गया है।
मंगलवार की देर रात को आई रिपोर्ट के बाद प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। जिसका मुख्य कारण बीएसए के अलावा कई कर्मचारी व 20 पुलिसकर्मी भी पॉजिटिव पाए गए। पुलिसकर्मियों में कई एसपी ऑफिस में तैनात थे इसे लेकर एसपी ऑफिस 48 घंटे के लिए सील कर दिया गया। वही विकास भवन में चल रहे बेसिक शिक्षा विभाग के लेखा कार्यालय के एक कर्मचारी के पॉजिटिव आने के बाद पूरा विकास भवन सील कर दिया गया। उल्लेखनीय है कि विकास भवन में समाज कल्याण, कृषि विभाग, पंचायती राज विभाग, जिला विकास अधिकारी समेत एक दर्जन विभागों के मुख्यालय चलते हैं। ऐसे में यह सभी कार्यालय आगामी 48 घंटों के लिए बंद कर दिए गए हैं। उधर बीएसए दफ्तर भी सील कर दिया गया है। सभी सरकारी दफ्तरों को सैनिटाइज करने के लिए अधिकारी व कर्मचारी जुट गए हैं। संक्रमित पाए गए सभी मरीजों को एल वन हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है।
Monday, July 6, 2020

सर्व शिक्षा के खाते में ट्रांसफर होगा रुपया, अब बंद किया जाएगा ग्राम शिक्षा निधि का खाता
सर्व शिक्षा के खाते में ट्रांसफर होगा रुपया
अब बंद किया जाएगा ग्राम शिक्षा निधि का खाता
दोनों खातों में डंप है करीब 11 करोड़ की धनराशि
एसएमसी खाते का 31 मार्च 2019 तक का पैसा वापस होगा
बाराबंकी : शासन के नए नियमों के तहत ग्राम शिक्षा निधि स्कूल प्रबंधन समिति के खातों में डंप करोड़ों रुपये सर्व शिक्षा अभियान खाते में स्थानांतरित किए जाएंगे। साथ ही ग्राम शिक्षा निधि का खाता बंद किया जाएगा। इस बाबत जिला बेसिक शिक्षाधिकारी ने बैंक ऑफ इंडिया सहित सभी बैंकों के प्रबंधकों को पत्र भेजा है। ग्राम शिक्षा निधि खाता संचालन पर लगाई गई थी रोक बेसिक शिक्षा विभाग में परिषदीय विद्यालयों में आवश्यक वस्तुओं जैसे रंग रोगन, डस्टर, चॉक वस्टेशनरी की खरीद के लिए ग्राम शिक्षा निधि का खाता संचालित होता था। यह विद्यालय के प्रधानाध्यापक व प्रधान का संयुक्त खाता होता था।
विद्यालयों में सामान की खरीद के समय अकसर बजट खर्च करने को लेकर विवाद की स्थिति होती थी। जिसके चलते करीब सात साल पहले शासन के आदेश पर इस खाते के संचालन पर रोक लगादी गई थी। जिसमें सभी परिषदीय विद्यालयों का करोड़ों रुपये अभी भी जमा है। समस्या के समाधान के लिए स्कूल प्रबंध समिति गठित की गई। इसमें विद्यालय में पढ़ने वाले एक छात्र के अभिभावक व प्रधानाध्यापक का ज्वाइंट अकाउंट होता है।
एसएमसी खाते का 31 मार्च 2019 तक का पैसा वापस होगाः
कायाकल्प योजना के तहत सभी परिषदीय विद्यालयों का जीर्णोद्धारा कराया जा रहा है। इसमें एसएमसी के खाते से पैसा खर्च नहीं हो रहा है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी वीपी सिंह ने ग्राम शिक्षा निधि के खाते में बंद कर उसमें पड़ी पूरी धनराशि व विद्यालय प्रबंध समिति में 31 मार्च 2019 से पहले की धनराशि को सर्व शिक्षा अभियान के खाते में भेजे जाने के लिए बैंक ऑफ इंडिया सहित जिले की सभी बैंकों के शाखा प्रबंधकों को पत्र भेजा गया है। दोनों खातों में जमा है करीब 11 करोड़ जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी वीपी सिंह ने बताया कि ग्राम शिक्षा निधिकाखाता का संचालन काफी पहले से बंद चल रहा है। इसके साथ ही एसएमसी के खाते में 31 मार्च 2019 के पहले की जमा धनराशि को सर्व शिक्षा अभियान के खाते में ट्रांसफर कराया जा रहा है। दोनों खातों में करीब 11 करोड़ रुपये की धनराशि होगी।जिसे अब नए खाते में ट्रांसफर कराई जाएगी।
Monday, May 18, 2020

ऑनलाइन पढ़ाई ; अगर बच्चा ऑनलाइन पढ़ाई से मानसिक अयोग्य हुआ तो अपराध मानकर होगी कार्रवाई
दुविधा में शिक्षक
ऑनलाइन पढ़ाई ; अगर बच्चा ऑनलाइन पढ़ाई से मानसिक अयोग्य हुआ तो अपराध मानकर होगी कार्रवाई
'ऑनलाइन पढ़ाई की भी हो मॉनिटरिंग'
बाराबंकी : ऑनलाइन पढ़ाई के प्रयासों पर सवाल खड़े हो गए हैं। डीएम आदर्श सिंह ने एक पत्र जारी कर कहा है कि यदि ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान कोई बच्चा मानसिक रूप से अयोग्य हो जाता है और उसको मानसिक रोग हो जाता है तो किशोर न्याय अधिनियम 2015 की धारा 75 के अंतर्गत दंडनीय अपराध माना जाएगा। ऐसे में स्कूल और शिक्षक पर कार्रवाई की जाएगी।
डीएम ने पत्र में कहा कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने मोबाइल ऐप के दुष्प्रभाव से बच्चों की सुरक्षा के प्रति चिंता व्यक्त करते हुए शिक्षकों-प्रबंधकों व विद्यालयों को उनके अभिभावकों से इसकी निगरानी करने का अनुरोध किया गया है। इस क्रम में बाराबंकी स्मार्टफोन नहीं है। वहीं दूसरी तरफ विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बच्चों को ऑनलाइन पढाएं। इसकी लगातार समीक्षा भी हो रही है और कार्रवाई की चेतावनी दी जा रही है।
बच्चों की आंखें नाजुक होती हैं, इससे ध्यान केंद्रित करके वो हर समय मोबाइल देखा करेंगे। उनकी आंखों को नुकसान हो सकता है। इसलिए मैंने बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश चंद्र द्विवेदी से मांग की थी कि ऑनलाइन शिक्षा को छोटे बच्चों पर थोपा नहीं जाए। लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हुई। बाराबंकी में कार बाजार में व्यापार करने वाले रवि नाग का कहना मोबाइल के माध्यम से ऑनलाइन पढ़ रहे बच्चे। विद्यालयों का नोडल करते हुए उनको अवगत करवाएं। वहीं इस है कि लॉकडाउन के दौरान मैं अपनी दोनों बच्चियों को लेकर परेशान रहने लगा हूं।
अधिकारी नामित करते हुए निर्देशित किया संबंध में प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुशील कुमार पांडेय का कहना यह दोनों बच्चियां मोबाइल के माध्यम जाता है कि ऑनलाइन कक्षाओं की पूर्ण के समस्त बीईओ तथा समस्त प्रबंधकों निगरानी एवं उससे उत्पन्न होने वाले है कि ऑनलाइन पढ़ाई को लेकर शिक्षक से पढ़ाई कर रही हैं।
इनको स्कूल से व प्रधानाचार्य आईसीएसई, सीबीएसई, समस्याओं का निराकरण राष्ट्रीय बाल बेसिक शिक्षा से मान्यता व सहायता प्राप्त संरक्षण आयोग की एडवाइजरी के अनुरूप दुविधा में हैं, एक तरफ परिषदीय स्कूलों ऑनलाइन एजुकेशन के नाम पर घंटों पढ़ते में पढ़ने वाले 90 प्रतिशत बच्चों के पास देखकर इनकी चिंता हो रही है।
Friday, May 1, 2020
Tuesday, March 3, 2020
Wednesday, December 18, 2019
Friday, December 13, 2019

बाराबंकी : बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से सभी छात्र-छात्राओं को नहीं बंट पाए स्वेटर, जरूरत 3.42 लाख स्वेटरों की, अब तक आए सिर्फ 1.30 लाख
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Thursday, November 14, 2019
Sunday, November 10, 2019

बाराबंकी : फर्जी मार्कशीट लगाने वाले पिता-पुत्र को जेल, एसटीएफ का खुलासा : गलत तरीके से बने थे परिषदीय शिक्षक
पिता 1997 और पुत्र 2010 से कर रहे थे सरकारी नौकरी• पूछताछ में सरगना समेत 10 अन्य नामों का खुलासा• एनबीटी, बाराबंकीः एसटीएफ ने हैदरगढ़ तहसील के प्राइमरी स्कूल गेरावां व पूरे चौबे में बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षक के पद पर नौकरी कर रहे पिता-पुत्र को रविवार को जेल भेजा है। इनको कोर्ट के समक्ष पेश किया गया। जहां से दोनों को 14 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में भेजने के आदेश दिया है। इन शिक्षकों पर आरोप है कि इन लोगों ने दूसरे के शैक्षिक अभिलेखों का प्रयोग कर नौकरी पाई और लंबे समय तक वेतन लेते रहे। पूछताछ में इन लोगों ने गैंग के गोरखपुर के सरगना का भी खुलासा किया है। साथ ही फर्जी अभिलेख से नौकरी कर रहे 10 अन्य शिक्षकों के नाम भी बताए हैं। कोतवाली पुलिस ने मामले में सरकारी धन के गबन, फर्जी अभिलेख तैयार कर झांसा देने आदि की धारा में मुकदमा दर्ज किया है।
निलंबन के बाद से चल
रहे थे फरार
एसटीएफ के इंस्पेक्टर विजेंद्र शर्मा ने बताया कि कुछ दिन पहले जय कृष्ण दुबे नाम के एक शख्स ने कार्यालय में आकर बताया कि उसके शैक्षिक अभिलेखों का प्रयोगकर गोरखपुर निवासी एक शख्स बाराबंकी के हैदरगढ़ तहसील के प्राइमरी स्कूल गेरावां में शिक्षक पद पर नौकरी कर रहा है। इस पर बाराबंकी के बीएसए वीपी सिंह से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि संदेह पर इस शख्स के शैक्षिक अभिलेख मांगे गए थे, इस पर वह शिक्षक ड्यूटी से फरार हो गया है। इस कारण उसको नवंबर 2018 में निलंबित किया जा चुका है।
यह भी पता चला कि प्राइमरी स्कूल पूरे चौबे में तैनात शिक्षक रविशंकर त्रिपाठी भी इसी तरह से एक जुलाई 2017 से फरार है। वह भी निलंबित है। इस आधार पर शनिवार रात बाराबंकी के आवास विकास कॉलोनी में छापा मारकर दोनों को हिरासत में लिया गया। यह दोनों पिता-पुत्र निकले। कथित जयकृष्ण दुबे की तलाशी में उसके पास से गिरिजेश पुत्र रामप्रसाद त्रिपाठी निवासी विकासनगर लखनऊ के पते का पैन कार्ड मिला। उसके बेटे आदिशक्ति पुत्र गिरिजेश त्रिपाठी निवासी गोपालपुर गोरखपुर लिखा वोटर आईडी मिला। जबकि उसने अपना नाम पूछताछ में रविशंकर पुत्र बलराम त्रिपाठी बताया था।
साढ़े तीन लाख में तैयार कराए फर्जी अभिलेख
पूछताछ में गिरिजेश उर्फ जयकृष्ण ने बताया कि वर्ष 1997 में उसके संपर्क में खजनी गोरखपुर के मनोज गुप्ता आए। उन्होंने फर्जी अभिलेख तैयार करने के बदले उससे साढ़े तीन लाख रुपये लिए। उसका आवेदन बेसिक शिक्षा विभाग में वर्ष 1997 में कराया। इस पर उसको वर्ष 1997 में बलरामपुर में नौकरी मिली मिली थी। इसके बाद उसने अपना तबादला महाराजगंज में करा लिया। फिर वर्ष 2016 में बाराबंकी के लिए तबादला करा लिया। इसी तरह उसके बेटे आदिशक्ति को मनोज गुप्ता ने वर्ष 2010 में बाराबंकी में शिक्षक पद पर रविशंकर त्रिपाठी के नाम से नौकरी दिलाई। वर्ष 2015 में यह ड्यूटी से गायब हो गया लेकिन पर फिर वर्ष 2017 में पदभार संभाल लिया। फरारी माह का उसका अवकाश स्वीकृत कर दिया गया।
बीएसए बोले- विभाग में चल रही थी कार्रवाई
बीएसए वीपी सिंह ने बताया कि पकड़े गए जयकृष्ण उर्फ गिरिजेश त्रिपाठी ने आंबेडकरनगर के निवासी जयकृष्ण के शैक्षिक अभिलेखों का प्रयोग किया था। वास्तविक जयकृष्ण गोंडा के नवाबगंज ब्लॉक में शिक्षक हैं। उसके अभिलेख डुप्लिकेट तैयार किए गए थे। वेतन के लिए फर्जी आधार व पैनकार्ड तैयार कराए गए। जयकृष्ण को जब निलंबित किया गया तो उसने हाई कोर्ट में शरण ली।
कोर्ट ने जांच के आदेश दिए तो दो बीईओ की कमिटी ने भी शैक्षिक अभिलेखों पर संदेह जताया तो अगस्त 2019 में निलंबन अवधि का भत्ता भुगतान रोक दिया गया। इधर, विभाग ने नवनीता, सुरेंद्र व वेदप्रकाश को पहले से बर्खास्तगी की नोटिस दे रखी है।
गैंग लीडर सहित 10 अब भी नौकरी मे
पूछताछ में सामने आया कि फर्जीवाड़े का गैंग लीडर मनोज गुप्ता व उसका साथी ओंकार पांडेय उर्फ कमलेंद्र फर्जी अभिलेख से बलरामपुर व महाराजगंज में शिक्षक पद पर नौकरी कर रहे हैं। इसी तरह महाराजगंज में अनुपम दूबे, सुभाष पांडेय, गोरखपुर में गुजेश्वर पांडेय, दुर्गावती तिवारी नौकरी कर रही हैं। इसी तरह से बाराबंकी के हैदरगढ़ ब्लॉक में आशुतोष सिंह, वेदप्रकाश सिंह, सुरेंद्र नाथ व मसौली ब्लॉक में नवनीता यादव नौकरी कर रही हैं।
एसटीएफ ने छापेमारी कर पिता-पुत्र को गिरफ्तार किया
Friday, November 1, 2019
Monday, October 7, 2019
Saturday, September 28, 2019
Thursday, September 26, 2019
Saturday, September 14, 2019
Wednesday, July 24, 2019
Saturday, July 20, 2019
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