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Sunday, October 31, 2021

गोण्डा : कोर्ट आर्डर के बाद प्रा0शि0संघ की मांग पर जिलाधिकारी की सहमति अनुसार शिक्षकों को बीएलओ ड्यूटी से मुक्त करने का आदेश जारी

गोण्डा : कोर्ट आर्डर के बाद प्रा0शि0संघ की मांग पर जिलाधिकारी की सहमति अनुसार शिक्षकों को बीएलओ ड्यूटी से मुक्त करने का आदेश जारी



Fortified rice in Mid-Day Meal : मिड डे मील के तहत बच्चों को मिलेगा फोर्टिफाइड चावल, केंद्र ने राज्य सरकारों को दिया ये निर्देश

Fortified rice in Mid-Day Meal : मिड डे मील के तहत बच्चों को मिलेगा फोर्टिफाइड चावल, केंद्र ने राज्य सरकारों को दिया ये निर्देश


Fortified rice in Mid-Day Meal: सरकारी स्कूलों में अब मिड डे मील योजना के तहत बच्चों की अच्छी सेहत के लिए फोर्टिफाइड चावल परोसा जाएगा. इसके लिए केंद्र सरकार ने राज्यों को स्टॉक जमा करने को कहा है.


            मिड-डे मील में मिलेगा फोर्टिफाइड चावल


Fortified rice in Mid-Day Meal: अब देशभर में चल रहे सभी सरकारी स्कूलों में मिड डे मील योजना के तहत सामान्य चावल के बजाय फोर्टिफाइड चावल बच्चों के लिए परोसा जाएगा. केंद्र सरकार ने पर्याप्त स्टॉक होने के बाद बच्चों के लिए मध्याह्न भोजन में फोर्टिफाइड चावल के उपयोग को हरी झंडी दिखा दी है, इशके साथ ही राज्यों को इसके उपयोग में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं.


राज्यों को फोर्टिफाइड चावल के स्टॉक को बढ़ाने के निर्देश
 
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने 20 अक्टूबर को इस मुद्दे पर राज्यों को पत्र लिखा था. अपने पत्र में खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग से भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के गोदामों से विशेष रूप से मिड डे मील के लिए फोर्टिफाइड चावल की खेप लाने को कहा था. स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग के संयुक्त सचिव आरसी मीणा ने राज्य के शिक्षा सचिवों को फोर्टिफाइड चावल के स्टॉक को बढ़ाने के लिए कहा गया है. 

अंग्रेजी अखबार के मुताबिक सितंबर में मिड डे मील का नाम बदलकर पीएम पोशन कर दिया गया था. इस साल स्वतंत्रता दिवस के भाषण में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की थी कि 2024 तक राशन की दुकानों और मध्याह्न भोजन और एकीकृत बाल विकास योजना (ICDS) के तहत केवल फोर्टिफाइड चावल वितरित किए जाएंगे, जिसमें बच्चों और स्तनपान कराने वाली माताओं को शामिल किया गया है.


सरकार कर रही फोर्टिफाइड चावल आवंटित 

सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार पीएम पोषण और आईसीडीएस योजनाओं के तहत क्रमशः 1.05 और 6.36 एलएमटी (लाख मीट्रिक टन) फोर्टिफाइड चावल आवंटित किए गए हैं, लेकिन राज्यों द्वारा अब तक क्रमश: 0.57 एलएमटी और 2.09 एलएमटी ही लिया गया है. अक्टूबर-मार्च अवधि के लिए पीएम पोषण के तहत चावल का कुल आवंटन 13.9 एलएमटी है.

एफसीआई ने केंद्र को जानकारी दी है कि 'हालांकि पर्याप्त मात्रा में फोर्टिफाइड चावल उपलब्ध है, लेकिन शिक्षा मंत्रालय के निर्देशों की कमी के कारण राज्य अपना हिस्सा नहीं ले रहे हैं.' एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जहां पीएम मोदी ने फोर्टिफाइड चावल के पूर्ण कवरेज के लिए समय सीमा 2024 निर्धारित की है, वहीं मंत्रालय लक्ष्य को जल्द से जल्द पूरा करने की कोशिश कर रहा है

CTET 2021: जल्द बदलें केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा शहर, 3 नवंबर तक विंडो ओपेन रहने की CBSE ने की थी घोषणा

CTET 2021:  जल्द बदलें केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा शहर, 3 नवंबर तक विंडो ओपेन रहने की CBSE ने की थी घोषणा



CTET 2021 जिन उम्मीदवारों ने केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटीईटी) 2021 के लिए पहले आवेदन किया है और पहले से चुने गये परीक्षा शहर में बदलाव करना चाहते हैं वे सीटीईटी परीक्षा पोर्टल ctet.nic.in जाकर संशोधन कर सकते हैं।


सीबीएसई ने एग्जाम सिटी बदलने के लिए अप्लीकेशन विंडो 3 नवंबर 2021 तक ओपेन रखने की घोषणा की है।


नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। CTET 2021: केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटीईटी) की एग्जाम सिटी में संशोधन करने के लिए अप्लीकेशन विंडो आज, 28 अक्टूबर 2021 से फिर से ओपेन करने की घोषणा केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) द्वारा की गयी है। जिन उम्मीदवारों ने सीटीईटी दिसंबर 2021 परीक्षा के लिए पहले आवेदन किया है और पहले से चुने गये परीक्षा शहर में बदलाव करना चाहते हैं, वे परीक्षा पोर्टल, ctet.nic.in जाकर संशोधन कर सकते हैं। सीबीएसई ने एग्जाम सिटी बदलने के लिए अप्लीकेशन विंडो 3 नवंबर 2021 तक ओपेन रखने की घोषणा की है।



ऐसे बदले सीटीईटी 2021 एग्जाम सिटी
उम्मीदवारों को अपने परीक्षा शहर में संशोधन करने के लिए परीक्षा पोर्टल पर विजिट करने के बाद होम पेज पर ही दिये गये ‘अप्लाई फॉर सीटीईटी दिसंबर 2021’ पर क्लिक करना होगा। फिर नये पेज पर उम्मीदवारों को अपने अप्लीकेशन नंबर और पासवर्ड के विवरणों को भरकर लॉग-इन करना होगा। लॉग-इन के बाद उम्मीदवार अपने पहले से चुने गये परीक्षा शहर में बदलाव कर पाएंगे।


इस लिंक से करें सीटीईटी 2021 अप्लीकेशन के लिए लॉग-इन
बता दें सीबीएसई ने दिसंबर 2021 की केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा के लिए लेह में बनाये गये एक अतिरिक्त परीक्षा केंद्र की घोषणा करते हुए 18 अक्टूबर 2021 को जारी नोटिस में एग्जाम सिटी चेंज और अप्लीकेशन करेक्शन का अवसर देने की बात कही थी। इससे पहले, सीटीईटी परीक्षा के लिए आवेदन 20 सितंबर को शुरू हुए थे और आवेदन बढ़ी हुई तारीख 25 अक्टूबर 2021 तक स्वीकार किये गये थे।



दिसंबर और जनवरी में होगी परीक्षा
सीबीएसई ने सेंट्रल टीचर इलिबिलिटी टेस्ट के दिसंबर 2021 एडिशन का आयोजन किये जाने की तारीख की घोषणा पहले ही कर दी है। बोर्ड द्वारा परीक्षा का आयोजन 16 दिसंबर से 13 जनवरी तक अलग-अलग तिथियों पर किया जाएगा। हालांकि, सीबीएसई ने परीक्षा में सम्मिलित होने के लिए रजिस्ट्रेशन किये उम्मीदवारों के एडमिट कार्ड डाउनलोड शुरू होने की तिथि घोषित नहीं की है। ऐसे में कैंडिडेट परीक्षा पोर्टल पर समय-समय पर विजिट करते रहें।

नवोदय विद्यालयों में सत्र 2022-23 में कक्षा 9 में प्रवेश हेतु आवेदन की तिथि बढ़ी, देखें विज्ञप्ति

नवोदय विद्यालयों में सत्र 2022-23 में कक्षा 9 में प्रवेश हेतु आवेदन की तिथि बढ़ी, देखें विज्ञप्ति

नवोदय विद्यालय समिति ने 9वीं कक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन की तारीख आगे बढ़ाई, नई डेट करें चेक


JNV Class 9 Admissions 2021: नवोदय विद्यालय समिति (Navodaya Vidyalaya Samiti, NVS) ने 9वीं कक्षा में दाखिले के इच्छुक छात्र-छात्राओं के लिए अहम सूचना जारी की है। इसके मुताबिक,एनवीएस ने जेएनवी कक्षा 9 प्रवेश 2021 के लिए रजिस्ट्रेशन तिथि को बढ़ा दिया है। इसके अनुसार, जवाहर नवोदय विद्यालय सेलेक्शन टेस्ट (JNVST 2021) 2021 लेटरल एंट्री टेस्ट के लिए कक्षा 9 प्रवेश के लिए पंजीकरण करने की अंतिम तिथि काे बढ़ाकर 15 नवंबर, 2021 तक कर दिया गया है। अब ऐसे में जो भी छात्र-छात्राएं इस परीक्षा के लिए ऑनलाइन अप्लाई करना एनवीएस की आधिकारिक साइट के माध्यम से ऑनलाइन nvsadmissionclassnine.in पंजीकरण कर सकते हैं।




नवोदय विद्यालय समिति की ओर से जारी सूचना के मुताबिक 9वीं कक्षा में दाखिले के लिए केवल वे उम्मीदवार आवेदन कर सकते हैं, वे जिस जिले में नवोदय विद्यालय है, वहां रहने वाले स्टूडेंट्स जिन्होंने किसी सरकारी या सरकारी मान्यता प्राप्त स्कूल से 8वीं कक्षा तक की पढ़ाई की हो, वे यहां 9वीं के लिए अप्लाई कर सकते हैं। उम्मीदवार ध्यान रखें कि अप्लाई करते समय आवेदन फॉर्म को अच्छी तरह पढ़ लें और उसके बाद ही अप्लाई करें, क्योंकि फॉर्म में गड़बड़ी होने पर आवेदन पत्र रिजेक्ट कर दिया जाएगा। 


JNV Class 9 Admissions 2021: 9वीं कक्षा के लिए ऐसे करें ऑनलाइन आवेदन

9वीं कक्षा के लिए छात्र-छात्राओं को सबसे पहले नवोदय विद्यालय की आधिकारिक साइट navodaya.gov.in पर जाएं। इसके बाद, होम पेज पर उपलब्ध जेएनवी कक्षा 9 प्रवेश 2021 टेस्ट लिंक पर क्लिक करें। इसके बाद एक नया पेज खुलेगा, जहां उम्मीदवार अपना पंजीकरण कराएंगे या खाते में लॉग इन करेंगे। आवेदन पत्र भरें और आवेदन शुल्क का भुगतान करें। एक बार हो जाने के बाद सबमिट पर क्लिक करें। आपका आवेदन जमा कर दिया गया है। पुष्टिकरण पृष्ठ डाउनलोड करें। आगे की जरूरत के लिए उसी की एक हार्ड कॉपी अपने पास रखें।



जवाहर नवोदय विद्यालयों में कक्षा 9 वीं में रिक्त सीटों के लिए समानान्तर प्रवेश परीक्षा 2022 की ऑनलाइन आवेदन फार्म भरने की तिथि को अब 15 नवम्बर 2021 तक बढ़ा दिया गया है।

पूर्व में ऑनलाईन आवेदन की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर 2021 निर्धारित की गई थी। जिसे अब बढ़ाकर 15 नवम्बर 2021 कर दिया गया है। ऑनलाईन आवेदन एवं रिक्तयों की जानकारी जवाहर नवोदय विद्यालय की वेबसाईट पर उपलब्ध है।


कक्षा 8 वीं में अध्ययनरत विद्यार्थी वेबसाइट https://www.nvsadmissionclassnine.in/nvs/homepaghttps://navodaya.gov.in/nvs/en/Home1  में जाकर आवेदन कर सकते है।

गोरखपुर : बेसिक शिक्षा विभाग के लिए सिरदर्द साबित हो रहा डीबीटी, दो सौ खाते निष्क्रिय, साढ़े तीन हजार आधार का ब्योरा ढूंढ रहा महकमा

दो सौ खाते निष्क्रिय, साढ़े तीन हजार आधार का ब्योरा ढूंढ रहा महकमा

 गोरखपुर बेसिक शिक्षा विभाग के लिए डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) सिरदर्द साबित हो रहा है। शासन डीबीटी एप पर बच्चों का ब्योरा पूर्ण करने पर जोर दे रहा है। जबकि तकनीकी परेशानी व खातों की निष्क्रियता विभाग के लिए परेशानी का सबब बनी हुई हैं।

शासन स्तर से भी यह फैसला हो चुका है कि यह धनराशि केवल उन्हीं खातों में भेजी जाएगी, जिनमें पिछले दो महीने में लेनदेन हुआ हो। निष्क्रिय खातों में धनराशि नहीं भेजी जाएगी।

जनपद में कक्षा एक से आठ तक के कुल 3.34 लाख विद्यार्थियों के अभिभावकों के खाते में डीबीटी के जरिए स्कूल

बैग, यूनीफार्म व जूता-मोजा के लिए ग्यारह सौ रुपये प्रति छात्र धनराशि स्थानांतरित की जानी है।

सत्यापन में जिले में लगभग दो सौ अभिभावकों के बैंक खाते निष्क्रिय मिल हैं। जबकि साढ़े तीन हजार आधार कार्ड ऐसे पाए गए हैं जिनका सही ब्योरा अभी तक विभाग को उपलब्ध नहीं हो सका है, जिसके कारण इनके खातों में धनराशि स्थानांतरित करना संभव नहीं है।

योजना के तहत जिले में महज दो लाख छात्रों के ब्योरे का ही सत्यापन हो सका है, जिसमें से 1.20 लाख छात्रों के अभिभावकों के खाते में धनराशि स्थानांतरण की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। शेष का आधार प्रमाणीकरण हो रहा है।

जिन अभिभावकों के खाते निष्क्रिय हैं शिक्षक उनसे संपर्क कर खाता सक्रिय कराने के लिए प्रयासरत हैं। जिनके आधार का सही ब्योरा अभी तक उपलब्ध नहीं हो सका है उसके लिए भी निर्देशित कर दिया गया है। जल्द ही पोर्टल पर फीडिंग का कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा। रमेंद्र कुमार सिंह, बीएसए

शिक्षक भर्ती मामले में हाईकोर्ट का अहम फैसला, कहा- आवेदन की अंतिम तिथि को नियुक्ति की अर्हता जरूरी

शिक्षक भर्ती मामले में हाईकोर्ट का अहम फैसला, कहा- आवेदन की अंतिम तिथि को नियुक्ति की अर्हता जरूरी

आवेदन पत्र की अंतिम तिथि के दिन अभ्यर्थी का अर्ह होना जरूरी- हाईकोर्ट


इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक निर्णय में कहा है कि शिक्षकों की भर्ती के आवेदन पत्र की अंतिम तिथि के दिन अभ्यर्थी का अर्ह होना चाहिए। अंतिम तिथि के बाद यदि कोई अभ्यर्थी बैकपेपर से बीटीसी पास होता है तो वह शिक्षक की नियुक्ति के लिए अर्ह नहीं है। कोर्ट ने कहा कि बैकपेपर से बीटीसी पास होने का मतलब यह कदापि नहीं हो सकता कि अभ्यर्थी को भूतलक्षी प्रभाव से शिक्षक पद के लिए अर्ह माना जाए।

यह निर्णय न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने शिक्षक भर्ती की अभ्यर्थी अंजली सिंह की याचिका को खारिज करते हुए दिया है। याचिका में याची ने सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति की मांग की थी। याची की नियुक्ति की मांग पर इस आधार पर अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया क्योंकि उसके पास आवेदन पत्र प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि 22 दिसम्बर 2018 तक बीटीसी पास होने की निर्धारित योग्यता नहीं थी। याची ने बैकपेपर से बीटीसी परीक्षा 2019 में पास की। 

याची का कहना था कि पांच मार्च 2021 के शासनादेश में यह व्यवस्था दी गई है कि बीटीसी के नम्बर में किसी भी प्रकार का परिवर्तन जो बैकपेपर से होगा, अधिकारी उसका भी संज्ञान लेंगे जबकि याची की इस मांग को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी शाहजहांपुर ने पहले ही मानने से यह कहते हुए इनकार कर दिया था कि याची को पांच मार्च 2021 के शासनादेश का लाभ नहीं मिल सकता।

हाईकोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि कानून का प्रतिपादित सिद्धांत है कि किसी भी अभ्यर्थी के योग्यता का परीक्षण प्रार्थना पत्र देने की अंतिम तिथि तक होना चाहिए। याची शिक्षक के लिए आवेदन पत्र प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि 22 दिसम्बर 2018 तक बीटीसी की योग्यता नहीं रखती थी। हाईकोर्ट ने कहा कि केवल इस आधार पर कि याची बैकपेपर से बीटीसी परीक्षा पास हो गई है, इसका मतलब यह नहीं कि उसे भूतलक्षी प्रभाव से शिक्षक पद के लिए अर्ह माना जाए।


प्रयागराज : इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि अध्यापक भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने के लिए आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि को अभ्यर्थी पद के लिए अर्ह होना चाहिए। 


अंतिम तिथि के बाद यदि कोई अभ्यर्थी बैकपेपर से बीटीसी पास होता है तो वह नियुक्ति के लिए अर्ह नहीं है। बैकपेपर से बीटीसी पास होने का मतलब यह कदापि नहीं हो सकता कि अभ्यर्थी को भूतलक्षी प्रभाव से टीचर पद के लिए अर्ह माना जाय। 


यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने अंजली सिंह की याचिका को खारिज करते हुए दिया है। याची ने सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति की मांग की थी। याची की नियुक्ति की मांग पर इस आधार पर अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया, क्योंकि उसके पास प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि 22 दिसंबर, 2018 तक बीटीसी पास होने की निर्धारित योग्यता नहीं थी।


 याची ने बैकपेपर से बीटीसी परीक्षा 2019 में उत्तीर्ण की। याची का कहना था कि शासनादेश पांच मार्च 2021 में यह व्यवस्था दी गई है कि बीटीसी के नंबर में किसी भी प्रकार का परिवर्तन जो बैक पेपर से होगा, उसका भी अधिकारी संज्ञान लेंगे। 


जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी शाहजहांपुर ने कहा कि याची को शासनादेश पांच मार्च 2021 का लाभ नहीं मिल सकता। पीठ ने कहा कि प्रतिपादित सिद्धांत है कि किसी भी अभ्यर्थी के योग्यता का परीक्षण प्रार्थना पत्र देने की अंतिम तिथि तक होना चाहिए। याची प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि 22 दिसम्बर, 2018 तक बीटीसी की योग्यता नहीं रखती थी।

Saturday, October 30, 2021

UPTET 2021 : 21.62 लाख अभ्यर्थियों ने किया आवेदन, 28 नवंबर को परीक्षा

UPTET 2021 : 21.62 लाख अभ्यर्थियों ने किया आवेदन, 28 नवंबर को परीक्षा


उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपी टीईटी) 2021 में कुल 21 लाख 62 हजार 287 अभ्यर्थी शामिल होंगे। इसमें आठ लाख 10 हजार 201 अभ्यर्थी ऐसे हैं, जिन्होंने प्राथमिक और उच्च प्राथमिक दोनों स्तर की परीक्षा में सम्मिलित होने के लिए आवेदन किया है। परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय को कुल 13 लाख 52 हजार 86 आवेदन मिले हैं। परीक्षा 28 नवंबर को दो पालियों में कराई जाएगी।


उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा के लिए सात अक्टूबर से आनलाइन आवेदन आमंत्रित किए गए। पंजीकरण के लिए अंतिम तारीख 25 अक्टूबर निर्धारित थी। इसी बीच हाई कोर्ट में दायर संदीप मिश्रा व चार अन्य की याचिका में पारित 22 अक्टूबर के आदेश के अनुपालन में राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआइओएस) से डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजूकेशन (डीएलएड) प्रशिक्षण प्राप्त अभ्यर्थियों को औपबंधिक रूप से सम्मिलित करते हुए एक दिन की तारीख बढ़ा दी गई। शुल्क जमा करने और फोटो अपलोड कर आवेदन करने की अंतिम तिथि 28 अक्टूबर तक कुल 13 लाख 52 हजार 86 अभ्यर्थियों ने आवेदन पूर्ण किया है।



परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव संजय कुमार उपाध्याय के मुताबिक परीक्षा केंद्र को अंतिम रूप दिया जा रहा है। परीक्षा दो पाली में संपन्न होगी। सुबह 10 से दोपहर 12:30 बजे तक की पहली पाली की परीक्षा में प्राथमिक स्तर में आवेदन करने वाले अभ्यर्थी शामिल होंगे। दोपहर 2:30 से 5:00 बजे तक होने वाली दूसरी पाली की परीक्षा में उच्च प्राथमिक स्तर के अभ्यर्थी सम्मिलित होंगे।

डेढ़ सौ राजकीय शिक्षिकाओं को पदोन्नति का दीवाली गिफ्ट

डेढ़ सौ राजकीय शिक्षिकाओं को पदोन्नति का दीवाली गिफ्ट


 प्रयागराज: माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने प्रवक्ता पद पर पदोन्नति पाई करीब डेढ़ सौ राजकीय शिक्षिकाओं की पदस्थापना कर दीवाली का तोहफा दिया है। विभागीय पदोन्नति (डीपीसी) मिलने के बाद भी आठ माह से पदस्थापन लटका हुआ था। शुक्रवार को अपर शिक्षा निदेशक (राजकीय) डा. अंजना गोयल ने आदेश जारी किया।


 डीपीसी होने के बावजूद पदोन्नति न किए जाने का मामला पिछले दिनों राजकीय माध्यमिक शिक्षक संघ की प्रांतीय अध्यक्ष छाया शुक्ला और महामंत्री रामेश्वर प्रसाद पाण्डेय ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक विनय कुमार पाण्डेय के समक्ष भी उठाया था। 


पिछले दिनों 794 सहायक अध्यापकों की डीपीसी बैठक में हिस्सा लेने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग आए माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने पदोन्नति पाई इन 150 महिला अध्यापकों की प्रवक्ता पद पर पदस्थापना को लेकर निदेशालय में वार्ता की थी। 


शुक्रवार को अपर निदेशक ने रिक्त पदों के सापेक्ष पदस्थापना आदेश जारी कर दिया। इसमें अधिकांश शिक्षिकाओं की पदस्थापना तैनाती वाले जिले में ही की गई है, हालांकि विद्यालय बदल गए हैं। 


प्रवक्ता पद पर पदस्थापना पाईं शिक्षिकाएं अंग्रेजी, भौतिक विज्ञान, उर्दू, जीव विज्ञान, भूगोल, गणित विषय की है। अपर निदेशक ने पदोन्नति प्राप्त शिक्षिकाओं को निर्देशित किया है कि वह अपने वर्तमान पद के प्रभार से अवमुक्त होकर पदोन्नत पद पर अविलंब प्रभार ग्रहण करें। 


इसके अलावा पदोन्नति स्वीकार न करने की दशा में अपनी असहमति की सूचना मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक के माध्यम से उपलब्ध कराएं। साथ ही इसकी एक प्रति डाक के माध्यम से 15 दिन के भीतर शिक्षा निदेशालय प्रयागराज के शिक्षा नियुक्ति (2) अनुभाग को अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।

तबादला न करने वालों पर कार्रवाई के फिर आदेश, अब महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने दिया कार्रवाई का आदेश, अफसर न कर सके तबादला आदेश जारी

तबादला न करने वालों पर कार्रवाई के फिर आदेश, अब महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने दिया कार्रवाई का आदेश

शिक्षा विभाग के कार्यालयों में समूह ‘ग’ के कार्मिक वर्षों से जमे, तीसरे साल भी अफसर न कर सके तबादला आदेश जारी



 लखनऊ : शिक्षा विभाग के कार्यालयों में समूह ‘ग’ के कार्मिक वर्षों से जमे हैं, तीसरे साल उनका तबादला नहीं हो सका है। वार्षिक स्थानांतरण के समय अफसर व पटल सहायकों ने मिलकर तबादला आदेश जारी ही नहीं किए। शासन की सख्ती के बाद महानिदेशक स्कूल शिक्षा अनामिका सिंह ने विलंब के लिए दोषी अधिकारी व कर्मचारियों पर कार्रवाई करने का आदेश दिया है। शिक्षा निदेशालयों के अलावा मंडल व जिला मुख्यालयों के कार्यालयों पर समूह ‘ग’ के करीब चार हजार से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं।


अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला ने आठ, 14 जुलाई व 27 अगस्त को आदेश दिया था कि माध्यमिक व बेसिक शिक्षा कार्यालयों के कार्मिकों का स्थानांतरण किया जाए। निदेशालय ने इस संबंध में तबादला आदेश जारी ही नहीं किया। अपर शिक्षा निदेशक बेसिक शिक्षा के निर्देश पर भी तबादला सूची नहीं बनी। उन्होंने पटल सहायकों पर कार्रवाई करने के लिए लिखा तो उस भी कुछ नहीं हुआ।


■ वार्षिक स्थानांतरण में अफसर व कार्मिकों ने मिलकर समूह ‘ग’ के तबादले किए ही नहीं

■ अब महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने दिया कार्रवाई का आदेश


इधर, अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा ने निर्देश दिया कि तबादला न होने के दोषी अधिकारी व कर्मियों पर कार्रवाई की जाए, इस आदेश के चंद दिन बाद ही माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने समूह ‘ग’ के तबादला करने का आदेश दिया, हालांकि दोनों आदेश पर कुछ नहीं किया गया। अब महानिदेशक स्कूल शिक्षा अनामिका ने शिक्षा निदेशक बेसिक व अपर शिक्षा निदेशक बेसिक शिक्षा को निर्देश दिया है कि इस मामले में दोषी कार्मिकों से स्पष्टीकरण लेकर कार्रवाई करके शासन को अवगत कराया जाए।

अम्बेडकरनगर : कस्तूरबा विद्यालयों में रिक्त पदों पर नियुक्ति हेतु विज्ञप्ति जारी।

अम्बेडकरनगर : कस्तूरबा विद्यालयों में रिक्त पदों पर नियुक्ति हेतु विज्ञप्ति जारी।



शिक्षामित्रों और अनुदेशकों को दीपावली पर भी नहीं मिलेगा बढ़ा मानदेय, सरकार ने अनुपूरक बजट में मानदेय बढ़ाने की थी घोषणा

शिक्षामित्रों और अनुदेशकों को दीपावली पर भी नहीं मिलेगा बढ़ा मानदेय, सरकार ने अनुपूरक बजट में मानदेय बढ़ाने की थी घोषणा



लखनऊ : बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में कार्यरत डेढ़ लाख शिक्षामित्रों का मानदेय दीपावली पर नहीं बढ़ सका है। विभाग ने शिक्षामित्रों का अक्टूबर का मानदेय का भुगतान 10 हजार रुपये प्रति माह की दर से करने के लिए शुक्रवार को बजट जारी कर दिया है।


 परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में कार्यरत शिक्षामित्र सहायक अध्यापक पद का समायोजन रद होने के बाद से मानदेय बढ़ाने व नियमित करने की मांग कर रहे हैं। प्रदेश सरकार ने अगस्त के अनुपूरक बजट में शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाने की घोषणा की थी।


 राज्य परियोजना निदेशक अनामिका सिंह ने मानदेय भुगतान करने का आदेश जारी किया है। बेसिक शिक्षा अधिकारियों को 133 करोड़ 64 लाख 60 हजार रुपये का बजट भेज दिया है। आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष जितेंद्र शाही ने कहा कि शिक्षामित्र लंबे समय से मानदेय बढ़ने की राह देख रहे हैं, सरकार की घोषणा पर अमल नहीं हो सका है।

कोरोना व DBT का असर : सरकारी स्कूलों में 10 लाख से ज्यादा विद्यार्थी बढ़े

कोरोना व DBT का असर : सरकारी स्कूलों में 10 लाख से ज्यादा विद्यार्थी बढ़े

बैंक खाते के धन ने लुभाया,बेसिक स्कूलों में 10 लाख बढ़े छात्र-छात्राएं


लखनऊ : प्राथमिक विद्यालयों में कक्षा आठ तक पढ़ने वाले छात्र-छात्रओं को मुफ्त में यूनीफार्म, स्कूल बैग, स्वेटर व जूते मोजे दिए जाते रहे हैं लेकिन, बैंक खाते में धन भेजने का असर दिखना शुरू हो गया है। सरकारी व सहायताप्राप्त स्कूलों के 1.20 करोड़ विद्यार्थियों को डीबीटी का लाभ तुरंत मिलेगा, क्योंकि इन अभिभावकों का डाटा सत्यापित हो चुका है। वहीं, कोरोना संक्रमण और डीबीटी के फैसले के चलते प्रदेश के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में 10 लाख से ज्यादा विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया है।

कोरोना संक्रमण के कारण सरकारी स्कूलों में नामांकन बढ़ रहा है वहीं, डीबीटी के फैसले के बाद सहायता प्राप्त स्कूलों से सरकारी स्कूलों में भी बच्चे आ रहे हैं।


लखनऊ : सरकारी व एडेड स्कूलों के 1.20 करोड़ विद्यार्थियों को डीबीटी का लाभ तुरंत दिया जाएगा। 1.85 करोड़ में से 1.20 करोड़ विद्यार्थियों के अभिभावकों का डाटा सत्यापित किया जा चुका है। वहीं इस वर्ष कोरोना संक्रमण और डीबीटी के फैसले के चलते प्रदेश के सरकारी प्राइमरी व जूनियर स्कूलों में 10 लाख से ज्यादा विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया है। प्रदेश के सरकारी व एडेड स्कूलों में 1.85 करोड़ बच्चे नामांकित हैं।


कोरोना संक्रमण के कारण सरकारी स्कूलों में नामांकन बढ़ा लेकिन इससे भी ज्यादा डीबीटी के फैसले के बाद सहायता प्राप्त स्कूलों से सरकारी स्कूलों में भी बच्चे शिफ्ट हुए हैं। सरकारी स्कूलों में पिछले वर्ष लगभग 1.58 करोड़ बच्चे थे लेकिन अभी तक 2021-22 में लगभग 1.70 करोड़ बच्चों का नामांकन हो चुका है। नामांकन की प्रक्रिया अब भी जारी है। कोरांव-प्रयागराज के कम्पोजिट स्कूल में नामांकन में 20 फीसदी की वृद्धि हुई है। वहीं कानपुर देहात के जूनियर स्कूल में पिछले वर्ष 100 बच्चे थे लेकिन इस वर्ष संख्या बढ़कर 150 हो गई है। अब भी रोज पांच से छह बच्चे सरकारी स्कूलों में आ रहे हैं।


इसके पीछे कारण यह है कि यूनिफार्म का वितरण सरकारी व सहायता प्राप्त सभी स्कूलों के विद्यार्थियों को किया जाता है लेकिन जूता-मोजा, स्कूल बैग, स्वेटर केवल सरकारी स्कूल के विद्यार्थियों को दिया जाता है। एडेड स्कूल के विद्यार्थियों को यूनिफार्म के लिए सिर्फ 600 रुपए दिया जाएगा, वहीं सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को 1100 रुपए दिया जाएगा।

■ 1100 रुपये की धनराशि मिलेगी-

● -दो जोड़ा यूनिफार्म- 600 रुपये
● -एक जोड़ा जूता व मोजा-125 रुपये

● -स्वेटर-200 रुपये
● -स्कूल बैग-175 रुपये

Friday, October 29, 2021

Basic Education : घूस के लिए शिक्षक के GPF लोन की फाइल अटकाना पड़ा भारी, आगरा में 8 हजार की रिश्‍वत लेते BEO गिरफ्तार

Basic Education : घूस के लिए शिक्षक के GPF लोन की फाइल अटकाना पड़ा भारी, आगरा में 8 हजार की रिश्‍वत लेते BEO गिरफ्तार


● विजिलेंस टीम ने प्रधानाध्यापक की शिकायत पर रंगे हाथ दबोचा
● जीपीएफ से पांच लाख रुपये ऋण स्वीकृति के लिए मांगी थी रकम


बेसिक शिक्षा विभाग में शमसाबाद ब्लाक में तैनात खंड शिक्षा अधिकारी ब्रजराज सिंह बुधवार को आठ हजार रुपये रिश्वत लेते पकड़े गए। विजिलेंस टीम ने तुलसी सिनेमा के पास एक रेस्टोरेंट के बाहर से उन्हें दबोचा।

प्रा. विद्यालय लहर पट्टी ब्लॉक शमसाबाद के प्रधानाध्यापक भैरोंनाथ सिंह ने जीपीएफ से पांच लाख ऋण के लिए आवेदन किया था। रिश्वत नहीं देने पर उनकी फाइल गायब कर दी गई थी। उन्होंने दोबारा आवेदन किया था। शिक्षक की शिकायत पर रात करीब 8.30 बजे विजिलेंस ने ब्रजराज सिंह को दबोचा।


बेसिक शिक्षा विभाग में शमसाबाद ब्लाक में तैनात खंड शिक्षा अधिकारी ब्रजराज सिंह बुधवार को आठ हजार रुपये रिश्वत लेते पकड़े गए। विजिलेंस टीम ने तुलसी सिनेमा के पास एक रेस्टोरेंट के बाहर से उन्हें दबोचा। प्राथमिक विद्यालय लहर पट्टी ब्लॉक शमसाबाद में कार्यरत प्रधानाध्यापक भैरोंनाथ सिंह ने उनके खिलाफ शिकायत की थी। उन्होंने अपने जीपीएफ से पांच लाख रुपये ऋण के लिए आवेदन किया था। चढ़ावा नहीं देने पर उनकी फाइल गायब कर दी गई थी। उन्होंने दोबारा आवेदन किया था।


रात करीब साढ़े आठ बजे विजिलेस टीम ने ब्रजराज सिंह को दबोचा। विजिलेंस टीम ने उन्हें दबोचे के लिए जाल बिछाया था। शिकायत करने वाले भैरोंनाथ ने रिश्वत देने के लिए संपर्क किया था। आरोप है कि ब्रजराज सिंह ने उन्हें तुलसी सिनेमा के पास एक रेस्टेारेंट में बुलाया। विजिलेंस टीम पहले ही वहां पहुंच गई। सादा वर्दी में आए पुलिस कर्मी इधर-उधर फैल गए। जैसे ही ब्रजराज सिंह ने रिश्वत की रकम अपने हाथ में ली वैसे ही टीम ने उन्हें दबेाच लिया। कार्रवाई से मौके पर अफरा-तफरी मच गई। पहले तो किसी की समझ में नहीं आया कि क्या हुआ है। भीड़ जुट गई। आनन-फानन में टीम उन्हें गाड़ी में बैठाकर सुभाष पार्क स्थित विजिलेंस कार्यालय ले गई। देर रात तक वहां लिखापढ़ी चली। विजिलेंस टीम में आधा दर्जन से अधिक सदस्य शामिल थे। एसपी विजिलेंस रवि शंकर निम ने कार्रवाई की पुष्टि की है। विजिलेंस थाने में ही आरोपित खंड शिक्षा अधिकारी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। उन्हें गुरुवार को मेरठ स्थित भ्रष्टाचार निवारण कोर्ट में पेश किया जाएगा।


एक माह रहा बीएसए का चार्ज

खण्ड शिक्षा अधिकारी ब्रजराज सिंह पर एक माह तक जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी का भी चार्ज रहा था। इस दौरान उनके खिलाफ कई शिकायतें हुई थीं। विजिलेंस टीम को ऐसे पीड़ित की तलाश थी जो हिम्मत करके आगे आए। ताकि आरोपित को रंगे हाथ पकड़ा जा सके। विजिलेंस टीम को मौका मिल गया। इस बार शिकायत करने वाले ने खुलकर सामने आने की हिम्मत दिखाई। इससे पूर्व शिकायत करने वाले सामने आने को तैयार नहीं थे।


एक निलंबन चर्चाओं में आया

ब्रजराज सिंह के पकड़े जाने की खबर बहुत तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हुई। ऐसा लगा जैसे कई लोगों को उनके पकड़े जाने का बेसब्री से इंतजार था। उन लोगों ने पूरा मैटर पहले ही बनाकर रख रखा था। ताकि उनके पकड़े जाते ही सबसे पहले सोशल मीडिया पर मैसेज वायरल किया जाए। ऐसा ही हुआ। उनके पकड़े जाने के चंद मिनट बाद ही सोशल मीडिया पर उनकी गिरफ्तारी की खबर वायरल हुई। विजिलेंस अधिकारी मौके पर यह तक बताने को तैयार नहीं थे कि किसे पकड़ा गया है। वे पहले लिखापढ़ी करने की बात बोल रहे थे। वहीं दूसरी तरफ विजिलेंस अधिकारियों के बताने से पहले ही सोशल मीडिया पर पूरा प्रकरण छा गया। उसमें यह तक उल्लेख था कि किसने शिकायत की थी। कितनी रिश्वत ली गई थी। किस काम के एवज में रिश्वत मांगी गई थी।


कार्रवाई के बाद यह चर्चा भी जोरों पर थी कि बीएसए के चार्ज के दौरान ब्रजराज सिंह ने एक शिक्षक का गुपचुप तरीके से निलंबन किया था। निलंबन आदेश अपने पास छिपाकर रखा था। जब वेतन बनने का समय आया तो शिक्षक का निलंबन आदेश लेखा विभाग में भिजवाया गया। उस आदेश की जानकारी के बाद ही एक गुट उनके खिलाफ हो गया। यह तय कर लिया कि उनके कारनामों को उजागर करना है। यह बताना है कि किस तरह रिश्वतखोरी हावी है। इस चर्चा में कितनी सच्चाई है यह तो जांच में ही पता चलेगी।


शिक्षा विभाग में हर काम पैसे से होता है

पिछले दिनों विजिलेंस को शिक्षा विभाग से संबंधित कई शिकायत मिली थीं। शिकायत करने वालों ने यहां तक बताया कि शिक्षा विभाग में कोई काम बिना रिश्वत दिए नहीं होता है। शिक्षकों से एरियर बिल, चिकित्सा अवकाश स्वीकृत, महिला शिक्षिकाओं से उनकी प्रसूतिकालीन व बाल्य देखभाल अवकाश, जीपीएफ से ऋण आदि की स्वीकृति भी पैसा देने के बाद होती है। हर काम का पैसा पहले से तय है।


रिश्वत नहीं देने पर फाइल हुई गायब

प्राथमिक विद्यालय लहर पट्टी ब्लॉक शमसाबाद में कार्यरत प्रधानाध्यापक भैरोंनाथ सिंह मकान बनवाने के लिए अपने जीपीएफ से पांच लाख रुपये ऋण का आवेदन किया था। आरोप है कि पैसा नहीं देने पर खंड शिक्षा अधिकारी के कार्यालय से फाइल ही गायब कर दी गई। जब भैरोंनाथ सिंह ने इस बारे में जानकारी की तो उन्हें बताया गया कि फाइल तो तभी स्वीकृत होगी जब पैसा मिल जाएगा। इसी से परेशान होकर भैरोंनाथ सिंह ने शिकायत की थी।

एसोसिएट प्रोफेसरों को दीपावली का बड़ा उपहार, प्रोन्नत होकर बन सकेंगे प्रोफेसर

एसोसिएट प्रोफेसरों को दीपावली का बड़ा उपहार, प्रोन्नत होकर बन सकेंगे प्रोफेसर


लखनऊ : प्रदेश सरकार ने महाविद्यालयों के एसोसिएट प्रोफेसरों को दीपावली का बड़ा उपहार दिया है। पहली बार डिग्री कालेजों के एसोसिएट प्रोफेसर प्रोन्नत होकर प्रोफेसर बन सकेंगे। ये व्यवस्था करीब 500 राजकीय व अशासकीय सहायताप्राप्त महाविद्यालयों में लागू करने का निर्णय लिया गया है।



उप मुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री से परामर्श करके प्रोन्नति के संबंध में निर्णय लिया है। नई व्यवस्था का लाभ ऐसे एसोसिएट प्रोफेसर को मिलेगा, जो शासनादेश जारी होने की तारीख या उसके बाद तय अर्हता पूरी करते हैं। इस अभूतपूर्व निर्णय से करीब 500 महाविद्यालयों के 4000 से अधिक एसोसिएट प्रोफेसर करियर एडवांसमेंट स्कीम के तहत प्रोफेसर के पद पर पदोन्नत हो सकेंगे।


अब प्रोफेसर के पद पर पदोन्नति के अलावा महाविद्यालय शिक्षक अन्य उच्चतर संस्थाओं के अहम पदों पर नियुक्ति पा सकते हैं। शिक्षक प्रोफेसर के पद पर नियुक्त होने के बाद देश के प्रतिष्ठित संस्थानों में नियुक्ति की अर्हता हासिल कर सकते हैं।

शिक्षकों-कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन बहाली सहित अन्य मांगों को लेकर दिया धरना

शिक्षकों-कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन बहाली सहित अन्य मांगों को लेकर दिया धरना


लखनऊ : प्रदेश भर में गुरुवार को शिक्षकों व कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन बहाली सहित 11 सूत्रीय मांगों को लेकर धरना दिया। सभी जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन कर डीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया। राजधानी में डीएम आवास के सामने सरोजनी नायडू पार्क में बड़ी संख्या में उपस्थित शिक्षक व कर्मचारियों ने नारेबाजी की और उम्मीद जताई कि सरकार उनकी मांगें जल्द पूरा करेगी। अगर ऐसा नहीं हुआ तो आगे आंदोलन और तेज किया जाएगा।


कर्मचारी, शिक्षक, अधिकारी एवं पेंशनर्स अधिकार मंच (उप्र) के प्रदेश अध्यक्ष डा. दिनेश चंद्र शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार शिक्षकों व कर्मचारियों की मांगों को लगातार नजरअंदाज कर रही है।


शिक्षा मित्रों और अनुदेशकों का अभी तक स्थायीकरण नहीं किया गया। कैशलेस चिकित्सा सुविधा का लाभ अभी तक नहीं दिया गया। कर्मचारियों के रिक्त पदों को पदोन्नति से भरे जाने की मांग भी अब तक पूरी नहीं हुई। शिक्षक नेता डा. आरपी मिश्र ने कहा कि सरकार हमारी मांगों को अनसुना कर आंदोलन की राह पर चलने को मजबूर कर रही है। मंच के जिलाध्यक्ष सुधांशु मोहन ने कहा कि शिक्षक व कर्मचारी अन्याय के खिलाफ एकजुट हैं और मांगें पूरी होने तक लड़ाई जारी रहेगी।

UP Scholarship 2021: यूपी सरकार ने छात्रवृत्ति के संबंध में लिया यह बड़ा फैसला, 50 लाख स्टूडेंट्स जानें कब तक आएगी अकाउंट में धनराशि

UP Scholarship 2021: यूपी सरकार ने छात्रवृत्ति के संबंध में लिया यह बड़ा फैसला, 50 लाख स्टूडेंट्स जानें कब तक आएगी अकाउंट में धनराशि




UP Scholarship 2021अब 3 दिसंबर तक संस्थाएं आवेदन पत्र को फॉरवर्ड करेगी। इसके बाद जनपदीय छात्रवृत्ति स्वीकृति समिति इनका निरीक्षण करेगी।फॉर्म का सत्यापन होने के बाद और सभी मानकों पर सही पाए जाने के बाद इन छात्र-छात्राओं के बैंक खाते में 28 दिसंबर तक छात्रवृत्ति की धनराशि भेज दी जाएगी।

UP Scholarship 2021: यूपी सरकार ने छात्रवृत्ति के संबंध में लिया यह बड़ा  फैसला, 50 लाख स्टूडेंट्स जानें कब तक आएगी अकाउंट में धनराशियूपी सरकार ने लगभग 50 लाख स्टूडेंट्स को बड़ी राहत दी है।

UP Scholarship 2021:यूपी सरकार ने लगभग 50 लाख स्टूडेंट्स को बड़ी राहत दी है। सरकार ने छात्रवृत्ति वितरण के संबंध में अहम फैसला लेते हुए दशमोत्तर छात्रवृत्ति के आनलाइन आवेदन करने की प्रक्रिया दोबारा शुरू करने की घोषणा की है। इसके मुताबिक, किसी भी कारणवश स्कॉलरशिप फॉर्म नहीं भर पाने वाले स्टूडेंट्स को एक और मौका दिया जाएगा। स्टूडेंट्स अब कल यानी कि 29 अक्टूबर, 2021 से 30 नवंबर तक स्कॉलरशिप फॉर्म भर सकेंगे। इन छात्र-छात्राओं को आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर अब ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इसके अलावा, पूर्व दशम छात्रवृत्ति के भी छूटे हुए छात्र-छात्राएं 29 अक्टूबर से 19 नवंबर तक आनलाइन आवेदन कर सकते हैं। दरअसल, राज्य सरकार यह चाहती है कि कोई भी स्टूडेंट्स स्कॉलरशिप से वंचित न रह जाए, इसलिए सरकार ने राहत दी है। फॉर्म भरते वक्त पूरी सावधानी के साथ भरें, क्योंकि फॉर्म में अधूरी जानकारी पाए जाने पर तो एप्लीकेशन रिजेक्ट कर दिया जाएगा। बता दें कि पहले ऑनलाइन एप्लीकेशन फॉर्म भरने की लास्ट डेट 25 अक्टूबर 2021 थी।

नए शेड्यूल के मुताबिक, अब 3 दिसंबर तक संस्थाएं आवेदन पत्र को फॉरवर्ड करेगी। इसके बाद जनपदीय छात्रवृत्ति स्वीकृति कमेटी इनका निरीक्षण करेगी। फॉर्म का सत्यापन होने के बाद और सभी मानकों पर सही पाए जाने के बाद इन छात्र-छात्राओं के बैंक खाते में अलग-अलग तिथियों में धनराशि भेजी जाएगी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक दूसरे चरण में कक्षा 9 और 10 के सभी छूटे छात्र-छात्राएं के बैंक खाते में 27 दिसंबर तक छात्रवृत्ति की धनराशि भेज दी जाएगी। इसके अलावा, कक्षा 11 और 12 व दशमोत्तर के छात्र-छात्राएं की स्कॉलरशिप दिसंबर के अंत में आ जाएगी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल 38.68 लाख स्टूडेंट्स ने स्कॉलरशिप के लिए अप्लाई किया था। हालांकि इस बार स्टूडेंट्स की संख्या में काफी इजाफा बताया जा रहा है। वहीं इस संबंध में ज्यादा जानकारी के लिए ऑफिशियल वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं।

Thursday, October 28, 2021

हाथरस : वित्तीय वर्ष 2020-21 में विकास खण्डवार कार्यरत रसोइयों के मानदेय भुगतान हेतु उपस्थिति के मिलान के सम्बन्ध में

हाथरस : वित्तीय वर्ष 2020-21 में विकास खण्डवार कार्यरत रसोइयों के मानदेय भुगतान हेतु उपस्थिति के मिलान के सम्बन्ध में


 

हाथरस : वित्तीय वर्ष 2020-21 की परिवर्तन लागत धनराशि छात्रों के बैंक खातों में प्रेषित न करने वाले बैंक ब्रांच की सूचना उपलब्ध कराने के सम्बन्ध में

हाथरस : वित्तीय वर्ष 2020-21 की परिवर्तन लागत धनराशि छात्रों के बैंक खातों में प्रेषित न करने वाले बैंक ब्रांच की सूचना उपलब्ध कराने के सम्बन्ध में


 

हाथरस : 30 सितम्बर 2021 की छात्र संख्या उपलब्ध कराने के सम्बन्ध में

हाथरस : 30 सितम्बर 2021 की छात्र संख्या उपलब्ध कराने के सम्बन्ध में








हाथरस : डीबीटी कार्य प्रारंभ न करने वाले 40 विद्यालयों के प्र0अ0 का वेतन अवरुद्ध करने एवं तत्काल कार्य पूर्ण करवाने का आदेश

हाथरस : डीबीटी कार्य प्रारंभ न करने वाले 40 विद्यालयों के प्र0अ0 का वेतन अवरुद्ध करने एवं तत्काल कार्य पूर्ण करवाने का आदेश






 

हाथरस : समस्त बीआरसी एवं विद्यालयों का वित्तीय वर्ष 2020-21 का वैधानिक ऑडिट सीए फर्म द्वारा कराए जाने के सम्बन्ध में

हाथरस : समस्त बीआरसी एवं विद्यालयों का वित्तीय वर्ष 2020-21 का वैधानिक ऑडिट सीए फर्म द्वारा कराए जाने के सम्बन्ध में





 

28 अक्टूबर को सभी जिला मुख्यालयों पर धरना देंगे शिक्षक और कर्मचारी, सरकार को बताया हितों के प्रति संवेदनहीन

28 अक्टूबर को सभी जिला मुख्यालयों पर धरना देंगे शिक्षक और कर्मचारी,  सरकार को बताया हितों के प्रति संवेदनहीन



बीएड की पूल काउंसिलिंग में 18305 अभ्यर्थियों को सीट आवंटित, 8 नवंबर से शुरू होगी डायरेक्ट काउंसिलिंग

बीएड की पूल काउंसिलिंग में 18305 अभ्यर्थियों को सीट आवंटित,  8 नवंबर से शुरू होगी डायरेक्ट काउंसिलिंग


लखनऊ। लखनऊ विवि द्वारा बीएड में दाखिले के लिए आयोजित की गई पूल काउसिलिंग का सीट आवंटन परिणाम बुधवार को जारी कर दिया गया। पूल काउंसिलिंग में कुल 18305 अभ्यर्थियों को बीएड महाविद्यालयों में सीट आवंटित किए गए। इन छात्रों को 30 अक्तूबर तक दाखिले की प्रक्रिया को पूरा करना होगा। अब 8 नवंबर से बीएड की बची हुई सीटों पर सीधी काउंसिलिंग की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।


संयुक्त प्रवेश परीक्षा बीएड की राज्य समन्वयक प्रो. अमीता बाजपेयी ने बताया कि पूल काउंसिलिंग में 23161 छात्रों ने पंजीकरण किया था। इनमें से 22993 छात्रों ने सीट लॉक की और 18305 छात्रों को सीट आवंटित हुई। 168 छात्र ऐसे थे जिन्होंने पंजीकरण तो कराया लेकिन सीट लॉक नहीं की। जिन छात्रों को सीट आवंटित हुई है उन्हें 30 अक्तूबर तक लविवि की वेबसाइट पर लॉगइन कर सीट आवंटन व पुष्टिपत्र डाउनलोड करना होगा। 

एडेड जूनियर भर्ती परीक्षा के प्रश्नों पर 754 आपत्तियां, 11 नवंबर तक संशोधित उत्तरमाला वेबसाइट पर जारी होने की उम्मीद

एडेड जूनियर भर्ती परीक्षा के प्रश्नों पर 754 आपत्तियां, 11 नवंबर तक संशोधित उत्तरमाला वेबसाइट पर जारी होने की उम्मीद

जूनियर हाईस्कूल भर्ती परीक्षा में करीब सौ उत्तरों पर आपत्ति


प्रयागराज : जूनियर हाईस्कूल प्रधानाध्यापक एवं सहायक अध्यापक पद के लिए हुई चयन परीक्षा-2021 की उत्तरमाला पर 754 अभ्यर्थियों ने आनलाइन आपत्ति दर्ज कराई है। वेबसाइट पर आपत्तियां दोनों पाली के प्रश्नपत्रों के उत्तरमाला पर आई हैं। इसमें प्रथम पाली की परीक्षा के हिंदी विषय के उत्तरों पर भी आपत्ति की गई है। दूसरी पाली के प्रश्नपत्र के सवालों के उत्तरों को मिलाकर करीब सौ उत्तरों को चुनौती दी गई है। परीक्षा कराए जाने के बाद परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव संजय कुमार उपाध्याय ने उत्तरमाला जारी कर अभ्यर्थियों से आपत्तियां मांगी थीं।

इसके लिए निर्धारित प्रति आपत्ति 500 रुपया शुल्क की दर से अभ्यर्थियों ने आनलाइन भुगतान किया है। प्रथम पाली की परीक्षा में सामान्य ज्ञान, सामान्य अध्ययन, अंग्रेजी, विज्ञान और गणित विषय के उत्तरों पर साक्ष्य के साथ आपत्ति दर्ज कराई गई है। सिर्फ प्रधानाचार्य पद के लिए हुई दूसरी पाली की परीक्षा के सवालों के उत्तरों पर भी आपत्ति है। अब इन आपत्तियों का परीक्षण विषय विशेषज्ञों से कराया जाएगा। अभ्यर्थी की आपत्ति सही पाए जाने पर उत्तरमाला संशोधित जारी की जाएगी। इसके लिए 10 नवंबर की तिथि तय की गई है। सही आपत्ति वाले अभ्यर्थियों का शुल्क आनलाइन वापस कर दिया जाएगा।


प्रयागराज। प्रदेश के सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूलों में 1504 सहायक अध्यापकों एवं 390 प्रधानाध्यापकों की भर्ती के लिए आयोजित परीक्षा के प्रश्नों पर 754 आपत्तियां मिली हैं।



सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी संजय कुमार उपाध्याय ने 22 अक्तूबर की शाम को उत्तरमाला जारी करते हुए अभ्यर्थियों से 26 अक्तूबर तक वेबसाइट के  माध्यम से आपत्ति मांगी गई थी।


प्रति आपत्ति दर्ज कराने के लिए प्रति प्रश्न 500 रुपये मांगे गए थे। विषय विशेषज्ञों की कमेटी गठित करते हुए 9 नवंबर तक आपत्तियों का निस्तारण कराया जाएगा। 11 नवंबर तक संशोधित उत्तरमाला वेबसाइट पर जारी होगी। उसके बाद 12 नवंबर को परिणाम घोषित होने की उम्मीद है। 17 अक्तूबर को आयोजित परीक्षा में कुल पंजीकृत 3,57,474 अभ्यर्थियों में से 2,87,365 (80.38 फीसदी) उपस्थित थे।

विभागीय योजनाओं की समीक्षा में बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री ने दिया जोर, शिक्षकों की जल्द हो पदोन्नति

विभागीय योजनाओं की समीक्षा में बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री ने दिया जोर,  शिक्षकों की जल्द हो पदोन्नति


लखनऊ : प्रदेश के बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. सतीश चन्द्र द्विवेदी ने विभागीय अधिकारियों को शिक्षकों की पदोन्नति शीघ्र करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही टीईटी परीक्षा के लिए कड़े सुरक्षा प्रबंधों समेत सभी जरूरी तैयारियां करने पर जोर दिया है।


डॉ. द्विवेदी बुधवार को बापू भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में विभागीय अधिकारियों के साथ विभागीय योजनाओं की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विभाग में संचालित योजनाओं का क्रियान्वयन सही ढंग से किया जाए। इसमें किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि नि:शुल्क वितरित की जाने वाली यूनिफॉर्म, जूता-मोजा, स्वेटर एवं स्कूल बैग के सापेक्ष धनराशि डीबीटी के माध्यम से छात्र-छात्राओं के माता-पिता या अभिभावक के खाते में भेजे जाने का कार्य उच्च प्राथमिकता का है।


 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों के उच्चीकरण के संबंध में उन्होंने भवन निर्माण कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया। टीईटी के संबंध में उन्होंने ध्यान रखने की हिदायत दी कि अभ्यर्थियों को केंद्र पर असुविधा न होने पाए।


स्मार्ट क्लास के संचालन की कार्रवाई जल्द पूरी हो

डॉ. सतीश चन्द्र द्विवेदी ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न विद्यालयों में स्मार्ट क्लास संचालित किए जाने के संबंध में आवश्यक कार्रवाई जल्द पूरी करने का निर्देश दिया। बैठक में प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा दीपक कुमार, सचिव बेसिक शिक्षा अनामिका सिंह, विशेष सचिव बेसिक शिक्षा आरवी सिंह, निदेशक बेसिक शिक्षा सर्वेन्द्र विक्रम बहादुर सिंह, सचिव बेसिक शिक्षा परिषद प्रताप सिंह बघेल व अपर निदेशक बेसिक शिक्षा ललिता प्रदीप सहित अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।

DBT की राह में रुकावट बने एडेड विद्यालय, परिषदीय बच्चों के अभिभावकों को मिलने हैं 1100 रुपये

DBT की राह में रुकावट बने एडेड विद्यालय, 


● परिषदीय बच्चों के अभिभावकों को मिलने हैं 1100 रुपये
● इससे दो सेट ड्रेस, स्वेटर, बैग जूता और मोजा खरीदना है


प्रयागराज  : कक्षा एक से आठ तक के छात्र-छात्राओं को मिलने वाले नि:शुल्क बैग आदि में अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालय रुकावट बने हैं। प्रदेश के 4166 स्कूलों ने अब तक एक भी बच्चे के अभिभावक के खाते का सत्यापन नहीं किया है। इनमें से 2191 से अधिक सहायता प्राप्त स्कूल हैं। इससे दो लाख बच्चे प्रभावित हो रहे हैं।


बेसिक शिक्षा निदेशक डॉ. सर्वेन्द्र विक्रम बहादुर सिंह ने 26 अक्तूबर को यह आंकड़े जारी करते हुए सभी मंडलीय सहायक बेसिक शिक्षा निदेशकों से सत्यापन का कार्य डीबीटी एप के माध्यम से तत्काल पूरा कराने का निर्देश दिया है। प्रदेश सरकार ने बच्चों को मिलने वाली दो सेट यूनिफॉर्म, स्वेटर, बैग, जूता और मोजा इस सत्र में अपनी ओर से देने की बजाय 1100 रुपये अभिभावकों के खाते में डीबीटी एप के माध्यम से भेजने का निर्णय लिया है, ताकि वे स्वयं खरीद सकें। हालांकि अभी यह तय नहीं है कि किस चीज के लिए क्या रेट तय किया गया है।


इसके लिए भारत सरकार के पब्लिक फाइनेंस मैनेजमेंट सिस्टम पोर्टल पर स्कूल की ओर से खाते और आधार नंबर की सूचनाएं अपलोड की जा रही हैं। सूचनाएं अपडेट होने के बाद अभिभावकों के खाते में सीधे रुपये भेजे जाएंगे। बीएसए प्रवीण कुमार तिवारी ने बताया कि शासन के निर्देश पर सुनिश्चित किया जा रहा है कि जिन खातों का सत्यापन हुआ है वे सक्रिय हैं।


1100 रुपये में कैसे खरीदेंगे दो सेट ड्रेस, स्वेटर, बैग, जूता-मोजा: अभिभावकों के खाते में रुपये जाने के बावजूद बच्चों के यूनिफॉर्म में स्कूल आने पर संशय है। सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि क्या अभिभावक 1100 रुपयों में गुणवत्तापूर्ण सामान बच्चों को दिला पाएंगे। स्कूलों से जब ये सामान मिलते थे या सरकार टेंडर करती थी तो काफी मात्रा होने के कारण सस्ते पड़ते थे। स्कूलों को प्रति जोड़ी यूनिफॉर्म के लिए 300 रुपये (दो सेट का 600 रुपये) और स्वेटर के लिए 200 मिलते थे। बैग और जूते की खरीद सरकार अपने स्तर से करती थी जो प्रति नग 100 और 135 रुपये के आसपास पड़ते थे। मोजे 21 रुपये में दो जोड़ी पड़ते थे। प्रति छात्र लगभग 1056 रुपये खर्च पड़ता था। अब सरकार ने प्रति छात्र के हिसाब से 1100 रुपये देने का निर्णय लिया है।


प्रयागराज के 91 स्कूल डिफॉल्टर

जिले के 91 स्कूल ऐसे हैं जिन्होंने एक भी छात्र की सूचना अपडेट नहीं की है। इनमें से 90 प्रतिशत से अधिक सहायता प्राप्त विद्यालय हैं। जवाहरलाल नेहरू इंटर कॉलेज भूपतपुर सहसों, मोतीलाल नेहरू इंटर कॉलेज बहादुरपुर, शिवाजी इंटर कॉलेज, बहादुरपुर आदि स्कूलों ने सूचनाएं अपडेट नहीं की है। अधिकांश परिषदीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्कूलों की सूचनाएं अपडेट हो चुकी हैं।


सात महीने बीते यूनिफॉर्म मिला न बैग

शैक्षणिक सत्र 2021-22 शुरू हुए सात महीने बीत चुके हैं, लेकिन अब तक बच्चों को नि:शुल्क यूनिफॉर्म, स्वेटर, स्कूल बैग एवं जूता-मोजा नहीं मिल सका है। पहले जून के अंत से ही बच्चों को ड्रेस बंटने लगती थी। इस बार नवंबर आने वाला है, लेकिन ड्रेस का कुछ पता नहीं। इसका नतीजा यह हो रहा है कि जो सक्षम बच्चे हैं वह तो अच्छे कपड़े बदलकर पहनते हैं। परंतु जो गरीब हैं वह एक ही कपड़े को रोज पहनकर आते हैं। इससे उनके अंदर कहीं न कहीं हीन भावना पैदा हो रही है या वह अपनी गरीबी को कोसते हैं। शिक्षकों की मानें तो बिना ड्रेस के बच्चे विद्यालय के लगते नहीं है।

Wednesday, October 27, 2021

UPTET 2021 : आवेदन के बाद जानने योग्य जानकारी, 17 नवम्बर से डाऊनलोड कर सकेंगे एडमिट कार्ड, 28 नवम्बर को परीक्षा

UPTET 2021 : आवेदन के बाद जानने योग्य जानकारी,  17 नवम्बर से डाऊनलोड कर सकेंगे एडमिट कार्ड, 28 नवम्बर को परीक्षा




UPTET 2021 प्राइमरी स्कूलों में शिक्षक की नियुक्ति के लिए यूपीटीईटी परीक्षा 28 नवंबर को सुबह 10 बजे से दोपहर 12.30 बजे तक जबकि उच्च प्राथमिक विद्यालयों के लिए दोपहर 2.30 बजे से शाम 5 बजे तक आयोजित की जाएगी।


UPTET 2021: यूपी टीईटी परीक्षा की तैयारी में जुटे उम्मीदवारों के लिए जरूरी खबर, करें चेकUPTET 2021: यूपी टीईटी परीक्षा की तैयारी में जुटे उम्मीदवारों के लिए जरूरी खबर है।


UPTET 2021: यूपी टीईटी परीक्षा की तैयारी में जुटे उम्मीदवारों के लिए जरूरी खबर है। परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया समाप्त होने के बाद अब आगे अभ्यर्थियों के लिए जल्द ही परीक्षा के लिए हॉल टिकट जारी किए जाएंगे। शेड्यूल के मुताबिक, जिन उम्मीदवारें ने उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा के लिए सफलतापूर्वक रजिस्ट्रेशन किया है, वे 17 नवंबर से हॉल टिकट डाउनलोड कर सकेंगे। हाॅल टिकट आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से डाउनलोड किए जाएंगे। वहीं यूपी टीईटी परीक्षा का आयोजन 28 नवंबर, 2021 को किया जाएगा।


यूपीटीईटी के लिए जारी हुई आधिकारिक सूचना के अनुसार,टीईटी परीक्षा आयोजित होने के बाद, एक आधिकारिक वेबसाइट पर प्रोविजनल आंसर-की जारी की जाएगी और उम्मीदवारों से इस पर आपत्ति मांगी जाएगी। अभ्यर्थियों को 6 से 28 दिसंबर तक मौका दिया जाएगा, इस दौरान वे आपत्ति उठा सकते हैं। इसके बाद इन आपत्तियों पर विचार करने के बाद फाइनल रिजल्ट 28 दिसंबर, 2021 को घोषित किया जाएगा।

दो शिफ्टों में होगी परीक्षा

प्राइमरी स्कूलों में शिक्षक की नियुक्ति के लिए यूपीटीईटी परीक्षा , 28 नवंबर को सुबह 10 बजे से दोपहर 12.30 बजे तक, जबकि उच्च प्राथमिक विद्यालयों के लिए दोपहर 2.30 बजे से शाम 5 बजे तक आयोजित की जाएगी।

गौरतलब है कि इससे पहले, 15 मार्च, 2021 को यूपीटीईटी 2021 एग्जाम शेड्यूल जारी किया गया था। इसके अनुसार, यूपीटीईटी 2021 की नोटिफिकेशन 11 मई को जारी होनी थी और आवेदन 18 मई से 1 जून 2021 तक शुरू होने की उम्मीद थी। एग्जाम शेड्यूल के मुताबिक, परीक्षा 25 जुलाई को आयोजित होनी थी। लेकिन, COVID-19 की दूसरी लहर के मद्देनजर, UPTET परीक्षा को स्थगित कर दिया था। इसके बाद से ही लाखों अभ्यर्थी नोटिफिकेशन का इंतजार कर रहे थे। कुछ समय पहले ही आधिकारिक शेड्यूल जारी किया गया है। बता दें कि इस परीक्षा के माध्यम से उत्तर प्रदेश में कक्षा 1 से 8 तक की कक्षाओं के लिए शिक्षकों की नियुक्ति की जाती है।

UP : Yogi Government Free Laptop Scheme: 68 लाख युवाओं को स्मार्टफोन और टेबलेट देगी योगी सरकार, जानिए कब से शुरू होगी प्रक्रिया

UP : Yogi Government Free Laptop Scheme: 68 लाख युवाओं को स्मार्टफोन और टेबलेट देगी योगी सरकार, जानिए कब से शुरू होगी प्रक्रिया

टेबलेट और स्मार्टफोन के लिए इसी सप्ताह टेंडर,  सप्लाई नवंबर महीने से शुरू होने की उम्मीद 

चयनित कंपनियों को पहले लॉट में देने होंगे 2.5 लाख टैबलेट और पांच लाख स्मार्टफोन


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की युवाओं को तकनीकी रूप से अपग्रेड करने की मुहिम पर अमल शुरू हो गया है। युवाओं को टैबलेट और स्मार्टफोन देने के लिए खरीद की प्रक्रिया तेज हो गई है। औद्योगिक विकास विभाग की ओर से टैबलेट और स्मार्टफोन की खरीद के लिए एक-दो दिन में टेंडर जारी कर दिए जाएंगे।

सीएम योगी ने प्रदेश में एक करोड़ युवाओं को टैबलेट या स्मार्टफोन देने की घोषणा की है। इसके लिए चालू वित्त वर्ष में तीन हजार करोड़ रुपये भी मंजूर किए गए हैं। औद्योगिक विकास विभाग के सूत्रों के अनुसार, अगले माह के अंत तक चयनित कंपनियों को परचेज ऑर्डर दिया जाएगा। इसके बाद जिलास्तर पर लाभार्थियों को वितरण शुरू होगा।


जेम पोर्टल पर टेंडर जारी होने के 21 दिन बाद खुलेगा। जेम पोर्टल पर यह अब तक का सबसे बड़ा टेंडर होगा। चयनित कंपनियों को पहले लॉट में कम से कम ढाई लाख टैबलेट की आपूर्ति करनी होगी। वहीं, पहले लॉट में कम से कम पांच लाख स्मार्टफोन की आपूर्ति करनी होगी। टैबलेट या स्मार्टफोन की कीमत का निर्धारण टेंडर के बाद होगा। इसके लिए विभाग की ओर से नियम और शर्तें टेंडर में दी जाएंगी। उसी के आधार पर टैबलेट या स्मार्टफोन की कीमत तय होगी।


चुनाव और अचार संहिता के मद्देनजर ये माना जा रहा है कि स्मार्टफोन या टैबलेट की सप्लाई नवंबर महीने से शुरू भी हो जाएगी.


Yogi Government Free Laptop Scheme: चुनावी बेला से पहले योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार की एक घोषणा युवाओं की जुबान पर चढ़कर बोल रही है. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सरकार युवाओं के लिए दिसंबर में सौगात लेकर आ रही है. सूबे में योगी सरकार 68 लाख विद्यार्थियों को इस साल के आखिरी महीने में स्मार्टफोन और टेबलेट देने जा रही है. इसके लिए बाकायदा पात्र विद्यार्थियों का डाटा फीड करने के लिए जल्द ही एक पोर्टल लांच किया जाने की तैयारी भी है. सरकार के सूत्रों की मानें तो टेबलेट और स्मार्टफोन की बड़ी खरीद जेम पोर्टल के जरिए ही की जाएगी. चुनाव और अचार संहिता के मद्देनजर ये माना जा रहा है कि स्मार्टफोन या टैबलेट की सप्लाई नवंबर महीने से शुरू भी हो जाएगी.


सरकार के प्रवक्ता की मानें तो योजना के लिए पात्र विद्यार्थियों का डाटा फीड करने की जिम्मेदारी भी तय कर दी गई है. बताया गया है कि संबंधित यूनिवर्सिटी, महाविद्यालय और शिक्षण संस्थानों को पूरी सावधानी बरतते हुए डेटा फीड करना होगा. डाटा फीडिंग के बाद ही योजना के दायरे में आने वाले छात्र छात्राओं  को स्मार्टफोन और टैबलेट मिलने की जानकारी मोबाइल पर दी जाएगी. 

बेसिक शिक्षा विभाग से संबंधित शिक्षक व कार्मिक संगठनों की मांगों व समस्याओं के समाधान हेतु गठित समिति की बैठक आहूत किये जाने हेतु तिथि व समय निर्धारण के संबंध में।

मिड डे मील पर महंगाई की मार, डेढ़ साल में महंगाई भागी पर कन्वर्जन कास्ट जस की तस

मिड डे मील पर महंगाई की मार, डेढ़ साल में महंगाई भागी पर कन्वर्जन कास्ट जस की तस



सब्जी, तेल व रसोई गैस की कीमतों में तेजी से इजाफा हुआ है। इसका असर अब परिषदीय व सहायता प्राप्त जूनियर स्कूलों में बन रहे एमडीएम पर भी पड़ता दिख रहा है।


प्रति बच्चा कन्वर्जन कास्ट की पुरानी लागत से एमडीएम बनवा रहे गुरुजी भी लगभग दोगुनी कीमतों पर खाना बनवाने पर मजबूर है। 


कोरोना के कारण लंबे समय बंद रहे परिषदीय व सहायता प्राप्त स्कूल खुलते ही बच्चों के लिए एमडीएम भी बनना शुरू हो गया है। इसी के साथ खाद्य पदार्थों में बढ़ती महंगाई का भी संकट आ गया। स्कूलों में खाना बनाने के लिए शासन से केवल रसोइयों को मानदेय पर रखा गया है इसके अलावा तेल, गैस, सब्जी, सोयाबीन, दाल व मसालों आदि का प्रबंध प्रधानाध्यापक या जिम्मेदार शिक्षक को करना होता है।


जिसके लिए प्रति बच्चा प्राइमरी स्तर पर 4.97 पैसे व जूनियर स्तर पर 7:45 पैसे शासन से भेजे जाते हैं। इसी पैसे से प्रत्येक बुधवार को दूध भी लेना पड़ता है। यह मानदेय पर रख गया है। इसके कन्वर्जन कास्ट एक अप्रैल 2020 से चली आ रही है।


उस समय से अब तक रसोई गैस व तेल के दाम तो लगभग दोगुने स्तर पर पहुंच गए, वहीं सब्जियों में टमाटर, बैंगन व गोभी सहित सोयाबीन व दालों आदि के दाम भी चरम पर हैं। इसके अलावा एक तरफ अब तक शासन से विगत महीनों को कन्वर्जन राशि न भेजे जाने के चलते शिक्षक अपने दूसरी ओर महंगाई की वजह से वेतन से खाना बनवा रहे हैं तो खर्चा भी काफी बढ़ गया है।

निजी स्कूलों की हठधर्मिता से सात हजार से अधिक बच्चों की पढ़ाई बाधित, फटकार और नोटिस भी बेअसर

निजी स्कूलों की हठधर्मिता से सात हजार से अधिक बच्चों की पढ़ाई बाधित, फटकार और नोटिस भी बेअसर


लखनऊ : निशुल्क शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत निजी स्कूल गरीब बच्चों का प्रवेश नहीं ले रहे हैं। बीएसए से लेकर शासन तक की फटकार और नोटिस का असर भी स्कूल संचालकों पर नहीं हो रहा है। निजी स्कूलों की हठधर्मिता के कारण सात हजार से अधिक बच्चों की पढ़ाई शुरू नहीं हो पा रही है।



नए सत्र 2021-22 के लिए आरटीई के तहत 12770 गरीब बच्चों का चयन तीन चरणों में प्राइवेट स्कूलों में प्रवेश के लिए किया गया था। लगभग आधा सत्र गुजर जाने के बाद भी अभी तक सिर्फ 5132 बच्चों का ही निजी स्कूलों में प्रवेश हुआ है। इन बच्चों के अभिभावक कभी स्कूल तो कभी बेसिक शिक्षा कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं।


निजी स्कूल प्रवेश लेने के लिए सीधा मना कर रहे हैं। कुछ विद्यालय तो ऐसे हैं जिनकी कई शाखाएं हैं। इन स्कूलों को दो-दो सौ बच्चे प्रवेश के लिए आवंटित किए हैं लेकिन एक भी बच्चे का प्रवेश नहीं लिया गया है। बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से प्रवेश नहीं लेने पर इन स्कूलों को एक के बाद एक कई नोटिस जारी किए गए लेकिन संचालक टस से मस नहीं हुए।


निजी स्कूलों की ओर से प्रवेश न लेने के पीछ बार-बार कारण बताया जाता है कि बीते तीन वर्षों से सरकार की ओर से अभी तक फीस प्रतिपूर्ति शुल्क नहीं दिया गया है। स्कूल प्रशासन का कहना है कि आखिर कब तक बिना फीस के बच्चों को पढ़ाएं।


अब कार्रवाई की बात कर रहा है प्रशासन

जिला विद्यालय निरीक्षक विजय प्रताप सिंह ने कहा कि प्रवेश नहीं लिए जाने की शिकायत पर विद्यालयों को नोटिस भेजे जा रहे हैं। अगर नहीं मानते तो कार्यवाही की जाएगी। कई स्कूलों में स्वयं बात कर चयनित बच्चों के प्रवेश कराए हैं लेकिन कुछ स्कूल बिल्कुल भी सुनने को तैयार नहीं हो रहे हैं। ऐसे 65 स्कूलों को चिन्हित कर इनकी बैठक जिलाधिकारी के साथ करायी गई। जिसमें सभी ने प्रवेश का आश्वासन दिया था लेकिन कुछ को छोड़कर किसी ने प्रवेश नहीं लिया।


आवंटन 200 बच्चों का प्रवेश सिर्फ दो को

सीएसएस स्कूलों की शाखाओं में 200 बच्चों का आवंटन हुआ लेकिन प्रवेश सिर्फ दो लोगों का ही लिया है। एलपीएस को 179 चयनित बच्चे आवंटित हुए हैं लेकिन यहां भी प्रवेश की संख्या नगण्य है। आईडी रस्तोगी स्कूल को दस, ब्राइट वे स्कूल को 10 बच्चे आंवटित हैं लेकिन प्रवेश शून्य है।

UPTET 2021: यूपीटीईटी में NIOS डीएलएड प्रशिक्षितों को मौका मिलने से आवेदकों की संख्या पहुंची 20 लाख के पार

UPTET 2021: यूपीटीईटी में NIOS डीएलएड प्रशिक्षितों को मौका मिलने से आवेदकों की संख्या पहुंची 20 लाख के पार


उत्तर प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए अनिवार्य की गई शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपी टीईटी) में सम्मिलित होने के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों की संख्या 20 लाख के पार पहुंच गई है। पिछले साल कोविड संक्रमण के कारण परीक्षा न होने से इस बार आवेदकों की संख्या बढ़ी है। इसमें हाई कोर्ट के आदेश पर सम्मिलित किए गए राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआइओएस) से डीएलएड करने वाले प्रशिक्षित भी शामिल हैं। अब तक हुए कुल आवेदन में आठ लाख अभ्यर्थी ऐसे हैं, जिन्होंने जूनियर और उच्च प्राथमिक दोनों के लिए आवेदन किया है।


कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण वर्ष 2020 में उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा नहीं कराई गई थी। ऐसे में 2021 की शिक्षक पात्रता परीक्षा के लिए आवेदन करने वालों की संख्या बढ़ी है। इसमें आवेदन करने की अंतिम तारीख पूर्व में 25 अक्टूबर निर्धारित थी। अंतिम तारीख से पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उन अभ्यर्थियों को भी इस पात्रता परीक्षा में आवेदन करने की अनुमति दे दी, जिन्होंने एनआइओएस से दूरस्थ शिक्षा विधि के माध्यम से डीएलएड किया था। इन प्रशिक्षितों की संख्या करीब डेढ़ लाख है।


एनआइओएस से डीएलएड प्रशिक्षित के आवेदन लेने के लिए कम समय होने के कारण परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव ने शासन से अनुमति लेकर अंतिम तारीख एक दिन बढ़ाकर 26 अक्टूबर कर दी। आधी रात तक आनलाइन आवेदन लेने का समय होने के कारण संख्या में अभी और बढ़ोतरी होगी।


सचिव संजय कुमार उपाध्याय ने बताया कि अब तक हुए 20 लाख से ज्यादा आवेदनों में करीब चार लाख ऐसे आवेदक हैं, जिन्होंने जूनियर और उच्च में से किसी एक में ही आवेदन किया है। शुल्क जमा करने और प्रिंटआउट लेने के लिए भी एक दिन तारीख बढ़ाने से अब 28 अक्टूबर की रात में अंतिम रूप से अभ्यर्थियों की कुल संख्या स्पष्ट हो सकेगी। इसकी परीक्षा 28 नवंबर को दो पालियों में कराई जाएगी।

Tuesday, October 26, 2021

माध्यमिक शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को नियमित वेतन भुगतान दीपावली से पहले कराने के निर्देश जारी

माध्यमिक शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को नियमित वेतन भुगतान दीपावली से पहले कराने के निर्देश जारी। 




डीएलएड की 1.32 लाख सीटें रह गईं खाली, कभी नौकरी की हुआ करती थी गारंटी

शिक्षक भर्ती कोर्स भी हाशिए पर, नौकरी न मिलती देख युवा शिक्षक भर्ती के पाठ्यक्रमों से बना रहे दूरी

डीएलएड की 1.32 लाख सीटें रह गईं खाली, कभी नौकरी की हुआ करती थी गारंटी


नौकरी न मिलती देख युवा शिक्षक भर्ती के पाठ्यक्रमों से दूरी बना रहे हैं। प्रशिक्षण सत्र 2021-22 में प्रवेश के लिए एनटीटी (डीपीएसई-डिप्लोमा इन प्री स्कूल एजुकेशन) और डीपीएड (डिप्लोमा इन फिजिकल एजुकेशन) में सीटों से भी कम आवेदन मिले हैं। सीटी नर्सरी में भी उम्मीद से कम आवेदन आए हैं। 


ये स्थिति तब है जबकि परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय ने आवेदन की अंतिम तिथि एक महीने बढ़ाकर 13 अक्तूबर कर दी थी।एनटीटी के 20 संस्थानों की 1550 सीटों के लिए मात्र 290 अभ्यर्थियों ने फॉर्म भरा है, जबकि डीपीएड के चार संस्थानों की 130 सीटों के सापेक्ष 114 आवेदन मिले हैं। सीटी नर्सरी के दो संस्थानों राजकीय शिशु प्रशिक्षण महिला महाविद्यालय प्रयागराज और आगरा की क्रमश: 34 व 27 कुल 61 सीटों पर 172 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। सरकार ने दो साल पहले आंगनबाड़ी में प्री प्राइमरी कक्षाएं चलाने का निर्णय लिया था।


इसके बाद आधा दर्जन से अधिक निजी संस्थानों ने एनटीटी की मान्यता भी ले ली। सीटी नर्सरी प्रशिक्षण भी प्री प्राइमरी कक्षाओं के लिए कराया जाता है, लेकिन भर्ती की कोई उम्मीद न देख युवाओं ने इन दोनों कोर्स में रुचि नहीं ली। डीपीएड करने वाले भी कई साल से बेरोजगार घूम रहे हैं।


बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से 17 अक्तूबर 2016 को उच्च प्राथमिक स्कूलों में 32022 अंशकालिक अनुदेशकों की भर्ती जारी विज्ञापन में डीपीएड को मान्य किया गया था। लेकिन 2017 में सरकार बदलने के बाद भर्ती रोक दी गई। भर्ती शुरू कराने के लिए बेरोजगारों ने मुकदमेबाजी की लेकिन आज तक भर्ती पूरी नहीं हो सकी है और मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।


डीएलएड की 1.32 लाख सीटें रह गईं खाली, कभी नौकरी की हुआ करती थी गारंटी

कभी नौकरी की गारंटी माने जाने वाले बीटीसी या डिप्लोमा इन एलिमेंटरी एजुकेशन (डीएलएड) 2021 सत्र में आधे से अधिक सीटें खाली रह गईं। कुल 228900 सीटों के सापेक्ष 96134 सीटों पर ही अभ्यर्थियों ने प्रवेश लिया है। शेष आधे से अधिक 132766 सीटें खाली हैं।

एनआईओएस डीएलएड को यूपी-टीईटी में शामिल करने का विरोध

एनआईओएस डीएलएड को यूपी-टीईटी में शामिल करने का विरोध

प्रयागराज : एनआईओएस से डीएलएड करने वाले प्रशिक्षुओं को यूपी-टीईटी में शामिल करने के विरोध में दो वर्षीय डीएलएड अभ्यर्थियों ने सोमवार को परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। सचिव को ज्ञापन सौंपकर नई शिक्षक भर्ती परीक्षा का प्रस्ताव भेजने का भी अनुरोध किया।


दो वर्षीय पूर्णकालिक डीएलएड करने वाले अभ्यर्थियों का कहना है कि यह प्रशिक्षण परीक्षा नियामक प्राधिकारी की ओर से कराया जाता है। डीएलएड का पूर्णकालिक प्रशिक्षण करके करीब 5 लाख प्रशिक्षित बेरोजगार है। तीन साल से बेसिक में कोई भर्ती नहीं आई। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद के संशोधन के बाद वैसे ही प्राथमिक स्कूलों की शिक्षक भर्ती में शामिल कर लिया गया है। एनआईओएस डीएलएड को भी यूपी-टीईटी में मौका मिल गया। इसके खिलाफ पूर्णकालिक कोर्स करने वालों ने हाईकोर्ट जाने का निर्णय लिया है।


शिक्षकों के 3.3 लाख पद खाली होने से खुली पोल

प्रयागराज : प्रदेश में 5 लाख से ज्यादा रिक्त पदों को तत्काल विज्ञापित करने, लंबित भर्तियों को चुनाव आचार संहिता लागू होने के पहले पूरा करने जैसे मुद्दों पर पत्थर गिरजाघर पर युवा मंच का रोजगार आंदोलन सोमवार को 55वें दिन जारी रहा। युवा मंच संयोजक राजेश सचान व अध्यक्ष अनिल सिंह ने कहा कि यूपी के स्कूलों में शिक्षकों के 3.30 लाख पद खाली होने की यूनेस्को की रिपोर्ट ने योगी सरकार के दावों की पोल खोल दी है

शिक्षण संस्थानों में बनेंगे मतदाता साक्षरता क्लब

शिक्षण संस्थानों में बनेंगे मतदाता साक्षरता क्लब

राज्य मुख्यालय : प्रदेश में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में युवाओं की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चत करने के लिए हर शिक्षण संस्थान में मतदाता साक्षरता क्लब बनाए जाएंगे। यह क्लब आगामी पहली जनवरी 2022 को 18 साल की उम्र पूरी करने वाले या फिर 18 साल की उम्र पूरी करने के बावजूद अभी तक वोटर नहीं बने युवाओं को आगामी पहली नवम्बर से शुरू हो रही वोटर लिस्ट के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण के दौरान वोटर बनाएंगे।

वोटर लिस्ट के संक्षिप्त पुनरीक्षण के दौरान यह युवा मुख्य निर्वाचन अधिकारी की वेबसाइट पर आनलाइन फार्म कर वोटर लिस्ट में अपना नाम शामिल करने के लिए पंजीकरण करवा सकते हैं या फिर इस दौरान घर-घर जाकर सर्वे करने वाले बूथ लेबल आफिसर (बीएलओ) से पंजीकरण फार्म लेकर आफलाइन फार्म कर सकते हैं। सोमवार को केन्द्रीय चुनाव आयोग ने अगले साल की शुरुआत में उ.प्र. सहित जिन पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं उन राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों से इस बारे में विचार विमर्श किया।

राज्य शैक्षिक सेवा समूह- ख के उच्चतर पदों पर समूह -ग के खंड शिक्षाधिकारियों की पदोन्नति शिक्षक संघों को मंजूर नहीं

राज्य शैक्षिक सेवा समूह- ख के उच्चतर पदों पर समूह -ग के खंड शिक्षाधिकारियों की पदोन्नति शिक्षक संघों को मंजूर नहीं


प्रयागराज : उत्तर प्रदेश शैक्षिक (सामान्य शिक्षा संवर्ग) सेवा समूह-ख के उच्चतर पदों पर निर्धारित पदोन्नति कोटा में संशोधन मुद्दे पर सुलह की राह दिख नहीं रही है। शासन के निर्देश पर पिछले दिनों शिक्षक संघों से सामंजस्य बैठाने में अधिकारी विफल रहे। बेसिक शिक्षा के समूह-ग के खंड शिक्षाधिकारियों की उच्चतर पदों पर पदोन्नति राजकीय शिक्षक संघों व महिला शाखा संघ को मंजूर नहीं है। 


पिछले दिनों एक महत्वपूर्ण बैठक में राजकीय शिक्षक संघ पांडेय गुट की प्रांतीय अध्यक्ष छाया शुक्ला और महामंत्री रामेश्वर प्रसाद पाण्डेय ने पदोन्नति कोटा संशोधन के प्रयास का विरोध किया। कहा कि राजकीय में शिक्षण, प्रशिक्षण और निरीक्षण के अलग-अलग संवर्ग है तो पदोन्नति भी अपने-अपने संवर्ग में ही होनी चाहिए। 


वर्तमान में खंड शिक्षाधिकारी का पद नाम समूह-ख उच्चतर शैक्षिक सेवा नियमावली में सम्मिलित ही नहीं है तो वह कोटा की मांग ही नहीं कर सकते। खंड शिक्षाधिकारी के पास शिक्षण का अनुभव नहीं है, जबकि समूह-ख उच्चतर के पदों पर सीधी भर्ती व पदोन्नति दोनों के लिए तीन वर्ष का शिक्षण अनुभव अनिवार्य है। अगर शासन ने जबरन प्रयास किया तो मामला कोर्ट में ले जाएंगे। महिला शाखा इकाई की पदाधिकारियों ने भी राजकीय शिक्षक संघ का समर्थन किया।


 खंड शिक्षाधिकारी संघ समूह-ग से समूह-ख उच्चतर के पदों पर कोटा संशोधन कराकर पदोन्नति के दरवाजे खोलना चाहता है। राजकीय शिक्षक संघ भड़ाना गुट के अध्यक्ष सुनील कुमार भड़ाना और महामंत्री डा. रविभूषण के मुताबिक समूह ‘खÓ के पद वर्तमान में 50 प्रतिशत सीधी भर्ती तथा 50 प्रतिशत राजपत्रित शिक्षण पुरुष/महिला शाखा और निरीक्षण शाखा से निर्धारित अनुपात में पदोन्नति कर लोक सेवा आयोग करता है।


 समूह ‘खÓ के उच्चतर के पदों के लिए तीन साल का शिक्षण अनुभव आवश्यक है, जो कि खंड शिक्षाधिकारियों के पास नहीं है। ऐसे में यह पदोन्नति संशोधन कोटा मंजूर नहीं है।

शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों ने खून से सीएम योगी आदित्यनाथ को लिखा पत्र, जानिए पूरा मामला

शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों ने खून से सीएम योगी आदित्यनाथ को लिखा पत्र, जानिए पूरा मामला

69000 शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने खून से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है। उनकी मांग है कि भर्ती परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों को 68500 रिक्त पदों पर नियुक्ति दी जाए। राष्ट्रपति व राज्यपाल को पत्र लिखकर इच्छा मृत्यु का आदेश देने की मांग की है।


शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों ने खून से सीएम योगी आदित्यनाथ को लिखा पत्र, जानिए पूरा मामला।
शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने खून से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है।

लखनऊ :  उत्तर प्रदेश सरकार ने भले ही बेसिक शिक्षा विभाग के प्रकरणों का निस्तारण करने के लिए उच्च स्तरीय कमेटी बना दी हो लेकिन, अभ्यर्थी आंदोलन खत्म करने को तैयार नहीं है। सोमवार को 69000 शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने खून से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है। उनकी मांग है कि भर्ती परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों को 68500 रिक्त पदों पर नियुक्ति दी जाए। राष्ट्रपति व राज्यपाल को पत्र लिखकर इच्छा मृत्यु का आदेश देने की मांग की है।

असल में, बेसिक शिक्षा निदेशालय पर चार महीने से अभ्यर्थी प्रदर्शन कर रहे हैं। अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखा पत्र लिखा है कि अभ्यर्थी चार माह से भूख-प्यास सहते हुए धरना दे रहे हैं। हमारी भूल को क्षमा करें और एक लाख 37 हजार 500 के समस्त रिक्त पदों पर हम योग्य अभ्यर्थियों को नियुक्ति दिलाएं। पत्र में अभ्यर्थियों ने कहा कि शिक्षकों के पद खाली दावेदार उपलब्ध तो आनाकानी क्यों की जा रही है।

पत्र मुख्यमंत्री को फैक्स और ईमेल के माध्यम से भेजा गया है। अभ्यर्थियों ने यह भी लिखा है कि अभी तक हमें सिर्फ लाठियां और साथियों को जेल मिली है। हमारी योग्यता शिक्षक बनने की है जेल में डालने की नहीं। 68500 शिक्षक भर्ती की रिक्त 22000 सीट 69000 भर्ती में जोड़ा जाएं।

अभ्यर्थियों ने राष्ट्रपति और राज्यपाल को पत्र लिखकर इच्छा मृत्यु की मांग की है। 39 अभ्यर्थियों ने राष्ट्रपति को व 45 अभ्यर्थियों ने राज्यपाल को पत्र लिखकर इच्छा मृत्यु मांगी है। पत्र में भर्ती में न्याय देने अन्यथा इच्छा मृत्यु देने की गुहार लगाई है। मांगे न माने जाने व पुलिस की ओर से लाठीचार्ज करने से 61 अभ्यर्थियों को जेल भेजे जाने से अभ्यर्थी नाराज हैं।

लखनऊ विश्वविद्यालय : बीएड दाखिले-फीस जमा नहीं कर रहे अभ्यर्थी, तीसरी बार बढ़ी तारीख

लखनऊ विश्वविद्यालय : बीएड दाखिले-फीस जमा नहीं कर रहे अभ्यर्थी, तीसरी बार बढ़ी तारीख

उत्तर प्रदेश के बीएड कॉलेजों के लिए खबर अच्छी नहीं है। यहां बीएड में दाखिला लेने में अभ्यर्थी रुचि नहीं दिखा रहे हैं, यही कारण है कि लखनऊ विश्वविद्यालय को फीस जमा करने के लिए बार-बार तारीखें बढ़ानी पड़ रही हैं। मुख्य काउंसलिंग के चार चरणों में आवंटित हुई सीटों पर दाखिले के लिए अभ्यर्थी आ ही नहीं रहे हैं।


लखनऊ विश्वविद्यालय ने सोमवार को लगातार तीसरी बार फीस जमा करने की तारीख बढ़ाई है। अब अंतिम तिथि 30 अक्तूबर हो गई है। बता दें कि 12 अक्तूबर को चौथे चरण के सीट आवंटन का परिणाम घोषित हुआ था। मुख्य काउंसलिंग के चार चरणों में बीएड की 251125 सीटें के सापेक्ष 164188 अभ्यर्थियों ने पंजीकरण कराया था। इनमें से 131841 को सीट आवंटित की गई थी। चौथे और इससे पहले के तीन चरणों के अभ्यर्थियों को पहले 14 अक्कूबर तक फीस जमा करनी थी। बाद में इसे बढ़ाकर 22 अक्तूबर किया गया और अब यह 30 अक्तूबर हो गई है।

पूल काउंसलिंग में पंजीकरण, च्वाइस फिलिंग का आज आखिरी दिन
बीएड प्रवेश समन्वयक प्रो. अमिता बाजपेई ने बताया कि पूल काउंसलिंग में पंजीकरण और च्वाइस फिलिंग के लिए 26 अक्तूबर यानी मंगलवार तक आखिरी मौका है। पूल काउंसलिंग के पंजीकरण मंगलवार को शाम 6 बजे तक और च्वाइस फिलिंग रात 12 बजे तक होगी। बुधवार को पूल काउंसलिंग के परिणाम जारी किए जाएंगे। वहीं पहले से तय शेड्यूल के अनुसार एक नवम्बर से दाखिला ले चुके अभ्यर्थियों को आवंटित कॉलेजों में रिपोर्टिंग करनी है।

दाखिलों में अभ्यर्थियों के कम आने का एक बड़ा कारण सेल्फ फाइनेंस कॉलेजों की मनमानी फीस है। पूल काउंसलिंग के लिए भी अभ्यर्थियों को पंजीकरण के समय ही 52 हजार रुपए जमा करने हैं। यह अभ्यर्थियों के कम आने की वजह है। दूसरी ओर अब भी प्रदेश के कई विश्वविद्यालय हैं जहां यूजी अंतिम वर्ष के नतीजे नहीं घोषित हुए हैं जिसके कारण अभ्यर्थी अपनी स्नातक की मार्कशीट जमा नहीं कर पा रहे हैं। इस वजह से भी दाखिले प्रभावित हो रहे हैं।

ग्राउंड रिपोर्ट : नौकरी नहीं तो शिक्षक भर्ती कोर्स भी हाशिए पर, नौकरी न मिलती देख युवा शिक्षक भर्ती के पाठ्यक्रमों से बना रहे दूरी

ग्राउंड रिपोर्ट : नौकरी नहीं तो शिक्षक भर्ती कोर्स भी हाशिए पर, नौकरी न मिलती देख युवा शिक्षक भर्ती के पाठ्यक्रमों से बना रहे दूरी

नौकरी न मिलती देख युवा शिक्षक भर्ती के पाठ्यक्रमों से दूरी बना रहे हैं। प्रशिक्षण सत्र 2021-22 में प्रवेश के लिए एनटीटी (डीपीएसई-डिप्लोमा इन प्री स्कूल एजुकेशन) और डीपीएड (डिप्लोमा इन फिजिकल एजुकेशन) में सीटों से भी कम आवेदन मिले हैं। सीटी नर्सरी में भी उम्मीद से कम आवेदन आए हैं। ये स्थिति तब है जबकि परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय ने आवेदन की अंतिम तिथि एक महीने बढ़ाकर 13 अक्तूबर कर दी थी।

एनटीटी के 20 संस्थानों की 1550 सीटों के लिए मात्र 290 अभ्यर्थियों ने फॉर्म भरा है, जबकि डीपीएड के चार संस्थानों की 130 सीटों के सापेक्ष 114 आवेदन मिले हैं। सीटी नर्सरी के दो संस्थानों राजकीय शिशु प्रशिक्षण महिला महाविद्यालय प्रयागराज और आगरा की क्रमश: 34 व 27 कुल 61 सीटों पर 172 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। सरकार ने दो साल पहले आंगनबाड़ी में प्री प्राइमरी कक्षाएं चलाने का निर्णय लिया था।

इसके बाद आधा दर्जन से अधिक निजी संस्थानों ने एनटीटी की मान्यता भी ले ली। सीटी नर्सरी प्रशिक्षण भी प्री प्राइमरी कक्षाओं के लिए कराया जाता है, लेकिन भर्ती की कोई उम्मीद न देख युवाओं ने इन दोनों कोर्स में रुचि नहीं ली। डीपीएड करने वाले भी कई साल से बेरोजगार घूम रहे हैं।

बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से 17 अक्तूबर 2016 को उच्च प्राथमिक स्कूलों में 32022 अंशकालिक अनुदेशकों की भर्ती जारी विज्ञापन में डीपीएड को मान्य किया गया था। लेकिन 2017 में सरकार बदलने के बाद भर्ती रोक दी गई। भर्ती शुरू कराने के लिए बेरोजगारों ने मुकदमेबाजी की लेकिन आज तक भर्ती पूरी नहीं हो सकी है और मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।

डीएलएड की 1.32 लाख सीटें रह गईं खाली
कभी नौकरी की गारंटी माने जाने वाले बीटीसी या डिप्लोमा इन एलिमेंटरी एजुकेशन (डीएलएड) 2021 सत्र में आधे से अधिक सीटें खाली रह गईं। कुल 228900 सीटों के सापेक्ष 96134 सीटों पर ही अभ्यर्थियों ने प्रवेश लिया है। शेष आधे से अधिक 132766 सीटें खाली हैं।

UP Scholarship 2021 : छात्रवृत्ति व फीस भरपाई के आवेदन में संदिग्ध सूचना सुधारने को फोन पर आएगा SMS

UP Scholarship 2021 : छात्रवृत्ति व फीस भरपाई के आवेदन में संदिग्ध सूचना सुधारने को फोन पर आएगा SMS

UP Scholarship 2021: प्रदेश के कक्षा 11-12, स्नातक, स्नातकोत्तर के अलावा मेडिकल, इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट और ऐसे ही अन्य पाठ्यक्रमों में पढ़ने वाले अनुसूचित जाति-जनजाति, सामान्य, ओबीसी व अल्पसंख्यक छात्र-छात्राओं के लिए ऑनलाइन आवेदन करने की समय सीमा सोमवार को खत्म हो गई।


अब इन छात्र-छात्राओं को अगले तीन कार्य दिवसों में ऑनलाइन भरे गये आवेदन का प्रिण्ट आउट निकालकर उसके साथ आवश्यक सभी संलग्नक लगाकर उसे अपने शिक्षण संस्थान में जमा करेगा।

शिक्षण संस्थान उसे पूरे दस्तावेज से ऑनलाइन आवेदन का मिलान करेगा। अगर ऑनलाइन आवेदन और प्रिण्ट आउट के साथ लगे संलग्नकों में अंकित सूचना में कोई तथ्य संदिग्ध पाया जाएगा तो इस बारे में सम्बंधित आवेदक छात्र-छात्रा को आवेदन पत्र में अंकित उसके मोबाइल फोन पर मैसेज भेजा जाएगा कि वह अपने आवेदन की उपरोक्त खामी को सुधारें या संदिग्ध तथ्य के बारे में समुचित साक्ष्य प्रस्तुत करें।

छात्रवृत्ति व फीस भरपाई के मामले में वरीयता क्रम में सबसे पहले सरकारी शिक्षण संस्थानों के आवेदक छात्र-छात्राओं के आवेदन पर विचार किया जाएगा। बदले नियमों के तहत सरकारी संस्थाओं में सेल्फ फाइनेंस स्कीम के तहत प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को प्राइवेट की भांति तीसरे क्रम में रखा जाएगा। पहले सरकारी, इसके बाद अर्ध सरकारी और फिर प्राइवेट संस्थाओं के विद्यार्थियों को शुल्क प्रतिपूर्ति दी जाती थी। ऐसे में अब आर्थिक रूप से सुदृढ़ विद्यार्थियों को शुल्क प्रतिपूर्ति नहीं मिल सकेगी। मैनेजमेंट कोटे के तहत प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को भी फीस नहीं मिलेगी।